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चुदवाने के लिए तेरे पास खुद आएगी - Sex ka mantar
देखो यार किसी एक खूबसूरत बीवी को पटा लो, उसे खूब चोदो, कई बार चोदो, कई दिन तक चोदो। अगर वह तेरी चुदाई से खुश हो गयी तो फिर तुम्हे कई बीवियां मिलेंगीं चोदने के लिए। एक के बाद एक बीवी तुमसे चुदवाने के लिए तेरे पास खुद आएगी। एक बात याद रखना की खूबसूरत बीवियां चुदवाने के लिए जल्दी तैयार हो जातीं हैं। क्योंकि खूबसूरत बीवियां अक्सर बदचलन होतीं हैं, पराये मरद के लण्ड की दीवानी होतीं हैं और बड़े मन से मस्त होकर चुदवाती हैं। यह मेरा पर्सनल अनुभव है। मुस्लिम बीवियां, बंगाली बीवियां और पंजाबी बीवियां बहुत खूबसूरत होतीं हैं। ये सब बीवियां लण्ड खूब अच्छी तरह से चूसती हैं और लण्ड पीने में तो लाजबाब होतीं हैं। मेरा नाम रोहित है मैं 30 साल का मद मस्त कसरती जवान हूँ।
गोरा चिट्टा हूँ पढ़ा लिखा हूँ स्मार्ट और हैंडसम हूँ। बीवियों की नज़र में मैं हॉट भी बहुत हूँ। मेरा कद ५' 10" है। लड़कियां एक बार देख कर मुझे दुबारा जरूर देखतीं हैं। बीवियां तो मुझे एक बार देख कर फिर कई बार देखतीं हैं और बाद में मेरी चर्चा भी करतीं हैं। मैं एक बहुत बड़ी कंपनी में काम करता हूँ। वहां कई बीवियां आती जाती रहतीं हैं। मेरी नज़र एक बीवी पर लगी हुई थी। वह बला की खूबसूरत थी. सेक्सी और गज़ब की हॉट लग रही थी। मेरा मन था की इसके मुंह में लौड़ा अभी पेल दूँ। फिर मैंने एक दिन उसका नाम पूंछ ही लिया।
वह बोली मेरा नाम मिसेज स्मिता घोष है। मैं एक बंगाली औरत हूँ। यही पास में ही रहती हूँ आप कभी आईये मेरे घर। उसने मुझे अपना कार्ड पकड़ा दिया। मैंने कहा हां जरूर आऊंगा मैडम। मैं बहुत ही खुश हुआ और मैं अपने आप को रोक नहीं पाया। मैं अगले दिन संडे को उसके घर चला ही गया। वह मुझे देख कर बहुत खुश हो गई मुझे अंदर बैठाया और मुझसे प्यार से बातें करने लगीं। मैंने कहा भाई साहेब नहीं दिख रहें है ? वह बोली तेरे भाई साहेब टूर पर गएँ हैं। दो दिन बाद आयेंगें। मैं मन ही मन बड़ा खुश हुआ।
मैंने कहा - मैडम आपने मुझे बड़े प्यार से बुलाया तो मैं आ गया।
वह बोली - देखो रोहित मैं घर में मैडम नहीं हूँ। मुझे मैडम मत कहो बहन चोद । मैं तुम्हारी भाभी हूँ मुझे भाभी कहो। मुझे भाभी कहलवाना बड़ा अच्छा लगता है।
मुझे तो उसे पटाना था. वह खूबसूरत थी, अकेली थी और उसके मुंह से गाली निकली तो मुझे यकीन हो गया की वह अब पट जाएगी। मैंने कहा ठीक है भाभी जी वैसे भी आप भाभी हैं और आज तो आप बहुत ही सुन्दर लग रहीं हैं।
अच्छा तो यह बात है। लाइन मार रहे हो क्या मुझ पर ?
हां बिलकुल अब मैं आपका देवर हूँ तो लाइन मारना मेरा हक़ है भाभी जी।
हक़ तो मेरा भी है रोहित अपने देवर पर। और मैं बहुत कुछ मांग सकती हूँ तुमसे।
हां हां तो मांग लो भाभी मैं सब कुछ देने को तैयार हूँ। आप जैसी इतनी खूबसूरत भाभी, इतनी मस्त भाभी और इतनी प्यारी प्यारी बातें करने वाली भाभी बड़े नसीबवालों को मिलतीं हैं और मैं नसीबवाला हूँ।
अच्छा अब मुझे और उकसाओ नहीं तो मैं तेरा सब कुछ ले लूंगी। अच्छा ये बताओ की लोगे ? चाय काफी या फिर व्हिस्की ? ?
अब भाभी के साथ तो व्हिस्की ही चलेगी।
मैं भी यही चाहती थी।
थोड़ी देर में उसने ड्रिंक्स का पूरा सेट लगा दिया। इस बार उसके कपड़े बदले हुए थे। वह केवल घाघरा पहने थी और गले में एक माला की तरह चुन्नी डाले हुईं थीं। नीचे शायद ब्रा भी नहीं थी क्योंकि उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ हिलती हुई दिखाई पड़ रहीं थीं। मेरी नज़र वहीँ पर टिक गई। उसने मुझे ड्रिंक बनाकर दिया और हमने चियर्स कह कर पीना शुरू कर दिया। उसकी उम्र लगभग मेरी ही उम्र के बराबर होगी। एक पैग तक तो हम दोनों इधर उधर की बातें करते रहे पर दूसरे पैग में राज़ खुलने लगे। वह बोली रोहित देखो तुम मुझे एक अच्छे इन्शान लगते हो। मैं अपनी बात तुमसे खुल कर कह सकती हूँ।
मैंने कहा अरे भाभी जी बिलकुल खुल कर कहो न। मुझे पर भरोषा रखो। वह बोली यार बात यह है की मैं अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं हूँ। सच पूंछो तो मेरी सेक्स लाइफ कुछ है ही नहीं। मैं मजबूरी में जैसे तैसे दिन काट रही हूँ। मेरा पास सब कुछ है पर मेरा मन का "वो" नहीं है। मैंने पूंछा - भाभी जो "वो" क्या चीज ? वह छूटते ही बोली "वो" का मतलब मेरे पास मेरे मन का लण्ड नहीं है यार ? मुझे मेरे मन का लण्ड आज तक नहीं मिला ? मैंने कहा - भाई साहेब हैं तो भाभी जी ? वह बोली - उसकी माँ का भोसड़ा, उसके लण्ड की माँ की चूत ? उसका मादर चोद लण्ड किसी मतलब का नहीं है। झांट भर का है उसका लण्ड ? वो भी बड़ी मुश्किल से मिलता है। अक्सर वह बाहर ही रहता है और जब यहाँ रहता है तो रोज़ चोदता नहीं है और जब चोदता है तो जल्दी झड़ जाता है और मैं चुदासी ही रह जातीं हूँ। मेरी चूत बहन चोद आज भी अनचुदी है। मेरी चूत और कुवांरी चूत में कोई फरक नहीं है।
मैं ये सब सुनकर हैरान भी हुआ और खुश भी। मेरा लण्ड साला अंदर ही अंदर उछलने लगा। नशा धीरे धीरे और चढ़ा तो वह और खुल कर बोलने लगी। मैं ने भाभी जी आपने कभी और के साथ कोशिश नहीं की ? वह बोली - कोशिश की थी पर वह भी नाकारा निकला। एक दिन चोदा और दूसरे दिन से आया ही नहीं माँ का लौड़ा। शायद वह डर गया था। हालांकि लण्ड उसका बढ़िया था और चोदा भी उसने अच्छी तरह से था पर मेरे मुकद्दर ने मेरा साथ नहीं दिया। बस उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख कर कहा रोहित मेरे देवर राजा आज तुम मुझे अपना लण्ड दे दो प्लीज। आज मैं तेरा लण्ड रात भर अपने साथ रखूंगी। देखो न मत करना। नहीं तो मेरा दिल टूट जायेगा। मैंने हंस कर कहा नहीं भाभी जी मैं आपका दिल नहीं तोडूंगा। जो तुम कहोगी मैं वही करूंगा। बस उसने अपनी चुन्नी उत्तर कर फेंक दी और अपनी बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियाँ मुझे दिखा दीं। मैं चूँचियाँ देख कर मस्त हो गया। वह मुझसे चिपट गयी।
हम दोनों आमने सामने खड़े हो गए। उसने मेरे गाल चूमे और मैंने उसके। वह बोली रोहित मुझे तुमसे अब प्यार हो गया है। बस वह मेरे कपड़े खोलने लगी। , मेरी शर्ट उतारी बनियाइन उतारी और मेरी नंगी छाती पर हाथ फेरने लगी बोली मुझे मर्द की छाती के बाल बहुत अच्छे लगतें हैं। फिर वह मुस्कराती हुई मेरी पैंट खोलने लगी। पैंट खुली तो मैं चड्ढी में आ गया। चड्ढी पर मेरे लण्ड का उभार साफ़ साफ़ मालूम हो रहा था। उसने अपने घुटनो के बल बैठ कर उस पर बड़े प्यार से हाथ फेरा। कई बार फेरा और फिर एक ही झटके में मेरी चड्ढी खोल दी। मेरा खड़ा लण्ड उसके गाल पर थप्पड़ जैसा लगा तो वह ख़ुशी के मारे मस्त हो गयी। लण्ड मुठ्ठी में पकड़ा कई बार चूमा, हिलाया और फिर बोली वॉवो लौड़ा तो बड़ा मस्त है जबरदस्त है यार। मुझे ऐसे ही लण्ड की तलाश थी। उसने ताबड़तोड़ लण्ड की कई और चुम्मियाँ लीं। पेल्हड़ भी खूब चूमें और बोली अब मैं इसे रात भर अपने पास रखूंगी अपनी चूतमे रखूंगी अपनी चूँचियों के बीच रखूंगी। आज मेरी तमन्ना पूरी होगी। आज का दिन मेरे लिये बड़ा शुभ दिन है जो इतने बढ़िया लण्ड के दर्शन हुए। तब तक स्मिता भाभी बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मैं उसकी मस्तानी चूत देख कर मस्त हो गया। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ सहलाने लगा मसलने लगा। उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा।
उसने कहा - यार रोहित तेरा लण्ड 8" लम्बा है और मोटा भी 5" + है। आज मेरी चूत को पेट भर खाना मिलेगा। आज चूत का बाजा खूब बजेगा। आज मेरी बुर की दिवाली हो जाएगी। बस वह लण्ड चाटने चूसने और चूमने में जुट गई। मैं भी उसकी बुर और चूँची का मज़ा लेने लगा। आधे घंटे तक हम दोनों इसी तरह मज़ा लेते रहे फिर न मुझे रहा गया और न उससे। उसने अपनी टांगें फैला दीं और कहा लो मेरे देवर राजा मेरी बुर चोदो। मैं पलंग के नीचे खड़ा हो गया और उसे किनारे घसीट लिया। उसकी गांड के नीचे दो तकिया लगा दिया उसकी बुर ऊपर उठ गयी। मैंने लण्ड का सुपाड़ा उसकी बुर पर रगड़ा और खूब रगड़ा फिर पेल दिया लण्ड अंदर। लण्ड साला सरसराता हुआ सांप की तरह बिल में घुस गया। उसके मुंह से निकला उई माँ आज मुझे आया मज़ा लण्ड घुसवा ने का। वाह क्या लौड़ा है तेरा रोहित। एकदम चिपक कर घुस गया बहन चोद। मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लीं और गपागप चोदने लगा उसकी बुर और धीरे धीरे बढ़ाने लगा चोदने की स्पीड। वह भी मस्ती से साथ देने लगी। उसकी चूँचियाँ उछलने लगी और नाचने लगे उसके बड़े बड़े बूब्स जिन्हे देख कर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। मैं पागलों की बुर चोदने में जुट गया।
वह मस्ती में कुछ न कुछ बोलने लगी - हाय मेरे राजा मुझे खूब चोदो -- मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो -- फाड़ डालो मेरी बुर -- मेरी माँ का भोसड़ा चोद डालो यार -- तेरा लण्ड मादर चोद बड़ा बेरहम है -- हाय दईया मैं मैं बहुत दिनों से चुदासी थी -- आज मुझे भगवान् ने लण्ड भेज दिया -- खूब हचक हचक के चोदो -- मेरी चूत के चीथड़े उड़ा दो -- चाहो तो मेरी गांड भी चोद लो यार -- अब मुझे छोड़ कर जाना नहीं कभी -- तेरी लण्ड की बहन का भोसड़ा -- तेरे लण्ड की गांड -- वॉव ऊँ हूं आ ओ हो आ उन हां हां हे हे मैं मर गई -- चुद गयी मेरी बुर -- मेरी माँ चुदी जा रही है बुर चोदी-- पेले रहो लण्ड -- चोदे जाओ बुर।
गोरा चिट्टा हूँ पढ़ा लिखा हूँ स्मार्ट और हैंडसम हूँ। बीवियों की नज़र में मैं हॉट भी बहुत हूँ। मेरा कद ५' 10" है। लड़कियां एक बार देख कर मुझे दुबारा जरूर देखतीं हैं। बीवियां तो मुझे एक बार देख कर फिर कई बार देखतीं हैं और बाद में मेरी चर्चा भी करतीं हैं। मैं एक बहुत बड़ी कंपनी में काम करता हूँ। वहां कई बीवियां आती जाती रहतीं हैं। मेरी नज़र एक बीवी पर लगी हुई थी। वह बला की खूबसूरत थी. सेक्सी और गज़ब की हॉट लग रही थी। मेरा मन था की इसके मुंह में लौड़ा अभी पेल दूँ। फिर मैंने एक दिन उसका नाम पूंछ ही लिया।
वह बोली मेरा नाम मिसेज स्मिता घोष है। मैं एक बंगाली औरत हूँ। यही पास में ही रहती हूँ आप कभी आईये मेरे घर। उसने मुझे अपना कार्ड पकड़ा दिया। मैंने कहा हां जरूर आऊंगा मैडम। मैं बहुत ही खुश हुआ और मैं अपने आप को रोक नहीं पाया। मैं अगले दिन संडे को उसके घर चला ही गया। वह मुझे देख कर बहुत खुश हो गई मुझे अंदर बैठाया और मुझसे प्यार से बातें करने लगीं। मैंने कहा भाई साहेब नहीं दिख रहें है ? वह बोली तेरे भाई साहेब टूर पर गएँ हैं। दो दिन बाद आयेंगें। मैं मन ही मन बड़ा खुश हुआ।
मैंने कहा - मैडम आपने मुझे बड़े प्यार से बुलाया तो मैं आ गया।
वह बोली - देखो रोहित मैं घर में मैडम नहीं हूँ। मुझे मैडम मत कहो बहन चोद । मैं तुम्हारी भाभी हूँ मुझे भाभी कहो। मुझे भाभी कहलवाना बड़ा अच्छा लगता है।
मुझे तो उसे पटाना था. वह खूबसूरत थी, अकेली थी और उसके मुंह से गाली निकली तो मुझे यकीन हो गया की वह अब पट जाएगी। मैंने कहा ठीक है भाभी जी वैसे भी आप भाभी हैं और आज तो आप बहुत ही सुन्दर लग रहीं हैं।
अच्छा तो यह बात है। लाइन मार रहे हो क्या मुझ पर ?
हां बिलकुल अब मैं आपका देवर हूँ तो लाइन मारना मेरा हक़ है भाभी जी।
हक़ तो मेरा भी है रोहित अपने देवर पर। और मैं बहुत कुछ मांग सकती हूँ तुमसे।
हां हां तो मांग लो भाभी मैं सब कुछ देने को तैयार हूँ। आप जैसी इतनी खूबसूरत भाभी, इतनी मस्त भाभी और इतनी प्यारी प्यारी बातें करने वाली भाभी बड़े नसीबवालों को मिलतीं हैं और मैं नसीबवाला हूँ।
अच्छा अब मुझे और उकसाओ नहीं तो मैं तेरा सब कुछ ले लूंगी। अच्छा ये बताओ की लोगे ? चाय काफी या फिर व्हिस्की ? ?
अब भाभी के साथ तो व्हिस्की ही चलेगी।
मैं भी यही चाहती थी।
थोड़ी देर में उसने ड्रिंक्स का पूरा सेट लगा दिया। इस बार उसके कपड़े बदले हुए थे। वह केवल घाघरा पहने थी और गले में एक माला की तरह चुन्नी डाले हुईं थीं। नीचे शायद ब्रा भी नहीं थी क्योंकि उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ हिलती हुई दिखाई पड़ रहीं थीं। मेरी नज़र वहीँ पर टिक गई। उसने मुझे ड्रिंक बनाकर दिया और हमने चियर्स कह कर पीना शुरू कर दिया। उसकी उम्र लगभग मेरी ही उम्र के बराबर होगी। एक पैग तक तो हम दोनों इधर उधर की बातें करते रहे पर दूसरे पैग में राज़ खुलने लगे। वह बोली रोहित देखो तुम मुझे एक अच्छे इन्शान लगते हो। मैं अपनी बात तुमसे खुल कर कह सकती हूँ।
मैंने कहा अरे भाभी जी बिलकुल खुल कर कहो न। मुझे पर भरोषा रखो। वह बोली यार बात यह है की मैं अपनी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं हूँ। सच पूंछो तो मेरी सेक्स लाइफ कुछ है ही नहीं। मैं मजबूरी में जैसे तैसे दिन काट रही हूँ। मेरा पास सब कुछ है पर मेरा मन का "वो" नहीं है। मैंने पूंछा - भाभी जो "वो" क्या चीज ? वह छूटते ही बोली "वो" का मतलब मेरे पास मेरे मन का लण्ड नहीं है यार ? मुझे मेरे मन का लण्ड आज तक नहीं मिला ? मैंने कहा - भाई साहेब हैं तो भाभी जी ? वह बोली - उसकी माँ का भोसड़ा, उसके लण्ड की माँ की चूत ? उसका मादर चोद लण्ड किसी मतलब का नहीं है। झांट भर का है उसका लण्ड ? वो भी बड़ी मुश्किल से मिलता है। अक्सर वह बाहर ही रहता है और जब यहाँ रहता है तो रोज़ चोदता नहीं है और जब चोदता है तो जल्दी झड़ जाता है और मैं चुदासी ही रह जातीं हूँ। मेरी चूत बहन चोद आज भी अनचुदी है। मेरी चूत और कुवांरी चूत में कोई फरक नहीं है।
मैं ये सब सुनकर हैरान भी हुआ और खुश भी। मेरा लण्ड साला अंदर ही अंदर उछलने लगा। नशा धीरे धीरे और चढ़ा तो वह और खुल कर बोलने लगी। मैं ने भाभी जी आपने कभी और के साथ कोशिश नहीं की ? वह बोली - कोशिश की थी पर वह भी नाकारा निकला। एक दिन चोदा और दूसरे दिन से आया ही नहीं माँ का लौड़ा। शायद वह डर गया था। हालांकि लण्ड उसका बढ़िया था और चोदा भी उसने अच्छी तरह से था पर मेरे मुकद्दर ने मेरा साथ नहीं दिया। बस उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख कर कहा रोहित मेरे देवर राजा आज तुम मुझे अपना लण्ड दे दो प्लीज। आज मैं तेरा लण्ड रात भर अपने साथ रखूंगी। देखो न मत करना। नहीं तो मेरा दिल टूट जायेगा। मैंने हंस कर कहा नहीं भाभी जी मैं आपका दिल नहीं तोडूंगा। जो तुम कहोगी मैं वही करूंगा। बस उसने अपनी चुन्नी उत्तर कर फेंक दी और अपनी बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियाँ मुझे दिखा दीं। मैं चूँचियाँ देख कर मस्त हो गया। वह मुझसे चिपट गयी।
हम दोनों आमने सामने खड़े हो गए। उसने मेरे गाल चूमे और मैंने उसके। वह बोली रोहित मुझे तुमसे अब प्यार हो गया है। बस वह मेरे कपड़े खोलने लगी। , मेरी शर्ट उतारी बनियाइन उतारी और मेरी नंगी छाती पर हाथ फेरने लगी बोली मुझे मर्द की छाती के बाल बहुत अच्छे लगतें हैं। फिर वह मुस्कराती हुई मेरी पैंट खोलने लगी। पैंट खुली तो मैं चड्ढी में आ गया। चड्ढी पर मेरे लण्ड का उभार साफ़ साफ़ मालूम हो रहा था। उसने अपने घुटनो के बल बैठ कर उस पर बड़े प्यार से हाथ फेरा। कई बार फेरा और फिर एक ही झटके में मेरी चड्ढी खोल दी। मेरा खड़ा लण्ड उसके गाल पर थप्पड़ जैसा लगा तो वह ख़ुशी के मारे मस्त हो गयी। लण्ड मुठ्ठी में पकड़ा कई बार चूमा, हिलाया और फिर बोली वॉवो लौड़ा तो बड़ा मस्त है जबरदस्त है यार। मुझे ऐसे ही लण्ड की तलाश थी। उसने ताबड़तोड़ लण्ड की कई और चुम्मियाँ लीं। पेल्हड़ भी खूब चूमें और बोली अब मैं इसे रात भर अपने पास रखूंगी अपनी चूतमे रखूंगी अपनी चूँचियों के बीच रखूंगी। आज मेरी तमन्ना पूरी होगी। आज का दिन मेरे लिये बड़ा शुभ दिन है जो इतने बढ़िया लण्ड के दर्शन हुए। तब तक स्मिता भाभी बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मैं उसकी मस्तानी चूत देख कर मस्त हो गया। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ सहलाने लगा मसलने लगा। उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा।
उसने कहा - यार रोहित तेरा लण्ड 8" लम्बा है और मोटा भी 5" + है। आज मेरी चूत को पेट भर खाना मिलेगा। आज चूत का बाजा खूब बजेगा। आज मेरी बुर की दिवाली हो जाएगी। बस वह लण्ड चाटने चूसने और चूमने में जुट गई। मैं भी उसकी बुर और चूँची का मज़ा लेने लगा। आधे घंटे तक हम दोनों इसी तरह मज़ा लेते रहे फिर न मुझे रहा गया और न उससे। उसने अपनी टांगें फैला दीं और कहा लो मेरे देवर राजा मेरी बुर चोदो। मैं पलंग के नीचे खड़ा हो गया और उसे किनारे घसीट लिया। उसकी गांड के नीचे दो तकिया लगा दिया उसकी बुर ऊपर उठ गयी। मैंने लण्ड का सुपाड़ा उसकी बुर पर रगड़ा और खूब रगड़ा फिर पेल दिया लण्ड अंदर। लण्ड साला सरसराता हुआ सांप की तरह बिल में घुस गया। उसके मुंह से निकला उई माँ आज मुझे आया मज़ा लण्ड घुसवा ने का। वाह क्या लौड़ा है तेरा रोहित। एकदम चिपक कर घुस गया बहन चोद। मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लीं और गपागप चोदने लगा उसकी बुर और धीरे धीरे बढ़ाने लगा चोदने की स्पीड। वह भी मस्ती से साथ देने लगी। उसकी चूँचियाँ उछलने लगी और नाचने लगे उसके बड़े बड़े बूब्स जिन्हे देख कर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। मैं पागलों की बुर चोदने में जुट गया।
वह मस्ती में कुछ न कुछ बोलने लगी - हाय मेरे राजा मुझे खूब चोदो -- मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो -- फाड़ डालो मेरी बुर -- मेरी माँ का भोसड़ा चोद डालो यार -- तेरा लण्ड मादर चोद बड़ा बेरहम है -- हाय दईया मैं मैं बहुत दिनों से चुदासी थी -- आज मुझे भगवान् ने लण्ड भेज दिया -- खूब हचक हचक के चोदो -- मेरी चूत के चीथड़े उड़ा दो -- चाहो तो मेरी गांड भी चोद लो यार -- अब मुझे छोड़ कर जाना नहीं कभी -- तेरी लण्ड की बहन का भोसड़ा -- तेरे लण्ड की गांड -- वॉव ऊँ हूं आ ओ हो आ उन हां हां हे हे मैं मर गई -- चुद गयी मेरी बुर -- मेरी माँ चुदी जा रही है बुर चोदी-- पेले रहो लण्ड -- चोदे जाओ बुर।
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