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उधर सारे मरद चूंचियां मसलने में जुट गये - Chuchiyan Chuso Maslo aur dabaao maje karo
उधर सारे मरद चूंचियां मसलने में जुट गये - Chuchiyan Chuso Maslo aur dabaao maje karo , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
एक दिन मेरी खाला बैठी हुई मुझसे बातें कर रहीं थीं। मैं भी बड़े अच्छे मूड में थी और खाला भी। धीरे धीरे इधर उधर की बातें करने के बाद हम लोग चोदा चोदी पर आ गयीं। अपनी अपनी सुहागरात की बातें भी करने लगीं जबकि खाला मुझे बहुत बड़ी हैं लेकिन उसे मुझसे खुल कर बात करने से कोई परहेज नहीं है। वह बोली सच्ची बताऊं रुबीना मैंने अपनी सुहागरात में पहले तो अपने शौहर से चुदवाया लेकिन फिर रात के चौथे पहर पर अपने देवर से चुदवा लिया । इसमें मेरी मदद मेरी नन्द ने किया था। तभी से मुझे पराये मरद के लन्ड का चस्का लग गया। और हकीकत यह हैं की मैं आज भी पराये मरद के लन्ड के फ़िराक में रहती हूँ। मैंने कहा हां खाला जान गैर मरद के लन्ड का मज़ा ही अलग होता है। मैं तो शादी के पहले भी कई लड़कों से चुदवाती थी और शादी के बाद भी कई मर्दों से चुदवाती हूँ। बड़ा मज़ा आता है यार। इसका असली कारण यह है की हर मरद का लन्ड अलग अलग होता है और उसकी चुदाई भी अलग अलग होती है इससे चूत को भर पूर मज़ा मिलता है। खाला जान बोली एक बात बताऊँ रुबीना ? यह मैंने अपनी आँखों से देखा की मेरी दीदी यानी तेरीअम्मी भी गैर मर्दों से चुदवाती हैं पर छुप छुप कर ही चुदवाती हैं।
मैंने कहा तुम अम्मी की बात कर रही हो यार ? अम्मी की बहन की चूत। अम्मी की बिटिया की बुर, बहन चोद ? मुझे छुप छुपकर चुदवाना बिलकुल पसंद नहीं ? अरे यार मस्ती करनी है तो फिर डर किस बात का ? अब देखो न अम्मी छुप छुप कर दूसरों से चुदवाती हैं, तुम भी छुप कर पराये मर्दों से चुदवाती हो, मेरी भाभी भी गैर मर्दों से छुप छुप कर चुदवाती हैं। मेरा कहना है की जब हर कोई गैर मरद के लन्ड का मज़ा ले रही है तो फिर मिलकर लो न मज़ा ? छुप चुप कर मज़ा लेने से क्या फायदा ? मिलकर एक साथ चुदवाने में क्या गांड फटती है सबकी ? अब देखो खाला मैंने आज तक तुम्हे अपने सामने नंगी नहीं देखा ? तेरी चूंचियां तेरी चूत तक नहीं देखी ? तुमने भी मेरी चूत, मेरी गांड, मेरी चूंचियां नन्ही देखी लेकिन हम सब मादर चोद छुप छुप कर गैर मर्दों के लन्ड पेलती हैं अपनी अपनी चूत में ? मैं कहती हूं जब ऐसा ही करना है तो फिर आमने सामने करो न ? मैं तेरी चूत का लन्ड अपनी चूत मे पेलूँ और तुम मेरी चूत का लन्ड अपनी चूत में पेलो। तब देखो कितना मज़ा आता है ? खाला बोली हाय दईया तू तो बहुत अच्छी बात कर रही है। यह तो मैंने कभी सोंचा ही नहीं ? इसमें तो दुगुना क्या तिगुना मज़ा आएगा ?
खाला ने बताया की हां रुबीना मेरी बेटी भी छुप छुप कर गैरों से चुदवाती है यह बात मुझे अभी कुछ दिन पहले मालूम हुई है ? मैंने कहा अब सोंच लो अगर तेरी बेटी तेरे सामने चुदवाये और तुम उसके सामने चुदवाओ तो एक दूसरे के लन्ड का मज़ा मिलेगा न ? एक ही टाइम पर दो लन्ड का मज़ा मिलेगा न ? खाला बोली हां यार तू तो बिलकुल सही कह रही है ? तो कुछ करों न रुबीना। मैं तो तैयार हूँ तुम मेरी बेटी को बता दो उसे तैयार कर दो तो मज़ा आ जायेगा। तब तक मैं भी और लोगों से बात करती हूँ। पर हां ये बताओ की की यह आइडिया तेरे दिमाग में आया कैसे ? इससे पहले की मैं खाला को जबाब देती, मेरी फूफी जान भी आ गयीं।
फूफी बोली हाय अल्ला, ये बात तो मेरे मन में बहुत दिनों से है लेकिन मैं किसी से कह नहीं सकी। सच बताऊँ मैं देखना चाहती हूँ की मेरी भाभी कैसे चुदवाती हैं ? मेरी दीदी कैसे चुदवाती हैं ? मेरी बहू, मेरी बेटी कैसे चुदवाती है। सुना है कि चुदाने के कई तरीके होतें हैं लेकिन मैं भोसड़ी की कुछ जानती है नहीं ? अगर जानती होती तो अब तक तरह तरह ढंग से चुदवाकर मज़ा लेती होती । और हां यह बात सही है की छुप छुप कर क्या चुदाना ? एक दिन मेरी बेटी भी किसी से बात कर रही थी और बता रही थी की मैं तो हमेशा ग्रुप में ही चुदवाती हूँ। अगर वह बुर चोदी सबके साथ सामूहिक चुदाई कर सकती है तो फिर हम क्यों नहीं ? अब हम लोग इतनी उम्र की अभी नहीं हुई हैं। अभी तो हम लोग जवान ही हैं। मैं तो कहती हूँ की मैं चुदवाने में अपनी बेटी से मुकाबला कर सकती हूँ। मेरी चूत अभी बड़ी टाइट है बेटी रुबीना ? फूफी की बात मुझे बड़ी अच्छी लगी। मैंने कहा फूफी अब किसी हम सब एक दूसरे की चूत में लन्ड पेलेगीं इसके लिए तुम तैयार रहो और अपनी चूत को तैयार कर लो। शर्माना नहीं और न झिझकना खास तौर से अपने बेटी के आगे।
वह बोली मेरी बेटी की माँ की चूत ? मैं बिलकुल नहीं शर्माउंगी। मैं चोद डालूँगी उसके सामने उसकी माँ का भोसड़ा ? खाला ने कहा चलो हम तीन तो गयीं एक साथ चुदवाने वाली ? पर हां अब वो बात बताओ की तुमको आइडिया कैसे आया ? मैंने कहा खाला जान मैं जब अपनी ससुराल गयी तो मेरी सास और नन्द दोनों मेरे मन की मिल गयीं। मैं उन दोनों से खूब खुल कर बातें करने लगी। मुझे यकीं हो गया की मैं मस्ती से दिन गुज़ारूँगी यहाँ। उसके बाद तो मेरी नन्द मुझसे खुल कर चोदा चोदी की बातें करने लगी और अपनी सुहागरात की बातें बताने लगी। उसे बताया की मैंने अपनी सुहागरात में ही तीन तीन लन्ड पेला अपनी चूत में ? तब से मैं खुल्लम खुल्ला ग़ैर मर्दों से चुदवाने लगी। मैंने तो दांतो तले ऊँगली दबा ली। मैंने ठान लिया की अब मैं इससे चुदाई में मदद लेती रहूंगी। उसी रात को १२ बजे वह मेरे कमरे में अकेली एकदम नंगी नंगी आ गयी। मैंने तो उसे देख कर हैरान हो गयी। मगर उसकी चूंचियां, उसकी चूत और उसकी गांड देख कर मुझे बड़ा मज़ा आया। वह बोली भाभी मैं तेरी बुर लेने आयी हूँ। मैं हंस पड़ी। मैंने बोली अरी मेरी नन्द रानी बुर लेने के लिए लन्ड चाहिए लन्ड ? बिना लन्ड के कैसे तू मेरी बुर लेगी ? उसने ताली बजाई तो दो लकड़े नंगे नंगे अपना अपना लन्ड खड़ा किये मेरे कमरे में घुस आये। वह बोली भाभी जिनको बुर लेना होता है वो लन्ड अपने साथ लेकर चलतीं हैं। अब ये लन्ड तेरी बुर लेगें भाभी।
मैंने कहा पहले ये बताओ की ये हैं कौन और तेरे साथ इनका क्या रिस्ता है ? वह बोला एक मेरा देवर है और दूसरा उसका दोस्त । यानी साहिर और अजमल ? साहिर वह लड़का है जिसने मुझे मेरी सुहागरात के दूसरे ही दिन चोदा था। इसका लन्ड मुझे बड़ा पसंद आया तो वह बोला भाभी एक मेरा दोस्त है उसका लन्ड मेरे लन्ड से बेहतर है। कहो तो मैं उसे बुला लूँ किसी दिन। मैंने हां कर दी। तो वह दूसरे ही दिन उसे बुला लाया। मैंने जब इसका लन्ड देखा तो मस्त हो गयी। मेरे देवर के लन्ड से बड़ा लन्ड पाकर मैं अपने आपको नसीबवाली मानने लगी। फिर मैंने दोनों से खूब चुदवाया। बाद में मुझे मालूम हुआ की वो दोनों साले भोसड़ी के एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। अब आज तुम भी इन दोनों से खूब चुदवाओ रुबीना भाभी ? तब तक पीछे से किसी ने कहा दोनों से नहीं अब तुम इन तीनो से चुदवाओ मेरी बहू रानी। मैं देखना चाहती हूँ की तुम कैसे चुदवाती हो ? ये तेरी बुर चोदी नन्द है न ये तो अपनी माँ का भोसड़ा खूब चुदवाती है अब आज से अपनी भाभी की बुर भी चुदवाया करेगी। इसी तरह मैं भी अपनी बिटिया की बुर चुदवाती हूँ पर आज से मैं अपनी बहू की बुर भी चुदवाया करुँगी। तब मेरे भी मुंह से निकल पड़ा सासू जी मैं भी अपनी नन्द की बुर चोदूंगी और चोदूंगी अपनी सास का भोसड़ा ? मेरी बात पर वो दोनों ताली बजा बजा कर हंसने लगी।
सच खाला मुझे उस रात उन दोनों के साथ चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। मैंने भी वही तीनो लन्ड एक एक करके अपनी सास और नन्द की बुर में पेला तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आया। तब मुझे मालूम हुआ की अपनी बुर चुदवाने से ज्यादा मज़ा दूसरे की बुर चुदवाने में आता है ? जितना मज़ा अपनी चूत में लन्ड पेलने में आता है उतना मज़ा दूसरे की चूत में लन्ड पेलने में भी आता है। खाला जब मैं किसी दिन तेरी चूत में लन्ड पेलूंगी और तुम मेरी चूत में लन्ड पेलोगी तब देखना कितना मज़ा आएगा ? खाला बोली हाय रे रुबीना मुझे तेरी बातें सुनकर बड़ा मज़ा आ रहा है। मेरी चूत तो ससुरी अभी से गीली हो गयी है। अब जल्दी करो और चोदो मेरी बुर ? मेरा मन हो रहा है की मेरी बेटी भी मेरी बुर चोदे और मैं उसकी बुर चोदूं। मैंने यही तो फूफी भी चाहती है ? मैंने कहा खाला तुम चिंता न करो मैं तेरी बेटी को तैयार करती हूँ। नहीं मानेगी तो मैं उसकी माँ चोद दूँगी ? खाला मुस्करा पड़ीं
मैंने एक दिन खाला की बेटी हिना को बुलाया और उससे खुल कर बात करने लगी। मैंने कहा यार हिना आजकल लड़कियां अपनी माँ चुदवाती है यह बात तझे मालूम है की नहीं ? वह बोली हां बिलकुल मालूम है। मेरी कई सहेलियां अपनी माँ चुदाने की बातें करतीं हैं। और तो और अभी जब मैं शादी के बाद ससुराल गयी तो मुझे मालूम हुआ की मेरी नन्द अपनी माँ चुदवाती है। उसने मुझे भी चुदाई के सहमी किया तो ज़न्नत का मज़ा आया यार ? मैंने पूंछा कभी तूने अपनी माँ चुदाने के बारे में सोंचा। उसने जबाब दिया यार बहुत बार सोंचा लेकिन अम्मी ने कोई लिफ्ट ही मारी। मैंने कहा भोसड़ी की तू अम्मी की बात कर रही है। अम्मी तो पुराने ज़माने की लड़की हैं। तू तो मादर चोद आज के ज़माने की लड़की है। तुझे पहल करनी चाहिए। अच्छा सुन मैंने खाला से बात कर ली है। तू जल्दी से कोई लन्ड ढूंढ ले जिसे तू अपनी माँ के भोसड़ा में पेलेगी क्योंकि अगले शनिवार को तेरी अम्मी तेरी चूत में लन्ड पेलेगी वह भी सबके सामने ? वह बोली हाय दईया तू सच कह रही है रुबीना ? मैं तो इसी दिन का इंतज़ार कर रही हूँ।
उधर फूफी की बेटी रिदा तो तैयार ही बैठी थी। हम तीनो ने शनिवार को माँ चुदाने का प्लान बना लिया। तय यह किया गया की घर का कोई बहन चोद मरद नहीं होगा। सब बाहर के मरद बुलाये जायेगें। और चुदाई दिन में होगी रात में नहीं। क्योंकि दिन में घर के मरद सब साले अपने अपने काम पर चले जातें हैं. शनिवार को ११ बजे का टाइम रखा गया जब तीनो अम्मियों की चूत चोदी जाएगी। लेकिन जाने कैसे और कहाँ से इसकी खबर खाला को लग गयीं। खाला ने अम्मी को बता दिया और अम्मी ने फिर फूफी को भी बुला लिया और बोलीअरी सुनो नन्द रानी मुझे मालूम हुआ है की हमारी बेटियांअपनी माँ चुदाने का प्लान बना रहीं हैं। वो तीन की तीनो अपनी अपनी माँ के भोसड़ा में पेलेगीं लन्ड ? फूफी बोली इन बेटियों की माँ की चूत ? ये क्या हम लोगों से ज्यादा तेज हैं ? हम भी उनकी चूत में घुसेड़ देगीं लन्ड ? हमें भी लन्ड पेलना आता है। हमें भी बुर चोदना आता है। मैं अभी २/३ लन्ड का इंतज़ाम कर लेती हूँ। तब तक खाला बोली नहीं यार लन्ड बाहर के होंगें घर के नहीं। सुना है की यह चुदाई दिन में होने वाली है रात में नहीं।
फूफी ने कहा ठीक है मैं एक नये मरद को बुला लेती हूँ जिसका लन्ड मैंने भी अभी तक नहीं पकड़ा है। खाला बोली हां मैं भी अपने नंदोई के दोस्त को बुला लेती हूँ। अम्मी ने कहा मैं अपनी सहेली के शौहर को बुला लेती हूँ जिसका लौड़ा मैंने कभी नहीं देखा पर सुना बहुत कुछ है।
शनिवार को हमने पूरा इंतज़ाम कर लिया और फिर अम्मी को खाला को और फूफी को बुला लिया। इन तीनो ने देखा की फर्श पर गड्ढे बिछे हुए हैं मसनद पड़ी हुई है। तौलियां रखी हुई हैं। नैपकीन रखी हुई हैं और साथ में चुदाई का सारा इंतज़ाम किया हुआ है। ३/४ पोस्टर लिखे हुए टंगे थे जिनमे लिखा था -
"रुबिया की माँ का भोसड़ा" "शबाना की माँ की चूत" "नज़राना की माँ की बुर" और एक में लिखा है "माँ चुदाओ - मौज़ उड़ाओ"
उन तीनो के चेहरे खिल उठे। वो समझ गयी आज बेटियों ने अपनी अपनी माँ चुदाने का प्लान बनाया है। वहाँ थे तीन मस्त जवान लड़के। मैंने उनका सबसे परिचय करवाया। मैंने कहा ये हैं लतीफ़, मजीद और शरीफ। ये सब नये लड़के हैं। हमने कभी इन्हें नंगे नहीं देखा लेकिन इनके लन्ड के बारे में बहुत कुछ सुना है। आज हमने तीनो को अपनी अपनी माँ चुदाने के लिए बुलाया है। आज हम तीनो में एक कम्पटीशन है की कौन कितनी अच्छी तरह से माँ चुदा लेती है ? हमारी बातें सुनकर तीनो अम्मियां हंसने लगी और बोली क्या तुम समझती हो की सिर्फ तुम लोगों के बीच ही काम्पटीसन है ? हम लोगों के बीच नहीं है ? हमें भी काम्पटीसन करना है। हम भी देखना चाहती हैं की कौन कितनी बेहतर तरीके अपनी बेटी चुदवाती है ?
ऐसा कह कर खाला ने भी तीन पोस्टर निकाला और उन्हें दिवार पर लगा दिया। उनमे लिखा था -
"शबाना की बिटिया की बुर" "फरीदा की बिटिया की चूत" "नज़राना की बिटिया का भोसड़ा "
और एक में लिखा था - बेटियां चोदो - लन्ड पेलो दो दो ?
तब तक तीन आदमी कमरे में आ गये। अम्मी ने कहा ये है असलम मेरी सहेली का शौहर। इसका लन्ड मैंने अभी तक देखा नहीं है। अब हमसे पहले ये बेटियां देखेंगीं इसका लन्ड ? खाला ने कहा ये है रहमत मेरे नंदोई का दोस्त। मैंने भी इसका लन्ड नहीं देखा अब तुम लोग देखोगी इसका लन्ड ? फूफी बोली ये है मसूद मेरे मोहल्ले का मस्त आदमी ? आज पहली बार हम सब इसका लन्ड देखेंगीं। इन बातों से कमरे का माहौल बड़ा सेक्सी और रंगीन हो गया। एक तरफ सबकी चूत चुलबुलाने लगी और दूसरी तरफ सबके लन्ड अंदर ही अंदर उछलने लगे। अब मर्दों को जल्दी थी लड़कियों को और औरतों को नंगी देखने की और लड़कियों / औरतों को जल्दी थी मर्दों को नंगा देखने की। मर्द हो या औरत सबके मन में लड़्डू फूट रहे थे।
तब तक मैंने अम्मी का हाथ पकड़ा और लतीफ़ के लन्ड पर रख दिया। हिना में मजीद के लन्ड पर अपनी अम्मी का हाथ रख दिया। उधर रिदा ने अपनी अम्मी का हाथ शरीफ के लन्ड पर रखा। वो सब ऊपर से लन्ड दबा दबा कर अनुमान लगाने लगी की किसका लन्ड कितना बड़ा है ? मगर लन्ड खोलने के पहले अम्मी ने मेरा हाथ असलम के लन्ड पर रख दिया, खाला ने अपनी बेटी का हाथ रहमत के लन्ड पर रखा और फूफी ने अपनी बिटिया का हाथ पकड़ कर मसूद के लन्ड पर रख दिया। हम तीनो भी एक दूसरे को देख कर लन्ड ऊपर से सहलाने लगीं और उसे दबाने लगी। लन्ड चूँकि नये थे इसलिए सबकी उत्सुकता थी की उसे खोल कर देखा जाए ? फिर हमने उन लोगों के पैजामे के नाड़े खोले और अंदर हाथ डाल कर लन्ड पकड़ लिया। हम सब पैजामे के अंदर ही अंदर लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लन्ड पकड़ते ही उसके साइज का अंदाज़ा लग गया। यही काम हमारी अम्मियां भी करने लगीं।
इतने में लतीफ़, मजीद और शरीफ ने अम्मियों की चूँचियों पर हमला बोल दिया। उनके कपड़े खोलने लगे। ऐसा करने से उन्हें किसी ने रोका नहीं और तब देखते ही देखते अम्मी, खाला और फूफी तीनो बिना कपड़ों के सबके सामने खड़ी हो गयीं। हम सब लड़कियां उन्हें देख कर हंस पड़ी। तब तक उन तीनो ने भी हम लड़कियों के कपड़े उतार कर फेंक दिया। किसी ने कोई ऐतराज़ नहीं किया क्योंकि मर्दों को इसीलिए बुलाया ही गया है। उसके बाद शुरू हुआ लन्ड खुलने का सिलसिला। सबसे पहले खाला ने मजीद का लौड़ा खोल कर बाहर निकाला। उसका लौड़ा सबने देखा और सब एक साथ बोलीं वाओ, इतना बड़ा लन्ड ! उसका लन्ड सबको पसंद आया। उसके बाद खुला शरीफ का लन्ड ? उसे देख कर सब बोली बाप रे बाप इतना मस्त लौड़ा। फिर फूफी उसे पकड़ कर हिलाने लगीं। फिर नंबर आया लतीफ़ के लन्ड का जिसे अम्मी ने खोल कर बाहर किया और उसे सबको दिखाती ही बोली लो देखो बुर चोदियों माँ का भोसड़ा चोदने वाला लन्ड ? अम्मी ने लन्ड पकड़ कर कस के हिलाने लगीं और उसके पेल्हड़ थाम लिया।
तब तक इधर मेरे हाथ में असलम अंकल का लन्ड कुलाचें भरने लगा। हिना बड़े प्यार से रहमत का लन्ड चूमकर उसे सहलाने लगी और फिर रिदा भी मसूद का लन्ड हिला हिला कर मस्ती मारने लगी। उसे कई बार चूमा और फिर जबान निकाल कर चाटने लगी लन्ड । अब कमरे में ६ लन्ड और ६ चूत सबकी आँखों के सामने थीं। सबकी नज़ारे सबके लन्ड, सबकी चूत, सबकी चूंची और सबकी गांड पर घूमने लगीं। माहौल में गर्मी छा गयी और सब की सब मादर चोद लन्ड चाटने चूसने लगीं। लन्ड मिला तो सबको ऐसा लगा की जैसे कोई बहुत बड़ी नियामत मिल गयी है। उधर सारे मरद चूंचियां मसलने में जुट गये।
करीब १० मिनट तक यह ब्लो जॉब चलता रहा। इसके बाद मैं उठी और मजीद का लन्ड छीन कर खाला की चूत में घुसेड़ दिया और कहा हिना आज मैं चुदाऊंगी तेरी माँ का भोसड़ा ? लन्ड साला गप्प से खाला की चूत में घुस गया। तब तक हिना आगे बढ़ी और उसने शरीफ का लन्ड पकड़ कर फूफी की चूत में पेल दिया और कहा ले देख बहन की लौड़ी रिदा मैं तेरी माँ की चूत चोद रही हूँ। रिदा को भी ताव आ गया। वह उठी और मेरे हाथ से लतीफ़ का लन्ड लिया उसे मेरी माँ के भोसड़ा में घुसाते हुए बोली रुबीना अब मैं चोदूँगी तेरी माँ की बुर ? लन्ड साला धच्च से अंदर घुस गया और अम्मी मजे से चुदवाने लगीं। हिना बोली यार बात तो अपनी अपनी माँ चुदाने की हो रही थी पर हम तीनो एक दूसरे की माँ चुदाने लगीं।
इन तीनो ने थोड़ी देर तक तो चुदवाया लेकिन फिर सबने पैंतरा बदला। फूफी ने रहमत का लन्ड पेल दिया हिना की चूत में और बोली यार अब तुम चोदो फरीदा की बिटिया की बुर ? लन्ड सरसराता हुआ अंदर घुसा तो हिना की चीख निकल पड़ी। तब तक खाला ने असलम का लन्ड घुसेड़ दिया मेरी चूत में और कहा तू भोसड़ी की सबकी नानी है यहाँ ? तूने ही सबकी माँ चोदने का प्लान बनाया है। आज मैं तेरी चूत का बना दूँगी भरता ? उसके बाद अम्मी ने मसूद का लन्ड हाथ में लिया, उसे थोड़ा हिलाया और रिदा की बुर में घुसेड़ दिया। लन्ड जैसे ही घुसा वैसे ही रिदा बोली उई माँ कितना मोटा लन्ड पेल दिया भोसड़ी वाली ने ? उसके बाद तो सब बेटियों की चूत चुदने लगी।
खाला बोली :- रुबीना मज़ा आ रहा है न तुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में ?
मैंने कहा :- अरे खाला जान मज़ा तो तुझे भी खूब आ रहा है अपनी बिटिया की बुर चुदाने में ?
फूफी बोली :- मुझे मालूम था की मेरी बेटी गैर मर्दों से चुदवाती है मगर आज मालूम हुआ की वह कितनी अच्छी तरह से चुदवाती है यार ?
हिना बोली :- मैं तो चाहती ही थी की किसी दिन अपनी माँ चुदवाऊँ ? आज मौका मिला तो मज़ा आ गया। मेरी नन्द भोसड़ी की अपनी माँ चुदवाती है ? उसे देख कर मेरी इच्छा और बढ़ गयी थी।
रिदा ने कहा :- सच बताऊँ ? एक दिन मेरा मियां मुझे चोदते हुए बोला की यार रिदा मैं किसी दिन तेरी माँ की चूत चोदूंगा ? मेरा लन्ड साला तेरी माँ के नाम पर खड़ा हो जाता है। मैंने कहा मेरे राजा तू चिंता न कर एक दिन मैं खुद तेरा लन्ड अपनी माँ की चूत में पेल दूँगी। मैंने मन में कहा भोसड़ी के मैं भी एक दिन तेरे अब्बा का लन्ड अपनी चूत में पेलूंगी। सुना है की मेरे ससुर का लन्ड साला बड़ा मोटा है ?
मैंने कहा :- अरे हां यार अब अगले शनिवार को हम लोग अपने अपने मियां का लन्ड अपनी अपनी माँ की चूत में पेलेगीं और फिर एक दूसरे की माँ की चूत में पेलेगीं तब आएगा एक नया मज़ा ?
इसी तरह की बातें करती हुई हम सब खूब मस्ती से चुदवाने लगीं। प्लान यह बनाया गया की सब की चूत में सबके लन्ड घुसेड़े जायेगें इसलिए एक राउंड पूरा करने में समय लगेगा क्योंकि हर एक चूत बारी बारी से छै छै लन्ड चोदेगी ? चुदाई दिन मे ही होगी रात में नहीं। इसलिए यह चुदाई का सिलसिला २/३ दिन और चलेगा। फिर हर दिन एक नया मज़ा आता रहेगा।
एक दिन मेरी खाला बैठी हुई मुझसे बातें कर रहीं थीं। मैं भी बड़े अच्छे मूड में थी और खाला भी। धीरे धीरे इधर उधर की बातें करने के बाद हम लोग चोदा चोदी पर आ गयीं। अपनी अपनी सुहागरात की बातें भी करने लगीं जबकि खाला मुझे बहुत बड़ी हैं लेकिन उसे मुझसे खुल कर बात करने से कोई परहेज नहीं है। वह बोली सच्ची बताऊं रुबीना मैंने अपनी सुहागरात में पहले तो अपने शौहर से चुदवाया लेकिन फिर रात के चौथे पहर पर अपने देवर से चुदवा लिया । इसमें मेरी मदद मेरी नन्द ने किया था। तभी से मुझे पराये मरद के लन्ड का चस्का लग गया। और हकीकत यह हैं की मैं आज भी पराये मरद के लन्ड के फ़िराक में रहती हूँ। मैंने कहा हां खाला जान गैर मरद के लन्ड का मज़ा ही अलग होता है। मैं तो शादी के पहले भी कई लड़कों से चुदवाती थी और शादी के बाद भी कई मर्दों से चुदवाती हूँ। बड़ा मज़ा आता है यार। इसका असली कारण यह है की हर मरद का लन्ड अलग अलग होता है और उसकी चुदाई भी अलग अलग होती है इससे चूत को भर पूर मज़ा मिलता है। खाला जान बोली एक बात बताऊँ रुबीना ? यह मैंने अपनी आँखों से देखा की मेरी दीदी यानी तेरीअम्मी भी गैर मर्दों से चुदवाती हैं पर छुप छुप कर ही चुदवाती हैं।
मैंने कहा तुम अम्मी की बात कर रही हो यार ? अम्मी की बहन की चूत। अम्मी की बिटिया की बुर, बहन चोद ? मुझे छुप छुपकर चुदवाना बिलकुल पसंद नहीं ? अरे यार मस्ती करनी है तो फिर डर किस बात का ? अब देखो न अम्मी छुप छुप कर दूसरों से चुदवाती हैं, तुम भी छुप कर पराये मर्दों से चुदवाती हो, मेरी भाभी भी गैर मर्दों से छुप छुप कर चुदवाती हैं। मेरा कहना है की जब हर कोई गैर मरद के लन्ड का मज़ा ले रही है तो फिर मिलकर लो न मज़ा ? छुप चुप कर मज़ा लेने से क्या फायदा ? मिलकर एक साथ चुदवाने में क्या गांड फटती है सबकी ? अब देखो खाला मैंने आज तक तुम्हे अपने सामने नंगी नहीं देखा ? तेरी चूंचियां तेरी चूत तक नहीं देखी ? तुमने भी मेरी चूत, मेरी गांड, मेरी चूंचियां नन्ही देखी लेकिन हम सब मादर चोद छुप छुप कर गैर मर्दों के लन्ड पेलती हैं अपनी अपनी चूत में ? मैं कहती हूं जब ऐसा ही करना है तो फिर आमने सामने करो न ? मैं तेरी चूत का लन्ड अपनी चूत मे पेलूँ और तुम मेरी चूत का लन्ड अपनी चूत में पेलो। तब देखो कितना मज़ा आता है ? खाला बोली हाय दईया तू तो बहुत अच्छी बात कर रही है। यह तो मैंने कभी सोंचा ही नहीं ? इसमें तो दुगुना क्या तिगुना मज़ा आएगा ?
खाला ने बताया की हां रुबीना मेरी बेटी भी छुप छुप कर गैरों से चुदवाती है यह बात मुझे अभी कुछ दिन पहले मालूम हुई है ? मैंने कहा अब सोंच लो अगर तेरी बेटी तेरे सामने चुदवाये और तुम उसके सामने चुदवाओ तो एक दूसरे के लन्ड का मज़ा मिलेगा न ? एक ही टाइम पर दो लन्ड का मज़ा मिलेगा न ? खाला बोली हां यार तू तो बिलकुल सही कह रही है ? तो कुछ करों न रुबीना। मैं तो तैयार हूँ तुम मेरी बेटी को बता दो उसे तैयार कर दो तो मज़ा आ जायेगा। तब तक मैं भी और लोगों से बात करती हूँ। पर हां ये बताओ की की यह आइडिया तेरे दिमाग में आया कैसे ? इससे पहले की मैं खाला को जबाब देती, मेरी फूफी जान भी आ गयीं।
फूफी बोली हाय अल्ला, ये बात तो मेरे मन में बहुत दिनों से है लेकिन मैं किसी से कह नहीं सकी। सच बताऊँ मैं देखना चाहती हूँ की मेरी भाभी कैसे चुदवाती हैं ? मेरी दीदी कैसे चुदवाती हैं ? मेरी बहू, मेरी बेटी कैसे चुदवाती है। सुना है कि चुदाने के कई तरीके होतें हैं लेकिन मैं भोसड़ी की कुछ जानती है नहीं ? अगर जानती होती तो अब तक तरह तरह ढंग से चुदवाकर मज़ा लेती होती । और हां यह बात सही है की छुप छुप कर क्या चुदाना ? एक दिन मेरी बेटी भी किसी से बात कर रही थी और बता रही थी की मैं तो हमेशा ग्रुप में ही चुदवाती हूँ। अगर वह बुर चोदी सबके साथ सामूहिक चुदाई कर सकती है तो फिर हम क्यों नहीं ? अब हम लोग इतनी उम्र की अभी नहीं हुई हैं। अभी तो हम लोग जवान ही हैं। मैं तो कहती हूँ की मैं चुदवाने में अपनी बेटी से मुकाबला कर सकती हूँ। मेरी चूत अभी बड़ी टाइट है बेटी रुबीना ? फूफी की बात मुझे बड़ी अच्छी लगी। मैंने कहा फूफी अब किसी हम सब एक दूसरे की चूत में लन्ड पेलेगीं इसके लिए तुम तैयार रहो और अपनी चूत को तैयार कर लो। शर्माना नहीं और न झिझकना खास तौर से अपने बेटी के आगे।
वह बोली मेरी बेटी की माँ की चूत ? मैं बिलकुल नहीं शर्माउंगी। मैं चोद डालूँगी उसके सामने उसकी माँ का भोसड़ा ? खाला ने कहा चलो हम तीन तो गयीं एक साथ चुदवाने वाली ? पर हां अब वो बात बताओ की तुमको आइडिया कैसे आया ? मैंने कहा खाला जान मैं जब अपनी ससुराल गयी तो मेरी सास और नन्द दोनों मेरे मन की मिल गयीं। मैं उन दोनों से खूब खुल कर बातें करने लगी। मुझे यकीं हो गया की मैं मस्ती से दिन गुज़ारूँगी यहाँ। उसके बाद तो मेरी नन्द मुझसे खुल कर चोदा चोदी की बातें करने लगी और अपनी सुहागरात की बातें बताने लगी। उसे बताया की मैंने अपनी सुहागरात में ही तीन तीन लन्ड पेला अपनी चूत में ? तब से मैं खुल्लम खुल्ला ग़ैर मर्दों से चुदवाने लगी। मैंने तो दांतो तले ऊँगली दबा ली। मैंने ठान लिया की अब मैं इससे चुदाई में मदद लेती रहूंगी। उसी रात को १२ बजे वह मेरे कमरे में अकेली एकदम नंगी नंगी आ गयी। मैंने तो उसे देख कर हैरान हो गयी। मगर उसकी चूंचियां, उसकी चूत और उसकी गांड देख कर मुझे बड़ा मज़ा आया। वह बोली भाभी मैं तेरी बुर लेने आयी हूँ। मैं हंस पड़ी। मैंने बोली अरी मेरी नन्द रानी बुर लेने के लिए लन्ड चाहिए लन्ड ? बिना लन्ड के कैसे तू मेरी बुर लेगी ? उसने ताली बजाई तो दो लकड़े नंगे नंगे अपना अपना लन्ड खड़ा किये मेरे कमरे में घुस आये। वह बोली भाभी जिनको बुर लेना होता है वो लन्ड अपने साथ लेकर चलतीं हैं। अब ये लन्ड तेरी बुर लेगें भाभी।
मैंने कहा पहले ये बताओ की ये हैं कौन और तेरे साथ इनका क्या रिस्ता है ? वह बोला एक मेरा देवर है और दूसरा उसका दोस्त । यानी साहिर और अजमल ? साहिर वह लड़का है जिसने मुझे मेरी सुहागरात के दूसरे ही दिन चोदा था। इसका लन्ड मुझे बड़ा पसंद आया तो वह बोला भाभी एक मेरा दोस्त है उसका लन्ड मेरे लन्ड से बेहतर है। कहो तो मैं उसे बुला लूँ किसी दिन। मैंने हां कर दी। तो वह दूसरे ही दिन उसे बुला लाया। मैंने जब इसका लन्ड देखा तो मस्त हो गयी। मेरे देवर के लन्ड से बड़ा लन्ड पाकर मैं अपने आपको नसीबवाली मानने लगी। फिर मैंने दोनों से खूब चुदवाया। बाद में मुझे मालूम हुआ की वो दोनों साले भोसड़ी के एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। अब आज तुम भी इन दोनों से खूब चुदवाओ रुबीना भाभी ? तब तक पीछे से किसी ने कहा दोनों से नहीं अब तुम इन तीनो से चुदवाओ मेरी बहू रानी। मैं देखना चाहती हूँ की तुम कैसे चुदवाती हो ? ये तेरी बुर चोदी नन्द है न ये तो अपनी माँ का भोसड़ा खूब चुदवाती है अब आज से अपनी भाभी की बुर भी चुदवाया करेगी। इसी तरह मैं भी अपनी बिटिया की बुर चुदवाती हूँ पर आज से मैं अपनी बहू की बुर भी चुदवाया करुँगी। तब मेरे भी मुंह से निकल पड़ा सासू जी मैं भी अपनी नन्द की बुर चोदूंगी और चोदूंगी अपनी सास का भोसड़ा ? मेरी बात पर वो दोनों ताली बजा बजा कर हंसने लगी।
सच खाला मुझे उस रात उन दोनों के साथ चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। मैंने भी वही तीनो लन्ड एक एक करके अपनी सास और नन्द की बुर में पेला तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आया। तब मुझे मालूम हुआ की अपनी बुर चुदवाने से ज्यादा मज़ा दूसरे की बुर चुदवाने में आता है ? जितना मज़ा अपनी चूत में लन्ड पेलने में आता है उतना मज़ा दूसरे की चूत में लन्ड पेलने में भी आता है। खाला जब मैं किसी दिन तेरी चूत में लन्ड पेलूंगी और तुम मेरी चूत में लन्ड पेलोगी तब देखना कितना मज़ा आएगा ? खाला बोली हाय रे रुबीना मुझे तेरी बातें सुनकर बड़ा मज़ा आ रहा है। मेरी चूत तो ससुरी अभी से गीली हो गयी है। अब जल्दी करो और चोदो मेरी बुर ? मेरा मन हो रहा है की मेरी बेटी भी मेरी बुर चोदे और मैं उसकी बुर चोदूं। मैंने यही तो फूफी भी चाहती है ? मैंने कहा खाला तुम चिंता न करो मैं तेरी बेटी को तैयार करती हूँ। नहीं मानेगी तो मैं उसकी माँ चोद दूँगी ? खाला मुस्करा पड़ीं
मैंने एक दिन खाला की बेटी हिना को बुलाया और उससे खुल कर बात करने लगी। मैंने कहा यार हिना आजकल लड़कियां अपनी माँ चुदवाती है यह बात तझे मालूम है की नहीं ? वह बोली हां बिलकुल मालूम है। मेरी कई सहेलियां अपनी माँ चुदाने की बातें करतीं हैं। और तो और अभी जब मैं शादी के बाद ससुराल गयी तो मुझे मालूम हुआ की मेरी नन्द अपनी माँ चुदवाती है। उसने मुझे भी चुदाई के सहमी किया तो ज़न्नत का मज़ा आया यार ? मैंने पूंछा कभी तूने अपनी माँ चुदाने के बारे में सोंचा। उसने जबाब दिया यार बहुत बार सोंचा लेकिन अम्मी ने कोई लिफ्ट ही मारी। मैंने कहा भोसड़ी की तू अम्मी की बात कर रही है। अम्मी तो पुराने ज़माने की लड़की हैं। तू तो मादर चोद आज के ज़माने की लड़की है। तुझे पहल करनी चाहिए। अच्छा सुन मैंने खाला से बात कर ली है। तू जल्दी से कोई लन्ड ढूंढ ले जिसे तू अपनी माँ के भोसड़ा में पेलेगी क्योंकि अगले शनिवार को तेरी अम्मी तेरी चूत में लन्ड पेलेगी वह भी सबके सामने ? वह बोली हाय दईया तू सच कह रही है रुबीना ? मैं तो इसी दिन का इंतज़ार कर रही हूँ।
उधर फूफी की बेटी रिदा तो तैयार ही बैठी थी। हम तीनो ने शनिवार को माँ चुदाने का प्लान बना लिया। तय यह किया गया की घर का कोई बहन चोद मरद नहीं होगा। सब बाहर के मरद बुलाये जायेगें। और चुदाई दिन में होगी रात में नहीं। क्योंकि दिन में घर के मरद सब साले अपने अपने काम पर चले जातें हैं. शनिवार को ११ बजे का टाइम रखा गया जब तीनो अम्मियों की चूत चोदी जाएगी। लेकिन जाने कैसे और कहाँ से इसकी खबर खाला को लग गयीं। खाला ने अम्मी को बता दिया और अम्मी ने फिर फूफी को भी बुला लिया और बोलीअरी सुनो नन्द रानी मुझे मालूम हुआ है की हमारी बेटियांअपनी माँ चुदाने का प्लान बना रहीं हैं। वो तीन की तीनो अपनी अपनी माँ के भोसड़ा में पेलेगीं लन्ड ? फूफी बोली इन बेटियों की माँ की चूत ? ये क्या हम लोगों से ज्यादा तेज हैं ? हम भी उनकी चूत में घुसेड़ देगीं लन्ड ? हमें भी लन्ड पेलना आता है। हमें भी बुर चोदना आता है। मैं अभी २/३ लन्ड का इंतज़ाम कर लेती हूँ। तब तक खाला बोली नहीं यार लन्ड बाहर के होंगें घर के नहीं। सुना है की यह चुदाई दिन में होने वाली है रात में नहीं।
फूफी ने कहा ठीक है मैं एक नये मरद को बुला लेती हूँ जिसका लन्ड मैंने भी अभी तक नहीं पकड़ा है। खाला बोली हां मैं भी अपने नंदोई के दोस्त को बुला लेती हूँ। अम्मी ने कहा मैं अपनी सहेली के शौहर को बुला लेती हूँ जिसका लौड़ा मैंने कभी नहीं देखा पर सुना बहुत कुछ है।
शनिवार को हमने पूरा इंतज़ाम कर लिया और फिर अम्मी को खाला को और फूफी को बुला लिया। इन तीनो ने देखा की फर्श पर गड्ढे बिछे हुए हैं मसनद पड़ी हुई है। तौलियां रखी हुई हैं। नैपकीन रखी हुई हैं और साथ में चुदाई का सारा इंतज़ाम किया हुआ है। ३/४ पोस्टर लिखे हुए टंगे थे जिनमे लिखा था -
"रुबिया की माँ का भोसड़ा" "शबाना की माँ की चूत" "नज़राना की माँ की बुर" और एक में लिखा है "माँ चुदाओ - मौज़ उड़ाओ"
उन तीनो के चेहरे खिल उठे। वो समझ गयी आज बेटियों ने अपनी अपनी माँ चुदाने का प्लान बनाया है। वहाँ थे तीन मस्त जवान लड़के। मैंने उनका सबसे परिचय करवाया। मैंने कहा ये हैं लतीफ़, मजीद और शरीफ। ये सब नये लड़के हैं। हमने कभी इन्हें नंगे नहीं देखा लेकिन इनके लन्ड के बारे में बहुत कुछ सुना है। आज हमने तीनो को अपनी अपनी माँ चुदाने के लिए बुलाया है। आज हम तीनो में एक कम्पटीशन है की कौन कितनी अच्छी तरह से माँ चुदा लेती है ? हमारी बातें सुनकर तीनो अम्मियां हंसने लगी और बोली क्या तुम समझती हो की सिर्फ तुम लोगों के बीच ही काम्पटीसन है ? हम लोगों के बीच नहीं है ? हमें भी काम्पटीसन करना है। हम भी देखना चाहती हैं की कौन कितनी बेहतर तरीके अपनी बेटी चुदवाती है ?
ऐसा कह कर खाला ने भी तीन पोस्टर निकाला और उन्हें दिवार पर लगा दिया। उनमे लिखा था -
"शबाना की बिटिया की बुर" "फरीदा की बिटिया की चूत" "नज़राना की बिटिया का भोसड़ा "
और एक में लिखा था - बेटियां चोदो - लन्ड पेलो दो दो ?
तब तक तीन आदमी कमरे में आ गये। अम्मी ने कहा ये है असलम मेरी सहेली का शौहर। इसका लन्ड मैंने अभी तक देखा नहीं है। अब हमसे पहले ये बेटियां देखेंगीं इसका लन्ड ? खाला ने कहा ये है रहमत मेरे नंदोई का दोस्त। मैंने भी इसका लन्ड नहीं देखा अब तुम लोग देखोगी इसका लन्ड ? फूफी बोली ये है मसूद मेरे मोहल्ले का मस्त आदमी ? आज पहली बार हम सब इसका लन्ड देखेंगीं। इन बातों से कमरे का माहौल बड़ा सेक्सी और रंगीन हो गया। एक तरफ सबकी चूत चुलबुलाने लगी और दूसरी तरफ सबके लन्ड अंदर ही अंदर उछलने लगे। अब मर्दों को जल्दी थी लड़कियों को और औरतों को नंगी देखने की और लड़कियों / औरतों को जल्दी थी मर्दों को नंगा देखने की। मर्द हो या औरत सबके मन में लड़्डू फूट रहे थे।
तब तक मैंने अम्मी का हाथ पकड़ा और लतीफ़ के लन्ड पर रख दिया। हिना में मजीद के लन्ड पर अपनी अम्मी का हाथ रख दिया। उधर रिदा ने अपनी अम्मी का हाथ शरीफ के लन्ड पर रखा। वो सब ऊपर से लन्ड दबा दबा कर अनुमान लगाने लगी की किसका लन्ड कितना बड़ा है ? मगर लन्ड खोलने के पहले अम्मी ने मेरा हाथ असलम के लन्ड पर रख दिया, खाला ने अपनी बेटी का हाथ रहमत के लन्ड पर रखा और फूफी ने अपनी बिटिया का हाथ पकड़ कर मसूद के लन्ड पर रख दिया। हम तीनो भी एक दूसरे को देख कर लन्ड ऊपर से सहलाने लगीं और उसे दबाने लगी। लन्ड चूँकि नये थे इसलिए सबकी उत्सुकता थी की उसे खोल कर देखा जाए ? फिर हमने उन लोगों के पैजामे के नाड़े खोले और अंदर हाथ डाल कर लन्ड पकड़ लिया। हम सब पैजामे के अंदर ही अंदर लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लन्ड पकड़ते ही उसके साइज का अंदाज़ा लग गया। यही काम हमारी अम्मियां भी करने लगीं।
इतने में लतीफ़, मजीद और शरीफ ने अम्मियों की चूँचियों पर हमला बोल दिया। उनके कपड़े खोलने लगे। ऐसा करने से उन्हें किसी ने रोका नहीं और तब देखते ही देखते अम्मी, खाला और फूफी तीनो बिना कपड़ों के सबके सामने खड़ी हो गयीं। हम सब लड़कियां उन्हें देख कर हंस पड़ी। तब तक उन तीनो ने भी हम लड़कियों के कपड़े उतार कर फेंक दिया। किसी ने कोई ऐतराज़ नहीं किया क्योंकि मर्दों को इसीलिए बुलाया ही गया है। उसके बाद शुरू हुआ लन्ड खुलने का सिलसिला। सबसे पहले खाला ने मजीद का लौड़ा खोल कर बाहर निकाला। उसका लौड़ा सबने देखा और सब एक साथ बोलीं वाओ, इतना बड़ा लन्ड ! उसका लन्ड सबको पसंद आया। उसके बाद खुला शरीफ का लन्ड ? उसे देख कर सब बोली बाप रे बाप इतना मस्त लौड़ा। फिर फूफी उसे पकड़ कर हिलाने लगीं। फिर नंबर आया लतीफ़ के लन्ड का जिसे अम्मी ने खोल कर बाहर किया और उसे सबको दिखाती ही बोली लो देखो बुर चोदियों माँ का भोसड़ा चोदने वाला लन्ड ? अम्मी ने लन्ड पकड़ कर कस के हिलाने लगीं और उसके पेल्हड़ थाम लिया।
तब तक इधर मेरे हाथ में असलम अंकल का लन्ड कुलाचें भरने लगा। हिना बड़े प्यार से रहमत का लन्ड चूमकर उसे सहलाने लगी और फिर रिदा भी मसूद का लन्ड हिला हिला कर मस्ती मारने लगी। उसे कई बार चूमा और फिर जबान निकाल कर चाटने लगी लन्ड । अब कमरे में ६ लन्ड और ६ चूत सबकी आँखों के सामने थीं। सबकी नज़ारे सबके लन्ड, सबकी चूत, सबकी चूंची और सबकी गांड पर घूमने लगीं। माहौल में गर्मी छा गयी और सब की सब मादर चोद लन्ड चाटने चूसने लगीं। लन्ड मिला तो सबको ऐसा लगा की जैसे कोई बहुत बड़ी नियामत मिल गयी है। उधर सारे मरद चूंचियां मसलने में जुट गये।
करीब १० मिनट तक यह ब्लो जॉब चलता रहा। इसके बाद मैं उठी और मजीद का लन्ड छीन कर खाला की चूत में घुसेड़ दिया और कहा हिना आज मैं चुदाऊंगी तेरी माँ का भोसड़ा ? लन्ड साला गप्प से खाला की चूत में घुस गया। तब तक हिना आगे बढ़ी और उसने शरीफ का लन्ड पकड़ कर फूफी की चूत में पेल दिया और कहा ले देख बहन की लौड़ी रिदा मैं तेरी माँ की चूत चोद रही हूँ। रिदा को भी ताव आ गया। वह उठी और मेरे हाथ से लतीफ़ का लन्ड लिया उसे मेरी माँ के भोसड़ा में घुसाते हुए बोली रुबीना अब मैं चोदूँगी तेरी माँ की बुर ? लन्ड साला धच्च से अंदर घुस गया और अम्मी मजे से चुदवाने लगीं। हिना बोली यार बात तो अपनी अपनी माँ चुदाने की हो रही थी पर हम तीनो एक दूसरे की माँ चुदाने लगीं।
इन तीनो ने थोड़ी देर तक तो चुदवाया लेकिन फिर सबने पैंतरा बदला। फूफी ने रहमत का लन्ड पेल दिया हिना की चूत में और बोली यार अब तुम चोदो फरीदा की बिटिया की बुर ? लन्ड सरसराता हुआ अंदर घुसा तो हिना की चीख निकल पड़ी। तब तक खाला ने असलम का लन्ड घुसेड़ दिया मेरी चूत में और कहा तू भोसड़ी की सबकी नानी है यहाँ ? तूने ही सबकी माँ चोदने का प्लान बनाया है। आज मैं तेरी चूत का बना दूँगी भरता ? उसके बाद अम्मी ने मसूद का लन्ड हाथ में लिया, उसे थोड़ा हिलाया और रिदा की बुर में घुसेड़ दिया। लन्ड जैसे ही घुसा वैसे ही रिदा बोली उई माँ कितना मोटा लन्ड पेल दिया भोसड़ी वाली ने ? उसके बाद तो सब बेटियों की चूत चुदने लगी।
खाला बोली :- रुबीना मज़ा आ रहा है न तुझे अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में ?
मैंने कहा :- अरे खाला जान मज़ा तो तुझे भी खूब आ रहा है अपनी बिटिया की बुर चुदाने में ?
फूफी बोली :- मुझे मालूम था की मेरी बेटी गैर मर्दों से चुदवाती है मगर आज मालूम हुआ की वह कितनी अच्छी तरह से चुदवाती है यार ?
हिना बोली :- मैं तो चाहती ही थी की किसी दिन अपनी माँ चुदवाऊँ ? आज मौका मिला तो मज़ा आ गया। मेरी नन्द भोसड़ी की अपनी माँ चुदवाती है ? उसे देख कर मेरी इच्छा और बढ़ गयी थी।
रिदा ने कहा :- सच बताऊँ ? एक दिन मेरा मियां मुझे चोदते हुए बोला की यार रिदा मैं किसी दिन तेरी माँ की चूत चोदूंगा ? मेरा लन्ड साला तेरी माँ के नाम पर खड़ा हो जाता है। मैंने कहा मेरे राजा तू चिंता न कर एक दिन मैं खुद तेरा लन्ड अपनी माँ की चूत में पेल दूँगी। मैंने मन में कहा भोसड़ी के मैं भी एक दिन तेरे अब्बा का लन्ड अपनी चूत में पेलूंगी। सुना है की मेरे ससुर का लन्ड साला बड़ा मोटा है ?
मैंने कहा :- अरे हां यार अब अगले शनिवार को हम लोग अपने अपने मियां का लन्ड अपनी अपनी माँ की चूत में पेलेगीं और फिर एक दूसरे की माँ की चूत में पेलेगीं तब आएगा एक नया मज़ा ?
इसी तरह की बातें करती हुई हम सब खूब मस्ती से चुदवाने लगीं। प्लान यह बनाया गया की सब की चूत में सबके लन्ड घुसेड़े जायेगें इसलिए एक राउंड पूरा करने में समय लगेगा क्योंकि हर एक चूत बारी बारी से छै छै लन्ड चोदेगी ? चुदाई दिन मे ही होगी रात में नहीं। इसलिए यह चुदाई का सिलसिला २/३ दिन और चलेगा। फिर हर दिन एक नया मज़ा आता रहेगा।
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