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ऐसे लंड से मैं मुफ्त में चुदाई करवा लेती हूँ - Free me chodo bade lund wale muft service
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देखो अम्मी तुम बार बार मुझसे पूंछती थी न की बेटी तुम्हे कैसा लन्ड चाहिए ? कितना लंबा और कितना मोटा लन्ड होना चाहिए ? लन्ड की बनावट कैसी होनी चाहिए ? लन्ड का टोपा कितना बड़ा और कैसा होना चाहिए ? लन्ड आगे से कैसा हो और पीछे से कैसा हो ये ? ये कितना सख्त और कितना खूबसूरत होना चाहिए लन्ड ? मैंने तेरे सभी सवालों का जबाब दिया है और अपनी इच्छा ज़ाहिर कर दी है। अभी भी अगर तुम्हे मेरी बात समझ में नहीं आयी तो लो देख लो सच मुच का लन्ड ? मुझे ऐसा लन्ड चाहिए जैसा की मेरे हाथ में है। मैं इसी तरह का लन्ड पसंद करती हूँ। लन्ड हो तो ऐसा अम्मी जैसा मैं तुम्हे दिखा रही हूँ। देखो न अम्मी कितनी मस्ती में घोड़े की तरह हिनहिना रहा है लन्ड ? और इस लन्ड का टोपा तो देखो, बिलकुल जैसे तोप का गोला हो ? अम्मी लो पकड़ के देखो लन्ड तब तुम्हे अच्छी तरह समझ में आ जायेगा। मुझे लगता है की यह लन्ड कुछ कुछ ताहिरअंकल के लन्ड की तरह है। मैं खुदा से दुआ करती हूँ अम्मी की तेरी बेटी के शौहर का लन्ड भी ऐसा ही हो ? मेरा नाम है दोस्तों, नसीबा मैं २४ साल की एक बेहद खूबसूरत और बदचलन लड़की हूँ। मैं अभी अभी कॉलेज से पढ़ कर निकली हूँ और एक अच्छी सी नौकरी कर ली है। मैंने कॉलेज में रह कर और कॉलेज के होस्टल में ५ साल रह कर बहुत कुछ सीखा है। सबसे पहले मैंने शराब और सिगरेट पीना सिखा फिर लड़कों के साथ शराब और सिगरेट पीना सीख। गालियां सीखी तो लड़कों की सरे आम माँ बहन चोदने लगी, फिर लड़कों के आगे नंगी होना सीख लिया तो उन्हें कभी अपनी चूंचियां, कभी अपनी गांड, कभी अपनी झांटें दिखाने लगी। कभी मौका पाकर अकेले में मैं लडकों के आगे पूरी नंगी भी हो जाती थी। धीरे धीरे लड़कों के आगे न्यूड डांस करने लगी। फिर लड़कों के लन्ड पकड़ने लगी। एक लन्ड नहीं २-२ / ३-३ लन्ड पकड़ने लगी। लड़कों के साथ होटलों में जाकर चुदवाने भी लगी। लड़के मेरे ऊपर खूब अधाधुंध पैसा खर्च करने लगे। मुझे पैसा मिलने लगा और उन्हें मेरी बुर, मेरी गांड मिलने लगी। वो सब मेरे मुंह में और मेरी चूँचियों में अपना अपना लन्ड पेलने लगे। जब तक मैं कॉलेज से पढ़ाई ख़तम करके घर वापस आयी तब तक मैं एक पक्की रंडी बन चुकी थी।
मेरी अम्मी नफीसा बेगम को कुछ भी नहीं मालूम था की मैं होस्टल से क्या बन कर निकली हूँ। अब यहाँ आकर नौकरी करने लगी तो मुझे लन्ड मिलना थोड़ा कम हो गया। अब मैं नये नये लन्ड के लिए तरसने लगी। मैं सोंचने लगी कि क्या किया जाए ? बिना लन्ड के मैं रह नहीं सकती। तभी मुझे ख्याल आया की मेरे कॉलेज की एक टीचर शबनम मेम बहुत बड़ी "लौड़ा बाज" हैं। उसे तो दिन रात लौड़ा चाहिए इसलिए हम लड़कियां उसे "लौड़ा बाज" कहा करती थीं। मैं एक दिन उसी पास चली गयी। उसने मुझे बैठाया। मेरा खैरमकदम किया।
मेम ने कहा :- यार नसीबा बोल तू क्या पियेगी ठंडा या गरम ?
मैंने कहा :- मेम मैं गरम पियूँगी।
वह फिर बोली :- तो बताओ चाय या काफ़ी ?
मैंने कहा :- न मैं चाय पियूँगी और न काफ़ी ? मैं गरमा गरम लन्ड पियूँगी। मेम बहुत दिनों से कोई ढंग का लन्ड नहीं पिया मैंने । आज मुझे कोई बढ़िया लन्ड पिला दो।
वह बोली :- ठीक है बैठो मैं अभी तेरे लिए लन्ड का इंतज़ाम करती हूँ।
उसने फोन उठाया और बात करने लगी। बस आधे घंटे में दो लड़के आ गये। मैं उन्हें देख कर खुश हो गयी। वह बोली :- देखो नसीबा ये है असद और ये है इसका दोस्त वाहिद। अब तुम इन दोनों के लन्ड खोलो। एक लन्ड मुझे दो और एक लन्ड तुम ले लो ? तुम भी पियो लन्ड और मैं भी पियूँ लन्ड ?
इस तरह मैं असद का लन्ड पीने लगी और वह वाहिद का लन्ड। तब तक वह भी नंगी हो चुकी थी और मैं भी। असद भी पूरा नंगा था और वाहिद भी पूरा नंगा। असद का लन्ड मुझे पसंद आया और मैं वाहिद के लन्ड पर भी नज़रें गड़ाए थी। आज कई दिनों के बाद वाकई कोई बढ़िया लन्ड पी रही हूँ मैं। मैंने बड़ी देर तक लन्ड मुंह से निकाला ही नहीं। यही हाल लगभग मेम का भी था। मेम का एक हाथ मेरी चूत पर था। वह मेरी चूत में दो ऊँगली घुसेड़ कर मज़ा ले रही थी। मैंने भी उसकी चूत में ऊँगली घुसेड़ रखी थी। उसने थोड़ी देर में वाहिद का लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। तो मैंने भीअसद का लन्ड उसकी बुर में घुसा दिया। हम दोनों आमने सामने चुदवाने लगीं। मैं उसकी तरह चुदवाने की कोशिश करने लगी और वह मेरी तरह। वह मेरी तरह अपनी गांड उछालने लगी और मैं उसकी तरह अपनी गांड ?
चुदवाते हुए वह बोली नसीबा तू चिंता न कर मैं तुझे एक एक एक बेहतरीन लन्ड देती रहूंगी ? मैंने कहा यार मैं एक बार अपनी माँ चुदाना चाहती हूँ। एक बार उसके भोसड़ा में लन्ड पेल दूं तो आगे फिर मुझे चुदाने में आसानी हो जाएगी। वह बोली हां बिलकुल चुदाओ अपनी माँ ? मैं तो हर दूसरे दिन अपनी माँ की चूत में लन्ड पेलती हूँ। अब हमारा रास्ता इस कदर खुल गया है की वह खुद लन्ड मेरी चूत में पेल देती है। वाहिद मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था। मैंने पूंछा में तुम्हे तो कॉलेज के लड़के चोदते होंगें ? वह बोली हां मैंने इसीलिए कॉलेज की नौकरी की। मुझे लड़कों से चुदवाना बड़ा अच्छा लगता है। हर दिन नये नये लड़कों का लन्ड पकड़ती हूँ और अपनी अम्मी के साथ खूब ऐय्यासी करती हूँ।
मुझे लड़कों के खड़े लन्ड पर थप्पड़ मारने मे बड़ा मज़ा आता है। जैसे जैसे मैं थप्पड़ मारती हूँ वैसे वैसे लन्ड और गुर्राता है और फिर सख्त होकर हिनहिनाने लगता है। लड़कों को भी अपने खड़े लन्ड पर लड़कियों से थप्पड़ मरवाना बड़ा अच्छा लगता है।
मैंने कहा हाय दईया थप्पड़ तो मैं भी मारती हूँ खड़े लन्ड पर ? इस तरह मैं शबनम मेम के साथ खूब मस्ती की गन्दी गन्दी बातें करते हुए इन दोनों से दिन भर चुदवाती रही। शाम को घर वापस आ गयी तो अम्मी ने समझा की मैं ऑफिस से आ रही हूँ। मैं भी चुप रही। उसी रात को करीब १२ बजे मैं बाथ रूम के लिए उठी तो देखा की अम्मी के कमरे की धीमी धीमी लाइट जल रही है। मैं चुपके से जाकर अंदर झांककर देखने लगी। मैं अंदर का सीन देख कर दंग रह गयी। मैंने देखा की अम्मी अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी नंगी किसी आदमी का लन्ड बड़े प्यार से हिला रही हैं।बीच बीच में लन्ड की चुम्मी ले रहीं है और कुछ बोल भी रहीं हैं। मैं वो सब सुनने के लिए कान लगाकर खड़ी हो गयी। मुझे दो चीज बहुत पसंद आईं। एक तो अम्मी की तनी हुई बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां और दूसराअंकल का टन टनाता हुआ लन्ड ?
अम्मी ने लन्ड की चुम्मी ली और बोली यार ताहिर तेरा लौड़ा इतना बढ़िया है की मेरा मन हो रहा है की मैं इसे अपनी बेटी को पकड़ा दूं। मेरी बेटी देखो न भोसड़ी की कितनी मस्त जवान हो गई है। कितनी सेक्सी और हॉट लगने लगी है। उसका हुश्न इस कदर निकल आया है की अगर मैं लड़का होती तो उसे खूब पटक पटक कर चोदती। लौड़ा उसकी चूत में क्या उसके मुंह में घुसा देती। यार मैं उसकी शादी करना चाहती हूँ और चाहती हूँ की कोई बड़े और मोटे लन्ड वाला लड़का मिल जाए तो उसे मैं अपना दामाद बना लूँ। लेकिन उसके पहले मैं यह जानना चाहती हूँ की मेरी बेटी को लन्ड पकड़ने का, लन्ड चाटने और चूसने का शौक है की नहीं। उसे लन्ड अपनी चूत में पेलवाने का शौक है की नहीं ? उसमे कोई कमी तो नहीं है ? ऐसा करो ताहिर तुम किसी दिन अपना लन्ड मेरी बेटी को पकड़ा दो। मैं छुप कर देखूँगी की वह बुर चोदी लन्ड का क्या करती है और कैसे करती है ? उसे कुछ गाली वाली देना आता है की नहीं ?
अम्मी की बातें सुनकर मेरी तो चूत में भयानक आग लग गयी। मैं ताहिर का लन्ड बड़े गौर से देखने लगी। तब तक अंकल ने लन्ड अम्मी की चूत पर टिका दिया और जोर लगा के घुसेड़ दिया अंदर। लन्ड साला सरसराता हुआ घुस गया अंदर। अम्मी मस्ती से चुदवाने लगी अपना भोसड़ा। थोड़ी देर में अम्मी ने पूंछा ताहिर तेरी भी तो बेटी जवान हो गयी होगी। वह बोला हां भाभी वह भी २३ साल की हो गई है। वो भीअपनी माँ के साथ इधर उधर लन्ड पकड़ा करती है। एक दिन मेरे दोस्त ने कहा यार ताहिर तेरी बेटी तो लन्ड चूसने में बड़ी एक्सपर्ट है। मैं समझ गया की ये साला मेरी बेटी की बुर लेता होगा। तब फिर मैंने भी एक दिन उसकी बेटी को अपना लन्ड पकड़ा दिया। वह बोली अंकल मैं तो तेरा लन्ड पकड़ना ही चाहती थी। अब लो चोदो मेरी बुर। मैं फिर बड़े मजे से उसकी बुर चोद आया।
अब मुझे अम्मी की पूरी असलियत मालूम हो गयी। एक दिन मैं अपनी दोस्त से बातें करने लगी। मुझे आहट हुई की अम्मी मेरे पीछे हैं और मेरी बातें सुन रही हैं। मैं फिर खुल कर बोलने लगी। मैंने कहा हां माँ की लौड़ी बोल न क्या बात है ,,,,,,, ? हाय रे तो सच बताने में तेरी गांड फट रही हैं क्या ,,,,,,, ? देख यार हर लड़की अंदर से रंडी होती है। तू कह दे हां मैं छिनार हूँ ,,,,,,, तो क्या वह तेरी झांटें उखाड़ लेगा ,,,,,,? उसकी माँ की चूत ,,,,,,, ? हां हां जानती हूँ उसकी अच्छी से ,,,,, वो तो खुले आम लन्ड पकड़ती है ,,,,,,,,हां बिलकुल मेरी तरह ,,,,,,,,, अच्छा तुम उसकी बात कर रही हो। उसकी तो मैंने एक दिन माँ चोदी थी,,,,,,,, ? हां यार मैंने अपने हाथ से उसकी माँ के भोसड़ा में लन्ड पेला था,,,,,,,,,? उसकी माँ बड़ी चुदक्कड़ औरत है ,,,,,, हां मुझे पसंद है ,,,,,वो तो गांडू है यार ,,,,,,, साल गांड मारता है लड़कियों की और बुर चोदने से कतराता है ,,,,,,,,हां हां मैं सिखा दूँगी सबीरा को माँ चुदाना ,,, ? ओ के बाई।
मैं पीछे मुड़ी तो देखा की अम्मी खड़ी हैं। अम्मी ने कहा जिसने कभी अपनी माँ नहीं चुदवाई आज वह दूसरों को माँ चुदाना सिखा रही है ? मैंने कहा माँ चुदाने के लिए माँ की सहमति होना जरुरी है अम्मी ? मेंजब उसके घर गयी थी तो वह अपनी माँ चुदाने जा ही रही थी। कमरे में वह, उसकी माँ और एक अंकल थे। जब मैं पहुँच गयी तो वह नसीबा आज तुम मेरी माँ चुदाओ। तब तक आंटी बोली हां नसीबा मेरी बेटी ठीक कह रही है। रोज़ तो वह ठोंकती है लन्ड अपनी माँ की चूत में। आज तुम उसकी माँ की चूत में ठोंको लन्ड। उसकी माँ ने खुद मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी किया और मुझे लन्ड पकड़ाते हुए कहा नसीबा पेल दे यही लन्ड इसकी माँ की चूत में। मैंने वैसा ही किया। अम्मी बोली अरी बुर चोदी नसीबा यहाँ भी अम्मी की सहमति है। पेल न लन्ड अपनी माँ कई चूत में ? तेरी माँ ससुरी बड़ी बेशर्म, बेहाया और छिनार है। मैं जानना चाहती हूँ की मेरी बेटी की गांड में माँ चुदाने का कितना दम है ? क्या उसे ठीक से माँ चुदाना आता भी है ?
अम्मी फिर मुस्कराकर पूंछने लगी की नसीबा बेटी सच सच बता तू अपने शौहर का लन्ड किस तरह का चाहती है ? कैसा होना चाहिए तेरे शौहर का लन्ड ? मैंने जबाब दियाअम्मी लन्ड मरदाना हो न चाहिए। ८" + लंबा हो और ५१/२" + मोटा हो ? वह बोली हाय अल्ला, ऐसे लौड़े तो बभूत काम होंगें बेटी। पर अगर इससे छोटे लन्ड हो तो भी तो काम चल जायेगा ? अब तुझे एक लन्ड के सहारे तो रहना नहीं है ? तू तो भोसड़ी की गैर मर्दों से चुदवाती रहेगी ? मैंने कहा अम्मी ज़रा सोंचो जब मेरे मियां का लौड़ा लंबा चौड़ा होगा तभी तो दूसरों की बीवियां उससे चुदवाने आया करेगीं। और तब मैं उनके मियों से चुदवाया करूंगी। अगर मेरे मियां का लन्ड छोटा होगा तो कौन बुर चोदी अपनी बुर चुदाने आएगी। फिर मुझे भी नये नये लन्ड नहीं मिलेगें ? अम्मी बोली अरे वाह बात तो तेरी बड़ी पक्की है। तेरी माँ की चूत बहन चोद तू तो अपनी माँ से ज्यादा समझदार है। मैंने कहा अम्मी तेरी बिटिया की बुर मादर चोद तभी तो वह नफीसा बेगम की बेटी है।
अम्मी ने मुझे प्यार से गले लगा लिया।
अम्मी ने जब मुझे ललकारा तो मेरी अंदर की रंडी फिर एक बार जाग उठी। मैंने फोन करके शबनम से बात की और उसने एक लड़का भेज दिया। उसका नाम था ज़मीर। उस समय घर अपर अम्मी नहीं थी। मैंने उसे सब बता दिया और फिर शराब का मज़ा लेने लगे। थोड़ी देर में मैंने अपने एक एक करके सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गयी। उसके भी कपड़े उतार कर उसे भी नंगा कर दिया। मैं लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो लन्ड बढ़ने लगा। बढ़ते बढ़ते वह ८" से भी बड़ा हो गया। मोटा भी साला बहुत था। मैं तो बहुत खुश हो गयी। मैं लन्ड चाट रही थी। तभी कमरे में अम्मी दाखिल हो गयीं। मैंने उसे देख लिया। मैंने कहा अम्मी लो देखो ऐसा लन्ड होना चाहिए मेरे होने वाले शौहर का। कितना प्यारा और मस्त लग रहा है ज़मीर का लन्ड ? ये तो कुछ कुछ ताहिर अंकल के लन्ड से मिलता जुलता है न अम्मी ? वह बोली हाय दईया तूने कब देख लिया ताहिर का लन्ड ? मैंने कहा उस दिन मैंने उसका लन्ड तेरे हाथ में देखा, तेरे मुंह में देखा और फिर तेरी बुर में देखा अम्मी ? वह बोली हाय अल्ला, तू बड़ी छुपी रुस्तम निकली ?
ऐसा बोल कर अम्मी ने लन्ड मेरे हाथ से ले लिया और खुद चाटने लगीं। उस दिन मैंने बड़े मजे से पहली बार अपनी माँ चुदवाई।
उसी समय अचानक मेरी खाला जान आ गयीं। उसने कहा नसीबा क्या तूने अपनी माँ चुदाना शुरू कर दिया ? मैंने कहा हां खाला बिलकुल शुरू कर दिया। अब तुम बताओ अपनी ? वह बोली मेरी बेटी तो अपनी माँ पिछले एक साल से चुदा रही है। वह भोसड़ी की बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है। तब तक पीछे से खाला की बेटी सबा बोली अरे नसीबा सबसे बड़ी बुर चोदी तो तेरी खाला हैं जो खुले आम सबके लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ लेती है। अभी कल ही मेरे जेठ का लौड़ा पेला था अपनी बुर में और आज मेरे ससुर से चुदवाकर कर आ रही है। खाला ने कहा अरे इसकी बातों में न आना नसीबा ये भोसड़ी की अभी अभी मेरे जीजू का लन्ड पीकर आ रही है। अगर मैं इसके ससुर से चुदवा रही थी तो ये मरे सामने मेरे जीजू से चुदवा रही थी।
फिर खाला ने कहा नफीसा दीदी मैं नसीबा के लिए एक रिस्ता लेकर आयी हूँ।
अम्मी ने कहा अरे वाह बताओ कैसा रिस्ता है। मेरी बेटी सबा के नंदोई का दोस्त है वो ? बड़ा हैंडसम है, स्मार्ट है और तगड़ा तंदुरुस्त है ?
अरे ये बताओ की उसका लन्ड कैसा है ?
तब तक सबा बोली अरे नफीसा खाला उसका लन्ड जब मैंने पहली बार देखा तो सच में मेरी गांड फट गयी थी। मेरी नन्द बोली भाभी आजतक मैंने इतना बढ़िया लन्ड नहीं देखा ? कितना मोटा, कितना लंबा, कितना सख्त और कितना खूबसूरत लन्ड है उसका ? इसको अगर अपने कुनबे में शामिल कर लिया जाए तो फिर सबको इससे चुदवाने का मौक़ा मिलेगा।
अम्मी ने कहा हाय दईया तो फिर जल्दी मिलवाओ न मुझे उससे मैं बात करू ? हो सके तो मुझे उसका लन्ड भी दिखा दो ?
सबा ने कहा लन्ड तो मैं अभी दिखा सकती हूँ तुम्हे खाला जान ?
उसने अपना मोबाइल निकाला और लन्ड की फोटो दिखा दी। फिर उसे टी. वी पर भी दिखा दिया। लन्ड तो वाकई बड़ा हक्कानी था। \मैंने हां कर दी और फिर मेरी शादी हो गयी। सुहागरात के बाद ही अम्मी बोली बेटी मुझे पकड़ाओ न अपने शौहर का लन्ड ? मैंने कहा हां हां अम्मी आज रात को तुम मेरे शौहर का लन्ड पकड़ना और मैं सबा के शौहर का लन्ड पकड़ूँगी।
इस बार जब चुदाई हुई तो उसमे खाला भी शामिल थी और उसकी बेटी सबा भी।
देखो अम्मी तुम बार बार मुझसे पूंछती थी न की बेटी तुम्हे कैसा लन्ड चाहिए ? कितना लंबा और कितना मोटा लन्ड होना चाहिए ? लन्ड की बनावट कैसी होनी चाहिए ? लन्ड का टोपा कितना बड़ा और कैसा होना चाहिए ? लन्ड आगे से कैसा हो और पीछे से कैसा हो ये ? ये कितना सख्त और कितना खूबसूरत होना चाहिए लन्ड ? मैंने तेरे सभी सवालों का जबाब दिया है और अपनी इच्छा ज़ाहिर कर दी है। अभी भी अगर तुम्हे मेरी बात समझ में नहीं आयी तो लो देख लो सच मुच का लन्ड ? मुझे ऐसा लन्ड चाहिए जैसा की मेरे हाथ में है। मैं इसी तरह का लन्ड पसंद करती हूँ। लन्ड हो तो ऐसा अम्मी जैसा मैं तुम्हे दिखा रही हूँ। देखो न अम्मी कितनी मस्ती में घोड़े की तरह हिनहिना रहा है लन्ड ? और इस लन्ड का टोपा तो देखो, बिलकुल जैसे तोप का गोला हो ? अम्मी लो पकड़ के देखो लन्ड तब तुम्हे अच्छी तरह समझ में आ जायेगा। मुझे लगता है की यह लन्ड कुछ कुछ ताहिरअंकल के लन्ड की तरह है। मैं खुदा से दुआ करती हूँ अम्मी की तेरी बेटी के शौहर का लन्ड भी ऐसा ही हो ? मेरा नाम है दोस्तों, नसीबा मैं २४ साल की एक बेहद खूबसूरत और बदचलन लड़की हूँ। मैं अभी अभी कॉलेज से पढ़ कर निकली हूँ और एक अच्छी सी नौकरी कर ली है। मैंने कॉलेज में रह कर और कॉलेज के होस्टल में ५ साल रह कर बहुत कुछ सीखा है। सबसे पहले मैंने शराब और सिगरेट पीना सिखा फिर लड़कों के साथ शराब और सिगरेट पीना सीख। गालियां सीखी तो लड़कों की सरे आम माँ बहन चोदने लगी, फिर लड़कों के आगे नंगी होना सीख लिया तो उन्हें कभी अपनी चूंचियां, कभी अपनी गांड, कभी अपनी झांटें दिखाने लगी। कभी मौका पाकर अकेले में मैं लडकों के आगे पूरी नंगी भी हो जाती थी। धीरे धीरे लड़कों के आगे न्यूड डांस करने लगी। फिर लड़कों के लन्ड पकड़ने लगी। एक लन्ड नहीं २-२ / ३-३ लन्ड पकड़ने लगी। लड़कों के साथ होटलों में जाकर चुदवाने भी लगी। लड़के मेरे ऊपर खूब अधाधुंध पैसा खर्च करने लगे। मुझे पैसा मिलने लगा और उन्हें मेरी बुर, मेरी गांड मिलने लगी। वो सब मेरे मुंह में और मेरी चूँचियों में अपना अपना लन्ड पेलने लगे। जब तक मैं कॉलेज से पढ़ाई ख़तम करके घर वापस आयी तब तक मैं एक पक्की रंडी बन चुकी थी।
मेरी अम्मी नफीसा बेगम को कुछ भी नहीं मालूम था की मैं होस्टल से क्या बन कर निकली हूँ। अब यहाँ आकर नौकरी करने लगी तो मुझे लन्ड मिलना थोड़ा कम हो गया। अब मैं नये नये लन्ड के लिए तरसने लगी। मैं सोंचने लगी कि क्या किया जाए ? बिना लन्ड के मैं रह नहीं सकती। तभी मुझे ख्याल आया की मेरे कॉलेज की एक टीचर शबनम मेम बहुत बड़ी "लौड़ा बाज" हैं। उसे तो दिन रात लौड़ा चाहिए इसलिए हम लड़कियां उसे "लौड़ा बाज" कहा करती थीं। मैं एक दिन उसी पास चली गयी। उसने मुझे बैठाया। मेरा खैरमकदम किया।
मेम ने कहा :- यार नसीबा बोल तू क्या पियेगी ठंडा या गरम ?
मैंने कहा :- मेम मैं गरम पियूँगी।
वह फिर बोली :- तो बताओ चाय या काफ़ी ?
मैंने कहा :- न मैं चाय पियूँगी और न काफ़ी ? मैं गरमा गरम लन्ड पियूँगी। मेम बहुत दिनों से कोई ढंग का लन्ड नहीं पिया मैंने । आज मुझे कोई बढ़िया लन्ड पिला दो।
वह बोली :- ठीक है बैठो मैं अभी तेरे लिए लन्ड का इंतज़ाम करती हूँ।
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इस तरह मैं असद का लन्ड पीने लगी और वह वाहिद का लन्ड। तब तक वह भी नंगी हो चुकी थी और मैं भी। असद भी पूरा नंगा था और वाहिद भी पूरा नंगा। असद का लन्ड मुझे पसंद आया और मैं वाहिद के लन्ड पर भी नज़रें गड़ाए थी। आज कई दिनों के बाद वाकई कोई बढ़िया लन्ड पी रही हूँ मैं। मैंने बड़ी देर तक लन्ड मुंह से निकाला ही नहीं। यही हाल लगभग मेम का भी था। मेम का एक हाथ मेरी चूत पर था। वह मेरी चूत में दो ऊँगली घुसेड़ कर मज़ा ले रही थी। मैंने भी उसकी चूत में ऊँगली घुसेड़ रखी थी। उसने थोड़ी देर में वाहिद का लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। तो मैंने भीअसद का लन्ड उसकी बुर में घुसा दिया। हम दोनों आमने सामने चुदवाने लगीं। मैं उसकी तरह चुदवाने की कोशिश करने लगी और वह मेरी तरह। वह मेरी तरह अपनी गांड उछालने लगी और मैं उसकी तरह अपनी गांड ?
चुदवाते हुए वह बोली नसीबा तू चिंता न कर मैं तुझे एक एक एक बेहतरीन लन्ड देती रहूंगी ? मैंने कहा यार मैं एक बार अपनी माँ चुदाना चाहती हूँ। एक बार उसके भोसड़ा में लन्ड पेल दूं तो आगे फिर मुझे चुदाने में आसानी हो जाएगी। वह बोली हां बिलकुल चुदाओ अपनी माँ ? मैं तो हर दूसरे दिन अपनी माँ की चूत में लन्ड पेलती हूँ। अब हमारा रास्ता इस कदर खुल गया है की वह खुद लन्ड मेरी चूत में पेल देती है। वाहिद मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था। मैंने पूंछा में तुम्हे तो कॉलेज के लड़के चोदते होंगें ? वह बोली हां मैंने इसीलिए कॉलेज की नौकरी की। मुझे लड़कों से चुदवाना बड़ा अच्छा लगता है। हर दिन नये नये लड़कों का लन्ड पकड़ती हूँ और अपनी अम्मी के साथ खूब ऐय्यासी करती हूँ।
मुझे लड़कों के खड़े लन्ड पर थप्पड़ मारने मे बड़ा मज़ा आता है। जैसे जैसे मैं थप्पड़ मारती हूँ वैसे वैसे लन्ड और गुर्राता है और फिर सख्त होकर हिनहिनाने लगता है। लड़कों को भी अपने खड़े लन्ड पर लड़कियों से थप्पड़ मरवाना बड़ा अच्छा लगता है।
मैंने कहा हाय दईया थप्पड़ तो मैं भी मारती हूँ खड़े लन्ड पर ? इस तरह मैं शबनम मेम के साथ खूब मस्ती की गन्दी गन्दी बातें करते हुए इन दोनों से दिन भर चुदवाती रही। शाम को घर वापस आ गयी तो अम्मी ने समझा की मैं ऑफिस से आ रही हूँ। मैं भी चुप रही। उसी रात को करीब १२ बजे मैं बाथ रूम के लिए उठी तो देखा की अम्मी के कमरे की धीमी धीमी लाइट जल रही है। मैं चुपके से जाकर अंदर झांककर देखने लगी। मैं अंदर का सीन देख कर दंग रह गयी। मैंने देखा की अम्मी अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी नंगी किसी आदमी का लन्ड बड़े प्यार से हिला रही हैं।बीच बीच में लन्ड की चुम्मी ले रहीं है और कुछ बोल भी रहीं हैं। मैं वो सब सुनने के लिए कान लगाकर खड़ी हो गयी। मुझे दो चीज बहुत पसंद आईं। एक तो अम्मी की तनी हुई बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां और दूसराअंकल का टन टनाता हुआ लन्ड ?
अम्मी ने लन्ड की चुम्मी ली और बोली यार ताहिर तेरा लौड़ा इतना बढ़िया है की मेरा मन हो रहा है की मैं इसे अपनी बेटी को पकड़ा दूं। मेरी बेटी देखो न भोसड़ी की कितनी मस्त जवान हो गई है। कितनी सेक्सी और हॉट लगने लगी है। उसका हुश्न इस कदर निकल आया है की अगर मैं लड़का होती तो उसे खूब पटक पटक कर चोदती। लौड़ा उसकी चूत में क्या उसके मुंह में घुसा देती। यार मैं उसकी शादी करना चाहती हूँ और चाहती हूँ की कोई बड़े और मोटे लन्ड वाला लड़का मिल जाए तो उसे मैं अपना दामाद बना लूँ। लेकिन उसके पहले मैं यह जानना चाहती हूँ की मेरी बेटी को लन्ड पकड़ने का, लन्ड चाटने और चूसने का शौक है की नहीं। उसे लन्ड अपनी चूत में पेलवाने का शौक है की नहीं ? उसमे कोई कमी तो नहीं है ? ऐसा करो ताहिर तुम किसी दिन अपना लन्ड मेरी बेटी को पकड़ा दो। मैं छुप कर देखूँगी की वह बुर चोदी लन्ड का क्या करती है और कैसे करती है ? उसे कुछ गाली वाली देना आता है की नहीं ?
अम्मी की बातें सुनकर मेरी तो चूत में भयानक आग लग गयी। मैं ताहिर का लन्ड बड़े गौर से देखने लगी। तब तक अंकल ने लन्ड अम्मी की चूत पर टिका दिया और जोर लगा के घुसेड़ दिया अंदर। लन्ड साला सरसराता हुआ घुस गया अंदर। अम्मी मस्ती से चुदवाने लगी अपना भोसड़ा। थोड़ी देर में अम्मी ने पूंछा ताहिर तेरी भी तो बेटी जवान हो गयी होगी। वह बोला हां भाभी वह भी २३ साल की हो गई है। वो भीअपनी माँ के साथ इधर उधर लन्ड पकड़ा करती है। एक दिन मेरे दोस्त ने कहा यार ताहिर तेरी बेटी तो लन्ड चूसने में बड़ी एक्सपर्ट है। मैं समझ गया की ये साला मेरी बेटी की बुर लेता होगा। तब फिर मैंने भी एक दिन उसकी बेटी को अपना लन्ड पकड़ा दिया। वह बोली अंकल मैं तो तेरा लन्ड पकड़ना ही चाहती थी। अब लो चोदो मेरी बुर। मैं फिर बड़े मजे से उसकी बुर चोद आया।
अब मुझे अम्मी की पूरी असलियत मालूम हो गयी। एक दिन मैं अपनी दोस्त से बातें करने लगी। मुझे आहट हुई की अम्मी मेरे पीछे हैं और मेरी बातें सुन रही हैं। मैं फिर खुल कर बोलने लगी। मैंने कहा हां माँ की लौड़ी बोल न क्या बात है ,,,,,,, ? हाय रे तो सच बताने में तेरी गांड फट रही हैं क्या ,,,,,,, ? देख यार हर लड़की अंदर से रंडी होती है। तू कह दे हां मैं छिनार हूँ ,,,,,,, तो क्या वह तेरी झांटें उखाड़ लेगा ,,,,,,? उसकी माँ की चूत ,,,,,,, ? हां हां जानती हूँ उसकी अच्छी से ,,,,, वो तो खुले आम लन्ड पकड़ती है ,,,,,,,,हां बिलकुल मेरी तरह ,,,,,,,,, अच्छा तुम उसकी बात कर रही हो। उसकी तो मैंने एक दिन माँ चोदी थी,,,,,,,, ? हां यार मैंने अपने हाथ से उसकी माँ के भोसड़ा में लन्ड पेला था,,,,,,,,,? उसकी माँ बड़ी चुदक्कड़ औरत है ,,,,,, हां मुझे पसंद है ,,,,,वो तो गांडू है यार ,,,,,,, साल गांड मारता है लड़कियों की और बुर चोदने से कतराता है ,,,,,,,,हां हां मैं सिखा दूँगी सबीरा को माँ चुदाना ,,, ? ओ के बाई।
मैं पीछे मुड़ी तो देखा की अम्मी खड़ी हैं। अम्मी ने कहा जिसने कभी अपनी माँ नहीं चुदवाई आज वह दूसरों को माँ चुदाना सिखा रही है ? मैंने कहा माँ चुदाने के लिए माँ की सहमति होना जरुरी है अम्मी ? मेंजब उसके घर गयी थी तो वह अपनी माँ चुदाने जा ही रही थी। कमरे में वह, उसकी माँ और एक अंकल थे। जब मैं पहुँच गयी तो वह नसीबा आज तुम मेरी माँ चुदाओ। तब तक आंटी बोली हां नसीबा मेरी बेटी ठीक कह रही है। रोज़ तो वह ठोंकती है लन्ड अपनी माँ की चूत में। आज तुम उसकी माँ की चूत में ठोंको लन्ड। उसकी माँ ने खुद मेरे कपड़े उतार कर मुझे नंगी किया और मुझे लन्ड पकड़ाते हुए कहा नसीबा पेल दे यही लन्ड इसकी माँ की चूत में। मैंने वैसा ही किया। अम्मी बोली अरी बुर चोदी नसीबा यहाँ भी अम्मी की सहमति है। पेल न लन्ड अपनी माँ कई चूत में ? तेरी माँ ससुरी बड़ी बेशर्म, बेहाया और छिनार है। मैं जानना चाहती हूँ की मेरी बेटी की गांड में माँ चुदाने का कितना दम है ? क्या उसे ठीक से माँ चुदाना आता भी है ?
अम्मी फिर मुस्कराकर पूंछने लगी की नसीबा बेटी सच सच बता तू अपने शौहर का लन्ड किस तरह का चाहती है ? कैसा होना चाहिए तेरे शौहर का लन्ड ? मैंने जबाब दियाअम्मी लन्ड मरदाना हो न चाहिए। ८" + लंबा हो और ५१/२" + मोटा हो ? वह बोली हाय अल्ला, ऐसे लौड़े तो बभूत काम होंगें बेटी। पर अगर इससे छोटे लन्ड हो तो भी तो काम चल जायेगा ? अब तुझे एक लन्ड के सहारे तो रहना नहीं है ? तू तो भोसड़ी की गैर मर्दों से चुदवाती रहेगी ? मैंने कहा अम्मी ज़रा सोंचो जब मेरे मियां का लौड़ा लंबा चौड़ा होगा तभी तो दूसरों की बीवियां उससे चुदवाने आया करेगीं। और तब मैं उनके मियों से चुदवाया करूंगी। अगर मेरे मियां का लन्ड छोटा होगा तो कौन बुर चोदी अपनी बुर चुदाने आएगी। फिर मुझे भी नये नये लन्ड नहीं मिलेगें ? अम्मी बोली अरे वाह बात तो तेरी बड़ी पक्की है। तेरी माँ की चूत बहन चोद तू तो अपनी माँ से ज्यादा समझदार है। मैंने कहा अम्मी तेरी बिटिया की बुर मादर चोद तभी तो वह नफीसा बेगम की बेटी है।
अम्मी ने मुझे प्यार से गले लगा लिया।
अम्मी ने जब मुझे ललकारा तो मेरी अंदर की रंडी फिर एक बार जाग उठी। मैंने फोन करके शबनम से बात की और उसने एक लड़का भेज दिया। उसका नाम था ज़मीर। उस समय घर अपर अम्मी नहीं थी। मैंने उसे सब बता दिया और फिर शराब का मज़ा लेने लगे। थोड़ी देर में मैंने अपने एक एक करके सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गयी। उसके भी कपड़े उतार कर उसे भी नंगा कर दिया। मैं लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो लन्ड बढ़ने लगा। बढ़ते बढ़ते वह ८" से भी बड़ा हो गया। मोटा भी साला बहुत था। मैं तो बहुत खुश हो गयी। मैं लन्ड चाट रही थी। तभी कमरे में अम्मी दाखिल हो गयीं। मैंने उसे देख लिया। मैंने कहा अम्मी लो देखो ऐसा लन्ड होना चाहिए मेरे होने वाले शौहर का। कितना प्यारा और मस्त लग रहा है ज़मीर का लन्ड ? ये तो कुछ कुछ ताहिर अंकल के लन्ड से मिलता जुलता है न अम्मी ? वह बोली हाय दईया तूने कब देख लिया ताहिर का लन्ड ? मैंने कहा उस दिन मैंने उसका लन्ड तेरे हाथ में देखा, तेरे मुंह में देखा और फिर तेरी बुर में देखा अम्मी ? वह बोली हाय अल्ला, तू बड़ी छुपी रुस्तम निकली ?
ऐसा बोल कर अम्मी ने लन्ड मेरे हाथ से ले लिया और खुद चाटने लगीं। उस दिन मैंने बड़े मजे से पहली बार अपनी माँ चुदवाई।
उसी समय अचानक मेरी खाला जान आ गयीं। उसने कहा नसीबा क्या तूने अपनी माँ चुदाना शुरू कर दिया ? मैंने कहा हां खाला बिलकुल शुरू कर दिया। अब तुम बताओ अपनी ? वह बोली मेरी बेटी तो अपनी माँ पिछले एक साल से चुदा रही है। वह भोसड़ी की बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है। तब तक पीछे से खाला की बेटी सबा बोली अरे नसीबा सबसे बड़ी बुर चोदी तो तेरी खाला हैं जो खुले आम सबके लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ लेती है। अभी कल ही मेरे जेठ का लौड़ा पेला था अपनी बुर में और आज मेरे ससुर से चुदवाकर कर आ रही है। खाला ने कहा अरे इसकी बातों में न आना नसीबा ये भोसड़ी की अभी अभी मेरे जीजू का लन्ड पीकर आ रही है। अगर मैं इसके ससुर से चुदवा रही थी तो ये मरे सामने मेरे जीजू से चुदवा रही थी।
फिर खाला ने कहा नफीसा दीदी मैं नसीबा के लिए एक रिस्ता लेकर आयी हूँ।
अम्मी ने कहा अरे वाह बताओ कैसा रिस्ता है। मेरी बेटी सबा के नंदोई का दोस्त है वो ? बड़ा हैंडसम है, स्मार्ट है और तगड़ा तंदुरुस्त है ?
अरे ये बताओ की उसका लन्ड कैसा है ?
तब तक सबा बोली अरे नफीसा खाला उसका लन्ड जब मैंने पहली बार देखा तो सच में मेरी गांड फट गयी थी। मेरी नन्द बोली भाभी आजतक मैंने इतना बढ़िया लन्ड नहीं देखा ? कितना मोटा, कितना लंबा, कितना सख्त और कितना खूबसूरत लन्ड है उसका ? इसको अगर अपने कुनबे में शामिल कर लिया जाए तो फिर सबको इससे चुदवाने का मौक़ा मिलेगा।
अम्मी ने कहा हाय दईया तो फिर जल्दी मिलवाओ न मुझे उससे मैं बात करू ? हो सके तो मुझे उसका लन्ड भी दिखा दो ?
सबा ने कहा लन्ड तो मैं अभी दिखा सकती हूँ तुम्हे खाला जान ?
उसने अपना मोबाइल निकाला और लन्ड की फोटो दिखा दी। फिर उसे टी. वी पर भी दिखा दिया। लन्ड तो वाकई बड़ा हक्कानी था। \मैंने हां कर दी और फिर मेरी शादी हो गयी। सुहागरात के बाद ही अम्मी बोली बेटी मुझे पकड़ाओ न अपने शौहर का लन्ड ? मैंने कहा हां हां अम्मी आज रात को तुम मेरे शौहर का लन्ड पकड़ना और मैं सबा के शौहर का लन्ड पकड़ूँगी।
इस बार जब चुदाई हुई तो उसमे खाला भी शामिल थी और उसकी बेटी सबा भी।
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