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मामी की चिकनी चूत और मेरा बड़ा लंड Mami ki chikni chut aur mera bada lund
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दोस्तो, मैं हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट का नियमित पाठक हूँ और आज मैं पहली बार आप लोगों के लिए कुछ अपनी हकीकत लेकर हाजिर हुआ हूँ। मेरा नाम सचिन शर्मा है और दिखने में काफी सुन्दर और आकर्षक हूँ, मैंने एम.कॉम. तक पढ़ाई की है, उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर का रहने वाला हूँ। मैं आपको अपनी मामी के साथ घटी सेक्स की घटना सुनाने जा रहा हूँ। मेरी मामी देखने में काफी कामुक हैं और उनकी देहयष्टि 34-32-36 की है, उन्हें देख कर कोई भी मुठ मारने को मजबूर हो जाए। मैं उनकी शादी के बाद से ही उनकी चुदाई के बारे सोचने लगा था कि कैसे इनकी चुदाई की जाए और हमेशा इसी ताक में रहता था। वो बरेली में रहती थीं और मैं हमेशा उनके यहाँ जाता रहता था।
दोस्तो, मैं हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट का नियमित पाठक हूँ और आज मैं पहली बार आप लोगों के लिए कुछ अपनी हकीकत लेकर हाजिर हुआ हूँ। मेरा नाम सचिन शर्मा है और दिखने में काफी सुन्दर और आकर्षक हूँ, मैंने एम.कॉम. तक पढ़ाई की है, उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर का रहने वाला हूँ। मैं आपको अपनी मामी के साथ घटी सेक्स की घटना सुनाने जा रहा हूँ। मेरी मामी देखने में काफी कामुक हैं और उनकी देहयष्टि 34-32-36 की है, उन्हें देख कर कोई भी मुठ मारने को मजबूर हो जाए। मैं उनकी शादी के बाद से ही उनकी चुदाई के बारे सोचने लगा था कि कैसे इनकी चुदाई की जाए और हमेशा इसी ताक में रहता था। वो बरेली में रहती थीं और मैं हमेशा उनके यहाँ जाता रहता था।
एक दिन जब मैं बरेली पहुँचा तो पता चला कि मामा जी दो दिन के लिए कहीं बाहर गए हैं और मामी अकेली हैं। जब मैं पहुँचा तो वो काफी खुश हो गईं और बोलीं- अच्छा हुआ तुम आ गए.. नहीं तो मैं अकेली ही रहती और बोर होती रहती..! आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर उन्होंने मुझे चाय पिलाई और फिर खाना बनाने चली गईं और मुझसे बोलीं- जब तक तुम टीवी देखो..! मैं बहुत खुश था कि आज तो इनको मैं चोद कर ही रहूँगा.. और फिर हम लोगों ने खाना साथ में ही खाया फिर थोड़ी देर बातें करने के बाद सोने की तैयारी होने लगी।
मामी बोलीं- तुम भी यहीं सो जाना.. तुम्हारे मामा जी तो हैं ही नहीं और वैसे भी डबल बेड पर दो जने बड़े आराम से सो जाते हैं।
मैं भी तैयार हो गया और बहुत खुश भी था कि आज तो चुदाई का मौका मिल ही जाएगा। फिर लाइट बंद करके हम सोते-सोते भी बातें करने लगे और बातें करती-करती ही मामी साड़ी पहने ही सो गईं और मुझे इसी वक्त का इन्तजार था और मैंने अपना काम शुरू करने की सोची और मैं उनके और करीब खिसक कर आ गया और उनकी साड़ी को ऊपर करने लगा और उनकी जाँघों को सहलाने लगा। अब धीरे-धीरे मेरे हाथ उनकी चूत तक पहुँच चुके थे और लेकिन उनकी झाँटों की जगह पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे क्योंकि शायद वो हेयर रिमूवर क्रीम इस्तेमाल करती थीं और फिर मैं उनकी चूत को सहलाने लगा। तभी मुझे लगा कि शायद वो जाग गईं और मैंने वहीं के वहीं अपना हाथ रोक दिया, पर उनकी प्रतिक्रिया विरोध की न होकर के मेरी तरफ करवट करके लेटने की थी।
अब मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और अब मैंने उनकी चूत में अपनी उंगली को आगे-पीछे करना शुरू किया। शायद सोते समय वो पैन्टी नहीं पहनती हैं और मुझे इसका फायदा मिला, सीधे उनकी चूत में मेरी उंगली पहुँच गई थी और अब वो भी झूट-मूट की नींद में ही मजे ले रही थीं और अचानक ही उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथ में थाम लिया था और आगे-पीछे करने लगीं। अब मुझे भी कोई डर नहीं था और मैंने उनकी साड़ी को निकाल कर अलग कर दिया और उनके ब्लाउज को भी उतार दिया। अब वो मेरे सामने केवल लाल ब्रा में थीं और वो भी मेरा साथ दे रही थीं। शायद इसी लिए क्योंकि उनकी शादी को 7 साल हो चुके हैं और मामा जी से कोई बच्चा नहीं हुआ था। अब वो मुझे चड्डी को उतारने का इशारा कर रही थीं। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने भी अपनी चड्डी को उतार फेंका और अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ चुके थे। अब सिर्फ कमरे में हम दोनों की ‘अह्ह्ह अह्ह्ह’ की आवाजें ही गूंज रही थीं। कुछ ही देर में वो जाने वाली थीं, तो उन्होंने मुझे बहुत कस कर अपनी चूत पर मेरा मुँह दबा दिया और फिर मेरे लण्ड को बहुत बुरी तरह से चूसने लगी और कुछ देर की चुसाई के बाद मैं भी झड़ गया अब मैं उनके मम्मों से खेल रहा था और वो मेरे लण्ड से अठखेलियाँ कर रही थीं।
थोड़ी देर की मुख-मैथुन के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और अबकी बार मैंने चूमा-चाटी के बाद सीधे ही मामी की चूत पर सवार हो गया ओर दोनों टांगों को अपने कन्धों पर रख कर मैंने चुदाई का खेल चालू किया और जैसे ही मैंने अपना लाल सुपारा चूत के मुख पर रखा और धक्का लगाया तो उनकी चीख निकल गई और मैं उनके होंठ को चूसने लगा। जब वो शान्त हो गईं तो मैंने अबकी बार में पूरा ही ठेल दिया और इस बार वो भी कसमसा कर अपनी चीख को दबा गईं और अब कमरे में मेरी और उनकी मादक सिस्कारियाँ ही निकल रही थीं। वो मस्त हो कर मुझसे कह रही थीं- चोदो सचिन.. आज फाड़ डालो इस चूत को.. बच्चा डाल दो मेरी चूत में.. अपने बच्चे की माँ बना दो मुझे..! यह सुनकर मुझे और जोश आ गया और मैं और जोर-जोर से धक्के मारने लगा।
अब मैंने चुदाई की स्थिति बदल ली थी और मैंने मामी को घोड़ी बना कर चोदना चालू कर दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वो ‘आह…अह्ह्ह्ह.. अह्ह्ह..’ की आवाजों के साथ बीस मिनट में ही झड़ गईं। अब मैं भी उनके कामरस की गर्मी पाकर रुक नहीं पाया और सारा वीर्य अपनी मामी की चूत में ही छोड़ दिया।
मामी बोलीं- तुम भी यहीं सो जाना.. तुम्हारे मामा जी तो हैं ही नहीं और वैसे भी डबल बेड पर दो जने बड़े आराम से सो जाते हैं।
मैं भी तैयार हो गया और बहुत खुश भी था कि आज तो चुदाई का मौका मिल ही जाएगा। फिर लाइट बंद करके हम सोते-सोते भी बातें करने लगे और बातें करती-करती ही मामी साड़ी पहने ही सो गईं और मुझे इसी वक्त का इन्तजार था और मैंने अपना काम शुरू करने की सोची और मैं उनके और करीब खिसक कर आ गया और उनकी साड़ी को ऊपर करने लगा और उनकी जाँघों को सहलाने लगा। अब धीरे-धीरे मेरे हाथ उनकी चूत तक पहुँच चुके थे और लेकिन उनकी झाँटों की जगह पर बिल्कुल भी बाल नहीं थे क्योंकि शायद वो हेयर रिमूवर क्रीम इस्तेमाल करती थीं और फिर मैं उनकी चूत को सहलाने लगा। तभी मुझे लगा कि शायद वो जाग गईं और मैंने वहीं के वहीं अपना हाथ रोक दिया, पर उनकी प्रतिक्रिया विरोध की न होकर के मेरी तरफ करवट करके लेटने की थी।
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थोड़ी देर की मुख-मैथुन के बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और अबकी बार मैंने चूमा-चाटी के बाद सीधे ही मामी की चूत पर सवार हो गया ओर दोनों टांगों को अपने कन्धों पर रख कर मैंने चुदाई का खेल चालू किया और जैसे ही मैंने अपना लाल सुपारा चूत के मुख पर रखा और धक्का लगाया तो उनकी चीख निकल गई और मैं उनके होंठ को चूसने लगा। जब वो शान्त हो गईं तो मैंने अबकी बार में पूरा ही ठेल दिया और इस बार वो भी कसमसा कर अपनी चीख को दबा गईं और अब कमरे में मेरी और उनकी मादक सिस्कारियाँ ही निकल रही थीं। वो मस्त हो कर मुझसे कह रही थीं- चोदो सचिन.. आज फाड़ डालो इस चूत को.. बच्चा डाल दो मेरी चूत में.. अपने बच्चे की माँ बना दो मुझे..! यह सुनकर मुझे और जोश आ गया और मैं और जोर-जोर से धक्के मारने लगा।
अब मैंने चुदाई की स्थिति बदल ली थी और मैंने मामी को घोड़ी बना कर चोदना चालू कर दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वो ‘आह…अह्ह्ह्ह.. अह्ह्ह..’ की आवाजों के साथ बीस मिनट में ही झड़ गईं। अब मैं भी उनके कामरस की गर्मी पाकर रुक नहीं पाया और सारा वीर्य अपनी मामी की चूत में ही छोड़ दिया।
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