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पति को वो करने का टाइम नहीं मिलता है Pati ko vo karne ka time nahi milta hai
पति को वो करने का टाइम नहीं मिलता है Pati ko vo karne ka time nahi milta hai , पति को चोदने का समय नहीं था इसलिए यार बनाकर चुदवाने लगी , चूत बुर और गांड को शांत करने के लिए चुदवाई , लंड लौड़े चुसे , मस्त चुदाई , सेक्स कहानी.
मै एक इंजिनियर हूँ और मेरा नाम विजय (बदला हुआ नाम) है. ये बात तब की है, जब मैं बंगलौर में था और वहां जब कर रहा था. मेरा ऑफिस और घर थोडा पास में ही था. तो मुझे कोई परेशानी नहीं होती थी ट्रेवल करने में और मेरा काफी समय सेव हो जाता था. मैं करीब 6:30 PM तक मेरे रूम पर पहुँच जाता था. अपार्टमेंट में, मैने ग्राउंडफ्लोर पर एक 2 BHK ब्लाक रेंट पर लिया था. वो पूरी बिल्डिंग ही नयी बनी हुई थी. जिसमे रहने वाला, मैं पहला रेजिडेंट था.
मै एक इंजिनियर हूँ और मेरा नाम विजय (बदला हुआ नाम) है. ये बात तब की है, जब मैं बंगलौर में था और वहां जब कर रहा था. मेरा ऑफिस और घर थोडा पास में ही था. तो मुझे कोई परेशानी नहीं होती थी ट्रेवल करने में और मेरा काफी समय सेव हो जाता था. मैं करीब 6:30 PM तक मेरे रूम पर पहुँच जाता था. अपार्टमेंट में, मैने ग्राउंडफ्लोर पर एक 2 BHK ब्लाक रेंट पर लिया था. वो पूरी बिल्डिंग ही नयी बनी हुई थी. जिसमे रहने वाला, मैं पहला रेजिडेंट था.
कुछ दिन के बाद, मेरी ही बिल्डिंग में एक कपल रहने आ गया, बिल्डिंग के 3rd फ्लोर पर. वो लोग राजस्थानी थे और वो दोनों न्यूली मैरिड कपल थे. दोनों स्टेयर (ऊपर जाने की सीढ़िया) मेरे ही फ्लैट के बगल में थे, तो वो मेरे ही ब्लाक से होकर गुज़रते थे. चुकि, पूरी बिल्डिंग में हम दोनों ही लोग थे, हम लोगो की आपस में बातचीत शुरू हो गयी थी और वो मेरे घर भी आने लगे थे. अक्सर सन्डे को या छुट्टी वाले दिन, टाइम मिलने पर वो मेरे घर आ जाते टाइम पास करने के लिए और हम टीवी देखकर या बातें करके अपना टाइम पास करते. ऐसे ही समय बीत रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
थोड़े ही दिनों में, हम लोगो की अच्छी फ्रेंडशिप हो गयी और एक दिन राजेश ने मुझसे से कहा – “अरे विजय तुम तो दिन भर ऑफिस में रहते हो और मैं भी शॉप में ही रहता हूँ और मेरी वाइफ, निकिता पूरा दिन घर अकेली रहती है और पुरे दिन बोर होती है”. तो मैने बोला – “हाँ, तो मै क्या कर सकता हु???” तो राजेश ने बोला – “कुछ नहीं अगर तुम बुरा नहीं मानोगे, तो एक रिक्वेस्ट है”. मैने बोला – “हाँ, बताओ तो सही”. तो उसने पूछा – “तुम्हारे घर की चाबी अगर तुम मेरी वाइफ को दे सकते हो, तो अच्छा रहेगा. जब भी वो बोर होगी, तो वो आके टीवी देख लेगी, तुम्हारे घर पर”. मैने कहा – “ओके, नो प्रॉब्लम. लेकिन, थोडा ध्यान से .. बैचलर का रूम है. हर चीज़ इधर-उधर पड़ी रहती है”.
वैसे ही डेज पास्ड और एक दिन मेरा ऑफिस थोडा जल्दी ख़तम हो गया और मैं 5 बजे ही घर पहुँच गया. उसदिन, निकिता बैठी हुई थी मेरे घर पर और टीवी देख रही थी. जब मैं अन्दर घुसा, तो मुझे शौक लग गया, वो मेरी ब्लूफिल्म की डीवीडी लगा कर देख रही थी. मुझे अचानक देखकर वो डर गयी और उसने डीवीडी प्लेयर बंद कर दिया और नार्मल टीवी चालू कर दिया और अपने घर जाने लगी. मैने उसे रोका और बोला – “बैठो ना, नो प्रॉब्लम. कुछ गलत नहीं है”. फिर वो मेरे कहने पर रुक गयी और डरी हुई सी बैठ गयी और बोली – “विजय, प्लीज ये बात किसी को नहीं बताना और तुम भी इस बात को इग्नोर कर देना प्लीज”. मैने बोला – “ठीक है” और वो चली गयी. वो अगले दिन से रोज़ मैने आने तक मेरे ही घर पर बैठी रहती और जब मैं आता, तो मेरे लिए चाय बनाके लाती और दोनों देर तक बातें करते और फिर मैं सिगरेट पीता और उसको भी उसके स्मोक से कोई प्रॉब्लम नहीं थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
एकदिन, वैसे ही जब मैं आया, तो वो फिर से मेरी वो ब्लूफिल्म वाली डीवीडी लगा कर देख रही थी, तो मैने वो देखा और शौक हो कर पूछा – “क्या हुआ, ब्लूफिल्म देखने का बड़ा शौक चड़ा है तुम्हें”. तो उसने पुरे डेरिंग से बोला – “हाँ कुछ ऐसा ही समझ लो, रियल लाइफ में तो कुछ ज्यादा मिलता नहीं”. तो हमारा कन्वर्सेशन कुछ ऐसे चला.
मैं – “क्यों क्या हुआ?”
निकी – “कुछ नहीं, बस मेरे हँजबेंड को उस काम के लिए टाइम ही नहीं मिलता”.
मैं – क्यों?
निकी – वो आते रात को 11 बजे तक और तब तक मुझे बहुत ही नीद आती है और मैं सोयी रहती हूँ. वो आके खाना खाते ही सो जाते है और मुझे सेक्स करने का बहुत ही इंटरेस्ट है, लेकिन उनके पास मेरे लिए टाइम ही नहीं है.
मैं – ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह तो अब क्या करना चाहती हो?
निकी – कुछ नहीं
मैं – इफ यू डोंट माइंड, मैं तुम्हे सेटइसफाई कर सकता हूँ.
निकी – ये सुनते ही वो बोली – “अरे नहीं, इट्स ओके”
मैं – देख लो गोल्डन ऑफर दे रहा हु, मेरे जैसा जबरदस्त लड़का ढूंढने से भी नहीं मिलेगा, तुम्हें!
(उसें 2 - 3 बार मना किया, फाइनली उसने एक्सेप्ट किया)
निकी – तुम क्या-क्या कर सकते हो, बताओ तो सही?
मैं – बताऊंगा नहीं, सब कुछ करके दिखाऊंगा.
मैने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी ओर खीच लिया और उसे अपनी बाहों में जकड कर हग किया, तो वो बोली – “इतनी छोटी सी बात समझने में, इतने दिन लगा दिए, विजय”? मैने उसकी ये बात को सुनते ही फुल टेम्प्ट हो गया और उसको किस करने लगा होठो पर, फुल जोर से किस किया. उसने भी बहुत जोर से और पुरे इंटरेस्ट से कोआपरेट किया. फिर मैने उसके कपडे उतारे. उसके बूब्स ओह माय गॉड! वो तो बहुत गोरे-गोरे और सॉफ्ट जैली की तरह थे. मै उन बूब्स को सक कर रहा था. 5 मिनट के बाद, उसने बोला – “सिर्फ तुम ही चूसते रहोगे, या मुझे भी लोलीपोप चूसने का मौका दोगे?” आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैं उठा और उसने मेरे सारे कपडे उतारके मेरा 7.5 इंच का लौड़ा उसके हाथ में लिया और बोला “अरे वाह, ये तो मेरे पति के लंड से काफी बड़ा है. सेम तो सेम, ब्लूफिल्म में रहता है उतना बड़ा”. उसने उसे अपने मुह में लेकर चुसना शुरू कर दिया और उसने मुझे 10 मिनट तक ब्लोजॉब दिया. मेरा आउट हो गया और उसने वो पूरा लिक्विड पी लिया और 2 - 3 मिनट तक और चूसा और मेरा लंड अगेन खड़ा हो गया, तो उसने कहा – “चलो अब रियल गेम शुरू करते है”. मैने कहा – “ मैं तो कब से रेडी हूँ”. तो उसने कहा – “अच्छा है, कब से मैं चूस रही हूँ, तुम मज़े ले रहे थे, तब क्यों नहीं रोका. मैने बोला – “कोई बात नहीं, अब मेरे पास आ जाओ, ये सारी बातें छोड़कर”.
मैने उसको पूरा नंगा किया और उसे बेड पर लिटा दिया. उसने अपने दोनों पैरो को खोलकर मुझे अपनी प्यारी सी चूत का व्यू दिखा दिया, जो उसने अच्छे से शेव कर रखी थी. मैं उसकी तरफ और भी ज्यादा टेम्प्ट हो गया और उसकी क्लीन सेव्ड चूत देखकर, मैने उसकी चूत को 4 मिनट तक चूसा. वो मेरा सिर पकड़कर बोल रही थी. “अह्ह्ह्हह्ह … उम्म्मम्म ….मम्म, विजय तुम कितने अच्छे से चूसते हो”. “अह्ह्ह्हह्ह विजय तुम मुझे पहले क्यों नहीं मिले”. अह़ा अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह विजय आआआह्ह्ह. फिर उसने मुझे मेरा सिर पकड़कर उठाया और मेरे कानो में पास आकर बोला – “प्लीज विजय, मेरी चूत बहुत ही प्यासी है. लौड़े की प्यास है मुझे आज. मुझे चोदो ना … बहुत जोर से चोदो ना”. ये सुनते ही, मैने उसके चूत में अपना लंड डाला और जोर से धक्का लगाया. तो उसकी आह निकल गयी. फिर उसे दर्द हुआ और उसने बोला – “अरे विजय, थोडा धीरे से”. उसदिन, मैने उसको बहुत चोदा और बहुत जोर से चोदा. 10 मिनट तक चोदते ही रहा और उसकी आँखे बंद हो गयी थी
और उसकी जुबान से सिर्फ अहह्ह्ह निकल रही थी और वो बार-बार बोल रही थी – “विजय चोदो..विजय चोदो…मुझे चोदो..आज बहुत चोदो मुझे विजय … मेरी चूत फाड़ दो, विजय … और जोर से चोदो. मेरा हँजबेंड तो मुझे प्यार नहीं करता, तुम मुझे प्यार करो ना, मुझे बहुत प्यार करो. मुझे बहुत प्यार करो और मुझे बहुत चोदो..आज मैं सिर्फ तुम्हारी हु … सिर्फ तुम्हारी … चोदो मुझे ..बहुत जोर से चोदो”. मेरा आउट हो गया और उसने बोला – “तुम मेरे अन्दर ही आउट करो, मुझे बहुत अच्छा लगेगा”. और उस दिन उसका पति घर नहीं आने वाला था. तो वो रात भर मेरे घर पर ही थी. हम दोनों ने रात भर ब्लू फिल्म्स देखि और वही पोजिशन में सेक्स किया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
उस दिन के बाद से तो मेरी लाटरी लग गयी. रोज़ जब मैं घर जाता हूँ, तो मेरे लिए फ्रेश होने के लिए गरम पानी लाती है और एक मस्त सेक्सी चूत अपनी सेक्सी ब्रा और पेंटी में तैयार रहती है, एक गरम और वाइल्ड सेशन के लिए.
Tags: पति को वो करने का टाइम नहीं मिलता है Pati ko vo karne ka time nahi milta hai , पति को चोदने का समय नहीं था इसलिए यार बनाकर चुदवाने लगी , चूत बुर और गांड को शांत करने के लिए चुदवाई , लंड लौड़े चुसे , मस्त चुदाई , सेक्स कहानी.
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