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माँ ने दूध वाले को दूध पिलाया - दूधिये ने की माँ की चुदाई - गचागच चोदा - Maa ko dudhiye ne choda
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एक दिन में घर पर वापस एक काम से पेपर लेने आया और घर की एक चाबी मेरे पास भी है तो मैंने आराम से गेट खोला और अंदर आ गया। जैसे ही में घर के अंदर आया तो मुझे माँ की हंसने की आवाज़ आ रही थी और साथ में कोई आदमी भी था। अब में समझ गया कि बेटा तू आज टाईम से ही आया है और में आराम से अंदर की तरफ गया और जैसे ही खिड़की के पास खड़े होकर देखा तो में वहीं खड़ा हो गया।
मैंने अंदर देखा कि मेरे दूध वाले अंकल थे और मम्मी उनके बिल्कुल पास बैठी थी और वो दोनों हंस हंसकर बात कर रहे थे। फिर उन अंकल ने बोला कि भाभी आप बहुत अच्छी हो और बहुत मज़ाक करती हो, घर में आपके साथ तो दिल लग जाता है। तो माँ ने बोला कि अरे कहा भाई साहब बस यहाँ वहाँ की कर लेती हूँ और भाभी जी कैसे है? बच्चे कैसे है? ऐसे ही बात चल रही थी।
अब में हैरान था कि आज सब कुछ नॉर्मल कैसे है? फिर थोड़ी देर ऐसे ही बात होती रही, अब में देखता रहा। फिर अंकल ने बोला कि भाभी जी भाई साहब आपको खुश नहीं रखते क्या? तो माँ बोली नहीं ऐसी बात नहीं है, लेकिन में कुछ ज़्यादा ही खुश रहना चाहती हूँ ना। फिर अंकल माँ के बूब्स के पास हाथ लगाकर बोले आज दूध पिला दो भाभी। फिर माँ ने बोला कि पी लो मैंने कब मना किया है, फिर अंकल ने माँ के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। अब माँ बस हाहाअ उम्म्म्मम कर रही थी, फिर अंकल ने माँ को लिप किस किया और माँ के ब्लाउज को उतार दिया और हाथ से दबाने लगा और ब्रा भी उतार दी।
फिर थोड़ी देर किस करने के बाद वो नीचे आकर माँ के बूब्स को चूसने लगा और बोला कि भाभी आज सारा दूध पी जाऊंगा, भैया के लिए कुछ नहीं छोडूंगा। तो अब माँ बोल रही थी कि पी लो, आपके भैया तो आपका लाया हुआ दूध ही पी लेंगे, ये आप पी लो और अंकल जैसे छोटे बच्चे दूध पीते है वैसे चूसने लगे। अब माँ बस हाहाअ उम्म्म आराम से कर रही थी और उनके सिर पर हाथ फैर रही थी।
फिर अंकल अपने एक हाथ से माँ की साड़ी उतारने लगे, लेकिन माँ बैठी थी तो साड़ी उतर नहीं रही थी। फिर अंकल ने माँ को खड़ा करके माँ की साड़ी उतार दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। अब माँ बस पेंटी में थी और फिर उसने माँ को अपनी गोद में बैठा लिया और दूध पीने लगा। फिर माँ ने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और माँ ने बोला कि सब उतार दो ना। फिर अंकल ने उठकर अपने सारे कपड़े खोल दिए और माँ की पेंटी भी उतार दी। माँ की चूत पर हल्के-हल्के बाल थे और फिर अंकल ने हाथ लगाकर बोला कि भाभी आज बाल साफ़ नहीं किए। तो माँ ने बोला कि मुझे क्या पता था कि आज तुम आ जाओंगे नहीं तो करके रखती? फिर माँ ने उनके लंड पर हाथ रखा और उनके लंड को दबाने लगी, उसका लंड एकदम काला था और माँ की चूत एकदम गोरी थी।
फिर अंकल ने माँ को बेड पर लेटा दिया और माँ की चूत पर किस करने लगे तो माँ एकदम से मचलने लगी और वो माँ की चूत में उंगली डालने लगा। अब माँ को बहुत मज़ा आ रहा था, फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद अंकल ने अपने लंड की तरफ देखकर माँ से बोला कि भाभी थोड़ा प्यार इसे भी दे दो। तो माँ ने कहा कि लाओ में इसे बहुत प्यार करुँगी, थोड़ा क्यों? तो अंकल ने माँ की तरफ अपना लंड कर दिया और उनकी चूत चाटने लगा, अब माँ अंकल का काला लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। फिर ऐसे ही थोड़ी देर तक करने के बाद अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और माँ से बोला कि भाभी कंडोम दो। फिर माँ ने उसे कंडोम निकाल कर दिया, फिर अंकल बोले कि लगा दो तो माँ ने उनके लंड पर कंडोम लगा दिया। फिर अंकल ने माँ की चूत के पास लंड रखकर हल्का सा टच किया तो मेरी माँ उम्म्म्मम करने लगी और बोली डाल दो अब इसे।
फिर अंकल ने माँ की चूत पर अपना लंड हल्का सा अंदर किया, अब अंकल का लंड आराम से माँ की चूत में जा रहा था। इससे सब पता चल रहा था कि माँ बहुत चुदती है और अंकल ने माँ की चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया और उनके ऊपर आकर दूध पीने लगे और आराम-आराम से चूत मारने लगे।
फिर थोड़ी देर तक आराम से मारने के बाद अंकल ने अपनी स्पीड तेज कर दी और अंदर ही फ्री हो गये, लेकिन उन्होंने कंडोम लगा रखा था तो कोई प्रोब्लम नहीं थी और माँ के ऊपर ही लेट गये। अब माँ भी शायद झड़ चुकी थी, अब वो उनके सिर पर हाथ घुमा रही थी और वो माँ का दूध पी रहा था। फिर अंकल उठे और कपड़े पहने लगे, फिर माँ ने उनके लंड से कंडोम निकाला और लंड चूसकर पूरा साफ किया और अपने कपड़े पहन लिए। फिर में गेट को लॉक करके बाहर चला गया और फिर अंकल भी थोड़ी देर के बाद जब चले गये तो उसके 20 मिनट के बाद में घर पर आया और दरवाजे की घंटी बजाकर पेपर लेकर वापस चला गया, जैसे मुझको कुछ पता ही नहीं हो।
एक दिन में घर पर वापस एक काम से पेपर लेने आया और घर की एक चाबी मेरे पास भी है तो मैंने आराम से गेट खोला और अंदर आ गया। जैसे ही में घर के अंदर आया तो मुझे माँ की हंसने की आवाज़ आ रही थी और साथ में कोई आदमी भी था। अब में समझ गया कि बेटा तू आज टाईम से ही आया है और में आराम से अंदर की तरफ गया और जैसे ही खिड़की के पास खड़े होकर देखा तो में वहीं खड़ा हो गया।
मैंने अंदर देखा कि मेरे दूध वाले अंकल थे और मम्मी उनके बिल्कुल पास बैठी थी और वो दोनों हंस हंसकर बात कर रहे थे। फिर उन अंकल ने बोला कि भाभी आप बहुत अच्छी हो और बहुत मज़ाक करती हो, घर में आपके साथ तो दिल लग जाता है। तो माँ ने बोला कि अरे कहा भाई साहब बस यहाँ वहाँ की कर लेती हूँ और भाभी जी कैसे है? बच्चे कैसे है? ऐसे ही बात चल रही थी।
अब में हैरान था कि आज सब कुछ नॉर्मल कैसे है? फिर थोड़ी देर ऐसे ही बात होती रही, अब में देखता रहा। फिर अंकल ने बोला कि भाभी जी भाई साहब आपको खुश नहीं रखते क्या? तो माँ बोली नहीं ऐसी बात नहीं है, लेकिन में कुछ ज़्यादा ही खुश रहना चाहती हूँ ना। फिर अंकल माँ के बूब्स के पास हाथ लगाकर बोले आज दूध पिला दो भाभी। फिर माँ ने बोला कि पी लो मैंने कब मना किया है, फिर अंकल ने माँ के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। अब माँ बस हाहाअ उम्म्म्मम कर रही थी, फिर अंकल ने माँ को लिप किस किया और माँ के ब्लाउज को उतार दिया और हाथ से दबाने लगा और ब्रा भी उतार दी।
फिर थोड़ी देर किस करने के बाद वो नीचे आकर माँ के बूब्स को चूसने लगा और बोला कि भाभी आज सारा दूध पी जाऊंगा, भैया के लिए कुछ नहीं छोडूंगा। तो अब माँ बोल रही थी कि पी लो, आपके भैया तो आपका लाया हुआ दूध ही पी लेंगे, ये आप पी लो और अंकल जैसे छोटे बच्चे दूध पीते है वैसे चूसने लगे। अब माँ बस हाहाअ उम्म्म आराम से कर रही थी और उनके सिर पर हाथ फैर रही थी।
फिर अंकल अपने एक हाथ से माँ की साड़ी उतारने लगे, लेकिन माँ बैठी थी तो साड़ी उतर नहीं रही थी। फिर अंकल ने माँ को खड़ा करके माँ की साड़ी उतार दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। अब माँ बस पेंटी में थी और फिर उसने माँ को अपनी गोद में बैठा लिया और दूध पीने लगा। फिर माँ ने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और माँ ने बोला कि सब उतार दो ना। फिर अंकल ने उठकर अपने सारे कपड़े खोल दिए और माँ की पेंटी भी उतार दी। माँ की चूत पर हल्के-हल्के बाल थे और फिर अंकल ने हाथ लगाकर बोला कि भाभी आज बाल साफ़ नहीं किए। तो माँ ने बोला कि मुझे क्या पता था कि आज तुम आ जाओंगे नहीं तो करके रखती? फिर माँ ने उनके लंड पर हाथ रखा और उनके लंड को दबाने लगी, उसका लंड एकदम काला था और माँ की चूत एकदम गोरी थी।
फिर अंकल ने माँ को बेड पर लेटा दिया और माँ की चूत पर किस करने लगे तो माँ एकदम से मचलने लगी और वो माँ की चूत में उंगली डालने लगा। अब माँ को बहुत मज़ा आ रहा था, फिर थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद अंकल ने अपने लंड की तरफ देखकर माँ से बोला कि भाभी थोड़ा प्यार इसे भी दे दो। तो माँ ने कहा कि लाओ में इसे बहुत प्यार करुँगी, थोड़ा क्यों? तो अंकल ने माँ की तरफ अपना लंड कर दिया और उनकी चूत चाटने लगा, अब माँ अंकल का काला लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। फिर ऐसे ही थोड़ी देर तक करने के बाद अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और माँ से बोला कि भाभी कंडोम दो। फिर माँ ने उसे कंडोम निकाल कर दिया, फिर अंकल बोले कि लगा दो तो माँ ने उनके लंड पर कंडोम लगा दिया। फिर अंकल ने माँ की चूत के पास लंड रखकर हल्का सा टच किया तो मेरी माँ उम्म्म्मम करने लगी और बोली डाल दो अब इसे।
फिर अंकल ने माँ की चूत पर अपना लंड हल्का सा अंदर किया, अब अंकल का लंड आराम से माँ की चूत में जा रहा था। इससे सब पता चल रहा था कि माँ बहुत चुदती है और अंकल ने माँ की चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया और उनके ऊपर आकर दूध पीने लगे और आराम-आराम से चूत मारने लगे।
फिर थोड़ी देर तक आराम से मारने के बाद अंकल ने अपनी स्पीड तेज कर दी और अंदर ही फ्री हो गये, लेकिन उन्होंने कंडोम लगा रखा था तो कोई प्रोब्लम नहीं थी और माँ के ऊपर ही लेट गये। अब माँ भी शायद झड़ चुकी थी, अब वो उनके सिर पर हाथ घुमा रही थी और वो माँ का दूध पी रहा था। फिर अंकल उठे और कपड़े पहने लगे, फिर माँ ने उनके लंड से कंडोम निकाला और लंड चूसकर पूरा साफ किया और अपने कपड़े पहन लिए। फिर में गेट को लॉक करके बाहर चला गया और फिर अंकल भी थोड़ी देर के बाद जब चले गये तो उसके 20 मिनट के बाद में घर पर आया और दरवाजे की घंटी बजाकर पेपर लेकर वापस चला गया, जैसे मुझको कुछ पता ही नहीं हो।
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