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मेरा आवारा भोसड़ा सालों से ऐसे ही चुदाई करवाता है - Kere bhosde me aag lagi hai mitti hi nahi
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बड़ा आवारा हो गया है ? बड़ा ऐय्यास हो गया है ये भोसड़ी वाला मेरा भोसड़ा ? आज से नहीं बेटी, ये तो वर्षों से यूँ ही आवारा गर्दी कर रहा है , मैंने इसे बहुत समझाया बुझाया धमकाया भी लेकिन इसकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता बेटी ? इसकी आवारा गर्दी इस कदर बढ़ गयी है कि मैं जहाँ जाती हूँ वही ये लण्ड सूंघ लेता है ? और फिर जिद करने लगता है की मैं बिना चुदाये जाऊंगा नहीं ? अब देखो न ये हसरत अली मुझसे वर्षों बाद मिलने आया ? इसको देखते ही मेरे भोसड़ा में हलचल होने लगी। मैं उधर बातें करने लगी तो मेरी ये गांड में ऊँगली करने लगा बोला मुझे इसका लौड़ा दिखाओ, मैं इसका लण्ड देखूँगा, मैं इसे अपने अंदर पेलूँगा ? आखिर कार मुझे इसका पैजामा खोलना ही पड़ा और मैंने जैसे ही इसका लौड़ा बाहर निकाला तो इसे बड़ा मज़ा गया। लौड़ा मेरे मन का निकला तो मैं भी उसे चाटने लगी। अंकल मेरी चूंची चूसने लगा। फिर लण्ड मैंने मुंह में घुसा लिया और मस्ती से चूसने लगी। इतने में तुम आ गयी, बेटी ? तुमने मुझे लण्ड पीते हुए देख लिया ? तब मैंने सोंचा की क्यों न मैं तुमको सच सच बता दूं ? अब मेरा भोसड़ा बिना चुदाये यहाँ से जाने वाला नहीं है बेटी ? मैं तो कहती हूँ बेटी की तुम भी ज़रा लौड़ा पकड़ कर के देख लो ? पसंद आये तो पहले तुम इसे अपनी चूत में ले लो और मस्ती से चुदवा लो ?
वह बोली :- वैसे तो मेरी चूत भी बहन चोद बड़ी आवारा है अम्मी ? जिस दिन यह लण्ड नहीं खाती उस दिन मुझे सोने नहीं देती हरामजादी ? कभी कभी तो मुझे रात में उठा देती है और फिर मुझे किसी का लण्ड इसे खिलाना ही पड़ता है तब यह सोती है बुर चोदी ? कल रात को इसने मुझे उठा दिया बोली मैं चुदवाऊँगी ? बिना चुदाये नहीं सोऊंगी ? अब उस समय लण्ड कहाँ से लाऊं मैं ? फिर अचानक, मैं छत पर चली गयी। मैंने देखा की बगल की छत पर एक अंकल लेटे है मैं बस उसी के पास चली गयी और उसके बिस्तर पर घुस गयी। मैं नंगी थी ही। उसने मेरी चूंची पकड़ ली तो मेरा काम बन गया। फिर तो मैं चुदवाकर ही नीचे आयी, अम्मी ? अब आज तुम अंकल से चुदवा लो अपना भोसड़ा ? मैं अभी बाहर चुदवाने जा रही हूँ और चुदा कर ही वापस आऊंगी ? हां मैंने अंकल का लण्ड देख लिया है, अम्मी मैं किसी दिन इससे जरुर चुदवाऊँगी ।
मेरा नाम है मिसेज फ़िरोज़ा खान और मेरी बेटी है फरीदा . मेरी उम्र ४४ साल की है और मेरी बेटी की २२ साल . हम दोनों साथ साथ मुम्बई रहती है। फरीदा का अब्बू बड़ा मस्त है, हैंडसम है और लम्बा चौड़ा है। उसका लौड़ा भी बड़ा लंबा चौड़ा है। मेरी दो बहने है दोनों की दोनों ससुरी मेरे मियां के लण्ड की दीवानी है। जब भी आती है तो बिना चुदवाये नहीं जाती ? मैं कहाँ पीछे रहने वाली ? मैं भी उनके मियों से चुदवाती हूँ। इधर मेरी जितनी सहेलियां है वे भी बुर चोदी चुदवाती है मेरे मियां से ? तब फिर मैं भी चुदवाती हूँ उनके मियां से। बस इसी तरह मेरा भोसड़ा हो बहन चोद आवारा ? अब तो मेरे भोसड़ा की आदत पराये मर्दों के लण्ड खाने की पड़ गयी है। मेरी बेटी मुझसे कम नहीं है। आजकल तो वह मुझसे आगे निकली जा रही है माँ की लौड़ी ? उसकी १६ साल की उम्र में ही जवानी झलकने लगी थी। १९ साल में तो वह बिलकुल मस्त जवान हो चुकी थी।
दोस्तों, आप समझ ही चुके है की मैं आवारा हो चुकी हूँ और मेरा भोसड़ा भी बहन चोद बड़ा आवारा हो चुका है ? मेरे अंदर शर्म नाम की कोई चीज नहीं है। मैं खुले आम गाली देती हूँ और खुले आम चुदवाती हूँ . चुदाने के लिए न मुझे मेरा मियां कभी मना करता है और न मैं उसे कभी किसी को चोदने के लिया मना करती हूँ। हमारे घर में खुल कर चोदने चुदाने की, खुली खुली बात करने की, हंसी मजाक करने की और भद्दी भद्दी गाली बकने की पूरी आज़ादी है इसलिए मेरी बेटी भी जल्दी ही सब कुछ सीख गयी। अब तो वह भी है बिना मादर चोद, बहन चोद, बेटी चोद, बुर चोदी, भोसड़ी के बोले बात ही नहीं करती ? मुझसे भी गाली देकर बात करती है और अपने अब्बा से भी ? हमारे घर में सभी ऐय्यास है। मैं भी, मेरा शौहर भी और मेरी बेटी भी ? मुझको जहाँ भी लण्ड मिलता है मैं वहीँ उसे पकड़ लेती हूँ और फिर बेहिचक चुदवा लेती हूँ। मेरा मियां तो इसी ताक में रहता है की आज किसकी बीवी, किसकी बेटी और किसकी माँ चोदी जाए ? उसे न कोई शर्म है और न कोई झिझक ? वो तो बहन चोद किसी को भी अपने बेटी के सामने भी चोद सकता है ? और अब तो मेरी बेटी भी इसी राह पर चली जा रही है। मैंने सुना है की वह भी आजकल अपने दोस्तों के लण्ड पकड़ती है और उनसे खूब चुदवाती है . अब मैं बुर चोदी मना करने वाली कौन होती हूँ ? मैं जब खुद लण्ड की तलास में रहती हूँ तो अपनी बेटी को कैसे मना करूँ और फिर क्यों मना करूँ ? वह भी पूरी जवान है, हॉट है और उसकी चूत में भी आग है तो फिर क्यों न करें मेरी तरह ऐय्यासी ? मैं उसे करने देती हूँ ऐय्यासी ? जवानी में जवानी का सुख तो सबको उठाना चाहिए न ? अब आगे की कहानी आप मेरी बेटी के मुंह से ही सुनिये :-
उस दिन मैं घर में घुसी तो मुझे अब्बा के कमरे से कुछ आवाज़ आयी। अम्मी घर पर नहीं थी। मैं नजदीक गयी तो मैंने सुना की किसी लड़की की आवाज़ है वह कह रही थी हाय अल्ला, तेरा तो लौड़ा बढ़ता ही जा रहा है अंकल ? अभी कितना और बढ़ेगा भोसड़ी का ? ये तो मेरी चूत फाड़ डालेगा अंकल ? अब्बा बोला तू चिंता न कर मैं धीरे धीरे चोदूँगा ? वह बोली नहीं अंकल मैं धीरे धीरे चोदने वालों को पसंद नहीं करती। मैं तो भकाभक चोदने वालों को पसंद करती हूँ ? मैं समझ गयी की ये तो मेरी सहेली मिस शकीरा है। मैं सीधे अंदर घुस गयी।
मैंने कहा वाओ, शकीरा तू बुर चोदी मेरे अब्बा से चुदवा रही है। तूने मुझे आने के पहले बताया नहीं ? वह बोली नहीं यार मैं कोई चुदवाने तो आई नहीं थी ? यहाँ आई तो अचानक तेरा अब्बा अपनी लुंगी खोल कर मेरे सामने पैजामा पहनने लगा . इतने में मैंने इसका लण्ड देख लिया। . लण्ड मुझे बड़ा बढ़िया लगा बड़ा प्यारा लगा। मेरे बदन में आग लग गयी। मेरा मन हुआ की मैं लण्ड अभी पकड़ लूं ? मैं बोली अंकल मुझे अपना लण्ड दिखाओ न प्लीज। तब अंकल भोसड़ी का खुद ही नंगा होकर मेरे सामने खड़ा हो गया . उसका लण्ड भी बहन चोद खड़ा हो गया। बस मैंने हाथ बढ़ा कर लौड़ा पकड़ लिया और उससे बातें करते लगी। मुझे लण्ड से बातें करना अच्छा लगता है। वह साला और सर उठा कर बढ़ने लगा। मुझे मज़ा आया तो मैं लौड़ा चाटने लगी। तब तक तू आ गयी। अब तू बोल मादर चोद चुदाऊँ की बिना चुदाये घर चली जाऊं ? मैंने कहा तू क्या बात करती है यार ? लौड़ा तेरे हाथ में है तू मस्त हो के मेरे सामने ही चुदवा ? हां एक बात का ख्याल रखना मैंने अभी तक तेरे अब्बा का लौड़ा नहीं देखा है। वह बोली हाय रब्बा जाने कितनी लड़कियां उससे चुदवाती है यार ? मेरा अब्बा भी तेरे अब्बा की तरह लड़कियां चोदने में बड़ा तेज है। तुम जब चाहो तब चली आओ मेरे पास मैं तुम्हे पकड़ाऊँगी उसका लौड़ा। ऐसा कह कर उसने लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ा और चुदवाने लगी।
एक दिन मेरे दो दोस्त फज़ल और ताहिर आ गये। मैंने पहले ड्रिंक्स आफर की फिर हम तीनो आपस में पीते पीते दोनों से बातें करने लगे । बातें धीरे धीरे गहरी, सेक्सी और अश्लील होने लगी।
- मैं - यार आजकल वाकई लड़कियां बड़ी तेज होती जा रही है । देखो न कैसे लड़कों की गांड मारने लगी है। किसी से भी नहीं डरती बुर चोदी ? अच्छा यह बताओ तुम दोनों क्या किसी लड़की ने तुम्हारी गांड मारी है ?
- फज़ल - यार असल बात यह है की कोई लड़कियों के मुंह लगना नहीं चाहता ? क्योंकि अगर कुछ हो गया तो लड़कों की ही गांड मारी जाती है लड़कियों की नहीं ? इसलिए लड़के बिचारे सुन लेते है जबाब कुछ नहीं देते ?
- ताहिर - मगर लड़कियां आजकल गाली बहुत देने लगी है। हर बात में ससुरी चोद मादर बहन चोद बोलती है। मुझे तो उनके मुंह गालियां सुनकर मज़ा आता है। ख़ास तौर से जब वो 'लण्ड' या 'लौड़ा' बोलती है तो मेरा लण्ड बहन चोद खड़ा हो जाता है।
- फज़ल :- इसकी बात छोडो, मैंने तो लड़कियों को अपनी झांटें दिखाते हुए देखा है। बस जींस की दो बटन खोली और झांटें सामने ?
- ताहिर - एक बात और है ? पता नहीं तुम करती हो कि नहीं फरीदा ? आजकल अगर ज़रा सी भी छूट मिल जाए तो लड़कियां खुले आम लड़कों के लण्ड पकड़ लें ?
- मैं :- तो इसमें गलत क्या है, भोसड़ी के ताहिर ? लड़के भी चूंचियां पकड़ लेंगें अगर उन्हें छूट मिल जाए तो ? अब तुम खुद सोंचो अगर तुम्हे मालूम हो की लड़की चोदने से कुछ नहीं होता है तो तुम फिर कॉलेज में ही चोदने लगोगे लड़कियां ? है न ?
इतने में पीछे से मेरी अम्मी बोली :- तो फिर चोदो न फरीदा की माँ का भोसड़ा ?
मैंने देखा अम्मी एक आदमी का लौड़ा पकडे हुए कमरे में आ गयी।
वह बोली :- अरी फरीदा मैं तो तेरी चूत चुदवाने आयी थी मुझे क्या मालूम की यहाँ दो दो लण्ड बहन चोद तुम्हे चोदने के लिए टन टना रहे है ? इन्हे देख कर मेरा तो भोसड़ा साला काबू के बाहर हो गया है फरीदा ?
मैंने कहा :- तू चिंता न कर मैं अभी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती हूँ। यही दोनों लण्ड पेलूँगी मैं तेरे भोसड़ा में अम्मी ?
वह बोली :- ठीक है तू अपनी माँ का भोसड़ा चुदवायेगी तो मैं भी अपनी बेटी की बुर चुदवाऊँगी ? उसकी चूत में यही खालिद का लौड़ा घुसेड़ूँगी मैं ? मेरी निगाह खालिद अंकल के लण्ड पर पड़ी तो मैं गनगना उठी क्योंकि मुझे उसका लौड़ा अब्बा के लण्ड की तरह लग रहा था। मैंने हाथ बढ़ा कर उसका लौड़ा पकड़ लिया और अम्मी ने मेरे हाथ से फज़ल और ताहिर का लौड़ा ले लिया। मैं अंकल का लौड़ा हिलाने लगी तो मेरा अंदाज़ा बिलकुल सही निकला ? लण्ड वाकई मेरे अब्बा के लण्ड के टक्कर का था। मैंने उसे कई बार चूमा और फिर मुंह में लेकर चूसने लगी। उधर मेरी अम्मी उन दोनों का लण्ड बारी बारी से चाटने और चूसने लगी। मुझे तो ग्रुप सेक्स में बड़ा मज़ा आता है। इतने में मेरा फोन आ गया।
- मैंने एक हाथ से फोन उठाया और बोली :- हां भोसड़ी नगमा बोली बुर चोदी क्या हो रहा है ?
- वह बोली :- तू पहले बता ? तू क्या कर रही है माँ की लौड़ी ?
- मैं अपनी माँ चुदा रही हूँ .
- तो तेरी माँ क्या कर रही है
- वह अपनी बेटी चुदा रही है ?
- यार मजाक न कर सच सच बता मुझे . मैं एक बात पूंछना चाहती हूँ तुझसे ?
- तो पूंछ न भोसड़ी की, क्या पूंछना चाहती है तू ?
- सुना है तेरी माँ का भोसड़ा बड़ा आवारा हो गया है ?
- हां तुमने ठीक सुना है मेरी माँ का भोसड़ा आवारा हो गया है ? तभी तो मैं अपनी माँ चुदा रही हूँ।
- यार, मेरी माँ का भोसड़ा भी बड़ा आवारा हो गया है। लेकिन मैं यूँ ही चुदासी बैठी हुई अपनी माँ चुदा रही हूँ।
- तू माँ चुदाने के बाद सीधे मेरे घर आ जा ? मैं तेरी चूत चुदवा दूँगी . बस आने के पहले मुझे फोन जरुर कर देना बस ?
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