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कपल स्वैपिंग - फैमिली स्वैपिंग - अदला बदली में चुदाई - Patniyon ko badal kar choda
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मेरी गिनती एक चुलबुली, शोख़ और बदचलन लड़कियों में की जाती है। मेरी एक बहुत बड़ी कमजोरी है की मैं जब किसी जवान लड़के को या किसी मरद को देख लेती हूँ तो बिना उसका लण्ड पकड़े रह नहीं सकती। मैं कोई न कोई तरकीब निकाल ही लेती हूँ और लण्ड अपने कब्जे में लेती हूँ। एक बार लण्ड मेरे कब्जे में आ जाता है तो वह साला फिर मेरे पास आता ही रहता है। मेरे मोहल्ले में मेरी एक बहुत पक्की दोस्त है सिमरन। वह भी २२ साल की है, गोरी चिट्टी, बड़ी बड़ी चूचियों वाली है, सेक्सी है और हॉट है। वह एक पंजाबी लड़की है। वह भी मेरी ही तरह लण्ड पकड़ने में एक्सपर्ट है। हम लोग जब भी मिलती हैं तो बस लण्ड की ही बातें करती रहती हैं। इसका लण्ड ऐसा है उसका लण्ड वैसा है। इसका मोटा है उसका पतला है, इसका सीधा है उसका टेढ़ा है, इसका गोरा है उसका काला है, इसका लंबा है उसका छोटा है,,,,,,,,,,,?
एक दिन सिमरन ने मुझे फोन किया और बोली यार मेरी मम्मी कहीं खो गयी हैं। मैंने पूरे घर में ढूंढा कही मिली नहीं। पता नहीं कहाँ चली गईं ? बता कर भी नहीं गयी। बड़ी देर हो गयी है यार। देखो तुम्हारे घर में तो नहीं है। मैंने इधर उधर नज़र दौड़ाई और बोली नहीं यार यहाँ तो नहीं हैं तेरी मम्मी ? वह बड़ी परेशां हो गयी। रात का समय था वह ससुरी और ज्यादा परेशान होने लगी तब मैंने उसे अपने पास बुला लिया। हम दोनों इधर उधर झाँक कर देखने लगी। सहसा एक आवाज़ आई। वह आवाज़ शायद उसकी मम्मी की ही थी। वह बोल रही थी - हाय मेरे राजा आज तो तेरा लौड़ा बड़ा उतावला हो रहा है। मैं आंटी की आवाज़ पहचान गयी। मैंने कहा सिमरन चलो झांक कर देखें ? हमने जब अंदर देखा तो दंग रह गईं। हमने देखा की सिमरन की मम्मी एकदम नंगी बैठी हुई हैं। उसकी चूचियाँ उसकी चूत उसकी गांड सब साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रही है। और वह एक हाथ से मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर हिला रही हैं। मेरा बब्बू भी मादर चोद बिलकुल नंगा है। आंटी कह रहीं है यार रहमत आज तेरा लण्ड बहुत ज्यादा मस्ती में है। आज तो यह मेरी बुर फड़ डालेगा। बस हम लोगों को यकीन हो गया की सिमरन की मम्मी मेरे अब्बू से चुदवाती हैं। यह पहली बार नहीं है। वह जाने कब से चुदवा रही हैं ? उधर सिमरन बोली यार बात तो सही है पर तेरे अब्बू का लण्ड है साल बड़ा सॉलिड। उसे देख कर तो मेरी भी चूत गीली हो गयी यार ? मेरे बस में होता तो मैं लण्ड मम्मी के हाथ से छीन कर अपनी चूत में घुसा लेती। फिर हम दोनों ने वहीँ बैठ कर पूरी चुदाई देखी और मोना आंटी को अब्बू का लण्ड पीते हुए / चाटते हुए देखा। उस दिन मेरी अम्मी कहीं बाहर गईं थीं।
मेरे अब्बू का नाम है रहमत, मेरी अम्मी हैं नाज़िया और मेरी दीदी हैं रफ़ा। इसी तरह सिमरन की मम्मी हैं मोना सिंह, उसका पापा हैं बग्गा सिंह उसकी दीदी है पूनम।
मजे की बात यह है की इधर हम दोनों बहनों की शादी हो चुकी है और उधर भी दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। हम दोनो इस बात से खुश थी की आज एक राज़ की बात मालूम हुई। अब तो मैं भी अब्बू से सीना तान कर बात करने लगी। उधर सिमरन भी अपनी मम्मी से खुल कर बात करने लगी।
एक दिन ऐसा हुआ की मेरी अम्मी कहीं रह गयी और समय पर घर नहीं पहुंची। मैंने सिमरन से कहा तो वह मेरे साथ इधर उधर पता लगाने लगी। फिर हुआ वही जिसका डर था। सिमरन ने मुझे बुलायाऔर चुपके से ऊपर ले गयी और वहां से झाँक कर हमने कमरे में देखा। कमरे में मेरी अम्मी बग्गा अंकल के साथ एकदम नंगी बैठी थी। अंकल उसकी चूचियाँ मसल रहा था और अम्मी उसका लण्ड सहला रही थी। मैंने पहली बार कोई हिन्दू लण्ड देखा। समूचा लण्ड देखा। लण्ड का मस्ताना टोपा देखा जो पूरा का पूरा बाहर निकला हुआ था। लण्ड साला मोटा तगड़ा था। मैंने कहा सिमरन तेरे पापा का लण्ड साला हलब्बी है यार. मेरा मन तो चुदवाने का हो गया। पर मेरी अम्मी भोसड़ी की बीच में आ गयी है। वह तेरे पापा से चुदवाती है पर उसे मेरी चूत का ख्याल नहीं है। क्या वह खुद तेरे पापा का लण्ड मेरी बुर में नहीं घुसा सकती ?
तब तक मैंने देखा की बग्गा अंकल ने लण्ड अम्मी की चूत में पेल दिया। अम्मी धकाधक चुदवाने लगी। मैंने सिमरन से कहा यार ये तो बड़ी अजीब बात है। मेरी अम्मी तेरे पापा से चुदवाती हैं और तेरी अम्मी मेरे अब्बू से चुदवाती हैं। दोनों बुर चोदी बड़ा मज़ा कर रही हैं। अब तो मैं भी अपनी अम्मी से खुल कर बातें करने लगी।
मैंने कहा अम्मी मैं तो समझती थी की आजकल के मरद बड़े हरामी होतें हैं पर अब मुझे मालूम हुआ की औरतें भी बड़ी हरामजादी होतीं हैं।
अम्मी ने कहा हां बेटी बात तो तेरी सही है। पर एकदम से ये सब बातें तेरे दिमाग में कैसे आ गईं ?
अरे अम्मी जो लड़की कल तक बड़ी भोली भाली सीधी शादी लगती थी वही लड़की बिस्तर पर बड़ी ज़ालिम हो जाती है। लौड़ा नोंच नोंच कर पीती है अम्मी ?
हां बेटी बिस्तर पर हर लड़की रंडी हो जाती है बुर चोदी। एक बात समझ लो की हर लड़की के अंदर एक रंडी छिपी होती है। जब वह मस्ती में होती है तो उसका रंडीपन अपने आप निकल आता है।
तो इसका मतलब यह सब मेरेअंदर भी है। तेरेअंदर भी है।
हां बिलकुल निदा। मैं भी एकऔरत हूँ और तुम भी एक औरत हो ?
अच्छा यह बताओ अम्मी बग्गा अंकल का लौड़ा कैसा लगा तुम्हे ?
पहले तू बता की खालिद अंकल का लौड़ा कितना बड़ा है और उसका स्वाद कैसा है ? वो तो आया था मेरे पास लेकिन लौड़ा पकड़ लिया तूने ? सिर्फ पकड़ा ही नहीं तूने उसे मुंह में डाल कर चूसा भी खूब ?
अच्छा तो तुम जल गयी हो अम्मी ?
नहीं मैं जल नहीं गयी हूँ, बेटी ? मैं तो खुश हुई थी की मेरी बेटी जवानी का मज़ा लूट रही है।
मैं क्या करती, अम्मी ? वह लुंगी पहने था और लुंगी खुल गयी तो उसका लौड़ा दिख गया मुझे। मैंने कहा जब लौड़ा मैंने देख ही लिया है अंकल तो फिर ठीक से दिखा दो न ? इसीलिए मैंने लण्ड पकड़ लिया था। और हां अम्मी लौड़ा तो बड़ा स्वादिस्ट निकला ?
तो इसी तरह समझ ले की मैं भी बग्गा अंकल का लण्ड पकड़ती हूँ ,उसे हिलाती हूँ, चाटती हूँ, पीती हूँ लण्ड और चुदवाती हूँ।
तो अकेले अकेले क्यों करती हो सब ? मैं हूँ न ? मुझे भी लण्ड चाहिए ?
तो तू शर्माती क्यों है ? किसने रोका है तुझे ? जा तू भी चुदवा ले अपने बग्गा अंकल से ?
जब मैं दूसरे दिन सिमरन से मिली तो उसने बताया यार मेरी मम्मी तो कह रही थीं की अब तू बड़ी हो गयी है। तेरी शादी हो गयी है। तू चाहे जिसका लण्ड पकड़ ? चाहे जिससे चुदवा मुझे क्या ? जा तू पकड़ ले रहमत अंकल का लण्ड। उसका मुस्लिम लण्ड है बड़ा मजेदार है। मैंने भी अपनी सारी बात उसे बताई। तब वह बोली यार निदा मेरा तो मन है की अभी तेरे अब्बू से चुदवा लूँ . उसका लण्ड मेरे दिमाग में घूम रहा है। मैंने कहा अरी थोड़ा रुक जा मैं बताऊंगी तब चुदवाना। अगले दिन मेरी दीदी रफ़ा आ गयी। वह अकेले ही आई जीजा जी नहीं आये। एक दिन दीदी अम्मी से बातें करने लगी। मैं भी इधर उधर कुछ कर रही थी लेकिनं मेरे कान उनकी बातों पर ही थे। मेरा ध्यान वहीँ था।
दीदी बोली :- अम्मी तुमने ठीक ही कहा था। बग्गा अंकल का लौड़ा तो वाकई जबरदस्त है। लण्ड देख कर मेरा मुंह अपने आप खुल गया। मैं लौड़ा चाटने लगी और अंकल मेरी बुर चाटने लगे। अंकल तो बुर बहुत अच्छी तरह चाटते है अम्मी। उसके बाद जब लौड़ा पूरा घुसेड़ कर मेरी बुर चोदा तो ज़न्नत का मज़ा आ गया। अब तो मैं जब जब आऊंगी अंकल से चुदवा कर ही जाऊंगी।
मेरी तो आँखें खुल गयी बहन चोद ? मैं सोंचने लगी की मैं ही चूतिया हूँ जिसने अभी तक अंकल से नहीं चुदवाया। यहाँ तो अम्मी भी चुदवाती है बग्गा से और दीदी भी ?
तब तक अम्मी बोल पड़ी अरी रफ़ा तेरे शौहर का लौड़ा भी कम नहीं है बेटी ? लौड़ा 8" से ऊपर ही होगा और क्या भकाभक चोदता है ? मज़ा आ गया। वह बोली हां अम्मी मेरी सभी सहेलियां मेरे मियां के लण्ड की दीवानी हैं। मैंने मन में सोंचा यार दुनिया की माँ की चूत यहाँ मेरे घर में ही क्या क्या हो रहा है मुझे नहीं मालूम ? मैं सीधे सिमरन के पास गयी और सारी बातें बता दीं । वह बोली हां यार बहुत कुछ हो रहा है हम दोनों की फैमिलीज़ में ? मेरी भी दीदी पूनम भी फोन पर किसी से कह रही थी :-
"मुझे मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद है। यार मेरे पड़ोस मे एक रहमत अंकल रहतें हैं ,,,,,,,,,उसका लण्ड तो साला बड़ा तगड़ा है यार,,,,,हां हां मैं तो उसे अपनी बुर में पेल कर खूब मस्ती से चुदवाती हूँ,,,,,, अच्छा तेरा भी एक दोस्त मुस्लिम है ,,,, तो कभी उसका लौड़ा पकड़ा तुमने ,,,,,,,,, कैसा लगा मुस्लिम लण्ड ,,,,,,, हां मैं सच कह रही हूँ न, साला कटा लण्ड चोदने में बड़ा मस्त होता है। उसका टोपा जब चूत के चारों तरफ चिपक कर घुसता है तो फिर मज़ा ही मज़ा,,,,, हां जरूर , मैं तेरे दोस्त से चुदवा लूंगी"
अरे यार निदा मैं तो दीदी की बातें सुनकर दंग रह गयी। मैं भोसड़ी की यही हूँ और दीदी तेरेअब्बू से चुदवा कर चली भी गईं। यार कुछ करो निदा। अब बर्दास्त नहीं हो रहा है। मैंने कहा देखो यार मेरे दिमाग में कुछ खुराफात चल रही है। मैं इस चोरी छिपे चोदा चोदी के खिलाफ हूँ। यार देखो चुदाना है तो खुल कर चुदाओ न मना किसने किया है ? अब देखो तूने मेरे अब्बू का लण्ड देखा लेकिन पकड़ कर नहीं देखा। मैंने तेरे पापा का लण्ड देखा लेकिन पकड़ कर नहीं देखा। लण्ड जब तक पकड़ कर न देखो तब तक मज़ा नहीं आता। अब मैं क्या सोंच रही हूँ की मैं तेरे जीजू का भी लण्ड पकड़ कर देखूं। तेरे मियां का लौड़ा भी पकड़ कर देखूं। वह बोली हां यार मैं भी तेरे मियां का लौड़ा पकड़ कर देखना चाहती हूँ और तेरे जीजू का लौड़ा भी। तब मैंने कहा तो फिर क्यों न एक बहुत बड़ा जश्न मनाया जाये जिसने दोनों फैमिली के लोग आमने सामने एक दूसरे की बुर चोदें, एक दूसरे के लण्ड चोदें ? तेरे घर में ३ लण्ड और ३ चूत हैं मेरे घर में भी ३ लण्ड और ३ चूत हैं। इधर के लण्ड उधर की चूत में और उधर के लण्ड इधर की चूत में ?
सिमरन बोली :- हाय दईया क्या बात है यार ? कितना बढ़िया प्लान है ? तब तो मज़ा ही आ जायेगा।
मैंने कहा :- अब जा और अपनी मम्मी से बात करके मुझे बता की वो लोग तैयार हैं की नहीं ? मैं इधर अपनी अम्मी से बात करके तुझे बताती हूँ।
मैंने अपनी अम्मी से बात की और उसे पूरा प्लान बताया तो वह मुस्कराकर बोली अच्छा निदा तो तेरा प्लान अपनी माँ चुदाना है। मैंने कहा माँ चुदाना ही नहीं अम्मी तेरी बेटियाँ भी चुदाना है। अभी तक तुम और दीदी दोनो छुप छुप कर बग्गा अंकल से चुदवाती रही हो मैं तो कहती हूँ की अब तुम खुल्लम खुल्ला सबके सामने चुदवाओ तो मज़ा आये ? वह बोली हां बेटी मैं तो चाहती यही थी लेकिन कभी पहल करने की हिम्मत नहीं हुई। शाम को जब सिमरन मिली तो वह बोली यार मेरी मम्मी तो फ़ौरन तैयार हो गईं।
वह बोली यार मुझे प्लान बहुत अच्छा लगा।अब तो मेरी चूत में जबरदस्त आग लगी हुई है। अब तू जल्दी से बता मुझे और क्या करना है ? मैंने कहा अब तू अपने मियां से बात कर ले और अपनी दीदी से भी। मैं तो अपने मियां से बात कर चुकी हूँ। वो तो खुद तेरी बुर और तेरी दीदी की बुर लेना चाहता है, सिमरन ने मेरे सामने ही अपने मियां से बात की। उसने कहा हां हां मैं तो बिलकुल तैयार हूँ। मुझे निदा अच्छी लगती है। उसने फिर अपनी दीदी से बात की तो उसने भी कहा अरी निदा ये तो बड़ी ख़ुशी की बात है। मैं तो मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद करती हूँ। क्या मस्त लौड़े होतें हैं उनके ?
फिर हम दोनों ने बैठ कर एक मस्त प्लान बना डाला। मैंने प्रोग्राम अपने घर में रखा। लो इकठ्ठा हो गए। अब मैं आपको बताना चाहती हूँ की दोनों फैमिलीज़ में कौन कौन आ गया है।
मेरी फैमिली से मेराअब्बू रहमत अली, मेरी अम्मी नाज़िया मेरी दीदी रफ़ा, जीजा रफीक, मैं निदा और मेरा शौहर नावेद।
उसकी फैमिली से सिमरन का पापा बग्गा सिंह, उसकी मम्मी मोना सिंह, उसकी दीदी पूनम, उसका पति पवन, सिमरन और उसका पति सूरज सिंह।
हमने ड्रिंक्स का इंतज़ाम किया था। हम दोनों ने सबको व्हिस्की का गिलास पकड़ा दिया और फिर चियर्स कह कर सबने पीना शुरू कर दिया। बातें शुरू हो गयी। अम्मी ने कहा बेटी निदा तूने आज का प्रोग्राम बहुत अच्छा रख है। इसकी बहुत जरुरत थी। मैंने सोंचा की धीरे धीरे माहौल गरम हो तभी मज़ा आएगा। अभी भी जो थोड़ा संकोच, थोड़ी शर्म, थोड़ी झिझक नज़र आ रही है वह भी दूर हो जाए तो चुदाई में आनंद आएगा। मैंने सिमरन को आँख मारी तो वह बोली हां आंटी अब ज़माना बदल गया है अब तो मिल जल कर मज़ा लूटना चाहिए। हम लोग सब शादी शुदा हैं। सबने अपनी अपनी सुहागरात मनाई है। सबने अपनी अपनी अपने अपने मर्दों से चुदवाई है। इसलिए अब कोई शर्म की जगह नहीं है। मैंने कहा यार सिमरन देखो हम लोग मज़ा लेने के लिए ज़मा हुए हैं। यहाँ न कोई बेटी न कोई माँ न कोई अब्बू है न कोई दीदी न कोई दामाद न कोई जीजा। तब तक अम्मी बोली हां तू ठीक कह रही है निदा। यहाँ सब या तो भोसड़ी वाले है या फिर भोसड़ी वालियां हैं। इसी बात पर सब लोग हंस पड़े।
तब तक मोना आंटी बोली हां नाज़िया तुम ठीक कह रही हो। इसीलिए इन सबकी माँ चोदो इन सबकी बहन चोदो ? इनकी गांड में ठोंक दो लण्ड। एक बार फिर ठहाका लगा। अब माहौल गरम होने लगा। उधर दारू का दूसरा पैग शुरू हो गया। रफ़ा दीदी ने कहा आज तो लगता है सबकी फाड़ी जाएगी तो उधर से पूनम दीदी बोली हां जब सबकी बजेगी तो फटेगी ही सबकी बुर चोदी बुर ? अब तो माहौल बुरी तरह हो गया। तब मैंने कहा देखो सब लोग पहली चुदाई कैसे होगी बताऊंगी। कौन किसकी लेगा मैं बताऊंगी। कौन किसका लेगी वो भी मैं बताऊंगी। बस मैं उठी और मोना आंटी का हाथ अपने जीजू रफीक के लण्ड पर रख दिया। मैंने कहा आंटी यही लौड़ा अभी तेरी लेगा बुर। इसे खोल कर देखो। फिर मैंने अम्मी का हाथ सिमरन के जीजा पवन के लण्ड पर रखा और कहा अम्मी तुम इसका लण्ड संभालो और फिर पेलो। वह बोली अच्छा अच्छा तो यह बात है। मेरा दामाद सिमरन की माँ चोदेगा और उसका दामाद तेरी माँ चोदेगा ? यही है न बेटी निदा ?
मैंने कहा हां अम्मी यही बात है। मज़ा तो अदला बदली में ही आता है न। फिर रफ़ा दीदी का हाथ सिमरन के पति सूरज के लण्ड रखा और कहा लो दीदी अब तुम पेलो सूरज का लण्ड अपनी बुर में। तुम तो बग्गा अंकल के पहले ही चुदवा चुकी हो।अब उसकी बेटी के मियां से चुदवाओ। इसी तरह पूनम दीदी का हाथ अपने मियां नावेद के लण्ड पर रख कर मैंने कहा दीदी अब तुम मेरे मियां से चुदवा लो क्योंकि तुम मेरेअब्बू का लण्ड पहले ही ले चुकी हो। वह बोली निदा तुम्हे यह सब कैसे मालूम है ? मैंने अपने मोबाइल का वीडियो चला कर दिखा दिया तो वह देख कर दंग रह गयी। पूनम खुद वीडियो में मेरे अब्बू से धकाधक चुदवा रही थी। उसने कहा निदा तू तो वाकई बड़ी चालू चीज है यार। जासूसी करती है तू भोसड़ी की। तब तक उसकी मम्मी बोली अरी पूनम इसमें क्या हुआ। चुदवाना कोई जुर्म तो है नहीं। अब देखो न वह खुद अपने मियां का लण्ड तेरे हाथ में रख रही है। उसके बाद मैं बग्गा अंकल का लौड़ा खोल कर निकालने लगी और सिमरन मेरे अब्बू का लण्ड ? तब अम्मी ने कहाअच्छा तुम लोग एक दूसरे केअब्बू के लण्ड का मज़ा लोगी ? मैंने कहा अम्मी मज़ा तो इन दोनों के लण्ड का तुम लोग भी ले चुकी हो। अब तक तुम बग्गा अंकल से छुप छुप कर चुदवाती थी अब खुल्लम खुल्ला चुदवाओ। मैं जानती हूँ मोना आंटी को मेरे अब्बू का लण्ड बहुत पसंद है। तब मोना आंटी बोली अरी नाज़िया कुछ न पूंछो, ये आजकल की बुर चोदी लड़कियां हम लोगों से आगे निकल गयी हैं यार ?
बस ५ मिनट में ही सबके कपड़े उतर गये। सब के सब नंगे / नंगी हो गईं। ६ - ६ लण्ड टन टना कर खड़े हो गये। उधर सबकी चूचियाँ तन कर खड़ी हो गईं। सबकी चूत चहकने लगी और गांड थिरकने लगी। तब तक सबने तीन तीन पैग शराब चढ़ा रखी थी।
शराब का नशा, पराये मर्दों के लण्ड का नशा, पराई बीवियों की चूत का नशा, इन सबने सबको पागल बना दिया। मैं बग्गा अंकल का लौड़ा चाटने लगी, सिमरन मेरे अब्बू का लौड़ा चाटने लगी ? पूनम दीदी मेरे मियां का लौड़ा चूसने लगी और रफा दीदी सिमरन के मियां का लौड़ा ? अम्मी आंटी के दामाद का लौड़ा पीने लगीं और आंटी अम्मी के दामाद का लौड़ा पीने लगी ? पूरा कमरा लण्ड चाटने, चूसने और पीने की आवाज़ से गूंजने लगा।
सभी बीवियों की नज़र हर एक के लण्ड पर थी और सभी मर्दों की नज़र सबकी चूचियों पर और उनकी चूत पर। सब मन ही मन में सोंच रहीं थी की सारे लण्ड मेरी बुर में घुस कर मुझे चोदें उधर मरद भी यही सोंच रहे था की हम लोग जल्दी से जल्दी सबकी बुर में लण्ड घुसा घुसा कर चोदें। ये चूत और लण्ड का खेल ऐसा ही होता है। इतने में बग्गा अंकल ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मेरे मुंह से निकला उई माँ फाड़ डाला साले ने मेरी चूत ? इतना मोटा लण्ड पेल दिया भोसड़ी के तूने मेरी छोटी सी चूत में ? कितना मज़ा आ रहा है ? यही हाल सिमरन का था। वह भी मेरे अब्बू से चुदवाने लगी। बोली वाओ, हाय निदा, कितना बढ़िया होता है मुस्लिम लण्ड साला ? मुझे आज पहली बात किसी मरद से चुदवाने में मज़ा आ रहा है। रहमत अंकल प्लीज पूरा लौड़ा घुसेड़ के चोदो जैसे मेरी माँ चोदते हो, जैसे मेरी बहन की बुर लेते हो ? तेरा लौड़ा मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है. उधर रफ़ा दीदी बोल रहीं थी यार सूरज तेरा पंजाबी लण्ड बड़ा हक्कानी है। बड़ा मोटा है यार। मेरी बुर साली मस्त हुई जा रही है। पूनम दीदी के मुंह से निकल रहा था हाय निदा तेरा मियां का लण्ड बड़ा निर्दयी है, बड़ा बेरहम है। मेरी चूत पर धकाधक हमला बोल रहा है। लगता है की मेरी बुर आज ही भोसड़ा बन जाएगी। मैंने देखा की पूनम दीदी और रफ़ा दीदी दो अपनी अपनी गांड उठा उठा कर खूब मजे से चुदवा रहीं थीं।
अम्मी ने पवन जीजा का लण्ड पूरा अपनी चूत में घुसा लिया था। पवन भी उसकी बुर चोदने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहा था। मैंने पूंछा जीजू कैसा लग रहा है मेरी माँ का भोसड़ा ? वह बोला यार निदा इतना टाइट भोसड़ा है तेरी माँ का की मुझे तो ऐसा मालूम हो रहा है की मैं अपने किसी दोस्त की बीवी चोद रहा हूँ। तूने अगर और पहले मुझसे अपनी माँ चुदवाई होती तो और मज़ा आता ? उधर मोना आंटी बोली अरी निदा मुझे भी तेरे जीजू का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है बेटी। तब तक रफीक बोला हां निदा सिमरन की माँ की बुर तो बड़ी सख्त है बहन चोद ? मुझे लगा की कहीं मेरा लण्ड छिल न जाए ? तब आंटी ने कहा अरे मेरे बरखुरदार मेरा चूत रोज़ शराब पीती है इसीलिए टाइट रहती है। शराब पीने से ही चूत टाइट बनी रहती है। तब तक बग्गा अंकल मुझे पीछे से चोदने लगा और मेरा अब्बू सिमरन को अपने लण्ड पर बैठा कर चोदने लगा। सभी लोग अपनी अपनी स्टाइल से चोदने लगे बुर और सभी बीवियां अपने अपने तरीके से पेलवाने लगीं लण्ड ?
एक बात सबने महसूस की ग्रुप चुदाई करने से और मिल कर अदला बदली करने से चुदाई का मज़ा दूना तिगुना हो जाता है। किसी की बुर चुदती हुई देखो और अपनी बुर चुदवाओ तो उसका मज़ा कुछऔर ही है। तब तक सबकी चूत खलास होने पर आ गयी और उधर एक एक करके लण्ड भी झड़ने लगे। हम लोगों ने मिलकर झड़ते हुए लण्ड चाटने का खूब मज़ा लिया।
सबके चेहरे पर रौनक थी। सब इसी तरह की चुदाई और एन्जॉय करना चाहते थे। फिर हम सबने नंगे नंगे ही खान खाया और खूब गन्दी गन्दी बातें भी की। एक घंटे के बाद सबका फिर मूड बन गया। लण्ड खड़े होने लगे और चूत कुलबुलाने लगी। इस बार अम्मी ने मेरा मियां का लौड़ा पकड़ लिया और मोना आंटी ने सिमरन के पति का लौड़ा यानी दोनों अपने ही दामादों से चुदवाने का मन बन लिया। तब रफा दीदी ने अब्बू का लण्ड पकड़ा और उसे हिलाने लगी। पूनम अपने पापा का लण्ड सहलाने लगी। रफा और पूनम दोनों मिलकर चुदाने का प्लान बना लिया। मैंने अपने जीजू रफीक का लौड़ा पकड़ा और उसे चूसने लगी। सिमरन भी अपने जीजू का लौड़ा चाटने लगी। इस बार जब चुदाई शुरू हुई तो हम लोग एक दूसरे की बुर में लण्ड पेलने लगीं। कभी मैंने आंटी की बुर में लण्ड पेला तो आंटी ने मेरी दीदी की बुर में। कभी अम्मी ने मोना आंटी का भोसड़ा चोदा तो कभी आंटी ने मेरी बुर चोदी। कभी सिमरन में मेरी अम्मी की चूत ,में लण्ड पेला तो कभी मैंने उसकी बुर में ?
"इसका लौड़ा उसकी बुर में उसका लौड़ा इसकी बुर में"
यही खेल रात भर होता रहा, सामूहिक चुदाई में अपने आप तरह तरह के खेल बन जातें है और उन्हीं खेलो का मज़ा लिया जाता है। "फैमिली स्वैपिंग" यह हमारा पहला मौक़ा था जो हमेशा याद रहेगा।
मेरी गिनती एक चुलबुली, शोख़ और बदचलन लड़कियों में की जाती है। मेरी एक बहुत बड़ी कमजोरी है की मैं जब किसी जवान लड़के को या किसी मरद को देख लेती हूँ तो बिना उसका लण्ड पकड़े रह नहीं सकती। मैं कोई न कोई तरकीब निकाल ही लेती हूँ और लण्ड अपने कब्जे में लेती हूँ। एक बार लण्ड मेरे कब्जे में आ जाता है तो वह साला फिर मेरे पास आता ही रहता है। मेरे मोहल्ले में मेरी एक बहुत पक्की दोस्त है सिमरन। वह भी २२ साल की है, गोरी चिट्टी, बड़ी बड़ी चूचियों वाली है, सेक्सी है और हॉट है। वह एक पंजाबी लड़की है। वह भी मेरी ही तरह लण्ड पकड़ने में एक्सपर्ट है। हम लोग जब भी मिलती हैं तो बस लण्ड की ही बातें करती रहती हैं। इसका लण्ड ऐसा है उसका लण्ड वैसा है। इसका मोटा है उसका पतला है, इसका सीधा है उसका टेढ़ा है, इसका गोरा है उसका काला है, इसका लंबा है उसका छोटा है,,,,,,,,,,,?
एक दिन सिमरन ने मुझे फोन किया और बोली यार मेरी मम्मी कहीं खो गयी हैं। मैंने पूरे घर में ढूंढा कही मिली नहीं। पता नहीं कहाँ चली गईं ? बता कर भी नहीं गयी। बड़ी देर हो गयी है यार। देखो तुम्हारे घर में तो नहीं है। मैंने इधर उधर नज़र दौड़ाई और बोली नहीं यार यहाँ तो नहीं हैं तेरी मम्मी ? वह बड़ी परेशां हो गयी। रात का समय था वह ससुरी और ज्यादा परेशान होने लगी तब मैंने उसे अपने पास बुला लिया। हम दोनों इधर उधर झाँक कर देखने लगी। सहसा एक आवाज़ आई। वह आवाज़ शायद उसकी मम्मी की ही थी। वह बोल रही थी - हाय मेरे राजा आज तो तेरा लौड़ा बड़ा उतावला हो रहा है। मैं आंटी की आवाज़ पहचान गयी। मैंने कहा सिमरन चलो झांक कर देखें ? हमने जब अंदर देखा तो दंग रह गईं। हमने देखा की सिमरन की मम्मी एकदम नंगी बैठी हुई हैं। उसकी चूचियाँ उसकी चूत उसकी गांड सब साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रही है। और वह एक हाथ से मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ कर हिला रही हैं। मेरा बब्बू भी मादर चोद बिलकुल नंगा है। आंटी कह रहीं है यार रहमत आज तेरा लण्ड बहुत ज्यादा मस्ती में है। आज तो यह मेरी बुर फड़ डालेगा। बस हम लोगों को यकीन हो गया की सिमरन की मम्मी मेरे अब्बू से चुदवाती हैं। यह पहली बार नहीं है। वह जाने कब से चुदवा रही हैं ? उधर सिमरन बोली यार बात तो सही है पर तेरे अब्बू का लण्ड है साल बड़ा सॉलिड। उसे देख कर तो मेरी भी चूत गीली हो गयी यार ? मेरे बस में होता तो मैं लण्ड मम्मी के हाथ से छीन कर अपनी चूत में घुसा लेती। फिर हम दोनों ने वहीँ बैठ कर पूरी चुदाई देखी और मोना आंटी को अब्बू का लण्ड पीते हुए / चाटते हुए देखा। उस दिन मेरी अम्मी कहीं बाहर गईं थीं।
मेरे अब्बू का नाम है रहमत, मेरी अम्मी हैं नाज़िया और मेरी दीदी हैं रफ़ा। इसी तरह सिमरन की मम्मी हैं मोना सिंह, उसका पापा हैं बग्गा सिंह उसकी दीदी है पूनम।
मजे की बात यह है की इधर हम दोनों बहनों की शादी हो चुकी है और उधर भी दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। हम दोनो इस बात से खुश थी की आज एक राज़ की बात मालूम हुई। अब तो मैं भी अब्बू से सीना तान कर बात करने लगी। उधर सिमरन भी अपनी मम्मी से खुल कर बात करने लगी।
एक दिन ऐसा हुआ की मेरी अम्मी कहीं रह गयी और समय पर घर नहीं पहुंची। मैंने सिमरन से कहा तो वह मेरे साथ इधर उधर पता लगाने लगी। फिर हुआ वही जिसका डर था। सिमरन ने मुझे बुलायाऔर चुपके से ऊपर ले गयी और वहां से झाँक कर हमने कमरे में देखा। कमरे में मेरी अम्मी बग्गा अंकल के साथ एकदम नंगी बैठी थी। अंकल उसकी चूचियाँ मसल रहा था और अम्मी उसका लण्ड सहला रही थी। मैंने पहली बार कोई हिन्दू लण्ड देखा। समूचा लण्ड देखा। लण्ड का मस्ताना टोपा देखा जो पूरा का पूरा बाहर निकला हुआ था। लण्ड साला मोटा तगड़ा था। मैंने कहा सिमरन तेरे पापा का लण्ड साला हलब्बी है यार. मेरा मन तो चुदवाने का हो गया। पर मेरी अम्मी भोसड़ी की बीच में आ गयी है। वह तेरे पापा से चुदवाती है पर उसे मेरी चूत का ख्याल नहीं है। क्या वह खुद तेरे पापा का लण्ड मेरी बुर में नहीं घुसा सकती ?
तब तक मैंने देखा की बग्गा अंकल ने लण्ड अम्मी की चूत में पेल दिया। अम्मी धकाधक चुदवाने लगी। मैंने सिमरन से कहा यार ये तो बड़ी अजीब बात है। मेरी अम्मी तेरे पापा से चुदवाती हैं और तेरी अम्मी मेरे अब्बू से चुदवाती हैं। दोनों बुर चोदी बड़ा मज़ा कर रही हैं। अब तो मैं भी अपनी अम्मी से खुल कर बातें करने लगी।
मैंने कहा अम्मी मैं तो समझती थी की आजकल के मरद बड़े हरामी होतें हैं पर अब मुझे मालूम हुआ की औरतें भी बड़ी हरामजादी होतीं हैं।
अम्मी ने कहा हां बेटी बात तो तेरी सही है। पर एकदम से ये सब बातें तेरे दिमाग में कैसे आ गईं ?
अरे अम्मी जो लड़की कल तक बड़ी भोली भाली सीधी शादी लगती थी वही लड़की बिस्तर पर बड़ी ज़ालिम हो जाती है। लौड़ा नोंच नोंच कर पीती है अम्मी ?
हां बेटी बिस्तर पर हर लड़की रंडी हो जाती है बुर चोदी। एक बात समझ लो की हर लड़की के अंदर एक रंडी छिपी होती है। जब वह मस्ती में होती है तो उसका रंडीपन अपने आप निकल आता है।
तो इसका मतलब यह सब मेरेअंदर भी है। तेरेअंदर भी है।
हां बिलकुल निदा। मैं भी एकऔरत हूँ और तुम भी एक औरत हो ?
अच्छा यह बताओ अम्मी बग्गा अंकल का लौड़ा कैसा लगा तुम्हे ?
पहले तू बता की खालिद अंकल का लौड़ा कितना बड़ा है और उसका स्वाद कैसा है ? वो तो आया था मेरे पास लेकिन लौड़ा पकड़ लिया तूने ? सिर्फ पकड़ा ही नहीं तूने उसे मुंह में डाल कर चूसा भी खूब ?
अच्छा तो तुम जल गयी हो अम्मी ?
नहीं मैं जल नहीं गयी हूँ, बेटी ? मैं तो खुश हुई थी की मेरी बेटी जवानी का मज़ा लूट रही है।
मैं क्या करती, अम्मी ? वह लुंगी पहने था और लुंगी खुल गयी तो उसका लौड़ा दिख गया मुझे। मैंने कहा जब लौड़ा मैंने देख ही लिया है अंकल तो फिर ठीक से दिखा दो न ? इसीलिए मैंने लण्ड पकड़ लिया था। और हां अम्मी लौड़ा तो बड़ा स्वादिस्ट निकला ?
तो इसी तरह समझ ले की मैं भी बग्गा अंकल का लण्ड पकड़ती हूँ ,उसे हिलाती हूँ, चाटती हूँ, पीती हूँ लण्ड और चुदवाती हूँ।
तो अकेले अकेले क्यों करती हो सब ? मैं हूँ न ? मुझे भी लण्ड चाहिए ?
तो तू शर्माती क्यों है ? किसने रोका है तुझे ? जा तू भी चुदवा ले अपने बग्गा अंकल से ?
जब मैं दूसरे दिन सिमरन से मिली तो उसने बताया यार मेरी मम्मी तो कह रही थीं की अब तू बड़ी हो गयी है। तेरी शादी हो गयी है। तू चाहे जिसका लण्ड पकड़ ? चाहे जिससे चुदवा मुझे क्या ? जा तू पकड़ ले रहमत अंकल का लण्ड। उसका मुस्लिम लण्ड है बड़ा मजेदार है। मैंने भी अपनी सारी बात उसे बताई। तब वह बोली यार निदा मेरा तो मन है की अभी तेरे अब्बू से चुदवा लूँ . उसका लण्ड मेरे दिमाग में घूम रहा है। मैंने कहा अरी थोड़ा रुक जा मैं बताऊंगी तब चुदवाना। अगले दिन मेरी दीदी रफ़ा आ गयी। वह अकेले ही आई जीजा जी नहीं आये। एक दिन दीदी अम्मी से बातें करने लगी। मैं भी इधर उधर कुछ कर रही थी लेकिनं मेरे कान उनकी बातों पर ही थे। मेरा ध्यान वहीँ था।
दीदी बोली :- अम्मी तुमने ठीक ही कहा था। बग्गा अंकल का लौड़ा तो वाकई जबरदस्त है। लण्ड देख कर मेरा मुंह अपने आप खुल गया। मैं लौड़ा चाटने लगी और अंकल मेरी बुर चाटने लगे। अंकल तो बुर बहुत अच्छी तरह चाटते है अम्मी। उसके बाद जब लौड़ा पूरा घुसेड़ कर मेरी बुर चोदा तो ज़न्नत का मज़ा आ गया। अब तो मैं जब जब आऊंगी अंकल से चुदवा कर ही जाऊंगी।
मेरी तो आँखें खुल गयी बहन चोद ? मैं सोंचने लगी की मैं ही चूतिया हूँ जिसने अभी तक अंकल से नहीं चुदवाया। यहाँ तो अम्मी भी चुदवाती है बग्गा से और दीदी भी ?
तब तक अम्मी बोल पड़ी अरी रफ़ा तेरे शौहर का लौड़ा भी कम नहीं है बेटी ? लौड़ा 8" से ऊपर ही होगा और क्या भकाभक चोदता है ? मज़ा आ गया। वह बोली हां अम्मी मेरी सभी सहेलियां मेरे मियां के लण्ड की दीवानी हैं। मैंने मन में सोंचा यार दुनिया की माँ की चूत यहाँ मेरे घर में ही क्या क्या हो रहा है मुझे नहीं मालूम ? मैं सीधे सिमरन के पास गयी और सारी बातें बता दीं । वह बोली हां यार बहुत कुछ हो रहा है हम दोनों की फैमिलीज़ में ? मेरी भी दीदी पूनम भी फोन पर किसी से कह रही थी :-
"मुझे मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद है। यार मेरे पड़ोस मे एक रहमत अंकल रहतें हैं ,,,,,,,,,उसका लण्ड तो साला बड़ा तगड़ा है यार,,,,,हां हां मैं तो उसे अपनी बुर में पेल कर खूब मस्ती से चुदवाती हूँ,,,,,, अच्छा तेरा भी एक दोस्त मुस्लिम है ,,,, तो कभी उसका लौड़ा पकड़ा तुमने ,,,,,,,,, कैसा लगा मुस्लिम लण्ड ,,,,,,, हां मैं सच कह रही हूँ न, साला कटा लण्ड चोदने में बड़ा मस्त होता है। उसका टोपा जब चूत के चारों तरफ चिपक कर घुसता है तो फिर मज़ा ही मज़ा,,,,, हां जरूर , मैं तेरे दोस्त से चुदवा लूंगी"
अरे यार निदा मैं तो दीदी की बातें सुनकर दंग रह गयी। मैं भोसड़ी की यही हूँ और दीदी तेरेअब्बू से चुदवा कर चली भी गईं। यार कुछ करो निदा। अब बर्दास्त नहीं हो रहा है। मैंने कहा देखो यार मेरे दिमाग में कुछ खुराफात चल रही है। मैं इस चोरी छिपे चोदा चोदी के खिलाफ हूँ। यार देखो चुदाना है तो खुल कर चुदाओ न मना किसने किया है ? अब देखो तूने मेरे अब्बू का लण्ड देखा लेकिन पकड़ कर नहीं देखा। मैंने तेरे पापा का लण्ड देखा लेकिन पकड़ कर नहीं देखा। लण्ड जब तक पकड़ कर न देखो तब तक मज़ा नहीं आता। अब मैं क्या सोंच रही हूँ की मैं तेरे जीजू का भी लण्ड पकड़ कर देखूं। तेरे मियां का लौड़ा भी पकड़ कर देखूं। वह बोली हां यार मैं भी तेरे मियां का लौड़ा पकड़ कर देखना चाहती हूँ और तेरे जीजू का लौड़ा भी। तब मैंने कहा तो फिर क्यों न एक बहुत बड़ा जश्न मनाया जाये जिसने दोनों फैमिली के लोग आमने सामने एक दूसरे की बुर चोदें, एक दूसरे के लण्ड चोदें ? तेरे घर में ३ लण्ड और ३ चूत हैं मेरे घर में भी ३ लण्ड और ३ चूत हैं। इधर के लण्ड उधर की चूत में और उधर के लण्ड इधर की चूत में ?
सिमरन बोली :- हाय दईया क्या बात है यार ? कितना बढ़िया प्लान है ? तब तो मज़ा ही आ जायेगा।
मैंने कहा :- अब जा और अपनी मम्मी से बात करके मुझे बता की वो लोग तैयार हैं की नहीं ? मैं इधर अपनी अम्मी से बात करके तुझे बताती हूँ।
मैंने अपनी अम्मी से बात की और उसे पूरा प्लान बताया तो वह मुस्कराकर बोली अच्छा निदा तो तेरा प्लान अपनी माँ चुदाना है। मैंने कहा माँ चुदाना ही नहीं अम्मी तेरी बेटियाँ भी चुदाना है। अभी तक तुम और दीदी दोनो छुप छुप कर बग्गा अंकल से चुदवाती रही हो मैं तो कहती हूँ की अब तुम खुल्लम खुल्ला सबके सामने चुदवाओ तो मज़ा आये ? वह बोली हां बेटी मैं तो चाहती यही थी लेकिन कभी पहल करने की हिम्मत नहीं हुई। शाम को जब सिमरन मिली तो वह बोली यार मेरी मम्मी तो फ़ौरन तैयार हो गईं।
वह बोली यार मुझे प्लान बहुत अच्छा लगा।अब तो मेरी चूत में जबरदस्त आग लगी हुई है। अब तू जल्दी से बता मुझे और क्या करना है ? मैंने कहा अब तू अपने मियां से बात कर ले और अपनी दीदी से भी। मैं तो अपने मियां से बात कर चुकी हूँ। वो तो खुद तेरी बुर और तेरी दीदी की बुर लेना चाहता है, सिमरन ने मेरे सामने ही अपने मियां से बात की। उसने कहा हां हां मैं तो बिलकुल तैयार हूँ। मुझे निदा अच्छी लगती है। उसने फिर अपनी दीदी से बात की तो उसने भी कहा अरी निदा ये तो बड़ी ख़ुशी की बात है। मैं तो मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद करती हूँ। क्या मस्त लौड़े होतें हैं उनके ?
फिर हम दोनों ने बैठ कर एक मस्त प्लान बना डाला। मैंने प्रोग्राम अपने घर में रखा। लो इकठ्ठा हो गए। अब मैं आपको बताना चाहती हूँ की दोनों फैमिलीज़ में कौन कौन आ गया है।
मेरी फैमिली से मेराअब्बू रहमत अली, मेरी अम्मी नाज़िया मेरी दीदी रफ़ा, जीजा रफीक, मैं निदा और मेरा शौहर नावेद।
उसकी फैमिली से सिमरन का पापा बग्गा सिंह, उसकी मम्मी मोना सिंह, उसकी दीदी पूनम, उसका पति पवन, सिमरन और उसका पति सूरज सिंह।
हमने ड्रिंक्स का इंतज़ाम किया था। हम दोनों ने सबको व्हिस्की का गिलास पकड़ा दिया और फिर चियर्स कह कर सबने पीना शुरू कर दिया। बातें शुरू हो गयी। अम्मी ने कहा बेटी निदा तूने आज का प्रोग्राम बहुत अच्छा रख है। इसकी बहुत जरुरत थी। मैंने सोंचा की धीरे धीरे माहौल गरम हो तभी मज़ा आएगा। अभी भी जो थोड़ा संकोच, थोड़ी शर्म, थोड़ी झिझक नज़र आ रही है वह भी दूर हो जाए तो चुदाई में आनंद आएगा। मैंने सिमरन को आँख मारी तो वह बोली हां आंटी अब ज़माना बदल गया है अब तो मिल जल कर मज़ा लूटना चाहिए। हम लोग सब शादी शुदा हैं। सबने अपनी अपनी सुहागरात मनाई है। सबने अपनी अपनी अपने अपने मर्दों से चुदवाई है। इसलिए अब कोई शर्म की जगह नहीं है। मैंने कहा यार सिमरन देखो हम लोग मज़ा लेने के लिए ज़मा हुए हैं। यहाँ न कोई बेटी न कोई माँ न कोई अब्बू है न कोई दीदी न कोई दामाद न कोई जीजा। तब तक अम्मी बोली हां तू ठीक कह रही है निदा। यहाँ सब या तो भोसड़ी वाले है या फिर भोसड़ी वालियां हैं। इसी बात पर सब लोग हंस पड़े।
तब तक मोना आंटी बोली हां नाज़िया तुम ठीक कह रही हो। इसीलिए इन सबकी माँ चोदो इन सबकी बहन चोदो ? इनकी गांड में ठोंक दो लण्ड। एक बार फिर ठहाका लगा। अब माहौल गरम होने लगा। उधर दारू का दूसरा पैग शुरू हो गया। रफ़ा दीदी ने कहा आज तो लगता है सबकी फाड़ी जाएगी तो उधर से पूनम दीदी बोली हां जब सबकी बजेगी तो फटेगी ही सबकी बुर चोदी बुर ? अब तो माहौल बुरी तरह हो गया। तब मैंने कहा देखो सब लोग पहली चुदाई कैसे होगी बताऊंगी। कौन किसकी लेगा मैं बताऊंगी। कौन किसका लेगी वो भी मैं बताऊंगी। बस मैं उठी और मोना आंटी का हाथ अपने जीजू रफीक के लण्ड पर रख दिया। मैंने कहा आंटी यही लौड़ा अभी तेरी लेगा बुर। इसे खोल कर देखो। फिर मैंने अम्मी का हाथ सिमरन के जीजा पवन के लण्ड पर रखा और कहा अम्मी तुम इसका लण्ड संभालो और फिर पेलो। वह बोली अच्छा अच्छा तो यह बात है। मेरा दामाद सिमरन की माँ चोदेगा और उसका दामाद तेरी माँ चोदेगा ? यही है न बेटी निदा ?
मैंने कहा हां अम्मी यही बात है। मज़ा तो अदला बदली में ही आता है न। फिर रफ़ा दीदी का हाथ सिमरन के पति सूरज के लण्ड रखा और कहा लो दीदी अब तुम पेलो सूरज का लण्ड अपनी बुर में। तुम तो बग्गा अंकल के पहले ही चुदवा चुकी हो।अब उसकी बेटी के मियां से चुदवाओ। इसी तरह पूनम दीदी का हाथ अपने मियां नावेद के लण्ड पर रख कर मैंने कहा दीदी अब तुम मेरे मियां से चुदवा लो क्योंकि तुम मेरेअब्बू का लण्ड पहले ही ले चुकी हो। वह बोली निदा तुम्हे यह सब कैसे मालूम है ? मैंने अपने मोबाइल का वीडियो चला कर दिखा दिया तो वह देख कर दंग रह गयी। पूनम खुद वीडियो में मेरे अब्बू से धकाधक चुदवा रही थी। उसने कहा निदा तू तो वाकई बड़ी चालू चीज है यार। जासूसी करती है तू भोसड़ी की। तब तक उसकी मम्मी बोली अरी पूनम इसमें क्या हुआ। चुदवाना कोई जुर्म तो है नहीं। अब देखो न वह खुद अपने मियां का लण्ड तेरे हाथ में रख रही है। उसके बाद मैं बग्गा अंकल का लौड़ा खोल कर निकालने लगी और सिमरन मेरे अब्बू का लण्ड ? तब अम्मी ने कहाअच्छा तुम लोग एक दूसरे केअब्बू के लण्ड का मज़ा लोगी ? मैंने कहा अम्मी मज़ा तो इन दोनों के लण्ड का तुम लोग भी ले चुकी हो। अब तक तुम बग्गा अंकल से छुप छुप कर चुदवाती थी अब खुल्लम खुल्ला चुदवाओ। मैं जानती हूँ मोना आंटी को मेरे अब्बू का लण्ड बहुत पसंद है। तब मोना आंटी बोली अरी नाज़िया कुछ न पूंछो, ये आजकल की बुर चोदी लड़कियां हम लोगों से आगे निकल गयी हैं यार ?
बस ५ मिनट में ही सबके कपड़े उतर गये। सब के सब नंगे / नंगी हो गईं। ६ - ६ लण्ड टन टना कर खड़े हो गये। उधर सबकी चूचियाँ तन कर खड़ी हो गईं। सबकी चूत चहकने लगी और गांड थिरकने लगी। तब तक सबने तीन तीन पैग शराब चढ़ा रखी थी।
शराब का नशा, पराये मर्दों के लण्ड का नशा, पराई बीवियों की चूत का नशा, इन सबने सबको पागल बना दिया। मैं बग्गा अंकल का लौड़ा चाटने लगी, सिमरन मेरे अब्बू का लौड़ा चाटने लगी ? पूनम दीदी मेरे मियां का लौड़ा चूसने लगी और रफा दीदी सिमरन के मियां का लौड़ा ? अम्मी आंटी के दामाद का लौड़ा पीने लगीं और आंटी अम्मी के दामाद का लौड़ा पीने लगी ? पूरा कमरा लण्ड चाटने, चूसने और पीने की आवाज़ से गूंजने लगा।
सभी बीवियों की नज़र हर एक के लण्ड पर थी और सभी मर्दों की नज़र सबकी चूचियों पर और उनकी चूत पर। सब मन ही मन में सोंच रहीं थी की सारे लण्ड मेरी बुर में घुस कर मुझे चोदें उधर मरद भी यही सोंच रहे था की हम लोग जल्दी से जल्दी सबकी बुर में लण्ड घुसा घुसा कर चोदें। ये चूत और लण्ड का खेल ऐसा ही होता है। इतने में बग्गा अंकल ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मेरे मुंह से निकला उई माँ फाड़ डाला साले ने मेरी चूत ? इतना मोटा लण्ड पेल दिया भोसड़ी के तूने मेरी छोटी सी चूत में ? कितना मज़ा आ रहा है ? यही हाल सिमरन का था। वह भी मेरे अब्बू से चुदवाने लगी। बोली वाओ, हाय निदा, कितना बढ़िया होता है मुस्लिम लण्ड साला ? मुझे आज पहली बात किसी मरद से चुदवाने में मज़ा आ रहा है। रहमत अंकल प्लीज पूरा लौड़ा घुसेड़ के चोदो जैसे मेरी माँ चोदते हो, जैसे मेरी बहन की बुर लेते हो ? तेरा लौड़ा मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है. उधर रफ़ा दीदी बोल रहीं थी यार सूरज तेरा पंजाबी लण्ड बड़ा हक्कानी है। बड़ा मोटा है यार। मेरी बुर साली मस्त हुई जा रही है। पूनम दीदी के मुंह से निकल रहा था हाय निदा तेरा मियां का लण्ड बड़ा निर्दयी है, बड़ा बेरहम है। मेरी चूत पर धकाधक हमला बोल रहा है। लगता है की मेरी बुर आज ही भोसड़ा बन जाएगी। मैंने देखा की पूनम दीदी और रफ़ा दीदी दो अपनी अपनी गांड उठा उठा कर खूब मजे से चुदवा रहीं थीं।
अम्मी ने पवन जीजा का लण्ड पूरा अपनी चूत में घुसा लिया था। पवन भी उसकी बुर चोदने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहा था। मैंने पूंछा जीजू कैसा लग रहा है मेरी माँ का भोसड़ा ? वह बोला यार निदा इतना टाइट भोसड़ा है तेरी माँ का की मुझे तो ऐसा मालूम हो रहा है की मैं अपने किसी दोस्त की बीवी चोद रहा हूँ। तूने अगर और पहले मुझसे अपनी माँ चुदवाई होती तो और मज़ा आता ? उधर मोना आंटी बोली अरी निदा मुझे भी तेरे जीजू का लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है बेटी। तब तक रफीक बोला हां निदा सिमरन की माँ की बुर तो बड़ी सख्त है बहन चोद ? मुझे लगा की कहीं मेरा लण्ड छिल न जाए ? तब आंटी ने कहा अरे मेरे बरखुरदार मेरा चूत रोज़ शराब पीती है इसीलिए टाइट रहती है। शराब पीने से ही चूत टाइट बनी रहती है। तब तक बग्गा अंकल मुझे पीछे से चोदने लगा और मेरा अब्बू सिमरन को अपने लण्ड पर बैठा कर चोदने लगा। सभी लोग अपनी अपनी स्टाइल से चोदने लगे बुर और सभी बीवियां अपने अपने तरीके से पेलवाने लगीं लण्ड ?
एक बात सबने महसूस की ग्रुप चुदाई करने से और मिल कर अदला बदली करने से चुदाई का मज़ा दूना तिगुना हो जाता है। किसी की बुर चुदती हुई देखो और अपनी बुर चुदवाओ तो उसका मज़ा कुछऔर ही है। तब तक सबकी चूत खलास होने पर आ गयी और उधर एक एक करके लण्ड भी झड़ने लगे। हम लोगों ने मिलकर झड़ते हुए लण्ड चाटने का खूब मज़ा लिया।
सबके चेहरे पर रौनक थी। सब इसी तरह की चुदाई और एन्जॉय करना चाहते थे। फिर हम सबने नंगे नंगे ही खान खाया और खूब गन्दी गन्दी बातें भी की। एक घंटे के बाद सबका फिर मूड बन गया। लण्ड खड़े होने लगे और चूत कुलबुलाने लगी। इस बार अम्मी ने मेरा मियां का लौड़ा पकड़ लिया और मोना आंटी ने सिमरन के पति का लौड़ा यानी दोनों अपने ही दामादों से चुदवाने का मन बन लिया। तब रफा दीदी ने अब्बू का लण्ड पकड़ा और उसे हिलाने लगी। पूनम अपने पापा का लण्ड सहलाने लगी। रफा और पूनम दोनों मिलकर चुदाने का प्लान बना लिया। मैंने अपने जीजू रफीक का लौड़ा पकड़ा और उसे चूसने लगी। सिमरन भी अपने जीजू का लौड़ा चाटने लगी। इस बार जब चुदाई शुरू हुई तो हम लोग एक दूसरे की बुर में लण्ड पेलने लगीं। कभी मैंने आंटी की बुर में लण्ड पेला तो आंटी ने मेरी दीदी की बुर में। कभी अम्मी ने मोना आंटी का भोसड़ा चोदा तो कभी आंटी ने मेरी बुर चोदी। कभी सिमरन में मेरी अम्मी की चूत ,में लण्ड पेला तो कभी मैंने उसकी बुर में ?
"इसका लौड़ा उसकी बुर में उसका लौड़ा इसकी बुर में"
यही खेल रात भर होता रहा, सामूहिक चुदाई में अपने आप तरह तरह के खेल बन जातें है और उन्हीं खेलो का मज़ा लिया जाता है। "फैमिली स्वैपिंग" यह हमारा पहला मौक़ा था जो हमेशा याद रहेगा।
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