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बहन की चूत का रसीला पानी - भाई ने दीदी को चोदा मस्त चुदाई - Bhai ne ki Didi ki mast chudai
बहन की चूत का रसीला पानी - भाई ने दीदी को चोदा मस्त चुदाई - Bhai ne ki Didi ki mast chudai , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मेरे परिवार में मेरी मम्मी, मेरे पापा, बड़ी बहन राखी, और फिर मैं हूँ। मेरे पापा की रात की नौकरी रहती है इसलिए आप अन्दाज़ा लगा सकते हैं कि उन्हें रात में सम्भोग, मतलब चुदाई करने का मौक़ा नहीं मिलता है। इसलिए वह दिन में ही चुदाई करते हैं। अगर आप मेरी मम्मी को देखोगे तो कहोगे कि क्या पटाखा है। लाजवाब, जन्नत है। ठीक वैसी ही मेरी बहन राखी भी है, वो तो बिल्कुल बम है। घर में तीन कमरे हैं। एक मेरा, एक राखी का और एक मम्मी-पापा का।
एक दिन मम्मी-पापा उनके कमरे में सो रहे थे और मैं अपने कमरे में। तभी मैंने सुना कि मम्मी के कमरे से रोने की आवाज़ आ रही है। तभी मैंने खिड़की से देखा कि वहाँ चुदाई चल रही थी। मैं उनकी चुदाई के दृश्य देख मज़ा लेने लगा। मुझे बहुत आनन्द आ रहा था। मेरी उम्र २० वर्ष है, मगर मैंने आज तक चुदाई नहीं देखी थी, बस उसके बारे में सुना था।
मैं यह बताने के लिए राखी के कमरे में गया कि मम्मी क्यों रो रही है। मगर जैसे ही मैं मुड़ा मैंने पाया कि राखी भी चुदाई के मज़े ले रही है। उसकी उम्र २२ साल है, और फिगर ३६-२४-३६ है। वह कमरे में बिल्कुल नंगी पड़ी थी और एक मोमबत्ती को अपनी चूत में डाल रखा था। मैंने मौक़ा देख अपनी मोबाईल में वह शूट कर लिया। फिर कमरे में घुस गया। मुझे देख वह हड़बड़ गई।
मैंने कहा,”दीदी, घबराओ मत। मैं भी तो तुम्हारा भाई हूँ। अगर तुम्हें इतनी चुदास उठ रही थी, तो मुझे बुला लेती।
राखी- प्रिंस, कैसी बात कर रहा है?
प्रिंस- नहीं, मैं सही कह रहा हूँ। चलो दोनों ही मज़े लेते हैं।
राखी- नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती।
प्रिंस- ठीक है तो मैं यह फिल्म दोस्तों को भेज देता हूँ।
राखी- नहीं, ऐसा मत करो। ठीक है, चलो दोनों साथ में मज़े लेते हैं। वैसे मैंने आजतक किसी लड़के के साथ मज़े नहीं लिए हैं।
प्रिंस- अरे मैंने भी आजतक किसी लड़की के साथ मज़े नहीं लिए हैं।
फिर क्या था। राखी ने मेरे कपड़े उतारने शुरु कर दिए।
मेरे कपड़े उतरते ही राखी बोली- प्रिंस, ये क्या? तुम्हारी झाँट तो बिल्कुल जंगल ही रही हैं। और लंड तो बिल्कुल नौ इंच का है।
मैंने कहा- हाँ, आज तक तु्म्हारे लिए ही तैयार करता आ रहा था।
यह सुनकर राखी हँस पड़ी।
मैंने कहा- चुप! आराम से! बगल के कमरे में मम्मी-पापा भी हैं।
फिर राखी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
तभी मुझे पेशाब लग आई, तो मैंने उसके मुँह में ही पेशाब कर दिया और वह पूरा पी गई। तभी मैं वहाँ से पानी पीने के बहाने आया और एक कैप्सूल खा लिया। फिर वापिस आकर हमारा कार्यक्रम चालू हो गया।
उसने 15 मिनट तक मेरा लंड चूसा। फिर मैंने उसकी चूचियों को पीना शुरु किया जो 5 मिनट तक चलता रहा फिर बारी थी उसकी चूत की। जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो उसकी चीख निकलने वाली थी तभी मैंने राखी के मुँह पर हाथ रख दिया नहीं तो फँस गए होते।
अब हमारी चुदाई चालू हो गई। मैंने उसे आधे घंटे तक चोदा। राखी छिनाल भी पूरी थी, झड़ने ही नहीं दे रही थी। मैंने अपना 9 इंच का लण्ड अन्दर दे रखा था और बार-बार अन्दर-बाहर कर रहा था। उसे दर्द के साथ-साथ असीम आनन्द का अनुभव भी हो रहा था। तभी मुझे लगा कि वह झड़ने वाली है, तो मैंने उसे बाँहों में भर लिया और 9 इंच का लण्ड उसकी चूत में समा दिया। तभी मेरा लंड भी उसकी चूत में झड़ गया। हम साथ में झड़ चुके थे।
इसके बाद मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में घुसा दिया। उसे दर्द तो हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था, इसलिए वह चुप थी। फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदा, जिसमें मुझे बहुत मज़ा आया।
उस दिन के बाद मम्मी-पापा जब भी बाहर जाते हैं, हम दोनों घर में नंगे घूमते हैं और हर समय चुदाई करते हैं। वह मुझे नहलाती है और मैं उसे। मेरा लंड हमेशा उसकी चूत में रहता है। अब मेरा लंड दस इंच का हो चुका है। हमें सबसे ज़्याद मज़ा तब आता है, जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते.
मेरे परिवार में मेरी मम्मी, मेरे पापा, बड़ी बहन राखी, और फिर मैं हूँ। मेरे पापा की रात की नौकरी रहती है इसलिए आप अन्दाज़ा लगा सकते हैं कि उन्हें रात में सम्भोग, मतलब चुदाई करने का मौक़ा नहीं मिलता है। इसलिए वह दिन में ही चुदाई करते हैं। अगर आप मेरी मम्मी को देखोगे तो कहोगे कि क्या पटाखा है। लाजवाब, जन्नत है। ठीक वैसी ही मेरी बहन राखी भी है, वो तो बिल्कुल बम है। घर में तीन कमरे हैं। एक मेरा, एक राखी का और एक मम्मी-पापा का।
एक दिन मम्मी-पापा उनके कमरे में सो रहे थे और मैं अपने कमरे में। तभी मैंने सुना कि मम्मी के कमरे से रोने की आवाज़ आ रही है। तभी मैंने खिड़की से देखा कि वहाँ चुदाई चल रही थी। मैं उनकी चुदाई के दृश्य देख मज़ा लेने लगा। मुझे बहुत आनन्द आ रहा था। मेरी उम्र २० वर्ष है, मगर मैंने आज तक चुदाई नहीं देखी थी, बस उसके बारे में सुना था।
मैं यह बताने के लिए राखी के कमरे में गया कि मम्मी क्यों रो रही है। मगर जैसे ही मैं मुड़ा मैंने पाया कि राखी भी चुदाई के मज़े ले रही है। उसकी उम्र २२ साल है, और फिगर ३६-२४-३६ है। वह कमरे में बिल्कुल नंगी पड़ी थी और एक मोमबत्ती को अपनी चूत में डाल रखा था। मैंने मौक़ा देख अपनी मोबाईल में वह शूट कर लिया। फिर कमरे में घुस गया। मुझे देख वह हड़बड़ गई।
मैंने कहा,”दीदी, घबराओ मत। मैं भी तो तुम्हारा भाई हूँ। अगर तुम्हें इतनी चुदास उठ रही थी, तो मुझे बुला लेती।
राखी- प्रिंस, कैसी बात कर रहा है?
प्रिंस- नहीं, मैं सही कह रहा हूँ। चलो दोनों ही मज़े लेते हैं।
राखी- नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकती।
प्रिंस- ठीक है तो मैं यह फिल्म दोस्तों को भेज देता हूँ।
राखी- नहीं, ऐसा मत करो। ठीक है, चलो दोनों साथ में मज़े लेते हैं। वैसे मैंने आजतक किसी लड़के के साथ मज़े नहीं लिए हैं।
प्रिंस- अरे मैंने भी आजतक किसी लड़की के साथ मज़े नहीं लिए हैं।
फिर क्या था। राखी ने मेरे कपड़े उतारने शुरु कर दिए।
मेरे कपड़े उतरते ही राखी बोली- प्रिंस, ये क्या? तुम्हारी झाँट तो बिल्कुल जंगल ही रही हैं। और लंड तो बिल्कुल नौ इंच का है।
मैंने कहा- हाँ, आज तक तु्म्हारे लिए ही तैयार करता आ रहा था।
यह सुनकर राखी हँस पड़ी।
मैंने कहा- चुप! आराम से! बगल के कमरे में मम्मी-पापा भी हैं।
फिर राखी ने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
तभी मुझे पेशाब लग आई, तो मैंने उसके मुँह में ही पेशाब कर दिया और वह पूरा पी गई। तभी मैं वहाँ से पानी पीने के बहाने आया और एक कैप्सूल खा लिया। फिर वापिस आकर हमारा कार्यक्रम चालू हो गया।
उसने 15 मिनट तक मेरा लंड चूसा। फिर मैंने उसकी चूचियों को पीना शुरु किया जो 5 मिनट तक चलता रहा फिर बारी थी उसकी चूत की। जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो उसकी चीख निकलने वाली थी तभी मैंने राखी के मुँह पर हाथ रख दिया नहीं तो फँस गए होते।
अब हमारी चुदाई चालू हो गई। मैंने उसे आधे घंटे तक चोदा। राखी छिनाल भी पूरी थी, झड़ने ही नहीं दे रही थी। मैंने अपना 9 इंच का लण्ड अन्दर दे रखा था और बार-बार अन्दर-बाहर कर रहा था। उसे दर्द के साथ-साथ असीम आनन्द का अनुभव भी हो रहा था। तभी मुझे लगा कि वह झड़ने वाली है, तो मैंने उसे बाँहों में भर लिया और 9 इंच का लण्ड उसकी चूत में समा दिया। तभी मेरा लंड भी उसकी चूत में झड़ गया। हम साथ में झड़ चुके थे।
इसके बाद मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में घुसा दिया। उसे दर्द तो हो रहा था पर मज़ा भी आ रहा था, इसलिए वह चुप थी। फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदा, जिसमें मुझे बहुत मज़ा आया।
उस दिन के बाद मम्मी-पापा जब भी बाहर जाते हैं, हम दोनों घर में नंगे घूमते हैं और हर समय चुदाई करते हैं। वह मुझे नहलाती है और मैं उसे। मेरा लंड हमेशा उसकी चूत में रहता है। अब मेरा लंड दस इंच का हो चुका है। हमें सबसे ज़्याद मज़ा तब आता है, जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते.
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