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लॉकडाऊन में चुदाई का मज़ा - Lockdown me chudai ka mazaa
लॉकडाऊन में चुदाई का मज़ा - Lockdown me chudai ka mazaa , चूत की वासना , लॉक डाउन का फायदा , लॉकडाउन के चलते मुझे हुआ चूत का दीदार , चूत में लंड डालकर चोदने लगा , गज़ब की चुदाई की कहानी , रात भर चुदाई.
दोस्तों मैं विराज, मेरा घर लखनऊ में पड़ता है। मेरे बड़े भाई महेश बंगलौर गए हुए थे। लॉकडाउन के कारण उन्हें कई दिनों तक वहीँ रहना पड़ा। जिसके कारण मुझे मेरी भाभी को चोदने का मौका मिल गया। आज मैं आपको मेरी और मेरी भाभी की चुदाई की बात यानि लॉकडाउन में पहली चुदाई कैसे हुई के बारे में बताऊंगा।
मेरे भाई की शादी मेरी अंजली भाभी से 2 साल पहले ही हुई थी। भाभी का रंग काफी साफ़ था और जिस्म बिलकुल भरा हुआ था। जिस दिन मेरे महेश भैया की शादी हुई थी उसी दिन से मैं अपनी सेक्सी अंजली भाभी से मन ही मन प्यार करने लगा था। रात में महेश भैया अंजली भाभी को नंगा करके जमकर उनकी चूत करते थे। असल में मेरा कमरा बड़े भैया के कमरे के बगल था। मैं रात में पढता रहता था पर मेरी चुदासी भाभी की “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवाज मुझे सोने नही देती थी।
मैं समझ जाता था की अंदर कमरे में भैया भाभी को नंगा करके उसकी रसीली चूत चोद रहे है। इस तरह की कामुक आवाजे मेरा ध्यान पढाई से बिलकुल हटा देती थी। दोस्तों मेरा तो पढने का मन ही नही होता था। मैं अपनी पेंट खोल कर लंड को हाथ में ले लेता था और मुठ मारने लग जाता था। इस तरह से 2 साल बीत गये थे। सुबह जब भाभी आंगन में नहाने जाती थी मैं अपने कमरे ही खिड़की से छुपकर देखा करता था। भाभी के नंगे भरे गोरे जिस्म को देखकर मेरी नियत खराब हो जाती थी। मन करता था की उनको पकड़ के अंदर ले जाऊँ और कमरे में कसके चोद लूँ।
मेरे बड़े भैया का फोन बैगलोर से आता रहता था। अंजली भाभी उनसे बात करा करती थी। अब घर में मैं और भाभी अकेले रह गये थे। रात में सोने के समय अचानक बिजली चली गई और इनवेटर ने भी काम नहीं किया तो घर में अँधेरा हो गया और भाभी अकेली थी इसलिए वो डरने लगी। भाभी मेरे कमरे में आई और बोली - देवर जी मुझे डर लग रहा है। पता नहीं इनवेटर को क्या हो गया है। जरा इसे चेक कर लो।
भाभी के कहने पर मैं मोबाइल की लाइट जलाकर इनवेटर के रूम में चला गया। मैंने देखा कि इनवेटर का बटन बंद है। मैंने जैसे ही बटन दबाया तभी लाइट जलने लगी। मैंने कहा - भाभी ये बटन किसने बंद किया। भाभी बोली - तेरे सिवा कौन कर सकता है। मैंने कहा - भाभी मैं ऐसा क्यों करूँगा। भाभी बोली - तेरे मन में मेरे साथ कुछ ऐसा वैसा करने की इच्छा होगी। मैंने कहा - नहीं भाभी - मैं तो ऐसा सोच भी नहीं सकता। भाभी ने कहा - बस तुझमें यही कमी है, घर में कितनी सुंदर भाभी है और तू कुछ सोच नहीं रहा।
यह कहकर भाभी हसने लगी और मेरे करीब आकर मुझसे चिपक गई। शायद आज वो भी मुझसे चुदाने के मूड में थी। मैंने भी उसको बाँहों में ले लिया। अंजली भाभी उस समय बिलकुल मलिका जैसी लग रही थी। मुझे कोई फिक्र नही थी समाज और दुनिया की।
आज मैं अपनी भाभी को कसके चोद लेना चाहता था। वो मेरे सीने से चिपक गयी। उसके बाद तो दोस्तों मैं खड़े खड़े अपनी चुदासी सेक्सी भाभी के होठ चूसने लगा। आपको कैसे बताऊँ की मुझे कितना मजा आया था। मैं पुरे जोश से भाभी के गुलाबी होठ चूस रहा था। कितने मीठे और नर्म होठ थे उनके। वो भी पूरा सहयोग कर रही थी। आसमान में चारो तरह काले काले बादल थे। मौसम बहुत ठंडा और सेक्सी था। फिर मैंने अंजली भाभी को बाँहों में भर लिया और उनके गाल, आँखें, माथे, और गले पर मैं चुम्मा लेने लगा। धीरे धीरे मैं उनकी पीठ को सहला रहा था। उसके बाद हम दोनों करीब 10 मिनट तक एक दूसरे को बाहों में लपेटे रहे। तभी फिर से बिजली जोर से गरजी और अंजलि भाभी एक बार फिर से मेरे सीने से चिपक गयी। फिर हम दोनों किस करने लगे।
“भाभी!! चूत दोगी???” मैंने धीरे से फुसफुसाकर उनके कान में बोला,,
सबकुछ तुझे ही दूंगी - वो धीरे से बोली।
फिर हम दोनों मेरे कमरे में आए और बेड पर लेट गये। दोस्तों बारिश तेज हो रही थी। मौसम बहुत सेक्सी और रोमांटिक हो गया था। मैंने धीरे धीरे अंजली भाभी के ब्लाउस की बटन खोलना शुरू कर दी। वो चुप थी, शांत थी। मैं समझ गया की उनका भी चुदने का मन है। फिर मैंने ब्लाउस खोल लिया। उन्होंने ब्लाउस के कपड़े से मैचिंग गुलाबी रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने उनकी पीठ में हाथ डाल दिया और ब्रा निकाल दी। उसके बाद अंजली भाभी उपर से नंगी हो गयी थी। उनकी भरपूर जवानी देखकर मेरी नियत डोल गयी थी। जैसे ही मैंने अपना हाथ अंजली भाभी के मम्मो पर रखा वो “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” बोलकर सिस्कारियां लेने लगी। फिर मैं उसकी जवानी के पीछे पूरी तरह पागल हो गया था। मैं तेज तेज उनके बूब्स को दबाने लगा।
भाभी को भी काफी मजा आ रहा था। वो और तेज तेज सिसकी ले रही थी। उसके बाद मैं अपनी सगी भाभी के उपर लेट गया और उनके बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा। ओह्ह्ह्ह …..कितनी नर्म नर्म चूचियां थी दोस्तों। ऐसी गुलाबी, खूबसूरत और बड़ी बड़ी चूचियां मैंने आजतक नही देखी थी। मैंने तुरंत ही अंजली भाभी के दाई चूची को मुंह में भर लिया और पीने लगा। मुझे तो जैसे जन्नत मिल गयी थी।मैं मुंह चला चलाकर अपनी भाभी की चूची चूस रहा था। मुझे अभूतपूर्व आनन्द की प्रप्ति हो रही थी।
मैंने कभी सपने में नही सोचा था की अपनी भाभी को चोदने का सुनहरा मौका मिल जाएगा। मैंने 10 मिनट तक अंजली भाभी की दाई चूची को चूसा, फिर बायीं चूची को मुंह में भरके चूसने लगा। दोस्तों मुझे सेक्स का नशा चढ़ गया था। मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था। अब मैं जल्दी से अंजली भाभी को चोदना चाहता था। मैं बड़ी बेताबी ने उनकी बायीं चूची को चूस रहा था। अपने हाथ से मैं उनकी दाई चूची को दबा रहा था।
दोस्तों आज मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन था। आज तो मेरी चुदक्कड़ भाभी ने मुझे खुद अपने दूध पिला दिए थे। मैं उनकी दाई चूची को 15 मिनट तक चूसा। अंजली भाभी “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज लगातार निकालती रही। फिर मैंने उनकी साड़ी खोल दी। बारिश में हम दोनों भीग रहे थे। आज हम देवर भाभी का सेक्स बरसात में होने वाला था। मैंने अंजली भाभी के पेटीकोट का नारा खोल दिया और निकाल दिया। मेरी नजर उनकी पेंटी पर गयी। पैंटी चूत से चिपकी हुई थी। भाभी की चूत की बीच वाली दरार तो मुझे उपर से ही दिख रही थी। मैंने अपना हाथ अंजली भाभी की चूत पर पेंटी पर रख दिया और सहलाने लगा। एक बार फिर से वो कसकसा रही थी। कुछ देर तक मैं उनकी पेंटी को सहलाता रहा। अंजली भाभी अपने होठो को दांत से काटने लगी। फिर मैंने पैंटी खीच दी और निकाल दी।
दोस्तों भाभी का मस्त गुलाबी भोसड़ा देखकर तो मेरा होश उड़ गया। उनकी चूत पूरी तरह से चिकनी थी। झांट का एक बाल तक नही था। मैंने धीरे धीरे भाभी की चूत की दरार पर अपनी उँगलियाँ घुमानी शुरू कर दी। अंजली भाभी को बहुत हॉट फिल हो रहा था। फिर मैंने छत पर ही अपने सारे कपड़े निकाल दिए।
“भाभी! भैया तुमसे लौड़ा चुसाते है क्या???” मैंने पूछा
वो कुछ नही बोली। बहुत शरमा रही थी। मैं समझ गया की जरुर मेरे बड़े भैया अंजली भाभी से लौड़ा चुसाते होगे। मैंने भाभी के बगल लेट गया और उनके मुंह में मैंने लंड दे दिया। जो जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैं समझ गया की ये प्रैक्टिस तो कई दिनों की लगती है। फिर मैंने अंजली भाभी के चूत को सहलाना शुरू कर दिया था।
दोस्तों आज हमारे घर पर कोई नही था और हम देवर भाभी भरपूर ऐश कर रहे थे। धीरे धीरे मेरा लंड 10” का हो रहा था। अंजली भाभी को मैं अनाड़ी समझता था। पर जब उन्होंने मेरे लंड को गोल गोल फेटना शुरू किया तो मैं जान गया कि वो चुदाई के मनोरंजक खेल में खिलाडी है। जो जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी और गले में अंदर तक लेकर चूस रही थी। मैं सी सी सी सी.. हा हा हा की आवाज निकाल रहा था। क्यूंकि मुझे बहुत सेक्सी फील हो रहा था। मैंने भाभी के चूत के दाने को सहलाना और घिसना शुरू कर दिया था। जब मैं उनके चूत के दाने को ऊँगली से छेड़ता था अंजली भाभी “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकालने लग जाती थी।
इस तरह से हम देवर भाभी ने भरपूर मजा लिया। उन्होंने 20 मिनट तक मेरे लंड को जोर जोर से हाथ से फेटा और मुंह में लेकर चूसा। मैंने उनकी चूत में काफी देर तक ऊँगली की। धीरे धीरे अब हम देवर भाभी पूरी तरह से गर्म हो गए थे। अब हम लोगो को सेक्स की सख्त जरूरत थी। मुझे भाभी की चूत चोदनी थी और भाभी को मेरा मोटा लंड खाना था। कुछ देर बाद भाभी बहुत चुदासी हो गयी थी। मैं उनकी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली कर रहा था। उनको बहुत अच्छा लग रहा था। “देवर जी!! ….प्लीस जल्दी से मेरी गर्म में अपना मोटा लौड़ा डाल दो वरना मैं मर जाउंगी!!” अंजली भाभी बोली ,उनके बाद मजबूरन मुझे उनके मुंह से अपना लंड निकालना पड़ा। मैं भाभी के दोनों पैर खोल दिए। सामने उनकी भरी हुई चूत के दर्शन मुझे हो रहे थे। मैंने बिना देर किये उनकी चूत में अपना लंड हाथ से डाल दिया और फिर चोदने लगा।
दोस्तों अंजली भाभी बिलकुल अल्टर चुदासी छिनाल लग रही थी। जैसे ही मैंने उसकी गुलाबी चूत में धक्के मारना शुरू किया जो “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की आवाजे निकालने लगी। साफ था की उनको खूब मजा आ रहा था मेरा मोटा लंड खाने में। फिर मैं धीरे धीरे उनकी चूत की सेवा शुरू कर दी। ओह्ह्ह गॉड!! उनकी कमर तो बस 30” की थी। पतली और महासेक्सी। मैंने अंजली भाभी की कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया और जल्दी जल्दी उनकी चूत लेने लगा।
वो गर्माने लगी। उधर मुझे भी अजीब सा नशा मिल रहा था। जिस भाभी को मैं छुप छुपकर देखा करता था, आज मैं उसकी गुलाबी चूत का भोग रहा था। दोस्तों मेरा लौड़ा जल्दी जल्दी उनकी चूत की गली में फिसल रहा था। मुझे भी बहुत सेक्सी फील हो रहा था। कुछ देर बाद मेरे धक्को की रफ्तार बढ़ गयी थी। अंजली भाभी बार बार अपने होठो को अपने ही दांत से काट रही थी। अपनी रसीली चूचियों को वो खुद ही दबा रही थी। इस तरह से भरपूर सुख वो प्राप्त कर रही थी।
मैंने उनके पतली पेट पर हाथ रख दिया और जल्दी जल्दी सहलाने लगा। मैं अब और तेज तेज उनको पेल रहा था। भाभी “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” गर्म गर्म सिस्कारी छोड़ रही थी। मैं उनकी चुद्दी में जोर जोर के झटके मार रहा था। उनकी चूत को कायदे से फाड़ रहा था। हम दोनों आज जंगल में मंगल कर रहे थे। भाभी चुपचाप बिना किसी बहाने के 20 मिनट तक चुदवाती रही। कुछ देर में मेरा माल निकलने वाला था। अब मैं उनपर लेट गया और उनकी चूची को फिर से चूसने लगा। मेरा लंड तो रुकने का नाम ही नही ले रहा था। बस जल्दी जल्दी अंजली भाभी की गुलाबी चूत को मैं चोद रहा था। 20 मिनट तक मैं उनकी चुद्दी [चूत] में नॉन स्टॉप धक्का दिया। फिर मैंने माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया। उसके बाद अंजली भाभी मेरे सीने से लिपट गयी। हम दोनों भाई के आने तक हसबैंड वाइफ की तरह रहने लगे।
Tags: लॉकडाऊन में चुदाई का मज़ा - Lockdown me chudai ka mazaa , चूत की वासना , लॉक डाउन का फायदा , लॉकडाउन के चलते मुझे हुआ चूत का दीदार , चूत में लंड डालकर चोदने लगा , गज़ब की चुदाई की कहानी , रात भर चुदाई.
दोस्तों मैं विराज, मेरा घर लखनऊ में पड़ता है। मेरे बड़े भाई महेश बंगलौर गए हुए थे। लॉकडाउन के कारण उन्हें कई दिनों तक वहीँ रहना पड़ा। जिसके कारण मुझे मेरी भाभी को चोदने का मौका मिल गया। आज मैं आपको मेरी और मेरी भाभी की चुदाई की बात यानि लॉकडाउन में पहली चुदाई कैसे हुई के बारे में बताऊंगा।
मेरे भाई की शादी मेरी अंजली भाभी से 2 साल पहले ही हुई थी। भाभी का रंग काफी साफ़ था और जिस्म बिलकुल भरा हुआ था। जिस दिन मेरे महेश भैया की शादी हुई थी उसी दिन से मैं अपनी सेक्सी अंजली भाभी से मन ही मन प्यार करने लगा था। रात में महेश भैया अंजली भाभी को नंगा करके जमकर उनकी चूत करते थे। असल में मेरा कमरा बड़े भैया के कमरे के बगल था। मैं रात में पढता रहता था पर मेरी चुदासी भाभी की “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवाज मुझे सोने नही देती थी।
मैं समझ जाता था की अंदर कमरे में भैया भाभी को नंगा करके उसकी रसीली चूत चोद रहे है। इस तरह की कामुक आवाजे मेरा ध्यान पढाई से बिलकुल हटा देती थी। दोस्तों मेरा तो पढने का मन ही नही होता था। मैं अपनी पेंट खोल कर लंड को हाथ में ले लेता था और मुठ मारने लग जाता था। इस तरह से 2 साल बीत गये थे। सुबह जब भाभी आंगन में नहाने जाती थी मैं अपने कमरे ही खिड़की से छुपकर देखा करता था। भाभी के नंगे भरे गोरे जिस्म को देखकर मेरी नियत खराब हो जाती थी। मन करता था की उनको पकड़ के अंदर ले जाऊँ और कमरे में कसके चोद लूँ।
मेरे बड़े भैया का फोन बैगलोर से आता रहता था। अंजली भाभी उनसे बात करा करती थी। अब घर में मैं और भाभी अकेले रह गये थे। रात में सोने के समय अचानक बिजली चली गई और इनवेटर ने भी काम नहीं किया तो घर में अँधेरा हो गया और भाभी अकेली थी इसलिए वो डरने लगी। भाभी मेरे कमरे में आई और बोली - देवर जी मुझे डर लग रहा है। पता नहीं इनवेटर को क्या हो गया है। जरा इसे चेक कर लो।
भाभी के कहने पर मैं मोबाइल की लाइट जलाकर इनवेटर के रूम में चला गया। मैंने देखा कि इनवेटर का बटन बंद है। मैंने जैसे ही बटन दबाया तभी लाइट जलने लगी। मैंने कहा - भाभी ये बटन किसने बंद किया। भाभी बोली - तेरे सिवा कौन कर सकता है। मैंने कहा - भाभी मैं ऐसा क्यों करूँगा। भाभी बोली - तेरे मन में मेरे साथ कुछ ऐसा वैसा करने की इच्छा होगी। मैंने कहा - नहीं भाभी - मैं तो ऐसा सोच भी नहीं सकता। भाभी ने कहा - बस तुझमें यही कमी है, घर में कितनी सुंदर भाभी है और तू कुछ सोच नहीं रहा।
यह कहकर भाभी हसने लगी और मेरे करीब आकर मुझसे चिपक गई। शायद आज वो भी मुझसे चुदाने के मूड में थी। मैंने भी उसको बाँहों में ले लिया। अंजली भाभी उस समय बिलकुल मलिका जैसी लग रही थी। मुझे कोई फिक्र नही थी समाज और दुनिया की।
आज मैं अपनी भाभी को कसके चोद लेना चाहता था। वो मेरे सीने से चिपक गयी। उसके बाद तो दोस्तों मैं खड़े खड़े अपनी चुदासी सेक्सी भाभी के होठ चूसने लगा। आपको कैसे बताऊँ की मुझे कितना मजा आया था। मैं पुरे जोश से भाभी के गुलाबी होठ चूस रहा था। कितने मीठे और नर्म होठ थे उनके। वो भी पूरा सहयोग कर रही थी। आसमान में चारो तरह काले काले बादल थे। मौसम बहुत ठंडा और सेक्सी था। फिर मैंने अंजली भाभी को बाँहों में भर लिया और उनके गाल, आँखें, माथे, और गले पर मैं चुम्मा लेने लगा। धीरे धीरे मैं उनकी पीठ को सहला रहा था। उसके बाद हम दोनों करीब 10 मिनट तक एक दूसरे को बाहों में लपेटे रहे। तभी फिर से बिजली जोर से गरजी और अंजलि भाभी एक बार फिर से मेरे सीने से चिपक गयी। फिर हम दोनों किस करने लगे।
“भाभी!! चूत दोगी???” मैंने धीरे से फुसफुसाकर उनके कान में बोला,,
सबकुछ तुझे ही दूंगी - वो धीरे से बोली।
फिर हम दोनों मेरे कमरे में आए और बेड पर लेट गये। दोस्तों बारिश तेज हो रही थी। मौसम बहुत सेक्सी और रोमांटिक हो गया था। मैंने धीरे धीरे अंजली भाभी के ब्लाउस की बटन खोलना शुरू कर दी। वो चुप थी, शांत थी। मैं समझ गया की उनका भी चुदने का मन है। फिर मैंने ब्लाउस खोल लिया। उन्होंने ब्लाउस के कपड़े से मैचिंग गुलाबी रंग की ब्रा पहन रखी थी। मैंने उनकी पीठ में हाथ डाल दिया और ब्रा निकाल दी। उसके बाद अंजली भाभी उपर से नंगी हो गयी थी। उनकी भरपूर जवानी देखकर मेरी नियत डोल गयी थी। जैसे ही मैंने अपना हाथ अंजली भाभी के मम्मो पर रखा वो “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” बोलकर सिस्कारियां लेने लगी। फिर मैं उसकी जवानी के पीछे पूरी तरह पागल हो गया था। मैं तेज तेज उनके बूब्स को दबाने लगा।
भाभी को भी काफी मजा आ रहा था। वो और तेज तेज सिसकी ले रही थी। उसके बाद मैं अपनी सगी भाभी के उपर लेट गया और उनके बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा। ओह्ह्ह्ह …..कितनी नर्म नर्म चूचियां थी दोस्तों। ऐसी गुलाबी, खूबसूरत और बड़ी बड़ी चूचियां मैंने आजतक नही देखी थी। मैंने तुरंत ही अंजली भाभी के दाई चूची को मुंह में भर लिया और पीने लगा। मुझे तो जैसे जन्नत मिल गयी थी।मैं मुंह चला चलाकर अपनी भाभी की चूची चूस रहा था। मुझे अभूतपूर्व आनन्द की प्रप्ति हो रही थी।
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दोस्तों आज मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन था। आज तो मेरी चुदक्कड़ भाभी ने मुझे खुद अपने दूध पिला दिए थे। मैं उनकी दाई चूची को 15 मिनट तक चूसा। अंजली भाभी “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज लगातार निकालती रही। फिर मैंने उनकी साड़ी खोल दी। बारिश में हम दोनों भीग रहे थे। आज हम देवर भाभी का सेक्स बरसात में होने वाला था। मैंने अंजली भाभी के पेटीकोट का नारा खोल दिया और निकाल दिया। मेरी नजर उनकी पेंटी पर गयी। पैंटी चूत से चिपकी हुई थी। भाभी की चूत की बीच वाली दरार तो मुझे उपर से ही दिख रही थी। मैंने अपना हाथ अंजली भाभी की चूत पर पेंटी पर रख दिया और सहलाने लगा। एक बार फिर से वो कसकसा रही थी। कुछ देर तक मैं उनकी पेंटी को सहलाता रहा। अंजली भाभी अपने होठो को दांत से काटने लगी। फिर मैंने पैंटी खीच दी और निकाल दी।
दोस्तों भाभी का मस्त गुलाबी भोसड़ा देखकर तो मेरा होश उड़ गया। उनकी चूत पूरी तरह से चिकनी थी। झांट का एक बाल तक नही था। मैंने धीरे धीरे भाभी की चूत की दरार पर अपनी उँगलियाँ घुमानी शुरू कर दी। अंजली भाभी को बहुत हॉट फिल हो रहा था। फिर मैंने छत पर ही अपने सारे कपड़े निकाल दिए।
“भाभी! भैया तुमसे लौड़ा चुसाते है क्या???” मैंने पूछा
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दोस्तों आज हमारे घर पर कोई नही था और हम देवर भाभी भरपूर ऐश कर रहे थे। धीरे धीरे मेरा लंड 10” का हो रहा था। अंजली भाभी को मैं अनाड़ी समझता था। पर जब उन्होंने मेरे लंड को गोल गोल फेटना शुरू किया तो मैं जान गया कि वो चुदाई के मनोरंजक खेल में खिलाडी है। जो जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी और गले में अंदर तक लेकर चूस रही थी। मैं सी सी सी सी.. हा हा हा की आवाज निकाल रहा था। क्यूंकि मुझे बहुत सेक्सी फील हो रहा था। मैंने भाभी के चूत के दाने को सहलाना और घिसना शुरू कर दिया था। जब मैं उनके चूत के दाने को ऊँगली से छेड़ता था अंजली भाभी “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकालने लग जाती थी।
इस तरह से हम देवर भाभी ने भरपूर मजा लिया। उन्होंने 20 मिनट तक मेरे लंड को जोर जोर से हाथ से फेटा और मुंह में लेकर चूसा। मैंने उनकी चूत में काफी देर तक ऊँगली की। धीरे धीरे अब हम देवर भाभी पूरी तरह से गर्म हो गए थे। अब हम लोगो को सेक्स की सख्त जरूरत थी। मुझे भाभी की चूत चोदनी थी और भाभी को मेरा मोटा लंड खाना था। कुछ देर बाद भाभी बहुत चुदासी हो गयी थी। मैं उनकी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली कर रहा था। उनको बहुत अच्छा लग रहा था। “देवर जी!! ….प्लीस जल्दी से मेरी गर्म में अपना मोटा लौड़ा डाल दो वरना मैं मर जाउंगी!!” अंजली भाभी बोली ,उनके बाद मजबूरन मुझे उनके मुंह से अपना लंड निकालना पड़ा। मैं भाभी के दोनों पैर खोल दिए। सामने उनकी भरी हुई चूत के दर्शन मुझे हो रहे थे। मैंने बिना देर किये उनकी चूत में अपना लंड हाथ से डाल दिया और फिर चोदने लगा।
दोस्तों अंजली भाभी बिलकुल अल्टर चुदासी छिनाल लग रही थी। जैसे ही मैंने उसकी गुलाबी चूत में धक्के मारना शुरू किया जो “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की आवाजे निकालने लगी। साफ था की उनको खूब मजा आ रहा था मेरा मोटा लंड खाने में। फिर मैं धीरे धीरे उनकी चूत की सेवा शुरू कर दी। ओह्ह्ह गॉड!! उनकी कमर तो बस 30” की थी। पतली और महासेक्सी। मैंने अंजली भाभी की कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया और जल्दी जल्दी उनकी चूत लेने लगा।
वो गर्माने लगी। उधर मुझे भी अजीब सा नशा मिल रहा था। जिस भाभी को मैं छुप छुपकर देखा करता था, आज मैं उसकी गुलाबी चूत का भोग रहा था। दोस्तों मेरा लौड़ा जल्दी जल्दी उनकी चूत की गली में फिसल रहा था। मुझे भी बहुत सेक्सी फील हो रहा था। कुछ देर बाद मेरे धक्को की रफ्तार बढ़ गयी थी। अंजली भाभी बार बार अपने होठो को अपने ही दांत से काट रही थी। अपनी रसीली चूचियों को वो खुद ही दबा रही थी। इस तरह से भरपूर सुख वो प्राप्त कर रही थी।
मैंने उनके पतली पेट पर हाथ रख दिया और जल्दी जल्दी सहलाने लगा। मैं अब और तेज तेज उनको पेल रहा था। भाभी “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” गर्म गर्म सिस्कारी छोड़ रही थी। मैं उनकी चुद्दी में जोर जोर के झटके मार रहा था। उनकी चूत को कायदे से फाड़ रहा था। हम दोनों आज जंगल में मंगल कर रहे थे। भाभी चुपचाप बिना किसी बहाने के 20 मिनट तक चुदवाती रही। कुछ देर में मेरा माल निकलने वाला था। अब मैं उनपर लेट गया और उनकी चूची को फिर से चूसने लगा। मेरा लंड तो रुकने का नाम ही नही ले रहा था। बस जल्दी जल्दी अंजली भाभी की गुलाबी चूत को मैं चोद रहा था। 20 मिनट तक मैं उनकी चुद्दी [चूत] में नॉन स्टॉप धक्का दिया। फिर मैंने माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया। उसके बाद अंजली भाभी मेरे सीने से लिपट गयी। हम दोनों भाई के आने तक हसबैंड वाइफ की तरह रहने लगे।
Tags: लॉकडाऊन में चुदाई का मज़ा - Lockdown me chudai ka mazaa , चूत की वासना , लॉक डाउन का फायदा , लॉकडाउन के चलते मुझे हुआ चूत का दीदार , चूत में लंड डालकर चोदने लगा , गज़ब की चुदाई की कहानी , रात भर चुदाई.
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