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दोनों की चूंचियां आपस में टकराने लगी - Dono ki chuchiyan aapas me takrane lagi
दोनों की चूंचियां आपस में टकराने लगी - Dono ki chuchiyan aapas me takrane lagi , रात की चोदाई से ज्यादा कड़क चोदाई उसे सुबह वाली लगी, हिन्दी में मस्त कहानियाँ, चूंचियां खोल दी और मुझे भी खोलने का इशारा किया.
एक दिन मेरी सास बड़े प्यार से बोली - देख बहू तू बड़ी खूबसूरत है, तेरी चूंचियां बड़ी बड़ी है और सेक्सी भी, तेरी गांड बड़ी सुन्दर है बुर चोदी, तेरी कमर पतली है और जांघे मोटी मोटी ? मैं अगर मरद होती तो तुझे पटक पटक के हर दिन चोदती ? अब तू घर का काम न किया कर ? मैं सब कर लूंगी ? तू अपनी खूबसूरती का ख्याल रखा कर ? बस मेरी झांटें बना दिया कर ? मैं अपनी झांटें ठीक से बना नहीं पाती ? मैंने २/३ बार ब्यूटी पार्लर में जाकर झांटें बनवायी पर मुझे मज़ा नहीं आया, बहू ? वहां साले लड़के बनाते है झांटें ? वह भी नंगे नंगे अपना लण्ड हिलाते हुए ? अब मैं नंगी लेटी हूँ और लण्ड मेरे सामने टन टना रहा है तो पकड़ ही लूंगी न मैं लण्ड ? बस लण्ड पकड़ा तो भोसड़ी वाली दो हज़ार रुपया ले लेती है झांट की बनवायी ? अरे बहू, दो हज़ार में तो मैं २/३ मोटे मोटे अपने मन के लण्ड पकड़ अपनी बुर में घुसा सकती हूँ मैं ? इसके अलावा अगर मैं चुदाने की फीस लेना शुरू कर दूँ तो पैसों का अम्बार लग जायेगा ? मैं पैसों के लिए नहीं अपनी मस्ती और मजे के चुदवाती हूँ ?
मैंने कहा :- सासू जी तुम चिंता न करो ? तुम जब कहोगी मैं तेरी झांटें बना दिया करूंगी। और तेरे मन माफिक लण्ड भी तेरी बुर में घुसा दिया करूंगी।
मेरी सास तो बहुत खुश हो गयी मेरी बात सुनकर मुझे गले लगा लिया और बोली:- मेरी जैसी बहू किसी भोसड़ी वाली की बहू नहीं है ? मुझे अपनी बहू पर नाज़ है ? मुझे इसकी चूत पर नाज़ है क्योंकि आजतक मैंने जितनी बहुओं की चूत देखी है उनमे से मेरी बहू की चूत सबसे अच्छी है ?
दोस्तों, मेरा नाम है रूपा, मेरी सास है सुजाता ? आंटी है बिपासा और उसकी बेटी है दिव्या
तब तक बिपासा आंटी आ गयी । मैं उसे बहुत दिनों से जानती हूँ। उसकी बहू दिव्या को भी मैं जानती हूँ। दोनों ही बहुत सुन्दर और मदमस्त है।
- आंटी आते ही बोली :- अरी सुनती हो सुजाता मेरी बहू बहन चोद अब मेरे भोसड़ा में घोड़े और गधे का लण्डबहू घुसेड़ेगी ?
- तब तक उसकी बहू भी आ गयी वह बोली :- हाय सुजाता आंटी अब तुम ही बताओ जब मर्दों के बड़े बड़े लण्ड भी मेरी सास के भोसड़ा की एक झांट भी नहीं उखाड़ पाते तो मैं इसके भोसड़ा में गधे का लण्ड नहीं पेलूँगी तो किसका लण्ड पेलूँगी ?
- तू तो भोसड़ी वाली इन मर्दों के लण्ड से अपनी चूत की झांट उखड़वा लेती है और जब मेरी बारी आती है तो बहाने ठोंकती है तू माँ की लौड़ी ?
- मैं बहाने क्यों ठोंकूंगी, मेरी बुर चोदी सास ? तू ही तो कहती है की मेरे भोसड़ा में दस दस बारह बारह इंच के लण्ड ठोंका करो बहू ? अब तुम बताओ मैं इतने बड़े लण्ड कहाँ से लाऊं ? इतना बड़ा लण्ड तो घोड़े का ही होगा और उससे बड़ा लण्ड गधे का होगा ?
- कभी पकड़ कर देखा है गधे का लण्ड बुर चोदी दिव्या बहू तूने ?
- हां हां देखा है सासू जी। मेरे पड़ोस में एक धोबिन रहती थी वो अक्सर चुदवाती थी अपने गधे के लण्ड से ? मैंने एक दिन पूंछा की गधे से क्यों चुदवाती है तो वह बोली अरी बिटिया मेरा भोसड़ा इतना बड़ा हो गया है की उसमे आदमियों के लण्ड घुसते है तो मुझे मालूम ही नहीं पड़ता ? मेरे भोसड़ा में कोई असर ही नहीं होता ? और गधे का लण्ड देखो साला मादर चोद कितना बड़ा और मोटा होता है। उससे चुदवाती हूँ तो मुझे मज़ा आता है। बस मैं किसी दिन तेरे भोसड़ा में भी पेल दूँगी गधे का लण्ड सासू जी ?
- अपने अब्बा का लण्ड तो पेल नहीं पायी अभी तक तू मेरे भोसड़ा में ? तू क्या पेलेगी गधे का लण्ड, बहन की लौड़ी बहू ?
- मेरा अब्बा जिस दिन आया था उस दिन तो तू कहीं और चली गयी थी अपनी बुर चुदवाने ?
- गयी तो थी अपनी बहू की बुर चुदवाने पर चोदने वाले के पास टाइम नहीं था इसलिए वो मुझे चोद कर चला गया ?
- बस तू बहाने बनाती जा भोसड़ी की सास ? तुझे तो अपनी बहू की बुर चुदाना आता ही नहीं ? तू बहन चोद अपनी बिटिया की बुर चुदवाती रहती है, बस ? वो जब आती है तो तू लौड़ा पेल देती है उसकी बुर में बहन चोद ? तुझे बहू की बुर से कोई लगाव नहीं है ?
- ऐसा मत कह मेरी बहू ? मैं तेरी चूत से बहुत प्यार करती हूँ। मैं आज ही तेरी चूत में लण्ड पेलूंगी बहू ?
उन दोनों ने वाकई अपने अपने कपडे खोल डाले। दोनों बुर चोदी हमारे आगे नंगी हो गयी। फिर दोनों प्रेम से एक दूसरे के गले मिली और दोनों की चूंचियां भी आपस में मिली, दोनों की चूत भी आपस में मिली ?
- तब फिर मेरी सास मुझसे बोली :- देखा मेरी बुर चोदी रूपा इसे कहते है सास बहू का प्यार ? एक तू है बहन चोद जो मुझसे हमेशा लड़ती रहती है ?
- अच्छा लड़ती रहती हूँ की लड़ाती रहती हूँ अपनी चूंचियां तेरी चूंचियों से ? अपना लण्ड तेरे लण्ड से ?
- बिपासा आंटी बोली अरे वाह यह तो एक नयी बात है ? कैसे करती हो तुम बहन चोद रूपा ?
- जानती हो आंटी जब मेरी सास लण्ड पकड़ती है और में भी लण्ड पकड़ती हूँ तो यह कहती है बहू अपने लण्ड से मेरे लण्ड पर मारो। तब मैं अपना लण्ड इसके लण्ड पर मारती हूँ और ये अपना लण्ड मेरे लण्ड पर मारती है। फिर मैं अपना लण्ड इसकी चूंची पर मारती हूँ और ये अपना लण्ड मेरी चूंची पर मारती है। फिर मैं अपना लण्ड इसकी चूत पर रगड़ती हूँ और ये अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ती है। उसके बाद मैं अपना लण्ड इसकी बुर में घुसा देती हूँ और ये अपना लण्ड मेरी बुर में घुसा देती है। बस मैं अपनी सास का भोसड़ा चुदवाने लगती हूँ और ये अपनी बहू की बुर चुदवाने लगती है।
- बिपासा और दिव्या दोनों ने तालियां बजायी और बिपासा बोली वाह वाह बहू रूपा तुम दोनों में तो हम दोनों से ज्यादा प्यार है ?
- दिव्या बोली अरे सासू जी कल से हम दोनों भी ऐसा ही करेंगी ?
- तब तक मैं बोली कल नहीं आज से ही करो ? आज तुम मेरी सास का भोसड़ा चोदो और मैं तेरी सास का भोसड़ा चोदूंगी। आज मेरी सास तेरी बुर में लण्ड पेलेगी और तेरी सास मेरी बुर में लण्ड पेलेगी।
अचानक बिपासा आंटी का फोन बजने लगा। वह बोली हेलो कौन है ? उधर से आवाज़ आयी मैं सजल बोल रहा हूँ भाभी ? आप कहाँ है मैं आपके घर के सामने खड़ा हूँ। वह बोली अरे यार मैं यहाँ अपनी दोस्त सुजाता के घर में हूँ तू यही चल आ न ? तू तो घर जानता है न। यह बोला हां भाभी मैं अभी आ रहा हूँ। थोड़ी देर में वह आ गया। मैंने देखा की उसके साथ एक और आदमी था। सजल बोला भाभी ये मेरा दोस्त निर्मल है। आंटी बोली तेरा दोस्त तो बड़ा स्मार्ट है बहन चोद ? मेरी सास भी बोली हां यार मुझे तो तुम दोनों बहुत हैंडसम लग रहे हो ? बस दारू शुरू हो गयी। थोड़ा थोड़ा नशा चढ़ने लगा।
इतने में आंटी बोली :- सजल तुम इनसे मिलो ये है रूपा, सुजाता की बहू और तुम मेरी बहू दिव्या को तो जानते ही हो ? तू गाँव से कब आया सजल ?
वह बोला :- अभी कल ही आया था भाभी ? आते समय निर्मल बोला मैं भी चलूँगा तो मैं इसे ले आई ?
आंटी बोली :- अच्छा बता इस बार किस की बुर चोद कर आया है तू ? तू तो हर बार एक नयी बुर चोद कर आता है मादर चोद ?
वह बोला :- इस बार तो मैं अंजना की माँ चोद कर आया हूँ भाभी ?
आंटी बोली :- तू कभी मानेगा नहीं कभी किसी की माँ चोदेगा कभी किसी की बेटी और कभी किसी की बहू ?
वह बोला :- मैं कभी किसी की सास भी चोदता हूँ, भाभी ?
आंटी बोली :- वाओ, तो तू आज दिव्या की सास चोदने आया है। ठीक है चोद ले भोसड़ी के लेकिन तुझे रूपा की भी सास चोदनी पड़ेगी ?
सब लोग खूब मस्ती से हंसने लगे ?
ये सब बातें हो ही रही थी की किसी ने दरवाजा खटखटाया। मैंने जब खोला तो देखा की सामने दो लड़के खड़े है काकू और राना ? ये दोनों मेरे दोस्त है और आज मैने दोनों को को बुलाया है। मैं उन्हें लेकर सीधे वहां आ गए जहाँ सब लोग बैठे थे। मैंने कहा लो इनसे मिलो ये है काकू और ये है राना ? मैं खुल कर बताना चाहूंगी की मैं इन दोनों के लण्ड पीती हूँ। ये दू भी हमारे इस चोदा चोदी के खेल में शामिल होंगें ? बस फिर क्या ये लोग भी दारू पीने लगे। तब तक बिपासा आंटी बोली :-
तू अपने दोस्त काकू और राना से मेरा भोसड़ा और मेरी बहू की बुर चुदवा ले ?
मैं अपने दोस्त सजल और निर्मल से तेरी बुर और तेरी सास का भोसड़ा चुदवा लूँ ?
मैंने आंटी की सलाह मान ली। तब मैंने अपनी सास सुजाता का हाथ पकड़ कर सजल के लण्ड पर रख दिया और मैं निर्मल का लण्ड सहलाने लगी। उधर आंटी ने अपनी बहू का हाथ पकड़ कर काकू के लण्ड रख दिया और खुद राना का लण्ड उसकी पैंट खोल कर पकड़ लिया। बस थोड़ी देर में चार लण्ड और चार चूत चार गांड खुल कर सामने आ गयी।
अब मेरी सास सुजाता सजल का लण्ड चूसने लगी, आंटी राना का लण्ड चूसने लगी, उसकी बहू दिव्या काकू का लण्ड चूसने में जुट गयी और मैं निर्मल का लौड़ा चूसने का मज़ा लेने लगी। मेरी नज़र अपनी सास की गांड पर थी। उसकी उठी हुई गाडन मुझे बड़ी सेक्सी लग रही थी। मैंने धीरे से निर्मल का लण्ड सास की गांड में टिका दिया। जैसे ही उसे लगा की मैं उसकी गांड मारने जा रही हूँ वैसे ही वह बोल पड़ी - आज तू मेरी गांड मार ले बहू ? बस मैंने लौड़ा फ़ौरन घुसा कर उसकी गांड मारने लगी। तब फिर सास ने मुझे सजल का लण्ड देते हुए कहा ले भोसड़ी वाली रूपा तू इसे अपनी बुर में घुसा ले। मैं वाकई सास के सामने ही चुदवाने लगी अपनी चूत ? उधर दिव्या दनादन्न अपनी बुर चुदवा रही थी और आंटी भी अपना भोसड़ा चुदाने में मगन थी।
फिर हम सबने रात भर लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया अपनी अपनी बुर और मरवाई अपनी अपनी गांड...
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