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मेरी सास भी चुदक्कड़ है मुझे भी लन्ड की कमी नहीं - Meri Saas bhi chudkkad hai Mujhe bhi land ki kami nahi
मेरी सास भी चुदक्कड़ है मुझे भी लन्ड की कमी नहीं - Meri Saas ko aur Mujhe land ki kami nahi , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
अरे सुनो तो अम्मी । आज मेरे ससुर के साथ मेरा एक और रिस्ता खुल गया है । मुझे तो इसका पता ही नहीं था। मेरा भोसड़ी का ससुर तो मेरा जीजू निकला, अम्मी ? शायद ये बात तुम्हे भी नहीं मालूम थी ? अब तो मैं उसकी बहन की बुर चोदूंगी ? अम्मी ने कहा अरे बेटी इतनी जल्दी तुम अपने ससुर की बहन की बुर चोदने लगोगी तो कैसे चलेगा ? मैंने कहा क्यों नहीं चोदूँगी ? अरे जब वह मेरी बहन की बुर चोदता है तो मैं भी उसकी बहन की बुर चोदूंगी तभी तो हिसाब बराबर होगा। वह बोली नहीं बेटी, तेरे ससुर की बहन चोदने का तो सबसे पहले मेरा हक़ है, क्योंकि वह मेरा समधी है, बेटी। मैं चोदूंगी उसकी बहन की बुर ? पर पहले यह तो बता की ये रिस्ता किस तरह निकला। वो तेरा जीजू कैसे बन गया ?
तेरा जीजू बना तो इसका मतलब मेरी बेटी का शौहर। जब मेरी बेटी उसका लन्ड पकड़ सकती है तो मैं क्यों नहीं ? मैं भी उसका लन्ड पकड़ कर देखूँगी बेटी खुशबू। मैंने कहा अरे अम्मी तुन्हें तो बस हमेशा किसी न किसी लन्ड की तलास रहती है। पहले रिस्ता तो समझ लो ? वह बोली देख बेटी लन्ड अगर मोटा तगड़ा है तो फिर रिस्ता की माँ का भोसड़ा ? मैं लन्ड के आगे किसी रिस्ते को नहीं मानती ? मैं तो बस लन्ड और चूत का रिस्ता मानती हूँ। फिर भी चल बता की कैसे तेरा ससुर भोसड़ी का तेरा जीजू है ? मैंने कहा ये तो बड़ा आसान है, अम्मी ? मेरा ससुर मेरे असली जीजू का दोस्त है। जीजू का दोस्त जीजू ही हुआ न अम्मी ?
वह बोली - बात तो तेरी सही है बेटी। फिर क्या ? टूट पड़ो उसके लन्ड पर ? अगर उसका लन्ड तेरे जीजू के लन्ड जैसा है तब तो मज़ा आ जायेगा ?
मैंने कहा - हाय दईया, अम्मी इसका मतलब तुम मेरे जीजू का लन्ड पकड़ चुकी हो ?
वह बोली - हां बिलकुल पकड़ चुकी हूँ. इसमें कौन सी ख़ास बात है। मैंने कहा न की जब लन्ड मन का हो, लन्ड मोटा तगड़ा हो तो रिस्ते की माँ का भोसड़ा ? मैं ऐसे में कोई रिस्ता नहीं देखती मैं बस लन्ड देखती हूँ और उसका पूरा मज़ा लेती हूँ। और यह बात तू कह रही है खुशबू, मेरी बेटी, तू तो खुद उसका लन्ड पकड़ चुकी है, लन्ड अपनी चूत में ले चुकी है. वह भी एक बार नहीं कई बार ? मैंने तो अपनी आँखों से देखा है ?
मैने कहा - अरे वाह इसका मतलब तुम जासूसी करती हो अम्मी ?
वह बोली - जासूसी उसकी की जाती है जब कोई काम चोरी छिपे करता है बेटी ? तू तो खुले आम अपने जीजू से चुदवाती है ?
मैंने कहा - अरे अम्मी वो मेरा जीजू है। मैं उसकी साली हूँ। साली का हक़ जीजा के लन्ड पर होता है इसलिए मैं उससे चुदवाती हूँ।
अम्मी ने कहा - वही तो मैं भी कह रही हूँ। तो फिर तेरा हक़ तेरे ससुर के लन्ड पर हुआ की नहीं ? वह भी तो मादर चोद तेरा जीजू हो गया है।
एक दिन मेरे घर में सबरीना आंटी आ गयी। वह अम्मी से बैठ कर बातें करने लगी। मैं अंदर थी और उनकी बातें सुन रही थी। अम्मी ने पूंछा हाय सबरीना तेरे घर में भी तेरी बेटी तुझसे खुल कर बात करती है की नहीं ? वह बोली मेरी बेटी सब कुछ खुल कर करती है। अब वह मेरी बेटी नहीं मेरे साथ लन्ड हिलाने वाली मेरी सहेली बन गयी है भोसड़ी की। अब तो वह मुझे चोदना सिखाती है यार। है क्या की वह अब २४ साल की है और उसकी शादी हो गयी है। शर्म तो न पहले थी और न अब है। मेरी बेटी बड़ी बोल्ड है बुर चोदी। उसे अपनी माँ चुदाने में सबसे ज्यादा मज़ा आता है। अम्मी ने कहा अरे वाह मेरे घर में भी यही होता है। मेरी बेटी भी बड़ी बोल्ड है। वैसे ही मैंने ही उसे ऐसा बनाया है। मैं तो देखो बड़ी चुदक्कड़ औरत हूँ। मेरी बेटी जब जवान हुई तो मैने उससे सब कुछ खुल कर कह दिया। मैं तो लन्ड की शौक़ीन हूँ। कब तक उससे लन्ड छुप छुप कर पेलती रहती अपनी चूत में। उसे भी लन्ड की जरुरत है तो मैंने खुद उसे लन्ड की शौकीन बना दिया। अब वह भोसड़ी की लन्ड मेरी चूत में घुसा देती है। मुझे भी खूब मज़ा आता है।
आंटी बोली :- यार मेरी बेटी और बहू दोनों एक ही जैसी हैं। वो सब खूब मस्त मस्त गालियां सुनाती हैं। बड़ा मज़ा आता है। मैं तो खूब एन्जॉय करती हूँ। मैं कहती हूँ बेटी तेरी माँ का भोसड़ा ? वह कहती है अम्मी तेरी बिटिया की बुर ? मैं जब उसे गाली देती हूँ तो कहती हूँ तेरी सास की बहू की बुर ? तो वह पलट कर कहती है अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत ? उधर बहू बोलती है सासू जी तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ? कभी कहती है सासू जी तेरी बेटी की माँ का चूत। मैं भी उससे कहती हूँ बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? हम तीनो इसी तरह खूब मज़ा करतीं हैं। एक दूसरे की चूत में लन्ड पेल पेल कर चुदवाती हैं। पहले हम तीनो लन्ड इकठ्ठा करती है और फिर करती हैं मस्ती से चोदा चोदी। हमारे तो दिन बहुत अच्छे गुज़र रहें है यार। अम्मी बोली हां यार मेरी भी बहू अभी आने वाली हैं। मैं उसको भी अपनी बेटी की तरह बना लूंगी। उसके सामने चोदूंगी उसकी नन्द की बुर। तब तक मैं भी कमरे में आ गयी और बोली हां फिर मैं भी चोदूंगी भाभी की सास का भोसड़ा ? और चोदूंगी अम्मी की बहू की बुर।
मेरी बातें सुनकर सबने खूब तालियां बजाई और एन्जॉय किया। यह बात सही है मुझे जवानी का मज़ा लेना सिखा दिया। मैं १९ साल की उम्र से लन्ड का मज़ा लूट रही हूँ। मेरी साथ की लड़कियां अभी भी लन्ड ठीक तरह से पकड़ भी नहीं पाती, लन्ड का मज़ा लूटने की बात क्या कहें ? मैं अपनी शादी के पहले जाने कितने लन्ड अपनी चूत में घुसा चुकी हूँ. लेकिन एक बात है की मेरी चूत को देख कर कोई यह नहीं कह सकता की यह चूत इतने लन्ड खाये हुए बैठी है ? इसका भी इलाज़ अम्मी ने मुझे बताया है। इसीलिए मैं अपनी चूत को खूब शराब पिलाती हूँ। चूत जितनी शराब पियेगी वह उतनी ही तारो ताज़ा बनी रहेगी। टाइट बनी रहेगी और टाइट चूत को चोदने में सबको मज़ा आता है। चुदवाने वाली को भी आता है।
अब मैं आपको बताती हूँ की मैं कैसे आओर कब अपनी अम्मी से खुल गयी। एक बात तो जान ही गएँ हैं की अम्मी भी मुझसे खुल कर बात करना चाहती थीं। उसकी सबके बड़ी कमजोरी लन्ड है। लन्ड के सामने वह किसी रिस्ते को नहीं मानती। वह चाहती थी की मैं उसके सामने लन्ड पकड़ूँ, लन्ड चाटूँ, लन्ड पियूँ और लन्डअपनी चूत में पेलूँ। मुझे यह बात तब मालूम हुई जब वह अपनी नन्द यानी मेरी फूफी से बतला रहीं थीं। अम्मी ने कहा अरे नन्द रानी मैंने सुना है की तेरी बेटी तेरे साथ ही लन्ड पकड़ती है ? वह बोली अरे भाभी जान मेरी मेरी बेटी लन्ड सिर्फ पकड़ती ही नहीं बल्कि वह तो लन्ड मेरी चूत में घुसा भी देती है। मैं उससे एकदम खुल चुकी हूँ। हम दोनों कभी एक ही लन्ड से चुदवा लेतीं हैं। मेरी बेटी तेरी बेटी से केवल एक साल ही बड़ी है लेकिन वह लन्ड के मामले में बड़ी कुत्ती चीज है भोसड़ी वाली। अम्मी ने कहा यार मुझे भी यही करना है अपनी बेटी के साथ ? बताओ क्या करूं ?
दो चीज करो भाभी जान ? पहली बात तुम उसके सामने किसी को गन्दी गन्दी गालियां देना शुरू कर दो। हो सके तो उसे भी गाली देना शुरू कर दो जैसे मैं देती हूँ अपनी बेटी को गाली । दूसरे, एक दिन उसके सामने तुम किसी का लन्ड पकड़ लो या फिर वह तेरे सामने किस का लन्ड पकड़ ले। बस उसी दिन से तुम दोनों खुल जाओगी। हां अगर तुमने उसे पकड़ लिया तो नाराज़ न होना बल्कि प्यार से लन्ड पकड़ कर उसका हौसला बढ़ाना। अगर वह तुम्हे लन्ड के साथ पकड़ ले तो तुम वही लन्ड उसे प्यार से पकड़ा देना ? फूफी की बात सुनकर मैं तो मस्त हो गयी। दूसरे दिन किसी ने दरवाजे की घंटी बजाई तो अम्मी बोली अरे खुशबू देखो तो कौन आया है भोसड़ी का ? मैं समझ गयी की अम्मी पर फूफी की बात का असर हो गया है। मैंने कहा अरे अम्मी बिजली वाला है ? अम्मी बाहर आयीं और बोली मादर चोद, भोसड़ी के, माँ के लौड़े तुझे कल बुलाया था और तू आज आ रहा है। हम लोग रात भर अँधेरे में ही अपनी गांड मरातीं रही। साले हरामी तेरी बहन का लन्ड ? अम्मी ने उसे आँख भी मार दी तो वह कुछ बोला नहीं।
अम्मी बोलती गई अबे चूत के पिस्सू तू रात भर अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाता रहा क्या ? अब खड़े खड़े अपना लन्ड क्यों हिला रहा है ? चल देख मीटर में क्या हो गया ? जल्दी से ठीक कर दे अभी मुझे अपनी झांटें बनानी हैं ? बिजली भी बन गयी और अम्मी का गालियां देने का मकसद भी पूरा हो गया क्योंकि उसे मालूम हो गया की मैंने उसकी गालियां सुन ली हैं। अगले दिन अम्मी आँगन में बैठी सब्जी काट रही थी। मैंने अंदर से अपनी दोस्त को फोन लगाया और कहा तुम मुझे फोन करो। फिर फोन मैंने अम्मी के बगल में रख दिया। फोन की घंटी बजी तो मैं बोली - अरे अदीबा तू भोसड़ी की कल कहाँ थीं,,,,,,,,,? मैं तेरा इंतज़ार कर रही थी ,,,,,,,,,,,,,? तू बड़ी चालक है बहन चोद। तेरी माँ का भोसड़ा ,,,,,,,,,? अब मैं तेरी माँ चोदूँगी ,,,,,,,,, मेरी तो गांड फटी जा रही थी और तू वहां सिनेमा देखने चली गयी ,,,,,, ? सिनेमा नहीं तू साहिल का लन्ड हिलाने गयी होगी,,,,,,, ? मैं सब जानती हूँ। अब कल मैं तेरी गांड मारूंगी।
मैंने फोन रखा तो अम्मी ने मेरी पीठ थपथपायी और बोली अच्छा किया बेटी खुशबू। ऐसे ही सबकी गांड मारनी चाहिए तभी काम चलता है।
दूसरे दिन मेरी भाभी सामिया आ गयी। मौका पाकर भाभी को सारी बातें बता दीं और खुल कर कहा भाभी मेरी अम्मी चाहतीं हैं की मेरी बहू अपनी सास का भोसड़ा चोदे और सास अपनी बहू की बुर चोदे। वह खुलकर आपस में चोदा चोदी करना चाहती हैं। अम्मी को लन्ड का बेहद शौक है। उसे हर दिन एक नया लन्ड चाहिए। वह बोली तो इसमें तुम भी रहोगी न मेरी नन्द रानी ? मैंने कहा हां हां भाभी मैं भी रहूंगी। और सबके साथ खूब एन्जॉय करूंगी। वह बोली हां यार मुझे तो सबसे ज्यादा अपनी नन्द की बुर चोदने में आएगा। उससे ज्यादा मज़ा नन्द की माँ चोदने में आएगा। और हां सुनो मैं भी लन्ड की बहुत बड़ी दीवानी हूँ। मुझे लन्ड पेलना भी आता है लन्ड पेलवाना भी। मैं बहुत बड़ी बुर चोदी, मादर चोद छिनार औरत हूँ।
मेरी बात चीत हो जाने के बाद भाभी जान अम्मी से मिलीं। अम्मी समझ रही थी की बहू अभी भोली भाली है उसे ज़्यादा कुछ नहीं मालूम है। बस उसी रात को मैंनेअम्मी के कमरे की लाइट जलते हुए देखा। मैं चुपचाप गयी और झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की अम्मी अपने सारे कपड़े उतार कर किसी अनजान आदमी का लन्ड सहला रही है। मेरी नज़र जब लन्ड पर पड़ी तो मेरी चूत की आग एकदम से धधक उठी। मेरा मन हुआ की मैं लन्ड अम्मी से छीन लूँ। पर मैंने सब्र किया और भाभी को बुला लिया। भाभी ने जब अपनी सास को लन्ड चूमते और चाटते हुए देखा तो उसकी चूत भी गरम हो गयी। वह बोली नन्द रानी तेरी माँ बहुत बड़ी बुर चोदी है। उसकी भी चूत का हाल बेहाल होने लगा। वह फिर बोली तेरी माँ तो भोसड़ी की बड़ी चालू चीज है। मैं मन ही मन समझ गयी की अम्मी को मुझे लन्ड पकड़ाने की बड़ी जल्दी है। फिर क्या हम दोनों कमरे में घुस गयीं।
मैंने कहा हाय अम्मी ये क्या हो रहा है अकेले अकेले ? वह बोली हाय दईया देख नहीं हो मैं लन्ड चाट रही हूँ। और ये तेरी भाभी भी मुझे देख रही थे क्या ? तब तक भाभी बोली नहीं सासू जी मैं तो अपनी नन्द की माँ का भोसड़ा देख रही थी। अम्मी यह सुनकर बड़ी गद गद हो गईं। अम्मी बोली बहू तेरी नन्द की माँ चूत ? ले तू भी पकड़ के देख ले लन्ड ? अरे लन्ड तो हम सबको चाहिए न ? भाभी ने हाथ बढाकर लन्ड पकड़ लिया और उसे चाटने लगी। मैंने कहा अम्मी तेरी बुर चोदी बहू तो बड़ी बेशर्म निकली। वह बोली मेरी बहू मेरे मन की निकली ? तेरी तरह नहीं ? तू तो जाने कितना वक़्त लगा दिया अपनी माँ चुदाने में ? बहू को देखो अपनी सास का भोसड़ा चुदाने के लिए कैसे कूद पड़ी मैदान में ?
मैंने कहा तेरी बहू की बुर तो मैं चोदूंगी अम्मी ? इतना कह कर मैं कमरे के बाहर चली गयी। बस १० मिनट बाद मैं अपने कपड़े खोलकर एकदम नंगी नंगी अपने दो नंगे बॉय फ्रेंड्स के लन्ड पकड़े हुए कमरे में दाखिल हुई। मुझे देख कर अम्मी भी हैरान हो गयी और भाभी भी। लन्ड देख कर गांड फट गई उन दोनों की बहन चोद ?
अम्मी बोली हाय मेरी बुर चोदी खुशबू तू तो मुझसे भी आगे निकल गयी। तेरी माँ का भोसड़ा ? तब तक भाभी बोली हाय मेरी जान खुशबू तेरी भाभी की चूत बहन चोद ? आज तो इस कमरे में भूचाल आ जायेगा ? अब तो मैं भी चोदूंगी अपनी नन्द की माँ का भोसड़ा ? ऐसा कहकर भाभी ने एक लन्ड मेरे हाथ से ले लिया। दूसरा लन्ड अम्मी ने मेरे हाथ से लेते हुए कहा आज तो मैं भी चोदूंगी अपनी बिटिया की बुर और बहू की मस्तानी चूत ? मैंने अम्मी के हाथ से लन्ड लिया और बोली अब मैं भी ठोंकूंगी सबकी चूत में लन्ड ?
बस फिर क्या माहौल एकदम सेक्सी बन गया और पूरा घर बन गया रंडी खाना। हम तीनो के हाथ में एक एक लन्ड ? हम तीनो नंग धड़ंग और तीनो मरद नंग धड़ंग ? मस्ती ही मस्ती, मज़ा ही मज़ा, ऐस ही ऐस ? हम तीनो मिलकर ऐय्यासी की माँ चोदने लगीं। मैंने लन्ड भाभी के मुंह में पेल दिया, भाभी ने लन्ड अम्मी के मुंह में घुसा दिया, और अम्मी ने लन्ड मेरे मुंह में ठूंस दिया। हम तीनो एक दूसरे को देखती हुई मस्ती से चूसने लगीं लन्ड। उसके बाद शुरू हो गयी पेला पेली और चोदा चोदी। मैंने भाभी की चूत में लन्ड घुसेड़ दिया, भाभी ने अम्मी की चूत पेला और अम्मी ने लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया। हम तीनो एक दूसरे को देख देख कर चुदवाने लगीं। दूसरे की चुदाई की नक़ल करने लगीं। थोड़ी मस्ती सूझी तो सब आपस में गाली गलौज का मज़ा लेने लगीं।एन्जॉय करने लगीं।
अम्मी बोली - देखा बहू कैसे तेरी नन्द अपनी माँ चुदवा रही है भोसड़ी वाली ?
बहू बोली - हां सासू जी तुम सही कह रही हो। और इधर देखो तेरी बेटी कितनी मस्ती से अपनी भाभी की बुर में लन्ड पेल रही बुर चोदी ? इसकी तो मैं किसी दिन गांड मारूंगी।
मैंने कहा - अम्मी तेरी बहू माँ की लौड़ी बड़ी छिनार है। देखो कितनी मस्ती से अपनी नन्द की बुर चुदवा रही है और अपनी सास का भोसड़ा ? इसे तो रत्ती भर भी शर्म नहीं आती, बहन चोद ? हम लोग इसी तरह से खूब चुदाई करवाने लगीं खूब ऐय्यासी करने लगीं।
एक दिन मेरा ससुर आ गया उसके साथ एक और आदमी था। वह बोला खुशबू बहू ये मेरा दोस्त नादिर है। इसे कोई इस शहर में काम है इसलिए मेरे साथ चला आया। मैंने कहा अरे ससुर जी मेरा जीजा अजमल क्या तुम्हारा दोस्त है ? वह बोला हां हां बहू वो तो मेरा पक्का दोस्त है ? मैंने कहा हाय दईया तब तो तुम भी मेरे जीजू हुए ससुर जी। वह हंस पड़ा और बोला तब तो बड़ी अच्छी बात है ? अब तुम बहू से साली बन गयी हो, खुशबू । मैंने कहा अब तो मैं तेरी बहन की बुर चोदूँगी जीजू ? वह मेरी बात सुनकर हैरान हो गया ? उसने कहा ठीक है साली जी चोद लेना पर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,? मैंने कहा पर क्या ? पहले ये बताओ की मेरे जीजू से तेरी कितनी गहरी दोस्ती है ? सच सच बताना नहीं तो मैं तेरी गांड मारूंगी ? मेरे पास मेरी अम्मी और भाभी दोनों बैठी थीं। वह बोला खुशबू साली जी मैं सच बता रहा हूँ मेरी दोस्ती तेरे जीजू से इतनी गहरी है की मैं उसकी बीवी चोदता हूँ और वो मेरी बीवी चोदता है ?
मैंने हाय अल्ला, मेरी सास मेरे जीजू से चुदवाती है ? तब तक अम्मी बोली हाय दईया तब तो मैं भी तेरे ससुर चुदवाऊँगी बेटी ? ये तो भोसड़ी का मेरे मन का निकला ? अम्मी ने पूंछा ये तेरा नादिर दोस्त कैसा है ? वह बोला मैं इसकी भी बीवी चोदता है और ये मेरी बीवी चोदता है ? मैंने कहा भोसड़ी के ससुर अब ये तेरे सामने तेरी बहू की बुर चोदेगा। ऐसा कह कर मैंने नादिर के लन्ड पर हाथ रख दिया। उधर अम्मी और भाभी मिलकर मेरे ससुर नावेद को नंगा करने लगीं। थोड़ी देर में वो मादर चोद नंगा हो गया और खड़ा हो गया उसका लन्ड ? इधर मैंने नादिर का लौड़ा भी नंगा कर दिया। दोनों लन्ड साले हिनहिनाने लगे। तब तक हम तीनो अपने अपने कपड़े खोल कर बहन चोद हो गयी पूरी नंगी। मैं नादिर का लन्ड चूसने लगी और वो दोनों मेरे ससुर का लन्ड ?
कुछ दिन बाद मैं अपनी ससुराल पहुंची। मेरी मुलाकात अपनी सास और नन्द से हुई। बात चीत में वो दोनों मुझे बहुत अच्छी लगीं। मुझे यकीन हो गया की मुझे यहाँ भी ऐय्यासी करने का मौक़ा मिलेगा। ससुर का लन्ड तो मैंने लेना शुरू कर ही दिया है और बाकी लोगों के लन्ड भी लूंगी तब आएगा ससुराल का असली आनंद ? रात को ११ बजे मेरी नन्द मेरे कमरे में आयी और बोली भाभी तुम्हे मेरे अब्बा का लन्ड कैसा लगा ? मैंने कहा तेरे अब्बा तो मुझे भी अच्छा अम्मी को भी। वह बोली हाय दईया उसका लौड़ा है ही ऐसा की सबको पसंद आ जाता है। मैं पूंछा की क्या तुम अपने अब्बा का लन्ड पकड़ती हो। वह बोली अरे भाभी यहाँ तुम्हे लन्ड की तो पूरी आज़ादी मिलेगी। चाहे जिसका लन्ड पकड़ो चाहे जिससे चुदवाओ कोई रोक टोक नहीं बहन चोद ? देखो न मेरा अब्बा मेरी सास का भोसड़ा चोदता है। मेरी नन्द की बुर लेता है। दोनों भोसड़ी की मेरे सामने भकाभक चुदवाती हैं। अच्छा भाभी तुम बैठो मैं अभी आती हूँ।
ऐसा कह कर वह बाहर गयी और ५ मिनट में फिर वापस आ गयी। इस बार उसकी चूंचियां खुली थीं। उसके पीछे एक आदमी था। वह मेरे सामने आयी और उस आदमी की लुंगी खोल कर फेंक दी। वह एकदम नंगा हो गया। उसका लन्ड आधा टन टनाया हुआ था। मेरी नन्द ने कहा भाभी ये है भोसड़ी का मेरा ससुर ? और ये है इसका मस्ताना लन्ड ? लो पकड़ो इसे और पेलो अपनी चूत में भाभी ? मेरा ससुर मुझे चोदता है मेरी माँ का भोसड़ा चोदता है और अब ये मेरी भाभी की बुर भी चोदेगा। मैंने बड़े मन से पकड़ लिया लन्ड । लन्ड साला और उछल पड़ा। मैं जान गयी की मेरी नन्द बड़ी चुदक्कड़ है। मेरी सास भी चुदक्कड़ है इसलिए मुझे यहाँ लन्ड की कमी महसूस नहीं होगी। मेरी नन्द बोली भाभी तुम चिंता न करना मैं तेरी चूत में लन्ड पे लन्ड पेलती रहूंगी। मैं चुदवाती रहूंगी तेरी चूत और तेरी माँ का भोसड़ा भी।
तब तक मेरे कमरे में ससुर की बहन भी आ गयी। नन्द बोली भाभी ये मेरी फूफी है इसकी चूत चोदने का ठेका मैंने लिया है। मैंने कहा नन्द रानी आज से मैं चोदा करूंगी अपने ससुर की बहन की बुर...
अरे सुनो तो अम्मी । आज मेरे ससुर के साथ मेरा एक और रिस्ता खुल गया है । मुझे तो इसका पता ही नहीं था। मेरा भोसड़ी का ससुर तो मेरा जीजू निकला, अम्मी ? शायद ये बात तुम्हे भी नहीं मालूम थी ? अब तो मैं उसकी बहन की बुर चोदूंगी ? अम्मी ने कहा अरे बेटी इतनी जल्दी तुम अपने ससुर की बहन की बुर चोदने लगोगी तो कैसे चलेगा ? मैंने कहा क्यों नहीं चोदूँगी ? अरे जब वह मेरी बहन की बुर चोदता है तो मैं भी उसकी बहन की बुर चोदूंगी तभी तो हिसाब बराबर होगा। वह बोली नहीं बेटी, तेरे ससुर की बहन चोदने का तो सबसे पहले मेरा हक़ है, क्योंकि वह मेरा समधी है, बेटी। मैं चोदूंगी उसकी बहन की बुर ? पर पहले यह तो बता की ये रिस्ता किस तरह निकला। वो तेरा जीजू कैसे बन गया ?
तेरा जीजू बना तो इसका मतलब मेरी बेटी का शौहर। जब मेरी बेटी उसका लन्ड पकड़ सकती है तो मैं क्यों नहीं ? मैं भी उसका लन्ड पकड़ कर देखूँगी बेटी खुशबू। मैंने कहा अरे अम्मी तुन्हें तो बस हमेशा किसी न किसी लन्ड की तलास रहती है। पहले रिस्ता तो समझ लो ? वह बोली देख बेटी लन्ड अगर मोटा तगड़ा है तो फिर रिस्ता की माँ का भोसड़ा ? मैं लन्ड के आगे किसी रिस्ते को नहीं मानती ? मैं तो बस लन्ड और चूत का रिस्ता मानती हूँ। फिर भी चल बता की कैसे तेरा ससुर भोसड़ी का तेरा जीजू है ? मैंने कहा ये तो बड़ा आसान है, अम्मी ? मेरा ससुर मेरे असली जीजू का दोस्त है। जीजू का दोस्त जीजू ही हुआ न अम्मी ?
वह बोली - बात तो तेरी सही है बेटी। फिर क्या ? टूट पड़ो उसके लन्ड पर ? अगर उसका लन्ड तेरे जीजू के लन्ड जैसा है तब तो मज़ा आ जायेगा ?
मैंने कहा - हाय दईया, अम्मी इसका मतलब तुम मेरे जीजू का लन्ड पकड़ चुकी हो ?
वह बोली - हां बिलकुल पकड़ चुकी हूँ. इसमें कौन सी ख़ास बात है। मैंने कहा न की जब लन्ड मन का हो, लन्ड मोटा तगड़ा हो तो रिस्ते की माँ का भोसड़ा ? मैं ऐसे में कोई रिस्ता नहीं देखती मैं बस लन्ड देखती हूँ और उसका पूरा मज़ा लेती हूँ। और यह बात तू कह रही है खुशबू, मेरी बेटी, तू तो खुद उसका लन्ड पकड़ चुकी है, लन्ड अपनी चूत में ले चुकी है. वह भी एक बार नहीं कई बार ? मैंने तो अपनी आँखों से देखा है ?
मैने कहा - अरे वाह इसका मतलब तुम जासूसी करती हो अम्मी ?
वह बोली - जासूसी उसकी की जाती है जब कोई काम चोरी छिपे करता है बेटी ? तू तो खुले आम अपने जीजू से चुदवाती है ?
मैंने कहा - अरे अम्मी वो मेरा जीजू है। मैं उसकी साली हूँ। साली का हक़ जीजा के लन्ड पर होता है इसलिए मैं उससे चुदवाती हूँ।
अम्मी ने कहा - वही तो मैं भी कह रही हूँ। तो फिर तेरा हक़ तेरे ससुर के लन्ड पर हुआ की नहीं ? वह भी तो मादर चोद तेरा जीजू हो गया है।
एक दिन मेरे घर में सबरीना आंटी आ गयी। वह अम्मी से बैठ कर बातें करने लगी। मैं अंदर थी और उनकी बातें सुन रही थी। अम्मी ने पूंछा हाय सबरीना तेरे घर में भी तेरी बेटी तुझसे खुल कर बात करती है की नहीं ? वह बोली मेरी बेटी सब कुछ खुल कर करती है। अब वह मेरी बेटी नहीं मेरे साथ लन्ड हिलाने वाली मेरी सहेली बन गयी है भोसड़ी की। अब तो वह मुझे चोदना सिखाती है यार। है क्या की वह अब २४ साल की है और उसकी शादी हो गयी है। शर्म तो न पहले थी और न अब है। मेरी बेटी बड़ी बोल्ड है बुर चोदी। उसे अपनी माँ चुदाने में सबसे ज्यादा मज़ा आता है। अम्मी ने कहा अरे वाह मेरे घर में भी यही होता है। मेरी बेटी भी बड़ी बोल्ड है। वैसे ही मैंने ही उसे ऐसा बनाया है। मैं तो देखो बड़ी चुदक्कड़ औरत हूँ। मेरी बेटी जब जवान हुई तो मैने उससे सब कुछ खुल कर कह दिया। मैं तो लन्ड की शौक़ीन हूँ। कब तक उससे लन्ड छुप छुप कर पेलती रहती अपनी चूत में। उसे भी लन्ड की जरुरत है तो मैंने खुद उसे लन्ड की शौकीन बना दिया। अब वह भोसड़ी की लन्ड मेरी चूत में घुसा देती है। मुझे भी खूब मज़ा आता है।
आंटी बोली :- यार मेरी बेटी और बहू दोनों एक ही जैसी हैं। वो सब खूब मस्त मस्त गालियां सुनाती हैं। बड़ा मज़ा आता है। मैं तो खूब एन्जॉय करती हूँ। मैं कहती हूँ बेटी तेरी माँ का भोसड़ा ? वह कहती है अम्मी तेरी बिटिया की बुर ? मैं जब उसे गाली देती हूँ तो कहती हूँ तेरी सास की बहू की बुर ? तो वह पलट कर कहती है अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत ? उधर बहू बोलती है सासू जी तेरी बेटी की भाभी का भोसड़ा ? कभी कहती है सासू जी तेरी बेटी की माँ का चूत। मैं भी उससे कहती हूँ बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? हम तीनो इसी तरह खूब मज़ा करतीं हैं। एक दूसरे की चूत में लन्ड पेल पेल कर चुदवाती हैं। पहले हम तीनो लन्ड इकठ्ठा करती है और फिर करती हैं मस्ती से चोदा चोदी। हमारे तो दिन बहुत अच्छे गुज़र रहें है यार। अम्मी बोली हां यार मेरी भी बहू अभी आने वाली हैं। मैं उसको भी अपनी बेटी की तरह बना लूंगी। उसके सामने चोदूंगी उसकी नन्द की बुर। तब तक मैं भी कमरे में आ गयी और बोली हां फिर मैं भी चोदूंगी भाभी की सास का भोसड़ा ? और चोदूंगी अम्मी की बहू की बुर।
मेरी बातें सुनकर सबने खूब तालियां बजाई और एन्जॉय किया। यह बात सही है मुझे जवानी का मज़ा लेना सिखा दिया। मैं १९ साल की उम्र से लन्ड का मज़ा लूट रही हूँ। मेरी साथ की लड़कियां अभी भी लन्ड ठीक तरह से पकड़ भी नहीं पाती, लन्ड का मज़ा लूटने की बात क्या कहें ? मैं अपनी शादी के पहले जाने कितने लन्ड अपनी चूत में घुसा चुकी हूँ. लेकिन एक बात है की मेरी चूत को देख कर कोई यह नहीं कह सकता की यह चूत इतने लन्ड खाये हुए बैठी है ? इसका भी इलाज़ अम्मी ने मुझे बताया है। इसीलिए मैं अपनी चूत को खूब शराब पिलाती हूँ। चूत जितनी शराब पियेगी वह उतनी ही तारो ताज़ा बनी रहेगी। टाइट बनी रहेगी और टाइट चूत को चोदने में सबको मज़ा आता है। चुदवाने वाली को भी आता है।
अब मैं आपको बताती हूँ की मैं कैसे आओर कब अपनी अम्मी से खुल गयी। एक बात तो जान ही गएँ हैं की अम्मी भी मुझसे खुल कर बात करना चाहती थीं। उसकी सबके बड़ी कमजोरी लन्ड है। लन्ड के सामने वह किसी रिस्ते को नहीं मानती। वह चाहती थी की मैं उसके सामने लन्ड पकड़ूँ, लन्ड चाटूँ, लन्ड पियूँ और लन्डअपनी चूत में पेलूँ। मुझे यह बात तब मालूम हुई जब वह अपनी नन्द यानी मेरी फूफी से बतला रहीं थीं। अम्मी ने कहा अरे नन्द रानी मैंने सुना है की तेरी बेटी तेरे साथ ही लन्ड पकड़ती है ? वह बोली अरे भाभी जान मेरी मेरी बेटी लन्ड सिर्फ पकड़ती ही नहीं बल्कि वह तो लन्ड मेरी चूत में घुसा भी देती है। मैं उससे एकदम खुल चुकी हूँ। हम दोनों कभी एक ही लन्ड से चुदवा लेतीं हैं। मेरी बेटी तेरी बेटी से केवल एक साल ही बड़ी है लेकिन वह लन्ड के मामले में बड़ी कुत्ती चीज है भोसड़ी वाली। अम्मी ने कहा यार मुझे भी यही करना है अपनी बेटी के साथ ? बताओ क्या करूं ?
दो चीज करो भाभी जान ? पहली बात तुम उसके सामने किसी को गन्दी गन्दी गालियां देना शुरू कर दो। हो सके तो उसे भी गाली देना शुरू कर दो जैसे मैं देती हूँ अपनी बेटी को गाली । दूसरे, एक दिन उसके सामने तुम किसी का लन्ड पकड़ लो या फिर वह तेरे सामने किस का लन्ड पकड़ ले। बस उसी दिन से तुम दोनों खुल जाओगी। हां अगर तुमने उसे पकड़ लिया तो नाराज़ न होना बल्कि प्यार से लन्ड पकड़ कर उसका हौसला बढ़ाना। अगर वह तुम्हे लन्ड के साथ पकड़ ले तो तुम वही लन्ड उसे प्यार से पकड़ा देना ? फूफी की बात सुनकर मैं तो मस्त हो गयी। दूसरे दिन किसी ने दरवाजे की घंटी बजाई तो अम्मी बोली अरे खुशबू देखो तो कौन आया है भोसड़ी का ? मैं समझ गयी की अम्मी पर फूफी की बात का असर हो गया है। मैंने कहा अरे अम्मी बिजली वाला है ? अम्मी बाहर आयीं और बोली मादर चोद, भोसड़ी के, माँ के लौड़े तुझे कल बुलाया था और तू आज आ रहा है। हम लोग रात भर अँधेरे में ही अपनी गांड मरातीं रही। साले हरामी तेरी बहन का लन्ड ? अम्मी ने उसे आँख भी मार दी तो वह कुछ बोला नहीं।
अम्मी बोलती गई अबे चूत के पिस्सू तू रात भर अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाता रहा क्या ? अब खड़े खड़े अपना लन्ड क्यों हिला रहा है ? चल देख मीटर में क्या हो गया ? जल्दी से ठीक कर दे अभी मुझे अपनी झांटें बनानी हैं ? बिजली भी बन गयी और अम्मी का गालियां देने का मकसद भी पूरा हो गया क्योंकि उसे मालूम हो गया की मैंने उसकी गालियां सुन ली हैं। अगले दिन अम्मी आँगन में बैठी सब्जी काट रही थी। मैंने अंदर से अपनी दोस्त को फोन लगाया और कहा तुम मुझे फोन करो। फिर फोन मैंने अम्मी के बगल में रख दिया। फोन की घंटी बजी तो मैं बोली - अरे अदीबा तू भोसड़ी की कल कहाँ थीं,,,,,,,,,? मैं तेरा इंतज़ार कर रही थी ,,,,,,,,,,,,,? तू बड़ी चालक है बहन चोद। तेरी माँ का भोसड़ा ,,,,,,,,,? अब मैं तेरी माँ चोदूँगी ,,,,,,,,, मेरी तो गांड फटी जा रही थी और तू वहां सिनेमा देखने चली गयी ,,,,,, ? सिनेमा नहीं तू साहिल का लन्ड हिलाने गयी होगी,,,,,,, ? मैं सब जानती हूँ। अब कल मैं तेरी गांड मारूंगी।
मैंने फोन रखा तो अम्मी ने मेरी पीठ थपथपायी और बोली अच्छा किया बेटी खुशबू। ऐसे ही सबकी गांड मारनी चाहिए तभी काम चलता है।
दूसरे दिन मेरी भाभी सामिया आ गयी। मौका पाकर भाभी को सारी बातें बता दीं और खुल कर कहा भाभी मेरी अम्मी चाहतीं हैं की मेरी बहू अपनी सास का भोसड़ा चोदे और सास अपनी बहू की बुर चोदे। वह खुलकर आपस में चोदा चोदी करना चाहती हैं। अम्मी को लन्ड का बेहद शौक है। उसे हर दिन एक नया लन्ड चाहिए। वह बोली तो इसमें तुम भी रहोगी न मेरी नन्द रानी ? मैंने कहा हां हां भाभी मैं भी रहूंगी। और सबके साथ खूब एन्जॉय करूंगी। वह बोली हां यार मुझे तो सबसे ज्यादा अपनी नन्द की बुर चोदने में आएगा। उससे ज्यादा मज़ा नन्द की माँ चोदने में आएगा। और हां सुनो मैं भी लन्ड की बहुत बड़ी दीवानी हूँ। मुझे लन्ड पेलना भी आता है लन्ड पेलवाना भी। मैं बहुत बड़ी बुर चोदी, मादर चोद छिनार औरत हूँ।
मेरी बात चीत हो जाने के बाद भाभी जान अम्मी से मिलीं। अम्मी समझ रही थी की बहू अभी भोली भाली है उसे ज़्यादा कुछ नहीं मालूम है। बस उसी रात को मैंनेअम्मी के कमरे की लाइट जलते हुए देखा। मैं चुपचाप गयी और झाँक कर देखने लगी। मैंने देखा की अम्मी अपने सारे कपड़े उतार कर किसी अनजान आदमी का लन्ड सहला रही है। मेरी नज़र जब लन्ड पर पड़ी तो मेरी चूत की आग एकदम से धधक उठी। मेरा मन हुआ की मैं लन्ड अम्मी से छीन लूँ। पर मैंने सब्र किया और भाभी को बुला लिया। भाभी ने जब अपनी सास को लन्ड चूमते और चाटते हुए देखा तो उसकी चूत भी गरम हो गयी। वह बोली नन्द रानी तेरी माँ बहुत बड़ी बुर चोदी है। उसकी भी चूत का हाल बेहाल होने लगा। वह फिर बोली तेरी माँ तो भोसड़ी की बड़ी चालू चीज है। मैं मन ही मन समझ गयी की अम्मी को मुझे लन्ड पकड़ाने की बड़ी जल्दी है। फिर क्या हम दोनों कमरे में घुस गयीं।
मैंने कहा हाय अम्मी ये क्या हो रहा है अकेले अकेले ? वह बोली हाय दईया देख नहीं हो मैं लन्ड चाट रही हूँ। और ये तेरी भाभी भी मुझे देख रही थे क्या ? तब तक भाभी बोली नहीं सासू जी मैं तो अपनी नन्द की माँ का भोसड़ा देख रही थी। अम्मी यह सुनकर बड़ी गद गद हो गईं। अम्मी बोली बहू तेरी नन्द की माँ चूत ? ले तू भी पकड़ के देख ले लन्ड ? अरे लन्ड तो हम सबको चाहिए न ? भाभी ने हाथ बढाकर लन्ड पकड़ लिया और उसे चाटने लगी। मैंने कहा अम्मी तेरी बुर चोदी बहू तो बड़ी बेशर्म निकली। वह बोली मेरी बहू मेरे मन की निकली ? तेरी तरह नहीं ? तू तो जाने कितना वक़्त लगा दिया अपनी माँ चुदाने में ? बहू को देखो अपनी सास का भोसड़ा चुदाने के लिए कैसे कूद पड़ी मैदान में ?
मैंने कहा तेरी बहू की बुर तो मैं चोदूंगी अम्मी ? इतना कह कर मैं कमरे के बाहर चली गयी। बस १० मिनट बाद मैं अपने कपड़े खोलकर एकदम नंगी नंगी अपने दो नंगे बॉय फ्रेंड्स के लन्ड पकड़े हुए कमरे में दाखिल हुई। मुझे देख कर अम्मी भी हैरान हो गयी और भाभी भी। लन्ड देख कर गांड फट गई उन दोनों की बहन चोद ?
अम्मी बोली हाय मेरी बुर चोदी खुशबू तू तो मुझसे भी आगे निकल गयी। तेरी माँ का भोसड़ा ? तब तक भाभी बोली हाय मेरी जान खुशबू तेरी भाभी की चूत बहन चोद ? आज तो इस कमरे में भूचाल आ जायेगा ? अब तो मैं भी चोदूंगी अपनी नन्द की माँ का भोसड़ा ? ऐसा कहकर भाभी ने एक लन्ड मेरे हाथ से ले लिया। दूसरा लन्ड अम्मी ने मेरे हाथ से लेते हुए कहा आज तो मैं भी चोदूंगी अपनी बिटिया की बुर और बहू की मस्तानी चूत ? मैंने अम्मी के हाथ से लन्ड लिया और बोली अब मैं भी ठोंकूंगी सबकी चूत में लन्ड ?
बस फिर क्या माहौल एकदम सेक्सी बन गया और पूरा घर बन गया रंडी खाना। हम तीनो के हाथ में एक एक लन्ड ? हम तीनो नंग धड़ंग और तीनो मरद नंग धड़ंग ? मस्ती ही मस्ती, मज़ा ही मज़ा, ऐस ही ऐस ? हम तीनो मिलकर ऐय्यासी की माँ चोदने लगीं। मैंने लन्ड भाभी के मुंह में पेल दिया, भाभी ने लन्ड अम्मी के मुंह में घुसा दिया, और अम्मी ने लन्ड मेरे मुंह में ठूंस दिया। हम तीनो एक दूसरे को देखती हुई मस्ती से चूसने लगीं लन्ड। उसके बाद शुरू हो गयी पेला पेली और चोदा चोदी। मैंने भाभी की चूत में लन्ड घुसेड़ दिया, भाभी ने अम्मी की चूत पेला और अम्मी ने लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया। हम तीनो एक दूसरे को देख देख कर चुदवाने लगीं। दूसरे की चुदाई की नक़ल करने लगीं। थोड़ी मस्ती सूझी तो सब आपस में गाली गलौज का मज़ा लेने लगीं।एन्जॉय करने लगीं।
अम्मी बोली - देखा बहू कैसे तेरी नन्द अपनी माँ चुदवा रही है भोसड़ी वाली ?
बहू बोली - हां सासू जी तुम सही कह रही हो। और इधर देखो तेरी बेटी कितनी मस्ती से अपनी भाभी की बुर में लन्ड पेल रही बुर चोदी ? इसकी तो मैं किसी दिन गांड मारूंगी।
मैंने कहा - अम्मी तेरी बहू माँ की लौड़ी बड़ी छिनार है। देखो कितनी मस्ती से अपनी नन्द की बुर चुदवा रही है और अपनी सास का भोसड़ा ? इसे तो रत्ती भर भी शर्म नहीं आती, बहन चोद ? हम लोग इसी तरह से खूब चुदाई करवाने लगीं खूब ऐय्यासी करने लगीं।
एक दिन मेरा ससुर आ गया उसके साथ एक और आदमी था। वह बोला खुशबू बहू ये मेरा दोस्त नादिर है। इसे कोई इस शहर में काम है इसलिए मेरे साथ चला आया। मैंने कहा अरे ससुर जी मेरा जीजा अजमल क्या तुम्हारा दोस्त है ? वह बोला हां हां बहू वो तो मेरा पक्का दोस्त है ? मैंने कहा हाय दईया तब तो तुम भी मेरे जीजू हुए ससुर जी। वह हंस पड़ा और बोला तब तो बड़ी अच्छी बात है ? अब तुम बहू से साली बन गयी हो, खुशबू । मैंने कहा अब तो मैं तेरी बहन की बुर चोदूँगी जीजू ? वह मेरी बात सुनकर हैरान हो गया ? उसने कहा ठीक है साली जी चोद लेना पर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,? मैंने कहा पर क्या ? पहले ये बताओ की मेरे जीजू से तेरी कितनी गहरी दोस्ती है ? सच सच बताना नहीं तो मैं तेरी गांड मारूंगी ? मेरे पास मेरी अम्मी और भाभी दोनों बैठी थीं। वह बोला खुशबू साली जी मैं सच बता रहा हूँ मेरी दोस्ती तेरे जीजू से इतनी गहरी है की मैं उसकी बीवी चोदता हूँ और वो मेरी बीवी चोदता है ?
मैंने हाय अल्ला, मेरी सास मेरे जीजू से चुदवाती है ? तब तक अम्मी बोली हाय दईया तब तो मैं भी तेरे ससुर चुदवाऊँगी बेटी ? ये तो भोसड़ी का मेरे मन का निकला ? अम्मी ने पूंछा ये तेरा नादिर दोस्त कैसा है ? वह बोला मैं इसकी भी बीवी चोदता है और ये मेरी बीवी चोदता है ? मैंने कहा भोसड़ी के ससुर अब ये तेरे सामने तेरी बहू की बुर चोदेगा। ऐसा कह कर मैंने नादिर के लन्ड पर हाथ रख दिया। उधर अम्मी और भाभी मिलकर मेरे ससुर नावेद को नंगा करने लगीं। थोड़ी देर में वो मादर चोद नंगा हो गया और खड़ा हो गया उसका लन्ड ? इधर मैंने नादिर का लौड़ा भी नंगा कर दिया। दोनों लन्ड साले हिनहिनाने लगे। तब तक हम तीनो अपने अपने कपड़े खोल कर बहन चोद हो गयी पूरी नंगी। मैं नादिर का लन्ड चूसने लगी और वो दोनों मेरे ससुर का लन्ड ?
कुछ दिन बाद मैं अपनी ससुराल पहुंची। मेरी मुलाकात अपनी सास और नन्द से हुई। बात चीत में वो दोनों मुझे बहुत अच्छी लगीं। मुझे यकीन हो गया की मुझे यहाँ भी ऐय्यासी करने का मौक़ा मिलेगा। ससुर का लन्ड तो मैंने लेना शुरू कर ही दिया है और बाकी लोगों के लन्ड भी लूंगी तब आएगा ससुराल का असली आनंद ? रात को ११ बजे मेरी नन्द मेरे कमरे में आयी और बोली भाभी तुम्हे मेरे अब्बा का लन्ड कैसा लगा ? मैंने कहा तेरे अब्बा तो मुझे भी अच्छा अम्मी को भी। वह बोली हाय दईया उसका लौड़ा है ही ऐसा की सबको पसंद आ जाता है। मैं पूंछा की क्या तुम अपने अब्बा का लन्ड पकड़ती हो। वह बोली अरे भाभी यहाँ तुम्हे लन्ड की तो पूरी आज़ादी मिलेगी। चाहे जिसका लन्ड पकड़ो चाहे जिससे चुदवाओ कोई रोक टोक नहीं बहन चोद ? देखो न मेरा अब्बा मेरी सास का भोसड़ा चोदता है। मेरी नन्द की बुर लेता है। दोनों भोसड़ी की मेरे सामने भकाभक चुदवाती हैं। अच्छा भाभी तुम बैठो मैं अभी आती हूँ।
ऐसा कह कर वह बाहर गयी और ५ मिनट में फिर वापस आ गयी। इस बार उसकी चूंचियां खुली थीं। उसके पीछे एक आदमी था। वह मेरे सामने आयी और उस आदमी की लुंगी खोल कर फेंक दी। वह एकदम नंगा हो गया। उसका लन्ड आधा टन टनाया हुआ था। मेरी नन्द ने कहा भाभी ये है भोसड़ी का मेरा ससुर ? और ये है इसका मस्ताना लन्ड ? लो पकड़ो इसे और पेलो अपनी चूत में भाभी ? मेरा ससुर मुझे चोदता है मेरी माँ का भोसड़ा चोदता है और अब ये मेरी भाभी की बुर भी चोदेगा। मैंने बड़े मन से पकड़ लिया लन्ड । लन्ड साला और उछल पड़ा। मैं जान गयी की मेरी नन्द बड़ी चुदक्कड़ है। मेरी सास भी चुदक्कड़ है इसलिए मुझे यहाँ लन्ड की कमी महसूस नहीं होगी। मेरी नन्द बोली भाभी तुम चिंता न करना मैं तेरी चूत में लन्ड पे लन्ड पेलती रहूंगी। मैं चुदवाती रहूंगी तेरी चूत और तेरी माँ का भोसड़ा भी।
तब तक मेरे कमरे में ससुर की बहन भी आ गयी। नन्द बोली भाभी ये मेरी फूफी है इसकी चूत चोदने का ठेका मैंने लिया है। मैंने कहा नन्द रानी आज से मैं चोदा करूंगी अपने ससुर की बहन की बुर...
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