Home
» Chudai Ki Sex Kahaniya चुदाई की सेक्स कहानियां Kisne kisko choda
» क्यों नखरे दिखा रही है बुर चोदी - Chut gand chuchi aur munh ki chudai kahani
क्यों नखरे दिखा रही है बुर चोदी - Chut gand chuchi aur munh ki chudai kahani
क्यों नखरे दिखा रही है बुर चोदी - Chut gand chuchi aur munh ki chudai kahani , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan, Lund chusa, chut chati, gand marvai, chut chudwayi ke articles.
बस मैं छलाँगें मारती हुई चढ़ गयी छत पर। मैंने देखा की अब्दुल दूसरी छत पर है, मैं फ़ौरन उसके पास पहुँच गयी। वह बोली अरी रेशमा आ गयी तू देख ये मेरा दोस्त रॉकी है इसे लड़कियों से मुठ्ठ मरवाने का बड़ा शौक है। आज तू इसका मुठ्ठ मार दे। मैं तेरे कपडे खोलता हूँ और तू इसके कपडे खोल कर इसे नंगा कर दे ? मैंने कहा भोसड़ी के अब्दुल तो फिर तुझे कौन नंगा करेगी ? मैं इसका मुठ्ठ मारूंगी तो तू क्या करेगा, भोसड़ी का ? वह बोला आज मैं तुम्हे मुठ्ठ मारते हुए देखूंगा, रेशमा ? आज मैं अपने दोस्त को मज़ा देना चाहता हूँ। बस देखते ही देखते मैं नंगी हो गयी। उसका दोस्त भी भोसड़ी का नंगा हो गया। उसका लण्ड देख कर तो मैं बहन चोद चुदासी हो गयी। इतना बड़ा, लंबा चौड़ा लौड़ा देख कर मेरा मन हुआ की मैं अभी इसे अपनी चूत में घुसा लूँ लेकिन मैं उसे हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी। अब्दुल मेरी चूंची और चूत सहलाने लगा।
वास्तव में अब्दुल मेरा मामू जान है। मेरे और उसके बीच केवल एक साल का ही फरक है। मैं २३ साल की हूँ और वह २४ साल का ? पिछले दो साल से मैं उसका लण्ड चूसती आ रही हूँ। कभी उसे नीचे लिटा कर, उसकी दोनों टांगों के बीच एकदम नंगी हो कर लण्ड चूसती हूँ, कभी उसे दिवार के सहारे खड़ा करके उसके आगे एक स्टूल पर बैठ कर लण्ड चूसती हूँ, कभी उसे सोफ़ा पर बैठा कर, और मैं नीचे ज़मीन पर बैठ कर उसकी टांगों के बीच अपना मुंह घुसा देती हूँ और लण्ड चूसती हूँ। मुझे अब्दुल से चुदाने में बड़ा मज़ा आता है। मैं बेहिचक, बड़ी बेशर्मी से चुदवाती हूँ मामू जान से ? मुझे तो इसका लण्ड और इसके लण्ड का स्वाद बेहद पसंद है।
वैसे तो मैं कई लोगों के लण्ड पकड़ती हूँ, कई लोगों से चुदवाती हूँ, कई लोगों का मुठ्ठ मारती हूँ,
कई लोगों के लण्ड पीती हूँ लेकिन जो मज़ा अब्दुल के लण्ड में है वो मज़ा किसी और के लण्ड में कहाँ ?
मुझे रॉकी का लौड़ा पसंद आ गया और मैं उसे मुंह में डाल कर चूसने लगी। उसके पेल्हड़ सहलाने लगी उसके चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी. थोड़ी देर में लौड़ा मुंह से निकाला और उसे मुठ्ठी में लेकर मुठ्ठ मारने लगी। मुझे लड़कों का सड़का मारने में बड़ा मज़ा आता है। मैं कॉलेज में लड़कों के लण्ड पकड़ कर सड़का मारा करती थी। अपने मोहल्ले के लड़कों के लण्ड का सड़का मारती थी। फिर बड़े लोगों के लण्ड का सड़का मारने लगी जैसे की खालू के लण्ड का, जीजू के लण्ड का, अंकल के लण्ड का, फूफा के लण्ड का, वगैरह वगैरह ? मैंने रॉकी का मुठ्ठ मारना तेज कर दिया। उसका सुपाड़ा फूलने लगा । मैं बीच बीच में लण्ड चाटने लगी। अपनी चूंचियों से टकराने लगी लण्ड ?
रॉकी बोला रेशमा और तेज तेज करो, जल्दी जल्दी करो, वाह बड़ा मज़ा आ रहा है, हां और तेज, क्या बात है तू बुर चोदी बहुत बढ़िया मारती है मुठ्ठ ? वाओ, और तेज ओ, हा, हाय, आ, हां, हो, उई, हो, यूँ, ओ, अब मैं निकलने वाला हूँ, मैं बोली निकल जा भोसड़ी के, तेरी माँ का भोसड़ा, बेटी चोद, गांडू साले, जल्दी निकल ? तेरी बहन की बुर, तेरी बिटिया की चूत साले जल्दी निकल नहीं तो मैं मारूंगी तेरी गांड ? मेरे मुंह से भद्दी भद्दी गालियां सुनकर उसका बाँध टूट गया और उसके लण्ड ने मेरे मुंह में ही वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया और मैं पी गयी लण्ड का सारा सीमेन ? फिर चाट चाट कर लण्ड को कर दिया एकदम चिकना ?
एक दिन अब्दुल मामू मुझे लेकर एक होटल में गया। वह अपने किसी ख़ास दोस्त से मिलने मेरे साथ आया था। रास्ते में मुझे मेरी एक दोस्त मिल गयी मैंने उसे अपने मामू जान से मिलवाया . वह बोली हाय रब्बा यही है तेरा मामू जान जिससे तुम चुदवाती हो रेशमा ? इसी का भोसड़ी का लण्ड बहुत बड़ा है ? इसी के लण्ड की तू दीवानी है, माँ की लौड़ी ? मैंने कहा हां यार तू ठीक कह रही है ? मैंने तुम्हे पहले ही बताया है इसके बारे में ? लो किसी दिन तुम भी पकड़ कर देखो लण्ड ? बड़ा मज़ा आएगा तुम्हे ? अब्दुल बोला रेशमा तू यहाँ सरे आम मेरे लण्ड की बात करने लगी हो ? वो क्या कहेगी ? मैं बोली अरे मामू जान ये मेरी दोस्त है मैं इसकी नस नस जानती हूँ। इससे क्या छिपाना यह जानती है की मुझे बड़े बड़े लौड़ों से बेहद प्यार है।
- तब मैंने पूंछा नज़मा तू बुर चोदी यहाँ क्या कर रही है ?
- वह बोली सच बताऊँ यार ? मैं यहाँ लण्ड चाटने चूसने आती हूँ, अपनी चूत चुदवाने आती हूँ, गांड मराने आती हूँ और अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने आती हूँ, रेशमा ?
- तो क्या आज भी चुदवाने आई हो ? अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने आई हो ? अगर हां तो कहाँ है तेरी माँ ?
- वह बुर चोदी अंदर अपना भोसड़ा चुदवा रही है और मैं चुदवा कर बाहर आ गयी तभी तू दिख गयी मुझे ?
- किस किस से चुदवाने आती हो तुम लोग ?
- यहाँ बड़े बड़े अरबी शेख आतें है रेशमा ? उनके लण्ड लम्बे भी होते है और मोटे भी। सबसे बड़ी बात है की लण्ड बहन चोद बहुत गोरे होते है और बड़े खूबसूरत लगते है। मन करता है की सारे लण्ड कच्चे ही चबा जाऊं ? हम दोनों को अरबी लौड़ों से चुदवाने में बड़ा अच्छा लगता है। इनके लण्ड का एक एक बूँद निचोड़ लेती हूँ मैं और मेरी माँ ? बड़े टेस्टी होतें है इन मादर चोदों के लण्ड ?
- वाओ, तो फिर मुझे भी दिखाओ न अरबी लण्ड ? तेरी बात सुनकर मेरी चूत में आग लग गयी है।
- हां हां जरूर दिखाऊँगी बल्कि चुदवा दूँगी तेरी बुर रेशमा ? और एक बात है यहाँ कुछ अरबी लोग अपनी बीवियां चुदवाने आते है। अगर तेरा मामू अरबी बुर चोदने के मूड में हो तो मैं अभी इंतज़ाम कर सकती हूँ। मेरी नज़र में यहाँ के २/३ कपल है जो अपनी बीवी चुदाने के तैयार बैठे है।
- अरे तू इंतज़ाम कर मैं खुद मामू जान का लण्ड उसकी चूत में घुसेड़ दूँगी ?
- हां रेशमा तुम बन जाना अब्दुल की बीवी और अब्दुल तेरा मियां ? यानी अपने मामू जान की बीवी। वैसे भी जब तुम उससे चुदवाती हो तो उसकी बीवी बनकर ही चुदवाती हो न ?
- अरे यार मैं उस भोसड़ी वाले की बीवी हूँ, उसकी प्रेमिका हूँ, उसकी रखैल हूँ, उसकी रंडी हूँ, और वो मेरा चुदक्कड़ मियाँ है ।
अब तीन कपल कमरे में थे ? मैं, रेशमा अब्दुल, अली हसीना, सफीक सबा और नज़मा ? थोड़ा नशा चढ़ा तो नज़मा उठी और मेरा हाथ अली के लण्ड पर रख कर बोली ले बुर चोदी रेशमा तू पहले इसका लण्ड पकड़ कर देख ? और हसीना का हाथ पकड़ कर बोली ले तू सफीक का लौड़ा पकड़ और सबा अब्दुल का लौड़ा पकड़ेगी ? मैंने कहा अरी लौड़ी नज़मा तू क्या अपनी झांटें उखाड़ेगी ? तेरे लिए तो कोई लौड़ा नहीं है ? तब तक एक आवाज़ आई मैं लायी हूँ इसके लिए लौड़ा रेशमा ? मैं घूमी तो देखा वो मेरी पड़ोस की रेहाना आंटी थी। वह बोली ये है मेरा देवर आज ही दुबई से आया है ? मैंने इससे रात भर चुदवाया और यहाँ इसके साथ किसी और शेख से चुदवाने आई हूँ मैं जा ही रही थी की मेरे कानो में रेशमा की आवाज़ पड़ी तो मैं घुस आई तेरे कमरे में ? अब इससे नज़मा पहले अपनी बुर चुदवायेगी फिर और सबकी ? इतने में मैंने कहा भोसड़ी की रेहाना आंटी, नज़मा तो तेरे देवर से अपनी माँ का भोसड़ा भी चुदवायेगी ? वह बोली जब बहन चोद लौड़ा खुल गया तो कोई भी चुदवाये हमारे बारे से ? नज़मा उसका लौड़ा खोल कर मस्ती चुदवाने लगी। मैंने अली का लौड़ा घुसा लिया अपनी बुर में और हसीना ने सफीक का लौड़ा पेल लिया। उसकी बीवी ने अब्दुल का लौड़ा घुसेड़ लिया। हम चारों अपनी अपनी चूत में गैर मरद का लण्ड घुसेड़ कर चुदवाने लगी। सबा बोली :-
अपने मरद से तो सभी भोसड़ी वाली बीवियां चुदवा लेती है, मज़ा तो पराये मरद से चुदवाने में है, मैं तो हमेशा पराये मरद से ही चुदवाती हूँ सबके लण्ड का मज़ा लेती हूँ और सबको अपनी चूत का मज़ा देती हूँ।
मैंने अब्दुल का लण्ड बड़े गौर से देखने लगी तो मुझे लगा की साला कुछ ज्यादा ही मोटा हो गया है । तब मुझे समझ में आया यह बात तो वाकई सच है की नयी नयी परायी बीवियों के हाथ में जाकर लण्ड कुछ ज्यादा ही जोश में आ जातें है, मादर चोद ? मुझे यह देख कर बड़ा मज़ा आया की पूरे कमरे में चार चार चूत एक साथ चुद रही है। जितना मज़ा मर्दों को चोदने में आ रहा है उससे ज्यादा मज़ा बीवियों को चुदवाने में आ रहा है । ये बीवियां भी बुर चोदी हरामजादी भोसड़ी वाली पराये मर्द के आगे अपनी बुर हमेशा खोल कर खड़ी हो जाती है। अपने मियां का लण्ड चाहे जितना मोटा तगड़ा हो पर वह अच्छा नहीं लगेगा ? पराये मियां का लण्ड भले ही छोटा हो पतला हो पर वह बड़ा जान से प्यारा लगता है इन मादर चोदियों को ? उन्हें तो लगता है की पराये मरद के लण्ड के अलावा उसके लिए दुनिया में कोई और चीज नहीं है ?
मैं सोंचने लगी की मामू जान के लण्ड की बदौलत ही मुझे आज तीन तीन नये लण्ड से चुदवाने का मौक़ा मिल रहा है। और आज मैं सबके लण्ड निचोड़ूँगी ? मादर चोदों के लण्ड का एक एक बूँद रस निचोड़ लूंगी ? मैं मामू जान के लण्ड की और दीवानी हो गयी ?
मैं जब घर वापस आई तो मुझे देखकर अम्मी बोली आ गयी तू अपनी माँ चुदवा कर, भोसड़ी की रेशमा ? वहाँ तू अपनी माँ चुदवा रही थी और यहाँ तेरी माँ चोदने कोई आया था ? मैंने कहा कौन आया था अम्मी ? कहाँ से आया था ? क्या कह रहा था वो ? अम्मी बोली नसीम नाम था उसका ? बॉय फ्रेंड है तेरा मैं सब जानती हूँ ? बात बात करते करते उसने आखिर में क़ुबूल ही दिया की आंटी मैं जानता हूँ की रेशमा अपनी माँ चुदवाती है। तब तक मैंने उसे यह नहीं बताया की मैं ही उसकी अम्मी हूँ। मैं पूंछती चली गयी और वह बोलता चला गया।
- मैंने पूंछा - नसीम सच सच बताओ मुझे और क्या क्या कहती है रेशमा ? क्या क्या करती है रेशमा ?
- वह बोला - कहती है की मुझे चुदाने में बड़ा मज़ा आता है ? मेरी अधिकतर सहेलियां अपनी माँ चुदवाती है ? तुमने कभी कोई लड़की चोदी है, नसीम ?
- हां आंटी, चोदी है, लड़कियां तो खुद आती है मेरे पास चुदवाने ?
- कभी रेशमा की बुर चोदी है तूने ? कभी उसने खुद हाथ बढ़ा कर पकड़ा है तेरा लण्ड नसीम ?
- हां पकड़ा है, आंटी और मैं चोद भी चुका हूँ उसे ? बड़ी मस्त है वो आंटी चुदवाने में ?
- कभी उसकी माँ चोदी है तूने ? कभी उसकी माँ का भोसड़ा देखा है तूने ?
- आज तो उसने मुझे अपनी माँ चुदाने के लिए ही बुलाया है आंटी ?
- वाओ, तो तुम उसकी माँ चोदने आये हो ? क्या तेरा लौड़ा इतना बड़ा हो गया है की तू उसकी माँ चोद सके ?
- अरे आंटी उसने देखा है न मेरा लौड़ा तभी तो अपनी माँ चुदाने की बात कर रही है। आंटी, कहाँ गयी है रेशमा ? कब तक आएगी वो ?
- अपनी माँ चुदाने गयी है बुर चोदी ?
- अरे ये क्या बात हुई ? बुलाया तो उसने मुझे है और माँ चुदाने कहीं और चली गयी है ?
तब तक फरहा बोली हां हां बेटे चोदो न ? बिलकुल निडर हो के चोदो। मैं अभी अपनी बेटी को बुला लेती हूँ उसे भी चोदो ? वो तो लण्ड का एक एक बूँद निचोड़ कर पी जाती है, बुर चोदी ? मैं तुम्हे बताती हूँ, रेशमा की फरहा की बेटी तो नहीं आ पायी पर मैंने नसीम से खूब जम कर चुदवाया और निचोड़ कर पी गयी उसके लण्ड का एक एक बूँद...
Click on Search Button to search more posts.
