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बस में अंकल से चुदी स्टूडेंट की गांड Bus me Uncle se chudi student ki gand
बस में चूत चुदाई , बस में अंकल से चुदी स्टूडेंट की गांड Bus me Uncle se chudi student ki gand , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
हैल्लो दोस्तों.. मैं आपकी दोस्त हाज़िर हूँ मेरे अपने सेक्स अनुभव के साथ। खूबसूरत मोटी गांड और मस्त लंड कभी ज़्यादा देर तक अलग नहीं रह सकते और ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ। दोस्तों में अपने बारे में बता दूँ कि में 19 साल की हूँ और मैं एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ। मेरा फिगर 35-27-37 है और हाईट 4.8 इंच है, मेरा वजन 62 किलो, काली आँखें, काले बाल और बड़ी बड़ी आँखें, सुंदर सी नाक जो कि मेरा एक अच्छा भविष्य है और पतले.. लेकिन सुंदर होंठ लम्बे, काले घने बाल, मेरा कलर भी बहुत गोरा है।
हैल्लो दोस्तों.. मैं आपकी दोस्त हाज़िर हूँ मेरे अपने सेक्स अनुभव के साथ। खूबसूरत मोटी गांड और मस्त लंड कभी ज़्यादा देर तक अलग नहीं रह सकते और ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ। दोस्तों में अपने बारे में बता दूँ कि में 19 साल की हूँ और मैं एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ। मेरा फिगर 35-27-37 है और हाईट 4.8 इंच है, मेरा वजन 62 किलो, काली आँखें, काले बाल और बड़ी बड़ी आँखें, सुंदर सी नाक जो कि मेरा एक अच्छा भविष्य है और पतले.. लेकिन सुंदर होंठ लम्बे, काले घने बाल, मेरा कलर भी बहुत गोरा है।
बात तब की है जब मैं कॉलेज के पहले साल में थी और छुट्टियाँ ख़त्म होने पर घर से होस्टल दुखी मन से वापस जा रही थी। मेरी फेमिली मुझे ड्रॉप करने बस स्टॅंड तक आई थी और पापा मेरे लिए वोल्वो बस में सीट बुक करवा रहे थे। तो मैं मम्मी और दीदी से बातें कर रही थी। मैं : मम्मा.. आपकी मुझे बहुत याद आएगी। मम्मा : ओह मेरा बच्चा.. दो दिन और रुक जाती.. बड़े दिन बाद तो आई थी। दीदी : मेडम सारा टाईम यहीं पर रुक जाओगी तो पढ़ाई कौन करेगा? मैं : हाँ दीदी आप तो मुझे प्यार करती ही नहीं.. बस मुझे जल्दी से भगाना चाहती हो ताकि माँ का सारा प्यार तुम्हे ही मिले। दीदी : हाँ यही बात है मैं तुझसे प्यार नहीं करती मेरी प्यारी गुड़िया और उन्होंने मेरे गाल पकड़ कर चुटकी काटी।
माँ : स्वीटी मत कर उसे लग रही होगी। मैं : आऊच दीदी बस मुझे पता है तुम मुझे बहुत प्यार करती हो और मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ। पापा : लो बेटा तुम्हारा टिकट.. अब जल्दी करो बस जाने वाली है और मुझे एक प्यारी सी झप्पी दे दो। तो इसी खुशी के माहौल में मैं बस में चडी और अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी जो कि बिल्कुल आखरी सीट थी और सारी बस फुल थी.. लेकिन आखरी की सीट पर कुछ गिरा हुआ था जिससे वो गंदी हो गयी थी.. लेकिन वहाँ पर दो लोग बैठ सकते थे। मुझे जाते हुए अच्छा नहीं लग रहा था और मैं बहुत दुखी होकर मुहं लटकाए हुए फोन पर गाने सुनने लगी.. मैंने ढीली काली टॉप और सफेद टाईट जीन्स पहनी थी और बाल हल्के हल्के खुले हुए थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर करीब 10 मिनट बाद बस एक जगह रुकी और कोई 50 साल की उम्र के एक अंकल बस में चढ़े। फिर उन्होंने इधर उधर देखा और मुझे देखते ही मेरी तरफ आने लगे। तो मैंने एकदम से आँखें घुमा ली कि वो कहीं और बैठ जाए.. लेकिन वो मेरी साईड में आकर बैठ गये। अंकल : हैल्लो यंग लेडी आप कहाँ तक जा रही हैं? मैं बोली: अंकल जी मैं दिल्ली तक जा रही हूँ। अंकल बोले: मुझे आप से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई। मैं बोली: मुझे भी आप से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई। अंकल बोले: मैंने आपको डिस्टर्ब तो नहीं किया? मैंने कहा: ओह.. ऐसा कुछ नहीं.. सब ठीक है.. वैसे भी मैं बोर ही हो रही थी। अंकल ने कहा: तुम तो दिखने में बहुत समझदार लग रही हो.. तुम्हे देखकर लगता नहीं कि तुम बोर हो। अच्छा में बता दूँ कि तुम एक स्टूडेंट हो और वापस होस्टल जा रही हो।
मैंने कहा: अरे आपको कैसे पता? अंकल बोले: अच्छा तुम जवान हो तो स्टूडेंट के अलावा कुछ और नहीं हो सकती और तुम्हारा साफ सुथरा भारी बैग देखकर लगा कि तुम वापस जा रही हो। मैंने कहा: wow मैं आपकी बातों से बहुत चकित हुई अंकल। फिर अंकल ने मज़ाक में आँख मारी और कहा कि क्या सच में? तो मैं शरमा गई और कहा कि हाँ एक तरीके से। अंकल बहुत अच्छे स्वभाव के थे और थोड़ी ही देर में मेरी मायूसी की जगह मजे ने ले ली।
मैंने कहा: अरे आपको कैसे पता? अंकल बोले: अच्छा तुम जवान हो तो स्टूडेंट के अलावा कुछ और नहीं हो सकती और तुम्हारा साफ सुथरा भारी बैग देखकर लगा कि तुम वापस जा रही हो। मैंने कहा: wow मैं आपकी बातों से बहुत चकित हुई अंकल। फिर अंकल ने मज़ाक में आँख मारी और कहा कि क्या सच में? तो मैं शरमा गई और कहा कि हाँ एक तरीके से। अंकल बहुत अच्छे स्वभाव के थे और थोड़ी ही देर में मेरी मायूसी की जगह मजे ने ले ली।
फिर अंकल के साथ बात करते हुए बहुत अच्छा लग रहा था और चाहे कोई भी बात हो, वो बड़े मज़े से उसके बारे में बात कर रहे थे। तो मैंने ध्यान दिया कि अंकल छोटी हाईट के थे और उनके सिर के ऊपर बाल नहीं थे.. लेकिन फिर भी उनका चेहरा बहुत सेक्सी था और वो बहुत हेंडसम थे। शायद अंकल को पता चल गया था कि मैं उनकी बातों पर ध्यान दे रही हूँ। अंकल : आप कहीं खो गई? मैंने कहा: नहीं कुछ नहीं आप दिखने में बहुत अच्छे लगते हो। अंकल बोले: ओह शुक्रिया.. लेकिन आप भी किसी परी से कम नहीं। आप कहीं मज़ाक तो नहीं कर रही हो ना? मैंने कहा: नहीं सच में। अंकल बोले: बहुत ध्यान दिया है मैंने अपने आप पर और क्या तुम जिम जाती हो? मैंने कहा: जी हाँ कभी कभी अंकल बोले: तुम भी दिखने में बहुत सुंदर हो।
फिर कुछ टाईम के लिए मैं भूल ही गई कि वो मुझसे करीब 30 साल बड़े हैं। मैंने कहा: धन्यवाद अंकल.. लेकिन क्या आपको लगता है मैं और अच्छी कैसे दिख सकती हूँ? अंकल बोले: हाँ मुझे कुछ एक्सरसाइज पता है.. लेकिन मेरे बताने पर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा। मैं बोली: प्लीज़ मुझे बुरा नहीं लगने वाला मुझे अपने पर विश्वास है। अंकल बोले: क्यों? मैं बोली: क्योंकि मैं बहुत फ्रॅंक हूँ। अंकल बोले: ठीक है तो फिर तुम मुझे ड्राईवर के पास तक चलकर दिखाओ। मैं बोली: क्या? और क्यों? अंकल बोले: प्लीज चलो ना मुझे देखना है तुम्हारा फिगर कैसा है।
यह सुनकर मेरे चेहरे पर एक शैतानी स्माईल आ गई और मैंने कहा कि ठीक है।
यह सुनकर मेरे चेहरे पर एक शैतानी स्माईल आ गई और मैंने कहा कि ठीक है।
अंकल बोले: अरे मैं तभी तो बता पाउँगा कि कौन सी एक्सर्साईज़ करनी है। तो मैं अपनी सीट से उठी और अंकल की तरफ गांड करके निकलने लगी.. निकलते टाईम मेरी बड़ी गांड उनकी पेंट पर रगड़ गई और शायद उन्होंने ऐसा जानबूझ कर किया था। तो मैं बहुत खुश थी और अपनी गांड नॉर्मल से ज़्यादा मटकाते हुए ड्राईवर के पास जाकर.. मैंने पूछा कि हम लंच के लिए कब रुकेंगे? ड्राईवर : अभी तो बहुत टाईम है मेडम आप थोड़ा और आराम कर लो सो जाओ जब हम रुकेंगे, आपको खबर कर देंगे। मैं बोली: ठीक है, धन्यवाद। फिर मैं अंकल की तरफ आते टाईम अपने बूब्स को फुलाकर चलने लगी।
मेरी साँसे तेज़ थी क्योंकि सब लोग मुझे ही देख रहे थे और मैं अंकल के पास आकर चुपचाप बैठ गयी, अपनी विंडो सीट पर पहले की तरह जब अंकल की तरफ गांड करकर निकल रही थी तो इस बार उन्होंने सीट पर सीधा होने के बहाने मेरे चूतड़ के बीच अपने लंड से एक ज़ोरदार झटका मार दिया। मेरे मुंह से ओउउक्च्छ की आवाज निकली। अंकल बोले: ओह मुझे माफ़ करना। मैं बोली: जी नहीं सब ठीक है। अंकल बोले: मुझे चलकर दिखाने के लिए धन्यवाद और मैंने अच्छे से देखा और अब मैं बता सकता हूँ कि तुम्हे कौन सी एक्सर्साईज़ करनी चाहिए। मैंने कहा: अच्छा आपको धन्यवाद.. प्लीज बताइए।
अंकल बोले: ऐसे नहीं और उन्होंने एक पेपर और पेन निकाला और धीरे से कहा कि.. तुम बहुत सुंदर और सेक्सी फिगर वाली लड़की हो.. लेकिन तब उन्होंने उस पेज पर नंगी लड़की की फोटो बनाई एक आगे की तरफ और एक पीछे की तरफ। तो मैं आँखें फाड़कर अंकल की और देख रही थी। अंकल बोले: अरे तुम इस फोटो की तरफ ध्यान दो। मैं बोली: लेकिन...। अंकल बोले: तुम कुछ भी मत सोचो और अगर तुम चाहती हो कि मैं तुम्हारी मदद ना करूं तो ठीक है। मैं बोली: अरे नहीं यह सब ठीक है प्लीज़ आप मेरी मदद करो। तो अंकल ने फिर फोटो के ऊपर मेरा नाम लिखा और कहा कि यह तुम हो और उन्होंने फोटो के होंठ, बूब्स, गांड और कमर पर गोले बना दिए।
मैं बोली: यह क्या है? अंकल बोले: यह वही जगह है जहाँ पर तुम कुछ कर सकती हो। तो मैं उन्हें बड़े ध्यान से सुन रही थी। तभी अंकल ने इधर उधर देखा और उन्हें लगा कि हमे कोई नहीं देख रहा है तो उन्होंने झट से अपनी ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया। यह देखकर तो मेरा मुहं पूरा खुला का खुला रह गया और मैं उनके मोटे और झुर्रियों वाले आधे खड़े लंड को घूर रही थी। अंकल बोले: देख क्या रही हो? तुम्हारी पहली एक्सर्साईज़ है क्या तुम्हे तुम्हारे पतले होंठ को मोटा नहीं बनाना है? मैं बोली: क्या? कहीं आप पागल तो नहीं हो गये हो? उस समय मैं उन्हें बहुत चकित हो कर देख रही थी।
अंकल बोले: देख मैं तेरी मदद ही तो कर रहा हूँ आजा चूस ले मेरा लंड। मैं बोली: यह किस टाईप की मदद है? अंकल बोले: जल्दी से आजा मेरी स्वीटहार्ट.. मैं जानता हूँ कि तुम मुझे पसंद करती हो। फिर मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था और लंड देखकर मेरे मुहं में तो पानी आ रहा था.. लेकिन यह मुझे बहुत ग़लत लग रहा था। अंकल ने तभी मेरे होंठ पर हल्के से स्मूच दे दिया। बस उस स्मूच के बाद तो मैं उनकी दीवानी हो गयी। तभी अंकल ने मुझे बालों से हल्का सा पकड़ा और दोनों हाथों से धीरे धीरे नीचे बढ़ाते हुए अपने लंड पर मेरा मुहं झुका दिया। तो मैंने भी अपना मुहं खोल लिया ताकि मैं भी उस मोटे से लंड के मज़े ले सकूं।
फिर मैं अपने होठों को दबाकर अंकल के लंड के सुपाड़े को चूसने लगी और अंकल मेरे सिर को दबा रहे थे और मैं अंकल के सुपाड़े पर अपना सिर ऊपर - नीचे कर रही थी। फिर जब तक उनका लंड खड़ा नहीं हुआ.. तब तक तो ठीक था.. लेकिन जैसे ही मेरे चूसने की वजह से उनका लंड बड़ा हुआ मेरा पूरा मुहं उनके लंड से भर गया और मुझे लगा कि मेरे मुहं में एक गरमा गर्म केक हो जिसे में चबा नहीं सकती और अंकल हल्के हल्के आवाज़ निकाल रहे थे।
मैंने अपनी जीन्स का बटन खोल दिया और उसे थोड़ा नीचे सरका दिया। फिर अंकल ने मेरी काली पेंटी को बहुत दिक्कत के बाद मेरे गोरे गोरे चूतड़ो के बीच से खींचकर नीचे जांघो तक सरकाया और फिर अंकल मेरी चूत को उंगलियों से सहला रहे थे और मैं कुतिया की तरह झुककर लंड चूसने लगी थी। अंकल मेरी चूत से खेल रहे थे और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। उनकी मोटी मोटी मर्दाना उंगलियाँ मेरी गांड की दरार में खलबली मचा रही थी। तभी एकदम से अंकल ने एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी और गोल गोल घूमाने लगे। तो मैं मस्ती में आकर अपने सभी तरीक़ो से उनका लंड चूस रही थी और मैंने अंकल को इशारे से बताया कि ज़ोर ज़ोर से करो मेरी चूत टपकने वाली है।
अंकल हंसने लगे और ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत में उंगली करने लगे और झुककर मेरे चूतड़ पर अपनी जीभ से चाटकर थूक लगाने लगे और मेरी चूत अब झड़ने वाली थी और मैं ऊपर उठकर हल्के से मोन करने लगी तो अंकल ने मुझे चुप रहने को कहा। फिर अंकल ने मेरा हाथ अपने लंड पर रखा और खुद ही मेरे हाथ पकड़ कर मूठ मरवाने लगे.. उधर मेरा पानी निकल गया था और मैं बहुत खुश थी.. तो मैंने अंकल के होंठ पर एक किस किया। अंकल : बाहें छोड़ साली.. पकड़े जाते अभी.. धीरे धीरे मोन किया कर।
मैं बोली: सॉरी और मैं उन्हें चूमने लगी। अंकल बोले: साली रंडी.. मेरा लंड कौन चूसेगा और मैं उनके खड़े हुए मोटे लंड पर जोर जोर से मुहं चलाने लगी.. जब अंकल का निकलने वाला था तो उन्होंने एक हाथ से मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुहं को अपने लंड पर ऊपर नीचे धकेलने लगे और एक हाथ मेरे चूतड़ पर घुमाने लगे। जैसे ही उनका लंड से पानी निकलने लगा तो उन्होंने मेरा मुहं और नीचे दबा दिया और मेरी गर्दन टाईट पकड़कर और बहुत तेज़ हिलाने लगे और अपनी कमर हिलाकर हल्के झटके मारने लगे और मेरी गांड के छेद में उसी टाईम अपना अंगूठा डाल दिया, मुझे हल्का सा दर्द हुआ। अंकल ने मेरे मुहं में ही पिचकारी मार दी जिसे मुझे पीना पड़ा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
पता नहीं कितने सालो से अंकल ने अपने लंड में इतना वीर्य जमा किया था, कुछ वीर्य टपकने लगा जिसे देखकर अंकल की हंसी छूट पड़ी। तो मैंने जल्दी से उनकी शर्ट से साफ किया और सीधी होकर कपड़े ठीक किए। अंकल बोले: अरे यह क्या किया तूने? मेरी शर्ट से ही साफ कर लिया। मैंने कहा: यह वीर्य आपका ही है.. आप खुद ही संभालो इसे। अंकल बोले: अच्छा तो पहली एक्सरसाईज़ आ गयी तुम्हे? मैं बोली: हाँ बहुत अच्छे से अंकल। अंकल बोले: यही है मेरी प्यारी एक्सर्साइज़ दिन में तीन बार करना कम से कम एक महीने तक और वो गंदी सी स्माईल देने लगे।
मैंने पूछा कि अच्छा तो बाकि की एक्सर्साइज़ कब करवाओगे अंकल। अंकल बोले: साली रंडी बड़ी जल्दी है तुझे.. तू कहे तो मैं यहीं पर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँ? फिर अंकल की इन गंदी बातों को सुनकर मेरी पीठ के बीच से होते हुए मेरी चूत तक एक सिहरन दौड़ गयी। नतीजा मेरी चूत से कुछ रस की बूँदें निकलने लगी। मैं बोली: मुझे तो बहुत जल्दी है क्या आपको नहीं? अंकल बोले: ठीक है तो आजा चढ़ जा मेरे लंड पर। तो मैं उठी और अपनी जीन्स और पेंटी फिर से नीचे सरकाकर अंकल की गोद में झट से बैठ गई साईड में खिड़की से बाहर देखते हुए मानो मुझे कुछ खबर ही ना हो कि हो क्या रहा है?
अंकल ने अपना लंड निकाला जो कि मुरझाया था और उसे मेरी गांड के छेद पर रगड़ने लगे.. मानो लंड को मेरी गांड सुंघा रहे हो और सच में ऐसा ही हुआ लंड तुरंत ही बड़ा होने लगा.. मानो कि मेरी गांड की खुश्बू ने उसे उकसा दिया हो। अंकल मेरी गांड में लंड घुसाने की पूरी कोशिश करने में जुट गये। मैं बोली: प्लीज वहाँ पर नहीं। अंकल : क्यों? चुपचाप बैठी रह एक तो इतनी मोटी गांड लिए पागल बना रही है और ऊपर से मना कर रही है इतनी चिकनी गांड है कि साला मक्खन भी शरमा जाए। मैं बोली: वाह मेरी गांड की इतनी तारीफ़ अच्छा चलो मार लो.. लेकिन प्यार से।
फिर मैंने अपनी गांड ढीली छोड़ दी और अंकल ने अपना लंड गांड पर बड़ी ताक़त से दबा दिया और मैं एकदम से उछल पड़ी। अंकल ने फिर मेरी टॉप नीचे खींचकर मुझे बूब्स से पकड़ लिया और उन्हें शायद लग रहा था कि मैं कहीं भाग ना जाऊँ। फिर बूब्स मसलते मसलते अंकल मेरी नंगी पीठ पर किस करने लगे और लंड से मेरी नाजुक गुलाबी गांड पर दबाव बढ़ाने लगे.. ओह अह्ह्ह माआआआ.. फिर मैंने उन्हें कहा कि थोड़ा धीरे करो और फिर उनका टोपा अब मेरी गांड में घुस गया था और मेरी तो जान गले में ही अटक गई। फिर पता नहीं कैसे.. लेकिन मैं अपने आप को चिल्लाने से रोक पाई।
अब एक बार जब अंकल का लंड घुस चुका था तो फिर उन्होंने पीछे मुड़ने का नाम नहीं लिया और वो तब तक मेरी गांड को नीचे और अपने लंड को ऊपर सरकाते गये.. जब तक उनकी काटें जैसी झांटे मेरे मुलायम चूतड़ो पर ना चुभने लगी। फिर मेरी गांड लगातार लप लप कर रही थी और मेरी आँख में आँसू भर आए थे। तो अंकल ने मुझे अपने लंड पर कुछ मिनट तक ऐसे ही रखा और वो मेरे बूब्स को बहुत ज़ोर से दबाने लगे। थोड़ी देर तक ऐसा करते हुए उन्होंने नीचे से मुझे झटके लगाना चालू किया। एक झटका, फिर कुछ देर में एक और तगड़ा झटका.. फिर थोड़ा रुके और एक और ज़ोरदार हमला मेरी गांड पर कर दिया।
ऐसे करते करते उन्होंने बहुत गांड का मज़ा लिया। फिर उन्होंने एकदम से मुझे थोड़ा ऊपर उठा दिया और अपना लंड लप की आवाज़ के साथ बाहर निकाल लिया.. मुझे बड़ा मज़ा आया जब वो मोटू लंड मेरी गांड के बाहर आ गया। फिर मैंने गांड पर उंगली घुमाकर देखी तो.. हे भगवान् इतना बड़ा छेद हो गया था। अंकल बोले: चल रंडी इस लंड को अब चूस चूसकर चिकना कर दे। मैं बोली: नहीं.. यह तो बहुत गंदा हो गया है। अंकल बोले: बहन की लोड़ी, नाटक मत कर. बिना चिकना किए गांड में लेगी तो दर्द ही होगा.. कुछ नहीं होगा यह तो सेक्स में नॉर्मल है। तो मैं मान गई और मैंने बहुत सारा थूक लगाकर उनका लंड चिकना कर दिया और फिर से उनकी गोद में धम्म से बैठ गयी..
इस बार अंकल ने लंड को मेरी गांड की ओर तीर की तरह कर रखा था और फिर मेरे बैठते ही मेरी गांड में शर्रररर घुस गया। फिर अंकल ने मुझे थोड़ा आगे झुका दिया और लग गये मेरी गांड का भूत उतारने में और उन्होंने झड़ने तक मेरी ऐसी गांड मारी कि मुझे मेरी नानी याद आ गयी। फिर एक दो यात्रियों को तो हम पर शायद शक भी हो गया होगा.. लेकिन अंकल का लंड मेरी गांड में था तब तक मुझे किसी का डर नहीं था। मुझसे अब रहा ना गया और मैं एक हाथ से अपनी चूत को रगड़ने लगी और कुछ ही देर में दो बार झड़ गई।
दोस्तों गांड और चूत एक साथ मरवाने में कितना मज़ा आता होगा.. मैंने इसका अनुमान लगाया। अंकल कुछ देर में मेरी गांड में ही झड़ गये। अंकल बोले: मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ क्या तुम मुझसे शादी करोगी? मैं बोली: क्या? सॉरी अंकल लगता है आप ज्यादा ही भावुक हो गये हो। अंकल बोले: अरे पगली आदमी चुदाई के बाद ऐसे ही हो जातें है। मैं बोली: अच्छा तो ऐसी बात है और हम लड़कियाँ सोचती है कि आप सीरीयस हो सचमुच। फिर अंकल को मुझ पर बड़ा प्यार आया और वो मेरे बालों और बोबों के साथ खेलने लगे। फिर एकदम से कंडेक्टर उठा और उसने कहा कि बस रुकने वाली है जिसे भी लंच करना है या फ्रेश होना है यहाँ पर हो जाए.. क्योंकि इसके बाद कोई स्टॉप नहीं है।
अंकल ने कहा कि चलो कपड़े ठीक करो बहुत भूख लगी है। मैं बोली: अंकल अगर मैं आपको अपने चूतड़ पर मसाला लगाकर दे दूँ तो कैसा लगेगा? अंकल बोले: अब आई ना लाईन पर.. लाईफ सफल हो जाएगी तेरी फ्राई गांड का मुरब्बा और अनगिनत डिश अंकल ने मेरी गांड पर ही मुझे गिना दी और ऐसी ही मसालेदार बातें करते हुए हम बस से नीचे उतरे और फिर इधर उधर घूमते हुए अंगड़ाई लेने लगे। मैं पूरी कोशिश कर रही थी कि लंगड़ा कर या अजीब ढंग से ना चलूँ.. लेकिन अंकल ने मेरी ऐसी ठुकाई की थी कि सीधे चलना बहुत मुश्किल था।
फिर मैं लेडीज के वॉशरूम में पहुँची और कपड़े वगेरह ठीक किए और मुहं हाथ साफ किए वैसे तो मुझे अंकल के लंड का स्वाद पसंद था.. लेकिन फिर भी मैं अपने साथ टूथपेस्ट लाई थी ताकि मुहं एकदम फ्रेश कर सकूँ। फिर मैं तैयार होकर जल्दी से टेबल पर पहुँची जहाँ पर अंकल मेरा इंतज़ार कर रहे थे हमने ऑर्डर किया और इतनी मस्त चुदाई से होने वाली कैलोरी की कमी को बहुत कुछ खाकर पूरा किया। अंकल ने अपना और मैंने अपना पेमेंट किया और हम साथ जाने लगे। फिर मैंने इधर उधर देखा तो पाया कि कई मर्दो की नज़रें हम पर टिकी हुई थी मानो कह रहे हो बेवकूफ़ लड़की इस बुड्ढे के साथ क्या कर रही है? फिर हम दोनों बस में आ गये और दो मिंट की गोलियाँ खाई और फिर बैठकर बातें करने लगे।
अंकल ने अपने घर के बारे में बताया और अपनी फेमिली के बारे में भी। जब वो अपनी वाईफ के बारे में बता रहे थे तो पता नहीं क्यों मुझे जलन महसूस हो रही थी और उन्होंने बताया कि कैसे वो और उनकी वाईफ सेक्स करते थे। अंकल बोले: क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है या था? मैं भी अब अंकल को जलन महसूस करने का मौका नहीं खोना चाहती थी। मैं बोली: हाँ है कॉलेज में और पहले भी पाँच रह चुके है। अंकल बोले: कोई शक नहीं तुम बहुत सुंदर हो। अंकल बोले: वो सब दिखते कैसे है मेरा मतलब अगर तुम मुझ जैसे ज्यादा उम्र वाले से चुद सकती हो तो लगता है वो ख़ास नहीं दिखते होंगे। मैं बोली: नहीं नहीं एक से बढकर एक हीरा था.. मतलब कि वो दिखने में बहुत अच्छे थे।
अंकल बोले: फिर तुम्हे क्या मैं पसंद आया? मैं बोली: हाँ मुझे आप अच्छे लगते हो और आपके साथ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। तो अंकल ने मुझे किस किया और कहा कि चल अब एक और एक्सर्साइज़ बाकी है. यह सुनकर मैं हंसने लगी। अंकल बोले: चुदेल साली.. हंस मत आज मुझे तेरी चूत फाड़नी है। चल अब घोड़ी बन जा। मैं जो सीट और आगे की सीट होती है उसके बीच की जगह में घोड़ी बन गई। अंकल ने मेरी पेंट उतार दी और फिर पेंटी को खींचकर निकाल दिया। अंकल ने अब मुझे घुटने पर झुकाकर मुझे नीचे कर दिया जिससे कि मेरे चूतड़ पीछे को हो गये और मेरा पेट मेरे घुटनो पर आ गया और मेरे हाथ मेरी छाती पर थे। अंकल ने अब मेरे पैरों को अपनी जाँघ के नीचे दबा दिया जिससे कि मेरे चूतड़ अंकल के लंड पर रगड़ खाने लगे।
अंकल सीट पर सीधे तरीके से बैठे थे और मैं बस में कुतिया के पोज़ में और भी सिकुड गई थी। अंकल ने अब लंड मेरी चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर सरका दिया.. अंकल का लंड साईड से लेने में बड़ा अच्छा लग रहा था.. लेकिन थोड़ा दर्द हो रहा था। थोड़ी देर बाद जब अंकल ने पिस्टन की तरह ऊपर नीचे बड़े ही सफाई से और ताल में कमर हिलाना शुरू किया तो मेरा सारा दर्द मज़े में बदल गया। मैं अब अपनी गांड को कभी ऊपर नीचे हिलाकर तो कभी चूतड़ गोल गोल घुमाकर अंकल के लंड से अपनी चूत को रगड़वा रही थी। एक बार मेरा सारा रस निकल चुका था और मेरी जांघो से होता हुआ अंकल की जांघ के साईड में बह रहा था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर अंकल ने रस अपनी उँगलियों से समेटा और जोर ज़ोर से साँस लेकर सूंघने और चाटने लगे। फिर उन्होंने मेरा रस मुझे भी चटा दिया और मैं अपने गोल गोल गोरे चूतड़ हिलाकर अंकल को मज़े दे रही थी और खुद भी बहुत मजे ले रही थी। करीब आधे घंटे तक ऐसा करने के बाद ही अंकल के लंड से कुछ आखरी बची बूँदे भी मेरी चूत ने चूस ली। इस बीच मैं बहुत बार झड़ गई थी और बहुत थक गई थी। अब यह हसीन सफ़र अब ख़त्म होने वाला था। तो मैंने अपने कपड़े ठीक किए और अंकल से उनका मोबाईल नंबर लिया और उन्हें अपना ग़लत नंबर दिया और मैं बस स्टॅंड पर पहुंचकर अपनी मंज़िल की और चल पड़ी ।। इसके बाद कोई भी ऐसा पॉवरफूल आदमी मुझे नहीं मिला. शायद ऐसा कोई दूसरा है ही नहीं. यदि है तो मुझे बताएंगे.
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