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मैं भी जबाब में लण्ड पेलती रहती हूँ - Main bhi uski chut me land pelti rahti hun
मैं भी जबाब में लण्ड पेलती रहती हूँ - Main bhi uski chut me land pelti rahti hun , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
अम्मी ने जैसे ही कहा - बेटी, तेरी बहन की माँ का भोसड़ा ?
वैसे ही मैंने जबाब दिया - अम्मी, तेरी बेटी की बहन की बुर ?
हम दोनों की बातें मेरी खाला जान ने सुन लीं तो वह बोली - हाय दईया ताहिरा, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ?
खाला को जबाब दे दिया - खाला जान, तेरी बहन की बिटिया की बुर
ये सब गालियां प्यार भरी गालियां हैं। ये सिर्फ मनोरंजल के लिए हैं। आपने देखा होगा की इसमें मैं, मेरी अम्मी और मेरी खाला तीनो अपनी ही चूत को गाली दे रहीं हैं लेकिन गाली देने का अंदाज़ बड़ा खूबसूरत है इसलिए खूब मज़ा आता है और खूब मस्ती सवार हो जाती है। उसके बाद जमती है महफ़िल, पी जाती है शराब और पिये जातें हैं लण्ड ?
आपको लग रहा होगा की इन कहानियों में बहुत गालियां होतीं हैं। लेकिन आप इन गालियों की इम्पोटैंस नहीं समझते। प्यार से, हलकी आवाज़ और सेक्सी अंदाज़ में अपनों को दी गयीं गालियां गहरी छाप छोड़तीं हैं। इससे नजदीकियां बढाती हैं। लोग एक दूसरे के नजदीक बहुत जल्दी आ जातें हैं। आपसे ताल मेल बढ़ता है और फिर वक़्त पड़ने पर लोग एक दूसरे के काम आतें हैं। इन गालियों से घर में हंसी ख़ुशी का माहौल बना रहता है। चेहरे पर मुस्कराहट रहती है, कोई मनमुटाव नहीं रहता और मन हमेशा प्रसन्न रहता है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होता है की बिमारी पास नहीं आती, सेहत ठीक रहती है और डॉक्टर की जरुरत नहीं पड़ती ? और फिर कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनमे गालियां देना अच्छा माना जाता है।
चलिए अब मैं आपको कहानी सुनाती हूँ :-
ये क्या बात हुई, बेटा ? तुमने अभी अभी मुझे बताया है की तुम मेरी बेटी की बुर लेते हो। तुम मेरी बेटी की बुर लो इसमें मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है लेकिन जब तुम मेरी बेटी की बुर लेते हो तो फिर बेटी की माँ की बुर क्यों नहीं लेते ? जब तुम मेरी बेटी की चूत में लौड़ा पेलते हो तो फिर उसकी माँ के भोसड़ा में लौड़ा क्यों नहीं पेलते ? जब तुम मेरी बेटी की बुर चोदते हो तो फिर उसकी माँ का भोसड़ा क्यों नहीं चोदते ? है तुम्हारे पास इन सवालों का कोई जबाब ? अगर नहीं है तो फिर आज से ही चोदना शुरू करो मेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? चलो खोले अपने कपड़े और निकालो अपना लण्ड ?
उस दिन मेरा दोस्त हनीफ आया था मुझसे मिलने के लिए। दरवाजा अम्मी जान ने खोला और उसे अंदर बैठाया। उसे शायद यह ख्याल था की मैं घर पर नहीं हूँ, कहीं बाहर गयी हूँ। तब अम्मी उससे खुल कर बातें करने लगीं जो अपंने अभी सुनी। पर हक़ीक़त यह थी की मैं घर पर ही थी और उन लोगों की बातें छुप छुप कर सुन रही थी। अम्मी इतने में उठ कर हनीफ के बगल में जाकर बैठ गईं।
मेरी अम्मी का नाम है शकीला बानो। वह ४४ साल की हैं और अभी मद मस्त जवान हैं। खूबसूरत हैं, हॉट हैं और हंसमुख हैं। वह जब मेरे साथ चलती हैं तो लोग उसे मेरी बड़ी बहन ही समझते हैं मेरी अम्मी नहीं। लोगों की इस समझदारी को हम दोनों खूब एन्जॉय करती हैं। अम्मी हनीफ के बगल में बैठ कर उसके पैजामे का नाड़ा खोला और उसके अंदर अपना हाथ घुसेड़ दिया। वह अंदर ही अंदर उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। हनीफ कुछ नहीं बोला। लण्ड बहन चोद खड़ा होने लगा। तब अम्मी बोली तेरा लण्ड तो बढ़ता ही जा रहा है बेटा। इतने में अम्मी ने पैजामा निकालते हुए कहा अरे बेटा हनीफ अब मैं तेरा लण्ड एकदम नंगा देखना चाहती हूँ। इसका दीदार करना चाहती हूँ। ये तो मुझे बड़ा मोटा लग रहा है। मुझे तो लगता है की तुम अब पूरे मरद हो गए हो ?अम्मी ने उसे बिलकुल नंगा कर दिया और उसका लण्ड पकड़ कर मस्ती से घुमा घुमा कर चारों तरफ से देखने लगीं। फिर उसका सुपाड़ा कई बार चूमा तो लण्ड साला और तन कर खड़ा हो गया। तब तक अम्मी की मस्त चूचियाँ खुल चुकीं थी। हनीफ की निगाहें वहीँ टिकी हुई थी। अम्मी ने कहा हाय दईया इतना मोटा लण्ड तुम मेरी बेटी की चूत में पेलते हो ? मेरी बेटी की बुर चोदते हो और मुझे कानो कान खबर नहीं। अगर उस दिन मुझे उसकी सहेली सलमा ने न बताया होता तो मुझे अभी तक मालूम ही नहीं होता की तुम मेरी बेटी की बुर लेते हो ? मुझे इस बात पर कोई ऐतराज़ नहीं है की तुम मेरो बेटी की बुर चोदते हो। अब वह भी २२ साल की हो गयी है। पूरी तरह जवां हो गयी है। उसे भी हक़ है लण्ड लेने का। मैं तो इस बात से बहुत खुश हूँ की वह लण्ड पकड़ती है, लण्ड चाटती और चूसती है। लण्ड अपनी चूत में डाल कर चुदवाती है। हां उसने अभी तक अपनी माँ चुदाना शुरू नहीं किया है। पर मैं भी तो अभी जवान हूँ। मैं क्यों तेरे लण्ड से महरूम रहूं ?
अम्मी की दलील सुनकर मेरी भी चूत गनगना उठी। मैं सोंचने लगी की अब तो मैं अपनी माँ जरूर चदवाऊँगी। पर उसके लिए एक अच्छा माहौल मिले तब ? तब तक उधर अम्मी ने उसका लण्ड मुंह में ले कर चूसने लगीं। लण्ड निकाल कर बोली हाय बेटा तेरा ये लण्ड का गुब्बारा जैसा टोपा बड़ा खूबसूरत लग रहा है। इसे मेरी बेटी मजे से चूसती है की नहीं ? वह बोला अरेआंटी हिबा तो खूब मस्ती से चूसती है मेरा लण्ड ? वह बोली चूसेगी क्यों नहीं भोसड़ी वाली आखिर कार मेरी बेटी है न ? उसकी नस नस में सेक्स भरा है जैसे मेरे अंदर भरा है। मैंने सुना है की वह लड़कों के लण्ड चोदती है लण्ड ? उसने जबाब दिया हां आंटी आप सही कह रहीं हैं। बस इतने में अम्मी ने लण्डअपनी बुर में घुस लिया और चुदवाने लगी। मैं भी इधर अपनी चूत में उंगली घुसेड़े सब देख रही थी। पहले मेरा मन हुआ की मैं भी कमरे में घुस जाऊं फिर सोंचा की आज उसे अकेले में ही चुदवा लेने दो मैं बाद में उसे बताऊंगी।
मैं पहली बार अम्मी को चुदवाते हुए देख रही थी और कुछ सीख भी रही थी। एक बात जरुर है की अम्मी ने हनीफ के लण्ड का पूरा पूरा मज़ा लिया। इतना मज़ा शायद मैं कभी नहीं ले पाई। फिर उधर हनीफ मेरी माँ चोद कर चला गया और मैं भी बाहर निकल गयी। फिर थोड़ी देर में घर आई जैसे की घर में जो हो रहा था उसकी खबर तो मुझको बिलकुल नहीं थी।अम्मी ने जैसे ही कहा - बेटी, तेरी बहन की माँ का भोसड़ा ?
वैसे ही मैंने जबाब दिया - अम्मी, तेरी बेटी की बहन की बुर ?
हम दोनों की बातें मेरी खाला जान ने सुन लीं तो वह बोली - हाय दईया ताहिरा, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ?
खाला को जबाब दे दिया - खाला जान, तेरी बहन की बिटिया की बुर
ये सब गालियां प्यार भरी गालियां हैं। ये सिर्फ मनोरंजल के लिए हैं। आपने देखा होगा की इसमें मैं, मेरी अम्मी और मेरी खाला तीनो अपनी ही चूत को गाली दे रहीं हैं लेकिन गाली देने का अंदाज़ बड़ा खूबसूरत है इसलिए खूब मज़ा आता है और खूब मस्ती सवार हो जाती है। उसके बाद जमती है महफ़िल, पी जाती है शराब और पिये जातें हैं लण्ड ?
आपको लग रहा होगा की इन कहानियों में बहुत गालियां होतीं हैं। लेकिन आप इन गालियों की इम्पोटैंस नहीं समझते। प्यार से, हलकी आवाज़ और सेक्सी अंदाज़ में अपनों को दी गयीं गालियां गहरी छाप छोड़तीं हैं। इससे नजदीकियां बढाती हैं। लोग एक दूसरे के नजदीक बहुत जल्दी आ जातें हैं। आपसे ताल मेल बढ़ता है और फिर वक़्त पड़ने पर लोग एक दूसरे के काम आतें हैं। इन गालियों से घर में हंसी ख़ुशी का माहौल बना रहता है। चेहरे पर मुस्कराहट रहती है, कोई मनमुटाव नहीं रहता और मन हमेशा प्रसन्न रहता है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होता है की बिमारी पास नहीं आती, सेहत ठीक रहती है और डॉक्टर की जरुरत नहीं पड़ती ? और फिर कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनमे गालियां देना अच्छा माना जाता है।
चलिए अब मैं आपको कहानी सुनाती हूँ :-
ये क्या बात हुई, बेटा ? तुमने अभी अभी मुझे बताया है की तुम मेरी बेटी की बुर लेते हो। तुम मेरी बेटी की बुर लो इसमें मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है लेकिन जब तुम मेरी बेटी की बुर लेते हो तो फिर बेटी की माँ की बुर क्यों नहीं लेते ? जब तुम मेरी बेटी की चूत में लौड़ा पेलते हो तो फिर उसकी माँ के भोसड़ा में लौड़ा क्यों नहीं पेलते ? जब तुम मेरी बेटी की बुर चोदते हो तो फिर उसकी माँ का भोसड़ा क्यों नहीं चोदते ? है तुम्हारे पास इन सवालों का कोई जबाब ? अगर नहीं है तो फिर आज से ही चोदना शुरू करो मेरी बेटी की माँ का भोसड़ा ? चलो खोले अपने कपड़े और निकालो अपना लण्ड ?
उस दिन मेरा दोस्त हनीफ आया था मुझसे मिलने के लिए। दरवाजा अम्मी जान ने खोला और उसे अंदर बैठाया। उसे शायद यह ख्याल था की मैं घर पर नहीं हूँ, कहीं बाहर गयी हूँ। तब अम्मी उससे खुल कर बातें करने लगीं जो अपंने अभी सुनी। पर हक़ीक़त यह थी की मैं घर पर ही थी और उन लोगों की बातें छुप छुप कर सुन रही थी। अम्मी इतने में उठ कर हनीफ के बगल में जाकर बैठ गईं।
मेरी अम्मी का नाम है शकीला बानो। वह ४४ साल की हैं और अभी मद मस्त जवान हैं। खूबसूरत हैं, हॉट हैं और हंसमुख हैं। वह जब मेरे साथ चलती हैं तो लोग उसे मेरी बड़ी बहन ही समझते हैं मेरी अम्मी नहीं। लोगों की इस समझदारी को हम दोनों खूब एन्जॉय करती हैं। अम्मी हनीफ के बगल में बैठ कर उसके पैजामे का नाड़ा खोला और उसके अंदर अपना हाथ घुसेड़ दिया। वह अंदर ही अंदर उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। हनीफ कुछ नहीं बोला। लण्ड बहन चोद खड़ा होने लगा। तब अम्मी बोली तेरा लण्ड तो बढ़ता ही जा रहा है बेटा। इतने में अम्मी ने पैजामा निकालते हुए कहा अरे बेटा हनीफ अब मैं तेरा लण्ड एकदम नंगा देखना चाहती हूँ। इसका दीदार करना चाहती हूँ। ये तो मुझे बड़ा मोटा लग रहा है। मुझे तो लगता है की तुम अब पूरे मरद हो गए हो ?अम्मी ने उसे बिलकुल नंगा कर दिया और उसका लण्ड पकड़ कर मस्ती से घुमा घुमा कर चारों तरफ से देखने लगीं। फिर उसका सुपाड़ा कई बार चूमा तो लण्ड साला और तन कर खड़ा हो गया। तब तक अम्मी की मस्त चूचियाँ खुल चुकीं थी। हनीफ की निगाहें वहीँ टिकी हुई थी। अम्मी ने कहा हाय दईया इतना मोटा लण्ड तुम मेरी बेटी की चूत में पेलते हो ? मेरी बेटी की बुर चोदते हो और मुझे कानो कान खबर नहीं। अगर उस दिन मुझे उसकी सहेली सलमा ने न बताया होता तो मुझे अभी तक मालूम ही नहीं होता की तुम मेरी बेटी की बुर लेते हो ? मुझे इस बात पर कोई ऐतराज़ नहीं है की तुम मेरो बेटी की बुर चोदते हो। अब वह भी २२ साल की हो गयी है। पूरी तरह जवां हो गयी है। उसे भी हक़ है लण्ड लेने का। मैं तो इस बात से बहुत खुश हूँ की वह लण्ड पकड़ती है, लण्ड चाटती और चूसती है। लण्ड अपनी चूत में डाल कर चुदवाती है। हां उसने अभी तक अपनी माँ चुदाना शुरू नहीं किया है। पर मैं भी तो अभी जवान हूँ। मैं क्यों तेरे लण्ड से महरूम रहूं ?
अम्मी की दलील सुनकर मेरी भी चूत गनगना उठी। मैं सोंचने लगी की अब तो मैं अपनी माँ जरूर चदवाऊँगी। पर उसके लिए एक अच्छा माहौल मिले तब ? तब तक उधर अम्मी ने उसका लण्ड मुंह में ले कर चूसने लगीं। लण्ड निकाल कर बोली हाय बेटा तेरा ये लण्ड का गुब्बारा जैसा टोपा बड़ा खूबसूरत लग रहा है। इसे मेरी बेटी मजे से चूसती है की नहीं ? वह बोला अरेआंटी हिबा तो खूब मस्ती से चूसती है मेरा लण्ड ? वह बोली चूसेगी क्यों नहीं भोसड़ी वाली आखिर कार मेरी बेटी है न ? उसकी नस नस में सेक्स भरा है जैसे मेरे अंदर भरा है। मैंने सुना है की वह लड़कों के लण्ड चोदती है लण्ड ? उसने जबाब दिया हां आंटी आप सही कह रहीं हैं। बस इतने में अम्मी ने लण्डअपनी बुर में घुस लिया और चुदवाने लगी। मैं भी इधर अपनी चूत में उंगली घुसेड़े सब देख रही थी। पहले मेरा मन हुआ की मैं भी कमरे में घुस जाऊं फिर सोंचा की आज उसे अकेले में ही चुदवा लेने दो मैं बाद में उसे बताऊंगी।
एक दिन का और बड़ा मजेदार किस्सा सुनो, दोस्तों. मैं कमरे में अकेली बैठी थी। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया तो मैंने खोला। मेरे सामने जुम्मन अंकल खड़े थे। मैंने उसे अंदर बैठाया और पानी पिलाया। मैं अंकल को बहुत दिनों से जानती हूँ। मेरे घर में वह कभी भी आ जाते हैं।
मैंने कहा - ये क्या बात हुई, अंकल ? जब तुम मेरी माँ की बुर लेते हो तो फिर माँ की बेटी बुर क्यों नहीं लेते ? जब तुम मेरी माँ की चूत में लौड़ा पेलते हो तो फिर उसकी बेटी की चूत में लौड़ा क्यों नहीं पेलते ? जब तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदते हो तो फिर उसकी बेटी की बुर क्यों नहीं चोदते ? है तुम्हारे पास इन सवालों का कोई जबाब ? अगर नहीं है तो फिर आज से ही चोदना शुरू करो मेरी माँ की बिटिया की बुर ? चलो खोलो अपने कपड़े और निकालो अपना लण्ड ?
इत्तिफाक से मेरी अम्मी ऊपर बैठी हुई मेरी ये सारी बातें सुन रहीं थीं। यह बात मुझे अम्मी ने बाद में बताई। वैसे मुझे मालूम था की मेरी अम्मी बाहर गईं हैं लेकिन वह घर में ही थीं। मैं इसीलिए जुम्मन अंकल से खुल कर बातें कर रही थी। अम्मी सोंचने लगी की मेरी बेटी जो बातें जुम्मन से कह रही है वही बातें मैंने उसके दोस्त हनीफ से कहीं थीं। तो क्या मेरी बाते मेरी बेटी हिबा सुन रही थी ?
मैं बिंदास अंकल से बोलती गयी। मैंने कहा अरे अंकल मुझे तो कुछ मालूम ही नहीं था। अगर मुझे सफीका आंटी ने नहीं बताया होता की हिबा जुम्मन तेरी माँ चोदता है। वह आज से नहीं कई बर्षों से चोद रहा है तेरी माँ का भोसड़ा हिबा, तो मुझे कभी पता ही नहीं चलता। तुम तो अंकल वाकई बड़े मादर चोद हो। वैसे मुझे इस बात से कोई ऐतराज़ नहीं है की तुम मेरी माँ क्यों चोदते हो ? उसकी बुर क्यों लेते हो ? क्योंकि वह भी तो अभी पूरी तरह जवान हैं। ४४ साल की मद मस्त जवां महिला हैं। उसे देख कर लोगों के लण्ड हरकत में आने लगते है तो फिर वह क्यों न चुदवाये अपनी बुर ? लेकिन जब उसकी जवान बेटी घर में है तो उसे भी तो लण्ड चाहिए अंकल ? ऐसा कह कर मैंने अंकल की लुंगी के अंदर हाथ घुसेड़ दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड से टकरा गया। मैं बोली हाय अल्ला, तेरा तो लौड़ा बहन चोद खड़ा है। तो फिर इसे बाहर निकालो न। कैद क्यों कर रख है इसे ? मैं भी तो देखूं की वह कौन सा लौड़ा है जो मेरी माँ की बुर चोदता है ?
बस मैंने उसकी लुंगी खोल कर फेंक दी। वह एकदम नंगा हो गया। मैं लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी और पेलहड़ थाम कर लण्ड चाटने लगी। मेरे हिसाब से लण्ड का साइज ८" x ५१/२" होगा। लण्ड का टोपा गोल और खड़ा होने पर उसका थोड़ा टेढ़ा हो जाना भी बड़ा सेक्सी लग रहा था। मैं उसका लण्ड चूसने लगी और वह मेरी चूत सहलाते हुए मेरी गांड पर हाथ फेरने लगा। नंगी मैं भी और नंगा वह भी। मैं मन ही मन सोंच रही थी की अम्मी ने तो इस लौड़े का पूरा फायदा उठाया है आज मैं भी इसका पूरा मज़ा लूंगी। आज पहली बार मैं किसी मर्द का लौड़ा चूस रही हूँ।अभी तक तो मैंने लड़कों के ही लण्ड पकड़े हैं। मैं मस्ती में चूर होती जा रही थी। उधर अंकल भी इसलिए खुश था की उसे आज एक नयी मस्ती लड़की की चूत चोदने का मौक़ा मिल रहा है। वह सोंच कर तो आया था मेरी माँ का भोसड़ा चोदने लेकिन उसके हाथ लग गयी उसकी बिटिया की बुर ? तो फिर ख़ुशी की बात तो हो ही गयी न ? वह तो ख़ुशी के मारे उछलने लगा और उछलने लगा उसका भोसड़ी का लण्ड ? मैं तोअंकल के लण्ड की मुरीद हो गयी।
मैं फिर बिलकुल बेशर्म हो गयी और अंकल का साथ देने लगी। थोड़ी देर में अंकल ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ा। लण्ड मोटा तो था ही मेरी चूत चरमरा उठी। लेकिन मैं हिम्मत करके चुदवाने लगी। अब मुझे किसी का डर तो था नहीं। अम्मी की पोल तो पहले ही खुल चुकी थी। जो कुछ बचा था वो जुम्मन अंकल ने खोल दी। मैं तो रंडी की तरह भकाभक चुदवाने लगी। उधरअम्मी यह सब देख रही थीं। मैंने तो अपने आप को रोक लिया था लेकिन वह अपने आपको रोक न सकी। वह सीधे मेरे कमरे में आ गयीं और मेरी चुदाई देखने लगीं। वह बोली वाओ, हिबा तू इतनी मस्ती से चुदवा लेती है यह मुझे नहीं मालूम था। पर इससे यह बात जरूर पक्की हो जाती है की तू पहली बार नहीं चुदवा रही है। पहली बार लण्ड तू नहीं चूस रही थी। तू तो बहुत दिनों से चुदवा रही है माँ की लौड़ी ? मैं तुझे उस समय से देख रही हूँ जब तूने जुम्मन का लण्ड उसकी लुंगी के अंदर हाथ डाल कर पकड़ लिया था। अब जुम्मन के जैसा लण्ड तेरी बुर मस्ती से चोद रहा है तो इसका मतलब है की तेरी बुर इस तरह के कई लण्ड पहले ही खा चुकी है।
मैंने कहा अम्मी अब तुमसे क्या छुपाना ? यह सच है की मैं लण्ड पकड़ती हूँ, लण्ड चाटती हूँ, चूसती हूँ, लण्ड पीती हूँ और चुदवाती भी हूँ पर आज किसी आदमी से पहली बार चुदवा रही हूँ। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। अम्मी ने दरवाजा खोला तो हबर एक आदमी खड़ा था जिसे अम्मी पहचानती थी।
- वह बोला मैं करीम हूँ शकीला भाभी।
- अम्मी ने कहा अरे यार मैं तुम्हे जानती हूँ। तुम जुम्मन के दोस्त हो। बोलो क्या काम है ?
- वह बोला मैं तो यहाँ जुम्मन से मिलने आया हूँ भाभी ? कोई ख़ास काम है तेरा जुम्मन से ?
- अरे भाभी आप सिर्फ यह जानती है की मैं जुम्मन का दोस्त हूँ। इसके आगे आप कुछ नहीं जानती हो भाभी। आप मुझे उससे मिलवा दीजिये। बाकी आपको मालूम हो जायेगा।
- अच्छा यहीं बैठो मैं अभी आती हूँ। जुम्मन थोड़ा बिजी है। मैं उससे पूंछ कर आती हूँ।
बस २ मिनट में अम्मी उसे हमारे पास ले आई। उसने देखा की जुम्मन मुझे चोद रहा है। मुझे चुदवाते हुए देख कर उसे जोश आ गया। मुझे नंगी देखा तो उसके मुंह में पानी आ गया। मैंने उसे देखा तो मन में कहाअरे ये तो जुम्मन से ज्यादा हैंडसम है। मैं घूमी और कहा जुम्मन अंकल तुम मेरी माँ चोदने आये थे न ? अब तुम मेरी माँ चोदो, मैंने लण्ड माँ के भोसड़ा में पेल दिया और कहा लो आज से मैं भी चुदवाने लगी अपनी माँ एक भोसड़ा ? मैं करीम अंकल से बात करती हूँ। मैं करीम से नंगी नंगी ही लिपट गयी। उसने मेरी चूचियाँ दबा दी और मैंने उसका लौड़ा। मैंने कहा हाय दईया लण्ड तो खड़ा है अंकल। तो फिर इसे बाहर निकालो ? मैं भी देखना चाहती हूँ जुम्मन की बीवी चोदने वाला लण्ड ? मैं उसके कपड़े खोलने लगी। उधर जुम्मन ने अपना लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में घुसा दिया था। वह चोदने लगा था मेरी माँ की बुर।
करीम जैसे ही नंगा हुआ वैसे ही मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया और उसे चारों तरफ से देखने लगी। लण्ड वाकई सख्त था। इसका लण्ड जुम्मन के लण्ड से बड़ा भी था और थोड़ा मोटा भी। मैं समझ गयी की जुम्मन की बीवी बड़ी चालक है, वह अपने मियां के लण्ड से बड़े और मोटे लण्ड का मज़ा ले रही है। करीम तो वाकई उसकी बीवी की बुर मस्ती से चोदता होगा ? लण्ड अगर मन का मिल जाए तो चुदाने का मज़ा दूना हो जाता है। मैंने लण्ड की चुम्मी ली और जबान निकाल कर सुपाड़ा चाटने लगी। फिर सुपाड़ा मुंह में भर कर चूसने लगी। उसका हाथ मेरी चूंची और चूत पर रेंगने लगा। थोड़ी देर में मैंने भी अपनी चूत फैला दी और लण्ड अंदर पेलवा लिया।
अम्मी ने मजाक करते हुए कहा :- हिबा, अब तो तू भी चुदवाने लगी है अपनी माँ की चूत ?
मैंने कहा :- हां अम्मी, और तू भी तो चुदवाने लगी है अपनी बिटिया की बुर ? अभी तो हनीफ ने चोदा है तेरी बुर। कल अतीक भी आएगा चोदने तेरी बुर ?
अम्मी ने फिर मजाक के लहज़े में कहा :- कल मैं भी पेलूंगी तेरी चूत में अपने दोस्त शब्बीर का लण्ड बेटी। तू मुझे कम न समझ ? मैं बड़ी हरामजादी हूँ। इसी तरह हम दोनों का प्यार परवान चढ़ता रहा।
एक दिन खाला आ गयीं। उसे जब मालूम हुआ की मैं अपनी माँ चुदवाती हूँ तो वह बहुत खुश हुई और बोली अरे हिबा आजकल सभी लड़कियां अपनी माँ चुदवाती हैं। मेरी बेटी भी यही करती है। हर दूसरे दिन अपने किसी न किसी दोस्त का लण्ड मेरी चूत में पेल देती है। मैं भी जबाब में लण्ड पेलती रहती हूँ उसकी चूत में ? बड़ी मस्ती से कट रही है हम दोनों की ज़िन्दगी।
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