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लण्ड अदल बदल कर खूब रात भर चोदा और चुदवाया - Land ki adla badli mein raat bhar chudai
लण्ड अदल बदल कर खूब रात भर चोदा और चुदवाया - Land ki adla badli mein raat bhar chudai , दुसरे आदमी पराये मर्द बेगाने पति से चुदी , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
आजकल की बीवियां चोदती हैं सबके 'लण्ड'। माँ हो, बहन हो, सास हो, नन्द हो, भाभी हो, जेठानी हो, देवरानी हो, मौसी हो, फूफी हो, मामी हो, साली हो, सरहज हो, सब की सब बुर चोदी सबके 'लण्ड' चोदती हैं। खुले आम चोदती हैं सबके लण्ड ? कोई भी ऐसा लण्ड नहीं है जिसे ये लोग चोदती न हो। लण्ड घर का हो, या बाहर का, देशी हो या विदशी लण्ड, काला हो गोरा लण्ड, ये सब पर फ़ौरन चढ़ बैठतीं हैं। जानते हो क्यों ? क्योंकि ये सब की सब बुर चोदी बीवियां ही हैं।आजकल कोई ऐसी बीवी नहीं है जो पराये मरद से चुदवाती न हो और पराये मरद का लण्ड चोदती न हो ?
मेरा नाम महक है। मैं २५ साल की एक शादी शुदा लड़की हूँ, खूबसूरत हूँ सेक्स हूँ और हॉट हूँ। मेरा रंग गोरा है, मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी और मनमोहक हैं, मेरा कद ५" ४" है। मेरे चूतड़ उभरे हुए हैं. मैं आधुनिक ख्याल की बीवी हं। मुझे तकियानुसी रीती रिवाज़ बिलकुल नहीं अच्छे लगते और मैं उनका पालन भी नहीं करती। मैं बुर्का कभी नहीं पहनती। पर हां कभी कभी बड़ों का सम्मान करने के लिए पहन लेती हूँ। मैं तो अक्सर जींस और टॉप पहनती हूँ। और अपने शौहर के साथ मुंबई में रहती हूँ। मेरी ससुराल का कुनबा बहुत बड़ा है और मेरे माईके कभी कुनबा बड़ा है। अच्छी बात यह है मेरे अधिकतर लोग इसी शहर में रहतें हैं।
मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही मादर चोद हूँ, हरामजादी हूँ और बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ। मैं यह बात इसलिए कह रही मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ। जब से लण्ड पकड़ना शुरू किया तबसे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। एक बाद दूसरा लण्ड, दूसरे के बाद तीसरा लण्ड, तीसरे के बाद चौथा लण्ड, चौथे के बाद पांचवां लण्ड और फिर लण्ड पे लण्ड पकड़ती गयी। आज भी मैं लण्ड पकड़ने में बड़ी माहिर हूँ। मुझसे कोई भी लण्ड बच कर जा नहीं सकता। जबसे चुदवाना शुरू किया तब से आजतक चुदवा ही रही हूँ। चुदवाते चुदवाते मैं लण्ड चोदना सीख गयी। मैं लण्ड पे लण्ड चोदती चली गयी। शादी के पहले भी लण्ड चोदती थी और शादी के बाद भी लण्ड चोद रही हूँ। मैं लण्ड अपनी चूत से चोदती हूँ, अपने मुंह से चोददती हूँ, अपनी चूँचियों से चोदती हूँ, अपनी गांड से चोदती हूँ. कोई भोसड़ी वाला मुझे लण्ड चोदने से मना नहीं कर सकता ?
ज़ाहिर है की जब मैं इतने लण्ड चोदती हूँ तो फिर ससुराल हो चाहे माईका मुझसे कोई भी लण्ड बिना चुदे रह नहीं सकता ? जिसका लण्ड मैं एक बार चोद लेती हूँ वह भोसड़ी का बार बार मुझसे अपना लण्ड चुदवाने आता है। मैं किसी को निराश नहीं करती और दुबारा लण्ड चोद देती हूँ, तिबारा लण्ड चोद देती हूँ और इसके आगे भी चोदती रहती हूँ।
मेरी शादी के एक हफ्ते पहले की बात है। एक दिन मैं रात को उठी तो देखा की अम्मी के कमरे की लाइट धीमी धीमी जल रही है। मैं झाँक कर देखने लगी। रात के १२ बजे थे। मैंने देखा की अम्मी नंगी नंगी किसी का लण्ड हिला रही है। मुझे लण्ड और लण्ड का सुपाड़ा पूरा नज़र आ रहा था। मैं लण्ड पहचान गयी हालाँकि मैं उसका मुंह नहीं देखा। मेरे मुंह से निकला हाय दईया अम्मी जीजू का लण्ड पी रही हैं। बुर चोदी अम्मी को अपने दामाद के लण्ड से भी परहेज नहीं है। फिर मैंने दूसरे कमरे में अंदर झांक कर देखा। मालूम हुआ की एक कोने में दीदी खालू के लण्ड पर चढ़ी बैठी हैं। इसका मतलब दीदी खालू का लण्ड चोद रही है। अब तो मेरी चूत की ऐसी की तैसी हो गयी। फिर मैं तीसरे कमरे में झाँकने लगी। वहां देखा की खाला जान मेरे अब्बू का लण्ड चाट रहीं हैं। बुर चोदी खाला भी नंगी और भोसड़ी का अब्बू भी नंगा।
मैंने मन के कहा यहाँ भोसड़ी की कोई भी बीवी अपने मियां से नहीं चुदवा रही है। सब की सब मादर चोद पराये मरद का लण्ड चोद रही हैं।
अब मेरी चूत बहन चोद भठ्ठी बन गयी। आग निकलने लगी मेरी चूत से। मैं बाहर बरांडे में आ गयी। वहां मेरी खाला का लड़का सो रहा था। मैंने उसकी चादर में हाथ घुसेड़ दिया। उसकी उम्र लगभग २० साल की होगी। मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया। मुझे महसूस हुआ की लण्ड तो साला मोटा तगड़ा है। मैंने उसे जगाया और अपने कमरे में ले आयी। अंदर से दरवाजा बंद किया और उसे नंगा कर दिया, मैं भी नंगी हो गयी। मैंने लण्ड पकड़ कर हिला तो वह फनफनाकर खड़ा हो गया। मैं बोली बाप रे बाप तेरा लण्ड तो पूरा मरद हो गया है रे रफ़ी। तेरी तो घनी घनी झांटें निकल आयीं हैं। तेरा लण्ड तो बहुत बड़ा और मोटा निकल आया है। मैं तो तुझे अभी बच्चा समझती थी। तू तो मेरी माँ का भोसड़ा चोद सकता है रफ़ी।
आज मैं तेरा लण्ड पहले मुंह में लूंगी और फिर बुर में ? आज तुम मुझे खूब अच्छी तरह चोदो। आज मैं तुम्हे चोदना सिखा दूँगी। मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और मैं भी उसके आगे नंगी हो गयी। मैंने उसका हाथ पकड़ कर चूँचियों पररखा और कहा यार अब तुम इन्हे मसलो और मज़ा लो। मैं उसका लण्ड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी। उसे चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी। एकदम नया ताज़ा लण्ड देख कर मैं बहुत ही खुश थी। डर तो बिलकुल था ही नहीं। अब अम्मी देखें चाहे अब्बू। कोई मुझसे कुछ नहीं कह सकता। जब वो सब भोसड़ी के सबकी बीवी चोद रहे हैं तो किस मुंह से कोई मुझसे कहेगा या कहेगी। मैं तो दरवाजा खिड़की खोल कर रफ़ी का लण्ड चाटने लगी। सुपाड़ा मुंह में डाल कर चूसने लगी और पेल्हड़ भी चूमने लगी। फिर धीरे से मैंने लण्ड अपनी चूत पर टिकाया और कहा हां अब पेलो अपना लण्ड और चोदो। वह भी मस्ती से चोदने लगा। मैंने पूंछा मज़ा आ रहा है ? वह बोला हां खूब आ रहा है।
मैंने कहा रफ़ी तुम तो अच्छी तरह बुर चोद लेते हो यार ? किसने सिखाया तुझे बुर चोदना ? वह बोला मेरी फूफी ने एक दिन मेरा लण्ड पकड़ लिया था। रात का समय था घर में केवल वह थीं और मैं। वह खुद ही मेरे पलंग पर आयी और मेरे पैजामे में हाथ डाल दिया। उसका हाथ मेरे लण्ड से टकरा गया तो वह बोली अरे वाह ! तेरा तो लण्ड खड़ा है ? और लण्ड बड़ा भी हो गया है। अब तो तुम बुर अच्छी चोद सकते हो ? यह सिनकर मेरा लण्ड और सख्त हो गया। बस उसी दिन उसने मुझे चोदना सिखा दिया। मैंने कहा उसके बाद फिर किसको चोदा ? वह बोला उसके बाद मैंने उसकी की बेटी की बुर चोदी। उस दिन फूफी घर में नहीं थीं। मेरा मन अंदर से उसे लण्ड पकड़ाने का हो गया। तो मैं अपना लण्ड खोल कर उसके सामने खड़ा हो गया। वह बोली हाय अल्ला, तेरा तो लण्ड मेरे जीजू के लण्ड से मिलता जुलता है यार। फिर उसने देर नहीं लगायी और भकाभक चुदवाने लगी। मैं जान गया की ये कई लोगों से चुदवाती है। लेकिन मुझे उसे चोदने में बड़ा मज़ा आया और अब मैं उसे मौक़ा पाकर चोद लेता हूँ। मैंने मन मे कहा देखो साला २० साल का लड़का कितना नसीब वाला है। इसी उम्र में ही चोदने का मज़ा ले रहा है वरना लोग एक बुर चोदने के लिए तरसते रहतें हैं।
सवेरे जब मैं उठी तो एकअलग ही मूड में थी। मैं अम्मी के कमरे में गयी जहाँ मेरी अम्मी, मेरी दीदी और मेरी खाला बैठी हुई बातें कर रही थीं।
मुझे देख कर खाला बोली :- हाय महक, अब तो तेरा भी शौहर आ जायेगा एक हफ्ते में ?
मैंने कहा :- हां आ तो जायेगा। पर तेरा भी तो कुछ फायदा होगा खाला जान ?
अम्मी ने कहा :- जब भी कोई नया मेहमान आता है तो सबका फायदा होता है बेटी, महक ?
दीदी ने कहा :- हां अम्मी बिलकुल सही कह रहीं है महक। इसमें भी कोई शक है क्या ?
मैंने पूंछा :- किस बात का फायदा होगा ज़रा साफ साफ़ बताओ न मुझे ?
खाला बोली :- अब साफ़ साफ़ क्या। हमारे कुनबे में एक नया आदमी बढ़ेगा महक ?
मैंने कहा :- एक नया आदमी नहीं एक नया लण्ड बढ़ेगा खाला जान ?
खाला बोली :- हाय दईया तेरी माँ की बहन की बुर महक ? तू तो एकदम खुला खुल बात कर रही है।
मैंने कहा :- तेरी बहन की बिटिया की बुर खाला जान ? पहले यह बताओ की कल रात में तूने मेरे अब्बू का लण्ड अपने भोसड़ा में कितनी बार पेला ?
तब तक दीदी बोल पड़ी :- हाय महक तू क्या लण्ड पेलने की गिनती कर रही थी बहन चोद ?
मैंने कहा :- अरे दीदी तुम न बोलो। तेरी माँ की बहन की बुर ? मैं तुमसे भी पूंछूंगी की तेरी चूत में खालू ने अपना लण्ड कितनी बार पेला ?
तब अम्मी बोली :- हां महक, मेरी चूत में तेरे जीजू ने अपना लण्ड तीन बार पेला ? फिर रात भर पेलता रहा। अब बता तू मेरा क्या उखाड़ लेगी ? यहाँ सब एक दूसरे के मियां का लण्ड अपनी बुर में पेलती हैं। तेरी गांड में क्यों दर्द हो रहा है। जब तेरी शादी हो जाएगी तो तू भी पेलवाना अपनी चूत में ग़ैर मर्दों के लण्ड ? मैं क्या मना करने आऊंगी ? मैं भी देखूँगी की तू कितने लोगों से चुदवाती है बुर चोदी महक तेरी माँ का भोसड़ा, बहन चोद ? मैंने कहा :- अरे मैं क्या किसी की झांटें उखाडूँगी, अम्मी । चाहे लड़की हो या लड़का आजकल तो कोई झांटें रखता ही नहीं। यहाँ किसी की झांटें नहीं हैं। मैंने सबकी चूत देखी है और सबके लण्ड भी देखा है। मैं तो सिर्फ इतना ही कह रही हूँ की जब हमें ग़ैर मरदों से चुदवाना ही है तो फिर खुल कर क्यों न चुदवायें ? अलग अलग कमरे में क्यों ? मैं भी तो देखूं की कौन कैसे चुदवाती है और कौन कैसे चोदता है ?
खाला ने कहा :- तूने कल देख तो लिया, महक ?
मैंने जबाब दिया :- हां मैंने तो देख लिया पर तूने देखा क्या की मेरा जीजू मेरी माँ का भोसड़ा कैसे चोद रहा था ?
वह बोली :- हां यार वह तो मैंने नहीं देखा ?
मैंने कहा :- अरे खाला जान कल रात को सब की सब ग़ैर मरद का एक एक लण्ड लेकर चुदवाने लगीं. किसी को मेरी चूत का ख्याल नहीं आया जिसकी शादी अभी एक हफ्ते में होने वाली है। खुदा का शुक्रिया की मुझे रफ़ी मिल गया नहीं तो मैं चुदासी ही रह जाती ?
खाला बोली :- हाय दईया तूने मेरे बेटे से चुदवा लिया ?
मैंने कहा :- बेटे का बाप जब मेरी दीदी की बुर ले रहा था, मेरा बाप बेटे की माँ की बुर ले रहा था, तो कोई गुनाह नहीं हुआ ? जब तेरा बेटा मेरी बुर ले रहा था तो कौन सा गुनाह हो गया खाला जान ?
वह बोली :- कोई गुनाह नहीं मेरी बुर चोदी महक ? मुझे तो यह जानकर ख़ुशी हुई की मेरा बेटा भी लड़कियों की बुर लेने लगा है।
ख़ैर मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। मेरी सुहागरात के दिन मेरी नन्द मेरे पास आयी और बड़े प्यार से बोली - भाभी सुहागरात में कितने लण्ड लोगी तुम ? मैंने कहा हाय अल्ला, यह भी कोई बताता है क्या ? वह बोली - अरे भाभी जान, तेरी सुहागरात की जिम्मेदारी मेरी है। तुम्हे चोदने वाले लण्ड का इंतज़ाम मुझे करना है। अब मैं कितने लण्ड का इंतज़ाम करूँ यह तो तुम्हे बताना होगा न भाभी ? मैंने कहा कम से कम तीन लण्ड ? वह बोली - अच्छा, लण्ड की कोई ख़ास चॉइस ? मैंने कहा - कोई ख़ास नहीं पर हां लण्ड मोटा हो और सख्त हो तो अच्छा है। बस वह चली गयी। रात को मेरी नन्द ने जिन लौंड़ों का इंतज़ाम किया था वो वाकई बड़े बेहतरीन लौड़े थे। मुझे तीनो से चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। सवेरे सवेरे मेरी नन्द आयी और बोली भाभी प्लीज एक लड़के से और चुदवा लो . वह है मेरा देवर। बिचारा बड़ी दूर से आया है नई दुल्हन की बुर चोदने। मैंने कहा ठीक है मैं चुदवा लेती हूँ पर तुम्हे भी साथ देना पड़ेगा।
वह बोली हां भाभी मैं जरूर साथ दूँगी। बस फिर क्या मैंने हाथ बढ़ाकर सबसे पहले उसका लण्ड पकड़ लिया। नन्द ने तक उसे नंगा कर दिया। मैं तो नंगी थी ही। नन्द भी बुर चोदी नंगी हो गयी। हम दोनों ने पहले बार एक दूसरे को नंगी देखा तो मज़ा आ गया। वह बोली भाभी तेरी चूत और चूँची दोनों मस्त हैं। हमारे रीति रिवाज़ के मुताबिक एक महीने तक लोग नई दुल्हन की बुर लेते हैं । तुम्हे एक महीने तक लोग चोदेगें और तुम मना नहीं कर सकती ? इस तरह भाभी जान तुम्हे तो एक से एक बढ़िया लण्ड और मिलने वाले हैं। फिर हम दोनों मिलकर लण्ड चाटने लगीं। उसका देवर मुझे और मेरी नन्द चोद कर चला गया। मुझे एक महीने तक कई लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिला। मैंने वहां की रीति रिवाज़ का पूरा फायदा उठाया।
एक महीने तक कई लोगों से चुदवाने के बाद मैं माईके वापस आ गयी। यहाँ सब लोगों से मिली तो सब खूब ख़ुशी हुई। मैंने वहां का रीति रिवाज़ बताया तो वो सब और खुश हो गयीं। बातों बातों में मैंने अम्मी और खाला से कहा की तुम लोग छुप छुप कर क्यों चुदवाती हो ? तब तक दीदी भी आ गयीं . वह बोली हां महक ठीक ही तो कह रही हैं। क्यों न आज हम लोग सब एक साथ चुदवायें। मैंने कहा अरे दीदी चुदवायें नहीं बल्कि चोदें ? हम लोग एक साथ मिलकर सारे मरदों में लण्ड चोदें ? अब लण्ड चोदने का ज़माना है ? मियां भोसड़ी के जब बुर चोद सकते हैं तो हम बीवियां भी लण्ड चोद सकती हैं। आज तो हम सब लण्ड चोदेगीं ? खाला बोली हां बिलकुल लण्ड चोदेगीं। दीदी ने कहा हां मैं भी लण्ड चोदूँगी।
उस रात मैं थी मेरी अम्मी आयशा, मेरी दीदी रिदा, मेरी खाला नज़मा और खाला की बेटी हया। हम पांच की पाँचों बीवियां थी। मैं अभी नई नई बीवी बनी थी। तब तक अम्मी बोली अरी भोसड़ी की रिदा देख ज़रा मरद में कौन कौन है घर में ? दीदी ने पता लगाया और बताया की अम्मी मरदों में मेरा देवर है, हया का मियां है , खाला जान का देवर है, महक का ससुर भी इत्तिफाक से आ गया है और फूफी का २२ साल का लड़का है। फिर मैंने सबको एक ही कमरे में बुला लिया। कमरा बड़ा था इसलिए नीचे गद्दे बिछा दिए गये मसनद लगा दीं गयीं और चुदाई का सारा सामान लगा दिया गया। मस्ती के लिए सबको व्हिस्की पिला दी गयी। सबको यह तो पता चल ही गया था की यहां चुदाई होनी है।
अम्मी बड़े गौर से मेरे ससुर को देखने लगीं। मैंने कहा अम्मी मैं अपने ससुर लण्ड चोद कर आयी हूँ। मुझे किसी ने बताया की मेरा ससुर मेरा जीजू लगता है तो मैं और मस्ती होकर चोदने लगी। अम्मी बोली हाय अल्ला, तब तो तू मेरी बेटी का मियां लगता है। तू मेरी बेटी की बुर लेता है तो उसकी माँ की भी बुर ले सकता है। ऐसा बोल कर अम्मी ने उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ा और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं। दीदी का दिल खाला के देवर पर आ गया। दीदी ने उसके पैजामे का नाड़ा खोला और सबके सामने उसका लौड़ा बाहर निकाल लिया। खाला की बेटी हया ने दीदी के देवर के लण्ड पर हमला बोल दिया। उधर खाला ने फूफी के लड़के को नंगा करने लगी। मैं हया के मियां के पकड़े खोलने लगी। देखते ही देखते सारे मरद भोसड़ी हो गये। फिर हम सब बीवियां भी नंगी होने लगीं।
मैं हया के मियां का लण्ड चाटने लगी, अम्मी मेरे ससुर का लण्ड पीने लगीं, दीदी खाला के देवर का लण्ड चूसने लगीं, खाला की बेटी हया दीदी के देवर का लण्ड चाटने लगी और खाला मेरी फूफी के बेटे का लण्ड चूमने लगीं। हम लोग सब नये नये ग़ैर मरदों के लण्ड पाकर मस्ती के मूड में गयीं। बीवियों के हाथ में ग़ैर मरद का लण्ड हो इससे बढ़िया और क्या हो सकता है। हर एक बीवी ग़ैर मरद का लण्ड पाकर फूली नहीं समाती है। थोड़ी में एक एक करके सब लण्ड पर चढ़ कर बैठने लगीं क्योंकि आज तो सबको लण्ड चोदने का मौक़ा मिला था। मरदों को नंगा नीचे लिटा कर हम सब उनके लण्ड पर बैठ गयी और कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी।
हम पाँचों का एक बड़ा सा गोला बन गया। हम सब एक दूसरे को अच्छी तरह देख रहीं थीं की कौन कैसे लण्ड चोद रही है।
खाला की मस्ती बढ़ी तो वह बोली :- हया, देख तेरी माँ का भोसड़ा कितनी मस्ती से एक जवान लण्ड चोद रहां है। इसका लण्ड तो बिलकुल तारो ताज़ा लण्ड है।
हया ने कहा :- तेरी बिटिया की बुर भी लण्ड चोदने में बड़ी माहिर है, अम्मी। मुझे तो रिदा के देवर का लण्ड चोदने में मज़ा आ रहा है।
दीदी बोली :- महक तेरी माँ की बहन की बुर ? तेरी बहन की माँ का भोसड़ा ? आज तूने एक लाजबाब प्रोग्राम रखा है। किसी दिन मेरे भी ससुर का लण्ड चोद कर देखो ?
अम्मी ने कहा :- रिदा तेरी माँ की चूत, भोसड़ी की तेरी बहन का लण्ड ? तू मादर अपनी माँ भी चुदवा रही है और अपनी बहन भी ? तेरी चूत में बड़ी आग है न वह सब मैं किसी दिन निकाल दूँगी।
सबकी लण्ड चोदने की स्पीड बढती जा रही थी।
मैंने कहा - अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत, बहन चोद ? तेरी बेटी की बहन का भोसड़ा ? मैं यही तो कह रही थी की मिलकर एक चोदा चोदी करना कितना होता है ? उसके बाद तो हमने लण्ड अदल बदल कर खूब रात भर चोदा और चुदवाया।
बीवियां जब मिलकर आमने सामने पराये मरद का लण्ड चोदती हैं तो मज़ा कुछ और ही होता है।
आजकल की बीवियां चोदती हैं सबके 'लण्ड'। माँ हो, बहन हो, सास हो, नन्द हो, भाभी हो, जेठानी हो, देवरानी हो, मौसी हो, फूफी हो, मामी हो, साली हो, सरहज हो, सब की सब बुर चोदी सबके 'लण्ड' चोदती हैं। खुले आम चोदती हैं सबके लण्ड ? कोई भी ऐसा लण्ड नहीं है जिसे ये लोग चोदती न हो। लण्ड घर का हो, या बाहर का, देशी हो या विदशी लण्ड, काला हो गोरा लण्ड, ये सब पर फ़ौरन चढ़ बैठतीं हैं। जानते हो क्यों ? क्योंकि ये सब की सब बुर चोदी बीवियां ही हैं।आजकल कोई ऐसी बीवी नहीं है जो पराये मरद से चुदवाती न हो और पराये मरद का लण्ड चोदती न हो ?
मेरा नाम महक है। मैं २५ साल की एक शादी शुदा लड़की हूँ, खूबसूरत हूँ सेक्स हूँ और हॉट हूँ। मेरा रंग गोरा है, मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी और मनमोहक हैं, मेरा कद ५" ४" है। मेरे चूतड़ उभरे हुए हैं. मैं आधुनिक ख्याल की बीवी हं। मुझे तकियानुसी रीती रिवाज़ बिलकुल नहीं अच्छे लगते और मैं उनका पालन भी नहीं करती। मैं बुर्का कभी नहीं पहनती। पर हां कभी कभी बड़ों का सम्मान करने के लिए पहन लेती हूँ। मैं तो अक्सर जींस और टॉप पहनती हूँ। और अपने शौहर के साथ मुंबई में रहती हूँ। मेरी ससुराल का कुनबा बहुत बड़ा है और मेरे माईके कभी कुनबा बड़ा है। अच्छी बात यह है मेरे अधिकतर लोग इसी शहर में रहतें हैं।
मैं जितनी खूबसूरत हूँ उतनी ही मादर चोद हूँ, हरामजादी हूँ और बहुत बड़ी बुर चोदी हूँ। मैं यह बात इसलिए कह रही मैं १५ साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ। जब से लण्ड पकड़ना शुरू किया तबसे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। एक बाद दूसरा लण्ड, दूसरे के बाद तीसरा लण्ड, तीसरे के बाद चौथा लण्ड, चौथे के बाद पांचवां लण्ड और फिर लण्ड पे लण्ड पकड़ती गयी। आज भी मैं लण्ड पकड़ने में बड़ी माहिर हूँ। मुझसे कोई भी लण्ड बच कर जा नहीं सकता। जबसे चुदवाना शुरू किया तब से आजतक चुदवा ही रही हूँ। चुदवाते चुदवाते मैं लण्ड चोदना सीख गयी। मैं लण्ड पे लण्ड चोदती चली गयी। शादी के पहले भी लण्ड चोदती थी और शादी के बाद भी लण्ड चोद रही हूँ। मैं लण्ड अपनी चूत से चोदती हूँ, अपने मुंह से चोददती हूँ, अपनी चूँचियों से चोदती हूँ, अपनी गांड से चोदती हूँ. कोई भोसड़ी वाला मुझे लण्ड चोदने से मना नहीं कर सकता ?
ज़ाहिर है की जब मैं इतने लण्ड चोदती हूँ तो फिर ससुराल हो चाहे माईका मुझसे कोई भी लण्ड बिना चुदे रह नहीं सकता ? जिसका लण्ड मैं एक बार चोद लेती हूँ वह भोसड़ी का बार बार मुझसे अपना लण्ड चुदवाने आता है। मैं किसी को निराश नहीं करती और दुबारा लण्ड चोद देती हूँ, तिबारा लण्ड चोद देती हूँ और इसके आगे भी चोदती रहती हूँ।
मेरी शादी के एक हफ्ते पहले की बात है। एक दिन मैं रात को उठी तो देखा की अम्मी के कमरे की लाइट धीमी धीमी जल रही है। मैं झाँक कर देखने लगी। रात के १२ बजे थे। मैंने देखा की अम्मी नंगी नंगी किसी का लण्ड हिला रही है। मुझे लण्ड और लण्ड का सुपाड़ा पूरा नज़र आ रहा था। मैं लण्ड पहचान गयी हालाँकि मैं उसका मुंह नहीं देखा। मेरे मुंह से निकला हाय दईया अम्मी जीजू का लण्ड पी रही हैं। बुर चोदी अम्मी को अपने दामाद के लण्ड से भी परहेज नहीं है। फिर मैंने दूसरे कमरे में अंदर झांक कर देखा। मालूम हुआ की एक कोने में दीदी खालू के लण्ड पर चढ़ी बैठी हैं। इसका मतलब दीदी खालू का लण्ड चोद रही है। अब तो मेरी चूत की ऐसी की तैसी हो गयी। फिर मैं तीसरे कमरे में झाँकने लगी। वहां देखा की खाला जान मेरे अब्बू का लण्ड चाट रहीं हैं। बुर चोदी खाला भी नंगी और भोसड़ी का अब्बू भी नंगा।
मैंने मन के कहा यहाँ भोसड़ी की कोई भी बीवी अपने मियां से नहीं चुदवा रही है। सब की सब मादर चोद पराये मरद का लण्ड चोद रही हैं।
अब मेरी चूत बहन चोद भठ्ठी बन गयी। आग निकलने लगी मेरी चूत से। मैं बाहर बरांडे में आ गयी। वहां मेरी खाला का लड़का सो रहा था। मैंने उसकी चादर में हाथ घुसेड़ दिया। उसकी उम्र लगभग २० साल की होगी। मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया। मुझे महसूस हुआ की लण्ड तो साला मोटा तगड़ा है। मैंने उसे जगाया और अपने कमरे में ले आयी। अंदर से दरवाजा बंद किया और उसे नंगा कर दिया, मैं भी नंगी हो गयी। मैंने लण्ड पकड़ कर हिला तो वह फनफनाकर खड़ा हो गया। मैं बोली बाप रे बाप तेरा लण्ड तो पूरा मरद हो गया है रे रफ़ी। तेरी तो घनी घनी झांटें निकल आयीं हैं। तेरा लण्ड तो बहुत बड़ा और मोटा निकल आया है। मैं तो तुझे अभी बच्चा समझती थी। तू तो मेरी माँ का भोसड़ा चोद सकता है रफ़ी।
आज मैं तेरा लण्ड पहले मुंह में लूंगी और फिर बुर में ? आज तुम मुझे खूब अच्छी तरह चोदो। आज मैं तुम्हे चोदना सिखा दूँगी। मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और मैं भी उसके आगे नंगी हो गयी। मैंने उसका हाथ पकड़ कर चूँचियों पररखा और कहा यार अब तुम इन्हे मसलो और मज़ा लो। मैं उसका लण्ड हिला हिला कर मज़ा लेने लगी। उसे चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी। एकदम नया ताज़ा लण्ड देख कर मैं बहुत ही खुश थी। डर तो बिलकुल था ही नहीं। अब अम्मी देखें चाहे अब्बू। कोई मुझसे कुछ नहीं कह सकता। जब वो सब भोसड़ी के सबकी बीवी चोद रहे हैं तो किस मुंह से कोई मुझसे कहेगा या कहेगी। मैं तो दरवाजा खिड़की खोल कर रफ़ी का लण्ड चाटने लगी। सुपाड़ा मुंह में डाल कर चूसने लगी और पेल्हड़ भी चूमने लगी। फिर धीरे से मैंने लण्ड अपनी चूत पर टिकाया और कहा हां अब पेलो अपना लण्ड और चोदो। वह भी मस्ती से चोदने लगा। मैंने पूंछा मज़ा आ रहा है ? वह बोला हां खूब आ रहा है।
मैंने कहा रफ़ी तुम तो अच्छी तरह बुर चोद लेते हो यार ? किसने सिखाया तुझे बुर चोदना ? वह बोला मेरी फूफी ने एक दिन मेरा लण्ड पकड़ लिया था। रात का समय था घर में केवल वह थीं और मैं। वह खुद ही मेरे पलंग पर आयी और मेरे पैजामे में हाथ डाल दिया। उसका हाथ मेरे लण्ड से टकरा गया तो वह बोली अरे वाह ! तेरा तो लण्ड खड़ा है ? और लण्ड बड़ा भी हो गया है। अब तो तुम बुर अच्छी चोद सकते हो ? यह सिनकर मेरा लण्ड और सख्त हो गया। बस उसी दिन उसने मुझे चोदना सिखा दिया। मैंने कहा उसके बाद फिर किसको चोदा ? वह बोला उसके बाद मैंने उसकी की बेटी की बुर चोदी। उस दिन फूफी घर में नहीं थीं। मेरा मन अंदर से उसे लण्ड पकड़ाने का हो गया। तो मैं अपना लण्ड खोल कर उसके सामने खड़ा हो गया। वह बोली हाय अल्ला, तेरा तो लण्ड मेरे जीजू के लण्ड से मिलता जुलता है यार। फिर उसने देर नहीं लगायी और भकाभक चुदवाने लगी। मैं जान गया की ये कई लोगों से चुदवाती है। लेकिन मुझे उसे चोदने में बड़ा मज़ा आया और अब मैं उसे मौक़ा पाकर चोद लेता हूँ। मैंने मन मे कहा देखो साला २० साल का लड़का कितना नसीब वाला है। इसी उम्र में ही चोदने का मज़ा ले रहा है वरना लोग एक बुर चोदने के लिए तरसते रहतें हैं।
सवेरे जब मैं उठी तो एकअलग ही मूड में थी। मैं अम्मी के कमरे में गयी जहाँ मेरी अम्मी, मेरी दीदी और मेरी खाला बैठी हुई बातें कर रही थीं।
मुझे देख कर खाला बोली :- हाय महक, अब तो तेरा भी शौहर आ जायेगा एक हफ्ते में ?
मैंने कहा :- हां आ तो जायेगा। पर तेरा भी तो कुछ फायदा होगा खाला जान ?
अम्मी ने कहा :- जब भी कोई नया मेहमान आता है तो सबका फायदा होता है बेटी, महक ?
दीदी ने कहा :- हां अम्मी बिलकुल सही कह रहीं है महक। इसमें भी कोई शक है क्या ?
मैंने पूंछा :- किस बात का फायदा होगा ज़रा साफ साफ़ बताओ न मुझे ?
खाला बोली :- अब साफ़ साफ़ क्या। हमारे कुनबे में एक नया आदमी बढ़ेगा महक ?
मैंने कहा :- एक नया आदमी नहीं एक नया लण्ड बढ़ेगा खाला जान ?
खाला बोली :- हाय दईया तेरी माँ की बहन की बुर महक ? तू तो एकदम खुला खुल बात कर रही है।
मैंने कहा :- तेरी बहन की बिटिया की बुर खाला जान ? पहले यह बताओ की कल रात में तूने मेरे अब्बू का लण्ड अपने भोसड़ा में कितनी बार पेला ?
तब तक दीदी बोल पड़ी :- हाय महक तू क्या लण्ड पेलने की गिनती कर रही थी बहन चोद ?
मैंने कहा :- अरे दीदी तुम न बोलो। तेरी माँ की बहन की बुर ? मैं तुमसे भी पूंछूंगी की तेरी चूत में खालू ने अपना लण्ड कितनी बार पेला ?
तब अम्मी बोली :- हां महक, मेरी चूत में तेरे जीजू ने अपना लण्ड तीन बार पेला ? फिर रात भर पेलता रहा। अब बता तू मेरा क्या उखाड़ लेगी ? यहाँ सब एक दूसरे के मियां का लण्ड अपनी बुर में पेलती हैं। तेरी गांड में क्यों दर्द हो रहा है। जब तेरी शादी हो जाएगी तो तू भी पेलवाना अपनी चूत में ग़ैर मर्दों के लण्ड ? मैं क्या मना करने आऊंगी ? मैं भी देखूँगी की तू कितने लोगों से चुदवाती है बुर चोदी महक तेरी माँ का भोसड़ा, बहन चोद ? मैंने कहा :- अरे मैं क्या किसी की झांटें उखाडूँगी, अम्मी । चाहे लड़की हो या लड़का आजकल तो कोई झांटें रखता ही नहीं। यहाँ किसी की झांटें नहीं हैं। मैंने सबकी चूत देखी है और सबके लण्ड भी देखा है। मैं तो सिर्फ इतना ही कह रही हूँ की जब हमें ग़ैर मरदों से चुदवाना ही है तो फिर खुल कर क्यों न चुदवायें ? अलग अलग कमरे में क्यों ? मैं भी तो देखूं की कौन कैसे चुदवाती है और कौन कैसे चोदता है ?
खाला ने कहा :- तूने कल देख तो लिया, महक ?
मैंने जबाब दिया :- हां मैंने तो देख लिया पर तूने देखा क्या की मेरा जीजू मेरी माँ का भोसड़ा कैसे चोद रहा था ?
वह बोली :- हां यार वह तो मैंने नहीं देखा ?
मैंने कहा :- अरे खाला जान कल रात को सब की सब ग़ैर मरद का एक एक लण्ड लेकर चुदवाने लगीं. किसी को मेरी चूत का ख्याल नहीं आया जिसकी शादी अभी एक हफ्ते में होने वाली है। खुदा का शुक्रिया की मुझे रफ़ी मिल गया नहीं तो मैं चुदासी ही रह जाती ?
खाला बोली :- हाय दईया तूने मेरे बेटे से चुदवा लिया ?
मैंने कहा :- बेटे का बाप जब मेरी दीदी की बुर ले रहा था, मेरा बाप बेटे की माँ की बुर ले रहा था, तो कोई गुनाह नहीं हुआ ? जब तेरा बेटा मेरी बुर ले रहा था तो कौन सा गुनाह हो गया खाला जान ?
वह बोली :- कोई गुनाह नहीं मेरी बुर चोदी महक ? मुझे तो यह जानकर ख़ुशी हुई की मेरा बेटा भी लड़कियों की बुर लेने लगा है।
ख़ैर मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। मेरी सुहागरात के दिन मेरी नन्द मेरे पास आयी और बड़े प्यार से बोली - भाभी सुहागरात में कितने लण्ड लोगी तुम ? मैंने कहा हाय अल्ला, यह भी कोई बताता है क्या ? वह बोली - अरे भाभी जान, तेरी सुहागरात की जिम्मेदारी मेरी है। तुम्हे चोदने वाले लण्ड का इंतज़ाम मुझे करना है। अब मैं कितने लण्ड का इंतज़ाम करूँ यह तो तुम्हे बताना होगा न भाभी ? मैंने कहा कम से कम तीन लण्ड ? वह बोली - अच्छा, लण्ड की कोई ख़ास चॉइस ? मैंने कहा - कोई ख़ास नहीं पर हां लण्ड मोटा हो और सख्त हो तो अच्छा है। बस वह चली गयी। रात को मेरी नन्द ने जिन लौंड़ों का इंतज़ाम किया था वो वाकई बड़े बेहतरीन लौड़े थे। मुझे तीनो से चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। सवेरे सवेरे मेरी नन्द आयी और बोली भाभी प्लीज एक लड़के से और चुदवा लो . वह है मेरा देवर। बिचारा बड़ी दूर से आया है नई दुल्हन की बुर चोदने। मैंने कहा ठीक है मैं चुदवा लेती हूँ पर तुम्हे भी साथ देना पड़ेगा।
वह बोली हां भाभी मैं जरूर साथ दूँगी। बस फिर क्या मैंने हाथ बढ़ाकर सबसे पहले उसका लण्ड पकड़ लिया। नन्द ने तक उसे नंगा कर दिया। मैं तो नंगी थी ही। नन्द भी बुर चोदी नंगी हो गयी। हम दोनों ने पहले बार एक दूसरे को नंगी देखा तो मज़ा आ गया। वह बोली भाभी तेरी चूत और चूँची दोनों मस्त हैं। हमारे रीति रिवाज़ के मुताबिक एक महीने तक लोग नई दुल्हन की बुर लेते हैं । तुम्हे एक महीने तक लोग चोदेगें और तुम मना नहीं कर सकती ? इस तरह भाभी जान तुम्हे तो एक से एक बढ़िया लण्ड और मिलने वाले हैं। फिर हम दोनों मिलकर लण्ड चाटने लगीं। उसका देवर मुझे और मेरी नन्द चोद कर चला गया। मुझे एक महीने तक कई लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिला। मैंने वहां की रीति रिवाज़ का पूरा फायदा उठाया।
एक महीने तक कई लोगों से चुदवाने के बाद मैं माईके वापस आ गयी। यहाँ सब लोगों से मिली तो सब खूब ख़ुशी हुई। मैंने वहां का रीति रिवाज़ बताया तो वो सब और खुश हो गयीं। बातों बातों में मैंने अम्मी और खाला से कहा की तुम लोग छुप छुप कर क्यों चुदवाती हो ? तब तक दीदी भी आ गयीं . वह बोली हां महक ठीक ही तो कह रही हैं। क्यों न आज हम लोग सब एक साथ चुदवायें। मैंने कहा अरे दीदी चुदवायें नहीं बल्कि चोदें ? हम लोग एक साथ मिलकर सारे मरदों में लण्ड चोदें ? अब लण्ड चोदने का ज़माना है ? मियां भोसड़ी के जब बुर चोद सकते हैं तो हम बीवियां भी लण्ड चोद सकती हैं। आज तो हम सब लण्ड चोदेगीं ? खाला बोली हां बिलकुल लण्ड चोदेगीं। दीदी ने कहा हां मैं भी लण्ड चोदूँगी।
उस रात मैं थी मेरी अम्मी आयशा, मेरी दीदी रिदा, मेरी खाला नज़मा और खाला की बेटी हया। हम पांच की पाँचों बीवियां थी। मैं अभी नई नई बीवी बनी थी। तब तक अम्मी बोली अरी भोसड़ी की रिदा देख ज़रा मरद में कौन कौन है घर में ? दीदी ने पता लगाया और बताया की अम्मी मरदों में मेरा देवर है, हया का मियां है , खाला जान का देवर है, महक का ससुर भी इत्तिफाक से आ गया है और फूफी का २२ साल का लड़का है। फिर मैंने सबको एक ही कमरे में बुला लिया। कमरा बड़ा था इसलिए नीचे गद्दे बिछा दिए गये मसनद लगा दीं गयीं और चुदाई का सारा सामान लगा दिया गया। मस्ती के लिए सबको व्हिस्की पिला दी गयी। सबको यह तो पता चल ही गया था की यहां चुदाई होनी है।
अम्मी बड़े गौर से मेरे ससुर को देखने लगीं। मैंने कहा अम्मी मैं अपने ससुर लण्ड चोद कर आयी हूँ। मुझे किसी ने बताया की मेरा ससुर मेरा जीजू लगता है तो मैं और मस्ती होकर चोदने लगी। अम्मी बोली हाय अल्ला, तब तो तू मेरी बेटी का मियां लगता है। तू मेरी बेटी की बुर लेता है तो उसकी माँ की भी बुर ले सकता है। ऐसा बोल कर अम्मी ने उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ा और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगीं। दीदी का दिल खाला के देवर पर आ गया। दीदी ने उसके पैजामे का नाड़ा खोला और सबके सामने उसका लौड़ा बाहर निकाल लिया। खाला की बेटी हया ने दीदी के देवर के लण्ड पर हमला बोल दिया। उधर खाला ने फूफी के लड़के को नंगा करने लगी। मैं हया के मियां के पकड़े खोलने लगी। देखते ही देखते सारे मरद भोसड़ी हो गये। फिर हम सब बीवियां भी नंगी होने लगीं।
मैं हया के मियां का लण्ड चाटने लगी, अम्मी मेरे ससुर का लण्ड पीने लगीं, दीदी खाला के देवर का लण्ड चूसने लगीं, खाला की बेटी हया दीदी के देवर का लण्ड चाटने लगी और खाला मेरी फूफी के बेटे का लण्ड चूमने लगीं। हम लोग सब नये नये ग़ैर मरदों के लण्ड पाकर मस्ती के मूड में गयीं। बीवियों के हाथ में ग़ैर मरद का लण्ड हो इससे बढ़िया और क्या हो सकता है। हर एक बीवी ग़ैर मरद का लण्ड पाकर फूली नहीं समाती है। थोड़ी में एक एक करके सब लण्ड पर चढ़ कर बैठने लगीं क्योंकि आज तो सबको लण्ड चोदने का मौक़ा मिला था। मरदों को नंगा नीचे लिटा कर हम सब उनके लण्ड पर बैठ गयी और कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी।
हम पाँचों का एक बड़ा सा गोला बन गया। हम सब एक दूसरे को अच्छी तरह देख रहीं थीं की कौन कैसे लण्ड चोद रही है।
खाला की मस्ती बढ़ी तो वह बोली :- हया, देख तेरी माँ का भोसड़ा कितनी मस्ती से एक जवान लण्ड चोद रहां है। इसका लण्ड तो बिलकुल तारो ताज़ा लण्ड है।
हया ने कहा :- तेरी बिटिया की बुर भी लण्ड चोदने में बड़ी माहिर है, अम्मी। मुझे तो रिदा के देवर का लण्ड चोदने में मज़ा आ रहा है।
दीदी बोली :- महक तेरी माँ की बहन की बुर ? तेरी बहन की माँ का भोसड़ा ? आज तूने एक लाजबाब प्रोग्राम रखा है। किसी दिन मेरे भी ससुर का लण्ड चोद कर देखो ?
अम्मी ने कहा :- रिदा तेरी माँ की चूत, भोसड़ी की तेरी बहन का लण्ड ? तू मादर अपनी माँ भी चुदवा रही है और अपनी बहन भी ? तेरी चूत में बड़ी आग है न वह सब मैं किसी दिन निकाल दूँगी।
सबकी लण्ड चोदने की स्पीड बढती जा रही थी।
मैंने कहा - अम्मी तेरी बेटी की माँ की चूत, बहन चोद ? तेरी बेटी की बहन का भोसड़ा ? मैं यही तो कह रही थी की मिलकर एक चोदा चोदी करना कितना होता है ? उसके बाद तो हमने लण्ड अदल बदल कर खूब रात भर चोदा और चुदवाया।
बीवियां जब मिलकर आमने सामने पराये मरद का लण्ड चोदती हैं तो मज़ा कुछ और ही होता है।
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