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सेक्स पार्टी में खूब चुदवाती रही हूँ - Sex partiyon me chut chudai aur gand marwai
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- अरे जा जा क्या बात करता है तू भोसड़ी का अब्बू ? मैं सब जानती हूँ। न तेरी गांड में दम है और न तेरे लांड में दम है। तेरे दोस्त भी सब बहन चोद ऐसे ही है ? सब साले अपना अपना लण्ड हिलाते हुए घूमा करते है । हालत तो यह हो गयी है की न तू कोई बुर ठीक से चोद पाता है और न ही भोसड़ा ? तेरे दोस्तों के लण्ड में भी कोई ताकत नहीं रह गयी है। उस दिन खाला के भोसड़ा में डालते ही तेरे दोनों दोस्तों के लण्ड बहन चोद झड़ गये ? सच तो यह है की तूने शराब पी पी के अपने आप को बर्बाद कर लिया है और अपने दोस्तों को भी बर्बाद किया है। वरना लोग कहते है की एक समय तेरे लण्ड का डंका बजता था ? इतना मोटा और लम्बा लण्ड मोहल्ले में किसी और का नहीं था। पूरे मोहल्ले की सारी लड़कियां सारी औरतें तुमसे चुदवाने के लिए लाईन लगाया करती थी। नाते रिश्ते दारों में भी तेरे लण्ड की खूब चर्चा होती थी। बड़ी वाह वाही होती थी तेरे लण्ड की अब्बू, सब की सब बुर चोदी बीवियां तुमसे चुदवाने आया करती थी। याद करो कितना मज़ा आता था जब तुम अपने दोस्तों के साथ बीवियों की अदला बदली करते थे ? जब खुले आम एक दूसरे की बीवियां चोदा करते थे। मैं भी बहुत रोमांचित हो उठती थी। घर में ही अक्सर इस तरह की सेक्स पार्टियां होती थी ? हमारे साथ की लड़कियां तो बहन चोद तेरे लण्ड की दीवानी रहती थी। मैं भी तेरे लण्ड से खूब प्यार करती थी। मैंने सोंचा की जब घर में ही इतना लंबा चौड़ा और सेक्सी लौड़ा है तो बाहर क्या तलास करना ? मेरी सभी सहेलियां तुमसे चुदवाने आती थी। यहाँ तक की बहुत सी लड़कियां तुमसे अपनी माँ चुदवाने आया करती थी। तुमको भी उन्हें चोदने में बड़ा मज़ा आता था। लेकिन इधर २/३ साल से शराब पी पी कर तूने सब बर्बाद कर दिया ? अपनी ताकत खो दी तूने और अपने लण्ड की भी ताकत मिट्टी में मिला दी तूने ? अब न तो कोई तेरा लण्ड पकड़ने आती है और न चुदवाने ? इसलिए अब न मैं तेरे सहारे रहती हूँ और न तेरे लण्ड के सहारे ? अम्मी भी तेरे लण्ड की बिलकुल परवाह नहीं करती ? वो तो कहती है सानिया भाड़ में जाए तेरे अब्बा का लण्ड ? माँ चुदाये बहन चोद तेरे अब्बा का लण्ड ? उसने सारी उम्मींदे छोड़ दी है ? अब हमने चुदाने का बहुत बढ़िया जुगाड़ कर लिया है अब्बू ? अब मैं खुद जाती हूँ और चुदवा कर आती हूँ। फिर अपनी माँ चुदवाती हूँ और बड़े फक्र के साथ माँ चुदा कर वापस आ जाती हूँ। देखती हूँ कौन भोसड़ी का मेरा क्या उखाड़ लेगा ? अगर तुझे शर्म नहीं आती है मादर चोद, अब्बू तो हमें भी शर्म नहीं आती है ? भाड़ में जाये बहन चोद अब्बू और अब्बू का लण्ड ?
- अब्बू तिलमिला तो गया मेरी खरी खरी बातें सुनकर लेकिन वह बोला :- तो इसका मतलब तू बाहर जाती है अपनी माँ चुदाने ?
- मैं जहन्नुम में जाऊं माँ चुदाने तुझसे क्या मतलब ? जब तू चोद नहीं पाता तो मैं कहीं भी जाऊं अपनी माँ चुदाने ? तू होता कौन है पूंछने वाला ?
- तो मेरे दोस्तों से चुदवाने में तेरी गांड क्यों फटती है ?
- गांड तो तेरे दोस्तों की फटती है मादर चोद ? लौड़ा ठीक से खड़ा तो हो नहीं पाता है भोसड़ी वालों का ? और अगर खड़ा हो भी गया तो अंदर घुसेड़ते ही २/३ धक्कों में ही फुस्स हो जाता है लण्ड ? ऐसे में बाहर नहीं चुदाऊंगी तो चूत की आग कौन भोसड़ी वाला बुझाएगा ?
- इसका मतलब तू भी चुदवाती है माँ की लौड़ी और तू अपनी माँ भी चुदवाती है ?
- क्यों न चुदवाऊँ ? मैं तो जवान हूँ ही ? मेरी अम्मी भी अभी ४८ साल की ही तो है। भद्दर जवानी है उसकी ?
- तो इतने लौड़े कहाँ से लाती हो तू भोसड़ी वाली, सानिया ?
- लौड़ा अपनी जेब में रखती हूँ, अब्बू ?
- क्या मतलब ? जेब में कैसे रखती है लौड़ा तू ?
- मेरे मोबाइल में दर्जनो लण्ड की फोटो है उसमे लण्ड वालों के नाम व् पता भी है। मैं एक फोन करती हूँ तो चार लण्ड इकठ्ठा हो जाते है अब्बू ? फिर मैं अपनी बुर चुदवाती हूँ और अपनी माँ का भोसड़ा भी ? फोन तो बहन चोद जेब में ही रखती हूँ न ?
उस दिन अम्मी एक किती पार्टी में गयी थी। उसने कहा की मैं अब शाम को आऊँगी तुम घर का ख्याल रखना। मैं घर पर ही रही। थोड़ी देर में मैं बोर होने लगी तो मैंने अपने एक बॉय फ्रेंड को बुला लिया। मैं उस समय १९ साल की थी। हमने शराब पी, सिगरेट पी और खूब गन्दी गन्दी बातें की। फिर मैं मस्ती में आ गयी और उससे सेक्स की बातें करने लगी। फिर एक ब्लू फिल्म टी वी पर लगा दी। फिल्म चलने लगी तो मेरे बदन में आग लग गयी। फिल्म में एक लड़की एक लड़के का लण्ड चूस रही थी। मेरा भी मन हुआ की मैं भी ऐसा ही करूँ तो मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया। उसके सारे कपडे खोल डाले और अपने भी। मैं उसका लण्ड उसी तरह चूसने लगी जैसे वह लड़की चूस रही थी। अचानक फिल्म खत्म हो गयी लेकिन मैं लण्ड चूसती रही। बीच बीच में लण्ड मुंह से निकाल कर हिला लेती थी।
इतने में एकाएक अम्मी कमरे में आ गयी। उसने मुझे एकदम नंगी एक नंगे लड़के के साथ उसका लण्ड हिलाते हुए देख लिया। उसे देखते ही मेरे होश उड़ गये। उस लड़के का पशीना छूट गया। उसका लण्ड सिकुड़ गया। मैंने कहा अम्मी मेरी ख़ता माफ़ कर दो प्लीज मुझसे गलती हो गयी। वह मुस्कराकर बोली हां सानिया बुर चोदी गलती तो की है तूने ? क्योंकि तू गलत तरीके से लण्ड पकड़ रही है। तू भोसड़ी की इतनी बड़ी हो गयी है तुझे अभी तक ठीक से लण्ड पकड़ना भी नहीं आता ? (मैं अम्मी के मुंह से गालियां सुनकर हैरान भी थी और खुश भी हुई ) लाओ इधर मैं बताती हूँ तुझे की लण्ड पकड़ा कैसे जाता है ? उसने हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया। पकड़ते ही बोली अरे ये तो बहन चोद बड़ा ढीला हो गया है, सानिया ? एकदम लुंज पुंज हो गया है बहन चोद ? लो तुम इसे हिला डुला कर फिर से खड़ा करो तब तक मैं बाथ रूम से आती हूँ। दो मिनट के बाद जब अम्मी बाहर आयी तो उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। एकदम नंगी थी वो ? बोली मैंने सोंचा की जब तुम दोनों नंगे हो तो मैं भी नंगी हो जाती हूँ। लाओ अब मैं सिखाऊंगी तुझे लण्ड पकड़ना ? उस दिन अम्मी ने मुझे लण्ड पकड़ना, लण्ड चाटना, लण्ड चूसना सिखाया। जब लण्ड झड़ने लगा तो उसने झड़ता हुआ लण्ड चाटना और लण्ड पीना भी सिखाया ? दूसरी पारी में उसने मुझे चुदवाना सिखाया। मेरी चूत में लौड़ा घुसेड़ा और फिर अपना भोसड़ा चुदवाकर बताया की कैसे चुदवाई जाती है बुर ? फिर क्या, तब से अम्मी मुझसे गाली देकर बात करने लगी मैं भी उसे गाली देकर बात करने लगी। आगे चल कर हम दोनों साथ साथ लण्ड पकड़ने लगी और चुदवाने लगी। मेरे सभी दोस्त मेरी माँ चोदने लगे। अम्मी भी अंकलों से मेरी बुर चुदवाने लगी। इसी तरह एक बार अब्बा से भी मैं खुल गयी क्योंकि वह खुलेआम शबाना आंटी का भोसड़ा चोद रहा था और मैं अचानक कमरे में घुस गयी।
खैर ये सब पुरानी बातें है। अब आगे की बात सुनो।
एक दिन अब्बा जैसे ही घर में घुसा तो मैं समझ गयी की यह खूब पीकर आया है।
उसने पूंछा - सानिया, तू अंदर क्या कर रही है ?
मैंने जबाब दिया - मैं माँ चुदा रही हूँ अंदर, भोसड़ी के अब्बू ?
उसने अंदर झांक कर देखा तो वाकई दो लड़के मेरी माँ का भोसड़ा चोद रहे थे। वह चुप चाप चला गया और मैं अम्मी के पास पहुँच कर दोनों के पेल्हड़ सहलाने लगी। एक का लण्ड अम्मी के भोसड़ा में घुसा था और दूसरा लण्ड उसके मुंह में ? मैं भी अम्मी के हाथ से लण्ड खींच कर चाटने लगी। बीच बीच उसके भोसड़ा से लण्ड निकाल कर चाटने लगी।
वास्तव में ये दोनों मेरे हसबैंड के दोस्त है सतवंत सिंह और बलवंत सिंह ? मैं पहले भी इनसे चुदवा चुकी हूँ और अपने मियां के सामने चुदवा चुकी हूँ। मेरा मियां साला कम चोदू नहीं है। वह भी इन दोनों की बीवियां चोदता है इसीलिए एक दिन उसने मुझसे कहा सानिया तुम मेरे इन दोस्तों से जरूर चुदवा लिया करो ? बस मैं उसी दिन से इन दोनों के लण्ड अपनी जेब में रखने लगी। जब भी मन होता मैं इन्हे फोन कर बुलवा लेती और खूब चुदवाती ? मैंने एक दिन दोनों से एक साथ चुदवाते हुआ पूंछा की क्या तुम लोग मेरी माँ चोदोगे, मेरी माँ का भोसड़ा चोदोगे ? दोनों ने कहा हां बिलकुल चोदूंगा? हमें हम लोग तो भोसड़ा चोदने में भी बड़े माहिर है भाभी ? कई लड़कियां हमें अपने घर ले जाकर हमसे अपनी माँ चुदवाती है। मुझे उन दोनों के लण्ड इतने पसंद आये की मैं बिना अपनी माँ चुदाये रह भी नहीं सकती थी ? आज वो दिन है जबकि मैं इनसे अपनी माँ चुदवा रही हूँ। सतवंत माँ का भोसड़ा चोद रहा है और बलवंत अपना लण्ड माँ के मुंह में घुसा कर चुसवा रहा है। इतने में अम्मी बोली बेटी सानिया कब तक तू लण्ड चाटती रहेगी ? तू भी बारी बारी से इन दोनों से चुदवा ले ? बड़ा मज़ा आएगा ? दोनों के लण्ड बड़े जबरदस्त है, सानिया। मुझे भी जोश आ गया और मैंने बलवंत से पहले चुदाना शुरू किया और फिर सतवंत से भी चुदवाया ? जब चुदाई खत्म हो गयी तो फिर मेरा अब्बा वहां से निकला और हम सबको घूरता हुआ चला गया। उससे रहा न गया
वह बोला :- अरी बुर चोदी सानिया माँ चुदवा ली तूने अपनी, बहन चोद ?
मैं कहा :- हां चुदवा ली अब्बू और बड़े मजे से चुदवा ली मैंने अपनी माँ ? तू तो बस शराब पी के पड़ा रह मादर चोद ? तू कभी सुधरेगा नहीं ?
वह बोला :- मैं कोशिश तो करता हूँ लेकिन ससुरी ये शराब छूटती ही नहीं ?
मैं बोली :- कल मैं अपनी ससुराल जा रही हूँ। तू शराब छोड़े चाहे न छोड़े मेरी बला से ?
मैं वाकई दूसरे दिन अपनी ससुराल चली गयी।
मैं अब्बा से नाराज़ थी। हालांकि मैं भी महफ़िल में बैठ कर शराब पीती हूँ। मर्दों के साथ शराब पीती हूँ, नंगी होकर शराब पीती हूँ, मर्दों को नंगा करके शराब पीती हूँ, शराब के साथ लण्ड पीती हूँ । लेकिन मेरी कोई आदत नहीं है। मैं बस चुदाई का पूरा मज़ा लेने और देने के लिए पीती हूँ। मेरी अम्मी भी मेरी ही तरह शराब पीती है पर अब्बा भोसड़ी का अपनी जान पर खेल कर शराब पीता है जो मुझे बिलकुल पसंद नहीं है। उसकी यही एक बड़ी बुरी आदत है जिसे मैं बिलकुल पसंद नहीं करती ? उसने अपने आप को बर्बाद कर लिया और अपना लण्ड बर्बाद कर लिया। इसलिए मैं एक साल तक वापस नहीं आयी। मैंने अब्बा से एक साल तक बात भी नहीं की और न ही उसने मुझे कभी फोन किया। हां कभी कभार अम्मी से बात हो जाती थी।
एक साल के बाद जब मैं वापस माईके आयी तो घर का माहौल बिलकुल बदल चुका था। बड़ा साफ़ सुथरा घर हो गया था। मुझे घर में कहीं शराब की बोतल नहीं दिखाए पड़ी ? ज़रा सी भी शराब की महक नहीं थी घर में ? मैंने अम्मी से पूंछा अरे अम्मी ये सब क्या हो गया है ? क्या तूने मेरे अब्बा को तलाक दे दिया है ? क्या तूने किसी और से शादी कर ली है ?
अम्मी बोली :- नहीं सानिया बेटी, यह सब तेरे अब्बा का कमाल है। जिस दिन से तुम यहाँ से नाराज़ होकर गयी, उसी दिन से तेरे अब्बा ने शराब से तोबा कर ली। उसे अपने आप से नफ़रत होने लगी। उसने अपने आप को बहुत धिक्कारा । तुमने जो जो बातें उससे कहीं वो सब उसके कानों में दिन रात गूंजने लगी। उसके अंदर एक अच्छा इंसान बनने की इच्छा पैदा हो गयी। उसी दिन शाम को मुझसे बोला देखो रहीमा आज से मैं शराब नहीं पियूँगा और न अपने किसी दोस्त को पीने दूंगा ? उसने न पीने की कसम खा ली। कुछ दिन तो उसे बड़ा ख़राब लगा। बहुत परेशान भी हुआ। रात को बार बार उठ कर बैठ जाता था लेकिन उसने फिर शराब को हाथ नहीं लगाया। सारी शराब को बोतलें मेरे आगे उसने फोड़ कर कूड़े में फेंक दी। अच्छी अच्छी दवाईया खाईं, टॉनिक पिया, दूध दही मलाई और फल वगैरह खूब खाये ? एक महीने के बाद उसकी सेहत में थोड़ा सुधार हुआ । फिर तो दिन पर दिन सुधार होने लगा। ६ महीने के बाद एक दिन मैंने उसका लौड़ा देखा। मुझे लगा अरे ये क्या ? लौड़ा तो फिर बहन चोद उसी तरह टन टनाने लगा है ? सुपाड़ा भी उसी तरह फूलने लगा है। मैं भी उसे प्यार करने लगी। ९ महीने बीत जाने के बाद तो लौड़ा एकदम से पुरानी पोजीशन में आ गया। एक दिन मैंने अपनी सहेली नज़मा को बुलाया और उसे लौड़ा पकड़ाया तो वह बोली हाय रहीमा जीजा का लौड़ा तो फिर उसी तरह फ़ुफ़कारने लगा है। आज तो मैं इससे चुदवाकर कर ही जाऊँगी। सानिया बेटी, तेरे अब्बा ने नज़मा को उसी तरह चोदा जैसे यह पहले चोदा करता था। उसने कई लोगों को यह बात बता दी तो एक दिन रफीक की बीवी आ गयी चुदवाने ? तेर अब्बा ने उसे भी मेरे आगे चोदा तो वह बहुत खुश हुई और बोली हाय मेरे राजा तेरे लण्ड की ताकत तो वापस आ गयी है बहन चोद ?
तीन महीने और बीते तो लौड़ा अपनी पूरी जवानी पर आ गया बेटी ? इसका ही लौड़ा नहीं बल्कि इसके सभी दोस्तों के लण्ड खड़े होने लगे और भकाभक चोदने लगे भोसड़ा ? मैंने पिछले हफ्ते उसके २/३ दोस्तों से चुदवा कर देखा है।
मैं बोली :- कहाँ है मेरा अब्बा ? मैं उसे गले लगाना चाहती हूँ।
अम्मी बोली :- दिल्ली गया है, आज शाम को आ जाएगा
शाम को जब अब्बा आया तो मैं उससे लिपट गयी। मैंने कहा अब्बा मैंने तुम्हे खूब गालियां दी, तुझे ज़लील किया और बड़ी बेज्जती की मैंने तेरी मुझे माफ़ कर दो अब्बू। वह बोला नहीं सानिया अगर तू मुझे ज़लील नहीं करती और मुझे गालियां नहीं देती तो मैं आज शराब नहीं छोड़ पाता ? मैं अब बहुत खुश हूँ बेटी। मुझे तुम पर नाज़ है सानिया ?
थोड़ी देर में मेरे पीछे मेरा जेठ और जेठानी आ गयी। मेरी नन्द और नंदोई भी आ गया। हम सब लोग मिल कर बड़े खुश हुए। रात को मैंने अब्बा की लुंगी में हाथ डाल कर उसका लण्ड देखा तो वह वाकई पहले जैसे मोटा तगड़ा हो गया था। खड़ा होकर हिनहिना रहा था बहन चोद ? मैंने उसका लौड़ा अपनी नन्द को पकड़ा दिया और उधर अम्मी ने मेरे नंदोई का लौड़ा पकड़ा लिया। तब तक मेरी खाला का लड़का जिसे मैं भाई जान कहती हूँ वह आ गया। मुझे उसका भी लौड़ा बड़ा पसंद है। मैंने कहा अरे भोसड़ी के भाई जान तू बड़े मौके से आया है अब खोल अपना लौड़ा और पकड़ा दे मेरी जेठानी को ? जेठानी ने उसका लण्ड पकड़ लिया और मैंने जेठ का लण्ड ?
थोड़ी देर तक तो सबने अपने अपने हाथ के लण्ड चाटे चूसे और मुंह में लेकर खूब मस्ती किया और फिर बाद में घुसेड़ किया अपनी अपनी चूत में ? मैं जेठ से चुदवाने लगी और जेठानी मेरे भाई जान से ? अम्मी मेरे नंदोई से चुदवाने लगी और मेरी नन्द मेरे अब्बा से चुदवाने में मस्त हो गयी। तब मैंने अब्बा का चोदने का स्टाइल देखा ? मैं समझ गयी की अब्बा का लौड़ा बिलकुल वैसे ही बुर चोद रहा है जैसे की वह पहले चोदा करता था
उसके बाद मैं एक महीने अपने माईके में रही और हर दूसरे दिन सेक्स पार्टी में खूब चुदवाती रही।
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