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आज मुझे चुदाई का असली मज़ा मिला - Aaj chut chudai karvakar sahi majaa aaya
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मैं जब डिग्री कॉलेज में पढ़ती थी, तभी मैंने जवानी के दहलीज़ पर कदम रखा था । मुझे कई लड़कियों का साथ मिला. फिर लड़कों का भी साथ मिलने लगा . मुझे पहली बार लड़के बहुत अच्छे लगने लगे, मैं उनकी तरफ खिंचने लगी, मेरे तन बदन में खूबसूरत निखार आने लगे, मन में मस्ती छाने लगी और मैं एक बड़ी अजीब सी ज़िन्दगी में तैरने करने लगी। धीरे धीरे मेरी दोस्ती बढ़ने लगी तो मैं सबसे हंसी मजाक करने लगी . उनके साथ चुटकुले सुन सुन कर मज़ा लेने लगी और फिर मैं भी उसी तरह के चुटकुले सुनाने लगी। सबसे खुल कर बात करने लगी ।
मेरा नाम सरारा है मैं कॉलेज में बड़ी मशहूर हूँ क्योंकि मस्ती करने में मैं अबसे आगे रहती हूँ। मैं अधिकतर जींस और टॉप पहनती हूँ। न जींस के नीचे कुछ होता है और न टॉप के नीचे कुछ ? अगर कुछ होता है वह है जींस के नीचे मेरी मस्तानी चूत और टॉप के नीचे मेरी बड़ी बड़ी सक्सी चूंचियां ? मैं हंसी मजाक करने में बहुत आगे निकल गयी हूँ.
एक दिन मैं कई लड़कियों के साथ खड़ी हुई बातें कर रही थी। एक लड़की बोली हाय दईया आजकल लड़के भोसड़ी वाले बड़ी मस्ती करने लगे हैं। बहुत घूर घूर कर देखते हैं लड़कियों को साले ? दूसरी बोली यार अच्छा ही तो है ? जब लड़कियों में कुछ होता है तभी तो देखते हैं मादर चोद लड़के ? तीसरी बोली मैं तो इन बहन चोदों को अच्छी तरह जानती हूँ। ये साले बड़े हरामी और कमीने होते हैं. मैं तो किसी दिन इनकी गांड मारने वाली हूँ। मैंने कहा यार जाने दो इन्हे ? ज़रा सोंचो की अगर लड़के न हों तो फिर कौन देखेगा तुम्हे ? और जानती हो की लड़के लड़कियों को घूर घूर कर क्यों देखते है ? लड़कियों को देख कर लड़कों के लण्ड टुनटुनाने लगते है बहन चोद ? और लड़कों को देख कर लड़कियों की चूत में सुरसुरी होने लगाती है ? लड़की कोई भी हो कैसी भी हो, उस बुर चोदी को लण्ड चाहिए ? बिना लण्ड के कोई लड़की रह नहीं सकती ? पांचवी बोली तो फिर बिना चूत के कोई लड़का भी माँ का लौड़ा रह नहीं सकता ?
यह सुनकर हम सब लोग ठहाका लगा कर हंसने लगीं
ऐसे ही एक दिन मैं ३/४ लड़कों के बीच में खड़ी हुई बातें कर रही थी। मैंने कहा आजकल लड़के लड़कियां फिल्मों के डायलॉग खूब बोलते हैं तो एक बार एक लड़की बोली :- मेरे पास गाड़ी है, बँगला है, नौकर हैं, चाकर हैं, पैसा हैं, बैंक बैलेंस है तेरे पास क्या है ?
लड़का बोला :- मेरे पास "लण्ड" है, लेगी तू ?
मेरी यह बात सुनकर लड़के सब खूब खिलखिलाकर हंसने लगे और बड़ी देर तक हंसने लगे। एक लड़का बोला यार सरारा एक बार फिर सुनाओ ? मैंने फिर सुनाया तो सब लोग और जोर से हँसे ? फिर दूसरे ने कहा एक बार और सुनाओ। मैंने फिर सुनाया तो और बड़ी जोर से सब लोग हँसे ? अब मेरा यह चुटकुला बड़ा मशहूर हो गया कॉलेज में ? सब लोग बार बार यही चुटकुला मुझसे सुनने लगे और खूब एन्जॉय करने लगे।
एक बार क्लास में मेरी साजिया मेम ने कह दिया सरारा वह चुटकुला सुनाओ ? मैंने कहा अरे मेम उसमे गन्दा शब्द है लोग क्या कहेंगें ? वह बोली मैं कह रही हूँ न ? मैं तुम्हे इज़ाज़त देती हूँ सुनाओ। मैंने सुनाया और जैसे ही मेरे मुंह से 'लण्ड' निकला सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े। खुद साजिया मेम भी हंसने लगी। अब मेरा हौसला और बढ़ गया।
एक दिन हम लोगों में कुछ बात हो रही थी की उधर से एक लड़का आ रहा था। मुझे मालूम हुआ की यह नया लड़का है तो मुझे कुछ शरारत करने की सूझी।
- मैंने कहा अबे इधर आ भोसड़ी के ? उधर कहाँ जा रहा है, माँ का लौड़ा ?
- वह हमारे पास आ गया और खड़ा हो गया।
- मैंने कहा अबे साले उधर कहाँ अपनी माँ चुदाने जा रहा था, तू ?
- वह बोला नहीं मैं तो बस बाहर जाने की सोंच रहा था।
- बाहर क्या गांड मराने जा रहा था तू ? यहाँ कॉलेज में पढ़ने आया है की बाहर जाने के लिए आया है, बहन का लण्ड ?
- नहीं, पढ़ने के लिए आया हूँ यार ?
- कितना बड़ा है तेरा, बहन चोद ?
- मैं २२ साल का हूँ ?
- मैं तेरी उम्र नहीं पूंछ रही हूँ ? मैं पूंछ रही हूँ की तेरा 'लण्ड' कितना बड़ा है ? ( लड़के फिर हंस पड़े )
- अब मैं क्या बताऊँ ? कभी नाप कर तो देखा नहीं मैंने ?
- भोसड़ी के अभी तक तू अपने 'लण्ड' का साइज़ नहीं जानता, भोसड़ी का ?
- हां नहीं जानता ? जानने की कोई जरुरत नहीं महसूस हुई कभी ?
- झांटें कितनी बड़ी बड़ी है तेरी, मादर चोद ?
- अभी दो दिन पहले थीं, अब नहीं है ?
- तो तू जनाना है क्या मादर चोद ? मर्द नहीं है क्या तू ? झांटें उखाड़ता रहता है तू अपनी ? देख साले मैं लड़की होकर भी रखती हूँ झांटें और तू बहन चोद लड़का होकर भी झांटें नहीं रखता ? लड़कियों की तरह घर में अपनी झांटें उखड़ता रहता है तू ? ( मैंने अपनी जींस की दो बटन खोलकर अपनी झांटें दिखा दी )
एक दिन मैं साजिया मेम के घर पहुँच गयी ।
बातों ही बातों में वह पूंछ बैठी :- जानती हो सरारा लड़के तुमसे बार बार गालियां क्यों सुनना चाहते है ?
मैंने कहा :- नहीं मेम मुझे तो नहीं मालूम ? बस इतना जानती हूँ की वो सब मेरी गालियां सुनकर मज़ा लेते हैं । खूब एन्जॉय करते हैं भोसड़ी वाले ?
वह बोली :- नहीं, असली बात यह है सरारा, की तेरे मुंह से 'लण्ड' सुनकर लड़कों के लण्ड खड़े हो जाते हैं ?
मुझे यह बात मालूम नहीं थी। मैं सोंचने लगी की तभी लड़के मुझसे लण्ड वाली गालियां खूब सुनते है।
दूसरे दिन जब मैं कॉलेज गयी तो चुप रही कुछ नहीं बोली। अब लड़के बिचारे सब परेशान हो गये । मेरी गालियां सुनने के लिए बड़े बेताब होने लगे। मुझे मनाने लगे। मिन्नतें करने लगे मेरी ? मैं मुंह फुलाये हुए घूमती रही। फिर मैंने कहा मैं जानती हूँ की तुम लोग क्या चाहते हो ? लड़के एक स्वर में बोले अरे सरारा कुछ भी करो यार पर तुम चुप न रहा करो ? कुछ तो बोलो। हम लोग सब बड़े परेशान हैं।
मैंने कहा :- मैं 'लण्ड' बोलती हूँ तो तुम मादर चोदों के 'लण्ड' खड़े हो जाते है। लेकिन यह बात मुझे किसी ने नहीं बताई और न ही किसी ने मुझे अपना खड़ा 'लण्ड' दिखाया ? अगर मेरी बातों से तुम सबका मनोरंजन होता है तो मेरा भी तो कुछ मनोरंजन होना चाहिए न ? तुम में से किसी भोसड़ी की हिम्मत नहीं हुई मुझे अपना लण्ड दिखाने की ? जैसे तुम लोग माँ के लौड़ों मेरी चूंची, मेरी चूत देखने के लिए बेताब रहते हो वैसे मैं भी तुम लोगों के लण्ड देखने के लिए बेताब रहती हूँ।
एक लड़का बोला अरे यार बस इतनी सी बात है ? हम में से कौन सा ऐसा लड़का होगा जो तुम्हे अपना लण्ड न दिखाना चाहता हो ? दिखाना तो दूर रहा सरारा यहाँ तो सब लोग तुम्हे अपना लण्ड पकड़ाना चाहते हैं। तेरे मुंह में घुसाना चाहते है अपना लण्ड ? एक बोला मैं तो तेरी चूत में भी घुसाना चाहता हूँ लण्ड, सरारा। एक ने कहा यार सरारा मैं तो हर रोज़ तेरे नाम का मुठ्ठ मारता हूँ ? लोगों की बातें सुनकर मन ही मन बहुत गयी और बोली वाओ, इतना प्यार करते हैं मुझे तुम लोगों के लण्ड ? तो फिर भोसड़ी वालों एक एक करके दिखाया करों न मुझे अपना लण्ड ? किसी ने कहा सरारा लण्ड देखना है तो कहीं और चलो मेरे साथ ? यहाँ दिखाऊंगा तो कॉलेज से निकाल दिया जाऊंगा। इतने में सामने से प्रिंसिपल साहेब आने लगे तो सब लोग भाग खड़े हुए।
दूसरे दिन इतवार था। मेरा मूड मेम के घर जाने का हो गया। तो मैं सवेरे ११ बजे बिना बताये उसके घर चली गयी। वह भी मुझे देख कर बड़ी खुश हो गयीं। मुझे अंदर बैठाया और कहा सरारा बोल तू क्या पियेगी ठंडा की गरम ? मैंने कहा मेम कुछ भी चलेगा। वह बोली अच्छा तो व्हिक्सी चलेगी ? मैंने कहा हां चलेगी। तब उसने चार गिलास व्हिक्सी के बना लिए। मैंने कहा मेम कोई और है क्या ? वह बोली मेरे साथ दो लोग और हैं। तब तक दो लड़के कमरे में आ गये। दोनों बड़े स्मार्ट, खूबसूरत और सेक्सी थे। मैं तो उन्हें देखती रही। तब मेम ने बताया सरारा यह है ज़हीर और यह है विक्की दोनों मेरे दोस्त है । ये दोनों मादर चोद मेरे साथ पढ़े हुए है। मैंने उन दोनों से कहा यह है मेरे कॉलेज की मेरी चुलबुली स्टूडेंट, मिस सरारा ? यह तो लड़कों की गांड में दम किये रहती है। गालियां खूब बकती है बुर चोदी सरारा और बार बार 'लण्ड' बोल कर लड़कों का मनोरंजन करती है। मैं यह सुनकर मुस्कराने लगी और वो दोनों मज़ा लेने लगे। इतने में मैं बाथ रूम गयी। वहां से जब लौट कर आई तो देखा की मेम विक्की का लण्ड चाट रही है। मेरी निगाह उसके लण्ड पर पड़ी तो मेरी चूत में आग लग गयी बहन चोद ? मेरे मुंह से निकला वाओ, मेम यह क्या कर रही हो ? बाप रे बाप कितना मोटा है 'लण्ड' मेम ? मेम ने कहा सरारा तू ज़हीर का लण्ड पकड़ कर देख और बता की उसका कितना मोटा है लण्ड ?
मैं भी जोश में आ गयी और उसकी पैंट खोल कर लौड़ा बाहर निकाल लिया फिर उसे बड़े प्यार से हिलाया। लौड़ा साला फ़ौरन टन्ना कर खड़ा हो गया । उसका पहाड़ी आलू जैसे सुपाड़ा देख कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। मैंने कहा हाय मेम, यह भी भोसड़ा का बड़ा मोटा है लण्ड ?
"मेम ने कहा सरारा मैं जब व्हिक्सी पीती हूँ तो लण्ड जरूर पीती हूँ और जब लण्ड पीती हूँ तो व्हिस्की जरूर पीती हूँ, आज से तू भी व्हिस्की के साथ लण्ड पीना शुरू कर दे."
मैंने मुंह खोला और गप्प से लण्ड मुंह में ले लिया। मेम की तरह मैं भी चूसने लगी लण्ड ? इतने में मेम ने अपने कपडे उतार फेंका। मैंने जब उसकी मस्त चूंचियां देखीं तो लगा की वाकई मेम अभी बहुत जवान है। उसकी चूत और उस पर छोटी छोटी झांटें बड़ी मस्त लग रही थी। वह बोली अरी सरारा तू भी कपडे उतार कर नंगी हो जा बुर चोदी और मैंने वही किया। मेरी जब चूंचियां खुलीं तो उन्हें देख कर ज़हीर का लौड़ा सख्त हो गया। वह मेरी चिकनी चूत पर हाथ फेरने लगा और बोला वाओ, सरारा तेरी चूत तो बिलकुल मक्खन जैसी है यार। चोदने में तो मज़ा आ जायेगा। मैं समझ गयी की आज ये दोनों भोसड़ी वाले मेरी बुर चोदेंगें। मैं लण्ड चूसने में जुटी थी। थोड़ी देर में मेम बोली सरारा अब तू विक्की का लौड़ा पकड़ और मुझे ज़हीर का लौड़ा पकड़ा दे ? जैसे ही मैंने विक्की का लण्ड पकड़ा तो वह साला बिलकुल लोहे की तरह सख्त हो गया और अपना सर हिलाने लगा। मैंने उसे चाटने लगी लण्ड बहुत पसंद आये। मैं मन ही मन सोंचने लगी की साजिया बुर चोदी बड़ी ऐय्यास है और रोज़ ही चुदवाती है अपनी बुर ? बड़ा मज़ा लेती है भोसड़ी वाली ? अब मैं भी की इसी तरह मज़ा लूंगी और हो जाऊँगी ऐय्यास ?
फिर मैंने देखा की ज़हीर ने गच्च से पेल दिया लण्ड मेम की चूत में और मस्ती से चोदने लगा।
साजिया चुदवाते हुए बोली :- अरे ओये भोसड़ी का विक्की इस बुर चोदी सरारा की बुर में घुसा दे न अपना लौड़ा और चोदना शुरू कर इसकी चूत ? अभी बिलकुल नयी ताज़ी है सरारा की चूत ? तुझे चोदने में ज़न्नत का मज़ा आएगा।
विक्की फिर एक मिनट भी नहीं रुका और घुसेड़ दिया अपना लण्ड मेरी बुर में। मेरी बुर चरमरा गयी। मैं चीख पड़ी हाय दईया इस मादर चोद ने मेरी चूत फाड़ डाली मेम ? बड़ा बेरहम है इसका लौड़ा साला और फिर मैं खुद ही बड़े मजे से चुदवाने लगी।
साजिया बोली :- सरारा, तू सच सच बता क्या तूने पहले कभी नहीं चुदवाया ?
मैंने कहा :- हां चुदवाया है मेम ? मैंने अपने खालू से चुदवाया है बल्कि उसने खुद मुझे चोदा ? मैं तो उस दिन उसका लौड़ा पकड़ कर हिला रही थी। बार बार चूम रही थी उसका लण्ड ? मैं भी नंगी थी और वह भी नंगा था । लेकिन मुझे क्या मालूम था की वह फ़ौरन अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा देगा ? लेकिन बाद में मेम, बहुत मज़ा आया चुदवाने में ? उसके बाद तो वह मुझे ३/४ बार चोद चुका है ।
बस फिर मैं अपनी गांड उठा उठा कर विक्की से चुदवाने लगी। हम दोनों अगल बगल लेटी हुई चुदवा रही थी। वह मेरी चुदाई देख रही थी और मैं उसकी चुदाई ? थोड़ी देर में साजिया ने आँखों से कुछ इशारा किया तो ज़हीर ने अपना गीला गीला लण्ड उसकी बुर से निकाल कर मेरी बुर में घुसा दिया और मुझे चोदने लगा। इधर विक्की ने अपना लण्ड मेरी बुर से निकाल कर साजिया की बुर में पेल दिया। लण्ड बदल गये तो चुदाई का मज़ा भी बदल गया और मैं मस्ती से झूम उठी ।
दूसरे दिन जब मै कॉलेज गयी तो मेरे चेहरे पर मुस्कान थी, चमक थी और मस्ती थी। मैं सबसे मिली और खूब गाली गलौज की। तभी साजिया मेम का फोन आ गया । मैं बोली जी मेम तो उसने कहा सरारा आने वाले इतवार को भी सवेरे मेरे घर आ जाना।
मैं इतवार को सही टाइम पर पहुँच गयी । मेम ने मुझे बैठाया और व्हिस्की का इंतज़ाम करने लगीं। वह पैग बना ही रही थीं की अंदर से एक लड़का निकला । उसे देख कर मैंने कहा अरे नादिर तू क्या अपंनी माँ चुदा रहा है यहाँ, भोसड़ी का ? तब तक एक और लड़का निकल आया। मैंने कहा अरे पिंटू तू भी मादर चोद यहाँ अपना लण्ड हिलाने आ गया ? मैं तो बड़ी खुश हो गयी। ये तो सब मेरे कॉलेज के ही लड़के हैं।
इतने में पीछे से आयसा मेम निकल आई । मैंने देखा की उसकी चूंचियां बिलकुल नंगी है। वह तो केवल पेटीकोट पहने ही कमरे में आ गयी। उसकी मस्त मस्त चूंचियां देख कर लड़कों के लण्ड छलाँगें मारने लगे। उसके पीछे एक और लड़का केवल चड्ढी पहने हुए आ गया। मैं बोल पड़ी अरे बहन के लौड़े तारिक तू यह चड्ढी भी निकाल लेता भोसड़ी का तो और अच्छा होता ? वह बोला मेरी चड्ढी तुम खोलोगी सरारा ?
सब लोग हंस पड़े।
मैंने कहा अरे आयसा मेम तुम भी साजिया मेम की तरह ,,,,,,,,,,,? वह बोली हां सरारा मैं भी साजिया मेम की तरह लड़कों से चुदवाती हूँ और यहाँ तुम सबके साथ चुदवाने ही आई हूँ। और हां ये सब लड़के तुझे अपना लण्ड दिखाने आये है क्योंकि तुम इनके लण्ड देखने के लिए बेताब हो रही हो न ? तब तक एक एक शराब का पैग सबके सामने आ गया। साजिया बोली - तो लो भोसड़ी वालों और भोसड़ी वालियों तुम सब लोग दारू पियो। सबने एक ही स्वर में चियर्स कहा और पीने लगे। साजिया बोली हम तीनो लड़कियां शराब के साथ एक एक लण्ड पियेंगी और लड़के शराब के साथ लड़कियों की चूंची चूसेंगें और चूत चाटेंगें।
आयसा नादिर का लण्ड पीने लगी, साजिया पिंटू का लण्ड और मैं तारिक का लण्ड पीने लगी ?
फिर दिन भर हम तीनो ने इन तीनो लड़कों के खूब चुदवाया। लण्ड अदल बदल कर चुदवाया। उस दिन भी मुझे चुदाई का असली मज़ा मिला।
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