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अपनी सहयोगी की चूत से बुझाई प्यास Apni sahayogi ki chut se bujhai pyas
सहयोगी की चुदाई , अपनी सहयोगी की चूत से बुझाई प्यास Apni sahayogi ki chut se bujhai pyas , साथ में काम करने वाली लड़की महिला औरत को चोद दिया , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
आज मैं दोस्तों आपको अपनी सहयोगी की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों वो मेरे ही ऑफिस में काम किया करती थी और उसका केबिन भी मेरे केबिन के सामने ही वाला था। मैं उसके बदन का बहुत पहले से आशिक हो चूका था और बस इन्तेज़ार में था की कब मुझे वो हसीं मौका मिले की मैं इसकी चूत को भी मार सकूँ। दोस्तों वो भी मुझे भाव दिया करती थी पर यह बात नहीं समझ में आ रही थी मुझे कि मैं किस तरह उसे जकड लूँ पर वो मौका भी जल्द ही मुझे मिल गया जब हम एक रात तक ऑफिस में एक साथ ओवर टाईम काम करते रह गए। मैंने देखा की वो दुरे केबिन में मेरा इन्तेज़ार कर रही है की कब मेरा काम खतम हो और हम दोनों एक साथ घर जा सकें।
आज मैं दोस्तों आपको अपनी सहयोगी की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों वो मेरे ही ऑफिस में काम किया करती थी और उसका केबिन भी मेरे केबिन के सामने ही वाला था। मैं उसके बदन का बहुत पहले से आशिक हो चूका था और बस इन्तेज़ार में था की कब मुझे वो हसीं मौका मिले की मैं इसकी चूत को भी मार सकूँ। दोस्तों वो भी मुझे भाव दिया करती थी पर यह बात नहीं समझ में आ रही थी मुझे कि मैं किस तरह उसे जकड लूँ पर वो मौका भी जल्द ही मुझे मिल गया जब हम एक रात तक ऑफिस में एक साथ ओवर टाईम काम करते रह गए। मैंने देखा की वो दुरे केबिन में मेरा इन्तेज़ार कर रही है की कब मेरा काम खतम हो और हम दोनों एक साथ घर जा सकें।
मैं तभी उसके पास गया और बोला किसका इन्तेज़ार कर रही हो . .?? वो बोली, सर आपका . .!! मैंने भी टेढ़ी बात की और बोला की मैं तो तुम्हारे सामने हूँ बोलो . .?? वो मुझे देख रही थी की यह कैसा सवाल हुआ . .!! और मैं मैं उसकी आँखों में आँखें डाला बला, क्यूँ न आज घर ही जाएँ और अपने हाथ को उसके हताह पर रख लिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वो भी रजामंद ही थी और अपने होंठ को मेरी तरफ कर दिया। मुझे खुल्ला मौका मिल चूका था और और जमकर उसके होंठों को चूसने लगा। मैं बेकाबू हुआ जा रहा तह और तभी वहीँ टेबल पर मैंने उसे लिटा या और उसके बदन को चूमता हुआ उसकी कमीज़ को खोलने लगा और जल्दी से वो अपनी स्कर्ट को उतारने लगी। मैंने उसका ब्रा खोल बड़े मज़े में उसके चुचियों को मुंह में भरके चूस रहा था और नीचे से उसकी पैंटी उतारी और चूत को अपनी उँगलियों से रगडने लगा।
उसकी मस्त मनमोहक सिसकियाँ निकल रही थी और एक दम वो गरमा चुकी थी। मैं भी पलभर में नंगा हो गया और उसके उप्पर लेटकर अपने तने हुए लंड को उसकी चूत में टिका दिया और पूरा दम लगाते हुए धक्के देने लगा। वो ज़ोरों से चींखती हुई मुझे कसके चुदाई करने के लिए बढ़ावा देती रही और मैं भी झटके बराबर उसकी चूत में पेले जा रहा था। आज मुझे बरसों बात उसकी चूत मारने का मौका मिला था और मैं पीछे नहीं हटने वाला था। मैं उसके बालों को नोचता हुआ जमकर उसकी चूत में अपने लंड के झटके दिए जा रहा था। उसकी चूत में मेरा लंड बराबर अंदर तक गहराई में जा रहा था और वो मुझे चूमती हुई मेरे होंठों को जीभ से चाटने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रही थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। जब मैं उसकी चूत चुदाई करता हुआ थक गया तो मैंने उसके बदन मर मुट्ठी मारते हुए झड गया और उसके चुचों को सहलाते हुए अब उसकी चूत में उंगलियां बरसाने लग जिससे उसकी चूत भी अपना कामरस निकालने में देरी न की और वो मज़े में झड गयी। मैं रोज अपने ऑफिस में ओवर टाईम किया करता और उसकी चूत बजाया करता था।
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