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बिना लन्ड के कैसे अपनी माँ चुदवाऊँगी - Bina Land ke kaise Meri Maa chudwau
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एक बार मेरी अम्मी जान, मेरी खाला जान और मेरी फूफी जान बैठी हुई आपस में बातें कर रही थीं। बातें बड़ी अच्छी हो रहीं थीं, मजेदार हो रही थी और फिर मसाले दार होने लगीं। खुल कर बातें होने लगीं। बीच बीच में बहन चोद, मादर चोद, भोसड़ी की और बुर चोदी सब होने लगा। खूब हंसी मजाक होने लगी। बड़ी मस्ती छाने लगी और सबको मज़ा आने लगा। तीन की तीनो खूब हंस हंस के एन्जॉय करने लगीं।
इतने में खाला जान ने कहा :- आजकल इन बेटियों ने तो अपनी माँ चुदा चुदा के चूत का बना दिया है भोसड़ा ?
फूफी ने कहा :- हां यार तू बिलकुल ठीक कह रही है। मेरी बेटी पिछले दो साल अपनी माँ चुदा रही है। आये दिन अपने किसी न किसी बॉय फ्रेंड का लन्ड पेला करती है अपनी माँ की चूत में। अच्छा तो बहुत लगता है इसमें कोई शक नहीं पर सच्चाई यह है की चूत बुर चोदी फैलती जा रही है। बड़ी तेजी से मेरी चूत बनी जा रही है भोसड़ा। अभी मैं ४४ साल की ही हूँ और अभी से अगर मेरी चूत भोसड़ा बन गयी तो आगे क्या होगा ?
खाला जान ने फिर कहा :- यही हाल तो मेरा है यार। बल्कि थोड़ा ज्यादा ही है। मेरी दो बेटियां है और दोनों अपनी माँ चुदवाती हैं। किसी दिन बड़ी वाली अपने दोस्तों के लन्ड पेलती है मेरी चूत में दिन छोटी वाली अपने दोस्तों को ले आती है और वो भी लन्ड पेल देती है मेरी चूत में। मैं मना नहीं कर पाती ? जिसको मना करुँगी वही बुर चोदी मुंह फुला लेगी। मैं भी अभी ४५ साल की हूँ। मैं नहीं चाहती की मेरी चूत इतनी जल्दी भोसड़ा बन जाए ? मैं अपनी जवानी बरकरार रखना चाहती हूँ।
अम्मी ने क्या कहा यह बात मैं आपको बाद में बताऊंगी।
पहले एक बात सुन लो की मैं अम्मी से कैसे खुल गयी ? उस समय मैं १९/२० साल की हो गयी थी। मस्त जवान हो गयी थी और मुझे लन्ड की बहुत याद आने लगी। लन्ड पकड़ने की इच्छा बहुत बढ़ गयी। रात में सपने में भी लन्ड आने लगे। धीरे धीरे मैंने कॉलेज के कुछ लड़कों को पटाया और उनके लन्ड पकड़ने लगी। सिनेमा हाल में जाकर लन्ड पकड़ने लगी। फिर कॉलेज में इधर उधर छुप कर, या फिर बाथ रूम में जाकर लन्ड पकड़ने लगी। मैंने लड़कों को बुरका पहना कर टॉयलेट ले जाने लगी और वहां लन्ड पकड़ने लगी। मुझे लन्ड पीने की आदत पड़ गयी। घर में जब अम्मी बाहर चली जातीं तो मैं लड़कों को बुलाकर उनके लन्ड पकड़ने लगी।
एक दिन अम्मी यह कह कर गयी की मैं शाम को आउंगी पर वह एक घंटे में ही आ गयीं। उस समय मैं बिंदास अपने सारे कपड़े खोलकर नंगी नंगी अपने दोस्त का लन्ड चूस रही थी। हम दोनों सातवें आसमान पर थे। इतने में अम्मी कमरे में घुस आयीं। उसे देख कर हम दोनों सहम गए। लन्ड बहन चोद सिकुड़ गया।
अम्मी बोली - अरे बेटी, डरने की कोई जरुरत नहीं है। शरमाने की भी जरुरत नहीं है, बेटी। ऐसा जवानी में होता ही है। तुम लन्ड चूस रही हो तो चूसो और बड़ी शिद्दत से चूसो , और मस्ती से चूसो। जवानी में लन्ड चूसे ही जातें है बेटी। जवानी में लड़की लन्ड नहीं चूसेगी तो क्या करेगी ? मैं भी जब तेरी उम्र की थी तो खूब लन्ड चूसा करती थी और चुदवाया भी करती थी। लन्ड तो एक टॉनिक है, बेटी ? देखो बेटी, लन्ड चूसने का मतलब है की अब तुम जवान हो गयी हो और पूरी तरह औरत बन गयी हो। तुम्हारे शरीर में कोई कमी नहीं है। तेरी चूत लन्ड खाने के लिए तैयार हो गयी है। तेरे बूब्स भी बड़े बड़े और सुडौल हो गये हैं और तेरी गांड भी सेक्सी हो गयी है। कुल मिलकर तुम एक हॉट लड़की बन गयी हो। जिसे देख कर लड़कों के लन्ड में हलचल होने लगती है।
एक बात और सुन लो बेटी। यहाँ घर में किसी से डरने की कोई जरुरत नहीं है। यहाँ भोसड़ी वाली सब की सब लन्ड चूसती हैं। सब मादर चोद अपनी अपनी चूत में लन्ड पेलती हैं। यहाँ सब लन्ड की भूंखी है. बेटी। इसलिए तुम लन्ड खुल्लम खुल्ला पियो। लन्ड खुलकर अपनी चूत में पेलो और चुदवाओ। अपनी चूत में भी पेलो लन्ड और अपनी माँ के भोसड़ा में भी पेलो लन्ड। हर जवान लड़की अपनी माँ चुदवाती है, बेटी। माँ चुदाना अच्छी बात है इससे तन और मन हमेशा प्रसन्न रहता है। और जो तुमसे ज्यादा नुकता चीनी करे उसकी गांड में घुसेड़ दो लन्ड। ऐसा कह कर अम्मी ने खुद लन्ड पकड़ लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी। उसका सुपाड़ा चूमती हुई बोली लन्ड राजा आज तुम मेरी बिटिया की बुर चोद कर ही जाना। उस दिन मैं अम्मी से पूरी तरह खुल गयी और दूसरे दिन से ही चुदवाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा।
अब आईये वहां जहाँ वो तीनो बैठी हुई बातें कर रही हैं। अम्मी ने कहा यार मैंने ही पहली बार कहा था बेटी से की तुम अब अपनी माँ चुदाना शुरू कर दो बेटी। हुआ यह थी की एक दिन मैंने अपनी बेटी को एक लड़के का लन्ड पीते हुए देख लिया था। बस मैंने उसी दिन वह लन्ड अपनी बेटी की चूत मे घुसेड़ दिया और फिर बेटी ने उसे मेरी चूत में घुसेड़ दिया। फिर क्या उसी दिन से मेरी बेटी अपनी माँ चुदवाने लगी। अब चूत का चाहे बने भोसड़ा और चाहे बने भोसड़ा का बाप ? मेरी बेटी तो भोसड़ी की अपनी माँ चुदवाती रहेगी। और मैं भी उसे मना नहीं करुँगी बल्कि मैं भी उसकी चूत में लन्ड पेलती रहूंगी।
सबने मेरी अम्मी की बात पर ठहाका लगा लगा कर हंसने लगीं। मैं कहानी में आगे बढ़ने के पहले आपको सबसे परिचय करवा दूँ।
मेरा नाम है रूफी मैं २५ साल की हूँ शादी शुदा हूँ, मेरा शौहरअजमल है, मेरी अम्मी आसिया बेगम है, मेरी खाला का नाम फरीदा है और फूफी का नाम सूफिया है। खाला जान की दो बेटियां हैं और दोनों शादी शुदा है। पहली इला और उसका मियां रज़ा दूसरी अज़राऔर उसका मियां जावेद। फूफी की बेटी है शमा और उसकी शादी हुई है ज़नाब शाहिद से।
अभी मेरी अम्मी, मेरी खाला जान और फूफी जान के बीच बात चीत हो रही है। मैं दूर बैठी हुई सबकी बातें सुन रही थी। अम्मी की बात से खाला और फूफी भी सहमत थीं। खाला बोली हां दीदी आप बिलकुल सही कह रहीं हैं। बेटियां जब अपनी माँ चुदवाती है तो मज़ा तो खूब आता है। हमारी दोनों बेटियों की शादी हो चुकी हैं मगर जब दोनों आतीं है तो मेरे घर का माहौल बड़ा मस्त हो जाता है। दिन भर हम सब खूब काम करतीं है और रात में होती है घमाशान चुदाई। फिर यह नहीं देखा जाता की कौन माँ है और कौन बेटी ? वहाँ तो बस होती है चूत और लन्ड उसके साथ गरम गरम सेक्सी बातें और गाली गलौज भी। मेरी छोटी बेटी कहती है दीदी की बुर, दीदी की माँ की चूत ? बड़ी वाली कहती है अम्मी तेरी चूत, तेरी बिटिया की चूत ? मैं कहती हूँ इला तेरी चूत तेरी बहन की चूत ? उसके साथ गचागच हम तीनो की चोदी जाती है चूत और फिर आता है ज़न्नत का मज़ा ? मैं तो यह सिल सिला चालू रहूंगी।
फूफी ने कहा - आसिया भाभी कुछ भी हो लेकिन बेटी की वजह से लड़कों के जब नये नये ताज़े लन्ड मिलतें है न तब तो बहुत अच्छा लगता है और मज़ा भी खूब आता है। मैं जब बेटी के दोस्तों के लन्ड पकड़ती हूँ तो दिल बाग़ बाग़ हो जाता है। मेरा भोसड़ा भी साला २२ साल की चूत बन जाती है। सबसे अच्छी बात यह है की मेरी बेटी खुद अपने दोस्तों के लन्ड पेल देती है मेरी चूत में। उसे तो माँ चुदाने का बेहद शौक है। हां जबसे वह अपनी ससुराल गयी है तबसे कुछ कम हो गया है उसका माँ चुदाना ? लेकिन जब आती है तो धमाल करके जाती है। खुदा करे की ये दिन बने रहें और मेरी बेटी अपनीं माँ चुदवाती रहे।
तभी मेरे मन में एक ख़याल आया। तब मैंने सोंचा की चलो इसे क्यों सभी बेटियों के साथ बैठ कर चर्चा की जाए ? और उस पर काम किया जाए ? बस फिर क्या मैंने सबको अपने कमरे में बुला लिया। बस ५ मिनट में ही सब की सब इकठ्ठा हो गयी। मैं रूफी, खाला की दोनों बेटियां इला और अज़रा, फूफी की बेटी शमा ? हम चारों ने चर्चा शुरू की।
मैंने कहा यार देखो हम सब अपनी पानी माँ चुदवाती है इसके कोई शक नहीं है। मैं अभी अम्मी खाला और फूफी की बीटन सुनकर आ रही हूँ। वो सब इस बात से खुश हैं की हमारी बेटियां अपनी माँ के भोसड़ा का ख्याल रखतीं हैं। मैं सोंच रही हूँ की अगर यह बात है तो फिर क्यों हम सब लोग मिला कर एक माँ चुदाने का समारोह रख लें। हमने अभी अटक अलग अलग अपनी माँ चुदवायिहै अब इकठ्ठा क्यों न चुदवायें ?
शमा - हां बात तुम्हारी बिलकुल ठीक है पर माँ चोदेगा कौन ? चोदने वाले कहाँ हैं ? उनका भी तो इंतज़ाम करना पड़ेगा।
इला - हां यार, बात तो सही है। बिना लन्ड के कैसे अपनी माँ चुदवाऊँगी ?
मैंने कहा - अपने मियाँ का लन्ड पेल कर चुदवाओ अपनी माँ, भोसड़ी की इला ?
अज़रा - अरे हां आईडिया तो बहुत अच्छा है यार ? पर मैंने तो अभी तुम लोगों के मियां का लन्ड भी नहीं देखा।
शमा - तो क्या हुआ अब देख लेना ? सबसे पहले मैं दिखाऊंगीअपने मियां का लन्ड तुझे ?
मैंने कहा - हां यार देखो हम सब पहले अपने अपने मियां का लन्ड तो अपनी माँ के भोसड़ा में पेलें पर अगर हम अपने अपने मियां का लन्ड एक दूसरे की माँ की चूत में पेलें तो कितना मज़ा आएगा ?
सबने हां कह दी। सब एकदम खुश हो गयीं।
शमा - यार इसके साथ साथ अगर हम चारों भी एक दूसरे के मियां से चुदवायें तो मज़ा
आएगा न ? :-
मैंने कहा - यह तो आखिर में होना ही है। पर यह सोंच लो की हमारी अम्मियां भी कम नहीं हैं। वो भी किसी न किसी का लन्ड हम सबकी चूत में पेलेगीं ?
इला को यह सुनकर मस्ती आ गयी। वह बोली रूफी की माँ की चूत। फिर ताली बजायी और बोली शमा की माँ का भोसड़ा ?
शमा ने उसी टोन में जबाब दिया - इला की माँ की बिटिया की बुर । इला की बहन की बुर में लन्ड ?
फिर हम सब खिलखिला कर हंसने लगीं। फिर हम चारों ने चुपचाप अपने अपने हसबैंड को बुला लिया। किसी को कानो कान खबर नहीं हुई। अम्मियों को तो किसी ने बताया भी नहीं ? दूसरे दिन जब सब लोग आ गये तब शाम को यह एलान किया गया की आज बेटियां चुदवाऐगीं अपनी अपनी माँ की चूत ? तब अम्मी, खाला और फूफी को मालूम हुआ। वो सब की सब मन ही मन बड़ी खुश हुई पर एक दूसरे से कहने लगीं की बे बुर चोदी किसके लन्ड पैलेंगीं हमारी चूत में। यह कुछ समझ में नहीं आ रहा है। अम्मी ने कहा यार तुम इस बात की परवाह क्यों कर रही हो ? पेले तो लन्ड ही जायेगें न ? और तो कुछ पेला नहीं जायेगा तब फिर क्यों परेशान हो रही है। फूफी ने कहा हां आसिया भाभी बिलकुल सच कह रही हैं। हमें तो चुदवाने से मतलब ? खाला ने कहा ये बेटियां भी बड़ी हरामजादी हो गयीं है यार ? अम्मी बोली तो क्या हुआ जब बेटियों की माँ भोसड़ी वाली सब हरामजादी है तो बेटियां भी क्यों न हो ?
शाम को हमफिल जम गयी। अम्मी, खाला, फूफी, मैं, इला अज़रा और शमा साथ हम लोगों के चारों शौहर। बस फिर बात चीत होने लगी। हंसी मजाक होने लगी, खुल कर अश्लील बातें होने लगीं और बीच बीच में प्यार भरी गालियां मुंह से निकलने लगीं। मस्ती और वासना दोनों सबके दिमाग में सवार हो गयीं । मज़ा आने लगा। खाला बोली - ये सब इस रूफी का कारनामा है ये माँ की लौड़ी चोदा चोदी में सबसे आगे रहती है। फूफी बोली - इसका मतलब है की इसकी चूत की आग सबसे ज्यादा गरम है। आज तो मैं इसकी बुर चोदूँगी और इसकी माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा आज तो हम सब मिलकर तेरी चूत का बजाऊंगी बाजा, फूफी जान ? मेरी बात पर सब लोग हंसने लगे। अम्मी ने कहा - रूफी, तेरी फूफी मेरी नन्द है न ? इसको लन्ड का बड़ा लालच है। बिना लन्ड के ये भोसड़ी की कभी रह नहीं सकती। मैं जब इसके साथ नंगी होती हूँ तो मुझे भी लन्ड का मज़ा दूना आता है। शमा बोली - हां मामी जान, मेरी माँ का भोसड़ा साला हमेशा गरम ही रहता है। इन सब बातों से माहौल बहुत गरम हो गया।
अब किसी से कुछ और बरदास्त नहीं हो रहा था। सबकी चूत की आग धधकने लगी और लन्ड साले टन टनाने लगे। इतने में मैंने इला के मियां के रज़ा के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। लन्ड के टोपा पर उंगलियां फिरा कर अनुमान लगाने लगी की टोपा कैसे होगा ? मैं और मस्ती में आ गयी। इला ने मुझे देखा तो उसने शमा के मियां शाहिद के पैजामे में हाथ घसेड़ दिया और उसका हाथ लन्ड तक पहुँच भी गया। फिर शमा ने अपना हाथ अज़रा के मियां जावेद की लुंगी में घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर अज़रा में मेरे मियां अजमल का लन्ड पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया और लन्ड मुठ्ठी में आते ही उसके प्यार से सहलाने लगी। हम चारों के हाथ में एक दूसरे के मियां का लन्ड आ गया। अम्मी, खाला और फूफी यह सब देख देख कर मज़ा लेने लगीं। उनकी आँखें सबका लन्ड देखने के ये खुली हुई थीं । इधर हम सब भी अपने अपने हाथ का लन्ड देखने के लिए उतावली हो रही थीं। अपने हाथ के लन्ड के अलावा सबका लन्ड देखने की भी इच्छा बढ़ती जा रही थी। किसका कितना बड़ा है लन्ड यह देखने की इच्छा प्रबल होने लगी।
लन्ड पैजामे के बाहर निकालने के पहले मैं खड़ी हुईऔर अपने कपड़े उतारने लगी। मुझे देख कर वो तीनो भी अपने अपने कपड़े उतारने लगीं। मैंने सोंचा की ये भोसड़ी के लन्ड हम सबको नंगी नंगी देख कर और फनफना कर खड़े हो जायेगें। सच में यह हमाराअनुमान सही निकला। हम चारों जैसे ही नंगी हुई और उन लोगों ने हमारी बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां देखीं, हमारे सेक्सी चूतड़ देखे, हमारी गांड देखि, हमारी मद माती हुई चूत देखी तो लन्ड साले अंदर ही अंदर कूदने लगे। इतना में अम्मी, खाला और फूफी भी अपने अपने कपड़े खोलने लगीं। मैंने फिर बैठ कर रज़ा का लन्ड पैजामे के अंदर हिलाया। लन्ड पहले से और सख्त हो गया था और तभी मैंने लन्ड बाहर निकाल लिया। उसका पैजामा उतार कर फेंक दिया उसे पूरा नंगा कर दिया। उसका लन्ड देख कर मैं मुस्कराने लगी और बोली वाओ, बड़ा सॉलिड लौड़ा है इला तेरे शौहर का ? तब तक उधर से आवाज़ आयी बड़ा मोटा तगड़ा है तेरे मियां का लन्ड, रूफी। ये तो मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेगा मादर चोद। यह आवाज़ अज़रा की थी। इला बोली हाय अल्ला, कितना बड़ा है यार शमा तेरे मियां का लन्ड ? इसे देख कर मेरी चूत बहन चोद हो गयी गीली। शमा ने कहा हाय दईया बड़ा जबरदस्त है तेरे मरद का लन्ड अज़रा ? तेरी चूत इसे कैसे बर्दास्त करती है यार ? आज ये साला मेरी माँ की चूत लेगा तो मज़ा आएगा।
अम्मी मेरे पास आकर मेरे साथ रज़ा का लन्ड चाटने लगीं। मैं उसके पल्हड़ चाटने लगी। फिर अम्मी ने पेल्हड़ चाटना शुरू किया तो मैं लन्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। मेरा दूसरा हाथ अम्मी के भोसड़ा पर था। मैं उसका भोसड़ा थपथपा रही थी। भोसड़ा बहन चोद एक दम तैयार था। तभी मैंने रज़ा का लन्ड उस पर टिका दिया और उसे धक्का मारने का इशारा किया। उसने धक्का मारा तो लन्ड गचाक से चूत में एक ही बार में पूरा घुस गया। वह मेरी माँ का भोसड़ा चोदने और उसके चूतड़ों पर हाथ रख उसे दबाने लगी। मुझे देखते ही फूफी बोली हाय दईया देखो रूफी कितनी मस्ती से अपनी माँ चुदवा रही है।
उधर शमा भी अपनी अम्मी के साथ जावेद का लन्ड चूसने में जुटी गयी । वह लन्ड अपनी माँ के मुंह में घुसेड़ती और उसकी माँ थोड़ी देर चूस कर लन्ड शमा के मुंह में घुसेड़ देती। दोनों काफी देर तक इस तरह मज़ा लेतीं रहीं और फिर शमा ने लन्ड पेल दिया अपनी माँ की चूत में। उसके बगल में खाला जान नंगी लेटी थी। वह इला और अज़रा दोनों मिलकर शाहिद और अजमल का लन्ड साथ साथ चाटने लगीं। उनके साथ उनकी माँ साथ दे रही थीं। कभी वह लन्ड इला के मुंह में घुसेड़ती कभी अज़रा के मुंह में। इसी तरह इला कभी लन्ड अपनी माँ के मुंह में घुसा देती कभी अज़रा उसके मुंह में। दोनों खूब मस्ती करने लगीं। अज़रा अपनी का भोसड़ा भी सहला रही थी। फिर उसने लन्ड भोसड़ा पर टिकाया और चुदवाने लगी। इस तरह खाला की चूत में एक लन्ड और मुंह में एक लन्ड। दो दो लन्ड का मज़ा एक साथ खाला लेने लगीं। तीनो अम्मियों की चूत मस्ती चुदने लगी और बेटियां बैठ कर अपनी अपनी माँ मजे से चुदवाने लगीं। इसे कहतें है जवानी का असली मज़ा। जवानी में लन्ड और चूत के अलावा कुछ भी नहीं दिखाई पड़ता और यही हो रहा है यहाँ।
थोड़ी देर में जाने इन तीनो अम्मियों के बीच क्या इशारा हुआ की अम्मी ने रज़ा का लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मुझे पराये मरद का लन्ड मिला तो मज़ा आ गया। लेकिन मैंने सोंचा की हमारा प्लान तो माँ चुदाने का था। माँ की बेटियां चुदाने का तो नहीं था। फिर भी मैं कुछ बोली नहीं और मजे से चुदवाने लगी क्योंकि मुझे मज़ा आ रहा था। मैंने कहा वाओ, पूरा पेल दो लन्ड। और चोदो मुझे खूब चोदो। हाय रे अपनी बीवी समझ के चोदो। ये तेरी बीवी की ही बुर है, रज़ा इसे चोदो । क्या बात कितना मस्त लौड़ा है तेरा। तूने अभी मेरी माँ चोद डाली अब तू माँ की बिटिया चोद डाल । तू साला बहुत बड़ा चोदू है। मैं मस्ती में जाने क्या क्या बकती चली जा रही थी। तब मैंने देखा की फूफी ने भी लन्ड अपनी बेटी शमा की चूत में घुसेड़ दिया है। वह अपनी बेटी की बुर चुदवाने लगी। शमा बोली हाय अम्मी तू चुदवा ले भोसड़ी की अपनी बेटी की बुर ? यही लौड़ा तेरी चूत में घुसा था और अब तेरी बिटिया की चूत में घुस गया है। साला बड़ा हरामी है इला के मियां का लन्ड ? उधर खाला जान ने भी मेरे मियां का लन्ड अज़रा की चूत में पेला और शाहिद का लन्ड इला की चूत में। वह अपनी दोनों बेटियों की बुर चुदवाने लगी। खाला मस्ती से बोली अरे भोसड़ी वालों खूब जम कर चोदो इन दोनों की चूत। इन्होंने अभी मेरा भोसड़ा चुदवाया है अब मैं इनकी बुर चुदवाऊँगी। इनकी माँ का चूत ?
पूरे कमरे में चुदाई की गर्मी ही गर्मी ? मज़ा ही मज़ा, चूत ही चूत और लन्ड ही लन्ड ? उसके बाद सब बेटियों ने सबके लन्ड पेल पेल कर अपनी माँ चुदवाई और फिर अम्मियों ने भी सबके लन्ड पेल पेल कर सब बेटियों की बुर चुदवाई। इस तरह की बेमिशाल चुदाई कभी कभी ही होती है और जब भी होती है तो उसे काफी समय तक याद किया जाता है।
एक बार मेरी अम्मी जान, मेरी खाला जान और मेरी फूफी जान बैठी हुई आपस में बातें कर रही थीं। बातें बड़ी अच्छी हो रहीं थीं, मजेदार हो रही थी और फिर मसाले दार होने लगीं। खुल कर बातें होने लगीं। बीच बीच में बहन चोद, मादर चोद, भोसड़ी की और बुर चोदी सब होने लगा। खूब हंसी मजाक होने लगी। बड़ी मस्ती छाने लगी और सबको मज़ा आने लगा। तीन की तीनो खूब हंस हंस के एन्जॉय करने लगीं।
इतने में खाला जान ने कहा :- आजकल इन बेटियों ने तो अपनी माँ चुदा चुदा के चूत का बना दिया है भोसड़ा ?
फूफी ने कहा :- हां यार तू बिलकुल ठीक कह रही है। मेरी बेटी पिछले दो साल अपनी माँ चुदा रही है। आये दिन अपने किसी न किसी बॉय फ्रेंड का लन्ड पेला करती है अपनी माँ की चूत में। अच्छा तो बहुत लगता है इसमें कोई शक नहीं पर सच्चाई यह है की चूत बुर चोदी फैलती जा रही है। बड़ी तेजी से मेरी चूत बनी जा रही है भोसड़ा। अभी मैं ४४ साल की ही हूँ और अभी से अगर मेरी चूत भोसड़ा बन गयी तो आगे क्या होगा ?
खाला जान ने फिर कहा :- यही हाल तो मेरा है यार। बल्कि थोड़ा ज्यादा ही है। मेरी दो बेटियां है और दोनों अपनी माँ चुदवाती हैं। किसी दिन बड़ी वाली अपने दोस्तों के लन्ड पेलती है मेरी चूत में दिन छोटी वाली अपने दोस्तों को ले आती है और वो भी लन्ड पेल देती है मेरी चूत में। मैं मना नहीं कर पाती ? जिसको मना करुँगी वही बुर चोदी मुंह फुला लेगी। मैं भी अभी ४५ साल की हूँ। मैं नहीं चाहती की मेरी चूत इतनी जल्दी भोसड़ा बन जाए ? मैं अपनी जवानी बरकरार रखना चाहती हूँ।
अम्मी ने क्या कहा यह बात मैं आपको बाद में बताऊंगी।
पहले एक बात सुन लो की मैं अम्मी से कैसे खुल गयी ? उस समय मैं १९/२० साल की हो गयी थी। मस्त जवान हो गयी थी और मुझे लन्ड की बहुत याद आने लगी। लन्ड पकड़ने की इच्छा बहुत बढ़ गयी। रात में सपने में भी लन्ड आने लगे। धीरे धीरे मैंने कॉलेज के कुछ लड़कों को पटाया और उनके लन्ड पकड़ने लगी। सिनेमा हाल में जाकर लन्ड पकड़ने लगी। फिर कॉलेज में इधर उधर छुप कर, या फिर बाथ रूम में जाकर लन्ड पकड़ने लगी। मैंने लड़कों को बुरका पहना कर टॉयलेट ले जाने लगी और वहां लन्ड पकड़ने लगी। मुझे लन्ड पीने की आदत पड़ गयी। घर में जब अम्मी बाहर चली जातीं तो मैं लड़कों को बुलाकर उनके लन्ड पकड़ने लगी।
एक दिन अम्मी यह कह कर गयी की मैं शाम को आउंगी पर वह एक घंटे में ही आ गयीं। उस समय मैं बिंदास अपने सारे कपड़े खोलकर नंगी नंगी अपने दोस्त का लन्ड चूस रही थी। हम दोनों सातवें आसमान पर थे। इतने में अम्मी कमरे में घुस आयीं। उसे देख कर हम दोनों सहम गए। लन्ड बहन चोद सिकुड़ गया।
अम्मी बोली - अरे बेटी, डरने की कोई जरुरत नहीं है। शरमाने की भी जरुरत नहीं है, बेटी। ऐसा जवानी में होता ही है। तुम लन्ड चूस रही हो तो चूसो और बड़ी शिद्दत से चूसो , और मस्ती से चूसो। जवानी में लन्ड चूसे ही जातें है बेटी। जवानी में लड़की लन्ड नहीं चूसेगी तो क्या करेगी ? मैं भी जब तेरी उम्र की थी तो खूब लन्ड चूसा करती थी और चुदवाया भी करती थी। लन्ड तो एक टॉनिक है, बेटी ? देखो बेटी, लन्ड चूसने का मतलब है की अब तुम जवान हो गयी हो और पूरी तरह औरत बन गयी हो। तुम्हारे शरीर में कोई कमी नहीं है। तेरी चूत लन्ड खाने के लिए तैयार हो गयी है। तेरे बूब्स भी बड़े बड़े और सुडौल हो गये हैं और तेरी गांड भी सेक्सी हो गयी है। कुल मिलकर तुम एक हॉट लड़की बन गयी हो। जिसे देख कर लड़कों के लन्ड में हलचल होने लगती है।
एक बात और सुन लो बेटी। यहाँ घर में किसी से डरने की कोई जरुरत नहीं है। यहाँ भोसड़ी वाली सब की सब लन्ड चूसती हैं। सब मादर चोद अपनी अपनी चूत में लन्ड पेलती हैं। यहाँ सब लन्ड की भूंखी है. बेटी। इसलिए तुम लन्ड खुल्लम खुल्ला पियो। लन्ड खुलकर अपनी चूत में पेलो और चुदवाओ। अपनी चूत में भी पेलो लन्ड और अपनी माँ के भोसड़ा में भी पेलो लन्ड। हर जवान लड़की अपनी माँ चुदवाती है, बेटी। माँ चुदाना अच्छी बात है इससे तन और मन हमेशा प्रसन्न रहता है। और जो तुमसे ज्यादा नुकता चीनी करे उसकी गांड में घुसेड़ दो लन्ड। ऐसा कह कर अम्मी ने खुद लन्ड पकड़ लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी। उसका सुपाड़ा चूमती हुई बोली लन्ड राजा आज तुम मेरी बिटिया की बुर चोद कर ही जाना। उस दिन मैं अम्मी से पूरी तरह खुल गयी और दूसरे दिन से ही चुदवाने लगी अपनी माँ का भोसड़ा।
अब आईये वहां जहाँ वो तीनो बैठी हुई बातें कर रही हैं। अम्मी ने कहा यार मैंने ही पहली बार कहा था बेटी से की तुम अब अपनी माँ चुदाना शुरू कर दो बेटी। हुआ यह थी की एक दिन मैंने अपनी बेटी को एक लड़के का लन्ड पीते हुए देख लिया था। बस मैंने उसी दिन वह लन्ड अपनी बेटी की चूत मे घुसेड़ दिया और फिर बेटी ने उसे मेरी चूत में घुसेड़ दिया। फिर क्या उसी दिन से मेरी बेटी अपनी माँ चुदवाने लगी। अब चूत का चाहे बने भोसड़ा और चाहे बने भोसड़ा का बाप ? मेरी बेटी तो भोसड़ी की अपनी माँ चुदवाती रहेगी। और मैं भी उसे मना नहीं करुँगी बल्कि मैं भी उसकी चूत में लन्ड पेलती रहूंगी।
सबने मेरी अम्मी की बात पर ठहाका लगा लगा कर हंसने लगीं। मैं कहानी में आगे बढ़ने के पहले आपको सबसे परिचय करवा दूँ।
मेरा नाम है रूफी मैं २५ साल की हूँ शादी शुदा हूँ, मेरा शौहरअजमल है, मेरी अम्मी आसिया बेगम है, मेरी खाला का नाम फरीदा है और फूफी का नाम सूफिया है। खाला जान की दो बेटियां हैं और दोनों शादी शुदा है। पहली इला और उसका मियां रज़ा दूसरी अज़राऔर उसका मियां जावेद। फूफी की बेटी है शमा और उसकी शादी हुई है ज़नाब शाहिद से।
अभी मेरी अम्मी, मेरी खाला जान और फूफी जान के बीच बात चीत हो रही है। मैं दूर बैठी हुई सबकी बातें सुन रही थी। अम्मी की बात से खाला और फूफी भी सहमत थीं। खाला बोली हां दीदी आप बिलकुल सही कह रहीं हैं। बेटियां जब अपनी माँ चुदवाती है तो मज़ा तो खूब आता है। हमारी दोनों बेटियों की शादी हो चुकी हैं मगर जब दोनों आतीं है तो मेरे घर का माहौल बड़ा मस्त हो जाता है। दिन भर हम सब खूब काम करतीं है और रात में होती है घमाशान चुदाई। फिर यह नहीं देखा जाता की कौन माँ है और कौन बेटी ? वहाँ तो बस होती है चूत और लन्ड उसके साथ गरम गरम सेक्सी बातें और गाली गलौज भी। मेरी छोटी बेटी कहती है दीदी की बुर, दीदी की माँ की चूत ? बड़ी वाली कहती है अम्मी तेरी चूत, तेरी बिटिया की चूत ? मैं कहती हूँ इला तेरी चूत तेरी बहन की चूत ? उसके साथ गचागच हम तीनो की चोदी जाती है चूत और फिर आता है ज़न्नत का मज़ा ? मैं तो यह सिल सिला चालू रहूंगी।
फूफी ने कहा - आसिया भाभी कुछ भी हो लेकिन बेटी की वजह से लड़कों के जब नये नये ताज़े लन्ड मिलतें है न तब तो बहुत अच्छा लगता है और मज़ा भी खूब आता है। मैं जब बेटी के दोस्तों के लन्ड पकड़ती हूँ तो दिल बाग़ बाग़ हो जाता है। मेरा भोसड़ा भी साला २२ साल की चूत बन जाती है। सबसे अच्छी बात यह है की मेरी बेटी खुद अपने दोस्तों के लन्ड पेल देती है मेरी चूत में। उसे तो माँ चुदाने का बेहद शौक है। हां जबसे वह अपनी ससुराल गयी है तबसे कुछ कम हो गया है उसका माँ चुदाना ? लेकिन जब आती है तो धमाल करके जाती है। खुदा करे की ये दिन बने रहें और मेरी बेटी अपनीं माँ चुदवाती रहे।
तभी मेरे मन में एक ख़याल आया। तब मैंने सोंचा की चलो इसे क्यों सभी बेटियों के साथ बैठ कर चर्चा की जाए ? और उस पर काम किया जाए ? बस फिर क्या मैंने सबको अपने कमरे में बुला लिया। बस ५ मिनट में ही सब की सब इकठ्ठा हो गयी। मैं रूफी, खाला की दोनों बेटियां इला और अज़रा, फूफी की बेटी शमा ? हम चारों ने चर्चा शुरू की।
मैंने कहा यार देखो हम सब अपनी पानी माँ चुदवाती है इसके कोई शक नहीं है। मैं अभी अम्मी खाला और फूफी की बीटन सुनकर आ रही हूँ। वो सब इस बात से खुश हैं की हमारी बेटियां अपनी माँ के भोसड़ा का ख्याल रखतीं हैं। मैं सोंच रही हूँ की अगर यह बात है तो फिर क्यों हम सब लोग मिला कर एक माँ चुदाने का समारोह रख लें। हमने अभी अटक अलग अलग अपनी माँ चुदवायिहै अब इकठ्ठा क्यों न चुदवायें ?
शमा - हां बात तुम्हारी बिलकुल ठीक है पर माँ चोदेगा कौन ? चोदने वाले कहाँ हैं ? उनका भी तो इंतज़ाम करना पड़ेगा।
इला - हां यार, बात तो सही है। बिना लन्ड के कैसे अपनी माँ चुदवाऊँगी ?
मैंने कहा - अपने मियाँ का लन्ड पेल कर चुदवाओ अपनी माँ, भोसड़ी की इला ?
अज़रा - अरे हां आईडिया तो बहुत अच्छा है यार ? पर मैंने तो अभी तुम लोगों के मियां का लन्ड भी नहीं देखा।
शमा - तो क्या हुआ अब देख लेना ? सबसे पहले मैं दिखाऊंगीअपने मियां का लन्ड तुझे ?
मैंने कहा - हां यार देखो हम सब पहले अपने अपने मियां का लन्ड तो अपनी माँ के भोसड़ा में पेलें पर अगर हम अपने अपने मियां का लन्ड एक दूसरे की माँ की चूत में पेलें तो कितना मज़ा आएगा ?
सबने हां कह दी। सब एकदम खुश हो गयीं।
शमा - यार इसके साथ साथ अगर हम चारों भी एक दूसरे के मियां से चुदवायें तो मज़ा
आएगा न ? :-
मैंने कहा - यह तो आखिर में होना ही है। पर यह सोंच लो की हमारी अम्मियां भी कम नहीं हैं। वो भी किसी न किसी का लन्ड हम सबकी चूत में पेलेगीं ?
इला को यह सुनकर मस्ती आ गयी। वह बोली रूफी की माँ की चूत। फिर ताली बजायी और बोली शमा की माँ का भोसड़ा ?
शमा ने उसी टोन में जबाब दिया - इला की माँ की बिटिया की बुर । इला की बहन की बुर में लन्ड ?
फिर हम सब खिलखिला कर हंसने लगीं। फिर हम चारों ने चुपचाप अपने अपने हसबैंड को बुला लिया। किसी को कानो कान खबर नहीं हुई। अम्मियों को तो किसी ने बताया भी नहीं ? दूसरे दिन जब सब लोग आ गये तब शाम को यह एलान किया गया की आज बेटियां चुदवाऐगीं अपनी अपनी माँ की चूत ? तब अम्मी, खाला और फूफी को मालूम हुआ। वो सब की सब मन ही मन बड़ी खुश हुई पर एक दूसरे से कहने लगीं की बे बुर चोदी किसके लन्ड पैलेंगीं हमारी चूत में। यह कुछ समझ में नहीं आ रहा है। अम्मी ने कहा यार तुम इस बात की परवाह क्यों कर रही हो ? पेले तो लन्ड ही जायेगें न ? और तो कुछ पेला नहीं जायेगा तब फिर क्यों परेशान हो रही है। फूफी ने कहा हां आसिया भाभी बिलकुल सच कह रही हैं। हमें तो चुदवाने से मतलब ? खाला ने कहा ये बेटियां भी बड़ी हरामजादी हो गयीं है यार ? अम्मी बोली तो क्या हुआ जब बेटियों की माँ भोसड़ी वाली सब हरामजादी है तो बेटियां भी क्यों न हो ?
शाम को हमफिल जम गयी। अम्मी, खाला, फूफी, मैं, इला अज़रा और शमा साथ हम लोगों के चारों शौहर। बस फिर बात चीत होने लगी। हंसी मजाक होने लगी, खुल कर अश्लील बातें होने लगीं और बीच बीच में प्यार भरी गालियां मुंह से निकलने लगीं। मस्ती और वासना दोनों सबके दिमाग में सवार हो गयीं । मज़ा आने लगा। खाला बोली - ये सब इस रूफी का कारनामा है ये माँ की लौड़ी चोदा चोदी में सबसे आगे रहती है। फूफी बोली - इसका मतलब है की इसकी चूत की आग सबसे ज्यादा गरम है। आज तो मैं इसकी बुर चोदूँगी और इसकी माँ का भोसड़ा ? मैंने कहा आज तो हम सब मिलकर तेरी चूत का बजाऊंगी बाजा, फूफी जान ? मेरी बात पर सब लोग हंसने लगे। अम्मी ने कहा - रूफी, तेरी फूफी मेरी नन्द है न ? इसको लन्ड का बड़ा लालच है। बिना लन्ड के ये भोसड़ी की कभी रह नहीं सकती। मैं जब इसके साथ नंगी होती हूँ तो मुझे भी लन्ड का मज़ा दूना आता है। शमा बोली - हां मामी जान, मेरी माँ का भोसड़ा साला हमेशा गरम ही रहता है। इन सब बातों से माहौल बहुत गरम हो गया।
अब किसी से कुछ और बरदास्त नहीं हो रहा था। सबकी चूत की आग धधकने लगी और लन्ड साले टन टनाने लगे। इतने में मैंने इला के मियां के रज़ा के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। लन्ड के टोपा पर उंगलियां फिरा कर अनुमान लगाने लगी की टोपा कैसे होगा ? मैं और मस्ती में आ गयी। इला ने मुझे देखा तो उसने शमा के मियां शाहिद के पैजामे में हाथ घसेड़ दिया और उसका हाथ लन्ड तक पहुँच भी गया। फिर शमा ने अपना हाथ अज़रा के मियां जावेद की लुंगी में घुसेड़ दिया और अंदर ही अंदर लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर अज़रा में मेरे मियां अजमल का लन्ड पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया और लन्ड मुठ्ठी में आते ही उसके प्यार से सहलाने लगी। हम चारों के हाथ में एक दूसरे के मियां का लन्ड आ गया। अम्मी, खाला और फूफी यह सब देख देख कर मज़ा लेने लगीं। उनकी आँखें सबका लन्ड देखने के ये खुली हुई थीं । इधर हम सब भी अपने अपने हाथ का लन्ड देखने के लिए उतावली हो रही थीं। अपने हाथ के लन्ड के अलावा सबका लन्ड देखने की भी इच्छा बढ़ती जा रही थी। किसका कितना बड़ा है लन्ड यह देखने की इच्छा प्रबल होने लगी।
लन्ड पैजामे के बाहर निकालने के पहले मैं खड़ी हुईऔर अपने कपड़े उतारने लगी। मुझे देख कर वो तीनो भी अपने अपने कपड़े उतारने लगीं। मैंने सोंचा की ये भोसड़ी के लन्ड हम सबको नंगी नंगी देख कर और फनफना कर खड़े हो जायेगें। सच में यह हमाराअनुमान सही निकला। हम चारों जैसे ही नंगी हुई और उन लोगों ने हमारी बड़ी बड़ी मस्त चूंचियां देखीं, हमारे सेक्सी चूतड़ देखे, हमारी गांड देखि, हमारी मद माती हुई चूत देखी तो लन्ड साले अंदर ही अंदर कूदने लगे। इतना में अम्मी, खाला और फूफी भी अपने अपने कपड़े खोलने लगीं। मैंने फिर बैठ कर रज़ा का लन्ड पैजामे के अंदर हिलाया। लन्ड पहले से और सख्त हो गया था और तभी मैंने लन्ड बाहर निकाल लिया। उसका पैजामा उतार कर फेंक दिया उसे पूरा नंगा कर दिया। उसका लन्ड देख कर मैं मुस्कराने लगी और बोली वाओ, बड़ा सॉलिड लौड़ा है इला तेरे शौहर का ? तब तक उधर से आवाज़ आयी बड़ा मोटा तगड़ा है तेरे मियां का लन्ड, रूफी। ये तो मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ डालेगा मादर चोद। यह आवाज़ अज़रा की थी। इला बोली हाय अल्ला, कितना बड़ा है यार शमा तेरे मियां का लन्ड ? इसे देख कर मेरी चूत बहन चोद हो गयी गीली। शमा ने कहा हाय दईया बड़ा जबरदस्त है तेरे मरद का लन्ड अज़रा ? तेरी चूत इसे कैसे बर्दास्त करती है यार ? आज ये साला मेरी माँ की चूत लेगा तो मज़ा आएगा।
अम्मी मेरे पास आकर मेरे साथ रज़ा का लन्ड चाटने लगीं। मैं उसके पल्हड़ चाटने लगी। फिर अम्मी ने पेल्हड़ चाटना शुरू किया तो मैं लन्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। मेरा दूसरा हाथ अम्मी के भोसड़ा पर था। मैं उसका भोसड़ा थपथपा रही थी। भोसड़ा बहन चोद एक दम तैयार था। तभी मैंने रज़ा का लन्ड उस पर टिका दिया और उसे धक्का मारने का इशारा किया। उसने धक्का मारा तो लन्ड गचाक से चूत में एक ही बार में पूरा घुस गया। वह मेरी माँ का भोसड़ा चोदने और उसके चूतड़ों पर हाथ रख उसे दबाने लगी। मुझे देखते ही फूफी बोली हाय दईया देखो रूफी कितनी मस्ती से अपनी माँ चुदवा रही है।
उधर शमा भी अपनी अम्मी के साथ जावेद का लन्ड चूसने में जुटी गयी । वह लन्ड अपनी माँ के मुंह में घुसेड़ती और उसकी माँ थोड़ी देर चूस कर लन्ड शमा के मुंह में घुसेड़ देती। दोनों काफी देर तक इस तरह मज़ा लेतीं रहीं और फिर शमा ने लन्ड पेल दिया अपनी माँ की चूत में। उसके बगल में खाला जान नंगी लेटी थी। वह इला और अज़रा दोनों मिलकर शाहिद और अजमल का लन्ड साथ साथ चाटने लगीं। उनके साथ उनकी माँ साथ दे रही थीं। कभी वह लन्ड इला के मुंह में घुसेड़ती कभी अज़रा के मुंह में। इसी तरह इला कभी लन्ड अपनी माँ के मुंह में घुसा देती कभी अज़रा उसके मुंह में। दोनों खूब मस्ती करने लगीं। अज़रा अपनी का भोसड़ा भी सहला रही थी। फिर उसने लन्ड भोसड़ा पर टिकाया और चुदवाने लगी। इस तरह खाला की चूत में एक लन्ड और मुंह में एक लन्ड। दो दो लन्ड का मज़ा एक साथ खाला लेने लगीं। तीनो अम्मियों की चूत मस्ती चुदने लगी और बेटियां बैठ कर अपनी अपनी माँ मजे से चुदवाने लगीं। इसे कहतें है जवानी का असली मज़ा। जवानी में लन्ड और चूत के अलावा कुछ भी नहीं दिखाई पड़ता और यही हो रहा है यहाँ।
थोड़ी देर में जाने इन तीनो अम्मियों के बीच क्या इशारा हुआ की अम्मी ने रज़ा का लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। मुझे पराये मरद का लन्ड मिला तो मज़ा आ गया। लेकिन मैंने सोंचा की हमारा प्लान तो माँ चुदाने का था। माँ की बेटियां चुदाने का तो नहीं था। फिर भी मैं कुछ बोली नहीं और मजे से चुदवाने लगी क्योंकि मुझे मज़ा आ रहा था। मैंने कहा वाओ, पूरा पेल दो लन्ड। और चोदो मुझे खूब चोदो। हाय रे अपनी बीवी समझ के चोदो। ये तेरी बीवी की ही बुर है, रज़ा इसे चोदो । क्या बात कितना मस्त लौड़ा है तेरा। तूने अभी मेरी माँ चोद डाली अब तू माँ की बिटिया चोद डाल । तू साला बहुत बड़ा चोदू है। मैं मस्ती में जाने क्या क्या बकती चली जा रही थी। तब मैंने देखा की फूफी ने भी लन्ड अपनी बेटी शमा की चूत में घुसेड़ दिया है। वह अपनी बेटी की बुर चुदवाने लगी। शमा बोली हाय अम्मी तू चुदवा ले भोसड़ी की अपनी बेटी की बुर ? यही लौड़ा तेरी चूत में घुसा था और अब तेरी बिटिया की चूत में घुस गया है। साला बड़ा हरामी है इला के मियां का लन्ड ? उधर खाला जान ने भी मेरे मियां का लन्ड अज़रा की चूत में पेला और शाहिद का लन्ड इला की चूत में। वह अपनी दोनों बेटियों की बुर चुदवाने लगी। खाला मस्ती से बोली अरे भोसड़ी वालों खूब जम कर चोदो इन दोनों की चूत। इन्होंने अभी मेरा भोसड़ा चुदवाया है अब मैं इनकी बुर चुदवाऊँगी। इनकी माँ का चूत ?
पूरे कमरे में चुदाई की गर्मी ही गर्मी ? मज़ा ही मज़ा, चूत ही चूत और लन्ड ही लन्ड ? उसके बाद सब बेटियों ने सबके लन्ड पेल पेल कर अपनी माँ चुदवाई और फिर अम्मियों ने भी सबके लन्ड पेल पेल कर सब बेटियों की बुर चुदवाई। इस तरह की बेमिशाल चुदाई कभी कभी ही होती है और जब भी होती है तो उसे काफी समय तक याद किया जाता है।
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