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ननदोई के लंड को चूसा और चूत चुदाई - Nanadoi ke land ko chusa aur choot chudai
ननदोई के लंड को चूसा और चूत चुदाई - Nanadoi ke land ko chusa aur choot chudai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा अब्बू जितना भोला भाला और सीधा सादा आदमी हैं उतना की उसका बहन चोद लण्ड हरामी है। उसका लण्ड किसी के काबू में नहीं आता। स्वयं अब्बू भी उसे अपने काबू में नहीं रख पाता। वह तो जहाँ किसी जवान लड़की को देखता है, किसी की जवान बीवी, किसी की जवान बेटी को देखता है,बेटियों की जवान जवान माँ देखता है वैसे ही उसका लण्ड साला खड़ा होकर पैजामे के बाहर निकला आता है। फिर वह भी बेशर्म हो जाता है और अपना लण्ड खोल कर सबको दिखा देता है। उसका लण्ड मादर चोद इतना बड़ा और मोटा है की उसे देखते ही लड़कियां पागल हो जातीं हैं। वो खुद ही हाथ बढ़ा कर पकड़ लेती हैं मेरे अब्बू का लण्ड ? अब ऐसे में तुम ही बताओ दोस्तों, की कौन भोसड़ी का ऐसा मरद होगा जो उस लड़की की बुर में अपना लण्ड नहीं पेलेगा ? इसी चक्कर में तो मैंने भी एक बार अब्बू का लण्ड पकड़ लिया था। मैंने लण्ड देखा पर लण्ड वाले का चेहरा नहीं देखा। और जब देखा तब तक बड़ी देर हो चुकी थी क्योंकि लण्ड मेरे मुंह में घुस चुका था और मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो चुकी थी। इतने में मेरी खाला आ गयीं। वह मुझे देख कर बोली अरी साइमा तुझे मालूम है की तू किसका लण्ड पी रही है ? ये तेरा अब्बू है साइमा ? मैं तो खुद इसका लण्ड पीने आ रही थी। मेरे से पहले तू ही इसका लौड़ा पीने लगी। मैंने कहा है दईया ये या हो गया खाला जान ? मैं तो मेरे खालू का लण्ड है। इसलिए मैं इसे पकड़ कर पीने लगी। खाला बोली इसका मतलब तू मेरे मियां का लण्ड पीती है और अब तू मेरे जीजू लण्ड का लण्ड पी रही है। मैंने कहा अरे खाला जान यह सब धोखे से हो गया। मुझे अफ़्सोस है। वह बोली अफ़सोस की कोई बात नहीं। जवान लड़की का यह हक़ है की वह किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है। फिर अपने अब्बू का लण्ड क्यों न हो। यह सब हमारे समाज में चलता है। जब चूत में आग लगी हो तो फिर किसी का लण्ड पेलो सब जायज़ है बेटी। अब तूने लण्ड मुंह में लिया है तो चूत में भी ले लो। और हां जानती हो साइमा मेरी बेटी भी बुर चोदी पिछले दो महीने से तेरे अब्बू से चुदवा रही है।
बस मेरी हिम्मत बढ़ गयी। मेरी शर्म गायब हो गयी और तब तक खाला ने ही लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। फिर तो वह सब हुआ जो हिना चाहिए था। उसके बाद यह बात सबको मालूम हो गयी लकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया बल्कि कहा की ऐसा तो होता ही है। साइमा ने जो किया अच्छा किया। मेरी अम्मी मुस्कराकर बोली बेटी रात में हम सब रंडी हो जाती हैं और रंडी तो सबका लण्ड अपनी चूत में पेल लेती है। तूने कोई गुनाह नहीं किया है। अब तू भी मस्ती से इसी तरह चुदवाया कर। तेरी माँ का भोसड़ा साइमा आज मुझे मालूम हो गया है की मेरी बेटी को जवानी का मज़ा लेना आ गया है। मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई। फिर मैंने खालू से, अब्बू से फूफा से और भी कई लोगों से खूब चुदवाने लगी। मैं चुदवाने में एक्सपर्ट होने लगी और मेरे अंदर की शर्म एकदम ख़तम हो चुकी थी।
मेरी गिनती बिंदास चुदवाने वाली लड़कियों में होने लगी। इन लड़कियों में मेरी खाला की बेटी और मेरी फूफी की बेटियां भी शामिल थीं। पर हम तीनो में सबसे ज्यादा बेफिक्र चुदवाने वाली लड़की मैं ही मानी जाती थी। फिर उसके एक साल के अंदर ही मेरी शादी एक नावेद नाम के लड़के से हो गयी और मैं ससुराल चली गयी।
अब आप मेरी ससुराल का हाल सुनिए :-
नावेद वैसे देखने सुनने में अच्छा था। हैंडसम था और हट्टा कट्टा था। मेरे मन में आया की अल्ला करे की इसका लौड़ा भी हट्टा कट्टा हो ? मैं मन ही मन उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। लण्ड के साइज का अनुमान लगाने लगी। सुहागरात को जब उसने मेरे कपड़े उतारे और मैंने उसके कपड़े उतारे तो मुझे उसके लण्ड का दीदार हुआ. लण्ड देख कर मैं रोमांचित हो उठी। उसने भी मेरी चूत देखी। मेरी चूँचियाँ देखी मेरी गांड देखी और मेरा पूरा नंगा बदन देखा। वह मस्ती से मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा और मैं भी उसका लण्ड पकड़ कर हिला हिला कर मज़ा करने लगी। लण्ड वाकई बड़ा और मोटा निकला। मैंने अल्ला का शुक्रिया अदा किया और जवान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। उसने भी मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में वह बोला साइमा तेरी चूत तो मेरे दोस्त की बीवी की चूत की तरह लगती है। तेरी चूँचियाँ भी उसकी चूँचियों से मिलती जुलती हैं। मैंने कहा हाय दईया तो क्या तुम उसे नंगी देख चुके हो। वह बोला मैं देख ही नहीं चुका हूँ बीवी जान मैं तो उसे चोद भी चुका हूँ और जब कब चोदने उसके घर चला जाता हूँ। मैंने कहा तो उसका मियाँ कुछ बोलता नहीं क्या ? उसने कहा हां वह बोलता है की नावेद तू जिस तरह से मेरी बीवी चोद रहा है मैं भी उसी तरह तेरी बीवी चोदूंगा।
मैं बोली हाय दईया तो क्या वह आपके सामने मुझे चोदेगा ? उसने कहा हां बिलकुल चोदेगा। मैं जब उसके सामने उसकी बीवी चोदता हूँ तो वह मेरे सामने मेरी बीवी चोदेगा ? तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है बीवी जान ? मैं मन ही मन बहुत खुश हुई और बोली जब आपको अपनी बीवी किसी और से चुदवाने में कोई ऐतराज़ नहीं है तो मुझे कैसे हो सकता है। उसने लण्ड मेरी चूत में गचाक से घुसेड़ दिया। मैंने भी मस्ती से पूरा का पूरा लण्ड अंदर पेलवा लिया। वह मुझे चोदने लगा और मैं चुदवाने लगी। उसका लण्ड खालू और अब्बू के लण्ड की तरह ही था। मुझे मज़ा आने लगा। मैं अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। थोड़ी देर में पीछे से चुदवाने लगी और फिर उसके लण्ड पर चढ़ कर चुदवाने लगी। मैं अपने से अच्छी तरह चुदवाने का लुत्फ़ उठा रही थी। मैं उसे यह अहसास दिलाना चाहती थी की उसकी बीवी चुदवाने में किसी से कम नहीं है। आखिर में मैंने जब उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो उसकी ख़ुशी उसके चेहरे पर झलक रही थी।
उसके बाद मैं बाथ रूम गयी और वह भी। हम दोनो थोड़ी देर में बाहर निकल आये और नंगे नंगे ही बातें करने लगे। करीब एक घंटे के बाद एक मस्त जवान लड़का कमरे में आ गया। उसने केवल एक नेकर पहन रखी थी। मेरा मियां बोला यही है मेरा दोसर मिस्टर रोड्रिक। मैंने मस्ती में मूड में आ गयी और उसे ऊपर से नीचे तक देख कर बोली भोसड़ी के जब यहाँ सब लोग नंगे है तो फिर तेरी नेकर यहाँ क्या माँ चुदा रही है अपनी ? इसे खोलता क्यों नहीं माँ का लौड़ा ? मैंने ऐसा कह कर उसकी नेकर झर्र से नीचे खींच दी तो उसका लण्ड टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने लण्ड पकड़ा और बोली हाय अल्ला, ये तो बड़ा जबरदस्त लौड़ा है यार ? मैंने लण्ड का टोपा चूमा और उस पर जबान निकाल कर फिराने लगी। फिर मुठ्ठी में लेकर लण्ड ऊपर नीचे करने लगी। मैंने देखा की मुठ्ठी ऊपर करने से लण्ड की खाल सुपाड़े के ऊपर चढ़ जाती है और मुठ्ठी नीचे करने से खाल नीचे आ जाती है और सुपाड़ा एकदम खुल जाता है ।
मैं ऐसा करके बार बार उसे देखने लगी। मुझे यह सब अजूबा लग रहा था और अच्छा भी लग रहा था। क्योंकि मुस्लिम लण्ड में तो खाल सुपाड़े पर चढ़ती ही नहीं। तब मेरा मियां बोला हाय मेरी बीवी जान यह क्रिश्चियन लण्ड है। नॉन मुस्लिम लण्ड की खाल नहीं काटी जाती है। मैंने टोपा मुंह में लिया और मस्ती से चूसने लगी। यह मेरा पहला मौक़ा था जब की मैं अपने मियां के आगे किसी पराये मरद का लण्ड रही हूँ। मेरा मियां यह सब देख देख कर मुस्करा रहा था। उसे मज़ा आ रहा था। रोड्रिक मेरे नंगे जिस्म का पूरा पूरा मज़ा ले रहा था। मैं भी काफी देर तक लण्ड से खेलती रही और फिर बाद में उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। वह मुझे चोदने लगा और मैं भी मजे से चुदवाने लगी। मैं अपने मियां को देखती तो मेरी उससे चुदवाने की इच्छा और बढ़ जाती ? आज मुझे समझ में आया की कुछ लोग अपनी बीवी वास्तव में चुदवाते हैं।
मेरा मियां बोला :- यार रोड्रिक तुम वाकई मेरी बीवी बिलकुल उसी तरह चोद रहे हो जैसे मैं तेरी बीवी चोदता हूँ। वह बोला :- यार मुझे तेरी बीवी की बुर बाहत अच्छी लग रही है। एकदम टाइट चूत है इसकी। मुझे इसी तरह की चूत चोदने में मज़ा आता है।
मेरा मियां बोला :- यार, मुझे तो तेरी बहन की बुर भी इसी तरह मज़ा देती है।
रोड्रिक बोला :- मैं तो अभी अभी तेरी बहन की बुर ले रहा था। उसकी बुर लेने के बाद अब तेरी बीवी की बुर ले रहा हूँ। यार अब किसी दिन तुम मेरी साली की बुर चोदो और मैं तेरी साली की बुर चोदूँ ? मेरा मियां बोला :- हां ठीक है। अगले शनिवार को हम दोनों एक दूसरे की साली चोदेंगें।
मैं उन दोनों की बात सुन सुन कर उत्तेजित भी हुई और मुझे यह भी पता चल गया की अब मेरा मियां मेरी बहन की बुर जरूर लेगा। और इसका दोस्त भी मेरी बहन की बुर चोदेगा ? मैं मन ही मन खुश भी हुई की मेरी छोटी बहन को भी इन लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा। मैं तो कहती हूँ की ये लोग मादर चोद मेरी माँ का भोसड़ा भी चोद लें तो अच्छा है। मैं बड़ी स्पीड से चुदवाये चली जा रही थी। तभी मेरा मियां मुझे आँख मार कर बाहर निकल गया। मैं खलास होने वाली थी और शायद वह भी खलास होने वाला था तभी मेरी नन्द मलाला आ गयी। मैंने देखा की वह भी बुर चोदी बिलकुल नंगी है। मैं समझ गयी की अभी अभी चुदवाकर आ रही है मेरी नन्द रानी। तब तक लण्ड पिचकारी छोड़ दी और मैं झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी । मेरी नन्द भी मेरे साथ लण्ड चाटने लगी। रोड्रिक मुझे चोद कर चला गया।
नन्द बोली :- भाभी रोड्रिक का लण्ड कैसा लगा तुम्हे ?
मैंने कहा :- बहुत बढ़िया लगा। लण्ड तो वाकई बड़ा शानदार है उसका ?
वह बोली :- हां भाभी मुझे भी इसका लण्ड बहुत पसंद है। मालूम है आपको की जब तुम मेरे भाई जान से चुदवा रही थीं तो यह मुझे बगल के कमरे में चोद रहा था। मुझे चोदने के बाद यहाँ तुम्हे चोदने आया था भाभी।
मैंने कहा :- हां हां मुझे मालूम है। अब उससे कह दो की वह अक्सर यहाँ आकर मेरी बुर चोदा करे।
फिर हम दोनों खिलखिला कर हंस पड़ीं।
तो दोस्तों, आपने देखा की मेरी ससुराल का क्या हाल है ? एक हफ्ते के बाद मैं अपने माईके आ गयी और साथ में अपनी नन्द को भी ले आई। मेरी ससुराल वालो की पहले से ही मेरे घर से जान पहचान थी। सब लोग सब लोगों को जानते थे। इसलिए मेरी नन्द को कोई परेशानी नहीं हुई। वह मेरी अम्मी, मेरी दीदी, मेरे अब्बू और मेरे खाला और खालू से मिल कर बड़ी खुश हुई।
एक दिन रात को १२.३० बजे मैं अपने मामू का लण्ड चूस रही थी। उधर मेरी अम्मी मेरे सामने ही खालू का लण्ड चूस रहीं थीं। दोनों मरद भोसड़ी के नंगे और दोनों औरतें भी बुर चोदी नंगी। रात को घर बहन चोद बिलकुल रंडी खाना बन जाता है। लण्ड चूसते चूसते मुझे ख्याल आया की मेरी नन्द क्या कर रही है भोसड़ी वाली ? मैंने खालू का लण्ड अम्मी को पकड़ा दिया और नंगी नंगी ही नन्द को ढूंढने निकल पड़ी। मैं एक कमरे में घुसी तो देखा की मेरे अब्बू का लण्ड मेरी नन्द की चूत में घुसा हुआ है। मेरा अब्बू भी नंगा और मेरी नन्द भी नंगी। अब्बू तो नन्द की चूत में लण्ड भकाभक ठोंके चला जा रहा है।
मैं बोली :- मेरी नन्द की बुर ले रहे हो, अब्बू ?
वह बोला :- हां बेटी साइमा अभी तो तेरी नन्द की बुर ले रहा हूँ। किसी दिन तेरी नन्द की माँ की बुर भी लूंगा। मैंने भी मस्ती।
मैं बोली :- अरे भोसड़ी के अब्बू, मेरी नन्द का बाप भी मेरी बुर लेता है। वह भी किसी दिन मेरी माँ की बुर लेगा। मेरा ससुर भोसड़ी का बड़ा हरामजादा है अब्बू और उसका लण्ड तो उससे ज्यादा हरामजादा है। मैं थोड़ी देर तक अपनी नन्द को अब्बू से चुदवाते हुए देखती रही। फिर मैं अंदर गई और सबको ले आई। अम्मी खालू का लण्ड पकड़े पकड़े आ गयीं और मैं मामू का लण्ड। अम्मी ने अब्बू को मेरी नन्द की बुर चोदते हुए देखा तो मुस्कराने लगीं और बोली बेटी साइमा तेरी नन्द बुर चोदी बड़ी चुड़क्कड़ है।
इतने में पीछे से मेरी खाला जान भी आ गयीं। उसके हाथ में उसके नंदोई का लण्ड था।
मेरा अब्बू जितना भोला भाला और सीधा सादा आदमी हैं उतना की उसका बहन चोद लण्ड हरामी है। उसका लण्ड किसी के काबू में नहीं आता। स्वयं अब्बू भी उसे अपने काबू में नहीं रख पाता। वह तो जहाँ किसी जवान लड़की को देखता है, किसी की जवान बीवी, किसी की जवान बेटी को देखता है,बेटियों की जवान जवान माँ देखता है वैसे ही उसका लण्ड साला खड़ा होकर पैजामे के बाहर निकला आता है। फिर वह भी बेशर्म हो जाता है और अपना लण्ड खोल कर सबको दिखा देता है। उसका लण्ड मादर चोद इतना बड़ा और मोटा है की उसे देखते ही लड़कियां पागल हो जातीं हैं। वो खुद ही हाथ बढ़ा कर पकड़ लेती हैं मेरे अब्बू का लण्ड ? अब ऐसे में तुम ही बताओ दोस्तों, की कौन भोसड़ी का ऐसा मरद होगा जो उस लड़की की बुर में अपना लण्ड नहीं पेलेगा ? इसी चक्कर में तो मैंने भी एक बार अब्बू का लण्ड पकड़ लिया था। मैंने लण्ड देखा पर लण्ड वाले का चेहरा नहीं देखा। और जब देखा तब तक बड़ी देर हो चुकी थी क्योंकि लण्ड मेरे मुंह में घुस चुका था और मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो चुकी थी। इतने में मेरी खाला आ गयीं। वह मुझे देख कर बोली अरी साइमा तुझे मालूम है की तू किसका लण्ड पी रही है ? ये तेरा अब्बू है साइमा ? मैं तो खुद इसका लण्ड पीने आ रही थी। मेरे से पहले तू ही इसका लौड़ा पीने लगी। मैंने कहा है दईया ये या हो गया खाला जान ? मैं तो मेरे खालू का लण्ड है। इसलिए मैं इसे पकड़ कर पीने लगी। खाला बोली इसका मतलब तू मेरे मियां का लण्ड पीती है और अब तू मेरे जीजू लण्ड का लण्ड पी रही है। मैंने कहा अरे खाला जान यह सब धोखे से हो गया। मुझे अफ़्सोस है। वह बोली अफ़सोस की कोई बात नहीं। जवान लड़की का यह हक़ है की वह किसी का भी लण्ड पकड़ सकती है। फिर अपने अब्बू का लण्ड क्यों न हो। यह सब हमारे समाज में चलता है। जब चूत में आग लगी हो तो फिर किसी का लण्ड पेलो सब जायज़ है बेटी। अब तूने लण्ड मुंह में लिया है तो चूत में भी ले लो। और हां जानती हो साइमा मेरी बेटी भी बुर चोदी पिछले दो महीने से तेरे अब्बू से चुदवा रही है।
बस मेरी हिम्मत बढ़ गयी। मेरी शर्म गायब हो गयी और तब तक खाला ने ही लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। फिर तो वह सब हुआ जो हिना चाहिए था। उसके बाद यह बात सबको मालूम हो गयी लकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया बल्कि कहा की ऐसा तो होता ही है। साइमा ने जो किया अच्छा किया। मेरी अम्मी मुस्कराकर बोली बेटी रात में हम सब रंडी हो जाती हैं और रंडी तो सबका लण्ड अपनी चूत में पेल लेती है। तूने कोई गुनाह नहीं किया है। अब तू भी मस्ती से इसी तरह चुदवाया कर। तेरी माँ का भोसड़ा साइमा आज मुझे मालूम हो गया है की मेरी बेटी को जवानी का मज़ा लेना आ गया है। मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई। फिर मैंने खालू से, अब्बू से फूफा से और भी कई लोगों से खूब चुदवाने लगी। मैं चुदवाने में एक्सपर्ट होने लगी और मेरे अंदर की शर्म एकदम ख़तम हो चुकी थी।
मेरी गिनती बिंदास चुदवाने वाली लड़कियों में होने लगी। इन लड़कियों में मेरी खाला की बेटी और मेरी फूफी की बेटियां भी शामिल थीं। पर हम तीनो में सबसे ज्यादा बेफिक्र चुदवाने वाली लड़की मैं ही मानी जाती थी। फिर उसके एक साल के अंदर ही मेरी शादी एक नावेद नाम के लड़के से हो गयी और मैं ससुराल चली गयी।
अब आप मेरी ससुराल का हाल सुनिए :-
नावेद वैसे देखने सुनने में अच्छा था। हैंडसम था और हट्टा कट्टा था। मेरे मन में आया की अल्ला करे की इसका लौड़ा भी हट्टा कट्टा हो ? मैं मन ही मन उसके लण्ड के बारे में सोंचने लगी। लण्ड के साइज का अनुमान लगाने लगी। सुहागरात को जब उसने मेरे कपड़े उतारे और मैंने उसके कपड़े उतारे तो मुझे उसके लण्ड का दीदार हुआ. लण्ड देख कर मैं रोमांचित हो उठी। उसने भी मेरी चूत देखी। मेरी चूँचियाँ देखी मेरी गांड देखी और मेरा पूरा नंगा बदन देखा। वह मस्ती से मेरे नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा और मैं भी उसका लण्ड पकड़ कर हिला हिला कर मज़ा करने लगी। लण्ड वाकई बड़ा और मोटा निकला। मैंने अल्ला का शुक्रिया अदा किया और जवान निकाल कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। उसने भी मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में वह बोला साइमा तेरी चूत तो मेरे दोस्त की बीवी की चूत की तरह लगती है। तेरी चूँचियाँ भी उसकी चूँचियों से मिलती जुलती हैं। मैंने कहा हाय दईया तो क्या तुम उसे नंगी देख चुके हो। वह बोला मैं देख ही नहीं चुका हूँ बीवी जान मैं तो उसे चोद भी चुका हूँ और जब कब चोदने उसके घर चला जाता हूँ। मैंने कहा तो उसका मियाँ कुछ बोलता नहीं क्या ? उसने कहा हां वह बोलता है की नावेद तू जिस तरह से मेरी बीवी चोद रहा है मैं भी उसी तरह तेरी बीवी चोदूंगा।
मैं बोली हाय दईया तो क्या वह आपके सामने मुझे चोदेगा ? उसने कहा हां बिलकुल चोदेगा। मैं जब उसके सामने उसकी बीवी चोदता हूँ तो वह मेरे सामने मेरी बीवी चोदेगा ? तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है बीवी जान ? मैं मन ही मन बहुत खुश हुई और बोली जब आपको अपनी बीवी किसी और से चुदवाने में कोई ऐतराज़ नहीं है तो मुझे कैसे हो सकता है। उसने लण्ड मेरी चूत में गचाक से घुसेड़ दिया। मैंने भी मस्ती से पूरा का पूरा लण्ड अंदर पेलवा लिया। वह मुझे चोदने लगा और मैं चुदवाने लगी। उसका लण्ड खालू और अब्बू के लण्ड की तरह ही था। मुझे मज़ा आने लगा। मैं अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। थोड़ी देर में पीछे से चुदवाने लगी और फिर उसके लण्ड पर चढ़ कर चुदवाने लगी। मैं अपने से अच्छी तरह चुदवाने का लुत्फ़ उठा रही थी। मैं उसे यह अहसास दिलाना चाहती थी की उसकी बीवी चुदवाने में किसी से कम नहीं है। आखिर में मैंने जब उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो उसकी ख़ुशी उसके चेहरे पर झलक रही थी।
उसके बाद मैं बाथ रूम गयी और वह भी। हम दोनो थोड़ी देर में बाहर निकल आये और नंगे नंगे ही बातें करने लगे। करीब एक घंटे के बाद एक मस्त जवान लड़का कमरे में आ गया। उसने केवल एक नेकर पहन रखी थी। मेरा मियां बोला यही है मेरा दोसर मिस्टर रोड्रिक। मैंने मस्ती में मूड में आ गयी और उसे ऊपर से नीचे तक देख कर बोली भोसड़ी के जब यहाँ सब लोग नंगे है तो फिर तेरी नेकर यहाँ क्या माँ चुदा रही है अपनी ? इसे खोलता क्यों नहीं माँ का लौड़ा ? मैंने ऐसा कह कर उसकी नेकर झर्र से नीचे खींच दी तो उसका लण्ड टन टना कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने लण्ड पकड़ा और बोली हाय अल्ला, ये तो बड़ा जबरदस्त लौड़ा है यार ? मैंने लण्ड का टोपा चूमा और उस पर जबान निकाल कर फिराने लगी। फिर मुठ्ठी में लेकर लण्ड ऊपर नीचे करने लगी। मैंने देखा की मुठ्ठी ऊपर करने से लण्ड की खाल सुपाड़े के ऊपर चढ़ जाती है और मुठ्ठी नीचे करने से खाल नीचे आ जाती है और सुपाड़ा एकदम खुल जाता है ।
मैं ऐसा करके बार बार उसे देखने लगी। मुझे यह सब अजूबा लग रहा था और अच्छा भी लग रहा था। क्योंकि मुस्लिम लण्ड में तो खाल सुपाड़े पर चढ़ती ही नहीं। तब मेरा मियां बोला हाय मेरी बीवी जान यह क्रिश्चियन लण्ड है। नॉन मुस्लिम लण्ड की खाल नहीं काटी जाती है। मैंने टोपा मुंह में लिया और मस्ती से चूसने लगी। यह मेरा पहला मौक़ा था जब की मैं अपने मियां के आगे किसी पराये मरद का लण्ड रही हूँ। मेरा मियां यह सब देख देख कर मुस्करा रहा था। उसे मज़ा आ रहा था। रोड्रिक मेरे नंगे जिस्म का पूरा पूरा मज़ा ले रहा था। मैं भी काफी देर तक लण्ड से खेलती रही और फिर बाद में उसने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। वह मुझे चोदने लगा और मैं भी मजे से चुदवाने लगी। मैं अपने मियां को देखती तो मेरी उससे चुदवाने की इच्छा और बढ़ जाती ? आज मुझे समझ में आया की कुछ लोग अपनी बीवी वास्तव में चुदवाते हैं।
मेरा मियां बोला :- यार रोड्रिक तुम वाकई मेरी बीवी बिलकुल उसी तरह चोद रहे हो जैसे मैं तेरी बीवी चोदता हूँ। वह बोला :- यार मुझे तेरी बीवी की बुर बाहत अच्छी लग रही है। एकदम टाइट चूत है इसकी। मुझे इसी तरह की चूत चोदने में मज़ा आता है।
मेरा मियां बोला :- यार, मुझे तो तेरी बहन की बुर भी इसी तरह मज़ा देती है।
रोड्रिक बोला :- मैं तो अभी अभी तेरी बहन की बुर ले रहा था। उसकी बुर लेने के बाद अब तेरी बीवी की बुर ले रहा हूँ। यार अब किसी दिन तुम मेरी साली की बुर चोदो और मैं तेरी साली की बुर चोदूँ ? मेरा मियां बोला :- हां ठीक है। अगले शनिवार को हम दोनों एक दूसरे की साली चोदेंगें।
मैं उन दोनों की बात सुन सुन कर उत्तेजित भी हुई और मुझे यह भी पता चल गया की अब मेरा मियां मेरी बहन की बुर जरूर लेगा। और इसका दोस्त भी मेरी बहन की बुर चोदेगा ? मैं मन ही मन खुश भी हुई की मेरी छोटी बहन को भी इन लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा। मैं तो कहती हूँ की ये लोग मादर चोद मेरी माँ का भोसड़ा भी चोद लें तो अच्छा है। मैं बड़ी स्पीड से चुदवाये चली जा रही थी। तभी मेरा मियां मुझे आँख मार कर बाहर निकल गया। मैं खलास होने वाली थी और शायद वह भी खलास होने वाला था तभी मेरी नन्द मलाला आ गयी। मैंने देखा की वह भी बुर चोदी बिलकुल नंगी है। मैं समझ गयी की अभी अभी चुदवाकर आ रही है मेरी नन्द रानी। तब तक लण्ड पिचकारी छोड़ दी और मैं झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी । मेरी नन्द भी मेरे साथ लण्ड चाटने लगी। रोड्रिक मुझे चोद कर चला गया।
नन्द बोली :- भाभी रोड्रिक का लण्ड कैसा लगा तुम्हे ?
मैंने कहा :- बहुत बढ़िया लगा। लण्ड तो वाकई बड़ा शानदार है उसका ?
वह बोली :- हां भाभी मुझे भी इसका लण्ड बहुत पसंद है। मालूम है आपको की जब तुम मेरे भाई जान से चुदवा रही थीं तो यह मुझे बगल के कमरे में चोद रहा था। मुझे चोदने के बाद यहाँ तुम्हे चोदने आया था भाभी।
मैंने कहा :- हां हां मुझे मालूम है। अब उससे कह दो की वह अक्सर यहाँ आकर मेरी बुर चोदा करे।
फिर हम दोनों खिलखिला कर हंस पड़ीं।
तो दोस्तों, आपने देखा की मेरी ससुराल का क्या हाल है ? एक हफ्ते के बाद मैं अपने माईके आ गयी और साथ में अपनी नन्द को भी ले आई। मेरी ससुराल वालो की पहले से ही मेरे घर से जान पहचान थी। सब लोग सब लोगों को जानते थे। इसलिए मेरी नन्द को कोई परेशानी नहीं हुई। वह मेरी अम्मी, मेरी दीदी, मेरे अब्बू और मेरे खाला और खालू से मिल कर बड़ी खुश हुई।
एक दिन रात को १२.३० बजे मैं अपने मामू का लण्ड चूस रही थी। उधर मेरी अम्मी मेरे सामने ही खालू का लण्ड चूस रहीं थीं। दोनों मरद भोसड़ी के नंगे और दोनों औरतें भी बुर चोदी नंगी। रात को घर बहन चोद बिलकुल रंडी खाना बन जाता है। लण्ड चूसते चूसते मुझे ख्याल आया की मेरी नन्द क्या कर रही है भोसड़ी वाली ? मैंने खालू का लण्ड अम्मी को पकड़ा दिया और नंगी नंगी ही नन्द को ढूंढने निकल पड़ी। मैं एक कमरे में घुसी तो देखा की मेरे अब्बू का लण्ड मेरी नन्द की चूत में घुसा हुआ है। मेरा अब्बू भी नंगा और मेरी नन्द भी नंगी। अब्बू तो नन्द की चूत में लण्ड भकाभक ठोंके चला जा रहा है।
मैं बोली :- मेरी नन्द की बुर ले रहे हो, अब्बू ?
वह बोला :- हां बेटी साइमा अभी तो तेरी नन्द की बुर ले रहा हूँ। किसी दिन तेरी नन्द की माँ की बुर भी लूंगा। मैंने भी मस्ती।
मैं बोली :- अरे भोसड़ी के अब्बू, मेरी नन्द का बाप भी मेरी बुर लेता है। वह भी किसी दिन मेरी माँ की बुर लेगा। मेरा ससुर भोसड़ी का बड़ा हरामजादा है अब्बू और उसका लण्ड तो उससे ज्यादा हरामजादा है। मैं थोड़ी देर तक अपनी नन्द को अब्बू से चुदवाते हुए देखती रही। फिर मैं अंदर गई और सबको ले आई। अम्मी खालू का लण्ड पकड़े पकड़े आ गयीं और मैं मामू का लण्ड। अम्मी ने अब्बू को मेरी नन्द की बुर चोदते हुए देखा तो मुस्कराने लगीं और बोली बेटी साइमा तेरी नन्द बुर चोदी बड़ी चुड़क्कड़ है।
इतने में पीछे से मेरी खाला जान भी आ गयीं। उसके हाथ में उसके नंदोई का लण्ड था।
- मैंने कहा :- अरे खाला जान तुम कहाँ चुदवा रही थीं। न मेरे पास थीं और न अम्मी के पास। क्या बाहर गयीं थीं चुदवाने ?
- वह बोली :- नहीं साइमा मैं ऊपर छत पर चुदवा रही थी। चाँदनी रात है न। मैं अपने नंदोई को ऊपर छत दिखाने ले गयी थी। बस मेरा मन आ गया तो मैंने वहीँ इसके लण्ड पर हाथ रख दिया। इसने भी मेरी चूँचियाँ पकड़ लीं। बस मुझे मालूम हो गया की यही सही वख्त है चुदाई करने का ? फिर क्या मैं उसके आगे नंगी हो मेरे आगे नंगा हो गया। मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूत। फिर मैंने खूब मस्ती से चुदवाया। नीचे उतर कर आयी तो तुम लोग कहीं नहीं दिखे तो मैं सब जगह तुम्हे ढूढ़ने लगी और यहाँ पहुँच गयी।
- मैंने कहा ;- बाप रे बाप तुम नंगी नंगी ही मुझे ढूंढ रही थीं खाला ?
- वह बोली :- तो क्या हुआ रात में कौन भोसड़ी वाली कपड़े पहनती है ? सब की सब बुर चोदी नंगी ही रहती हैं रात भर। ये भोसड़ी के मरद भी सब नंगे रहते हैं।
- मैंने कहा :- हां यह बात तो है खाला जान। रात में किसी को कपड़े पहनने की जरुरत क्या है ? हम सब रात में रंडियां हो जाती हैं न ?
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