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पराई बीवियां चोद के दिखाओ - Parayi Patniyan chod kar maje karo - Dusron ki biwi chodo
पराई बीवियां चोद के दिखाओ - Parayi Patniyan chod kar maje karo - Dusron ki biwi chodo , आस पडोस की रिश्तेदारों की साथ में काम करने वालों की घरवालियों की चूत की चुदाई करो.
अपना लण्ड अपनी बीवी की चूत में पेला तो क्या पेला ? असली मरद तो वो है जो किसी पराये मरद का लण्ड अपनी बीवी की चूत में पेले ? हिम्मत हो तो किसी पराये मरद का लण्ड मेरी चूत में पेल कर दिखाओ ? अरे असली मरद तो वो है जो किसी पराई बीवी की बुर में अपना लण्ड पेले ? हिम्मत हो तो मेरे आगे किसी पराई बीवी की बुर में अपना लण्ड पेल कर दिखाओ ? ऐसा करने के लिए बहुत बड़ा ज़िगर चाहिए मेरे राजा। बड़ों बड़ों की गांड फट जाती है दूसरों की बीवियां चोदने में ? अब मैं देखती हूँ की तुम्हारी गांड में कितना दम है और तुम्हारे लांड में कितना दम है ?
शाम को हम लोगों की महफ़िल लग गयी। दारू चालू हो गयी। बातें होने लगीं और मसालेदार बातें होने लगीं। धीरे धीरे अश्लील बातें भी होने लगीं। मैंने एक सवाल किया - अच्छा तुम लोग बताओ की दुनियां में सबसे हलकी चीज क्या होती है ? जबाब में कोई कुछ कहना लगा कोई कुछ और ? मैंने कहा सब गलत है। दुनियां में सबसे हलकी चीज है 'लण्ड' ? जो बहन चोद एक सोंच से ही खड़ा हो जाता है। सबने ठहाका लगाया। मौसी ने भी एक चुटकुला सुना दिया। वह बोली - एक बार दो लण्ड बातें कर रहे थे। पहला लण्ड बोला - चलो यार मैं तुम्हे फिल्म दिखाता हूँ। दूसरा लण्ड - यार मुझे ब्लू फिल्म मत दिखाना। पहला लण्ड - क्यों ? दूसरा लण्ड - यार मुझे खड़े खड़े देखना पड़ेगा। सब लोगों ने फिर ठहाका लगाया।
बुआ कहाँ पीछे रहने वाली थी। उसने भी सुनाते हुए कहा - एक बात तीन लड़के बातें कर रहे थे। पहला बोला मैं एक बार में तीन बाल्टी पानी भर कर चल सकता हूँ। दो हाथ में एक अपने दांत से उठा लूंगा। दूसरा - मैं चार बाल्टी पानी लेकर चल सकता हूँ। दो बाल्टी हाथ में, एक बाल्टी अपने दांत से और एक बाल्टी अपने लण्ड पर रख लूंगा। तीसरा बोला मैं ७ बाल्टी पानी लेकर चल सकता हूँ। लोगों ने कहा ऐसे कैसे हो। तब उसने समझाया - दो बाल्टी अपने दोनों हाथ में, एक बाल्टी अपने दांत से और फिर अपना लण्ड इसकी गांड में घुसा कर इसे उठा लूंगा। इसके पास चार बाल्टी हैं ही। सबने खूब ठहाका लगाया। थोड़ी देर में तीनो मरद डिनर आदि का इंतज़ाम करने के लिए बाहर चले गए। फिर हम तीनो बीवियां आपस में बातें करने लगी।
माहौल गरम था ही। हम तीनो बीवियों की चूत भी गरम हो चुकी थी।
तभी मौसी ने कहा :- नेहा, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? जानती हो नेहा तेरी माँ की बहन का भोसड़ा साला बड़ा हरामी हो गया है। खुले आम सबका लौड़ा अपने अंदर घुसेड़ लेता है।
बुआ ने कहा :- नेहा, तेरी माँ की नन्द की चूत ? बुआ ने भी अपनी ही चूत को गाली दी और कहा नेहा तेरी बुर चो दी बुआ की बुर बड़ी ऐय्यास है। पराये मरद का लण्ड ऐसे पकड़ती है जैसे बिल्ली चूहा पकड़ती है।
मैंने कहा :- आभा मौसी, तेरी बहन की बिटिया की बुर ? मैंने भी अपनी बुर की बात की और कहा मौसी उसकी बुर ससुरी बड़ी आवारा है। उसे तो अपनी चूत में लण्ड पेलना है लण्ड किसका है इससे उसका कोई सरोकार नहीं।
हम तीनो चूत को गली दी लेकिन इतनी खूबसूरती से की मज़ा आ गया। इस तरह की बातें सब खुल कर कह रही थीं। एक बाद तो पक्की है की हम तीनो चुदवाने में बड़ी माहिर हैं।
मैंने कहा :- तब तो मौसी आज मैं तेरे पति का लण्ड अपनी चूत मे घुसेड़ूँगी।
मौसी बोली - घुसेड़ लो, मैं तेरे मरद का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ लूंगी और फूफा का भी लण्ड ?
इस पर बुआ बोली :- अच्छा तो क्या मैं यहाँ अपनी झांटें गिनूँगी। मैं नेहा के मरद से और आभा के मरद से चुदवाऊंगी।
मैं उठी और बोली - यार देखो मजाक छोड़ो। मैं तो सच में पराये मरद का लण्ड अपनी चूत में लूंगी।
मौसी ने कहा :- तो फर आज हो जाए मरदों की अदला बदली। अपने अपने हसबैंड को तैयार कर लो।
इतने में वो तीनो मरद आ गये। डिनर और ड्रिंक्स का पूरा इंतज़ाम कर के आये थे वो लोग। हम तीनो ने अपने अपने हसबैंड को आज की रात का प्लान बता दिया। वो लोग वाकई बड़े खुश हो गये। मेरे पति निखिल ने कहा अरे वाह तुम लोगों ने मेरे मन की बात कह दी। मैं तो खुद तेरी मौसी की बुर लेना चाहता हूँ और तेरी बुआ की भी बुर। उसके बाद सबने एक एक पैग शराब और पी।
फिर क्या मैंने बात करते करते मौसा के लण्ड पर हाथ रख दिया। मौसी ने फूफा के लण्ड पर हाथ रख दिया और बुआ ने मेरे पति के लण्ड पर। मौसा मेरी चूँचियाँ मसलने लगा, फूफा मौसी की चूँचियाँ दबाने लगा और मेरा पति निखिल बुआ की चूँचियाँ सहलाने लगा। धीरे धीरे चूँचियाँ भी खुलने लगी, चूत भी खुलने लगी और गांड भी। तब तक एक एक करके तीनो लण्ड पैंट के बाहर आ गये। मैं फिर सबको लेकर अंदर के बड़े कमरे में पहुँच गयी। वहां पहुँच कर तीनो मियां बिलकुल नंगे हो गये और तीनो बीवियां भी। मैं मौसा और लण्ड देख कर मस्त हो गयी। दोनों लण्ड बहन चोद मोटे तगड़े थे। मैं मौसा का लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत। मौसी फूफा का लण्ड चाटने लगी और फूफा उसकी चूत। बुआ मेरे पति का लण्ड चाटने लगी और वह उसकी चूत। तीनो जोड़े एक दूसरे की बीवी की चूत चाटने लगे और तीनो बीवियां एक दूसरे के मियां के लण्ड चाटने लगीं। ऐसा लग रहा ब्लू फिल्म चल रही है।
थोड़ी देर में मैंने मौसा का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया और चुदवाने लगी। मौसी फूफा से चुदवाने लगी और बुआ मेरे पति से ?
मौसा बोला :- निखिल, मुझे तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। वास्तव में आज मैं तेरी बीवी चोदने ही आया हूँ। आभा ने तेरी बीवी की बहुत तारीफ की थी तो मैंने कहा तो मुझे नेहा की बुर दिलवाओ न प्लीज। इसलिए वह मुझे लेकर आ गयी और अपना वादा पूरा किया।
फूफा बोला :- हाय निखिल मेरी भी यही कहानी हैं। मेरी बीवी ने नेहा की खूब तारीफ की तो मेरे लण्ड में हरकत होने लगी। मैंने कहा एक दिन मैं तेरी नेहा की बुर जरूर लूंगा। वह बोली एक दिन क्यों आज ही चलो न ? नेहा बड़ी मस्त लड़की है। वह तुम्हे खुशी ख़ुशी अपनी बुर दे देगी। बस हम लोग यहां आ गये। मुझे क्या मालूम था की मुझे नेहा के साथ साथ आभा की भी बुर मिलेगी चोदने को।
मेरा पति बोला :- यार जब मैंने आभा मौसी को देखा और निधि बुआ को देखा तो मेरा लण्ड ख़ुशी के मारे उछल पड़ा . मैंने मन बना लिया की आज रात में मैं दोनों की चूत में लण्ड पेलूँगा। और देखो मेरी इच्छा कितनी मजे से पूरी हो रही है।
तो दोस्तों, इस तरह हमने रात भर पराये मरदों से चुदवाया। मैंने इन सबको ३ दिन के लिए रोक लिया और दिन रात खूब मस्ती से एक दूसरे की मियां से जम कर चुदवाया। इन लोगों ने भी एक दूसरे की बीवी चोद चोद कर खूब मज़ा लिया।
अपना लण्ड अपनी बीवी की चूत में पेला तो क्या पेला ? असली मरद तो वो है जो किसी पराये मरद का लण्ड अपनी बीवी की चूत में पेले ? हिम्मत हो तो किसी पराये मरद का लण्ड मेरी चूत में पेल कर दिखाओ ? अरे असली मरद तो वो है जो किसी पराई बीवी की बुर में अपना लण्ड पेले ? हिम्मत हो तो मेरे आगे किसी पराई बीवी की बुर में अपना लण्ड पेल कर दिखाओ ? ऐसा करने के लिए बहुत बड़ा ज़िगर चाहिए मेरे राजा। बड़ों बड़ों की गांड फट जाती है दूसरों की बीवियां चोदने में ? अब मैं देखती हूँ की तुम्हारी गांड में कितना दम है और तुम्हारे लांड में कितना दम है ?
दोस्तों, मैं ये सब बातें अपने मियां से कह रही थी जब वह मुझे चोद रहा था। दरअसल मैं उसे दूसरों की बीवियां चोदने के लिए ललकार रही थी और दूसरों से अपनी बीवी चुदवाने के लिए उकसा रही थी। आजकल की लड़कियां १५ / १६ साल की उम्र में लण्ड पकड़ने लगती हैं। मुस्लिम लड़कियां तो लण्ड पकड़ने में सबसे आगे होतीं है क्योंकि उन्हें अपने कुनबे के ही कई लण्ड मिल जाते हैं। फिर नाते रिश्ते दारों के लण्ड और आने जाने वालों के लण्ड भी मिल जातें हैं। ये लड़कियां बहुत जल्दी अपने नजदीकी रिश्तेदारों से चुदवाना भी शुरू कर देती हैं। इनके यहाँ चोदा चोदी करने में ज्यादा रोक टोक नहीं होती। बुर्के के नीचे बुर का लेन देन जल्दी शुरू हो जाता है। शादी भी चूँकि नजदीकी रिश्तेदारों में हो जाती है और शादी की वजह से रिश्ते भी बदल जातें हैं। अम्मी नन्द हो जाती है बेटी भाभी बन जाती है. खाला जेठानी बन जाती है तो दीदी सास बन जाती है। ससुर जीजा बन जाता है और सास दीदी की जगह ले लेती है। यही सब उलटा पुल्टा हो जाता है। इससे चुदाई के कई रास्ते निकल आते हैं। चोदा चोदी के मौके और बढ़ जातें हैं।
नॉन मुस्लिम लड़कियों के लिए लण्ड पकड़ने में कुछ ज्यादा समय लगता है। फिर भी जीजा का लण्ड, जीजा के दोस्तों के लण्ड, मामा, मौसी के लड़कों के लण्ड, कॉलेज के लड़कों के लण्ड और शादी ब्याह में इधर उधर के लण्ड पकड़ने का मौक़ा मिल ही जाता है। मामा, मौसा, फूफा अगर हम उम्र होतें है तो उनके लण्ड भी पकड़ने का मौक़ा मिल जाता है। हकीकत यह है की आजकल लड़कियां शादी के पहले ही कई लौंड़ों का मज़ा ले चुकी होतीं हैं। लेकिन मुस्लिम घरानो में ऐसा कोई मरद नहीं होता जिसका लण्ड पकड़ा न जा सके। हर लड़की हर मरद का लण्ड पकड़ने का जरिया निकाल ही लेती है।
दोस्तों, मेरा नाम है न मिसेज नेहा शुक्ला मैं २९ साल की एक शादी शुदा औरत हूँ। खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और गोरी चिट्टी हूँ। पढ़ी लिखी हूँ पर कोई सर्विस नहीं करती। मेरी शादी के दो साल हो चुके हैं। मेरे पति का का साइज क्या है है मिस्टर निखिल गुप्ता वह ५' १०" के हैं, हैंडसम हैं, कसरती बदन वाले हैं और बहुत हंसमुख हैं। वह मेरा बहुत ख्याल रखते हैं और मैं उनका ख्याल रखती हूँ। हम दोनों यहाँ मुंबई में अकेल ही रहते हैं। बाकी हमारा परिवार यू पी में रहता है माईके वाले भी और ससुराल वाले भी। मैं अपने कॉलेज के दिनों में बड़ी शरारती थी खूब मस्ती करती थी, हंसी मजाक करती थी और गालियां भी देती थी। मैं लड़कों की टांग बहुत खींचती थी और उन्हें चिढ़ाती भी खूब थी। चूतिया बना बना कर उनसे पैसा खर्च करवाती थी और मज़ा करती थी। मैं पढ़ने में बहुत अच्छी थी इसलिए मेरे सारे खून माफ़ थे। एक मोबाइल पर एक मैसेज आ गया।
उसमे लिखा था -"भोसड़ी की नेहा तूने मुझे बताया नहीं की तेरी शादी हो गयी है ? मैं तुमसे दो सवाल पूंछती हूँ पहला की तूने शादी के बाद कितने लोगों से चुदवाया है और दूसरा जिन लोगो से चुदवाया है उनके लण्ड के साइज क्या है ? मैं तेरे पास शाम को आऊंगी। अभी मैं मीटिंग में जा रही हूँ मेरा फोन बंद रहेगा।
तेरे साथ लण्ड चाटने वाली
तेरी बुर चोदी - मिसेज रतना तिवारी"
मैं यह मैसेज पढ़ कर बड़ी उत्तेजित हो गयी। किसी ने मेरे कॉलेज के दिनों की याद दिला दी। किसी ने मुझे वो पल याद दिला दिए जब मैं रतना के साथ लण्ड चाटा करती थी। मैं शाम होने का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार करने लगी। ख़ैर शाम को ठीक ६ बजे वह आ गयी। मैं तो उसे देख कर एकदम से चकरा गयी। वह और खूबसूरत हो गयी थी। उसकी चूँचियाँ बहुत ज्यादा ही बढ़ गयीं थीं। उसके चूतड़ भी बड़े बड़े हो गए थे। गाल भर गये थे और पूरा शरीर गडरा गया था पर हां उसे मोटी नहीं कहा जा सकता। उसकी सेक्स अपील का निखार जबरदस्त हुआ था। वह भी मुझे देख कर बोली है नेहा तू तो बहन चोद बड़ी खूबसूरत हो गयी है। क्या बात है ? क्या तुझे पहले से ज्यादा लण्ड मिलने लगे है अपनी चूत में घुसाने के लिये।
मैंने कहा यार यही तो रोना है की अब कोई और लौड़ा नहीं मिलता ? जब से शादी हुई है तबसे एक ही लण्ड के सहारे जी रही हूँ। वह भी मुझे हर दिन नहीं मिलता। मैं तो सच में पराये मरद के लण्ड के लिए तड़प रही हूँ। मैं अपने पति से बेवफ़ाई भी नहीं कर सकती। उसके साथ धोखा भी नहीं कर सकती और न ही मैं बिना पराये पुरुष से चुदवाये रह सकती हूँ। बड़ी पशोपेश की ज़िन्दगी जी रही हूँ मैं। समझ में नहीं आता की क्या करूं ? कहाँ से लाऊँ ग़ैर मरदों के लण्ड और कैसे समझाऊँ अपने मरद को ? वह बोली यार तू चिंता न कर तेरे मरद को तो मेरी चूत ही समझा देगी ? उसकी बात ने मुझे एक नया रास्ता दिखा दिया। मैं मारे ख़ुशी के उछल पडी और उसे गले लगा लिया।
फिर मैं अंदर गयी और दो पैग शराब बना कर ले आई। हम दोनों शराब का मज़ा लेने लगीं और अपने कॉलेज के दिनों को याद कर कर के एन्जॉय करने लगीं। इतने में मेरा हसबैंड आ गया। मैंने उसे अपने पति से मिलवाया और कहा ये हैं मेरे पति निखिल शुक्ला। वह भी खुश हुई और तब मैंने कहा ये है मेरे कॉलेज की दोस्त मिसेज रतना तिवारी। दोनों एक दूसरे को देख कर खुश हुए। यही मेरे लिए ख़ुशी की बात थी। फिर मेरा पति भी हमारे साथ बैठ कर ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगा। ड्रिंक्स ख़तम होने के बाद वह जाने लगी तो हमने उसे रोका और कहा यार डिनर लेकर जाओ न प्लीज। वह मुस्करा के बोली नहीं नेहा मुझे थोड़ा काम है इसलिए जाना ही होगा। तेरे डिनर के लिए मैं कल आऊंगी। पूरी तैयारी रखना।
रात में मैं जब निखिल का लण्ड हिला रही थी तो वह बोला नेहा तेरी दोस्त तो बहुत बढ़िया चीज है यार ? मैंने कहा अच्छा यह बात है ? अगर तुम्हारी लार टपक रही हो तो मैं उससे बात करूं ? वह बोला हां हां करो न ? बात करने में कोई हर्ज़ नहीं है ? मैं उसके मन की बात समझ गयी। सच दोस्तों, उस दिन मुझे अपने पति से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आया। जानते हो क्यों ? क्योंकि मेरे मन में चल रहा था की अब मैं अपने मकसद में कामयाब हो रही हूँ। मेरा पति किसी की बीवी चोदने के लिए तैयार हो गया है। और वह खुश इसलिए था की उसे एक नयी बीवी चोदने को मिलेगी वह भी अपनी बीवी के सामने ? इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है ? बस दूसरे दिन शाम को रतना मेरे घर पहुँच गई। उसने जींस और टॉप पहन रखा था. टॉप के नीचे ब्रा नही थी और जींस के नीचे पैंटी नहीं थी। मैंने बस एक पेटीकोट पहना था और ऊपर से एक चुन्नी लपेट ले थी। मेरी चूँचियाँ बहन चोद बिलकुल नंगी थीं। मैंने ड्रिंक्स लगा रखा था।
जब मेरे पति को मालूम हुआ की रतना भी शराब पीती है तो वह बड़ा खुश हुआ क्योंकि शराब के नशे में चुदाई करने में ज्यादा मज़ा आता है। मेरा पति एकटक रतना की चूँचियाँ देख रहा था। मरदों की सबसे बड़ी कमजोरी होती है औरतों की बड़ी बड़ी चूँचियाँ। रतना के बूब्स वाकई मेरे बूब्स से बड़े थे। थोड़ा नशा चढ़ा तो आग का रास्ता साफ़ हुआ। मैंने अपने पति का हाथ पकड़ कर रत्ना की चूँचियाँ पर रख दिया और कहा मरद हो तो पकड़ो न परायी बीवी की चूँचियाँ ? चिंता न करो, रतना बुरा बिलकुल नहीं मानेगी। मैं तब तक उठी और बोली यार रतना तुम लोग बातें करो मैं थोड़ा स्नैक्स बनाकर लाती हूँ। मैं किचेन में चली गयी। मैं वहां से छुप कर देखने लगी की क्या हो रहा है। मैंने देखा की मेरा पति बड़े मजे से रतना की चूँचियाँ दबा रहा है और रतना उसका लण्ड ऊपर से ही टटोल रही है। मैं वास्तव में बहुत खुश हो गयी। मुझे यकीन हो गया की अब मेरा पति बिना उसे चोदे मानेगा नहीं।
मैं फिर कमरे में पहुँच गयी और पीछे से रतना का टॉप उतार कर फेंक दिया। मैंने कहा यार मज़ा लेना है तो ठीक से लो न ? उधर मैंने अपने पति की कमीज और बनियाइन उतार दी। रतना ने उसकी पैंट खोल दी। उसका टन टनाता हुआ लण्ड रतना के सामने आ गया। उसने लण्ड पकड़ा और प्यार से कई बार ऊपर नीचे किया फिर बोली वाओ, नेहा तेरे पति का लण्ड तो बड़ा जबरदस्त है, यार बड़ा सॉलिड है लौड़ा बहन चोद ? ये तो तेरी दोस्त की चूत का भरता बना देगा। फिर मैंने रतना की जींस भी खोल दी। उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत देख कर निखिल तो पागल हो गया। वैसे भी परायी बीवी की चूत सारे मरदों को पसंद आती है। फिर क्या मैं भी नंगी हो गयी और सबको अपने बेड रूम में लेकर चली गयी। रतना और मेरा पति दोनों 69 बन गए। रतना मेरे पति का लण्ड चाटने लगी और मेरा पति रतना की बुर चाटने लगा। मैं एक हाथ से पेल्हड़ सहलाने लगी और दूसरे हाथ से रतना की चूँचियाँ। मुझे भी उतना ही मज़ा आ रहा था जितना की उन दोनों को। मेरी तो तमन्ना पूरी हो रही थी।
रतना बोली :- यार नेहा मैं तो तेरे पति के लण्ड की गुलाम हो गयी।
मेरा पति भी बोला :- हां नेहा, मैं भी तेरी दोस्त की चूत का गुलाम हो गया हूँ।
मैं मुस्करायी और मन ही मन बोली भोसड़ी के निखिल आगे आगे देखते जाओ क्या होता है ? अभी मैं कितने मरदों के लण्ड की गुलाम होती हूँ ? मैं पराये मरदों के इतने लण्ड पेलूँगी अपनी चूत में की तुम मादर चोद लण्ड गिनना भूल जाओगे ? अब न तो निखिल अपने को रोक सका और न रतना। फिर मैंने निखिल का लण्ड पकड़ कर रतना की चूत में घुसेड़ दिया। निखिल मजे से चोदने लगा। रतना भी मुझे आंख मारती हुई भकाभक चुदवाने लगी। भला कोई बीवी अपने पति का लण्ड पेल कर किसी दूसरे की बीवी की बुर चुदवाती है ? नहीं ? पर मैं चुदवा रही थी।
यह मेरा पहला मौका था जब की मैं अपने सामने अपने पति को किसी और की बीवी चोदते हुए देख रही थी और एन्जॉय कर रही थी। उसके बाद मैंने रतना को रात में अपने ही घर में रोक लिया और रात में अपने पति का लण्ड तीन बार ठोंका उसकी चूत में।
अगले दिन मेरा पति बोला नेहा तुम कहती थी न की परायी बीवी चोद कर दिखाओ तो मैंने तुम्हे परायी बीवी चोद कर दिखा दिया न ? मैंने कहा हां बिलकुल तुमने दिखा दिया। मैं देख कर बहुत खुश हूँ। अब मैं तुम्हे तुम्हारे सामने पराये मरद से चुदवाकर दिखाऊंगी।
अगले शनिवार को मैंने रतना की डिनर पर बुलाया। मैंने उन दोनों का स्वागत किया, उन्हें प्यार और सम्मान से बैठाया और अपने पति निखिल से मिलवाया। रतना जींस में थी और टॉप उसका बिना ब्रा का था। उसकी बड़ी बड़ी चूचियां बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहीं थीं। मैं भी इधर सिर्फ एक गाउन पहने थी। नीचे से बिलकुल नंगी। गाउन में कोई बटन नहीं था सिर्फ एक फीता था। मैंने फीता बाँध कर अपनी चूत और अपनी चूँचियाँ छुपाये हुए थी। मैंने डिंक्स का सेट लगा दिया और हम सब ड्रिंक्स लेने लगे। मेरा पति जानता है की मैं शराब पीती हूँ और रतना का भी पति जानता है की मेरी बीवी शराब पीती है आजकल यह सब बड़ा कॉमन हो गया है। रतना के पति बलराज की निगाहें मेरी चूँचियाँ पर टिकीं थी ।
मैं तो इधर उधर घूम घूम कर मुड़ मुड़ कर अपनी चूँचियाँ उसे दिखा रही थी। मुझे तो अंदर से बड़ी जल्दी थी. बस मैंने बड़ी बेशर्मी से हाथ नधाकर बलराज का लण्ड पकड़ लिया। अपनी चुन्नी उतर दी और चूँचियाँ उसके मुंह में घुसेड़ दीं। मुझे कोई डर तो था नहीं। मैंने उसकी पैंट खोली और उसका लण्ड निकाल कर मुंह में भर लिया। मैं सबके सामने ही लण्ड चाटने लगी। तब
तक रतना को भी जोश आ गया। वह भी मेरे मियां का लण्ड चाटने लगी। इस तरह मैंने अपने पति के सामने रतना के पति से चुदवाया और रतना ने एक बार फिर मेरे सामने मेरे पति से चुदवाया।
परायी बीवी की चूत और पराये मरद के लण्ड का रास्ता खुल गया।
एक दिन अचानक मेरी मौसी का फोन आ गया।
वह बोली नेहा मैं अपने पति के साथ मुंबई आ रही हूँ। मैंने कहा ठीक है आ जाओ। तुम मुझे फ्लाइट नंबर बता दो मैं आपको रिसीव कर लूंगी। उसने फ्लाइट नंबर बताया तो मैंने नोट कर लिया। उस समय मेरा पति मेरे बगल में बैठा था।
नॉन मुस्लिम लड़कियों के लिए लण्ड पकड़ने में कुछ ज्यादा समय लगता है। फिर भी जीजा का लण्ड, जीजा के दोस्तों के लण्ड, मामा, मौसी के लड़कों के लण्ड, कॉलेज के लड़कों के लण्ड और शादी ब्याह में इधर उधर के लण्ड पकड़ने का मौक़ा मिल ही जाता है। मामा, मौसा, फूफा अगर हम उम्र होतें है तो उनके लण्ड भी पकड़ने का मौक़ा मिल जाता है। हकीकत यह है की आजकल लड़कियां शादी के पहले ही कई लौंड़ों का मज़ा ले चुकी होतीं हैं। लेकिन मुस्लिम घरानो में ऐसा कोई मरद नहीं होता जिसका लण्ड पकड़ा न जा सके। हर लड़की हर मरद का लण्ड पकड़ने का जरिया निकाल ही लेती है।
दोस्तों, मेरा नाम है न मिसेज नेहा शुक्ला मैं २९ साल की एक शादी शुदा औरत हूँ। खूबसूरत हूँ, हॉट हूँ और गोरी चिट्टी हूँ। पढ़ी लिखी हूँ पर कोई सर्विस नहीं करती। मेरी शादी के दो साल हो चुके हैं। मेरे पति का का साइज क्या है है मिस्टर निखिल गुप्ता वह ५' १०" के हैं, हैंडसम हैं, कसरती बदन वाले हैं और बहुत हंसमुख हैं। वह मेरा बहुत ख्याल रखते हैं और मैं उनका ख्याल रखती हूँ। हम दोनों यहाँ मुंबई में अकेल ही रहते हैं। बाकी हमारा परिवार यू पी में रहता है माईके वाले भी और ससुराल वाले भी। मैं अपने कॉलेज के दिनों में बड़ी शरारती थी खूब मस्ती करती थी, हंसी मजाक करती थी और गालियां भी देती थी। मैं लड़कों की टांग बहुत खींचती थी और उन्हें चिढ़ाती भी खूब थी। चूतिया बना बना कर उनसे पैसा खर्च करवाती थी और मज़ा करती थी। मैं पढ़ने में बहुत अच्छी थी इसलिए मेरे सारे खून माफ़ थे। एक मोबाइल पर एक मैसेज आ गया।
उसमे लिखा था -"भोसड़ी की नेहा तूने मुझे बताया नहीं की तेरी शादी हो गयी है ? मैं तुमसे दो सवाल पूंछती हूँ पहला की तूने शादी के बाद कितने लोगों से चुदवाया है और दूसरा जिन लोगो से चुदवाया है उनके लण्ड के साइज क्या है ? मैं तेरे पास शाम को आऊंगी। अभी मैं मीटिंग में जा रही हूँ मेरा फोन बंद रहेगा।
तेरे साथ लण्ड चाटने वाली
तेरी बुर चोदी - मिसेज रतना तिवारी"
मैं यह मैसेज पढ़ कर बड़ी उत्तेजित हो गयी। किसी ने मेरे कॉलेज के दिनों की याद दिला दी। किसी ने मुझे वो पल याद दिला दिए जब मैं रतना के साथ लण्ड चाटा करती थी। मैं शाम होने का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार करने लगी। ख़ैर शाम को ठीक ६ बजे वह आ गयी। मैं तो उसे देख कर एकदम से चकरा गयी। वह और खूबसूरत हो गयी थी। उसकी चूँचियाँ बहुत ज्यादा ही बढ़ गयीं थीं। उसके चूतड़ भी बड़े बड़े हो गए थे। गाल भर गये थे और पूरा शरीर गडरा गया था पर हां उसे मोटी नहीं कहा जा सकता। उसकी सेक्स अपील का निखार जबरदस्त हुआ था। वह भी मुझे देख कर बोली है नेहा तू तो बहन चोद बड़ी खूबसूरत हो गयी है। क्या बात है ? क्या तुझे पहले से ज्यादा लण्ड मिलने लगे है अपनी चूत में घुसाने के लिये।
मैंने कहा यार यही तो रोना है की अब कोई और लौड़ा नहीं मिलता ? जब से शादी हुई है तबसे एक ही लण्ड के सहारे जी रही हूँ। वह भी मुझे हर दिन नहीं मिलता। मैं तो सच में पराये मरद के लण्ड के लिए तड़प रही हूँ। मैं अपने पति से बेवफ़ाई भी नहीं कर सकती। उसके साथ धोखा भी नहीं कर सकती और न ही मैं बिना पराये पुरुष से चुदवाये रह सकती हूँ। बड़ी पशोपेश की ज़िन्दगी जी रही हूँ मैं। समझ में नहीं आता की क्या करूं ? कहाँ से लाऊँ ग़ैर मरदों के लण्ड और कैसे समझाऊँ अपने मरद को ? वह बोली यार तू चिंता न कर तेरे मरद को तो मेरी चूत ही समझा देगी ? उसकी बात ने मुझे एक नया रास्ता दिखा दिया। मैं मारे ख़ुशी के उछल पडी और उसे गले लगा लिया।
फिर मैं अंदर गयी और दो पैग शराब बना कर ले आई। हम दोनों शराब का मज़ा लेने लगीं और अपने कॉलेज के दिनों को याद कर कर के एन्जॉय करने लगीं। इतने में मेरा हसबैंड आ गया। मैंने उसे अपने पति से मिलवाया और कहा ये हैं मेरे पति निखिल शुक्ला। वह भी खुश हुई और तब मैंने कहा ये है मेरे कॉलेज की दोस्त मिसेज रतना तिवारी। दोनों एक दूसरे को देख कर खुश हुए। यही मेरे लिए ख़ुशी की बात थी। फिर मेरा पति भी हमारे साथ बैठ कर ड्रिंक्स का मज़ा लेने लगा। ड्रिंक्स ख़तम होने के बाद वह जाने लगी तो हमने उसे रोका और कहा यार डिनर लेकर जाओ न प्लीज। वह मुस्करा के बोली नहीं नेहा मुझे थोड़ा काम है इसलिए जाना ही होगा। तेरे डिनर के लिए मैं कल आऊंगी। पूरी तैयारी रखना।
रात में मैं जब निखिल का लण्ड हिला रही थी तो वह बोला नेहा तेरी दोस्त तो बहुत बढ़िया चीज है यार ? मैंने कहा अच्छा यह बात है ? अगर तुम्हारी लार टपक रही हो तो मैं उससे बात करूं ? वह बोला हां हां करो न ? बात करने में कोई हर्ज़ नहीं है ? मैं उसके मन की बात समझ गयी। सच दोस्तों, उस दिन मुझे अपने पति से चुदवाने में ज्यादा मज़ा आया। जानते हो क्यों ? क्योंकि मेरे मन में चल रहा था की अब मैं अपने मकसद में कामयाब हो रही हूँ। मेरा पति किसी की बीवी चोदने के लिए तैयार हो गया है। और वह खुश इसलिए था की उसे एक नयी बीवी चोदने को मिलेगी वह भी अपनी बीवी के सामने ? इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है ? बस दूसरे दिन शाम को रतना मेरे घर पहुँच गई। उसने जींस और टॉप पहन रखा था. टॉप के नीचे ब्रा नही थी और जींस के नीचे पैंटी नहीं थी। मैंने बस एक पेटीकोट पहना था और ऊपर से एक चुन्नी लपेट ले थी। मेरी चूँचियाँ बहन चोद बिलकुल नंगी थीं। मैंने ड्रिंक्स लगा रखा था।
जब मेरे पति को मालूम हुआ की रतना भी शराब पीती है तो वह बड़ा खुश हुआ क्योंकि शराब के नशे में चुदाई करने में ज्यादा मज़ा आता है। मेरा पति एकटक रतना की चूँचियाँ देख रहा था। मरदों की सबसे बड़ी कमजोरी होती है औरतों की बड़ी बड़ी चूँचियाँ। रतना के बूब्स वाकई मेरे बूब्स से बड़े थे। थोड़ा नशा चढ़ा तो आग का रास्ता साफ़ हुआ। मैंने अपने पति का हाथ पकड़ कर रत्ना की चूँचियाँ पर रख दिया और कहा मरद हो तो पकड़ो न परायी बीवी की चूँचियाँ ? चिंता न करो, रतना बुरा बिलकुल नहीं मानेगी। मैं तब तक उठी और बोली यार रतना तुम लोग बातें करो मैं थोड़ा स्नैक्स बनाकर लाती हूँ। मैं किचेन में चली गयी। मैं वहां से छुप कर देखने लगी की क्या हो रहा है। मैंने देखा की मेरा पति बड़े मजे से रतना की चूँचियाँ दबा रहा है और रतना उसका लण्ड ऊपर से ही टटोल रही है। मैं वास्तव में बहुत खुश हो गयी। मुझे यकीन हो गया की अब मेरा पति बिना उसे चोदे मानेगा नहीं।
मैं फिर कमरे में पहुँच गयी और पीछे से रतना का टॉप उतार कर फेंक दिया। मैंने कहा यार मज़ा लेना है तो ठीक से लो न ? उधर मैंने अपने पति की कमीज और बनियाइन उतार दी। रतना ने उसकी पैंट खोल दी। उसका टन टनाता हुआ लण्ड रतना के सामने आ गया। उसने लण्ड पकड़ा और प्यार से कई बार ऊपर नीचे किया फिर बोली वाओ, नेहा तेरे पति का लण्ड तो बड़ा जबरदस्त है, यार बड़ा सॉलिड है लौड़ा बहन चोद ? ये तो तेरी दोस्त की चूत का भरता बना देगा। फिर मैंने रतना की जींस भी खोल दी। उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत देख कर निखिल तो पागल हो गया। वैसे भी परायी बीवी की चूत सारे मरदों को पसंद आती है। फिर क्या मैं भी नंगी हो गयी और सबको अपने बेड रूम में लेकर चली गयी। रतना और मेरा पति दोनों 69 बन गए। रतना मेरे पति का लण्ड चाटने लगी और मेरा पति रतना की बुर चाटने लगा। मैं एक हाथ से पेल्हड़ सहलाने लगी और दूसरे हाथ से रतना की चूँचियाँ। मुझे भी उतना ही मज़ा आ रहा था जितना की उन दोनों को। मेरी तो तमन्ना पूरी हो रही थी।
रतना बोली :- यार नेहा मैं तो तेरे पति के लण्ड की गुलाम हो गयी।
मेरा पति भी बोला :- हां नेहा, मैं भी तेरी दोस्त की चूत का गुलाम हो गया हूँ।
मैं मुस्करायी और मन ही मन बोली भोसड़ी के निखिल आगे आगे देखते जाओ क्या होता है ? अभी मैं कितने मरदों के लण्ड की गुलाम होती हूँ ? मैं पराये मरदों के इतने लण्ड पेलूँगी अपनी चूत में की तुम मादर चोद लण्ड गिनना भूल जाओगे ? अब न तो निखिल अपने को रोक सका और न रतना। फिर मैंने निखिल का लण्ड पकड़ कर रतना की चूत में घुसेड़ दिया। निखिल मजे से चोदने लगा। रतना भी मुझे आंख मारती हुई भकाभक चुदवाने लगी। भला कोई बीवी अपने पति का लण्ड पेल कर किसी दूसरे की बीवी की बुर चुदवाती है ? नहीं ? पर मैं चुदवा रही थी।
यह मेरा पहला मौका था जब की मैं अपने सामने अपने पति को किसी और की बीवी चोदते हुए देख रही थी और एन्जॉय कर रही थी। उसके बाद मैंने रतना को रात में अपने ही घर में रोक लिया और रात में अपने पति का लण्ड तीन बार ठोंका उसकी चूत में।
अगले दिन मेरा पति बोला नेहा तुम कहती थी न की परायी बीवी चोद कर दिखाओ तो मैंने तुम्हे परायी बीवी चोद कर दिखा दिया न ? मैंने कहा हां बिलकुल तुमने दिखा दिया। मैं देख कर बहुत खुश हूँ। अब मैं तुम्हे तुम्हारे सामने पराये मरद से चुदवाकर दिखाऊंगी।
अगले शनिवार को मैंने रतना की डिनर पर बुलाया। मैंने उन दोनों का स्वागत किया, उन्हें प्यार और सम्मान से बैठाया और अपने पति निखिल से मिलवाया। रतना जींस में थी और टॉप उसका बिना ब्रा का था। उसकी बड़ी बड़ी चूचियां बाहर निकलने के लिए बेताब हो रहीं थीं। मैं भी इधर सिर्फ एक गाउन पहने थी। नीचे से बिलकुल नंगी। गाउन में कोई बटन नहीं था सिर्फ एक फीता था। मैंने फीता बाँध कर अपनी चूत और अपनी चूँचियाँ छुपाये हुए थी। मैंने डिंक्स का सेट लगा दिया और हम सब ड्रिंक्स लेने लगे। मेरा पति जानता है की मैं शराब पीती हूँ और रतना का भी पति जानता है की मेरी बीवी शराब पीती है आजकल यह सब बड़ा कॉमन हो गया है। रतना के पति बलराज की निगाहें मेरी चूँचियाँ पर टिकीं थी ।
मैं तो इधर उधर घूम घूम कर मुड़ मुड़ कर अपनी चूँचियाँ उसे दिखा रही थी। मुझे तो अंदर से बड़ी जल्दी थी. बस मैंने बड़ी बेशर्मी से हाथ नधाकर बलराज का लण्ड पकड़ लिया। अपनी चुन्नी उतर दी और चूँचियाँ उसके मुंह में घुसेड़ दीं। मुझे कोई डर तो था नहीं। मैंने उसकी पैंट खोली और उसका लण्ड निकाल कर मुंह में भर लिया। मैं सबके सामने ही लण्ड चाटने लगी। तब
तक रतना को भी जोश आ गया। वह भी मेरे मियां का लण्ड चाटने लगी। इस तरह मैंने अपने पति के सामने रतना के पति से चुदवाया और रतना ने एक बार फिर मेरे सामने मेरे पति से चुदवाया।
परायी बीवी की चूत और पराये मरद के लण्ड का रास्ता खुल गया।
एक दिन अचानक मेरी मौसी का फोन आ गया।
वह बोली नेहा मैं अपने पति के साथ मुंबई आ रही हूँ। मैंने कहा ठीक है आ जाओ। तुम मुझे फ्लाइट नंबर बता दो मैं आपको रिसीव कर लूंगी। उसने फ्लाइट नंबर बताया तो मैंने नोट कर लिया। उस समय मेरा पति मेरे बगल में बैठा था।
- उसने पूंछा नेहा तेरी मौसी की उम्र क्या है ?
- मैंने कहा वह मुझसे सिर्फ दो साल ही बड़ी हैं।
- वाओ, तो इसका मतलब की वह अभी जवान हैं।
- हां बिलकुल जवान है अभी उसकी उम्र ही क्या है ?
- तब तो मैं तेरी मौसी की बुर लूंगा, नेहा ?
- हाय दईया तुम्हे तो परायी बीवी की बुर लेने की आदत पड़ गयी है। अगर तुम मौसी की बुर लोगे तो मेरा मौसा भी तेरी बीवी की बुर लेगा।
- मेरी बीवी की बुर कोई भी ले ले, उसकी मुझे परवाह नहीं पर मैं तेरी मौसी की बुर जरूर लूंगा।
- ठीक है ले लो। मैं भी मौसा का लण्ड ले लूंगी। इतने में मौसी का फोन दुबारा आ गया वह बोली अरे नेहा मेरा साथ तेरी बुआ भी आ रही है अपने पति के साथ। उसका भी ख्याल तुम्हे रखना है।
- मैंने कहा लो मेरी बुआ भी आ रही है फूफा के साथ।
- अच्छा तेरी बुआ तुमसे कितनी बड़ी हैं, नेहा ?
- सिर्फ एक साल बड़ी हैं मेरी बुआ मुझसे ? अब तो बहुत बड़ा इंतज़ाम करना पड़ेगा।
- तुम चिंता न करो सब हो जायेगा। पर एक बात है मैं तेरी बुआ की भी बुर लूंगा।
- अरे बाबा तुम सबकी बुर ले लेना पर पहले सब इंतज़ाम तो करो ?
शाम को हम लोगों की महफ़िल लग गयी। दारू चालू हो गयी। बातें होने लगीं और मसालेदार बातें होने लगीं। धीरे धीरे अश्लील बातें भी होने लगीं। मैंने एक सवाल किया - अच्छा तुम लोग बताओ की दुनियां में सबसे हलकी चीज क्या होती है ? जबाब में कोई कुछ कहना लगा कोई कुछ और ? मैंने कहा सब गलत है। दुनियां में सबसे हलकी चीज है 'लण्ड' ? जो बहन चोद एक सोंच से ही खड़ा हो जाता है। सबने ठहाका लगाया। मौसी ने भी एक चुटकुला सुना दिया। वह बोली - एक बार दो लण्ड बातें कर रहे थे। पहला लण्ड बोला - चलो यार मैं तुम्हे फिल्म दिखाता हूँ। दूसरा लण्ड - यार मुझे ब्लू फिल्म मत दिखाना। पहला लण्ड - क्यों ? दूसरा लण्ड - यार मुझे खड़े खड़े देखना पड़ेगा। सब लोगों ने फिर ठहाका लगाया।
बुआ कहाँ पीछे रहने वाली थी। उसने भी सुनाते हुए कहा - एक बात तीन लड़के बातें कर रहे थे। पहला बोला मैं एक बार में तीन बाल्टी पानी भर कर चल सकता हूँ। दो हाथ में एक अपने दांत से उठा लूंगा। दूसरा - मैं चार बाल्टी पानी लेकर चल सकता हूँ। दो बाल्टी हाथ में, एक बाल्टी अपने दांत से और एक बाल्टी अपने लण्ड पर रख लूंगा। तीसरा बोला मैं ७ बाल्टी पानी लेकर चल सकता हूँ। लोगों ने कहा ऐसे कैसे हो। तब उसने समझाया - दो बाल्टी अपने दोनों हाथ में, एक बाल्टी अपने दांत से और फिर अपना लण्ड इसकी गांड में घुसा कर इसे उठा लूंगा। इसके पास चार बाल्टी हैं ही। सबने खूब ठहाका लगाया। थोड़ी देर में तीनो मरद डिनर आदि का इंतज़ाम करने के लिए बाहर चले गए। फिर हम तीनो बीवियां आपस में बातें करने लगी।
माहौल गरम था ही। हम तीनो बीवियों की चूत भी गरम हो चुकी थी।
तभी मौसी ने कहा :- नेहा, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? जानती हो नेहा तेरी माँ की बहन का भोसड़ा साला बड़ा हरामी हो गया है। खुले आम सबका लौड़ा अपने अंदर घुसेड़ लेता है।
बुआ ने कहा :- नेहा, तेरी माँ की नन्द की चूत ? बुआ ने भी अपनी ही चूत को गाली दी और कहा नेहा तेरी बुर चो दी बुआ की बुर बड़ी ऐय्यास है। पराये मरद का लण्ड ऐसे पकड़ती है जैसे बिल्ली चूहा पकड़ती है।
मैंने कहा :- आभा मौसी, तेरी बहन की बिटिया की बुर ? मैंने भी अपनी बुर की बात की और कहा मौसी उसकी बुर ससुरी बड़ी आवारा है। उसे तो अपनी चूत में लण्ड पेलना है लण्ड किसका है इससे उसका कोई सरोकार नहीं।
हम तीनो चूत को गली दी लेकिन इतनी खूबसूरती से की मज़ा आ गया। इस तरह की बातें सब खुल कर कह रही थीं। एक बाद तो पक्की है की हम तीनो चुदवाने में बड़ी माहिर हैं।
मैंने कहा :- तब तो मौसी आज मैं तेरे पति का लण्ड अपनी चूत मे घुसेड़ूँगी।
मौसी बोली - घुसेड़ लो, मैं तेरे मरद का लण्ड अपनी बुर में घुसेड़ लूंगी और फूफा का भी लण्ड ?
इस पर बुआ बोली :- अच्छा तो क्या मैं यहाँ अपनी झांटें गिनूँगी। मैं नेहा के मरद से और आभा के मरद से चुदवाऊंगी।
मैं उठी और बोली - यार देखो मजाक छोड़ो। मैं तो सच में पराये मरद का लण्ड अपनी चूत में लूंगी।
मौसी ने कहा :- तो फर आज हो जाए मरदों की अदला बदली। अपने अपने हसबैंड को तैयार कर लो।
इतने में वो तीनो मरद आ गये। डिनर और ड्रिंक्स का पूरा इंतज़ाम कर के आये थे वो लोग। हम तीनो ने अपने अपने हसबैंड को आज की रात का प्लान बता दिया। वो लोग वाकई बड़े खुश हो गये। मेरे पति निखिल ने कहा अरे वाह तुम लोगों ने मेरे मन की बात कह दी। मैं तो खुद तेरी मौसी की बुर लेना चाहता हूँ और तेरी बुआ की भी बुर। उसके बाद सबने एक एक पैग शराब और पी।
फिर क्या मैंने बात करते करते मौसा के लण्ड पर हाथ रख दिया। मौसी ने फूफा के लण्ड पर हाथ रख दिया और बुआ ने मेरे पति के लण्ड पर। मौसा मेरी चूँचियाँ मसलने लगा, फूफा मौसी की चूँचियाँ दबाने लगा और मेरा पति निखिल बुआ की चूँचियाँ सहलाने लगा। धीरे धीरे चूँचियाँ भी खुलने लगी, चूत भी खुलने लगी और गांड भी। तब तक एक एक करके तीनो लण्ड पैंट के बाहर आ गये। मैं फिर सबको लेकर अंदर के बड़े कमरे में पहुँच गयी। वहां पहुँच कर तीनो मियां बिलकुल नंगे हो गये और तीनो बीवियां भी। मैं मौसा और लण्ड देख कर मस्त हो गयी। दोनों लण्ड बहन चोद मोटे तगड़े थे। मैं मौसा का लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत। मौसी फूफा का लण्ड चाटने लगी और फूफा उसकी चूत। बुआ मेरे पति का लण्ड चाटने लगी और वह उसकी चूत। तीनो जोड़े एक दूसरे की बीवी की चूत चाटने लगे और तीनो बीवियां एक दूसरे के मियां के लण्ड चाटने लगीं। ऐसा लग रहा ब्लू फिल्म चल रही है।
थोड़ी देर में मैंने मौसा का लण्ड अपनी चूत में पेल लिया और चुदवाने लगी। मौसी फूफा से चुदवाने लगी और बुआ मेरे पति से ?
मौसा बोला :- निखिल, मुझे तेरी बीवी चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है। वास्तव में आज मैं तेरी बीवी चोदने ही आया हूँ। आभा ने तेरी बीवी की बहुत तारीफ की थी तो मैंने कहा तो मुझे नेहा की बुर दिलवाओ न प्लीज। इसलिए वह मुझे लेकर आ गयी और अपना वादा पूरा किया।
फूफा बोला :- हाय निखिल मेरी भी यही कहानी हैं। मेरी बीवी ने नेहा की खूब तारीफ की तो मेरे लण्ड में हरकत होने लगी। मैंने कहा एक दिन मैं तेरी नेहा की बुर जरूर लूंगा। वह बोली एक दिन क्यों आज ही चलो न ? नेहा बड़ी मस्त लड़की है। वह तुम्हे खुशी ख़ुशी अपनी बुर दे देगी। बस हम लोग यहां आ गये। मुझे क्या मालूम था की मुझे नेहा के साथ साथ आभा की भी बुर मिलेगी चोदने को।
मेरा पति बोला :- यार जब मैंने आभा मौसी को देखा और निधि बुआ को देखा तो मेरा लण्ड ख़ुशी के मारे उछल पड़ा . मैंने मन बना लिया की आज रात में मैं दोनों की चूत में लण्ड पेलूँगा। और देखो मेरी इच्छा कितनी मजे से पूरी हो रही है।
तो दोस्तों, इस तरह हमने रात भर पराये मरदों से चुदवाया। मैंने इन सबको ३ दिन के लिए रोक लिया और दिन रात खूब मस्ती से एक दूसरे की मियां से जम कर चुदवाया। इन लोगों ने भी एक दूसरे की बीवी चोद चोद कर खूब मज़ा लिया।
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