Home
» Chudai ki kahani चुदाई की कहानियां Chodan Sex Stories गंदी कहानी
» घर में सब औरतें नंगी मर्द नंगे - Ghar ki sab aurten nangi aur sabhi mard bhi nange
घर में सब औरतें नंगी मर्द नंगे - Ghar ki sab aurten nangi aur sabhi mard bhi nange
घर में सब औरतें नंगी मर्द नंगे - Ghar ki sab aurten nangi aur sabhi mard bhi nange , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
चोदा चोदी की जितनी आज़ादी हमारे घर में हैं उतनी आज़ादी शायद ही किसी घर में हो ? हमारे घर में रात के समय आदमी हो या औरत किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं रहता। सारी की सारी औरतें नंगी रहतीं हैं और सारे के सारे मरद नंगे ? पूरा घर रात को जंगल की तरह हो जाता है जहाँ कोई नाता रिस्ता नहीं होता ? कोई किसी की भी बुर में लन्ड पेल देता है और कोई किसी भी लण्ड को अपनी बुर में पेलवा लेती है।
कोई किसी का भी लण्ड चाटने चूसने लगती है, कोई किसी की गांड मारने लगता है तो कोई किसी की चूँचियाँ चोदने लगता है। कोई पीछे से चुदवाने लगती है तो कोई आगे से चुदवाती है। कोई लण्ड पर बैठ जाती है तो कोई अपनी चूत किसी के मुंह पर रख देती है। कहने को तो यहाँ सब तरह के रिश्ते नाते हैं पर रात के समय सिर्फ एक ही रिस्ता होता है वह है लन्ड और चूत का ? यहाँ चाहे माँ का भोसड़ा हो चाहे बिटिया की बुर ? बहू की चूत हो चाहे सास का भोसड़ा ? नन्द की चूत चाहे भैजाई की बुर ? जेठानी की गांड हो चाहे देवरानी की चूत ? बुआ की बुर हो चाहे खाला का भोसड़ा ? सब की सब बहन चोद बराबर ? बेटे का लण्ड हो चाहे बाप का लण्ड, जीजू का लण्ड हो चाहे फूफा का लण्ड, चचा का लौड़ा हो चाहे भाई जान का लौड़ा, देवर का लण्ड हो चाहे जेठ का लांड, खालू का लौंडा हो चाहे ससुर का लांड सब के सब बहन चोद बीवियां अपने मियां का ही लण्ड समझते हैं. जो भी लण्ड हो उसे चूत में पेलो और चुदाओ। सब ठीक है सब जायज़ है ? जिसकी चाहो उसकी बुर चोदो और जिसका चाहो उसका लण्ड चोदो ?
गालियां देना यहाँ अनिवार्य है पर केवल लड़कियों को ही। कोई भोसड़ी का मरद किसी को भी गाली नहीं दे सकता। वह सिर्फ लड़कियों की गालियां सुन सुन कर मज़ा लेता है। यह सिलसिला रात को ८ बजे से शुरू हो जाता है और सुबह ८ बजे तक चलता है। हर रोज़ चुदाई का यह खेल बड़ा ही मनमोहक और मनोरंजक होता है। रात में किसी को भी कपड़े पहनने इज़ाज़त नहीं है
मेरा नाम रजिया है मैं २६ साल की हूँ शादी शुदा हूँ खूबसूरत हूँ सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। शायद इसीलिए मेरे अंदर सेक्स की आग बहुत ही ज्यादा है। उस आग को बुझाने के लिए मुझे कई लन्ड की जरुरत महसूस होती है। वैसे मैं अकेली नहीं हूँ। यहाँ हमारे घर में सभी औरतों का यही हाल है। कोई किसी से कम नहीं है। सब की सब लन्ड की दीवानी है और लन्ड से मोहब्बत करती हैं। किसी भी औरत की आग किसी एक लन्ड या दो लन्ड से नहीं बुझती। उसे तो कई लन्ड चाहिए और लन्ड पे लन्ड चाहिए। आगे से लन्ड, पीछे से लन्ड, ऊपर से लन्ड, नीचे से लन्ड, मुंह में लन्ड, बुर में लन्ड, चूँची में लन्ड, गांड में लन्ड,,,,?
हां एक बड़ी मजेदार चीज है हमारे कुनबे में। हम लोग मुसलमान है इसलिए हमारी शादियां बहुत ही नजदीकी रिश्ते दारों में हो जाती है। घर के लोगों के बीच में ही हो जाती है। चचा जान के लड़के से भी हो जाती है। मामू से हो जाती हैऔर मामू के लड़के या लड़की से भी हो जाती है। खाला और फूफी जान की बेटे बेटियों से भी हो जाती है। अब मुझे ही देखो मेरी अम्मी एक रिश्ते से मेरी नन्द लगतीं हैं।अब मैं अगर अपनी बुर चोदी नन्द की बुर नहीं चोदूँगी तो किसी चोदूँगी। मैं तो उसे कभी कभी इसी रिश्ते से गालियां देती हूँ और वह भी मुझे गालियां देती है। वह भी कहती है की मेरी भोसड़ी की भाभी मैं तेरी गांड मारूंगी तो फिर किसकी मारूंगी ?
फिर तो मेरा अब्बू भी मेरा नंदोई हो गया। अब बहन चोद नंदोई को गाली नहीं दूँगी तो किसको दूँगी ? अब तो मैं उसका भी लन्ड चोदूँगी। मेरा मामू बहन चोद मेरा बहनोई लगता है मैं उसका भी लन्ड चोदूँगी। और तो और, मेरा ससुर भोसड़ी का मेरा देवर लगता है। आज तो मैं उसका लन्ड भी चोदूँगी और उसकी बिटिया की बुर भी चोदूँगी। मैं दोनों तरफ के रिश्ते का फायदा उठाऊंगी। मैं तो खुलेआम सास के भोसड़ा में लन्ड पेलूँगी क्योंकि वह मेरी देवरानी का भोसड़ा है। ऐसे रिश्ते केवल मेरे साथ ही नहीं है बल्कि हर लड़की के साथ हैं। इसलिए यहाँ सब हक़ से एक दूसरे की माँ, बेटी, बहन, बीवी, भाभी सब चोदतें हैं और इसी तरह माँ, बेटी, बहन, खाला, फूफी, भाभी सब सबसे चुदवातीं हैं। अब देखो न मैं और मेरी खाला की बेटी कहीं देवरानी जेठानी हैं तो कही नन्द भौजाई। अब मैं उसकी चूत में तो लौड़ा पेलूँगी ही। उसकी चूत क्या उसकी माँ का भोसड़ा भी चोदूँगी। वह भी मेरी माँ चोदेगी।
इन्ही रिश्तों की वजह से सब लोग सबकी बुर में लौड़ा पेल पर चोदते हैं और सब बड़े प्यार से और मजे ले ले कर चुदवाती हैं। यह चुदाई खुल्लम खुल्ला होती है. सबके कमरों के दरवाजे खिड़कियां खुली रहतीं हैं। कोई किसी भी कमरे में घुस कर किसी को भी चोद सकता है और किसी से भी चुदवा सकती है। यह दोहरा तिहरा रिस्ता चुदाई में बड़ा मज़ा देता है। एक दिन किसी ने मुझसे कहा रज़िया तुम अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही हो ? मैंने जबाब दिया नहीं यार मैं अपनी नन्द की बुर चोद रही हूँ। एक दिन मैं खाला के कमरे में गयी तो देखा की खाला की बेटी मेरी फूफी के बेटे से चुदवा रही है। में पूंछा तो वह बोली नहीं यार मैं अपने ससुर से चुदवा रही हूँ। इसी तरह एक दिन मेरी खाला मेरे जेठ का लण्ड चूस रही थी। मैंने पूंछा तो वह बोली नहीं रजिया मैं अपने देवर का लन्ड चूस रही हूँ। तो यह सब मज़ा होता है नजदीकी रिश्तों में शादियां होने का ?
हमारे घर में इसिलए रात को कपड़े पहनने का रिवाज़ नहीं है। न कोई औरत कपड़े पहनती है और न कोई मरद ? सब भोसड़ी के नंगे नंगे ही रहते है और सब भोसड़ी वाली नंगी नंगी। आईये मैं आपको बताती हूँ की आज की तारीख में घर में कौन कौन है ? :-को चाहिए चूत लड़कियों और औरतों को चाहिए लण्ड ? मैं रजिया. मेरी अम्मी आयशा बेगम, मेरी नन्द नाज़ , मेरी खाला साइना, खाला की बेटी सबा, फूफी जान की बेटी फ़िज़ा । मर्दों में मेरा जीजू शैफ, मेरा ससुर अकरम, मेरा बहनोई अज़हर, फूफा असलम, फूफी की बेटी का देवर ज़ाकिर, रहीम चचा और मामू का बेटा सल्लू।
शाम के ८ बजे थे। महफ़िल लगने का समय हो गया था। मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम पहले ही कर दिया था। मदिरा का मज़ा लेना मुझे बचपन से ही सिखा दिया गया था। सच यह है की हम लोग रईस खान दान के लोग हैं। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। अल्ला के करम से हमारे पास अपार धन दौलत है। जब पैसा होता है तो अय्यासी आ ही जाती है। अय्यासी में अधिक तर दो चीजें होती है। एक तो शराब और दूसरा चोदा चोदी। लड़के लौडियां बाजी करने लगते है और लड़कियां लौड़े बाजी ? लड़कों / मरदों को चाहिए चूत और लड़कियों / औरतों को चाहिए लण्ड ? मरद पहले घर वालियों की चूत का मज़ा लेते है और फिर बाहर वालियों की चूत का मज़ा। इसी तरह औरतें पहले घर वालों के लण्ड का मज़ा लेती है और फिर बाहर वालों के लण्ड का मज़ा ?
यहाँ सब मरद और औरतें नंगी नंगी ही बैठी हैं। किसी के भी बदन पर कोई कपड़ा नहीं है। सबके हाथ में एक एक शराब का गिलास है और खूब मस्ती से गन्दी गन्दी बातें हो रहीं हैं। रिश्ते खुल रहें है और उस पर खूब हंसी मजाक हो रही है.
मेरी फूफी की बेटी फ़िज़ा मेरे चचा जान को देख कर बोली - हाय, मेरे देवर राजा तेरा तो लण्ड अभी से खड़ा हो गया है। क्या इरादा है इस मादर चोद का ? मैंने कहा :- यार फ़िज़ा ये मेरा चचा जान है तो तेरा मामू जान हुआ न ? और तू इसे देवर बता रही है। वह बोली है यार मेरी ससुराल की तरफ से ये मेरा देवर लगता है। फिर उसने चचा का लण्ड पकड़ कर हिलाया और कहा देखो रजिया इसका लौड़ा भी मेरा देवर है। मैंने कहा तो आज तेरा देवर अपनी भाभी की बुर चोदेगा ? वह बोली नहीं यार आजकल चोदने का काम हम जैसी लड़कियां करती हैं। यह मेरी बुर नहीं मैं इसका लण्ड चोदूँगी ? मैं तो तेरे बाप का भी लण्ड चोदूँगी रजिया क्योंकि वह भी मेरा देवर ही लगता है न ? फ़िज़ा चचा का लण्ड चाटने लगी।चोदा चोदी की जितनी आज़ादी हमारे घर में हैं उतनी आज़ादी शायद ही किसी घर में हो ? हमारे घर में रात के समय आदमी हो या औरत किसी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं रहता। सारी की सारी औरतें नंगी रहतीं हैं और सारे के सारे मरद नंगे ? पूरा घर रात को जंगल की तरह हो जाता है जहाँ कोई नाता रिस्ता नहीं होता ? कोई किसी की भी बुर में लन्ड पेल देता है और कोई किसी भी लण्ड को अपनी बुर में पेलवा लेती है।
कोई किसी का भी लण्ड चाटने चूसने लगती है, कोई किसी की गांड मारने लगता है तो कोई किसी की चूँचियाँ चोदने लगता है। कोई पीछे से चुदवाने लगती है तो कोई आगे से चुदवाती है। कोई लण्ड पर बैठ जाती है तो कोई अपनी चूत किसी के मुंह पर रख देती है। कहने को तो यहाँ सब तरह के रिश्ते नाते हैं पर रात के समय सिर्फ एक ही रिस्ता होता है वह है लन्ड और चूत का ? यहाँ चाहे माँ का भोसड़ा हो चाहे बिटिया की बुर ? बहू की चूत हो चाहे सास का भोसड़ा ? नन्द की चूत चाहे भैजाई की बुर ? जेठानी की गांड हो चाहे देवरानी की चूत ? बुआ की बुर हो चाहे खाला का भोसड़ा ? सब की सब बहन चोद बराबर ? बेटे का लण्ड हो चाहे बाप का लण्ड, जीजू का लण्ड हो चाहे फूफा का लण्ड, चचा का लौड़ा हो चाहे भाई जान का लौड़ा, देवर का लण्ड हो चाहे जेठ का लांड, खालू का लौंडा हो चाहे ससुर का लांड सब के सब बहन चोद बीवियां अपने मियां का ही लण्ड समझते हैं. जो भी लण्ड हो उसे चूत में पेलो और चुदाओ। सब ठीक है सब जायज़ है ? जिसकी चाहो उसकी बुर चोदो और जिसका चाहो उसका लण्ड चोदो ?
गालियां देना यहाँ अनिवार्य है पर केवल लड़कियों को ही। कोई भोसड़ी का मरद किसी को भी गाली नहीं दे सकता। वह सिर्फ लड़कियों की गालियां सुन सुन कर मज़ा लेता है। यह सिलसिला रात को ८ बजे से शुरू हो जाता है और सुबह ८ बजे तक चलता है। हर रोज़ चुदाई का यह खेल बड़ा ही मनमोहक और मनोरंजक होता है। रात में किसी को भी कपड़े पहनने इज़ाज़त नहीं है
मेरा नाम रजिया है मैं २६ साल की हूँ शादी शुदा हूँ खूबसूरत हूँ सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। शायद इसीलिए मेरे अंदर सेक्स की आग बहुत ही ज्यादा है। उस आग को बुझाने के लिए मुझे कई लन्ड की जरुरत महसूस होती है। वैसे मैं अकेली नहीं हूँ। यहाँ हमारे घर में सभी औरतों का यही हाल है। कोई किसी से कम नहीं है। सब की सब लन्ड की दीवानी है और लन्ड से मोहब्बत करती हैं। किसी भी औरत की आग किसी एक लन्ड या दो लन्ड से नहीं बुझती। उसे तो कई लन्ड चाहिए और लन्ड पे लन्ड चाहिए। आगे से लन्ड, पीछे से लन्ड, ऊपर से लन्ड, नीचे से लन्ड, मुंह में लन्ड, बुर में लन्ड, चूँची में लन्ड, गांड में लन्ड,,,,?
हां एक बड़ी मजेदार चीज है हमारे कुनबे में। हम लोग मुसलमान है इसलिए हमारी शादियां बहुत ही नजदीकी रिश्ते दारों में हो जाती है। घर के लोगों के बीच में ही हो जाती है। चचा जान के लड़के से भी हो जाती है। मामू से हो जाती हैऔर मामू के लड़के या लड़की से भी हो जाती है। खाला और फूफी जान की बेटे बेटियों से भी हो जाती है। अब मुझे ही देखो मेरी अम्मी एक रिश्ते से मेरी नन्द लगतीं हैं।अब मैं अगर अपनी बुर चोदी नन्द की बुर नहीं चोदूँगी तो किसी चोदूँगी। मैं तो उसे कभी कभी इसी रिश्ते से गालियां देती हूँ और वह भी मुझे गालियां देती है। वह भी कहती है की मेरी भोसड़ी की भाभी मैं तेरी गांड मारूंगी तो फिर किसकी मारूंगी ?
फिर तो मेरा अब्बू भी मेरा नंदोई हो गया। अब बहन चोद नंदोई को गाली नहीं दूँगी तो किसको दूँगी ? अब तो मैं उसका भी लन्ड चोदूँगी। मेरा मामू बहन चोद मेरा बहनोई लगता है मैं उसका भी लन्ड चोदूँगी। और तो और, मेरा ससुर भोसड़ी का मेरा देवर लगता है। आज तो मैं उसका लन्ड भी चोदूँगी और उसकी बिटिया की बुर भी चोदूँगी। मैं दोनों तरफ के रिश्ते का फायदा उठाऊंगी। मैं तो खुलेआम सास के भोसड़ा में लन्ड पेलूँगी क्योंकि वह मेरी देवरानी का भोसड़ा है। ऐसे रिश्ते केवल मेरे साथ ही नहीं है बल्कि हर लड़की के साथ हैं। इसलिए यहाँ सब हक़ से एक दूसरे की माँ, बेटी, बहन, बीवी, भाभी सब चोदतें हैं और इसी तरह माँ, बेटी, बहन, खाला, फूफी, भाभी सब सबसे चुदवातीं हैं। अब देखो न मैं और मेरी खाला की बेटी कहीं देवरानी जेठानी हैं तो कही नन्द भौजाई। अब मैं उसकी चूत में तो लौड़ा पेलूँगी ही। उसकी चूत क्या उसकी माँ का भोसड़ा भी चोदूँगी। वह भी मेरी माँ चोदेगी।
इन्ही रिश्तों की वजह से सब लोग सबकी बुर में लौड़ा पेल पर चोदते हैं और सब बड़े प्यार से और मजे ले ले कर चुदवाती हैं। यह चुदाई खुल्लम खुल्ला होती है. सबके कमरों के दरवाजे खिड़कियां खुली रहतीं हैं। कोई किसी भी कमरे में घुस कर किसी को भी चोद सकता है और किसी से भी चुदवा सकती है। यह दोहरा तिहरा रिस्ता चुदाई में बड़ा मज़ा देता है। एक दिन किसी ने मुझसे कहा रज़िया तुम अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही हो ? मैंने जबाब दिया नहीं यार मैं अपनी नन्द की बुर चोद रही हूँ। एक दिन मैं खाला के कमरे में गयी तो देखा की खाला की बेटी मेरी फूफी के बेटे से चुदवा रही है। में पूंछा तो वह बोली नहीं यार मैं अपने ससुर से चुदवा रही हूँ। इसी तरह एक दिन मेरी खाला मेरे जेठ का लण्ड चूस रही थी। मैंने पूंछा तो वह बोली नहीं रजिया मैं अपने देवर का लन्ड चूस रही हूँ। तो यह सब मज़ा होता है नजदीकी रिश्तों में शादियां होने का ?
हमारे घर में इसिलए रात को कपड़े पहनने का रिवाज़ नहीं है। न कोई औरत कपड़े पहनती है और न कोई मरद ? सब भोसड़ी के नंगे नंगे ही रहते है और सब भोसड़ी वाली नंगी नंगी। आईये मैं आपको बताती हूँ की आज की तारीख में घर में कौन कौन है ? :-को चाहिए चूत लड़कियों और औरतों को चाहिए लण्ड ? मैं रजिया. मेरी अम्मी आयशा बेगम, मेरी नन्द नाज़ , मेरी खाला साइना, खाला की बेटी सबा, फूफी जान की बेटी फ़िज़ा । मर्दों में मेरा जीजू शैफ, मेरा ससुर अकरम, मेरा बहनोई अज़हर, फूफा असलम, फूफी की बेटी का देवर ज़ाकिर, रहीम चचा और मामू का बेटा सल्लू।
शाम के ८ बजे थे। महफ़िल लगने का समय हो गया था। मैंने ड्रिंक्स का इंतज़ाम पहले ही कर दिया था। मदिरा का मज़ा लेना मुझे बचपन से ही सिखा दिया गया था। सच यह है की हम लोग रईस खान दान के लोग हैं। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। अल्ला के करम से हमारे पास अपार धन दौलत है। जब पैसा होता है तो अय्यासी आ ही जाती है। अय्यासी में अधिक तर दो चीजें होती है। एक तो शराब और दूसरा चोदा चोदी। लड़के लौडियां बाजी करने लगते है और लड़कियां लौड़े बाजी ? लड़कों / मरदों को चाहिए चूत और लड़कियों / औरतों को चाहिए लण्ड ? मरद पहले घर वालियों की चूत का मज़ा लेते है और फिर बाहर वालियों की चूत का मज़ा। इसी तरह औरतें पहले घर वालों के लण्ड का मज़ा लेती है और फिर बाहर वालों के लण्ड का मज़ा ?
यहाँ सब मरद और औरतें नंगी नंगी ही बैठी हैं। किसी के भी बदन पर कोई कपड़ा नहीं है। सबके हाथ में एक एक शराब का गिलास है और खूब मस्ती से गन्दी गन्दी बातें हो रहीं हैं। रिश्ते खुल रहें है और उस पर खूब हंसी मजाक हो रही है.
खाला की बेटी सबा ने अम्मी से कहा हाय अम्मी तुझे मालूम है ? तू तो मेरी सास भी लगती है बहन चोद ? इसलिए तेरी बहू की माँ का भोसड़ा ? तेरी बेटी रजिया बुर चोदी मेरी नन्द हुई और मैं अक्सर नन्द की माँ चोदती हूँ। लौड़ा दोनों की चूत में पेलती हूँ मैं ? ऐसा कह कर सबा फ़िज़ा के देवर का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फ़िज़ा का देवर ज़ाकिर उसकी चूँचियाँ मसलने लगा। खाला की नज़र असलम फूफा के लण्ड पर टिक गयी। लण्ड भी उसका बड़ी जोर से टन टनाया हुआ था। खाला से रहा न गया उसने हाथ बढ़ा कर लण्ड पकड़ ही लिया और बोली हाय मेरी नंदोई राजा अब तेरा लण्ड मुझसे बच कर कहाँ जायेगा ? आज बहुत दिनों के बाद तेरे लण्ड का दीदार कर रही हूँ। तू भोसड़ी का जाने कहाँ छुपा बैठा था अभी तक ? ऐसा बोल कर खाला लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगीं और पेल्हड़ की चुम्मी लेने लगी। फूफा उसकी चूँचियाँ दबाने लगा और चूत चाटने लगा।
मेरी नन्द नाज़ बुर चोदी हमारे घर में पहली बार यह नज़ारा देख रही थी। उसने इतनी खुली खुली सामूहिक चुदाई पहले कभी देखी नहीं थी। उसकी नज़रें सबके लण्ड पर बार बार दौड़ रही थीं । उसकी भी चूत में बुरी तरह आग लगी थी और चूँचियाँ तनी हुई थीं। अचानक उसने मेरे बहनोई अज़हर का लण्ड हाथ बढ़ा कर पकड़ ही लिया। अज़हर ने उसे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। उसकी जवान मस्त मस्त चूँचियाँ अज़हर की छाती से चिपक गयी। अज़हर को मज़ा आया और तब नाज़ उसका लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। वह बोली हाय मेरे राजा तेरा तो लौड़ा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैं इसी तरह का लण्ड पसंद करती हूँ और मेरी अम्मी भी ऐसे ही लौंड़ों का मज़ा लेतीं हैं। मैंने कहा हाय दईया नाज़ तेरी माँ का भोसड़ा ? तू तो बहुत मस्त लड़की निकली यार ? अब तो मैं तेरे सामने तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी। वह भी हँसते हुए बोली हाय मेरी रजिया भाभी जान फिर तो मैं भी तेरे सामने तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी। सुना है तेरे बाप का लण्ड बहुत मोटा है रजिया ? बड़ा मज़ा आएगा।
ऐसा कह कर नाज़ अज़हर से सटासट चुदवाने लगी। मेरी अम्मी तो मेरे ससुर के लण्ड को दिल दे बैठी। अम्मी भी नंगी और उसके सामने मेरा ससुर भी नंगा। उसका लण्ड बहन चोद खड़ा हुआ अपना सिर बार बार हिला रहा था। अम्मी उसकी तरफ बढ़ीं तो वह भी अम्मी तरफ बढ़ा। अम्मी के हाथ में उसका लण्ड आ गया तो मेरे ससुर के हाथ में अम्मी की बड़ी बड़ी चूँचियाँ। वह बोली हाय आयशा भाभी तुम्हारी तो रस भरी चूँचियाँ बड़ी मस्त हैं। मेरी बहू की माँ इतनी हॉट होगी यह मुझे नहीं मालूम था। मैंने सोंचा था की जाते ही पहले मैं अपनी बहू की बुर लूंगा लेकिन जब मैंने तुम्हे देखा भाभी तो मन बदल गया। मैंने सोंचा की अब मैं बहू की माँ का भोसड़ा पहले चोदूंगा फिर बाद में बहू की बुर चोदूंगा ? अम्मी ने तो पहले बड़ी देर तक लण्ड चाटा चूसा और खूब मस्ती की। बाद में अपनी टांगें फैला कर मेरे ससुर का लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। तब तक उधर से सबा बोली रजिया तू बहन चोद अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही है ? मैंने कहा तू भी तो भोसड़ा चुदवा रही है अपनी माँ का मेरी हरामजादी सबा ?
थोड़ी देर में मैं जीजू के लण्ड पर उसकी तरफ पीठ करके बैठ गयी। बैठते ही लण्ड मेरी चूत में घुस गया। मैं फिर चित उसके ऊपर लेट गयी। उसका लण्ड मेरी चूत में घुसा था। फिर मैंने सल्लू से कहा तू भी अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दे ? इस तरह दोनों लण्ड एक साथ मेरी चूत में घुस कर चोदने लगे।
सब लोग मेरी तरफ देख देख कर मज़ा लेने लगे। मैंने कहा जीजू भोसड़ी के तुम तो मेरे ससुर भी लगते हो। तो फिर चोदो न धकाधक अपनी बहू की बुर ? मैं उन दोनों से और मस्ती से चुदवाने लगी। बस फिर क्या थोड़ी देर में होने लगी लण्ड की अदला बदली। फ़िज़ा ज़ाकिर का लन्ड अपने मुंह में पेल कर चूसने लगी. सबा असलम का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। सेना अज़हरके लण्ड पर झपट पड़ी। मेरी नन्द नाज़ तो अपने हीअब्बू का लण्ड पकड़ कर सहलाने लगी। वह पहले भी कई बार अपने अब्बू के लण्ड का मज़ा ले चुकी है। एक बार धोखे से उसने अपने अब्बू लण्ड पकड़ लिया था तब से पकड़ ही रही है छोड़ा नहीं कभी उसने ? उसी से उसकी शर्म ख़तम हो गयी और उसके लण्ड का ामज़ा लूटने लगी। मेरी अम्मी ने मेरे जीजू का लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया। सल्लू ने इस बार अपना लण्ड नाज़ की मुंह में घुसेड़ दिया।
अब कमरे में चुदाई का आनंद और आने लगा। रात भर लोग इसकी चूत उसकी चूत चोदते हैं और औरतें इसका लण्ड उसका लण्ड अपनी चूत में पेलवाती हैं। यह सिलसिला चलता ही रहता है और इसकी संख्या बढती ही जा रही है।
हमारे घर की तरह अब फूफी के घर में भी रात में कोई कपड़े नहीं पहनता। सारे औरतें नंगी रहतीं हैं और सारे मरद भी। वो लोग भी खूब एन्जॉय करतें हैं। यह बात मुझे फूफी की बेटी फ़िज़ा ने ही बताई। उसने कहा अरे रजिया दीदी मेरी अम्मी तो रात में रंडी से भी बदतर हो जातीं हैं। बिलकुल १९ साल की लड़की बन जातीं हैं और सबके लण्ड अपनी चूत में आपने मुंह में घुसेड़ लेतीं हैं। मेरी चूत में, मेरी बहन की चूत में, मेरी भाभी की बुर में, मेरी सास के भोसड़ा में और मेरी नन्द की बुर में लौड़ा पेलती रहतीं हैं। खूब गलियां प्यार से देती हैं और उसकी देखा देखी सभी बहू बेटियां और भाभी भी गाली दे दे कर चुदवाती हैं। अम्मी कहती हैं बेटी फ़िज़ा तेरी दीदी की माँ की चूत बहन चोद। मैं तेरी दीदी की माँ भी चोदूँगी और उसकी बहन भी चोदूँगी ?
दीदी भी खुल कर कहती हैं अम्मी तेरी बिटिया की बुर ? तेरी बिटिया की बहन का भोसड़ा ? तेरी बेटी की नन्द की चूत। अम्मी भाभी से कहती है की बहू मैं तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी, तेरी सास की झांटें उखाड़ लूंगी। मैं भी कहती हूँ अम्मी तेरी बेटी की गांड में घुसेड़ दूँगी लण्ड ? दीदी से कहती हूँ - दीदी तेरी बहन का लण्ड ? तेरी माँ का भोसड़ा ? हम सब इसी तरह खूब मस्ती करतीं हैं। ये सब बातें सुन सुन कर मरदों के लण्ड साले और सख्त हो जातें हैं। तब चुदवाने में और भी मज़ा आता है।
सच में यह सब सुन कर और सबके साथ चोदा चोदी करने में बड़ा मज़ा आता है। मैं तो खूब एन्जॉय कर रही हूँ। तेरे आती हूँ तो यहाँ सबसे चुदवाती हूँ और अपने घर में रहती हूँ तो वहां भी खूब चुदवाती हूँ। मैंने यह बात अपने सास को बताई तो उसने भी शुरू कर दिया रात में नंगा नंगी चोदा चोदी ? मैं तो अब अपनी ससुराल में भी सबके लण्ड का मज़ा लूटती हूँ।
Click on Search Button to search more posts.
