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तेरी माँ का भोसड़ा चोदुंगा - hindi bhosda cudai story kahani articles
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मैंने कहा अम्मी पता नहीं भाभी इतनी देर से क्या कर रही है ? कितना धीरे धीरे काम करती है मेरी बुर चोदी भाभी ? इतनी देर में तो जाने क्या क्या हो सकता है। मैं तो भाभी के साथ बहुत परेशान हो जाती हूँ माँ ? बस अम्मी ने जोर से आवाज़ लगाई क्या कर रही है तू इतनी देर से बहू ? अपनी माँ चुदा रही है तू बहन चोद ? बहू ने आवाज़ सुनी तो समझ गयी की मेरी भोसड़ी वाली नन्द ने सास की गांड में आग लगा दी है। तभी सासू जी जोर जोर से चिल्ला रही है। मैंने कहा नहीं सासू जी मैं अभी आती हूँ। अभी तो मेरी माँ यहाँ है नहीं ? जब आएगी तभी तो चुदाऊंगी अपनी माँ ?
थोड़ी देर बाद बहू अपनी सास के पास आ गयी और बोली :- हां सासू जी अब बोलो क्या बात है ? अब क्या करना है ? क्यों इतनी देर से मेरी गांड में ऊँगली कर रही है तू बहन चोद ?
सास बोली - पहले यह बता तू इतने धीरे धीरे क्या अपनी माँ चुदाया करती है ? जल्दी जल्दी क्यों नहीं चुदवाती है बहन चोद ? जल्दी जल्दी काम क्यों नहीं करती है तू ?
बहू बोली :- देखो सासू जी मैं तो आहिस्ते आहिस्ते काम करती हूँ ? आहिस्ते आहिस्ते माँ चुदवाती हूँ अपनी ? और आहिस्ते आहिस्ते गांड मराती हूँ अपनी ? मुझे जल्दी जल्दी कोई काम करना अच्छा नहीं लगता है और न ही जल्दी जल्दी चुदवाने में मज़ा आता है। अब मेरी नन्द रानी को देखो वो जल्दी जल्दी अपनी बुर भी चुदवाती है और अपनी माँ का भोसड़ा भी। उसका तो पता नहीं पर उसकी माँ के भोसड़ा को जल्दी जल्दी चुदवाने में बिलकुल मज़ा नहीं आता ? यह मैं अच्छी तरह जानती हूँ। सासू जी सही बात तो यह है की जल्दी जल्दी में न तो चोदने वाले को मज़ा आता है और न ही चुदाने वाली को ?
सास बोली :- हा बहू रानी तू यह बात तो बिलकुल सही कह रही है। जल्दी जल्दी में चुदाने में वाकई मेरे भोसड़ा को वो मज़ा नहीं आता जो आना चाहिए ? मैं यह बात अपनी बेटी से कई बार कह चुकी हूँ पर वह मानती ही नहीं ? अब तुम ही समझाओ न अपनी बुर चोदी नन्द को ?
दोस्तों, मैं हूँ यहाँ की बहू मेरा नाम है साइमा । मेरी सास है नूरसफ़ा और मेरी नन्द है सफ़िया ? सफ़िया शादी शुदा है। उसकी ससुराल यही इसी शहर में है इसलिए अक्सर वह आती जाती रहती है। मेरा भी माइका यही है। मेरा भी आना जाना लगा रहता है। मेरी अम्मी मिसेज आबिदा है वह भी इसी शहर में है।
मेरी नन्द मेरी गांड मारने की बहुत कोशिश करती है लेकिन मैं उसकी गांड मारती रहती हूँ। वह मेरी शिकायत मेरी सास से करती रहती है लेकिन मैं सास की कमजोरी जानती हूँ ? बस उसी का फायदा उठा कर मैं नन्द की गांड में पानी भर्ती रहती हूँ। हां कभी कभी वह भी मेरी गांड मार देती है। और कभी मेरी माँ भी चोद देती है लेकिन यह सब तो नन्द भौजाई के बीच चलता ही रहता है।
एक दिन मैं अचानक सफ़िया के कमरे की तरफ सुबह सुबह चली गयी। तो मुझे किसी के चुम्मन की आवाज़ सुनायी पड़ी । मैं झाँक कर अंदर देखने लगी । मैंने देखा की यह लण्ड चूमने की आवाज़ है और मेरी नन्द रानी अपने सभी कपडे उतार कर मजे से एक लड़के का लण्ड चूम रही है। लड़का तो बड़ा मस्त था और उससे ज्यादा मस्त था उसका लौड़ा ? मेरा भी दिल लण्ड पर आ गया लेकिन मैंने फ़ौरन चुपके से सासू को बुला लिया ? उसके कान में कहा अब देखो अपनी बुर चोदी बिटिया की करतूत ? तुम जानती हो ये किसका लण्ड है सासू जी ? वह बोली नहीं जानती हूँ मेरी बहू रानी ? कोई नया लौड़ा है ? पता नहीं ये भोसड़ी वाली साइमा किसका लौड़ा चाट रही है ?
इतने में उधर सफ़िया ने अपनी चूत फैलाकर गप्प से लण्ड पेलवा लिया और चुदवाने लगी। सासू बोली देखो बहू इस ससुरी को चुदवाने का कितना शौक है ? मैंने सास की गांड में और पलीता लगा दिया मैंने कहा इसे न मेरी बुर का ख्याल आया सासू जी और न तेरे भोसड़ा का ? अरे अगर उसे चुदवाना ही था तो लौड़ा हमें दिखा तो सकती थी ? हम दोनों थोड़ा थोड़ा चाट तो सकती थी लण्ड ? अपनी अपनी चूंचियों पर एक बार रगड़ तो सकती थी लण्ड ? मगर ये तो बड़ी स्वर्थी है सासू जी। बस सासू की गांड में आग लग गयी। इतने में सफ़िया बोली अरे यार जल्दी जल्दी चोदो दनादन्न चोदो। उसने स्पीड बढ़ा दी तो नतीजा यह हुआ की वह फ़ौरन झड़ गया। अब सफ़िया अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पायी। वह चुदासी ही रह गयी। लड़का तो कपडे पहन कर रफ्फू चक्कर हो गया। सफ़िया थोड़ी देर तक तड़पती रही। मैंने कहा सासू जी देखा जल्दी जल्दी चुदवाने का नतीजा ? अब इस बुर चोदी की बुर जल रही है। सासू बोली अरी बहू, सफ़िया सुनती भी तो किसी की नहीं है माँ की लौड़ी ? इसकी किसी दिन खूब गांड मारो बहू ? इसकी माँ की चूत भोसड़ी वाली को आज ही बैठा कर चुदाना सिखाओ बहू ?
बस इतने में मैं सासू के साथ कमरे में घुस गयी। सास बोली अरी मादर चोद सफ़िया देखा तूने जल्दी जल्दी चुदाने से क्या होता है ? तू रह गयी न चुदासी और वो भोसड़ी वाला चोद के भाग गया ? तुझसे कितनी बार कहा पर तू मानती ही नहीं ? ऐसे ही जल्दी जल्दी अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती है तू ? और हां तूने न मुझे बताया और न अपनी भाभी को ? अरे हम दोनों अगर थोड़ा थोड़ा लण्ड चाट लेती तो क्या तेरी माँ चुद जाती बहन चोद ? अच्छा पहले ये बता की वो था कौन माँ का लौड़ा ? ( मैं मन ही मन खुश हुई की आज फिर मैंने नन्द की गांड मार दी )
सफ़िया बोली :- अरे , वो मेरे देवर का दोस्त था अम्मी सुबह सुबह आ गया भोसड़ी वाला और मुझसे बात करने लगा बोला भाभी आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो ? मैं बिना ब्रा के एक ढीला गाउन पहने थी। मेरी उछलती हुई चूंचियां देख कर बोला भाभी मुझे पकड़ा दो न अपनी ये मस्त चूंचियां ? मुझे भी मस्ती आ गयी मैंने जबाब दिया पहले तू लण्ड पकड़ा अपना मुझे ? बस उसने लण्ड खोल कर मेरे मुंह के सामने खड़ा कर दिया। उसका लौड़ा देख कर मैं रपट पड़ी माँ ? उसका लम्बा चौड़ा लौड़ा मेरे दिल में समा गया। मैंने सोंचा था की पहले मैं इसका मज़ा ले लेती हूँ फिर इससे अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी और बाद में भाभी की बुर में पेलूँगी लेकिन वो तो साला मुझे चोद कर बिना बताये भाग गया ? अब तुम ही बताओ मेरी हरामजादी माँ ? मैं क्या करूँ ? कैसे चुदाऊँ अपनी माँ की चूत और भाभी की बुर ?
सासू बोली :- अरी साइमा बहू अब तू ही समझा इस बुर चोदी सफ़िया को ?
मैंने कहा :- देख सफ़िया तू शुरू में आहिस्ते आहिस्ते चुदवाया कर स्पीड उस समय बढ़वाई जाती है जब तू समझ ले की अब मैं झड़ने वाली हूँ। क्योंकि लौड़ा बहुत जल्दी ही झड़ जाता है। एक बात और याद कर ले औरत का सेक्स धीरे धीरे बढ़ता है और धीरे धीरे उतरता है। मर्द का सेक्स एकदम से चढ़ जाता है और एकदम से उत्तर जाता है। इसलिए तू पहले बुर चटवा, चूंची नुचवा, गांड सहलवा, झाटों पर उंगलियां फिरवा, खूब गन्दी गन्दी बातें करती जा लौड़ा पकड़ कर चूम, उसे प्यार से हिला, उसका सुपाड़ा चाट, उसे मुंह में भर कर चूस, पेल्हड़ सहला, उसे प्यार से चाट, लण्ड की तारीफ कर, लण्ड से बातें कर, लण्ड को गालियां सूना, और तब उसे अपनी बुर में घुसा उसके बाद धीरे से चुदाना शुरू कर फिर आखिर में स्पीड बढ़वाकर लौड़ा खलास कर दे और खुद भी खलास हो जा। इसी तरह माँ का भोसड़ा भी चुदाया जाता है। ऐसा मत कर की लौड़ा खड़ा हुआ तो उसे भोसड़ा में पेल दिया, उसने चोदा और २ मिनट में खलास हो गया । उसके बाद भाग गया। तब भोसड़ा को बिलकुल मज़ा नहीं आएगा। वह तो बिचारा चुदासा ही रह जाता है।
सफ़िया बोली :- हाय भाभी आज मुझे समझ में आया की कैसे बुर चुदवाई जाती है और कैसे माँ का भोसड़ा ?
दूसरे दिन मैंने चुपके से सफ़िया को बुलाया और कहा अरी चल देख तेरी माँ चुद रही है यार ? मैंने उसे ऊपर के कमरे नीचे आने वाले कमरे में ले गयी और वहां नकी खिड़की पे बैठ गयी। वहीँ से अंदर झाँकने लगी । सफ़िया भी झाँक कर देखने लगी। वह बोली हाय भाभी यहाँ तो मेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। मैं कहती थी न भाभी की मेरी अम्मी भोसड़ी की बड़ी चुदक्कड़ है। इस भोसड़ी वाली को इस समय न मेरी चूत का ख्याल है और न तेरी चूत का ? और देखो एक नहीं दो दो लण्ड से रंडी की तरह चुदवा रही है, बहन चोद ?
मैंने कहा ;- सफ़िया एक तो नगमा के अब्बा का लण्ड है। मैं उसे भी पहचानती हूँ और उसके लण्ड को भी। मेरी सास ने ही मुझे नगमा के अब्बा का लण्ड पकड़ाया था फिर मेरी चूत में पेला था। मुझे वाकई मज़ा आया था। मैंने उसका लौड़ा खूब चूसा था और बाद में मस्ती से पिया भी। पर यह दूसरा लण्ड बहन चोद किसका है सफ़िया ? लौड़ा किसी लड़के का है ?
वह बोली :- भाभी कुछ याद नहीं आ रहा है। फिर वह एकदम से बोली अरी भाभी ये तो फ़िरोज़ भाई जान है यह पहले हमारा किराए दार था। वाओ, इसका मतलब की अम्मी बुर चोदी उससे भी चुदवाया करती थी। यह बात पहले मुझे नहीं मालूम थी। हां तब मैं छोटी जरूर थी। देखा भाभी मैंने कहा था न की मेरी अम्मी कोई लौड़ा छोड़ती नहीं है। सारे के सारे लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ लेती है।
इतने में सासू ने आवाज़ लगाई अरी मेरी भोसड़ी वाली बहू साइमा और सफ़िया जल्दी से मेरे कमरे में आ जा ?
हम दोनों जल्दी से कमरे में घुस गयी तो सासू बोली हाय मेरी बहू ज़रा ये लौड़ा पकड़ कर देखो ? उसने मुझे फ़िरोज़ का लण्ड पकड़ा दिया और सफ़िया से बोली ले तू नगमा के अब्बा का लौड़ा पकड़ ? देख कितना मोटा ताज़ा है लौड़ा ? सफ़िया तो फ़ौरन लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। तब तक सासू ने उसके कपड़े उतार दिया वह बोलती जा रही थी मैंने कितने बार तुझसे कहा है सफ़िया की कपडे उतार का लौड़ा पकड़ा कर ? लण्ड की भी आँखे होती है बेटी ? लण्ड नंगी चूंची नंगी चूत देख कर और मस्ती से झूमने लगता है। इस तरह सासू जी अपनी बहू की बुर चुदवाने लगी और दूसरी तरफ अपनी बिटिया की बुर ? हम दोनों मन ही मन सास की तारीफ करने लगी। सासू भी बीच बीच में कभी मेरी चूत से लण्ड निकाल कर चाट लेती कभी सफ़िया की बुर से निकाल कर लण्ड चाट लेती। मस्ती छाने लगी। नन्द भौजाई दोनों एक साथ भकाभक चुदवा रही थी अपनी अपनी चूत ? इतने में जाने कहाँ से नगमा आ गयी।
वह बोली :- अरे भोसड़ी के अब्बा, तू मादर चोद यहाँ सफ़िया की बुर चोद रहा है और उधर अम्मी याकूब अंकल से चुदवा रही है ? अब बची मैं ? मैं कहा जाऊं ? मैं किससे चुदवाऊँ ? किसी को मेरी बुर की परवाह ही नहीं है ?
तब तक पीछे से किसी ने कहा अरे नगमा तुम मेरे लण्ड पर बैठ जाओ ? मैंने देखा तो वह मेरा नंदोई था यानी सफ़िया का हसबैंड ? उसने नगमा को अपनी ओर खींचा और उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां दबाने लगा। नगमा उसका लौड़ा टटोलने लगी। होते करते दोनों ने अपने अपने कपडे खोल दया। अब नगमा सबके सामने सफ़िया के मियां का लण्ड चाटने लगी और फिर उसे मुंह में भर कर चूसने लगी।
वह बोली :- हाय सफ़िया तू मेरे अब्बा का लण्ड चूस रही है तो मैं तेरे मियां का लण्ड चूस रही हूँ।
सफ़िया बोली :- ठीक है मादर चोद चूस ले मेरे मियां का लौड़ा और अपनी अम्मी को भी इसका लौड़ा चुसा देना ? मैं तो कहती हूँ तू मेरे मियां से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा ले ? इधर मैं भी तेरे अब्बा का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलने जा रही हूँ।
तब तक अम्मी बोली :- हाय नगमा मैं तेरे अब्बा से चुदाने के बाद अपने दामाद से भी चुदवाऊँगी ? मुझे उसका लौड़ा तेरे हाथ में बड़ा प्यारा लग रहा है। मेरी चूत चुदवाने के लिए बिलकुल तैयार है। पर एक बात बता तेरा मियां कहाँ है भोसड़ी का नगमा ?
नगमा बोली :- मेरा मियां कल मेरी जेठानी की बुर चोद कर आएगा ?
नगमा इतना कह कर सफ़िया के मियां से धकाधक चुदवाने लगी।
इस तरह की सामूहिक चुदाई देख कर मैं बहुत खुश हो रही थी। जहाँ मैं चुदा रही हूँ, मेरी सास चुदा रही है, मेरी नन्द चुदा रही है, मेरी पड़ोसन नगमा चुदा रही है और सब भोसड़ी वाली लण्ड अदल बदल कर चुदा रही है। इतना प्यारा माहौल बहुत कम देखने को मिलता है ? ऐसा माहौल मेरी ससुराल में अक्सर हुआ करता है। यहाँ न तो किसी को किसी की बुर चोदने से परहेज है और न ही किसी को किसी से चुदवाने से परहेज है। न तो चोदने में कोई पाबन्दी है और न चुदाने में ? इस घर की सारी लड़कियां और बीवियां चुदाने का भरपूर मज़ा लेती है।
एक दिन मेरी अम्मी आबिदा मेरी ससुराल आ गयी। उसका बड़ा खैरमकदम किया गया। घर के सब लोग बड़े खुश हुए। मेरी अम्मी भी हंस हंस कर मुस्कराकर सबसे मिली और आदाब बोला ? इसके बाद महफ़िल जम गयी। मैं बैठी थी, मेरी नन्द सफ़िया, मेरी सास नूरसफा, और मेरी पड़ोसन नगमा भी थी। बातें होने लगी ? हंसी मजाक अश्लील बातें और गन्दी गन्दी बातें सब होने लगी।
इतने में नगमा का जेठ आ गया। उसने अपना लण्ड मेरी सास को पकड़ा दिया। मेरी अम्मी बड़ी खुश हो गयी वह बोली हां अब ठीक है ? अब मेरी बेटी अपनी माँ के साथ साथ अपनी सास का भी भोसड़ा चुदायेगी ? इतने में असद ने ठोंक दिया लण्ड सास के भोसड़ा में ? उधर से खालू ससुर भी आ गया । उसने चुदाई का माहौल देखा तो अपने सारे कपडे उतार कर सफ़िया को पकड़ा दिया लण्ड ? सफ़िया अपने खालू का लण्ड चाटने लगी। अचानक नगमा को ढूंढता ढूंढता उसका देवर सल्लू आ गया। उसने देखा की लोग यहाँ चोदने के लिए तैयार है तो उसने भी अपना लौड़ा खोला और अपनी भाभी नगमा के मुंह में सीधे पेल दिया।
अब नगमा, मेरी सास और मेरी नन्द सबकी सब बुर चोदी लण्ड का मज़ा लेने लगी। तब तक मैंने अम्मी के भोसड़ा में रज़ा का लण्ड घुसेड़ दिया और उसके मुंह में शाहिद का लण्ड ठूंस दिया। अम्मी के लण्ड चूसने लगी और दूसरे से अपना भोसड़ा चुदवाने लगी। मैं दोनों के पेल्हड़ सहलाते हुए चुदाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ?
तब किसी ने कहा अरे भाभी तेरे पास तो कोई लौड़ा ही नहीं है। मैं पीछे मुड़ी तो कहा अरे भोसड़ी के अहमद तू कैसे आ गया यहाँ ? वह बोला भाभी मैं तेरी चूत की खुशबू दूर से सूंघ लेता हूँ। मैं सोंच लिया था की आज मुझे भाभी की बुर चोदने को मिलेगी। मैंने कहा तुम साले बड़े हरामी हो। मेरा मियां तेरी बीवी चोदता है और तुम उसकी बीवी, यानी मेरी बुर चोदते हो। दोनों दोस्त साले एक दूसरे की बीवी चोदते है। वह बोला कुछ भी हो भाभी मैं तो तेरी चूत का दीवाना हूँ ? मैंने कहा अच्छा ठीक है तू अभी मेरी चूत चोद ले फिर चोदना मेरी माँ का भोसड़ा ?
उस दिन मैंने सबको दिखा दिया कि कैसे चुदवाया जाता है माँ का भोसड़ा ?
थोड़ी देर बाद बहू अपनी सास के पास आ गयी और बोली :- हां सासू जी अब बोलो क्या बात है ? अब क्या करना है ? क्यों इतनी देर से मेरी गांड में ऊँगली कर रही है तू बहन चोद ?
सास बोली - पहले यह बता तू इतने धीरे धीरे क्या अपनी माँ चुदाया करती है ? जल्दी जल्दी क्यों नहीं चुदवाती है बहन चोद ? जल्दी जल्दी काम क्यों नहीं करती है तू ?
बहू बोली :- देखो सासू जी मैं तो आहिस्ते आहिस्ते काम करती हूँ ? आहिस्ते आहिस्ते माँ चुदवाती हूँ अपनी ? और आहिस्ते आहिस्ते गांड मराती हूँ अपनी ? मुझे जल्दी जल्दी कोई काम करना अच्छा नहीं लगता है और न ही जल्दी जल्दी चुदवाने में मज़ा आता है। अब मेरी नन्द रानी को देखो वो जल्दी जल्दी अपनी बुर भी चुदवाती है और अपनी माँ का भोसड़ा भी। उसका तो पता नहीं पर उसकी माँ के भोसड़ा को जल्दी जल्दी चुदवाने में बिलकुल मज़ा नहीं आता ? यह मैं अच्छी तरह जानती हूँ। सासू जी सही बात तो यह है की जल्दी जल्दी में न तो चोदने वाले को मज़ा आता है और न ही चुदाने वाली को ?
सास बोली :- हा बहू रानी तू यह बात तो बिलकुल सही कह रही है। जल्दी जल्दी में चुदाने में वाकई मेरे भोसड़ा को वो मज़ा नहीं आता जो आना चाहिए ? मैं यह बात अपनी बेटी से कई बार कह चुकी हूँ पर वह मानती ही नहीं ? अब तुम ही समझाओ न अपनी बुर चोदी नन्द को ?
दोस्तों, मैं हूँ यहाँ की बहू मेरा नाम है साइमा । मेरी सास है नूरसफ़ा और मेरी नन्द है सफ़िया ? सफ़िया शादी शुदा है। उसकी ससुराल यही इसी शहर में है इसलिए अक्सर वह आती जाती रहती है। मेरा भी माइका यही है। मेरा भी आना जाना लगा रहता है। मेरी अम्मी मिसेज आबिदा है वह भी इसी शहर में है।
मेरी नन्द मेरी गांड मारने की बहुत कोशिश करती है लेकिन मैं उसकी गांड मारती रहती हूँ। वह मेरी शिकायत मेरी सास से करती रहती है लेकिन मैं सास की कमजोरी जानती हूँ ? बस उसी का फायदा उठा कर मैं नन्द की गांड में पानी भर्ती रहती हूँ। हां कभी कभी वह भी मेरी गांड मार देती है। और कभी मेरी माँ भी चोद देती है लेकिन यह सब तो नन्द भौजाई के बीच चलता ही रहता है।
एक दिन मैं अचानक सफ़िया के कमरे की तरफ सुबह सुबह चली गयी। तो मुझे किसी के चुम्मन की आवाज़ सुनायी पड़ी । मैं झाँक कर अंदर देखने लगी । मैंने देखा की यह लण्ड चूमने की आवाज़ है और मेरी नन्द रानी अपने सभी कपडे उतार कर मजे से एक लड़के का लण्ड चूम रही है। लड़का तो बड़ा मस्त था और उससे ज्यादा मस्त था उसका लौड़ा ? मेरा भी दिल लण्ड पर आ गया लेकिन मैंने फ़ौरन चुपके से सासू को बुला लिया ? उसके कान में कहा अब देखो अपनी बुर चोदी बिटिया की करतूत ? तुम जानती हो ये किसका लण्ड है सासू जी ? वह बोली नहीं जानती हूँ मेरी बहू रानी ? कोई नया लौड़ा है ? पता नहीं ये भोसड़ी वाली साइमा किसका लौड़ा चाट रही है ?
इतने में उधर सफ़िया ने अपनी चूत फैलाकर गप्प से लण्ड पेलवा लिया और चुदवाने लगी। सासू बोली देखो बहू इस ससुरी को चुदवाने का कितना शौक है ? मैंने सास की गांड में और पलीता लगा दिया मैंने कहा इसे न मेरी बुर का ख्याल आया सासू जी और न तेरे भोसड़ा का ? अरे अगर उसे चुदवाना ही था तो लौड़ा हमें दिखा तो सकती थी ? हम दोनों थोड़ा थोड़ा चाट तो सकती थी लण्ड ? अपनी अपनी चूंचियों पर एक बार रगड़ तो सकती थी लण्ड ? मगर ये तो बड़ी स्वर्थी है सासू जी। बस सासू की गांड में आग लग गयी। इतने में सफ़िया बोली अरे यार जल्दी जल्दी चोदो दनादन्न चोदो। उसने स्पीड बढ़ा दी तो नतीजा यह हुआ की वह फ़ौरन झड़ गया। अब सफ़िया अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पायी। वह चुदासी ही रह गयी। लड़का तो कपडे पहन कर रफ्फू चक्कर हो गया। सफ़िया थोड़ी देर तक तड़पती रही। मैंने कहा सासू जी देखा जल्दी जल्दी चुदवाने का नतीजा ? अब इस बुर चोदी की बुर जल रही है। सासू बोली अरी बहू, सफ़िया सुनती भी तो किसी की नहीं है माँ की लौड़ी ? इसकी किसी दिन खूब गांड मारो बहू ? इसकी माँ की चूत भोसड़ी वाली को आज ही बैठा कर चुदाना सिखाओ बहू ?
बस इतने में मैं सासू के साथ कमरे में घुस गयी। सास बोली अरी मादर चोद सफ़िया देखा तूने जल्दी जल्दी चुदाने से क्या होता है ? तू रह गयी न चुदासी और वो भोसड़ी वाला चोद के भाग गया ? तुझसे कितनी बार कहा पर तू मानती ही नहीं ? ऐसे ही जल्दी जल्दी अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवाती है तू ? और हां तूने न मुझे बताया और न अपनी भाभी को ? अरे हम दोनों अगर थोड़ा थोड़ा लण्ड चाट लेती तो क्या तेरी माँ चुद जाती बहन चोद ? अच्छा पहले ये बता की वो था कौन माँ का लौड़ा ? ( मैं मन ही मन खुश हुई की आज फिर मैंने नन्द की गांड मार दी )
सफ़िया बोली :- अरे , वो मेरे देवर का दोस्त था अम्मी सुबह सुबह आ गया भोसड़ी वाला और मुझसे बात करने लगा बोला भाभी आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो ? मैं बिना ब्रा के एक ढीला गाउन पहने थी। मेरी उछलती हुई चूंचियां देख कर बोला भाभी मुझे पकड़ा दो न अपनी ये मस्त चूंचियां ? मुझे भी मस्ती आ गयी मैंने जबाब दिया पहले तू लण्ड पकड़ा अपना मुझे ? बस उसने लण्ड खोल कर मेरे मुंह के सामने खड़ा कर दिया। उसका लौड़ा देख कर मैं रपट पड़ी माँ ? उसका लम्बा चौड़ा लौड़ा मेरे दिल में समा गया। मैंने सोंचा था की पहले मैं इसका मज़ा ले लेती हूँ फिर इससे अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाऊँगी और बाद में भाभी की बुर में पेलूँगी लेकिन वो तो साला मुझे चोद कर बिना बताये भाग गया ? अब तुम ही बताओ मेरी हरामजादी माँ ? मैं क्या करूँ ? कैसे चुदाऊँ अपनी माँ की चूत और भाभी की बुर ?
सासू बोली :- अरी साइमा बहू अब तू ही समझा इस बुर चोदी सफ़िया को ?
मैंने कहा :- देख सफ़िया तू शुरू में आहिस्ते आहिस्ते चुदवाया कर स्पीड उस समय बढ़वाई जाती है जब तू समझ ले की अब मैं झड़ने वाली हूँ। क्योंकि लौड़ा बहुत जल्दी ही झड़ जाता है। एक बात और याद कर ले औरत का सेक्स धीरे धीरे बढ़ता है और धीरे धीरे उतरता है। मर्द का सेक्स एकदम से चढ़ जाता है और एकदम से उत्तर जाता है। इसलिए तू पहले बुर चटवा, चूंची नुचवा, गांड सहलवा, झाटों पर उंगलियां फिरवा, खूब गन्दी गन्दी बातें करती जा लौड़ा पकड़ कर चूम, उसे प्यार से हिला, उसका सुपाड़ा चाट, उसे मुंह में भर कर चूस, पेल्हड़ सहला, उसे प्यार से चाट, लण्ड की तारीफ कर, लण्ड से बातें कर, लण्ड को गालियां सूना, और तब उसे अपनी बुर में घुसा उसके बाद धीरे से चुदाना शुरू कर फिर आखिर में स्पीड बढ़वाकर लौड़ा खलास कर दे और खुद भी खलास हो जा। इसी तरह माँ का भोसड़ा भी चुदाया जाता है। ऐसा मत कर की लौड़ा खड़ा हुआ तो उसे भोसड़ा में पेल दिया, उसने चोदा और २ मिनट में खलास हो गया । उसके बाद भाग गया। तब भोसड़ा को बिलकुल मज़ा नहीं आएगा। वह तो बिचारा चुदासा ही रह जाता है।
सफ़िया बोली :- हाय भाभी आज मुझे समझ में आया की कैसे बुर चुदवाई जाती है और कैसे माँ का भोसड़ा ?
दूसरे दिन मैंने चुपके से सफ़िया को बुलाया और कहा अरी चल देख तेरी माँ चुद रही है यार ? मैंने उसे ऊपर के कमरे नीचे आने वाले कमरे में ले गयी और वहां नकी खिड़की पे बैठ गयी। वहीँ से अंदर झाँकने लगी । सफ़िया भी झाँक कर देखने लगी। वह बोली हाय भाभी यहाँ तो मेरी माँ का भोसड़ा चुद रहा है। मैं कहती थी न भाभी की मेरी अम्मी भोसड़ी की बड़ी चुदक्कड़ है। इस भोसड़ी वाली को इस समय न मेरी चूत का ख्याल है और न तेरी चूत का ? और देखो एक नहीं दो दो लण्ड से रंडी की तरह चुदवा रही है, बहन चोद ?
मैंने कहा ;- सफ़िया एक तो नगमा के अब्बा का लण्ड है। मैं उसे भी पहचानती हूँ और उसके लण्ड को भी। मेरी सास ने ही मुझे नगमा के अब्बा का लण्ड पकड़ाया था फिर मेरी चूत में पेला था। मुझे वाकई मज़ा आया था। मैंने उसका लौड़ा खूब चूसा था और बाद में मस्ती से पिया भी। पर यह दूसरा लण्ड बहन चोद किसका है सफ़िया ? लौड़ा किसी लड़के का है ?
वह बोली :- भाभी कुछ याद नहीं आ रहा है। फिर वह एकदम से बोली अरी भाभी ये तो फ़िरोज़ भाई जान है यह पहले हमारा किराए दार था। वाओ, इसका मतलब की अम्मी बुर चोदी उससे भी चुदवाया करती थी। यह बात पहले मुझे नहीं मालूम थी। हां तब मैं छोटी जरूर थी। देखा भाभी मैंने कहा था न की मेरी अम्मी कोई लौड़ा छोड़ती नहीं है। सारे के सारे लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ लेती है।
इतने में सासू ने आवाज़ लगाई अरी मेरी भोसड़ी वाली बहू साइमा और सफ़िया जल्दी से मेरे कमरे में आ जा ?
हम दोनों जल्दी से कमरे में घुस गयी तो सासू बोली हाय मेरी बहू ज़रा ये लौड़ा पकड़ कर देखो ? उसने मुझे फ़िरोज़ का लण्ड पकड़ा दिया और सफ़िया से बोली ले तू नगमा के अब्बा का लौड़ा पकड़ ? देख कितना मोटा ताज़ा है लौड़ा ? सफ़िया तो फ़ौरन लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। तब तक सासू ने उसके कपड़े उतार दिया वह बोलती जा रही थी मैंने कितने बार तुझसे कहा है सफ़िया की कपडे उतार का लौड़ा पकड़ा कर ? लण्ड की भी आँखे होती है बेटी ? लण्ड नंगी चूंची नंगी चूत देख कर और मस्ती से झूमने लगता है। इस तरह सासू जी अपनी बहू की बुर चुदवाने लगी और दूसरी तरफ अपनी बिटिया की बुर ? हम दोनों मन ही मन सास की तारीफ करने लगी। सासू भी बीच बीच में कभी मेरी चूत से लण्ड निकाल कर चाट लेती कभी सफ़िया की बुर से निकाल कर लण्ड चाट लेती। मस्ती छाने लगी। नन्द भौजाई दोनों एक साथ भकाभक चुदवा रही थी अपनी अपनी चूत ? इतने में जाने कहाँ से नगमा आ गयी।
वह बोली :- अरे भोसड़ी के अब्बा, तू मादर चोद यहाँ सफ़िया की बुर चोद रहा है और उधर अम्मी याकूब अंकल से चुदवा रही है ? अब बची मैं ? मैं कहा जाऊं ? मैं किससे चुदवाऊँ ? किसी को मेरी बुर की परवाह ही नहीं है ?
तब तक पीछे से किसी ने कहा अरे नगमा तुम मेरे लण्ड पर बैठ जाओ ? मैंने देखा तो वह मेरा नंदोई था यानी सफ़िया का हसबैंड ? उसने नगमा को अपनी ओर खींचा और उसकी बड़ी बड़ी चूंचियां दबाने लगा। नगमा उसका लौड़ा टटोलने लगी। होते करते दोनों ने अपने अपने कपडे खोल दया। अब नगमा सबके सामने सफ़िया के मियां का लण्ड चाटने लगी और फिर उसे मुंह में भर कर चूसने लगी।
वह बोली :- हाय सफ़िया तू मेरे अब्बा का लण्ड चूस रही है तो मैं तेरे मियां का लण्ड चूस रही हूँ।
सफ़िया बोली :- ठीक है मादर चोद चूस ले मेरे मियां का लौड़ा और अपनी अम्मी को भी इसका लौड़ा चुसा देना ? मैं तो कहती हूँ तू मेरे मियां से अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा ले ? इधर मैं भी तेरे अब्बा का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलने जा रही हूँ।
तब तक अम्मी बोली :- हाय नगमा मैं तेरे अब्बा से चुदाने के बाद अपने दामाद से भी चुदवाऊँगी ? मुझे उसका लौड़ा तेरे हाथ में बड़ा प्यारा लग रहा है। मेरी चूत चुदवाने के लिए बिलकुल तैयार है। पर एक बात बता तेरा मियां कहाँ है भोसड़ी का नगमा ?
नगमा बोली :- मेरा मियां कल मेरी जेठानी की बुर चोद कर आएगा ?
नगमा इतना कह कर सफ़िया के मियां से धकाधक चुदवाने लगी।
इस तरह की सामूहिक चुदाई देख कर मैं बहुत खुश हो रही थी। जहाँ मैं चुदा रही हूँ, मेरी सास चुदा रही है, मेरी नन्द चुदा रही है, मेरी पड़ोसन नगमा चुदा रही है और सब भोसड़ी वाली लण्ड अदल बदल कर चुदा रही है। इतना प्यारा माहौल बहुत कम देखने को मिलता है ? ऐसा माहौल मेरी ससुराल में अक्सर हुआ करता है। यहाँ न तो किसी को किसी की बुर चोदने से परहेज है और न ही किसी को किसी से चुदवाने से परहेज है। न तो चोदने में कोई पाबन्दी है और न चुदाने में ? इस घर की सारी लड़कियां और बीवियां चुदाने का भरपूर मज़ा लेती है।
एक दिन मेरी अम्मी आबिदा मेरी ससुराल आ गयी। उसका बड़ा खैरमकदम किया गया। घर के सब लोग बड़े खुश हुए। मेरी अम्मी भी हंस हंस कर मुस्कराकर सबसे मिली और आदाब बोला ? इसके बाद महफ़िल जम गयी। मैं बैठी थी, मेरी नन्द सफ़िया, मेरी सास नूरसफा, और मेरी पड़ोसन नगमा भी थी। बातें होने लगी ? हंसी मजाक अश्लील बातें और गन्दी गन्दी बातें सब होने लगी।
- सास बोली - आबिदा तेरी बेटी जो अब मेरी बहू है, बड़ी खुश मिज़ाज़ है और सबकी इज्जत करती है। सबको इज्जत देती है।
- अम्मी - ये बताओ की मेरी बेटी की यहाँ लोग इज्जत लूटते है की नहीं ?
- सफ़िया - अरे आंटी, भाभी तो खुद ही अपनी इज्जत लुटवाती है। इसकी इज्जत सब लोग पसंद करते है।
- अम्मी - तो सबको खुश रखतीं है न मेरी बेटी ?
- सास - हां हम सबको खुश रखती है तेरी बेटी, अपने काम से भी और चुदाई से भी। हंस हंस कर खूब काम करती है हंस हंस कर खूब चुदवाती है।
- नगमा - हा, भाभी तो इतनी मस्त है की मेरा हसबैंड बिना इसकी इज्जत लिए जाता ही नहीं। जब भी आता है तो अपनी भाभी चोद कर जाता है।
- अम्मी - तो तेरी भाभी ठीक से देती है न अपनी बुर ?
- सफ़िया - अरे आंटी बुर भी देती है और अपनी गांड भी ठीक से देती है ?
- अम्मी - और तू सफ़िया ? तू ठीक से चुदवाती है की नहीं ? अच्छा बता तुझे किस तरह के लण्ड पसंद है ?
- सफ़िया - आंटी, मेरी पसंद और मेरी भाभी की पसंद बिलकुल एक जैसी है। "लम्बा चौड़ा मोटा लौड़ा" बस ?
- सास - हा आबिदा, बड़ा मस्त चुदवाती है सबसे मेरी बहू ? जो भी आता है वो खुश होकर जाता है। सबको इसकी चूत बहुत पसंद आती है।
- अम्मी - ये बताओ मेरी बेटी अपनी सास का भोसड़ा चुदवाती है की नहीं ?
- सास - मेरा भोसड़ा खूब चुदवाती है मेरी भोसड़ी वाली बहू ? जब भी मौका मिलता है पेल देती है लण्ड अपनी सास के भोसड़ा में ?
- नगमा - मेरा अब्बा भी भाभी को चोदने में बहुत आगे रहता है आंटी ? उसका ९" का लौड़ा भाभी को बहुत पसंद है ?
- अम्मी - अरे यार ९" का लौड़ा किस भोसड़ी वाली को पसंद नहीं आएगा ?
- सास - देखो आबिदा यार मैं हमेशा अपनी बहू से मजाक मजाक में कहती रहती हूँ, तू अपनी माँ चुदा रही है क्या ? कितनी देर तक चुदायेगी तू अपनी माँ ? माँ चुदा के आ रही है तू ? कब जाएगी तू अपनी माँ चुदाने ? पहले अपनी माँ चुदा ले बहू ? आदि आदि ये तो सब गालियां है। लेकिन आज मैं चाहती हूँ की मेरी बहू सबके सामने सही में अपनी माँ चुदाये ? मैं इसके लिया नगमा से कहती हूँ की वह अपने अब्बा को बुला ले।
- सफ़िया - अरे अम्मी आबिदा आंटी को एक लण्ड से क्या मज़ा आएगा ?
- सास - तो फिर तू भी अपने शौहर को बुला ले। दोनों मिलकर चोदेंगे मेरी बहू की माँ का भोसड़ा ?
इतने में नगमा का जेठ आ गया। उसने अपना लण्ड मेरी सास को पकड़ा दिया। मेरी अम्मी बड़ी खुश हो गयी वह बोली हां अब ठीक है ? अब मेरी बेटी अपनी माँ के साथ साथ अपनी सास का भी भोसड़ा चुदायेगी ? इतने में असद ने ठोंक दिया लण्ड सास के भोसड़ा में ? उधर से खालू ससुर भी आ गया । उसने चुदाई का माहौल देखा तो अपने सारे कपडे उतार कर सफ़िया को पकड़ा दिया लण्ड ? सफ़िया अपने खालू का लण्ड चाटने लगी। अचानक नगमा को ढूंढता ढूंढता उसका देवर सल्लू आ गया। उसने देखा की लोग यहाँ चोदने के लिए तैयार है तो उसने भी अपना लौड़ा खोला और अपनी भाभी नगमा के मुंह में सीधे पेल दिया।
अब नगमा, मेरी सास और मेरी नन्द सबकी सब बुर चोदी लण्ड का मज़ा लेने लगी। तब तक मैंने अम्मी के भोसड़ा में रज़ा का लण्ड घुसेड़ दिया और उसके मुंह में शाहिद का लण्ड ठूंस दिया। अम्मी के लण्ड चूसने लगी और दूसरे से अपना भोसड़ा चुदवाने लगी। मैं दोनों के पेल्हड़ सहलाते हुए चुदाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा ?
तब किसी ने कहा अरे भाभी तेरे पास तो कोई लौड़ा ही नहीं है। मैं पीछे मुड़ी तो कहा अरे भोसड़ी के अहमद तू कैसे आ गया यहाँ ? वह बोला भाभी मैं तेरी चूत की खुशबू दूर से सूंघ लेता हूँ। मैं सोंच लिया था की आज मुझे भाभी की बुर चोदने को मिलेगी। मैंने कहा तुम साले बड़े हरामी हो। मेरा मियां तेरी बीवी चोदता है और तुम उसकी बीवी, यानी मेरी बुर चोदते हो। दोनों दोस्त साले एक दूसरे की बीवी चोदते है। वह बोला कुछ भी हो भाभी मैं तो तेरी चूत का दीवाना हूँ ? मैंने कहा अच्छा ठीक है तू अभी मेरी चूत चोद ले फिर चोदना मेरी माँ का भोसड़ा ?
उस दिन मैंने सबको दिखा दिया कि कैसे चुदवाया जाता है माँ का भोसड़ा ?
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