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भिखारिन कुवारी लड़की की चुदाई - Kuwari bhikharin ladki ki chudai
भिखारिन कुवारी लड़की की चुदाई - Kuwari bhikharin ladki ki chudai , भीख मांगने आई लड़की को घर में बुलाकर चोद दिया , इंकार नहीं किया और चुदने लगी , भीख मांगने वाली भी चुद्वाती है , भिक्षा में मिला लंड.
एक शाम थी जब मम्मी और पापा घर से बाहर अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए अलग शहर में रहते थे। मैं घर में अकेला था और कंप्यूटर पर लड़कियों की सेक्सी तस्वीरें देखता था। मुझे चित्रों का एक बड़ा संग्रह मिला था। सभी चित्र सुंदर शैलियों वाली नग्न लड़कियों के थे। मुझे चुदाई और चुदाई की तस्वीरें पसंद नहीं थीं। मैं तस्वीरें देख रहा था और मेरा डिक मेरे हाथ में था। उस समय मैंने कभी किसी लड़की को नहीं चोदा था। जब मैं अपने हाथ में अपने डिक के साथ नग्न लड़कियों की तस्वीरें देख रहा था तो मैंने घंटी की आवाज़ सुनी।
मैं कपड़े पहन कर दरवाजे के पास गया कि कौन बाहर है। जब मैं बाहर गया तो मैंने देखा कि एक जवान लड़की भीख मांग रही थी और उसने मुझे उसकी मदद करने के लिए कहा। मैंने उसे घर के अंदर आने को कहा और उसने ऐसा किया। मैंने उसके बारे में नकारात्मक नहीं सोचा था। मैं उसे अपने कमरे में ले गया और उसे कुर्सी पर बैठने को कहा। मैंने उसका नाम पूछा। उसने बताया कि उसका नाम किरण है। मैंने उससे सवाल किया कि वह इतनी उम्र में भीख क्यों मांगती है। उसने बताया कि वह एक गरीब परिवार से थी। स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और वे इतने गरीब थे कि अपने पिता को अस्पताल में भर्ती नहीं कर सकते थे।
वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी और उसका कोई भाई नहीं था और अब वह अपनी माँ के साथ अकेली रहती है। उसकी मां भी खराब स्वास्थ्य की है। उसने मुझे बताया कि वह भूखी थी और कुछ खाना चाहती थी। तो मैं कुछ लाने के लिए रसोई में चली गई। मैंने रोटी ली और उसे खाने के लिए दी। जब मैं बाहर गया था तो मैंने अपना कंप्यूटर ऑन कर दिया था। जब मैं किरन के लिए रोटी लाया तो वह कंप्यूटर देख रही थी। कंप्यूटर पर एक सेक्सी स्क्रीन सेवर चल रहा था।
मैं उसके पास ही बैठ गया. उसके गुलाबी होंठों पर हल्की सी मुस्कान थी. उसके गोरे गाल एकदम फूल के जैसे कोमल और मुलायम लग रहे थे. मैं उसको देखे जा रहा था. मेरा लंड अपने आप ही मेरे अंडरवियर में अन्दर ही अन्दर तन गया था. मेरा मन किरण के गुलाबी होंठों को छूने के लिए कर रहा था. शायद किरण ने भी मेरे तने हुए लंड को देख लिया था.
मेरे अंदर हवस जाग चुकी थी. मैं उसके और करीब सरक गया. वो बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हें देख रहा हूं.
वो बोली- इससे पहले तुमने कोई लड़की नहीं देखी क्या?
मैंने कहा- देखी है, लेकिन तुम ज्यादा ही हॉट लग रही हो.
मेरी बात पर किरण शरमा गई और नीचे देखने लगी. मेरी पैंट में मेरा लंड झटके दे रहा था. अब मुझसे रुका न गया और मैंने किरण को अपनी बांहों में भर लिया.
वो बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हें प्यार करने का मन कर रहा है।
वो बोली- कोई देख लेगा तो?
मैंने कहा- देख लेने दो.
इतना कह कर मैंने किरण के गालों को चूमना शुरू कर दिया. पहले तो उसने छुड़ाने का हल्का सा नाटक किया लेकिन फिर वो सहज हो गई. अब मैं उसके गालों पर अच्छी तरह से किस कर रहा था. उसके नर्म मुलायम गालों पर किस करते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था.
कुछ देर तक उसके गालों को प्यार से चूमने के बाद मैंने उसके कानों पर किस किया तो उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया. वो मुझे दूर हटाने लगी लेकिन मैं अब कहां रुकने वाला था. मैंने उसके चेहरे को अपनी तरफ किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये.
उसके रसीले होंठों को चूसने लगा तो वो पीछे हटने लगी लेकिन मैंने उसको अपनी तरफ खींच लिया. मेरी हवस मुझे हर पल आगे ही धकेल रही थी. मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसके चूचों पर हाथ रख दिये. उसने कोई विरोध नहीं किया.
उसके बाद मैंने उसको वहीं पर खड़ी किया और उसकी नाइटी को उतारने लगा.
उसने कहा- आराम से करो, मेरा पहली बार है.
मैंने कहा- तुम्हें तो मैं फूल की तरह प्यार करूंगा.
मुझे नहीं पता था कि किरण एक कुवारी लड़की है.
अगले ही पल किरण की नाइटी उसके जिस्म से अलग कर दी थी मैंने. वह ब्रा और पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी. उसके गोरे चूचे उसकी ब्रा में ऐसे बंधे हुए थे जैसे उनको किसी ने कैद कर रखा है. मैंने उसके चूचों को दबाया तो वो उसके मुंह से आह निकल गई. मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसे दोबारा से होंठों पर किस करने लगा.
मेरा लंड का बुरा हाल हो चुका था. मैंने उसकी ब्रा को जोर से दबाना शुरू कर दिया. अब वो कुवारी लड़की मेरे होंठों को चूसने लगी थी. मैंने उसकी पैंटी पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. वो मुझसे लिपटने लगी. उसको अब मेरे साथ ये सब करने में मजा आने लगा था.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने खड़े हुए लंड पर लगा दिया. उसने हाथ हटा लिया. शायद मैंने जल्दी कर दी थी. मगर क्या करता, मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मेरा उत्तेजना के मारे बुरा हाल हो रहा था.
मैंने उस कुवारी लड़की को वहीं बेड पर लेटा लिया और उसके पेट को चूमने लगा. वो मछली की तरह तड़पने लगी. उसकी गुलाबी पैंटी में उठी हुई उसकी चूत की फांकें देखकर मैं बेकाबू हुआ जा रहा था. मैंने किरण की चूत को किस कर दिया तो वो सिहर गई.
उसके बाद मैंने उसको उठाया और उसकी ब्रा के हुक को खोलने लगा. उसके गोरे चूचों को आजाद करते ही मेरे सामने नंगे हो गये. उसके चूचे एकदम लौकी के जैसे ताज़ा और चिकने थे. उनके बीच में भूरे रंग का दाना था और उस दाने के बीच में उसके निप्पल उठ कर ऊपर निकल आये थे. मैंने उसके उभरे हुए निप्पलों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मेरा हाथ नीचे से उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा. उसके गोरे मखमली चूचे इतने मस्त थे कि मैंने उनको मसल देना चाहता था. मैंने उसकी पैंटी को एक हाथ से खींचना शुरू कर दिया तो उसने मेरा हाथ रोक दिया.
मैंने कहा- अब क्यों रोक रही हो?
वो बोली- शर्म आ रही है.
मैंने कहा- अब कैसी शर्म, हम तो इतने अच्छे दोस्त बन गए हैं.
उसके बाद उसने अपने हाथ को हटा दिया और मैंने उस कुवारी लड़की की पैंटी को नीचे खींच दिया. उसकी चूत को अपनी हथेली से छू कर देखा तो वो गीली हो चुकी थी. मैंने किरण की कुंवारी चूत को अपनी हथेली से सहलाना शुरू कर दिया. उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
दो मिनट तक मैंने उसकी चूत को सहलाया और फिर उसके पेट को चूमते हुए मैं उसकी चूत के बालों तक पहुंच गया. जैसे मैंने उसकी चूत पर जीभ को रखा तो वो उछल पड़ी. मैंने उसको वापस से नीचे लेटाया और उसकी टाइट कुंवारी चूत में जीभ दे दी.
उसकी कुंवारी चूत से निकल रहा मीठा रस बहुत ही जायकेदार था. मैंने उसकी कुवारी चूत में जीभ को अंदर तक डाल दिया तो वो तड़पने लगी. अब मेरी जीभ उसकी चूत को अंदर तक कुरेद कर आ रही थी. उसकी चूत की खुशबू इतनी मनमोहक थी कि मन कर रहा था मैं उसकी चूत के अंदर ही घुस जाऊं.
कुछ देर तक मैंने उसकी चूत में जीभ को अंदर बाहर किया तो वो इतनी गर्म हो गई कि मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. मैंने उसके दिल की बात समझ ली. मैंने अपनी टीशर्ट और लोअर उतार दी. मेरे लंड मेरे अंडरवियर को भिगो दिया था. उसकी चूत चाट चाट कर लंड ने इतने झटके दे दिये थे कि कामरस से पूरा अंडरवियर गीला हो गया था.
मैंने अपने अंडरवियर को भी उतार दिया तो वह मेरे लंड को देखने लगी.
बोली- दर्द तो नहीं होगा न? मेरा पहली बार है.
मैंने कहा- तुम बिल्कुल टेंशन मत लो. बहुत ही प्यार से करूंगा.
उसके बाद मैंने उसके ऊपर चढ़ गया. उसके चूचों को दबाते हुए फिर से उसके होंठों को चूसने और काटने लगा.
मेरा लंड उसकी चूत को छू रहा था. वो उसकी कुवारी चूत में अंदर जाने के लिए मचल रहा था. मैंने उसकी चूत में बिना देखे ही जोर लगाना शुरू कर दिया तो लंड उसकी चूत पर यहां वहां फिसलने लगा. फिर देखा कि चूत और लंड दोनों ही चिकने हो चुके हैं.
मैं उठा और मैंने किरण की टांगों को फैला दिया. उसकी चूत को ध्यान से देखा और अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रख दिया. किरण ने आंखें बंद कर ली थीं. मैंने धीरे से उसकी चूत में लंड को धकेलना शुरू किया.
मेरा सुपारा थोड़ा सा ही अंदर गया था कि वो एकदम से उचक गयी.
धीरज से काम लेते हुए मैंने अपने लंड को वहीं पर रोक दिया. मैंने दोबारा से कोशिश की लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड अंदर नहीं घुस रहा था. मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो पूरा सुपारा उस कुवारी लड़की की चूत में घुस गया. उसके मुंह से दर्द भरी आह्ह निकल गई. मैंने तुरंत उसके चूचों को पीना शुरू कर दिया.
कुछ देर तक उसके निप्पलों पर जीभ से चाटा तो वो थोड़ी सामान्य हो गयी. अब मैंने एक जोर का झटका दिया और उसकी कुंवारी चूत में पूरा लंड उतार दिया. वो चिल्ला उठी और मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिये. वो मुझे हटाने लगी लेकिन मुझे पता था कि अब यदि मैं पीछे हटा तो ये दोबारा नहीं डालने देगी क्योंकि उसका पहली बार था.
मैंने उसके होंठों को चूसना जारी रखा जब तक कि वो नॉर्मल न हो गई. जब उसकी तरफ विरोध होना बंद हो गया तो मैंने उसके होंठों को किस करते हुए एक और धक्का लगाया और पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया.
अब उसकी आंखों से आंसू निकल आये. मुझे थोड़ा बुरा लग रहा था क्योंकि वो मेरी बहुत प्यारी दोस्त थी लेकिन ऐसी कुंवारी चूत में लंड गया हुआ था कि निकालने का मन ही नहीं किया.
किरण के चूचों पर मेरी छाती सटी थी और मैं उसकी गर्दन और गालों पर किस करने लगा. उसके होंठों को पीने लगा. दो मिनट के बाद वो चुप हो गई. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया. उसकी चूत में लंड बिल्कुल फंसा हुआ था.
मैंने एक हाथ से उसके आंसू पोंछ दिये और अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए उसकी चूत में लंड को चलाने लगा. अब उसने टांगें और फैला दीं और मेरे लंड को चूत में अच्छी तरह से एडजस्ट कर लिया. मैंने उसकी चूत की चुदाई शुरू कर दी.
दो मिनट के बाद ही उसके मुंह से मादक सिसकारियां उम्म्ह … अहह … हय … ओह … निकलनी शुरू हो गईं. वो मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी. मैं भी उसकी चूत को चोदने का मजा लेने लगा. उसकी कुवारी चूत का भेदन करने के बाद एक अलग ही आनंद मिल रहा था.
धीरे-धीरे अब मेरी स्पीड बढ़ने लगी थी. मैंने उसकी चूत में धक्के तेज कर दिये. वो भी अब आराम से मेरे लंड को चूत में अंदर तक ले रही थी.
फिर अगले पांच मिनट तक उसकी चुदाई में उसने पानी छोड़ दिया. उसका पानी निकलने से अब पच-पच की आवाज होने लगी. मैंने भी अब उठ कर उसकी टांगों को ऊपर उठा लिया और उसकी चूत में लंड को पेलने लगा.
उसकी चूत की तरफ देखा तो वो फूल चुकी और लाल हो गई थी. मैंने उसकी चूत की चुदाई को जारी रखा और अगले दो मिनट तक मजे लेकर उसकी चूत में धक्के मारे. फिर मैंने भी उसकी चूत में वीर्य निकाल दिया और उसके ऊपर गिर गया.
दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर बहुत देर तक ऐसे ही पड़े रहे. मेरा लंड किरण की चूत में ही था. अभी भी आधी सोयी हुई अवस्था में था. उसकी चूत से लंड को निकाला तो लंड पर वीर्य और खून का मिश्रण लगा हुआ था. मैंने उसकी चूत को साफ किया और बाथरूम में जाकर अपने लंड को भी धोया.
अभी तक वो बेड पर ऐसे ही नंगी लेटी हुई थी. उसकी नंगी जवानी देख कर मेरे मन में फिर से चुदाई का ख्याल आने लगा मगर उसने मना कर दिया. उसकी चूत फूल कर सूज गई थी. मैंने भी उसके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की. फिर वो उठ कर बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चली गई. वापस आकर उसने कपड़े पहन लिये. हमने फिर चाय-नाश्ता किया और इसके बाद वो चली गई.
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एक शाम थी जब मम्मी और पापा घर से बाहर अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए अलग शहर में रहते थे। मैं घर में अकेला था और कंप्यूटर पर लड़कियों की सेक्सी तस्वीरें देखता था। मुझे चित्रों का एक बड़ा संग्रह मिला था। सभी चित्र सुंदर शैलियों वाली नग्न लड़कियों के थे। मुझे चुदाई और चुदाई की तस्वीरें पसंद नहीं थीं। मैं तस्वीरें देख रहा था और मेरा डिक मेरे हाथ में था। उस समय मैंने कभी किसी लड़की को नहीं चोदा था। जब मैं अपने हाथ में अपने डिक के साथ नग्न लड़कियों की तस्वीरें देख रहा था तो मैंने घंटी की आवाज़ सुनी।
मैं कपड़े पहन कर दरवाजे के पास गया कि कौन बाहर है। जब मैं बाहर गया तो मैंने देखा कि एक जवान लड़की भीख मांग रही थी और उसने मुझे उसकी मदद करने के लिए कहा। मैंने उसे घर के अंदर आने को कहा और उसने ऐसा किया। मैंने उसके बारे में नकारात्मक नहीं सोचा था। मैं उसे अपने कमरे में ले गया और उसे कुर्सी पर बैठने को कहा। मैंने उसका नाम पूछा। उसने बताया कि उसका नाम किरण है। मैंने उससे सवाल किया कि वह इतनी उम्र में भीख क्यों मांगती है। उसने बताया कि वह एक गरीब परिवार से थी। स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और वे इतने गरीब थे कि अपने पिता को अस्पताल में भर्ती नहीं कर सकते थे।
वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी और उसका कोई भाई नहीं था और अब वह अपनी माँ के साथ अकेली रहती है। उसकी मां भी खराब स्वास्थ्य की है। उसने मुझे बताया कि वह भूखी थी और कुछ खाना चाहती थी। तो मैं कुछ लाने के लिए रसोई में चली गई। मैंने रोटी ली और उसे खाने के लिए दी। जब मैं बाहर गया था तो मैंने अपना कंप्यूटर ऑन कर दिया था। जब मैं किरन के लिए रोटी लाया तो वह कंप्यूटर देख रही थी। कंप्यूटर पर एक सेक्सी स्क्रीन सेवर चल रहा था।
मैं उसके पास ही बैठ गया. उसके गुलाबी होंठों पर हल्की सी मुस्कान थी. उसके गोरे गाल एकदम फूल के जैसे कोमल और मुलायम लग रहे थे. मैं उसको देखे जा रहा था. मेरा लंड अपने आप ही मेरे अंडरवियर में अन्दर ही अन्दर तन गया था. मेरा मन किरण के गुलाबी होंठों को छूने के लिए कर रहा था. शायद किरण ने भी मेरे तने हुए लंड को देख लिया था.
मेरे अंदर हवस जाग चुकी थी. मैं उसके और करीब सरक गया. वो बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हें देख रहा हूं.
वो बोली- इससे पहले तुमने कोई लड़की नहीं देखी क्या?
मैंने कहा- देखी है, लेकिन तुम ज्यादा ही हॉट लग रही हो.
मेरी बात पर किरण शरमा गई और नीचे देखने लगी. मेरी पैंट में मेरा लंड झटके दे रहा था. अब मुझसे रुका न गया और मैंने किरण को अपनी बांहों में भर लिया.
वो बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- तुम्हें प्यार करने का मन कर रहा है।
वो बोली- कोई देख लेगा तो?
मैंने कहा- देख लेने दो.
इतना कह कर मैंने किरण के गालों को चूमना शुरू कर दिया. पहले तो उसने छुड़ाने का हल्का सा नाटक किया लेकिन फिर वो सहज हो गई. अब मैं उसके गालों पर अच्छी तरह से किस कर रहा था. उसके नर्म मुलायम गालों पर किस करते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था.
कुछ देर तक उसके गालों को प्यार से चूमने के बाद मैंने उसके कानों पर किस किया तो उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया. वो मुझे दूर हटाने लगी लेकिन मैं अब कहां रुकने वाला था. मैंने उसके चेहरे को अपनी तरफ किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये.
उसके रसीले होंठों को चूसने लगा तो वो पीछे हटने लगी लेकिन मैंने उसको अपनी तरफ खींच लिया. मेरी हवस मुझे हर पल आगे ही धकेल रही थी. मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसके चूचों पर हाथ रख दिये. उसने कोई विरोध नहीं किया.
उसके बाद मैंने उसको वहीं पर खड़ी किया और उसकी नाइटी को उतारने लगा.
उसने कहा- आराम से करो, मेरा पहली बार है.
मैंने कहा- तुम्हें तो मैं फूल की तरह प्यार करूंगा.
मुझे नहीं पता था कि किरण एक कुवारी लड़की है.
अगले ही पल किरण की नाइटी उसके जिस्म से अलग कर दी थी मैंने. वह ब्रा और पैंटी में मेरे सामने खड़ी थी. उसके गोरे चूचे उसकी ब्रा में ऐसे बंधे हुए थे जैसे उनको किसी ने कैद कर रखा है. मैंने उसके चूचों को दबाया तो वो उसके मुंह से आह निकल गई. मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसे दोबारा से होंठों पर किस करने लगा.
मेरा लंड का बुरा हाल हो चुका था. मैंने उसकी ब्रा को जोर से दबाना शुरू कर दिया. अब वो कुवारी लड़की मेरे होंठों को चूसने लगी थी. मैंने उसकी पैंटी पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. वो मुझसे लिपटने लगी. उसको अब मेरे साथ ये सब करने में मजा आने लगा था.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने खड़े हुए लंड पर लगा दिया. उसने हाथ हटा लिया. शायद मैंने जल्दी कर दी थी. मगर क्या करता, मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मेरा उत्तेजना के मारे बुरा हाल हो रहा था.
मैंने उस कुवारी लड़की को वहीं बेड पर लेटा लिया और उसके पेट को चूमने लगा. वो मछली की तरह तड़पने लगी. उसकी गुलाबी पैंटी में उठी हुई उसकी चूत की फांकें देखकर मैं बेकाबू हुआ जा रहा था. मैंने किरण की चूत को किस कर दिया तो वो सिहर गई.
उसके बाद मैंने उसको उठाया और उसकी ब्रा के हुक को खोलने लगा. उसके गोरे चूचों को आजाद करते ही मेरे सामने नंगे हो गये. उसके चूचे एकदम लौकी के जैसे ताज़ा और चिकने थे. उनके बीच में भूरे रंग का दाना था और उस दाने के बीच में उसके निप्पल उठ कर ऊपर निकल आये थे. मैंने उसके उभरे हुए निप्पलों को अपने होंठों में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मेरा हाथ नीचे से उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा. उसके गोरे मखमली चूचे इतने मस्त थे कि मैंने उनको मसल देना चाहता था. मैंने उसकी पैंटी को एक हाथ से खींचना शुरू कर दिया तो उसने मेरा हाथ रोक दिया.
मैंने कहा- अब क्यों रोक रही हो?
वो बोली- शर्म आ रही है.
मैंने कहा- अब कैसी शर्म, हम तो इतने अच्छे दोस्त बन गए हैं.
उसके बाद उसने अपने हाथ को हटा दिया और मैंने उस कुवारी लड़की की पैंटी को नीचे खींच दिया. उसकी चूत को अपनी हथेली से छू कर देखा तो वो गीली हो चुकी थी. मैंने किरण की कुंवारी चूत को अपनी हथेली से सहलाना शुरू कर दिया. उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
दो मिनट तक मैंने उसकी चूत को सहलाया और फिर उसके पेट को चूमते हुए मैं उसकी चूत के बालों तक पहुंच गया. जैसे मैंने उसकी चूत पर जीभ को रखा तो वो उछल पड़ी. मैंने उसको वापस से नीचे लेटाया और उसकी टाइट कुंवारी चूत में जीभ दे दी.
उसकी कुंवारी चूत से निकल रहा मीठा रस बहुत ही जायकेदार था. मैंने उसकी कुवारी चूत में जीभ को अंदर तक डाल दिया तो वो तड़पने लगी. अब मेरी जीभ उसकी चूत को अंदर तक कुरेद कर आ रही थी. उसकी चूत की खुशबू इतनी मनमोहक थी कि मन कर रहा था मैं उसकी चूत के अंदर ही घुस जाऊं.
कुछ देर तक मैंने उसकी चूत में जीभ को अंदर बाहर किया तो वो इतनी गर्म हो गई कि मुझे अपने ऊपर खींचने लगी. मैंने उसके दिल की बात समझ ली. मैंने अपनी टीशर्ट और लोअर उतार दी. मेरे लंड मेरे अंडरवियर को भिगो दिया था. उसकी चूत चाट चाट कर लंड ने इतने झटके दे दिये थे कि कामरस से पूरा अंडरवियर गीला हो गया था.
मैंने अपने अंडरवियर को भी उतार दिया तो वह मेरे लंड को देखने लगी.
बोली- दर्द तो नहीं होगा न? मेरा पहली बार है.
मैंने कहा- तुम बिल्कुल टेंशन मत लो. बहुत ही प्यार से करूंगा.
उसके बाद मैंने उसके ऊपर चढ़ गया. उसके चूचों को दबाते हुए फिर से उसके होंठों को चूसने और काटने लगा.
मेरा लंड उसकी चूत को छू रहा था. वो उसकी कुवारी चूत में अंदर जाने के लिए मचल रहा था. मैंने उसकी चूत में बिना देखे ही जोर लगाना शुरू कर दिया तो लंड उसकी चूत पर यहां वहां फिसलने लगा. फिर देखा कि चूत और लंड दोनों ही चिकने हो चुके हैं.
मैं उठा और मैंने किरण की टांगों को फैला दिया. उसकी चूत को ध्यान से देखा और अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रख दिया. किरण ने आंखें बंद कर ली थीं. मैंने धीरे से उसकी चूत में लंड को धकेलना शुरू किया.
मेरा सुपारा थोड़ा सा ही अंदर गया था कि वो एकदम से उचक गयी.
धीरज से काम लेते हुए मैंने अपने लंड को वहीं पर रोक दिया. मैंने दोबारा से कोशिश की लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड अंदर नहीं घुस रहा था. मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो पूरा सुपारा उस कुवारी लड़की की चूत में घुस गया. उसके मुंह से दर्द भरी आह्ह निकल गई. मैंने तुरंत उसके चूचों को पीना शुरू कर दिया.
कुछ देर तक उसके निप्पलों पर जीभ से चाटा तो वो थोड़ी सामान्य हो गयी. अब मैंने एक जोर का झटका दिया और उसकी कुंवारी चूत में पूरा लंड उतार दिया. वो चिल्ला उठी और मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिये. वो मुझे हटाने लगी लेकिन मुझे पता था कि अब यदि मैं पीछे हटा तो ये दोबारा नहीं डालने देगी क्योंकि उसका पहली बार था.
मैंने उसके होंठों को चूसना जारी रखा जब तक कि वो नॉर्मल न हो गई. जब उसकी तरफ विरोध होना बंद हो गया तो मैंने उसके होंठों को किस करते हुए एक और धक्का लगाया और पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया.
अब उसकी आंखों से आंसू निकल आये. मुझे थोड़ा बुरा लग रहा था क्योंकि वो मेरी बहुत प्यारी दोस्त थी लेकिन ऐसी कुंवारी चूत में लंड गया हुआ था कि निकालने का मन ही नहीं किया.
किरण के चूचों पर मेरी छाती सटी थी और मैं उसकी गर्दन और गालों पर किस करने लगा. उसके होंठों को पीने लगा. दो मिनट के बाद वो चुप हो गई. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में लंड को चलाना शुरू किया. उसकी चूत में लंड बिल्कुल फंसा हुआ था.
मैंने एक हाथ से उसके आंसू पोंछ दिये और अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए उसकी चूत में लंड को चलाने लगा. अब उसने टांगें और फैला दीं और मेरे लंड को चूत में अच्छी तरह से एडजस्ट कर लिया. मैंने उसकी चूत की चुदाई शुरू कर दी.
दो मिनट के बाद ही उसके मुंह से मादक सिसकारियां उम्म्ह … अहह … हय … ओह … निकलनी शुरू हो गईं. वो मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगी. मैं भी उसकी चूत को चोदने का मजा लेने लगा. उसकी कुवारी चूत का भेदन करने के बाद एक अलग ही आनंद मिल रहा था.
धीरे-धीरे अब मेरी स्पीड बढ़ने लगी थी. मैंने उसकी चूत में धक्के तेज कर दिये. वो भी अब आराम से मेरे लंड को चूत में अंदर तक ले रही थी.
फिर अगले पांच मिनट तक उसकी चुदाई में उसने पानी छोड़ दिया. उसका पानी निकलने से अब पच-पच की आवाज होने लगी. मैंने भी अब उठ कर उसकी टांगों को ऊपर उठा लिया और उसकी चूत में लंड को पेलने लगा.
उसकी चूत की तरफ देखा तो वो फूल चुकी और लाल हो गई थी. मैंने उसकी चूत की चुदाई को जारी रखा और अगले दो मिनट तक मजे लेकर उसकी चूत में धक्के मारे. फिर मैंने भी उसकी चूत में वीर्य निकाल दिया और उसके ऊपर गिर गया.
दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर बहुत देर तक ऐसे ही पड़े रहे. मेरा लंड किरण की चूत में ही था. अभी भी आधी सोयी हुई अवस्था में था. उसकी चूत से लंड को निकाला तो लंड पर वीर्य और खून का मिश्रण लगा हुआ था. मैंने उसकी चूत को साफ किया और बाथरूम में जाकर अपने लंड को भी धोया.
अभी तक वो बेड पर ऐसे ही नंगी लेटी हुई थी. उसकी नंगी जवानी देख कर मेरे मन में फिर से चुदाई का ख्याल आने लगा मगर उसने मना कर दिया. उसकी चूत फूल कर सूज गई थी. मैंने भी उसके साथ कोई जबरदस्ती नहीं की. फिर वो उठ कर बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चली गई. वापस आकर उसने कपड़े पहन लिये. हमने फिर चाय-नाश्ता किया और इसके बाद वो चली गई.
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