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चाची को सुहागरात से पहली रात में चोदा Chachi ko suhagraat se pahli raat me choda
चाची को सुहागरात से पहली रात में चोदा, Chachi ko suhagraat se pahli raat me choda, चाची की चुदाई, चाची बेटे से चुद गई, बेटे ने चाची को चोद दिया, चाची और बेटे की कामवासना, चुद्क्कड़ चाची और सेक्सी बेटा, चाची की चूत में बेटे का लंड, चाची की चूत की प्यास बुझाई. चाची की चूत में लंड डालकर बेटे ने किया शांत, बड़े लंड से चाची की चूत को चोदा, चाची की चिकनी बुर, गांड में लौड़ा भी लिया, पहली रात में ही मनाई सुहागरात चाची के साथ.
मेरा नाम सँदीप है उस समय मेरी उम्र २३ साल थी जब मेरे छोटे चाचा की शादी हुई थी। मैं घर कम ही जाता था क्योंकि उस समय मैं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था, पर उन दिनों मेरे घर में दो शादियाँ थी एक मेरे चाचा जी की और दूसरी मेरे बुआ के लड़के की। इसलिए न चाहते हुए भी मुझे घर जाना पड़ा। पर मुझे क्या पता था कि वक़्त मेरी जवानी को नया रंग दिखलाना चाहता है। मेरी घर में बहुत इज्जत है क्योंकि मैं पढाई में बहुत तेज हूँ और छोटे चाचा ८ क्लास के बाद नहीं पढ़े। जब मैं शादी में गया तो चाची को देखता ही रह गया। वो बहुत मस्त थी, उस समय उनका फिगर ३२-२८-३४ था। चाचा और चाची की जोड़ी बिल्कुल नहीं जम रही थी, जैसे लंगूर के हाथ में अंगूर या हूर !
मेरा नाम सँदीप है उस समय मेरी उम्र २३ साल थी जब मेरे छोटे चाचा की शादी हुई थी। मैं घर कम ही जाता था क्योंकि उस समय मैं इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था, पर उन दिनों मेरे घर में दो शादियाँ थी एक मेरे चाचा जी की और दूसरी मेरे बुआ के लड़के की। इसलिए न चाहते हुए भी मुझे घर जाना पड़ा। पर मुझे क्या पता था कि वक़्त मेरी जवानी को नया रंग दिखलाना चाहता है। मेरी घर में बहुत इज्जत है क्योंकि मैं पढाई में बहुत तेज हूँ और छोटे चाचा ८ क्लास के बाद नहीं पढ़े। जब मैं शादी में गया तो चाची को देखता ही रह गया। वो बहुत मस्त थी, उस समय उनका फिगर ३२-२८-३४ था। चाचा और चाची की जोड़ी बिल्कुल नहीं जम रही थी, जैसे लंगूर के हाथ में अंगूर या हूर !
मन तो कर रहा था कि ये अंगूर मुझे खाने को मिल जाये ! घर में शादी के बाद एक रिवाज़ की वजह से पहली रात चाची को अलग सोना था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। घर पर मेहमान काफी थे इसलिए मैं पहले से जा कर चाची के कमरे में सो गया। चाचा को बाहर ही सोना था। रात में मेरी नींद खुली तो देखा कि चाची मेरे बगल में सोयी हैं, शायद शादी की वजह से उन्हें थकान बहुत थी इसलिए वो बेधड़क सो रही थी। उनका पल्लू सीने से हट गया था। उनकी काले रंग की ब्रा देख कर मेरा ७ इंच का लंड बेकाबू हो गया।
मैंने धीरे -२ उनके ब्लोउज के बटन खोल दिए। उनकी गोरी-२ चूचियां देख कर मेरा लंड फ़नफ़ना रहा था। मैंने हौले से उनकी ब्रा की पट्टी कन्धों से किनारे हटा दी और एक हाथ से चूची को हलके-२ दबाने लगा, दूसरी चूची को अपने मुँह में भर के चूसने लगा। मुझे लगा चाची जाग गयी हैं पर सोने का बहाना कर रही हैं तो मैं धीरे से उनकी साड़ी को उपर खिसका कर उनकी चूत पर उपर से हाथ फरने लगा। थोड़ी देर में मुझे पैंटी में गीलापन महसूस हुआ। मुझे लगा चाची को मजा आ रहा है तो मैंने धीरे से उन्हें आवाज दी- चाची….. !
उन्होंने कहा- कुछ मत बोलो बस करते रहो….!
यह सुनते ही मैं उनके उपर आ गया और उनके रसीले होटों को चूमने लगा.. अब चाची मेरा पूरा साथ दे रही थी… उन्होंने मेरे पायजामे में हाथ डाल कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसकी सुपाड़े की चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी। मैं भी दोनों हाथो से उनकी गोल-२ चूचियां दबा रहा था। उनके मुँह से सेक्सी आवाजें आ रही थी- चोदो मुझे मेरे राजा ….. आज मेरी सुहागरात है …. १८ साल से ये अनचुदी है आज इसकी प्यास बुझा दो मेरे राजा ….
मैं भी गरम हो रहा था, मैंने उनकी पैंटी को उतार फेंका…और उनकी चूत में मुह लगा दिया। वो शायद एक बार झड़ चुकी थी। उनकी चूत से पानी निकल रहा था, मैं सब पी गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने दो उंगलियाँ उनकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा। उन्हें मजा आने लगा…. उन्होंने भी मेरा लंड पकड़ के मुँह में भर लिया और सटासट चाटने लगी… मैं उनके मुँह में ही झड़ गया, वो मेरा सारा रस पी गयीं। उन्होंने चूस-२ कर फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया….
वो बोली- जान अब और न तड़पाओ ! अपनी रानी को चोद दो ! मुझे मेरी प्यास बुझा दो…
मैं तो तैयार था, उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुहाने पर रखा और कहा- धक्का मारो ! मैंने भी बहुत जोर से पेल दिया पर चूत बहुत टाइट थी, लंड घुसा ही नहीं तो उसने लंड पकड़ कर ढेर सारा थूक मेरे सुपाड़े पर पोत दिया…… अबकी बार मैंने धीरे-२ धकेला तो आधा लंड अंदर चला गया…. वो दर्द से पागल हो गई, बोली- निकालो ! बाहर करो ! मैं नहीं सह पाऊँगी ! पर अब मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उसे कमर से पकड़ कर पूरे जोर से एक धक्का मारा और लंड उसकी चूत की गहराइयों को छू गया…… वो दर्द से रोने लगी पर मैं धीरे धक्के लगाने लगा। थोड़ी देर में उसे भी मजा आने लगा, उसके मुँह से आवाज निकलने लगी थी- चोदो….और जोर से…..आह…आह….मेरे राजा…..मुझे जन्नत की सैर कराओ….और अंदर डालो…आह….सी…सी…. आह…. मैं पूरे जोर से पेले जा रहा था- हाँ रानी… ले… खा ले … पूरा मेरा खा जा … ले … ले … पूरा ले … आह …राजा….मैं गई….सी….थाम लो….मुझे…..आह….
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी…..१०-१५ धक्कों के बाद हम दोनों साथ ही झड़ गये… मैंने अपनी सारी गर्मी उसकी चूत में भर दी… मैंने उठ कर देखा- खून से उसकी साड़ी लाल हो गई थी… मुझे गम न था आज एक कुंवारी चूत का रसपान जो किया था… आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उस रात मैंने उसे ४ बार चोदा…. वो शायद सबसे हसीं रात थी…. आपको अपने जीवन की कुछ और घटनाओ से अगली कहानी में वाकिफ करूँगा।
मैंने धीरे -२ उनके ब्लोउज के बटन खोल दिए। उनकी गोरी-२ चूचियां देख कर मेरा लंड फ़नफ़ना रहा था। मैंने हौले से उनकी ब्रा की पट्टी कन्धों से किनारे हटा दी और एक हाथ से चूची को हलके-२ दबाने लगा, दूसरी चूची को अपने मुँह में भर के चूसने लगा। मुझे लगा चाची जाग गयी हैं पर सोने का बहाना कर रही हैं तो मैं धीरे से उनकी साड़ी को उपर खिसका कर उनकी चूत पर उपर से हाथ फरने लगा। थोड़ी देर में मुझे पैंटी में गीलापन महसूस हुआ। मुझे लगा चाची को मजा आ रहा है तो मैंने धीरे से उन्हें आवाज दी- चाची….. !
उन्होंने कहा- कुछ मत बोलो बस करते रहो….!
यह सुनते ही मैं उनके उपर आ गया और उनके रसीले होटों को चूमने लगा.. अब चाची मेरा पूरा साथ दे रही थी… उन्होंने मेरे पायजामे में हाथ डाल कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसकी सुपाड़े की चमड़ी को ऊपर नीचे करने लगी। मैं भी दोनों हाथो से उनकी गोल-२ चूचियां दबा रहा था। उनके मुँह से सेक्सी आवाजें आ रही थी- चोदो मुझे मेरे राजा ….. आज मेरी सुहागरात है …. १८ साल से ये अनचुदी है आज इसकी प्यास बुझा दो मेरे राजा ….
मैं भी गरम हो रहा था, मैंने उनकी पैंटी को उतार फेंका…और उनकी चूत में मुह लगा दिया। वो शायद एक बार झड़ चुकी थी। उनकी चूत से पानी निकल रहा था, मैं सब पी गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने दो उंगलियाँ उनकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा। उन्हें मजा आने लगा…. उन्होंने भी मेरा लंड पकड़ के मुँह में भर लिया और सटासट चाटने लगी… मैं उनके मुँह में ही झड़ गया, वो मेरा सारा रस पी गयीं। उन्होंने चूस-२ कर फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया….
वो बोली- जान अब और न तड़पाओ ! अपनी रानी को चोद दो ! मुझे मेरी प्यास बुझा दो…
मैं तो तैयार था, उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के मुहाने पर रखा और कहा- धक्का मारो ! मैंने भी बहुत जोर से पेल दिया पर चूत बहुत टाइट थी, लंड घुसा ही नहीं तो उसने लंड पकड़ कर ढेर सारा थूक मेरे सुपाड़े पर पोत दिया…… अबकी बार मैंने धीरे-२ धकेला तो आधा लंड अंदर चला गया…. वो दर्द से पागल हो गई, बोली- निकालो ! बाहर करो ! मैं नहीं सह पाऊँगी ! पर अब मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उसे कमर से पकड़ कर पूरे जोर से एक धक्का मारा और लंड उसकी चूत की गहराइयों को छू गया…… वो दर्द से रोने लगी पर मैं धीरे धक्के लगाने लगा। थोड़ी देर में उसे भी मजा आने लगा, उसके मुँह से आवाज निकलने लगी थी- चोदो….और जोर से…..आह…आह….मेरे राजा…..मुझे जन्नत की सैर कराओ….और अंदर डालो…आह….सी…सी…. आह…. मैं पूरे जोर से पेले जा रहा था- हाँ रानी… ले… खा ले … पूरा मेरा खा जा … ले … ले … पूरा ले … आह …राजा….मैं गई….सी….थाम लो….मुझे…..आह….
मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी…..१०-१५ धक्कों के बाद हम दोनों साथ ही झड़ गये… मैंने अपनी सारी गर्मी उसकी चूत में भर दी… मैंने उठ कर देखा- खून से उसकी साड़ी लाल हो गई थी… मुझे गम न था आज एक कुंवारी चूत का रसपान जो किया था… आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उस रात मैंने उसे ४ बार चोदा…. वो शायद सबसे हसीं रात थी…. आपको अपने जीवन की कुछ और घटनाओ से अगली कहानी में वाकिफ करूँगा।
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