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तीन बेटियों और तीनों की माताओं की चुदाई - 3 Betiyon aur Unki Maa ki ek sath chudai
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एक दिन मैं नतासा, मेरी अम्मी जमीला बेगम, मेरी फूफी जान समीना और उसकी बेटी निदा बैठी हुई खूब मस्ती से बातें कर रहीं थीं। मेरी शादी के ३ महीने हुए थे और निदा की शादी के २ महीने ? गर्मी के दिन थे बियर हम सबके हाथ में थी। तब अम्मी ने कहा यार थोड़ा कॉकटेल हो जाये ? तो फिर हमने बियर में थोड़ा व्हिस्की मिला दिया। टेस्ट अच्छा हो गया। नशा चढ़ने लगा और बातें भी गहरी होने लगीं। फिर सेक्स और चोदा चोदी की बातें होने लगीं। लन्ड चूत की बातें होने लगीं। हंसी हंसी में गालियां भी प्यार में मुंह से निकलने लगीं। बहन चोद, मादर चोद होने लगा। कहतें हैं की आपस में गाली गलौज से नजदीकियां बढ़तीं हैं प्यार बढ़ता है और एक दूसरे से खुल कर बातें होने लगतीं हैं। हम लोगों के कपड़े भी अस्त व्यस्त होने लगे। मेरी चूँचियाँ दिखने लगी तो फूफी का भोसड़ा झांकने लगा। अम्मी की गांड दिखने लगी तो निदा की छोटी छोटी झांटें ? माहौल रंगीन हो गया। मैंने कहा :- निदा मैं तुम्हे एक सवाल कर रही हूँ। तुम उसका सही सही जबाब देना। अगर तुम सही जबाब नहीं नहीं दिया तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। वह बोली :- अरे यार तुझे मेरी माँ चोदने की जरुरत नहीं पड़ेगी। तुम बस सवाल तो पूंछो ?
मैंने कहा :- सच्ची सच्ची बताओ की कितने लन्ड थे तेरी सुहागरात में ? और कैसे कैसे लन्ड थे तेरी सुहागरात में ? वह हंस कर बोली :- अरे दीदी तेरी शादी तो पहले हुई थी। तुम बताओ न पहले की कितने लन्ड थे तेरी सुहागरात में और लन्ड कैसे कैसे थे ?
मैंने कहा :- भोसड़ी की निदा तू मेरी नक़ल कर रही है। सवाल मैंने पहले किया है तो जबाब भी पहले मुझे मिलना चाहिए नहीं तो मैं तेरी झांटें उखाड़ लूंगी। वह बोली :- अरे यार मेरी झांटें आज तो है ही नहीं तो तू उखाड़ेगी क्या ? हां मैं तुझे जबाब दे रही हूँ। तीन लन्ड थे मेरी सुहागरात में ? दो तो मैं पहचानती थी। एक मेरे शौहर का लन्ड दूसरा उसके दोस्त का लन्ड और तीसरा कौन सा लन्ड मुझे चोद कर चला गया मुझे नहीं मालूम। पर हां चुदाई के बाद मेरी नन्द आयी और बोली भाभी तीसरा लन्ड मेरे देवर का था। पहले उसने मुझे चोदा और फिर वह तुम्हे चोदने के लिए तुम्हारे कमरे में घुस गया। हमारे यहाँ सुहागरात में किसी ग़ैर की दुल्हन की बुर लेना बड़ा अच्छा माना जाता है।
तब तक मेरी अम्मी बोली :- निदा तो क्या तुम्हे पहले से मालूम था की तेरे मियां का दोस्त भी तुम्हे चोदेगा ? वह बोली :- नहीं मामी जान मुझे नहीं मालूम था। जब मेरा मियां मुझे चोद रहा था तो वह बोला निदा मेरा कहना मानोगी। मैंने कहा हां मानूगी। बताओ क्या करना है मुझे। वह बोला आज तुम्हे मेरे दोस्त से चुदवाना है ? मैं थोड़ी देर तक चुप रतहि फिर बोली ऐसी कौन सी जरुरत आ पड़ी है की उसे आज ही चोदना है ? अगर तो किसी और दिन चोद लेगा ?
वह बोला :- नहीं निदा ऐसा नहीं होगा ? बात यह है की मैंने उससे वादा किया है की तुम मेरी बीवी मेरे सुहागरात में चोदोगे। क्योंकि उस समय मैं उसकी सुहागरात में उसकी बीवी चोद रहा था ?
मैंने कहा :- तो फिर ठीक है मैं चुदवा लूंगी। मेरी भी एक शर्त है। तुम एक दिन मेरे सामने मेरी सहेली की बुर चोदोगे और उसका मियां तेरे सामने मेरी बुर चोदेगा। बोलो मंजूर है।
वह बोला :- हां मंजूर है।
इस तरह मैंने उसके मियां से चुदवा लिया। अब तुम बताओ नतासा दीदी तेरी सुहागरात में कितने लन्ड थे और कैसे कैसे थे ?
मैंने कहा :- मेरी भी कहानी कुछ इसी तरह है। मेरी सुहागरात में ३ १/२ लण्ड थे ?
वह बोली :- हाय अल्ला, ये साढ़े तीन लण्ड की कहानी कैसी है ? क्या कोई आधा कटा हुआ लण्ड था ?
मैंने कहा :- नहीं ऐसी बात नहीं है पर सुनोगी तो मज़ा आएगा . मेरी सुहागरात का दारोमदार मेरी नन्द पर था। वही एक के बाद एक लण्ड कमरे में भेज रही थी और मैं मस्ती से चुदवा रही थी। क्योंकि मेरी सास ने कहा था की देख बहू देख तेरी सुहागरात में जो तेरी बुर चोदी नन्द कहे वही तुझे करना है। मैं बस हूबहू वही करने लगी। पहले तो मैंने अपने शौहर से चुदवाया।
निदा बोली :- हाय दीदी, जीजा जी का लण्ड कैसा है ?
मैंने कहा :- जब तेरे जीजा जी का लण्ड तेरी चूत में घुसे तो तू अपनी चूत से पूंछ लेना ?
तब तक फूफी भी बोल पड़ी :- हां निदा, जब तेरे जीजा जी का लण्ड तेरी माँ का भोसड़ा चोदे तब तुम अपनी माँ के भोसड़ा से पूंछ लेना की जीजा जी का लण्ड कैसा है ?
यह सुनकर सबने एक जोर का ठहाका लगाया।
मैंने कहा :- शौहर चोद के गया तो उसके आधे घंटे बाद मेरी नन्द एक लड़के को नंगा नंगा मेरे कमरे में ले आयी। उसका लन्ड नन्द के हाथ में था। नन्द भी बुर चोदी अपनी चूँचियाँ खोले हुए आयी थी। मुझे लंड पकड़ाते हुए कहा भाभी ये मेरा देवर है तुम अब इससे चुदवा लो। मैंने लण्ड पकड़ लिया तो मज़ा आ गया। लण्ड साला मोटा था और मुझे मोटे लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं। मैं लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत। फिर मैंने अपनी चूत फैला दी और उसने लण्ड ठोंक दिया पूरा का पूरा और चोदने लगा। मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी। मैंने पूंछा क्या तुम अपनी भाभी की बुर लेते हो ? वह बोला हां खूब लेता हूँ। भाभी भी मुझे बड़े प्यार से अपनी बुर देती हैं। मैं तो अपनी बड़ी भाभी की भी बुर लेता हूँ। बड़ी भाभी की बहन की भी बुर चोदता हूँ। मेरा लण्ड मोटा है भाभी इसलिए सबको पसंद है। मैंने कहा मुझे भी तेरा लन्ड पसंद है। वह फिर मुझे हचक हचक कर चोदने लगा। मेरी सुहागरात उसके साथ बड़ी अच्छी हो रही थी। मैंने जब उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तू मुझे उसका स्वाद बड़ा अच्छा लगा।
उसके बाद तीसरा लन्ड लेकर मेरे सामने आ गयी और बोली भाभी ये है भोसड़ी का मेरा खालू ? मुझसे केवल दो साल बड़ा है। इसके लण्ड में बड़ी ताकत है। अब ये तुम्हे चोद कर मज़ा लेगा। मैंने कहा तो फिर तेरी खाला को बुरा तो नहीं लगेगा ? वह बोली खाला की बिटिया की बुर। वह भोसड़ी वाली मेरे मरद से चुदवा रही है। उसे क्यों बुरा लगेगा ? तुम उसकी परवाह न करो भाभी। मैंने लण्ड पकड़ा तो वह साला फनफना उठा ? उस चिकने लौड़े ने मेरा दिल जीत लिया। मैंने एक हाथ से पेल्हड़ थामे और दूसरे हाथ से लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। उसका सुपाड़ा चूमने और चाटने लगी। मैं मन ही मन बड़ी खुश थी की जब सुहागरात में यह हाल है तो आगे क्या होगा ? एक बात तो पक्की हो गयी की आगे भी मुझे कोई न कोई चोदता ही रहेगा ? मुझे उससे चुदवाकर वास्तव में बड़ा मज़ा आया। तब तक सवेरा हो चुका था। मुझे भी नींद आने लगी थी। मैं तीनो लन्ड का मज़ा ले चुकी थी।
तभी मेरी नन्द की जगह मेरी सास आ गयी वह बोली बहू यह मेरी नन्द का लड़का है। इसका लन्ड खड़ा है। इसके लिए न कोई बीवी मिल रही है और न कोई लड़की। मेरा भी भोसड़ा साला चुदवा चुदवा कर थक गया है। तुम इसका भी लन्ड अपनी चूत में पेल लो और ठंडा कर इस बिचारे का लन्ड ? मैंने सास की बड़ी बड़ी चूँचियाँ देखीं तो समझ गयी की यह भी भोसड़ी वाली बड़ी चुड़क्कड़ औरत होगी। ख़ैर मैं लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। चूमने और चाटने लगी लन्ड । और फिर मुंह में लेकर लन्ड चूसने लगी। वह बोला भाभी मैं आपके मुंह में ही झड़ जाऊंगा। मैंने कहा तू चिंता न कर निकल जा मेरे मुंह में। मैंने तेरे लन्ड का मुठ्ठ मार देती हूँ। तुम मेरी बुर किसी और दिन ले लेना ? बस मैं मुठ्ठ मारने लगी और वह २ मिनट में झड़ गया। मैंने उसके झड़ता हुआ लन्ड बड़े प्यार से चाटा।
इस तरह मैंने साढ़े तीन लण्ड से अपनी सुहागरात में चुदवाया।
फूफी ने कहा :- नतासा तू तो माद चोद बड़ा मज़ा करके आयी है अपनी ससुराल से। जब तेरा सुहागरात में यह हाल था तो उसके बाद तो तेरी चूत में धकाधक लन्ड आने लगे होंगें।
मैंने कहा :- अरे फूफी एक खूबसूरत बीवी के सामने तो वैसे भी लोग अपना लन्ड हिलाते रहतें हैं।
इतने में एक आवाज़ आयी - अरी निदा भोसड़ी की तेरी माँ की चूत तूने कभी मुझसे नहीं बताया की तेरा ससुर मेरा देवर लगता है। और जमीला दीदी तेरी बेटी का शौहर मेरी बेटी का नंदोई लगता है। यह आवाज़ मेरी खाला की थी। उसकी बेटी की शादी अभी एक महीने पहले ही हुई है। शादी हो जाने के बाद सब नाते रिश्ते खुलने लगते हैं। मैंने सोंचा क्या मैं खाला की बेटी ज़ारा की नन्द लगती हूँ। ये सब कैसा उलटा पुल्टा है ? खाला बोली अरे तुम नहीं समझ पाओगी मेरी बुर चोदी नतासा ? यहाँ आपस में ऐसी शादियां हो जातीं हैं की कभी अब्बू देवर बन जाता है कभी ससुर जेठ बन जाता है। कभी अम्मी नन्द बन जाती है कभी सास जेठानी बन जाती हैं , कभी देवरानी सास बन जाती है और कभी जेठानी भाभी ?
इस तरह ये रिश्ते सब एक दूसरे के साथ चोदा चोदी करने वाले हो जातें हैं। यही कारण है की हम मुस्लिम में चोदा चोदी की आज़ादी रहती है। कोई किसी को चोद ले कोई किसी से चुदवा ले किसी को कोई फरक नहीं पड़ता ? इसलिए मैंने तो सोंच लिया है की रिश्तों की माँ का भोसड़ा ? जिसका लन्ड मिले वही पेलो अपनी चूत में और मजे से चुदवाओ। मैं तो अब यही करती हूँ। कल मैंने अपनी बेटी की चूत में अपने भाई जान का लन्ड पेल दिया। बाद में पता चला की मेरी बेटी मेरे भाई जान की भाभी लगती है। यह पता चलते ही मेरा भाई मेरी बेटी की बुर और मस्ती से चोदने लगा। दोनों को खूब मज़ा आया और मुझे भी। तब तक किसी ने कहा अरे ज़ाहिरा तेरी बेटी का ससुर तेरा जीजा लगता है यार ? मैंने कहा तो लाओ न उसे मेरे सामने मैं अपने जीजा का लन्ड सबके सामने चोदूँगी।
तब तक खाला की बेटी ज़ारा भी आ गयी।
ज़ारा को देख कर अम्मी बोली - अरी ज़ारा तूने इतनी देर क्यों लगा दी आने में ? क्या तू अपनी माँ चुदा रही थी ?
मैंने कहा :- अरे अम्मी अब तो मैं नन्द हो गयी हूँ ज़ारा की ? अब तो मैं चोदूँगी अपनी ज़ारा भाभी की बुरऔर चोदूँगी उसकी माँ का भोसड़ा ?
उधर से ज़ारा बोली :- खाला जान फिर फूफी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
अम्मी ने कहा :- तेरी फूफी की बिटिया की बुर ? फूफी की भी चोदूँगी और उसकी बेटी की भी ?
तब तक फूफी बोली :- चोदोगी कैसे ? लौड़ा कहाँ हैं ?
इतने में पीछे से आवाज़ आयी :- लौड़ा यहाँ है भाभी ?
यह आवाज़ फूफी के देवर की थी। बस फिर क्या माहौल में और गर्मी छा गई। एक तो प्यार की गालियों की वजह से सबकी चूत पहले से ही चुलबुला रही थी। चूँचियाँ तन हुई थीं और उस पर एक लौड़ा भी आ गया। सब की सब उस पर टूट पड़ना चाहती थीं। तब तक एक आवाज़ और आई - एक लौड़ा यहाँ भी है भाभी जान ? मैंने पीछे देखा तो खाला जान का देवर था। अब तो मस्तियाँ बढ़ने लगी।
फूफी ने कहा :- अब तो चुदवा ले नताशा अपनी माँ ?
मैंने कहा :- नहीं फूफी पहले मैं तेरी बेटी की माँ चुदवाऊंगी ?
तब तक निदा बोली :- तो फिर तू किसका लन्ड पलेगी मेरी अम्मी की चूत में ?
ज़ारा ने जबाब दिया :- अरे नताशा तो अपने ही मियां का लन्ड पेल देगी फूफी की बुर में ?
अम्मी ने कहा :अरे हां तुम तीनो अपने अपने मियां का लन्ड पेलो न एक दूसरे की चूत में मज़ा आ जायेगा ? उधर से खाला बोल पड़ी :- अपनी ही चूत में क्यों ? ये तो अपनी माँ की भी चूत में पेल सकती हैं अपने अपने मियां का लण्ड ? रिश्ते में पता नहीं किसकी माँ किसके मियां की भाभी निकल आये ? फिर तो चुदाई में दूना मज़ा आ जायेगा। बुलाओ तुम अपने अपने मियां को और खोल कर दिखाओ सबको अपने अपने मियां का लन्ड ? अब तो यहाँ बहन चोद चूत तो सबकी गरम हो ही चुकी है। बस अब लन्ड पेलने की जरुरत है।
थोड़ी देर में वो तीनो मरद आ गये। मेरा मियां अली असगर, निदा का मियां लतीफ़ और ज़ारा का मियां हनीफ। उधर फूफी का देवर मासूक और खाला का देवर असरार पहले से ही मौजूद था।
इन तीनो मरदों को पूरी कहानी सुनाई गयी तो वो भी मूड में आ गए। अब नई पराये मरदों की बीवियां चोदना किसको नहीं अच्छा लगता और नये नये पराये मर्दों से चुदवाना भी किसको अच्छा नहीं लगता। सब बहन चोद दूसरों की बीवियां बड़ी ललचाई निगाहों से देखने लगे। थोड़ा नशा चढ़ा तो बातें भी बहुत गन्दी गन्दी होने लगीं। प्यार से भरी हुई गालियां भी होने लगीं और मस्ती भी बढ़ने लगी। तभी मैंने अपने मियां का लन्ड पैजामे से बाहर निकाल लिया। लण्ड साला खड़ा था।
मैं निदा को लण्ड दिखाती हुई बोली - ले निदा पकड़ अपने जीजा का लण्ड और पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में। तेरी बड़ी इच्छा थी न मेरे मियां का लण्ड पकड़ने की ? निदा भी अपने मियां का लण्ड निकाल कर हिलाने लगी। उसका भी लौड़ा बहन चोद टन टना कर खड़ा हो गया। वह लण्ड मुझे दिखाती हुई बोली - नताशा लो तुम पकड़ लो अपने बहनोई का लण्ड ? चाहे इसे अपनी चूत में पेलो चाहे अपनी माँ की चूत में ? इस तरह निदा ने मुझे अपने मियां का लण्ड पकड़ा दिया और मैंने उसे अपने मियां का लण्ड ? निदा बुर चोदी बड़ी सायानी निकली उसने वही लण्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया। इस तरह मेरा मियां मेरी फूफी की बुर चोदने लगा ? तब तक मैंने भी निदा के मियां का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। मैं भी मस्ती से अपनी माँ चुदवाने लगी। निदा के मियां का लण्ड वाकई बड़ा मोटा था।
इतने में मैंने देखा की एक और आदमी कमरे में आ गया। वह भी बिलकुल नंगा था। मेरी नज़र उसके खड़े लन्ड पर पड़ी तो मैं मस्त हो गयी। मैंने मन में कहा वाह ! ये लौड़ा तो बहुत जबरदस्त है। जब मैंने उसके चेहरा देखा तो दंग रह गयी। वह भोसड़ी का मेरा मामू रकीब निकला ? मुझे नहीं मालूम था की मेरे मामू का लण्ड इतना बड़ा होगा ? मेरी चूत साली और गरमा उठी। मेरा मामू आगे बढ़ा और खाला के भोसड़ा में घुसा दिया लन्ड ? वह मेरी खाला की बुर लेने लगा। तब अम्मी ने बताया रकीब मेरे मामू जान का लड़का है। मैं खुद अपनी शादी के पहले इसका लण्ड हिला करती थी। अब हमारे सामने ही मेरी अम्मी मेरी फूफी और मेरी खाला भकाभक चुदवाने लगीं। हम तीनो अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगीं और एन्जॉय करने लगीं।
आग तो हम तीनो की चूत में भी बड़ी बुरी तरह लगी हुई थी।
मैं आगे बढ़ी और लपक कर फूफी के देवर मासूक का लण्ड पकड़ लिया। मैं उसका सुपाड़ा चाटने लगी और पेल्हड़ चूमने लगी। मुझे लण्ड पसंद आया तो मैं लण्ड में ही खो गयी। मेरे सामने ही निदा ने मेरी खाला के देवर असरार का लण्ड पकड़ा, उसे हिलाया और लण्ड का टोपा मुंह में डाल कर चूसने लगी। निदा बुर चोदी लण्ड चूसने में, अपनी बुर चुदवाने में और अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने में बड़ी माहिर है। जितनी खूबसूरत है उतनी ही चुड़क्कड़ है। तब तक ज़ारा अपने ही मियां का लण्ड हिलाने में लगी थी। वह लण्ड पकड़े पकड़े मेरी अम्मी के पास गयी। उसे अपने मियां का लण्ड पकड़ा दिया और उससे निदा के मियां का लण्ड खुद पकड़ लिया। ज़ारा के हाथ में लतीफ़ का लण्ड आ गया। ज़ारा निदा के मियां का लण्ड पाकर बड़ी खुश हो गयी। वह लण्ड से खेलने लगी और फिर पीछे से कुतिया की तरह चुदवाने लगी।
अब पूरे कमरे में तीनो बेटियों की चुदने लगी बुर और तीनो की माँ का चुदने लगा भोसड़ा ?
उसके बाद तो सबने लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया ?
एक दिन मैं नतासा, मेरी अम्मी जमीला बेगम, मेरी फूफी जान समीना और उसकी बेटी निदा बैठी हुई खूब मस्ती से बातें कर रहीं थीं। मेरी शादी के ३ महीने हुए थे और निदा की शादी के २ महीने ? गर्मी के दिन थे बियर हम सबके हाथ में थी। तब अम्मी ने कहा यार थोड़ा कॉकटेल हो जाये ? तो फिर हमने बियर में थोड़ा व्हिस्की मिला दिया। टेस्ट अच्छा हो गया। नशा चढ़ने लगा और बातें भी गहरी होने लगीं। फिर सेक्स और चोदा चोदी की बातें होने लगीं। लन्ड चूत की बातें होने लगीं। हंसी हंसी में गालियां भी प्यार में मुंह से निकलने लगीं। बहन चोद, मादर चोद होने लगा। कहतें हैं की आपस में गाली गलौज से नजदीकियां बढ़तीं हैं प्यार बढ़ता है और एक दूसरे से खुल कर बातें होने लगतीं हैं। हम लोगों के कपड़े भी अस्त व्यस्त होने लगे। मेरी चूँचियाँ दिखने लगी तो फूफी का भोसड़ा झांकने लगा। अम्मी की गांड दिखने लगी तो निदा की छोटी छोटी झांटें ? माहौल रंगीन हो गया। मैंने कहा :- निदा मैं तुम्हे एक सवाल कर रही हूँ। तुम उसका सही सही जबाब देना। अगर तुम सही जबाब नहीं नहीं दिया तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। वह बोली :- अरे यार तुझे मेरी माँ चोदने की जरुरत नहीं पड़ेगी। तुम बस सवाल तो पूंछो ?
मैंने कहा :- सच्ची सच्ची बताओ की कितने लन्ड थे तेरी सुहागरात में ? और कैसे कैसे लन्ड थे तेरी सुहागरात में ? वह हंस कर बोली :- अरे दीदी तेरी शादी तो पहले हुई थी। तुम बताओ न पहले की कितने लन्ड थे तेरी सुहागरात में और लन्ड कैसे कैसे थे ?
मैंने कहा :- भोसड़ी की निदा तू मेरी नक़ल कर रही है। सवाल मैंने पहले किया है तो जबाब भी पहले मुझे मिलना चाहिए नहीं तो मैं तेरी झांटें उखाड़ लूंगी। वह बोली :- अरे यार मेरी झांटें आज तो है ही नहीं तो तू उखाड़ेगी क्या ? हां मैं तुझे जबाब दे रही हूँ। तीन लन्ड थे मेरी सुहागरात में ? दो तो मैं पहचानती थी। एक मेरे शौहर का लन्ड दूसरा उसके दोस्त का लन्ड और तीसरा कौन सा लन्ड मुझे चोद कर चला गया मुझे नहीं मालूम। पर हां चुदाई के बाद मेरी नन्द आयी और बोली भाभी तीसरा लन्ड मेरे देवर का था। पहले उसने मुझे चोदा और फिर वह तुम्हे चोदने के लिए तुम्हारे कमरे में घुस गया। हमारे यहाँ सुहागरात में किसी ग़ैर की दुल्हन की बुर लेना बड़ा अच्छा माना जाता है।
तब तक मेरी अम्मी बोली :- निदा तो क्या तुम्हे पहले से मालूम था की तेरे मियां का दोस्त भी तुम्हे चोदेगा ? वह बोली :- नहीं मामी जान मुझे नहीं मालूम था। जब मेरा मियां मुझे चोद रहा था तो वह बोला निदा मेरा कहना मानोगी। मैंने कहा हां मानूगी। बताओ क्या करना है मुझे। वह बोला आज तुम्हे मेरे दोस्त से चुदवाना है ? मैं थोड़ी देर तक चुप रतहि फिर बोली ऐसी कौन सी जरुरत आ पड़ी है की उसे आज ही चोदना है ? अगर तो किसी और दिन चोद लेगा ?
वह बोला :- नहीं निदा ऐसा नहीं होगा ? बात यह है की मैंने उससे वादा किया है की तुम मेरी बीवी मेरे सुहागरात में चोदोगे। क्योंकि उस समय मैं उसकी सुहागरात में उसकी बीवी चोद रहा था ?
मैंने कहा :- तो फिर ठीक है मैं चुदवा लूंगी। मेरी भी एक शर्त है। तुम एक दिन मेरे सामने मेरी सहेली की बुर चोदोगे और उसका मियां तेरे सामने मेरी बुर चोदेगा। बोलो मंजूर है।
वह बोला :- हां मंजूर है।
इस तरह मैंने उसके मियां से चुदवा लिया। अब तुम बताओ नतासा दीदी तेरी सुहागरात में कितने लन्ड थे और कैसे कैसे थे ?
मैंने कहा :- मेरी भी कहानी कुछ इसी तरह है। मेरी सुहागरात में ३ १/२ लण्ड थे ?
वह बोली :- हाय अल्ला, ये साढ़े तीन लण्ड की कहानी कैसी है ? क्या कोई आधा कटा हुआ लण्ड था ?
मैंने कहा :- नहीं ऐसी बात नहीं है पर सुनोगी तो मज़ा आएगा . मेरी सुहागरात का दारोमदार मेरी नन्द पर था। वही एक के बाद एक लण्ड कमरे में भेज रही थी और मैं मस्ती से चुदवा रही थी। क्योंकि मेरी सास ने कहा था की देख बहू देख तेरी सुहागरात में जो तेरी बुर चोदी नन्द कहे वही तुझे करना है। मैं बस हूबहू वही करने लगी। पहले तो मैंने अपने शौहर से चुदवाया।
निदा बोली :- हाय दीदी, जीजा जी का लण्ड कैसा है ?
मैंने कहा :- जब तेरे जीजा जी का लण्ड तेरी चूत में घुसे तो तू अपनी चूत से पूंछ लेना ?
तब तक फूफी भी बोल पड़ी :- हां निदा, जब तेरे जीजा जी का लण्ड तेरी माँ का भोसड़ा चोदे तब तुम अपनी माँ के भोसड़ा से पूंछ लेना की जीजा जी का लण्ड कैसा है ?
यह सुनकर सबने एक जोर का ठहाका लगाया।
मैंने कहा :- शौहर चोद के गया तो उसके आधे घंटे बाद मेरी नन्द एक लड़के को नंगा नंगा मेरे कमरे में ले आयी। उसका लन्ड नन्द के हाथ में था। नन्द भी बुर चोदी अपनी चूँचियाँ खोले हुए आयी थी। मुझे लंड पकड़ाते हुए कहा भाभी ये मेरा देवर है तुम अब इससे चुदवा लो। मैंने लण्ड पकड़ लिया तो मज़ा आ गया। लण्ड साला मोटा था और मुझे मोटे लण्ड बहुत अच्छे लगते हैं। मैं लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत। फिर मैंने अपनी चूत फैला दी और उसने लण्ड ठोंक दिया पूरा का पूरा और चोदने लगा। मैं भी मस्त होकर चुदवाने लगी। मैंने पूंछा क्या तुम अपनी भाभी की बुर लेते हो ? वह बोला हां खूब लेता हूँ। भाभी भी मुझे बड़े प्यार से अपनी बुर देती हैं। मैं तो अपनी बड़ी भाभी की भी बुर लेता हूँ। बड़ी भाभी की बहन की भी बुर चोदता हूँ। मेरा लण्ड मोटा है भाभी इसलिए सबको पसंद है। मैंने कहा मुझे भी तेरा लन्ड पसंद है। वह फिर मुझे हचक हचक कर चोदने लगा। मेरी सुहागरात उसके साथ बड़ी अच्छी हो रही थी। मैंने जब उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तू मुझे उसका स्वाद बड़ा अच्छा लगा।
उसके बाद तीसरा लन्ड लेकर मेरे सामने आ गयी और बोली भाभी ये है भोसड़ी का मेरा खालू ? मुझसे केवल दो साल बड़ा है। इसके लण्ड में बड़ी ताकत है। अब ये तुम्हे चोद कर मज़ा लेगा। मैंने कहा तो फिर तेरी खाला को बुरा तो नहीं लगेगा ? वह बोली खाला की बिटिया की बुर। वह भोसड़ी वाली मेरे मरद से चुदवा रही है। उसे क्यों बुरा लगेगा ? तुम उसकी परवाह न करो भाभी। मैंने लण्ड पकड़ा तो वह साला फनफना उठा ? उस चिकने लौड़े ने मेरा दिल जीत लिया। मैंने एक हाथ से पेल्हड़ थामे और दूसरे हाथ से लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। उसका सुपाड़ा चूमने और चाटने लगी। मैं मन ही मन बड़ी खुश थी की जब सुहागरात में यह हाल है तो आगे क्या होगा ? एक बात तो पक्की हो गयी की आगे भी मुझे कोई न कोई चोदता ही रहेगा ? मुझे उससे चुदवाकर वास्तव में बड़ा मज़ा आया। तब तक सवेरा हो चुका था। मुझे भी नींद आने लगी थी। मैं तीनो लन्ड का मज़ा ले चुकी थी।
तभी मेरी नन्द की जगह मेरी सास आ गयी वह बोली बहू यह मेरी नन्द का लड़का है। इसका लन्ड खड़ा है। इसके लिए न कोई बीवी मिल रही है और न कोई लड़की। मेरा भी भोसड़ा साला चुदवा चुदवा कर थक गया है। तुम इसका भी लन्ड अपनी चूत में पेल लो और ठंडा कर इस बिचारे का लन्ड ? मैंने सास की बड़ी बड़ी चूँचियाँ देखीं तो समझ गयी की यह भी भोसड़ी वाली बड़ी चुड़क्कड़ औरत होगी। ख़ैर मैं लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। चूमने और चाटने लगी लन्ड । और फिर मुंह में लेकर लन्ड चूसने लगी। वह बोला भाभी मैं आपके मुंह में ही झड़ जाऊंगा। मैंने कहा तू चिंता न कर निकल जा मेरे मुंह में। मैंने तेरे लन्ड का मुठ्ठ मार देती हूँ। तुम मेरी बुर किसी और दिन ले लेना ? बस मैं मुठ्ठ मारने लगी और वह २ मिनट में झड़ गया। मैंने उसके झड़ता हुआ लन्ड बड़े प्यार से चाटा।
इस तरह मैंने साढ़े तीन लण्ड से अपनी सुहागरात में चुदवाया।
फूफी ने कहा :- नतासा तू तो माद चोद बड़ा मज़ा करके आयी है अपनी ससुराल से। जब तेरा सुहागरात में यह हाल था तो उसके बाद तो तेरी चूत में धकाधक लन्ड आने लगे होंगें।
मैंने कहा :- अरे फूफी एक खूबसूरत बीवी के सामने तो वैसे भी लोग अपना लन्ड हिलाते रहतें हैं।
इतने में एक आवाज़ आयी - अरी निदा भोसड़ी की तेरी माँ की चूत तूने कभी मुझसे नहीं बताया की तेरा ससुर मेरा देवर लगता है। और जमीला दीदी तेरी बेटी का शौहर मेरी बेटी का नंदोई लगता है। यह आवाज़ मेरी खाला की थी। उसकी बेटी की शादी अभी एक महीने पहले ही हुई है। शादी हो जाने के बाद सब नाते रिश्ते खुलने लगते हैं। मैंने सोंचा क्या मैं खाला की बेटी ज़ारा की नन्द लगती हूँ। ये सब कैसा उलटा पुल्टा है ? खाला बोली अरे तुम नहीं समझ पाओगी मेरी बुर चोदी नतासा ? यहाँ आपस में ऐसी शादियां हो जातीं हैं की कभी अब्बू देवर बन जाता है कभी ससुर जेठ बन जाता है। कभी अम्मी नन्द बन जाती है कभी सास जेठानी बन जाती हैं , कभी देवरानी सास बन जाती है और कभी जेठानी भाभी ?
इस तरह ये रिश्ते सब एक दूसरे के साथ चोदा चोदी करने वाले हो जातें हैं। यही कारण है की हम मुस्लिम में चोदा चोदी की आज़ादी रहती है। कोई किसी को चोद ले कोई किसी से चुदवा ले किसी को कोई फरक नहीं पड़ता ? इसलिए मैंने तो सोंच लिया है की रिश्तों की माँ का भोसड़ा ? जिसका लन्ड मिले वही पेलो अपनी चूत में और मजे से चुदवाओ। मैं तो अब यही करती हूँ। कल मैंने अपनी बेटी की चूत में अपने भाई जान का लन्ड पेल दिया। बाद में पता चला की मेरी बेटी मेरे भाई जान की भाभी लगती है। यह पता चलते ही मेरा भाई मेरी बेटी की बुर और मस्ती से चोदने लगा। दोनों को खूब मज़ा आया और मुझे भी। तब तक किसी ने कहा अरे ज़ाहिरा तेरी बेटी का ससुर तेरा जीजा लगता है यार ? मैंने कहा तो लाओ न उसे मेरे सामने मैं अपने जीजा का लन्ड सबके सामने चोदूँगी।
तब तक खाला की बेटी ज़ारा भी आ गयी।
ज़ारा को देख कर अम्मी बोली - अरी ज़ारा तूने इतनी देर क्यों लगा दी आने में ? क्या तू अपनी माँ चुदा रही थी ?
मैंने कहा :- अरे अम्मी अब तो मैं नन्द हो गयी हूँ ज़ारा की ? अब तो मैं चोदूँगी अपनी ज़ारा भाभी की बुरऔर चोदूँगी उसकी माँ का भोसड़ा ?
उधर से ज़ारा बोली :- खाला जान फिर फूफी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
अम्मी ने कहा :- तेरी फूफी की बिटिया की बुर ? फूफी की भी चोदूँगी और उसकी बेटी की भी ?
तब तक फूफी बोली :- चोदोगी कैसे ? लौड़ा कहाँ हैं ?
इतने में पीछे से आवाज़ आयी :- लौड़ा यहाँ है भाभी ?
यह आवाज़ फूफी के देवर की थी। बस फिर क्या माहौल में और गर्मी छा गई। एक तो प्यार की गालियों की वजह से सबकी चूत पहले से ही चुलबुला रही थी। चूँचियाँ तन हुई थीं और उस पर एक लौड़ा भी आ गया। सब की सब उस पर टूट पड़ना चाहती थीं। तब तक एक आवाज़ और आई - एक लौड़ा यहाँ भी है भाभी जान ? मैंने पीछे देखा तो खाला जान का देवर था। अब तो मस्तियाँ बढ़ने लगी।
फूफी ने कहा :- अब तो चुदवा ले नताशा अपनी माँ ?
मैंने कहा :- नहीं फूफी पहले मैं तेरी बेटी की माँ चुदवाऊंगी ?
तब तक निदा बोली :- तो फिर तू किसका लन्ड पलेगी मेरी अम्मी की चूत में ?
ज़ारा ने जबाब दिया :- अरे नताशा तो अपने ही मियां का लन्ड पेल देगी फूफी की बुर में ?
अम्मी ने कहा :अरे हां तुम तीनो अपने अपने मियां का लन्ड पेलो न एक दूसरे की चूत में मज़ा आ जायेगा ? उधर से खाला बोल पड़ी :- अपनी ही चूत में क्यों ? ये तो अपनी माँ की भी चूत में पेल सकती हैं अपने अपने मियां का लण्ड ? रिश्ते में पता नहीं किसकी माँ किसके मियां की भाभी निकल आये ? फिर तो चुदाई में दूना मज़ा आ जायेगा। बुलाओ तुम अपने अपने मियां को और खोल कर दिखाओ सबको अपने अपने मियां का लन्ड ? अब तो यहाँ बहन चोद चूत तो सबकी गरम हो ही चुकी है। बस अब लन्ड पेलने की जरुरत है।
थोड़ी देर में वो तीनो मरद आ गये। मेरा मियां अली असगर, निदा का मियां लतीफ़ और ज़ारा का मियां हनीफ। उधर फूफी का देवर मासूक और खाला का देवर असरार पहले से ही मौजूद था।
इन तीनो मरदों को पूरी कहानी सुनाई गयी तो वो भी मूड में आ गए। अब नई पराये मरदों की बीवियां चोदना किसको नहीं अच्छा लगता और नये नये पराये मर्दों से चुदवाना भी किसको अच्छा नहीं लगता। सब बहन चोद दूसरों की बीवियां बड़ी ललचाई निगाहों से देखने लगे। थोड़ा नशा चढ़ा तो बातें भी बहुत गन्दी गन्दी होने लगीं। प्यार से भरी हुई गालियां भी होने लगीं और मस्ती भी बढ़ने लगी। तभी मैंने अपने मियां का लन्ड पैजामे से बाहर निकाल लिया। लण्ड साला खड़ा था।
मैं निदा को लण्ड दिखाती हुई बोली - ले निदा पकड़ अपने जीजा का लण्ड और पेल दे अपनी माँ के भोसड़ा में। तेरी बड़ी इच्छा थी न मेरे मियां का लण्ड पकड़ने की ? निदा भी अपने मियां का लण्ड निकाल कर हिलाने लगी। उसका भी लौड़ा बहन चोद टन टना कर खड़ा हो गया। वह लण्ड मुझे दिखाती हुई बोली - नताशा लो तुम पकड़ लो अपने बहनोई का लण्ड ? चाहे इसे अपनी चूत में पेलो चाहे अपनी माँ की चूत में ? इस तरह निदा ने मुझे अपने मियां का लण्ड पकड़ा दिया और मैंने उसे अपने मियां का लण्ड ? निदा बुर चोदी बड़ी सायानी निकली उसने वही लण्ड अपनी माँ की चूत में घुसेड़ दिया। इस तरह मेरा मियां मेरी फूफी की बुर चोदने लगा ? तब तक मैंने भी निदा के मियां का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। मैं भी मस्ती से अपनी माँ चुदवाने लगी। निदा के मियां का लण्ड वाकई बड़ा मोटा था।
इतने में मैंने देखा की एक और आदमी कमरे में आ गया। वह भी बिलकुल नंगा था। मेरी नज़र उसके खड़े लन्ड पर पड़ी तो मैं मस्त हो गयी। मैंने मन में कहा वाह ! ये लौड़ा तो बहुत जबरदस्त है। जब मैंने उसके चेहरा देखा तो दंग रह गयी। वह भोसड़ी का मेरा मामू रकीब निकला ? मुझे नहीं मालूम था की मेरे मामू का लण्ड इतना बड़ा होगा ? मेरी चूत साली और गरमा उठी। मेरा मामू आगे बढ़ा और खाला के भोसड़ा में घुसा दिया लन्ड ? वह मेरी खाला की बुर लेने लगा। तब अम्मी ने बताया रकीब मेरे मामू जान का लड़का है। मैं खुद अपनी शादी के पहले इसका लण्ड हिला करती थी। अब हमारे सामने ही मेरी अम्मी मेरी फूफी और मेरी खाला भकाभक चुदवाने लगीं। हम तीनो अपनी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगीं और एन्जॉय करने लगीं।
आग तो हम तीनो की चूत में भी बड़ी बुरी तरह लगी हुई थी।
मैं आगे बढ़ी और लपक कर फूफी के देवर मासूक का लण्ड पकड़ लिया। मैं उसका सुपाड़ा चाटने लगी और पेल्हड़ चूमने लगी। मुझे लण्ड पसंद आया तो मैं लण्ड में ही खो गयी। मेरे सामने ही निदा ने मेरी खाला के देवर असरार का लण्ड पकड़ा, उसे हिलाया और लण्ड का टोपा मुंह में डाल कर चूसने लगी। निदा बुर चोदी लण्ड चूसने में, अपनी बुर चुदवाने में और अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने में बड़ी माहिर है। जितनी खूबसूरत है उतनी ही चुड़क्कड़ है। तब तक ज़ारा अपने ही मियां का लण्ड हिलाने में लगी थी। वह लण्ड पकड़े पकड़े मेरी अम्मी के पास गयी। उसे अपने मियां का लण्ड पकड़ा दिया और उससे निदा के मियां का लण्ड खुद पकड़ लिया। ज़ारा के हाथ में लतीफ़ का लण्ड आ गया। ज़ारा निदा के मियां का लण्ड पाकर बड़ी खुश हो गयी। वह लण्ड से खेलने लगी और फिर पीछे से कुतिया की तरह चुदवाने लगी।
अब पूरे कमरे में तीनो बेटियों की चुदने लगी बुर और तीनो की माँ का चुदने लगा भोसड़ा ?
उसके बाद तो सबने लण्ड अदल बदल कर खूब चुदवाया ?
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