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गंदी कहानियों को पढ़ते ही चूत में आग लग जाती है - Sex stories padh kar chut me lagti hai aag
गंदी कहानियों को पढ़ते ही चूत में आग लग जाती है - Sex stories padh kar chut me lagti hai aag.
मैं एक ३१ साल की अबिवाहित महिला हूँ। मैं स्वयं बहुत खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और सेक्सी हूँ। मेरा कद ५' ५" है मैं गोरी चिट्टी अच्छे नाक नक्श वाली हूँ। मेरे बड़े बड़े सुडौल बूब्स पर लोगों की निगाहें टिकी रहतीं हैं। मेरे हिप्स भी बड़े बड़े है। लोग मुझे चलते हुए आगे और पीछे दोनों तरफ से देखना पसंद करते हैं। मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही मस्त, खुश मिज़ाज़ और बिंदास हूँ। मेरी सबसे ज्यादा रूचि सेक्स में रहती है। मैं ब्लू फ़िल्में बहुत देखती हूँ, गन्दी गन्दी हिंदी सेक्स की कहानियां पढ़ती हूँ। इन कहानियों को पढ़ते ही चूत में आग लग जाती है। फिर आग बुझाने के लिए लण्ड ढूंढती हूँ और प्रेम से चुदवाती हूँ। मैं अपनी दोस्तों के बीच खूब अश्लील बातें और गाली गलौज भी करती हूँ। मुझे दुनिया में अगर सबसे ज्यादा कोई चीज पसंद है तो वह है 'लण्ड' 'लण्ड' और 'लण्ड' बाकी मेरे लिए दुनियां में सब बेकार है।
मैं लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ, लण्ड मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है और लण्ड ही मेरी असली ज़िन्दगी है। लण्ड के बिना मैं कुछ भी नहीं ? मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ती आ रही हूँ और आज भी खूब एन्जॉय करती हूँ। कभी रुकी नहीं, कभी पीछे मुड़ कर देखा नहीं बस आगे ही आगे बढ़ती गयी. अब तक सैकड़ों लण्ड पकड़ चुकी हूँ। हर तरह के लण्ड पकड़ चुकी हूँ। लम्बे, पतले, मोटे, छोटे, काले, गोरे, कटे, सीधे, टेढ़े, देशी, विदेशी लण्ड सब पकड़ चुकी हूँ। झांट वाले और बिना झांट वाले लण्ड सब मेरे हाथ से और मेरी चूत से गुज़र चुके हैं। मगर एक लण्ड जो मैंने आज से ५ साल पहले पकड़ा था वैसा लण्ड मुझे दुबारा कोई नहीं मिला। वह लण्ड आज भी मेरी आँखों में समाया हुआ है। मेरे दिल में बसा है वो लण्ड। मेरी आँखें आज भी उस लण्ड के इंतज़ार में हैं। क्या लण्ड था वो ? इतना लंबा चौड़ा, मोटा तगड़ा, गोरा चिट्टा, टन टनाता हुआ लगभग ८" से ९" के बीच का लण्ड ? लण्ड का टोपा तो बिलकुल तोप का गोला था। जब लौड़ा मेरे सामने तन कर खड़ा था तो मेरी आँखें चौंधियां गयी थी। उसका तेज मेरी आँखों को बर्दास्त नहीं हो रहा था। लग रहा था की लण्ड से किरणें निकल रही हैं। उसके लाजबाब पेलहड़ तो देखते ही बनते थे। इतना खूबसूरत लण्ड मैंने न पहले कभी देखा और न उसके बाद देखा। आज भी मैं उस लण्ड की तलाश में हूँ। शायद मैंने इसीलिए अभी तक शादी नहीं की ?
अरे हां मैंने अपना नाम तो आपको बता ही नहीं ? मेरा नाम है पूजा। मैं कोलकाता में रहती हूँ। जी हां मैं एक बंगाली लड़की हूँ। मैं एक बड़ी कंपनी में काम करती हूँ। साथ ही साथ मैं एक मशहूर कॉल गर्ल भी हूँ। मेरा सम्बन्ध ३ स्टार और ५ स्टार होटलों से हैं. वो लोग मुझे फोन करके बुलाते है और तब मैं चुदवाने चली जाती हूँ। वहां अक्सर विदेशी लौंडों से चुदवाना पड़ता है जो मुझे बहुत अच्छा लगता है। अपने देश के भी लोग होतें है पर वो सब उच्च घराने वाले और ऐय्यासी करने वाले लड़के होतें हैं और कभी कभी बहुत पहुँच वाले मर्द भी मुझे चोदने चले आतें हैं। मैं सबके लण्ड एन्जॉय करती हूँ। होटलों के अलावा मैं अपनी सहेलियों के हसबैंड से भी चुदवाती हूँ। मेरी सहेलियां मुझे अपने पति से चुदवा कर कई मर्दों से चुदवा लेती हैं। वो सब बड़ी हरामजादी चालू होती हैं। मेरे कॉलेज के कुछ लड़के आज मुझे चोदनेआते हैं और मैं किसी को निराश नहीं करती। मैं अपनी ज़िन्दगी इसी तरह एन्जॉय का रही हूँ।
अब मैं आपको उस लण्ड की बात बता रही हूँ जो मेरे दिलो दिमाग में बसा है। यह बात कई साल पहले की है। तब मैं कॉल गर्ल नहीं बनी थी। अगस्त का महीना था। एक दिन शाम को करीब ७ बजे आकाश में एकदम से बादल छा गये। ठंढी ठंढी हवाएं चलने लगी. बदल गरजने लगे। मैं समझ गयी की अब पानी बरसने वाला ही है। बस दो मिनट में ही पानी बरसने लगा। फिर बरसात तेज होने लगी। झमाझम की आवाज़ आने लगी.बादलों की गड़गड़ाहट होने लगी बिजली चमकने लगी. बरसात तेज होती ही जा रही थी। चारों तरफअँधेरा छाया हुआ था। मेरे मन में आया की अगर इस समय मेरे साथ कोई लण्ड होता तो कितना मज़ा आता ? सारी दुनियां भीग रही है लेकिन मेरी चूत बुर चोदी जल रही है । उसकी आग भड़क रही है । उसकी आग बुझाने के लिए बरसात का पानी नहीं लण्ड का पानी चाहिए। बरसात जितनी तेज होती जा रही थी मेरी चूत उतनी ही तेज जली जा रही थी। मुझे बार बार लण्ड याद आ रहा था। कभी तो मेरे आगे पीछे तमाम लण्ड होते थे जब मैं कॉलेज में थी लेकिन आज मेरे पास एक भी लण्ड नहीं है ? बहन चोद इस समय कोई मुझसे पैसे लेकर मुझे चोदे तो मैं तैयार हूँ। लण्ड के लिए मैं अभी हज़ारों रुपये दे सकती हूँ। पर मैं निराश होकर बरसात देखती रही।
इतनी मूसलाधार बरसात में किसी ने मेरे दरवाजे की घंटी बज दी। मैं तो घंटी की आवाज़ सुनकर सन्न रह गयी। कौन आ गया ? मैं डरी सहमी सी उठी और अंदर से झाँक कर देखा तो मुझे धुंधला सा एक जवान लड़का दिखा . मैंने आहिस्ते से दरवाजा खोला तो वह बड़े अदब से बोला मैडम मैं अमिय हूँ यहाँ मेरी गाड़ी ख़राब हो गयी है और आस पास कोई रुकने की जगह नहीं है। क्या मैं थोड़ी देर यहाँ बाहर रुक सकता हूँ ? लड़का मुझे एक ही नज़र में भा गया। मैंने जबाब दियाअरे बाहर क्यों अंदर आओ न ? तुम तो बहुत भीग गये हो ?अपनी गाड़ी से यहां तकआने में तुम्हारे कपड़े एकदम भीग गयें हैं. ठंडी हवाएं चल रही हैं ऐसे में अगर ठंढ लग गयी तो फ़ौरन बुखार आ जायेगा। आओ अंदर आ जाओ। बाहर रह कर तो और भीग जाओगे।
वह अंदर आया तो मैंने कहा अच्छा तुम यहीं रुको मैं अभी आती हूँ। मैं अंदर दो तौलिया लेकर आ गयी। मैंने कहा लो पहले अपने सारे कपड़े उतारो। एक तौलिया से बदन पोंछो और दूसरी तौलिया पहन लो। मैं आपके कपड़े मशीन में डाल देती हूँ अभी धुल कर और सूख कर बाहर आ जाएंगें। वह वैसा ही करने लगा। मैं दूर से चुपचाप देखती रही मैं चाहती थी की कहीं से मुझे उसके लण्ड की एक झलक मिल जाए तो अच्छा हो पर नहीं मिली। मैंने कपड़े मशीन में डाल दिया । जब वापस आई तो वह खड़ा था। मैंने कहा अरे खड़े क्यों हो बैठो न ? वह अपनी दोनों टांगें जोड़ कर बैठ गया। उसका नंगा बदन मुझे बहुत सेक्सी लग रहा था। उसकी चौड़ी छाती और उस पर घने घने बाल बड़े सुन्दर और सेक्सी लग रहे थे। उसकी मर्दानगी झलक रही थी। उसका बदन कसरती थी। उसके डोले सोले मुझे बहुत अच्छे लगे। मेरा मन हुआ की मैं उसे नंगा करके अपनी गोद में बैठा लूँ और उसका लण्ड चूँसूँ।
मैंने कहा तुम बैठो मैं चाय बन कर लाती हूँ। बरसात रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। मैं चाय बनाकर लायी और झुक कर उसके सामने रख दी। मैं उस समय एक मैक्सी पहनी थी। नीचे कुछ भी नहीं। न ब्रा और न पैंटी। मेरी चूचियाँ दूर तक उसे दिख गईं और उसने बड़े सेक्सीअंदाज़ से देखा भी। मैं बिलकुल उसके सामने सोफे पर बैठी गयी। मेरी नज़र उसकी टांगो के बीच में अटकी हुई थी। मैं सोंच रही थी की अगर वह अपनी दोनों टाँगे फैला ले तो शायद मुझे लण्ड के दर्शन हो जाएँ ? लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। फिर मैं एकदम से बोली अरे मैंने गैस तो बंद ही नहीं किया। मैं उठी तो उसकी टाँगे थोड़ी खुल गईं। लण्ड तो नहीं दिखा पर इतना मालूम हो गया की उसकी झाँटें साफ़ हैं। मैं गैस बंद करके आई और फिर कुछ बातें होने लगीं। थोड़ी देर में मैंने पूंछा तुम वाइन लेते हो। वह बोला हां तो मैं एक बोतल और दो गिलास लेकर आ गयी। एक पैग उसे दिया और एक मैंने लिया। हम दोनों पीने लगे शराब। धीरे धीरे वह मुझसे खुलने लगा और मैं उससे। मैंने बताया की मैं पूजा हूँ। यहीं कोलकाता में रहती हूँ और एक कंपनी में काम करती हूँ।
इतने में मैंने देख लिया की उसकी तौलिया को गाँठ खुल गयी है। मैं अचानक बोली यार पीछे से पानी का जग उठाओ। वह जग उठाने के लिए खड़ा हुआ तो उसकी तौलियां नीचे ही रह गयी। वह मेरे सामने एकदम नंगा नंगा खड़ा हो गया। उसका लण्ड मुझे एकदम साफ़ दिख गया। लम्बा चौड़ा लण्ड लटक रहा था।लण्ड का टोपा आधा खुल हुआ था। उसके पेलहड़ भी मस्त लगे मुझे। एकदम गोरा चिट्टा लण्ड ? मेरा दिल धक धक करने लगा। मेरी चूत की आग दूनी हो गयी। मेरी लार टपकने लगी। मैं बुरी तरह ललचा गयी। इतने में वह बोला सॉरी मैडम मैंने देखा नहीं। वह फ़ौरन बैठ गया और तौलिया लपेट ली। मैने कहा कोई बात नहीं यार ऐसा हो ही जाता है। मुझसे तोअक्सर हो जाता है। क्योंकि मैं घर में बहुत कम कपड़े पहनती हूँ। वैसे भी घर में कोई नहीं है। मैं अकेली हूँ। लो दूसरा पैग पियो। वह पीने लगा और मैं भी। तब तक मैंने अपनी मैक्सी के दोनों बटन खोल दिया। अब उसे मेरी दोनों बड़ी बड़ी चूचियाँ साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रहीं थीं। मैंने मुस्कराते हुए कहा अमिय एक बात कहूं बुरा तो नहीं मानोगे ? वह बोला बिलकुल नहीं मानूंगा। कहो न ?
मेरी चूत में तो भयानक आग लगी थी। मैंने सोंचा की अब थोड़ा बेशर्म होना पड़ेगा। अब यह रात में तो कहीं जायेगा है नहीं। मैंने बड़ी मस्ती से और बड़ी सेक्सी अदा से कहा अच्छा खड़े हो। वह खड़ा हो गया। मैंने उसकी तौलियां खींचते हुए कहा जब मैंने तुम्हे एक बार नंगा देख ही लिया है तो फिर इस तौलिया की क्या जरुरत है ? फेकों न इस बहन चोद तौलिया को ? फिर मैंने भी अपनी मैक्सी खोल कर फेंक दी। मैं भी मादर चोद एकदम नंगी उसके आगे खड़ी हो गयी। उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मेरा हाथ उसके लण्ड पर गया और उसका हाथ मेरी चूचियों पर ? मेरा मन खुश हो गया। मैंने ठान लिया की अब बिना चुदवाये मैं इसे यहाँ से जाने नहीं दूँगी। इसके लण्ड का पूरा मज़ा लूटूँगी। मैंने उसका लण्ड मुठ्ठी में ले लिया। मगर लण्ड मेरी मुठ्ठी में आ नहीं रहा था। मैं जान गयी की लण्ड बहन चोद मोटा है और मैं मोटे लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ। मेरे मन की मुराद पूरी होने जा रही थी।
उसके दोनों हाथों ने मेरी चूचियाँ पर कब्जा कर लिया। आज पहली बार मुझे एक मरद के आगे नंगी होने का सुख मिल रहा था। नशा मुझे भी था और उसे भी। जोश में मैं भी थी और वह भी। चोदने के मूड में वह भी आ रहा था और मैं भी चुदवाने के मूड आ चुकी थी। मैंने उसका लण्ड पकड़ा और उसे खींचती हुई बेड रूम पहुँच गयी। मैंने उसे चित लिटा दिया और मैं उसके ऊपर लेट गयी। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी और झुक कर उसका लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा। मेरे बिस्तर पर एक इंची टेप पड़ा था। मैं अक्सर अपनी चूचियाँ और अपना फिगर नापा करती हूँ। मैंने इंची टेप उठाया और लण्ड की नाप लेने लगी। मैंने कहा बाप रे बाप अमिय तेरा लण्ड बहन चोद साढ़े आठ लंबा है और मोटा साढ़े पांच इंच ? लण्ड का साइज 8 1/2" x 5 1/2 " है ? वाओ कितना मर्दाना लण्ड है तेरा। मैं तो तेरे लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ, मेरे राजा ? मैं तेरा लण्ड पाकर अपने आप को बड़ी लकी मानती हूँ। मैं लण्ड ऊपर से नीचे तक और नीचे से ऊपर तक बड़ी मस्ती से चाटने लगी।
बेड रूम की सारी खिड़कियां खोल दी थीं। दरवाजा तो खुला ही था। ठंडी ठंडी मस्तानी हवा आ रही थी। इस ठंढी हवा में हाथ में गरमा गरम लण्ड बड़ा प्यारा लग रहा था। मैं तो लण्ड में खो गयी और अचानक मैं नीचे हो गयी और वह ऊपर। अभी भी हम दोनों 69 की ही पोजीशन में थे। वासना सर पर चढ़ कर बोल रही थी। मुझे महसूस हुआ की बरसात में लण्ड बहुत अच्छा लगता है। अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा था। मेरी चूत लण्ड मांग रही थी। यही हाल उसका भी था। लण्ड उसका भी गीला था और चूत मेरी भी गीली थी। फिर उसने अपना चिकना लण्ड मेरी चिकनी चूत पर टिका दिया। उसने एक धक्का मारा तो लण्ड मेरी चूत में सरसराता हुआ वैसे ही घुस गया जैसे कोई सांप अपने बिल में घुस जाता है। इतना बड़ा लण्ड पूरा का पूरा मेरी चूत मे घुस गया तो मुझे भी अपनी चूत पर गर्व होने लगा। बस यह मस्ती से चोदने लगा और मैं मस्ती से चुदवाने लगी। बहुत दिनों के बाद आज मुझे चुदाई का असली मज़ा मिल रहा था।
मेरी चूचियाँ उसकी आँखों के सामने उछल रहीं थी। उन्हें देख देख कर उसे और जोश आ रहा था। मैं भी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवा रही थी। थोड़ी देर में मैंने कहा मेरे राजा अब मुझे पीछे से चोदो। उसने फिर पीछे से पेल दिया लण्ड मेरी बुर में। मैं भी कुतिया की तरह चुदवाने लगी। बस ५ मिनट में मेरी चूत बोल गयी। वह ढीली ढीली पड़ गयी शायद मैं खलास हो चुकी थी। इतने में वह भी बोला यार पूजा अब मैं निकलने वाला हूँ। मैं इसी का इंतज़ार कर रही थी। मैंने घूम कर लौड़ा हाथ में लिया और उसका सड़का मारने लगी। मैं दनादन्न सड़का मारने में जुट गयी। मुझे इतने मस्त लण्ड का सड़का लगाने में बड़ी मस्ती का अनुभव हो रहा था। मैंने दूसरे हाथ से उसके पेलहड़ पकड़ रखे थे और मुंह अपना खोल रखा था। उसके लण्ड से पिचकारी निकली और सीधे मेरे मुंह में जा गिरी। मुझे तो लण्ड पीने का शौक था ही। मैं लण्ड पीती गयी और फिर जबान निकाल कर लण्ड बड़े प्रेम से चाटा।
उसके बाद मैं अमिय को बाथ रूम ले गयी। उसके लण्ड पर खूब साबुन लगाया, नहलाया, धुलाया और वापस बेड पर ले आई। मैं उसे नंगा ही रखा और फिर हम दोनों ने नंगे नंगे ही खान खाया किया। उसने कहा पूजा अब मैं जाना चाहता हूँ। मैंने कहा देखो पानी जरूर रुक गया है लेकिन रात में जाने वाल नहीं है। कहीं वाटर लॉगिंग हुई तो तुम्हारी गाड़ी फंस सकती है। वह मेरी बात मान गया और हम दोनों रात में नंगे नंगे ही एक ही बिस्तर पर सो गए। सवेरे जैसे ही मैं उठी तो मेरी नज़र उसके लण्ड पर पड़ी। मुझे प्यार आ गया और मैंने उसे जबान से उठाया और चूसने लगी। वह जग गया और मैंने फिर चुदवाया।
सुबह नास्ता करके वह चला गया। वह लण्ड मुझे आज भी याद है।
मैं एक ३१ साल की अबिवाहित महिला हूँ। मैं स्वयं बहुत खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और सेक्सी हूँ। मेरा कद ५' ५" है मैं गोरी चिट्टी अच्छे नाक नक्श वाली हूँ। मेरे बड़े बड़े सुडौल बूब्स पर लोगों की निगाहें टिकी रहतीं हैं। मेरे हिप्स भी बड़े बड़े है। लोग मुझे चलते हुए आगे और पीछे दोनों तरफ से देखना पसंद करते हैं। मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही मस्त, खुश मिज़ाज़ और बिंदास हूँ। मेरी सबसे ज्यादा रूचि सेक्स में रहती है। मैं ब्लू फ़िल्में बहुत देखती हूँ, गन्दी गन्दी हिंदी सेक्स की कहानियां पढ़ती हूँ। इन कहानियों को पढ़ते ही चूत में आग लग जाती है। फिर आग बुझाने के लिए लण्ड ढूंढती हूँ और प्रेम से चुदवाती हूँ। मैं अपनी दोस्तों के बीच खूब अश्लील बातें और गाली गलौज भी करती हूँ। मुझे दुनिया में अगर सबसे ज्यादा कोई चीज पसंद है तो वह है 'लण्ड' 'लण्ड' और 'लण्ड' बाकी मेरे लिए दुनियां में सब बेकार है।
मैं लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ, लण्ड मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है और लण्ड ही मेरी असली ज़िन्दगी है। लण्ड के बिना मैं कुछ भी नहीं ? मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ती आ रही हूँ और आज भी खूब एन्जॉय करती हूँ। कभी रुकी नहीं, कभी पीछे मुड़ कर देखा नहीं बस आगे ही आगे बढ़ती गयी. अब तक सैकड़ों लण्ड पकड़ चुकी हूँ। हर तरह के लण्ड पकड़ चुकी हूँ। लम्बे, पतले, मोटे, छोटे, काले, गोरे, कटे, सीधे, टेढ़े, देशी, विदेशी लण्ड सब पकड़ चुकी हूँ। झांट वाले और बिना झांट वाले लण्ड सब मेरे हाथ से और मेरी चूत से गुज़र चुके हैं। मगर एक लण्ड जो मैंने आज से ५ साल पहले पकड़ा था वैसा लण्ड मुझे दुबारा कोई नहीं मिला। वह लण्ड आज भी मेरी आँखों में समाया हुआ है। मेरे दिल में बसा है वो लण्ड। मेरी आँखें आज भी उस लण्ड के इंतज़ार में हैं। क्या लण्ड था वो ? इतना लंबा चौड़ा, मोटा तगड़ा, गोरा चिट्टा, टन टनाता हुआ लगभग ८" से ९" के बीच का लण्ड ? लण्ड का टोपा तो बिलकुल तोप का गोला था। जब लौड़ा मेरे सामने तन कर खड़ा था तो मेरी आँखें चौंधियां गयी थी। उसका तेज मेरी आँखों को बर्दास्त नहीं हो रहा था। लग रहा था की लण्ड से किरणें निकल रही हैं। उसके लाजबाब पेलहड़ तो देखते ही बनते थे। इतना खूबसूरत लण्ड मैंने न पहले कभी देखा और न उसके बाद देखा। आज भी मैं उस लण्ड की तलाश में हूँ। शायद मैंने इसीलिए अभी तक शादी नहीं की ?
अरे हां मैंने अपना नाम तो आपको बता ही नहीं ? मेरा नाम है पूजा। मैं कोलकाता में रहती हूँ। जी हां मैं एक बंगाली लड़की हूँ। मैं एक बड़ी कंपनी में काम करती हूँ। साथ ही साथ मैं एक मशहूर कॉल गर्ल भी हूँ। मेरा सम्बन्ध ३ स्टार और ५ स्टार होटलों से हैं. वो लोग मुझे फोन करके बुलाते है और तब मैं चुदवाने चली जाती हूँ। वहां अक्सर विदेशी लौंडों से चुदवाना पड़ता है जो मुझे बहुत अच्छा लगता है। अपने देश के भी लोग होतें है पर वो सब उच्च घराने वाले और ऐय्यासी करने वाले लड़के होतें हैं और कभी कभी बहुत पहुँच वाले मर्द भी मुझे चोदने चले आतें हैं। मैं सबके लण्ड एन्जॉय करती हूँ। होटलों के अलावा मैं अपनी सहेलियों के हसबैंड से भी चुदवाती हूँ। मेरी सहेलियां मुझे अपने पति से चुदवा कर कई मर्दों से चुदवा लेती हैं। वो सब बड़ी हरामजादी चालू होती हैं। मेरे कॉलेज के कुछ लड़के आज मुझे चोदनेआते हैं और मैं किसी को निराश नहीं करती। मैं अपनी ज़िन्दगी इसी तरह एन्जॉय का रही हूँ।
अब मैं आपको उस लण्ड की बात बता रही हूँ जो मेरे दिलो दिमाग में बसा है। यह बात कई साल पहले की है। तब मैं कॉल गर्ल नहीं बनी थी। अगस्त का महीना था। एक दिन शाम को करीब ७ बजे आकाश में एकदम से बादल छा गये। ठंढी ठंढी हवाएं चलने लगी. बदल गरजने लगे। मैं समझ गयी की अब पानी बरसने वाला ही है। बस दो मिनट में ही पानी बरसने लगा। फिर बरसात तेज होने लगी। झमाझम की आवाज़ आने लगी.बादलों की गड़गड़ाहट होने लगी बिजली चमकने लगी. बरसात तेज होती ही जा रही थी। चारों तरफअँधेरा छाया हुआ था। मेरे मन में आया की अगर इस समय मेरे साथ कोई लण्ड होता तो कितना मज़ा आता ? सारी दुनियां भीग रही है लेकिन मेरी चूत बुर चोदी जल रही है । उसकी आग भड़क रही है । उसकी आग बुझाने के लिए बरसात का पानी नहीं लण्ड का पानी चाहिए। बरसात जितनी तेज होती जा रही थी मेरी चूत उतनी ही तेज जली जा रही थी। मुझे बार बार लण्ड याद आ रहा था। कभी तो मेरे आगे पीछे तमाम लण्ड होते थे जब मैं कॉलेज में थी लेकिन आज मेरे पास एक भी लण्ड नहीं है ? बहन चोद इस समय कोई मुझसे पैसे लेकर मुझे चोदे तो मैं तैयार हूँ। लण्ड के लिए मैं अभी हज़ारों रुपये दे सकती हूँ। पर मैं निराश होकर बरसात देखती रही।
इतनी मूसलाधार बरसात में किसी ने मेरे दरवाजे की घंटी बज दी। मैं तो घंटी की आवाज़ सुनकर सन्न रह गयी। कौन आ गया ? मैं डरी सहमी सी उठी और अंदर से झाँक कर देखा तो मुझे धुंधला सा एक जवान लड़का दिखा . मैंने आहिस्ते से दरवाजा खोला तो वह बड़े अदब से बोला मैडम मैं अमिय हूँ यहाँ मेरी गाड़ी ख़राब हो गयी है और आस पास कोई रुकने की जगह नहीं है। क्या मैं थोड़ी देर यहाँ बाहर रुक सकता हूँ ? लड़का मुझे एक ही नज़र में भा गया। मैंने जबाब दियाअरे बाहर क्यों अंदर आओ न ? तुम तो बहुत भीग गये हो ?अपनी गाड़ी से यहां तकआने में तुम्हारे कपड़े एकदम भीग गयें हैं. ठंडी हवाएं चल रही हैं ऐसे में अगर ठंढ लग गयी तो फ़ौरन बुखार आ जायेगा। आओ अंदर आ जाओ। बाहर रह कर तो और भीग जाओगे।
वह अंदर आया तो मैंने कहा अच्छा तुम यहीं रुको मैं अभी आती हूँ। मैं अंदर दो तौलिया लेकर आ गयी। मैंने कहा लो पहले अपने सारे कपड़े उतारो। एक तौलिया से बदन पोंछो और दूसरी तौलिया पहन लो। मैं आपके कपड़े मशीन में डाल देती हूँ अभी धुल कर और सूख कर बाहर आ जाएंगें। वह वैसा ही करने लगा। मैं दूर से चुपचाप देखती रही मैं चाहती थी की कहीं से मुझे उसके लण्ड की एक झलक मिल जाए तो अच्छा हो पर नहीं मिली। मैंने कपड़े मशीन में डाल दिया । जब वापस आई तो वह खड़ा था। मैंने कहा अरे खड़े क्यों हो बैठो न ? वह अपनी दोनों टांगें जोड़ कर बैठ गया। उसका नंगा बदन मुझे बहुत सेक्सी लग रहा था। उसकी चौड़ी छाती और उस पर घने घने बाल बड़े सुन्दर और सेक्सी लग रहे थे। उसकी मर्दानगी झलक रही थी। उसका बदन कसरती थी। उसके डोले सोले मुझे बहुत अच्छे लगे। मेरा मन हुआ की मैं उसे नंगा करके अपनी गोद में बैठा लूँ और उसका लण्ड चूँसूँ।
मैंने कहा तुम बैठो मैं चाय बन कर लाती हूँ। बरसात रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। मैं चाय बनाकर लायी और झुक कर उसके सामने रख दी। मैं उस समय एक मैक्सी पहनी थी। नीचे कुछ भी नहीं। न ब्रा और न पैंटी। मेरी चूचियाँ दूर तक उसे दिख गईं और उसने बड़े सेक्सीअंदाज़ से देखा भी। मैं बिलकुल उसके सामने सोफे पर बैठी गयी। मेरी नज़र उसकी टांगो के बीच में अटकी हुई थी। मैं सोंच रही थी की अगर वह अपनी दोनों टाँगे फैला ले तो शायद मुझे लण्ड के दर्शन हो जाएँ ? लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। फिर मैं एकदम से बोली अरे मैंने गैस तो बंद ही नहीं किया। मैं उठी तो उसकी टाँगे थोड़ी खुल गईं। लण्ड तो नहीं दिखा पर इतना मालूम हो गया की उसकी झाँटें साफ़ हैं। मैं गैस बंद करके आई और फिर कुछ बातें होने लगीं। थोड़ी देर में मैंने पूंछा तुम वाइन लेते हो। वह बोला हां तो मैं एक बोतल और दो गिलास लेकर आ गयी। एक पैग उसे दिया और एक मैंने लिया। हम दोनों पीने लगे शराब। धीरे धीरे वह मुझसे खुलने लगा और मैं उससे। मैंने बताया की मैं पूजा हूँ। यहीं कोलकाता में रहती हूँ और एक कंपनी में काम करती हूँ।
इतने में मैंने देख लिया की उसकी तौलिया को गाँठ खुल गयी है। मैं अचानक बोली यार पीछे से पानी का जग उठाओ। वह जग उठाने के लिए खड़ा हुआ तो उसकी तौलियां नीचे ही रह गयी। वह मेरे सामने एकदम नंगा नंगा खड़ा हो गया। उसका लण्ड मुझे एकदम साफ़ दिख गया। लम्बा चौड़ा लण्ड लटक रहा था।लण्ड का टोपा आधा खुल हुआ था। उसके पेलहड़ भी मस्त लगे मुझे। एकदम गोरा चिट्टा लण्ड ? मेरा दिल धक धक करने लगा। मेरी चूत की आग दूनी हो गयी। मेरी लार टपकने लगी। मैं बुरी तरह ललचा गयी। इतने में वह बोला सॉरी मैडम मैंने देखा नहीं। वह फ़ौरन बैठ गया और तौलिया लपेट ली। मैने कहा कोई बात नहीं यार ऐसा हो ही जाता है। मुझसे तोअक्सर हो जाता है। क्योंकि मैं घर में बहुत कम कपड़े पहनती हूँ। वैसे भी घर में कोई नहीं है। मैं अकेली हूँ। लो दूसरा पैग पियो। वह पीने लगा और मैं भी। तब तक मैंने अपनी मैक्सी के दोनों बटन खोल दिया। अब उसे मेरी दोनों बड़ी बड़ी चूचियाँ साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रहीं थीं। मैंने मुस्कराते हुए कहा अमिय एक बात कहूं बुरा तो नहीं मानोगे ? वह बोला बिलकुल नहीं मानूंगा। कहो न ?
मेरी चूत में तो भयानक आग लगी थी। मैंने सोंचा की अब थोड़ा बेशर्म होना पड़ेगा। अब यह रात में तो कहीं जायेगा है नहीं। मैंने बड़ी मस्ती से और बड़ी सेक्सी अदा से कहा अच्छा खड़े हो। वह खड़ा हो गया। मैंने उसकी तौलियां खींचते हुए कहा जब मैंने तुम्हे एक बार नंगा देख ही लिया है तो फिर इस तौलिया की क्या जरुरत है ? फेकों न इस बहन चोद तौलिया को ? फिर मैंने भी अपनी मैक्सी खोल कर फेंक दी। मैं भी मादर चोद एकदम नंगी उसके आगे खड़ी हो गयी। उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मेरा हाथ उसके लण्ड पर गया और उसका हाथ मेरी चूचियों पर ? मेरा मन खुश हो गया। मैंने ठान लिया की अब बिना चुदवाये मैं इसे यहाँ से जाने नहीं दूँगी। इसके लण्ड का पूरा मज़ा लूटूँगी। मैंने उसका लण्ड मुठ्ठी में ले लिया। मगर लण्ड मेरी मुठ्ठी में आ नहीं रहा था। मैं जान गयी की लण्ड बहन चोद मोटा है और मैं मोटे लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन हूँ। मेरे मन की मुराद पूरी होने जा रही थी।
उसके दोनों हाथों ने मेरी चूचियाँ पर कब्जा कर लिया। आज पहली बार मुझे एक मरद के आगे नंगी होने का सुख मिल रहा था। नशा मुझे भी था और उसे भी। जोश में मैं भी थी और वह भी। चोदने के मूड में वह भी आ रहा था और मैं भी चुदवाने के मूड आ चुकी थी। मैंने उसका लण्ड पकड़ा और उसे खींचती हुई बेड रूम पहुँच गयी। मैंने उसे चित लिटा दिया और मैं उसके ऊपर लेट गयी। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी और झुक कर उसका लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ लिया। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा। मेरे बिस्तर पर एक इंची टेप पड़ा था। मैं अक्सर अपनी चूचियाँ और अपना फिगर नापा करती हूँ। मैंने इंची टेप उठाया और लण्ड की नाप लेने लगी। मैंने कहा बाप रे बाप अमिय तेरा लण्ड बहन चोद साढ़े आठ लंबा है और मोटा साढ़े पांच इंच ? लण्ड का साइज 8 1/2" x 5 1/2 " है ? वाओ कितना मर्दाना लण्ड है तेरा। मैं तो तेरे लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ, मेरे राजा ? मैं तेरा लण्ड पाकर अपने आप को बड़ी लकी मानती हूँ। मैं लण्ड ऊपर से नीचे तक और नीचे से ऊपर तक बड़ी मस्ती से चाटने लगी।
बेड रूम की सारी खिड़कियां खोल दी थीं। दरवाजा तो खुला ही था। ठंडी ठंडी मस्तानी हवा आ रही थी। इस ठंढी हवा में हाथ में गरमा गरम लण्ड बड़ा प्यारा लग रहा था। मैं तो लण्ड में खो गयी और अचानक मैं नीचे हो गयी और वह ऊपर। अभी भी हम दोनों 69 की ही पोजीशन में थे। वासना सर पर चढ़ कर बोल रही थी। मुझे महसूस हुआ की बरसात में लण्ड बहुत अच्छा लगता है। अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा था। मेरी चूत लण्ड मांग रही थी। यही हाल उसका भी था। लण्ड उसका भी गीला था और चूत मेरी भी गीली थी। फिर उसने अपना चिकना लण्ड मेरी चिकनी चूत पर टिका दिया। उसने एक धक्का मारा तो लण्ड मेरी चूत में सरसराता हुआ वैसे ही घुस गया जैसे कोई सांप अपने बिल में घुस जाता है। इतना बड़ा लण्ड पूरा का पूरा मेरी चूत मे घुस गया तो मुझे भी अपनी चूत पर गर्व होने लगा। बस यह मस्ती से चोदने लगा और मैं मस्ती से चुदवाने लगी। बहुत दिनों के बाद आज मुझे चुदाई का असली मज़ा मिल रहा था।
मेरी चूचियाँ उसकी आँखों के सामने उछल रहीं थी। उन्हें देख देख कर उसे और जोश आ रहा था। मैं भी अपनी गांड उचका उचका कर चुदवा रही थी। थोड़ी देर में मैंने कहा मेरे राजा अब मुझे पीछे से चोदो। उसने फिर पीछे से पेल दिया लण्ड मेरी बुर में। मैं भी कुतिया की तरह चुदवाने लगी। बस ५ मिनट में मेरी चूत बोल गयी। वह ढीली ढीली पड़ गयी शायद मैं खलास हो चुकी थी। इतने में वह भी बोला यार पूजा अब मैं निकलने वाला हूँ। मैं इसी का इंतज़ार कर रही थी। मैंने घूम कर लौड़ा हाथ में लिया और उसका सड़का मारने लगी। मैं दनादन्न सड़का मारने में जुट गयी। मुझे इतने मस्त लण्ड का सड़का लगाने में बड़ी मस्ती का अनुभव हो रहा था। मैंने दूसरे हाथ से उसके पेलहड़ पकड़ रखे थे और मुंह अपना खोल रखा था। उसके लण्ड से पिचकारी निकली और सीधे मेरे मुंह में जा गिरी। मुझे तो लण्ड पीने का शौक था ही। मैं लण्ड पीती गयी और फिर जबान निकाल कर लण्ड बड़े प्रेम से चाटा।
उसके बाद मैं अमिय को बाथ रूम ले गयी। उसके लण्ड पर खूब साबुन लगाया, नहलाया, धुलाया और वापस बेड पर ले आई। मैं उसे नंगा ही रखा और फिर हम दोनों ने नंगे नंगे ही खान खाया किया। उसने कहा पूजा अब मैं जाना चाहता हूँ। मैंने कहा देखो पानी जरूर रुक गया है लेकिन रात में जाने वाल नहीं है। कहीं वाटर लॉगिंग हुई तो तुम्हारी गाड़ी फंस सकती है। वह मेरी बात मान गया और हम दोनों रात में नंगे नंगे ही एक ही बिस्तर पर सो गए। सवेरे जैसे ही मैं उठी तो मेरी नज़र उसके लण्ड पर पड़ी। मुझे प्यार आ गया और मैंने उसे जबान से उठाया और चूसने लगी। वह जग गया और मैंने फिर चुदवाया।
सुबह नास्ता करके वह चला गया। वह लण्ड मुझे आज भी याद है।
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