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लंड को चूसा लोलीपोप की तरह - Lund ko lolipop samajhkar chusti hai
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मैं बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी हूँ, आंटी ? बहुत बड़ी मादर चोद भोसड़ी वाली कुत्ती कमीनी हूँ मैं ? मैं किसी भोसड़ी वाले के पेल्हड़ नहीं साधती ? मैं किसी की बहन चोद गांड नहीं चाटती, आंटी ? अपना काम डंके की चोट कर करवा लेती हूँ और कभी कभी तो सबकी माँ चोद के काम करवा लेती हूँ। लेकिन यह मेरा अब्बा है न साला बड़ा हरामी हो गया है। बहुत बड़ा ऐय्यास है आंटी मेरा अब्बा ? इसे हर रोज़ एक बोतल शराब चाहिए पीने के लिए और २/३ बुर चाहिए चोदने के लिए ? जो भी जवान लड़की इसके सामने आती है यह मादर चोद उसे चोदने के लिए अपनी लार टपकाने लगता है। किसी की बीवी हो, किसी की माँ हो, किसी की बहू हो, किसी की सास हो, किसी की जेठानी या फिर किसी की देवरानी हो, ये तो भोसड़ी का सबकी चूंची में हाथ और सबकी चूत में लण्ड घुसेड़ देता है ? तुम भी इसके लण्ड की शिकार हो चुकी हो, आंटी ? एक दिन मेरी दोस्त रुबीना मेरे घर आई। मैं उसके लिए चाय बना कर लायी तो देखा की वह तो भोसड़ी की मेरे अब्बू का लण्ड पी रही है। मैंने कहा अरी मादर चोद रुबीना तुझे इतनी जल्दी है मेरे अब्बू का लण्ड पीने की ? चाय के बाद पी लेती लण्ड ? वह बोली अरे यार सारा मेरी निगाह तेरे अब्बू के लण्ड पर पड़ गयी तो मैं ललचा गयी क्योंकि मेरी अम्मी ने कहा था की सारा के अब्बू का लण्ड बहुत मोटा और लंबा है। बस मैं तो उसी दिन से इसका लण्ड पकड़ने के लिए तड़प रही थी।
आज जब मैं इसके सामने आई तो इसने अपनी लुंगी उठा के मुझे अपना लण्ड दिखा दिया। बस फिर मैं अपने आपको रोक नहीं पायी और अपना हाथ घुसेड़ कर लण्ड बाहर निकाल कर पीने लगी। अरे आंटी जानती हो वह भोसड़ी वाली रुबीना अब्बू के लण्ड का एक एक बूँद रस पी कर गयी है। और जाते जाते बोली मैं तेरे अब्बू से किसी दिन चुदवाने आऊँगी। अब तुम ही बताओ आंटी मेरा अब्बा कितना मादर चोद है साला ? न मेरा अब्बू उसको अपना लण्ड दिखाता और न वो लण्ड पीती ? अब्बा तो जान बूझ कर ऐसा कुछः करता है की उसे चोदने को बुर मिले ?
इसी तरह एक दिन तस्लीमा आंटी आ गयी। वह कुछ बनी ठनी थी। बड़ी मेकप में थीं। उसे देख कर मेरे अब्बा का लण्ड खड़ा हो गया साला। बात करते करते आंटी बोली अरी सारा ये भोसड़ी वालों मर्दों के लण्ड बड़े बद्तमीज होते है कल मैं अपनी सहेली के घर गयी तो उसके मियां ने मुझे अपना लण्ड खोल के दिखा दिया ? वह बोला तस्लीमा भाभी ज़रा इसे छू कर देखो प्लीज ? मैंने छुआ तो लण्ड साला फनफना कर खड़ा हो गया। मैंने सिर्फ उसका लण्ड पकड़ा ही था लेकिन उस भोसड़ी वाले ने मेरी बुर चोद ली ?
आंटी की बातें सुनकर अब्बा के लण्ड में जोश आ गया वह बोला अरे भाभी इसमें उसका गुनाह नहीं है इसमें तो उसका लण्ड गुनहगार है ? अब देखो न मेरा लण्ड तेरी बातें सुनकर कैसे मस्ती कर रहा है। अब्बा ने उसे अपना लण्ड दिखा दिया। आंटी को भी मस्ती आ गयी और उसने लण्ड पकड़ कर कहा सारा तेरे अब्बा का लौड़ा तो उसके लौड़े से लाख दर्जे अच्छा है ? आंटी ने लण्ड झुक कर चूमा तो अब्बा ने उसे धर दबोचा और उसका भोसड़ा चोद डाला ? आंटी को इतना मज़ा आया की वह दूसरे दिन अपनी बिटिया की बुर चुदवा कर गयी। इस भोसड़ी वाले मेरे अब्बा को अपना लण्ड दिखाने का बड़ा शौक है, आंटी। जो लड़की या लड़की की माँ इसे अच्छी लगती है उसे यह अपना लण्ड दिखा देता है।
मैं ये सब बातें ताहिरा आंटी से कर रही थी. मैंने उसी से पूंछ लिया अच्छा आंटी यह बताओ की तुम्हे मेरे अब्बा का लौड़ा कैसा लगा ? आंटी बोली देखो सारा एक बात तो साफ है की तेरे अब्बा का लण्ड बहुत बढ़िया है लंबा भी है और मोटा भी। जिसे चोदता है उसे चोद कर मस्त कर देता है। अब तुम बताओ सारा की जब किसी को तेरे अब्बा से चुदवाने में बड़ा सुख मिलता है। उसे चुदवाने में बड़ा आनंद आता है तो फिर वह क्यों न चुदवाये ? आखिर कार लण्ड बहन चोद है किसके लिए ? लण्ड तो लड़कियों के लिए ही है न ? औरतों के लिए ही हैं न ? सौ की सीढ़ी एक बात की लण्ड चूत के लिया बना है तो फिर क्यों न पेला इसे चूत में ? अब यह चूत चाहे मेरी हो, तेरी हो, तेरी माँ की हो, तेरी भाभी की हो, तेरी बहू की हो, तेरी नन्द की हो, तेरी जेठानी की हो या फिर तेरी सास की ? इससे फरक क्या पड़ता है ? हर एक चूत को लण्ड चाहिए ?
एक दिन मैं जब घर में आई तो देखा की अब्बा साला किसी की बुर चोदने में जुटा है। मैं कुछ बोली नहीं बस चुप चाप छुप कर देखती रही। चुदवाने वाली कोई नहीं बल्कि मेरी नन्द थी। मैं पहली बार नन्द को नंगी देख रही थी। अब्बा को तो सैकड़ों बार नंगा देखा है। कई लड़कियों की बुर चोदते हुए देखा है और कई लड़कियों की माँ चोदते हुए देखा है। मैं भी देखते देखते चुदासी हो गयी। अपनी चूत पर हाथ फिराने लगी। तभी किसी ने पीछे से हाथ डाल कर मेरी चूंचियां दबा दीं ? मैं पीछे मुड़ी तो देखा की वह मेरा जीजू था। मैंने फ़ौरन उसका खड़ा लण्ड पकड़ लिया ? और चाटने लगी।
मैं फिर उसके साथ कमरे में चली आई। जीजू बोला सारा मैं वास्तव में तेरी माँ चोदने आया था। लेकिन जब देखा की तेरी माँ को कोई और चोद रहा है तो मैं फिर यहाँ चला आया। यहाँ तुम मिल गयी तो मेरा लण्ड फ़ौरन खड़ा हो गया। मैंने पूंछा तो फिर मेरी माँ कौन चोद रहा है ? जीजू ने बताया की वह तेरे जेठ से चुदवा रही है। मैंने कहा वाओ, यह सब क्यों हो रहा है घर में ? नन्द उधर मेरे अब्बा से चुदवा रही है और उसका भाई मेरी माँ चोद रहा है . यहाँ जिसको देखो वही किसी न किसी की बुर चोद रहा है। और उधर सब की सब भोसड़ी वाली किसी न किसी का लण्ड अपनी बुर पेले हुए चुदवा रही हैं। उसके बाद मैंने जीजू से जी भर चुदवाया. उधर मेरी नन्द भी चुदवाकर आ गयी।
एक दिन मैं अब्बू पर बरस पड़ी।
एक दिन मैं रात में ११ बजे अपने पलंग पर अकेली लेटी थी। मेरा कमरा ऊपर था। बाकी घर के सब लोग सो गये लेकिन मैं जग रही थी। उन दिनों मैं ससुराल में थी। मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरी चूत मुझे सोने नहीं दे रही थी। मैं सोंच रही थी ऐसे में कोई लण्ड मिल जाए तो चुदवाने का मज़ा आ जाये ? अरे अगर कोई लण्ड चूसने को ही मिल जाए या फिर मुठ्ठ मार कर पीने को मिल जाए तो भी मैं संतोष कर लूंगी ? लेकिन बिना लण्ड के मन नहीं लग रहा है। भोसड़ी का यहाँ कोई लौड़ा दिखाई ही नहीं पड़ रहा है ? मैं यही सोंच सोंच कर करवटें बदल रही थी। कमरे में अन्धेरा था। अचानक मुझे लगा की कोई मेरे पास आ गया है। शायद मेरी अल्ला ने सुन ली है। वह चुपचाप मेरी चादर के अंदर घुस गया।
वह मर्द है इसका मुझे अहसास तो हो गया। फिर उसका हाथ मेरी चूंचियों पर गया तो पक्का हो गया की कोई लड़का ही है। मैंने भी धीरे से अपनी चूंचियां नंगी कर दीं। वह मस्ती से मेरी चूंचियां मसलने लगा। चूमने लगा और चाटने लगा मेरी चूंचियां। मैं मस्त होने लगी। मैं समझ नहीं पायी यह है कौन ? फिर मैंने सोंचा भोसड़ी का कोई भी हो मुझे तो लण्ड से मतलब ? मुझे तो चुदाने में मतलब ? मैंने उसकी नेकर उतार दी तो खड़ा लण्ड मेरे हाथ में आ गया। मैं लण्ड पकड़ कर बेहद खुश ही क्योंकि लण्ड मादर चोद बड़ा मोटा तगड़ा था और सख्त भी ? मैं यह भी जान गयी की यह कोई नया लण्ड है। आज मैं इसे पहली बार पकड़ रही हूँ।
मैं भी पूरी नंगी थी और वह भी। न मैं कुछ बोल रही थी और न वह ? इतने में वह मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना बदन मेरे बदन पर रगड़ने लगा। उसका हाथ मेरी चूत पर चला गया ? मेरी बिना झांट की चूत पाकर वह मस्त हो गया। वह मेरे गाल भी चूम रहा था और चूंचियां भी। फिर वह नीचे हो गया और मैं ऊपर। उसका लण्ड मेरी कमर पर टकराने लगा। मैं अपनी चूंचियां कभी उसकी छाती पर रगड़ती कभी उसके मुंह में घुसा देती ? मैं इतने में थोड़ा नीचे खसकी तो मेरा मुंह उसके लण्ड के आगे आ गया। मेरा मुंह अपने आप खुल गया और मैं पूरा का पूरा सुपाड़ा मुंह में भर लिया। मैं लण्ड चूसने लगी । एक मोटा लण्ड चूसने का मज़ा लूटने लगी। बीच बीच में लण्ड चूंचियों के बीच घुसाने लगी और फिर लण्ड पकड़ कर चूंचियों पर रगड़ने लगी। मैं लण्ड का पूरा मज़ा लेना चाहती थी। उसके बाद मैं घूम गयी और हमारी position 69 की तरह हो गयी। मैंने चूत उसके मुंह पे रख दी । वह चूत चाटने लगा और मैं झुक कर उसका लण्ड चाटने लगी।
अँधेरे में किसी अनजान मरद का लण्ड चाटने में बड़ा मज़ा आता है
तब तक मेरी चूत भठ्ठी तरह जलने लगी और फिर वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा। पेल दिया उसने अपना लण्ड मेरी चूत में और चोदने लगा मादर चोद मेरी बुर। मैं भी रंडी की तरह उचक उचक कर चुदवाने लगी। फिर मैंने पीछे से भी चुदवाया और लण्ड पर बैठ कर भी चुदवाया। आखिर में वह पलंग के नीचे खड़ा हो गया। उसने मुझे अपनी तरफ घसीटा और मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगा दी। मेरी चूत कुछ ऊपर हो गयी तब उसने लण्ड पेल दिया और फिर भकाभक चोदने लगा। मुझे इस तरह चुदवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आया। थोड़ी देर में मेरी चूत ढ़ीली हो गयी। और फिर वह भी झड़ने वाला हो गया। बस फिर मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा और अपनी चूत पोंछ कर नंगी नंगी ही सो गयी।
सुबह जब नींद खुली तो मैंने उसका लण्ड देखा। मुझे लण्ड पर प्यार आ गया। मैंने लण्ड अपनी जबान से ही उठाया और फिर चूसने लगी।
उसकी नींद खुली तो वह बोला :- वाओ, आप तो सारा भाभी हैं। ये तो बड़ा गज़ब हो गया। मैं तो आपको अपनी रिया भाभी समझ कर चोद रहा था ?
मैंने पूंछा :- क्या तुम मेरी नन्द के देवर हो ? और अगर हो तो क्या तुम अपनी भाभी की बुर चोदते हो ?
वह बोला :- हां सारा भाभी मैं रिया भाभी का देवर हूँ और मैं उसे बड़े प्यार से चोदता हूँ। वह भी मुझसे बड़ी मस्ती से चुदवाती है ?
मैंने कहा :- तो तुम मुझे चोदते हुए और मेरे बदन से खेलते हुए समझ नहीं पाये की मैं तेरी भाभी नहीं हूँ ?
वह बोला :- जब मैंने आपकी चूंचियां पकड़ी तो मुझे लगा की आप मेरी भाभी नहीं हैं बल्कि कोई और हैं लेकिन आपकी चूंचियां इतनी बड़ी बड़ी और मस्त निकली की मैं चुप ही रहा और चूंचियां मसलने का मज़ा लेने लगा। मैं यह समझा की रिया भाभी की चूंचियां शायद बड़ी बड़ी हो गयीं है। क्योंकि वह अपनी चूंचियां कई लोगो से मसलवातीं हैं। लेकिन सारा भाभी आपको भी तो मालूम हो गया होगा की मैं कोई और हूँ ? फिर आपने मुझे क्यों नहीं रोका ?
मैंने कहा :- हां मैं जान गयी थी की मेरे लिए तुम एक नए आदमी हो लेकिन तेरा लण्ड मुझे इतना बढ़िया लगा की मैंने चुप रहना ही अच्छा समझी ? मैंने सोंचा कोई भी हो उसका लण्ड तो बहुत बढ़िया है ? मुझे तो इतने मजबूत लण्ड से चुदवाने का मज़ा तो मिलेगा।
वह बोला :- सच बताऊँ भाभी मुझे तुम्हे चोदने में ज्यादा मज़ा आया। अब तो मैं जब जब आऊंगा तब तब तुम्हे चोदूंगा।
मैंने पूंछा :- अच्छा यह बताओ की रात भर तेरी रिया भाभी ने क्या किया होगा ?
वह बोला :- रिया भाभी ने रात भर अपने मियां के दोस्त से चुदवाया होगा क्योंकि वह मेरे साथ ही आया था।
इतने में रिया बुर चोदी आ भी गयी.
वह बोली :- हाय भोससाला और टन टना गया। ड़ी की सारा भाभी, तुझे मेरे देवर का लण्ड कैसा लगा ?
मैंने कहा:- पहले तू बता मादर चोद की तुझे अपने मियां के दोस्त का लण्ड कैसा लगा ?
बस इसी बात पर हम सब हंसने लगे।
मेरा मायका और ससुराल एक ही शहर में है। इसलिए मैं बड़ी जल्दी जल्दी आती जाती रहती हूँ। इस बार मैं अपने ससुर के साथ माईके आ गयी। मेरा ससुर भी बड़ा रसिया है भोसड़ी का। बड़ा स्मार्ट है हैंडसम है और हमेशा क्लीन सेव रहता है। यानी दाढ़ी भी साफ़ और मुझें भी। गोरा चिट्टा बड़ा सेक्सी लगता है मादर चोद ? इसका लौड़ा भी बड़ा सेक्सी है यार और मेरे अब्बू के लौड़े की तरह ही मोटा तगड़ा है। मैं पहले आपको यह बताती हूँ की मैंने कैसे पहली बार पकड़ा इसका लण्ड ? एक दिन मैं इसके कमरे में गयी तो देखा की यह नीचे फर्श पर बैठे हुए अपनी झांटें बना रहा है। दरवाजा खुला था। मैं एकदम से घुस गयी। मेरी नज़र इसके लण्ड पर पड़ी तो मेरी चूत धधक उठी। मैं बड़ी बेशर्मी से बोली अरे भोसड़ी के ससुर जी तू तो अपनी झांटें भी ठीक से नहीं बना पाता ? ला मुझे दे अपना रेज़र मैं बनाती हूँ तेरी झांटें । मैंने उससे रेज़र छीन लिया और उसे नंगा नंगा लिटा दिया । उसका लण्ड पकड़ कर थोड़ा हिलाने लगी और मस्ती करने लगी। मुझे लण्ड पर प्यार आ गया।
मैंने कहा हाय दईया ये तो बहन चोद बढ़ने लगा है ? वह बोला जब इतनी खूबसूरत बहू लण्ड पकड़ेगी तो लण्ड तो साला तन कर खड़ा हो ही जाएगा। अब तुम भी दिखाओ न अपनी चूंचियां और चूत मुझे ? मैं यह सुनकर अपने कड़े उतारने लगी और फटाफट नंगी हो गयी। मुझे नंगी देख कर लण्ड साला और टन टना गया। उस दिन मैंने ससुर के लण्ड की मस्ती से झांटें बनायीं और फिर उसे नहला कर खूब मज़ा लिया। मैं फिर वहीँ बाथ रूम में ही चाटने लगी उसका लण्ड ? पूरा मुंह में घुसा कर खूब मजे से चूसा उसका लौड़ा। वह भी मस्त हो गया। मैंने फिर उसका वीर्य निकाल ही लिया। ससुर भोसड़ी का उस दिन में मेरा गुलाम हो गया। उसके बाद तो मैं कई बार उसका लण्ड अपनी बुर में घुसा कर चुदवा चुकी हूँ।
रात को मैं ससुर से खुल्लम खुल्ला बातें कर रही थी। तब तक मेरी फूफी कमरे में आ गयी। मैंने कहा फूफी तुम मेरे ससुर से मिल चुकी हो न। वह बोली हां एक बार ही मिली हूँ इससे। मैंने मजाक किया और कहा तो आज फिर एक बार मिल लो बुर चोदी फूफी। वह बोली हाय अल्ला, तू ससुर के आगे गाली बक्ति है ? मैंने कहा तो क्या क्या ससुर मर्द नहीं है ? क्या उसके पास लण्ड नहीं है ? फूफी बोली सारा तू तो बड़ी बेशर्म है। मैंने कहा फूफी लण्ड का मज़ा बेशर्म हो कर ही लिया जाता है। मैंने फूफी के सामने ही ससुर का लण्ड पकड़ लिया। फिर फूफी को लण्ड पकड़ाते हुए कहा ले तू भी पकड़ कर मज़ा ले ? फूफी ने हाथ बढ़ाया और लौड़ा पकड़ लिया।
बस फिर मैंने उसके कपडे खोल डाला और उसे पूरी नंगी दिया। इधर ससुर को भी नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी। हम दोनों मिलकर लण्ड चूसने लगी। फूफी वासना में डूबने लगी। उसकी जवानी भड़क उठी। उसकी बुर चुचुहाने लगी वह बोली हाय सारा इसका लौड़ा तो बड़ा मोटा ताज़ा है। इसे मेरे भोसड़ा में पेल दे न भोसड़ी की सारा ? मैंने पहले तो उसकी चूत सहलाई और फिर आहिस्ते से लण्ड घुसा दिया। मैं फिर चोदने लगी फूफी का भोसड़ा। इतने में अचानक वहां मेरा अब्बू आ गया। उसे देख कर मैं बोली अब्बू तेरी माँ की चूत साले तेरी बहन का लण्ड ? देख मैं तेरी बहन की बुर चोद रही हूँ ? मैंने कहा था न किसी दिन मैं तेरी बहन चोदूंगी तो आज वह दिन आ गया है। मैं तो अब तेरी बहन की बुर चोदती रहूंगी तुझसे बने तो मेरी झांटें उखाड़ लेना ? अब्बू मुस्कराता हुआ चला गया और मैं फूफी की बुर चोदती रही।
एक दिन इत्तिफ़ाक़ से मेरी जेठानी मेरे माईके आ गयीं। हम दोनों बातें करने लगीं। फिर मैं अंदर चाय बनाने चली गयी। लौट कर आई तो देखा की मेरा अब्बू एकदम नंगा नंगा अपना लौड़ा खोले हुए मेरी जेठानी के आगे खड़ा है। मैं भी बैठ गयी तो मेरे सामने ही अपना लण्ड जेठानी के आगे हिलाने लगा। जेठानी से रहा न गया इतना बड़ा टन टनाता हुआ लण्ड दख कर। उसने लण्ड पकड़ लिया और बोली हाय सारा तेरे अब्बू का लण्ड तो जबरदस्त है यार ? तब अब्बू बोला सारा भोसड़ी की तूने मेरी बहन की बुर चोदी है आज मैं तेरी जेठानी की बुर चोदूंगा। तेरे सामने ही चोदूंगा इसकी बुर ? और सुन बुर चोदी सारा मुझे मालूम हुआ है की आज शाम को तेरी सास भी आ रही है। तो फिर रात में चोदूंगा तेरी सास का भोसड़ा ?
तो दोस्तों, इसी तरह हम सब मिलकर जवानी का पूरा मज़ा लूटती हैं।
आज जब मैं इसके सामने आई तो इसने अपनी लुंगी उठा के मुझे अपना लण्ड दिखा दिया। बस फिर मैं अपने आपको रोक नहीं पायी और अपना हाथ घुसेड़ कर लण्ड बाहर निकाल कर पीने लगी। अरे आंटी जानती हो वह भोसड़ी वाली रुबीना अब्बू के लण्ड का एक एक बूँद रस पी कर गयी है। और जाते जाते बोली मैं तेरे अब्बू से किसी दिन चुदवाने आऊँगी। अब तुम ही बताओ आंटी मेरा अब्बा कितना मादर चोद है साला ? न मेरा अब्बू उसको अपना लण्ड दिखाता और न वो लण्ड पीती ? अब्बा तो जान बूझ कर ऐसा कुछः करता है की उसे चोदने को बुर मिले ?
इसी तरह एक दिन तस्लीमा आंटी आ गयी। वह कुछ बनी ठनी थी। बड़ी मेकप में थीं। उसे देख कर मेरे अब्बा का लण्ड खड़ा हो गया साला। बात करते करते आंटी बोली अरी सारा ये भोसड़ी वालों मर्दों के लण्ड बड़े बद्तमीज होते है कल मैं अपनी सहेली के घर गयी तो उसके मियां ने मुझे अपना लण्ड खोल के दिखा दिया ? वह बोला तस्लीमा भाभी ज़रा इसे छू कर देखो प्लीज ? मैंने छुआ तो लण्ड साला फनफना कर खड़ा हो गया। मैंने सिर्फ उसका लण्ड पकड़ा ही था लेकिन उस भोसड़ी वाले ने मेरी बुर चोद ली ?
आंटी की बातें सुनकर अब्बा के लण्ड में जोश आ गया वह बोला अरे भाभी इसमें उसका गुनाह नहीं है इसमें तो उसका लण्ड गुनहगार है ? अब देखो न मेरा लण्ड तेरी बातें सुनकर कैसे मस्ती कर रहा है। अब्बा ने उसे अपना लण्ड दिखा दिया। आंटी को भी मस्ती आ गयी और उसने लण्ड पकड़ कर कहा सारा तेरे अब्बा का लौड़ा तो उसके लौड़े से लाख दर्जे अच्छा है ? आंटी ने लण्ड झुक कर चूमा तो अब्बा ने उसे धर दबोचा और उसका भोसड़ा चोद डाला ? आंटी को इतना मज़ा आया की वह दूसरे दिन अपनी बिटिया की बुर चुदवा कर गयी। इस भोसड़ी वाले मेरे अब्बा को अपना लण्ड दिखाने का बड़ा शौक है, आंटी। जो लड़की या लड़की की माँ इसे अच्छी लगती है उसे यह अपना लण्ड दिखा देता है।
मैं ये सब बातें ताहिरा आंटी से कर रही थी. मैंने उसी से पूंछ लिया अच्छा आंटी यह बताओ की तुम्हे मेरे अब्बा का लौड़ा कैसा लगा ? आंटी बोली देखो सारा एक बात तो साफ है की तेरे अब्बा का लण्ड बहुत बढ़िया है लंबा भी है और मोटा भी। जिसे चोदता है उसे चोद कर मस्त कर देता है। अब तुम बताओ सारा की जब किसी को तेरे अब्बा से चुदवाने में बड़ा सुख मिलता है। उसे चुदवाने में बड़ा आनंद आता है तो फिर वह क्यों न चुदवाये ? आखिर कार लण्ड बहन चोद है किसके लिए ? लण्ड तो लड़कियों के लिए ही है न ? औरतों के लिए ही हैं न ? सौ की सीढ़ी एक बात की लण्ड चूत के लिया बना है तो फिर क्यों न पेला इसे चूत में ? अब यह चूत चाहे मेरी हो, तेरी हो, तेरी माँ की हो, तेरी भाभी की हो, तेरी बहू की हो, तेरी नन्द की हो, तेरी जेठानी की हो या फिर तेरी सास की ? इससे फरक क्या पड़ता है ? हर एक चूत को लण्ड चाहिए ?
एक दिन मैं जब घर में आई तो देखा की अब्बा साला किसी की बुर चोदने में जुटा है। मैं कुछ बोली नहीं बस चुप चाप छुप कर देखती रही। चुदवाने वाली कोई नहीं बल्कि मेरी नन्द थी। मैं पहली बार नन्द को नंगी देख रही थी। अब्बा को तो सैकड़ों बार नंगा देखा है। कई लड़कियों की बुर चोदते हुए देखा है और कई लड़कियों की माँ चोदते हुए देखा है। मैं भी देखते देखते चुदासी हो गयी। अपनी चूत पर हाथ फिराने लगी। तभी किसी ने पीछे से हाथ डाल कर मेरी चूंचियां दबा दीं ? मैं पीछे मुड़ी तो देखा की वह मेरा जीजू था। मैंने फ़ौरन उसका खड़ा लण्ड पकड़ लिया ? और चाटने लगी।
मैं फिर उसके साथ कमरे में चली आई। जीजू बोला सारा मैं वास्तव में तेरी माँ चोदने आया था। लेकिन जब देखा की तेरी माँ को कोई और चोद रहा है तो मैं फिर यहाँ चला आया। यहाँ तुम मिल गयी तो मेरा लण्ड फ़ौरन खड़ा हो गया। मैंने पूंछा तो फिर मेरी माँ कौन चोद रहा है ? जीजू ने बताया की वह तेरे जेठ से चुदवा रही है। मैंने कहा वाओ, यह सब क्यों हो रहा है घर में ? नन्द उधर मेरे अब्बा से चुदवा रही है और उसका भाई मेरी माँ चोद रहा है . यहाँ जिसको देखो वही किसी न किसी की बुर चोद रहा है। और उधर सब की सब भोसड़ी वाली किसी न किसी का लण्ड अपनी बुर पेले हुए चुदवा रही हैं। उसके बाद मैंने जीजू से जी भर चुदवाया. उधर मेरी नन्द भी चुदवाकर आ गयी।
एक दिन मैं अब्बू पर बरस पड़ी।
- मैंने कहा अब्बू, तेरी तो मैं किसी दिन बहन चोदूंगी ? तू मादर चोद अपना लण्ड दिखने का बड़ा शौक है न ? तो फिर अपनी लुंगी खोल कर घुमा कर सब जगह ? लण्ड हिलाता हुआ जाया कर सब जगह ? तुझे भोसड़ी के लड़कियों को लण्ड दिखाने में कोई शर्म नहीं आती ?
- वह बोला जब लड़कियों को लण्ड पकड़ने में कोई शर्म नहीं आती तो फिर मुझे क्यों आये शर्म ? मैं कोई लड़की तो हूँ नहीं सारा जो शरमाऊँ ? फिर भी तुझे न अपनी इज़्ज़त का ख्याल और न मेरी इज़्ज़त का ?
- अभी कल ही मेरी सहेली नगमा आई थी। तूने उसे अपना लण्ड पकड़ा दिया और कहा लो इसे चूसो ? ऐसे कौन से लाल लगे हैं तेरे लण्ड में जो सब लोग उसे चूसें ? माना की तेरा लण्ड मोटा ताज़ा है और सबको पसंद है लेकिन इसका मतलब तो यह नहीं की तू हर किसी को लण्ड पकड़ा दे ?
- तू नगमा की बात कर रही है। उसने तो आते ही मेरी लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ दिया और मेरा लण्ड पकड़ कर खुद कहा मैं तेरे लण्ड चूसूंगी अंकल ? मुझे ताहिरा आंटी ने सब बता दिया है। तब से मैं तेरा लण्ड चूसने के लिए तड़प रही हूँ।
- तो क्या नगमा बुर चोदी मुझसे झूंठ बोल रही थी की सारा तेरे अब्बू ने मुझे खूब चोदा ? हां चोदा तो है मैंने उसे पर उसने भी तो मुझसे मजे से चुदवाया। और जब चुदवा कर गयी तो थोड़ी देर में अपनी माँ को लेकर आ गयी और बोली अंकल अब मेरी माँ चोदो। मेरी माँ का भोसड़ा चोदो अंकल ? मैंने फिर उसी के सामने उसकी माँ चोदी तो क्या गुनाह किया ?
- तो फिर अब मैं तेरी बहन चोदूंगी। अपने ससुर का लण्ड पेलूँगी तेरी बहन की बुर में ?
एक दिन मैं रात में ११ बजे अपने पलंग पर अकेली लेटी थी। मेरा कमरा ऊपर था। बाकी घर के सब लोग सो गये लेकिन मैं जग रही थी। उन दिनों मैं ससुराल में थी। मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरी चूत मुझे सोने नहीं दे रही थी। मैं सोंच रही थी ऐसे में कोई लण्ड मिल जाए तो चुदवाने का मज़ा आ जाये ? अरे अगर कोई लण्ड चूसने को ही मिल जाए या फिर मुठ्ठ मार कर पीने को मिल जाए तो भी मैं संतोष कर लूंगी ? लेकिन बिना लण्ड के मन नहीं लग रहा है। भोसड़ी का यहाँ कोई लौड़ा दिखाई ही नहीं पड़ रहा है ? मैं यही सोंच सोंच कर करवटें बदल रही थी। कमरे में अन्धेरा था। अचानक मुझे लगा की कोई मेरे पास आ गया है। शायद मेरी अल्ला ने सुन ली है। वह चुपचाप मेरी चादर के अंदर घुस गया।
वह मर्द है इसका मुझे अहसास तो हो गया। फिर उसका हाथ मेरी चूंचियों पर गया तो पक्का हो गया की कोई लड़का ही है। मैंने भी धीरे से अपनी चूंचियां नंगी कर दीं। वह मस्ती से मेरी चूंचियां मसलने लगा। चूमने लगा और चाटने लगा मेरी चूंचियां। मैं मस्त होने लगी। मैं समझ नहीं पायी यह है कौन ? फिर मैंने सोंचा भोसड़ी का कोई भी हो मुझे तो लण्ड से मतलब ? मुझे तो चुदाने में मतलब ? मैंने उसकी नेकर उतार दी तो खड़ा लण्ड मेरे हाथ में आ गया। मैं लण्ड पकड़ कर बेहद खुश ही क्योंकि लण्ड मादर चोद बड़ा मोटा तगड़ा था और सख्त भी ? मैं यह भी जान गयी की यह कोई नया लण्ड है। आज मैं इसे पहली बार पकड़ रही हूँ।
मैं भी पूरी नंगी थी और वह भी। न मैं कुछ बोल रही थी और न वह ? इतने में वह मेरे ऊपर चढ़ गया और अपना बदन मेरे बदन पर रगड़ने लगा। उसका हाथ मेरी चूत पर चला गया ? मेरी बिना झांट की चूत पाकर वह मस्त हो गया। वह मेरे गाल भी चूम रहा था और चूंचियां भी। फिर वह नीचे हो गया और मैं ऊपर। उसका लण्ड मेरी कमर पर टकराने लगा। मैं अपनी चूंचियां कभी उसकी छाती पर रगड़ती कभी उसके मुंह में घुसा देती ? मैं इतने में थोड़ा नीचे खसकी तो मेरा मुंह उसके लण्ड के आगे आ गया। मेरा मुंह अपने आप खुल गया और मैं पूरा का पूरा सुपाड़ा मुंह में भर लिया। मैं लण्ड चूसने लगी । एक मोटा लण्ड चूसने का मज़ा लूटने लगी। बीच बीच में लण्ड चूंचियों के बीच घुसाने लगी और फिर लण्ड पकड़ कर चूंचियों पर रगड़ने लगी। मैं लण्ड का पूरा मज़ा लेना चाहती थी। उसके बाद मैं घूम गयी और हमारी position 69 की तरह हो गयी। मैंने चूत उसके मुंह पे रख दी । वह चूत चाटने लगा और मैं झुक कर उसका लण्ड चाटने लगी।
अँधेरे में किसी अनजान मरद का लण्ड चाटने में बड़ा मज़ा आता है
तब तक मेरी चूत भठ्ठी तरह जलने लगी और फिर वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा। पेल दिया उसने अपना लण्ड मेरी चूत में और चोदने लगा मादर चोद मेरी बुर। मैं भी रंडी की तरह उचक उचक कर चुदवाने लगी। फिर मैंने पीछे से भी चुदवाया और लण्ड पर बैठ कर भी चुदवाया। आखिर में वह पलंग के नीचे खड़ा हो गया। उसने मुझे अपनी तरफ घसीटा और मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगा दी। मेरी चूत कुछ ऊपर हो गयी तब उसने लण्ड पेल दिया और फिर भकाभक चोदने लगा। मुझे इस तरह चुदवाने में सबसे ज्यादा मज़ा आया। थोड़ी देर में मेरी चूत ढ़ीली हो गयी। और फिर वह भी झड़ने वाला हो गया। बस फिर मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा और अपनी चूत पोंछ कर नंगी नंगी ही सो गयी।
सुबह जब नींद खुली तो मैंने उसका लण्ड देखा। मुझे लण्ड पर प्यार आ गया। मैंने लण्ड अपनी जबान से ही उठाया और फिर चूसने लगी।
उसकी नींद खुली तो वह बोला :- वाओ, आप तो सारा भाभी हैं। ये तो बड़ा गज़ब हो गया। मैं तो आपको अपनी रिया भाभी समझ कर चोद रहा था ?
मैंने पूंछा :- क्या तुम मेरी नन्द के देवर हो ? और अगर हो तो क्या तुम अपनी भाभी की बुर चोदते हो ?
वह बोला :- हां सारा भाभी मैं रिया भाभी का देवर हूँ और मैं उसे बड़े प्यार से चोदता हूँ। वह भी मुझसे बड़ी मस्ती से चुदवाती है ?
मैंने कहा :- तो तुम मुझे चोदते हुए और मेरे बदन से खेलते हुए समझ नहीं पाये की मैं तेरी भाभी नहीं हूँ ?
वह बोला :- जब मैंने आपकी चूंचियां पकड़ी तो मुझे लगा की आप मेरी भाभी नहीं हैं बल्कि कोई और हैं लेकिन आपकी चूंचियां इतनी बड़ी बड़ी और मस्त निकली की मैं चुप ही रहा और चूंचियां मसलने का मज़ा लेने लगा। मैं यह समझा की रिया भाभी की चूंचियां शायद बड़ी बड़ी हो गयीं है। क्योंकि वह अपनी चूंचियां कई लोगो से मसलवातीं हैं। लेकिन सारा भाभी आपको भी तो मालूम हो गया होगा की मैं कोई और हूँ ? फिर आपने मुझे क्यों नहीं रोका ?
मैंने कहा :- हां मैं जान गयी थी की मेरे लिए तुम एक नए आदमी हो लेकिन तेरा लण्ड मुझे इतना बढ़िया लगा की मैंने चुप रहना ही अच्छा समझी ? मैंने सोंचा कोई भी हो उसका लण्ड तो बहुत बढ़िया है ? मुझे तो इतने मजबूत लण्ड से चुदवाने का मज़ा तो मिलेगा।
वह बोला :- सच बताऊँ भाभी मुझे तुम्हे चोदने में ज्यादा मज़ा आया। अब तो मैं जब जब आऊंगा तब तब तुम्हे चोदूंगा।
मैंने पूंछा :- अच्छा यह बताओ की रात भर तेरी रिया भाभी ने क्या किया होगा ?
वह बोला :- रिया भाभी ने रात भर अपने मियां के दोस्त से चुदवाया होगा क्योंकि वह मेरे साथ ही आया था।
इतने में रिया बुर चोदी आ भी गयी.
वह बोली :- हाय भोससाला और टन टना गया। ड़ी की सारा भाभी, तुझे मेरे देवर का लण्ड कैसा लगा ?
मैंने कहा:- पहले तू बता मादर चोद की तुझे अपने मियां के दोस्त का लण्ड कैसा लगा ?
बस इसी बात पर हम सब हंसने लगे।
मेरा मायका और ससुराल एक ही शहर में है। इसलिए मैं बड़ी जल्दी जल्दी आती जाती रहती हूँ। इस बार मैं अपने ससुर के साथ माईके आ गयी। मेरा ससुर भी बड़ा रसिया है भोसड़ी का। बड़ा स्मार्ट है हैंडसम है और हमेशा क्लीन सेव रहता है। यानी दाढ़ी भी साफ़ और मुझें भी। गोरा चिट्टा बड़ा सेक्सी लगता है मादर चोद ? इसका लौड़ा भी बड़ा सेक्सी है यार और मेरे अब्बू के लौड़े की तरह ही मोटा तगड़ा है। मैं पहले आपको यह बताती हूँ की मैंने कैसे पहली बार पकड़ा इसका लण्ड ? एक दिन मैं इसके कमरे में गयी तो देखा की यह नीचे फर्श पर बैठे हुए अपनी झांटें बना रहा है। दरवाजा खुला था। मैं एकदम से घुस गयी। मेरी नज़र इसके लण्ड पर पड़ी तो मेरी चूत धधक उठी। मैं बड़ी बेशर्मी से बोली अरे भोसड़ी के ससुर जी तू तो अपनी झांटें भी ठीक से नहीं बना पाता ? ला मुझे दे अपना रेज़र मैं बनाती हूँ तेरी झांटें । मैंने उससे रेज़र छीन लिया और उसे नंगा नंगा लिटा दिया । उसका लण्ड पकड़ कर थोड़ा हिलाने लगी और मस्ती करने लगी। मुझे लण्ड पर प्यार आ गया।
मैंने कहा हाय दईया ये तो बहन चोद बढ़ने लगा है ? वह बोला जब इतनी खूबसूरत बहू लण्ड पकड़ेगी तो लण्ड तो साला तन कर खड़ा हो ही जाएगा। अब तुम भी दिखाओ न अपनी चूंचियां और चूत मुझे ? मैं यह सुनकर अपने कड़े उतारने लगी और फटाफट नंगी हो गयी। मुझे नंगी देख कर लण्ड साला और टन टना गया। उस दिन मैंने ससुर के लण्ड की मस्ती से झांटें बनायीं और फिर उसे नहला कर खूब मज़ा लिया। मैं फिर वहीँ बाथ रूम में ही चाटने लगी उसका लण्ड ? पूरा मुंह में घुसा कर खूब मजे से चूसा उसका लौड़ा। वह भी मस्त हो गया। मैंने फिर उसका वीर्य निकाल ही लिया। ससुर भोसड़ी का उस दिन में मेरा गुलाम हो गया। उसके बाद तो मैं कई बार उसका लण्ड अपनी बुर में घुसा कर चुदवा चुकी हूँ।
रात को मैं ससुर से खुल्लम खुल्ला बातें कर रही थी। तब तक मेरी फूफी कमरे में आ गयी। मैंने कहा फूफी तुम मेरे ससुर से मिल चुकी हो न। वह बोली हां एक बार ही मिली हूँ इससे। मैंने मजाक किया और कहा तो आज फिर एक बार मिल लो बुर चोदी फूफी। वह बोली हाय अल्ला, तू ससुर के आगे गाली बक्ति है ? मैंने कहा तो क्या क्या ससुर मर्द नहीं है ? क्या उसके पास लण्ड नहीं है ? फूफी बोली सारा तू तो बड़ी बेशर्म है। मैंने कहा फूफी लण्ड का मज़ा बेशर्म हो कर ही लिया जाता है। मैंने फूफी के सामने ही ससुर का लण्ड पकड़ लिया। फिर फूफी को लण्ड पकड़ाते हुए कहा ले तू भी पकड़ कर मज़ा ले ? फूफी ने हाथ बढ़ाया और लौड़ा पकड़ लिया।
बस फिर मैंने उसके कपडे खोल डाला और उसे पूरी नंगी दिया। इधर ससुर को भी नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी। हम दोनों मिलकर लण्ड चूसने लगी। फूफी वासना में डूबने लगी। उसकी जवानी भड़क उठी। उसकी बुर चुचुहाने लगी वह बोली हाय सारा इसका लौड़ा तो बड़ा मोटा ताज़ा है। इसे मेरे भोसड़ा में पेल दे न भोसड़ी की सारा ? मैंने पहले तो उसकी चूत सहलाई और फिर आहिस्ते से लण्ड घुसा दिया। मैं फिर चोदने लगी फूफी का भोसड़ा। इतने में अचानक वहां मेरा अब्बू आ गया। उसे देख कर मैं बोली अब्बू तेरी माँ की चूत साले तेरी बहन का लण्ड ? देख मैं तेरी बहन की बुर चोद रही हूँ ? मैंने कहा था न किसी दिन मैं तेरी बहन चोदूंगी तो आज वह दिन आ गया है। मैं तो अब तेरी बहन की बुर चोदती रहूंगी तुझसे बने तो मेरी झांटें उखाड़ लेना ? अब्बू मुस्कराता हुआ चला गया और मैं फूफी की बुर चोदती रही।
एक दिन इत्तिफ़ाक़ से मेरी जेठानी मेरे माईके आ गयीं। हम दोनों बातें करने लगीं। फिर मैं अंदर चाय बनाने चली गयी। लौट कर आई तो देखा की मेरा अब्बू एकदम नंगा नंगा अपना लौड़ा खोले हुए मेरी जेठानी के आगे खड़ा है। मैं भी बैठ गयी तो मेरे सामने ही अपना लण्ड जेठानी के आगे हिलाने लगा। जेठानी से रहा न गया इतना बड़ा टन टनाता हुआ लण्ड दख कर। उसने लण्ड पकड़ लिया और बोली हाय सारा तेरे अब्बू का लण्ड तो जबरदस्त है यार ? तब अब्बू बोला सारा भोसड़ी की तूने मेरी बहन की बुर चोदी है आज मैं तेरी जेठानी की बुर चोदूंगा। तेरे सामने ही चोदूंगा इसकी बुर ? और सुन बुर चोदी सारा मुझे मालूम हुआ है की आज शाम को तेरी सास भी आ रही है। तो फिर रात में चोदूंगा तेरी सास का भोसड़ा ?
तो दोस्तों, इसी तरह हम सब मिलकर जवानी का पूरा मज़ा लूटती हैं।
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