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सभी बीवियों ने चूमें ग़ैर मर्दों के लंड - Sabhi mahilaon ko pasand hai gair mardon ke land
सभी बीवियों ने चूमें ग़ैर मर्दों के लंड - Sabhi mahilaon ko pasand hai gair mardon ke land , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
एक बार एक सेक्स पार्टी हो रही थी। इत्तिफाक से उस पार्ट में मैं भी अपनी बीवी के साथ पहंचा था। भीड़ बहुत थी। लोग बहुत थे। लेकिन अच्छी यह बात थी की सभी लोग अपनीअपनी बीवी के साथ ही थे। सब कपल थे। ऐसे कपल करीब करीब १४/१५ थे। मुझे यह मालूम हुआ की इस पार्टी में हर बार एक नया खेल खेला जाता है। जो भी खले खेला जाता है उसे ये लोग मिलकर ही खेलते हैं। कोई भी बाहर का आदमी नहीं आता। और हां जब तक खेल ख़तम नहीं हो जाता तब तक कोई खेल छोड़ कर बाहर जाता भी नहीं है और न ही जाने की इज़ाज़त होती है। मतलब यह की या तो खेल खेलो या फिर बैठ कर खेल देखो।
मैं भी अपनी बीवी के साथ बैठा था। हमारा सबसे अच्छा खासा परिचय हो चुका था। तब तक मैंने एक मस्त बीवी को आते हुएदेखा। वह नीचे घाघरा पहने थी और ऊपर से नंगी थी, उसकी दोनों चूँचियाँ खुली हुईं थीं। उसका नाम था मिसेज रबीना। हम लोग सबका नाम जान चुके थे और सबकी बीवियां भी पहचान चुके थे। सबके मियां बड़े स्मार्ट और हैंडसम थे उनकी बीवियां भी बड़ी खूबसूरत थीं। मुझे बाद में पता चला की यहाँ खूबसूरत लोगों को ही जगह दी जाती है। फिर रबीना ने पूंछा की आज के खेल को कौन कौन लोग खेलेगें ? आज के खेल का नाम है - "मैं तेरे पति से चुदवा लूं तुम मेरे पति से चुदवा लो " या फिर यूं कहें की "तुम मेरी बीवी चोदो मैं तेरी बीवी चोदूं" मैंने भी अपना नाम लिखा दिया। करीब करींब १० कपल थे जिन्होंने अपना नाम लिखाया बाकी सब तमाशा देखने वालों में से थे । रबीना ने हस्बैंड्स तो एक लाइन में बैठा दिया और उनकी बीवियों को सामने की लाइन मे बैठा दिया।
वह बोली - देखो आप लोगों को तो मालूम ही है की यहाँ एडल्ट गेम्स होतें हैं. यानी लण्ड पकड़ना, लण्ड हिलाना, लण्ड चाटना, लण्ड चूसना, लण्ड का सड़का लगाना, चूत चाटना, चूँची पीना, चोदना आदि सब होता है। सब कुछ यहाँ सामूहिक होता है। सब लोग साथ साथ करतें हैं गेम खेलते हैं और मज़ा लेते हैं। यहाँ शर्म, लिहाज़, संकोच, झिझक, आदि की कोई गुन्जाईस नहीं है। यहाँ सब कुछ बिंदास होता है और मन मानी होता है। अश्लील बातें, गन्दी गन्दी बातें भी होतीं हैं, गंदे चुटकुले और गाली गलौज भी होता है । लेकिन गालियां केवल बीवियां दे सकती हैं मियां नहीं।
अब आपके सामने आपकी बीवियां बैठीं हैं और बीवियों के सामने उनके मियां बैठे हैं। रबीना ने बीवियों से कहा - आज आप जिसका लण्ड पकड़ना चाहती हैं और जिससे चुदवाना चाहती हैं उसका लण्ड चूम कर बतायें ? आपको अपनी सीट से उठकर उस आदमी की टांगों के बीच में अपना मुंह घुसेड़ कर उसका लण्ड चूमना होगा ? वह लण्ड आपके मियां का भी हो सकता है ? अब एक एक करके बीवियां उठे और अपनी इच्छा ज़ाहिर करें। जो बीवी जिस आदमी का लण्ड चूमेगी वह आदमी उस बीवी को लेकर अलग हो जायेगा और उधर टू सीटर सोफा पर बैठ कर उसे अपना लण्ड पकड़ायेगा। सबसे पहले मैं किसी का लण्ड चूमती हूँ। वह आगे बढ़ी और सभी मरदों की तरफ मुस्कराते हुए देखा और आखिर में उसने अतुल का लण्ड चूम लिया। अतुल वास्तव में आरती का पति था। रबीना अतुल को लेकर सोफे पर बैठ गई और बैठ कर उसका लण्ड धीरे धीरे सहलाने लगी। फिर मिसेज रोहिणी वह आगे बढ़ी और शरद का लण्ड चूम लिया। शरद उसका पति नहीं था। वह तो कामिनी का पति था। इसका मतलब यह हुआ की रबीना आरती के पति से चुदवायेगी और रोहिणी कामिनी के पति से चुदवायेगी। इन दोनों को पराये मरद का लौड़ा पसंद आ गया है।
गाड़ी आगे बढ़ी तो आरती ने कविता के पति धीरज का लण्ड चूमा और धीरज की बीवी कविता ने समीर का लण्ड चूम लिया। इन दोनों बीवियों ने भी ग़ैर मरद से चुदवाने का निर्णय लिया। आरती धीरज का लौड़ा हिलाने लगी और कविता समीर का लौड़ा ? समीर की बीवी पूजा का दिल आभा के पति राहुल पर आ गया। वह आगे बढ़ी और राहुल का लण्ड खुले आम चूम लिया। राहुल की बीवी ने जब यह देखा तो वह उठी और उसने अंजलि के पति आनंद का लण्ड मस्ती से चूम लिया। आनंद की बीवी अंजलि ने पूनम में मियां रवि का लण्ड हँसते हुए चूमा और उसे उठा कर अलग सोफा पर बैठ गयी। मैं बड़े गौर से देख रहा था की किसी ने भी अपने मियां का लण्ड नहीं चूमा। इसका मतलब यह है की किसी को भी अपने मियां का लण्ड पसंद नहीं है। सब उठ उठ कर पराये मरद लण्ड ही चूम रही हैं।
तब तक रवि की बीवी पूनम उठी और मेरे आमने आकर मेरा लण्ड चूम लिया। मेरा नाम संदीप है। वह मुझे लेकर एक सोफा पर बैठ गयी। फिर उसने हौले से मेरा लण्ड पैंट से निकाला और हिलाने लगी। मेरी बीवी मिसेज मालती यह अब देख रही थी। उसे भी जोश आ गया। उसने उठ कर रोहिणी के मियां माकन का लौड़ा चूमा और उसे अपने पास सोफा पर बैठा लिया। रोहिणी तो पहले ही शरद का लौड़ा हिला रही थी। तब शरद की बीवी कामिनी रबीना के पति संजय का लौड़ा चूम कर उसे मस्ती से सहलाने लगी। अब यह तो पक्का हो गया की सब की सब बीवियां पराये मरदों के लण्ड की दीवानी हैं और सब पराये मर्दोस ही चुदवाना चाहती हैं। मरदों को भी बहन चोद कोई ऐतराज़ नहीं है क्योंकी उन्हें भी परायी बीवियां चोदने का मौक़ा मिल रहा है। अगर किसी की बीवी खुद पराये मरद से चुदवाने आये तो भला उसे कौन मना करेगा ?
रुबीना ने थोड़ा इशारा किया तो सबने अपने कपड़े उतारना शुरू किया। बस पल भर में वो सारी बीवियां नंगी हो गईं जो चुदवाने के लिये पराये मरद का लण्ड चूम कर आयीं थीं। उनके मियां भी बहन चोद नंगे हो गए। अब हाल में १० मियां नंगे नंगे दिख रहे थे और १० बीवियां। १० लण्ड और १० चूत एक दूसरे को बड़े मजे से देखने लगीं थीं जिसने जो लण्ड पसंद किया था. वो सब सबके सामने लण्ड पकड़ पकड़ कर हिलाने लगीं। लण्ड चाटने लगीं और लण्ड चूसने लगीं। किसी में चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। कोई शर्म नहीं थी कोई लाज भी किसी को नहीं आ रही थी। सबने जैसे पराये मरद के लण्ड पर हक़ जमा लिया हो। मरद भी भोसड़ी के पराई बीवी की चूँचियाँ और उनकी चूत को अपनी जागीर समझने लगे। इतने सारे नंगे नंगे लण्ड देख कर मेरी बीवी फूली नहीं समा रही थी। मर्दों ने भी कभी इसके पहले इतनी नंगी बीवियां एक साथ नहीं देखीं थी।
जिन लोगों ने खेल में भाग नहीं लिया वो सब हम लोगों को घेरे बैठे थे जैसे की वो सब कोई नाटक, कोई सिनेमा या फिर कोई तमाशा देख रहे हों। उनके लिए तो यह एक live blue film चल रही थी। मगर एक बात है की लण्ड तो उन सब मादर चोदो के भी खड़े थे। उनकी बीवियों की चूँचियाँ भी तनी हुई थीं। उनकी चूत में भी आग लगी हुई थी पर जाने क्यों उन लोगों ने खेल में भाग नहीं लिया।
देखने में वास्तव में बड़ा मज़ा आ रहा था। नंगी नंगी परायी बीवियों के द्वारा लण्ड चाटने का मेला लगा हुआ था। कोई भी बीवी अपने मियां का लण्ड नहीं चाट रही थी लेकिन वह उस बीवी को जरूर देख रही थी जो उसके मियां का लण्ड चाट रही थी। यही हाल मरदों का भी था। वो सब अपनी अपनी बीवी को दूसरे मर्दों का लण्ड चाटती हुई बड़े मजे से देख रहे थे। सब साले मन ही मन यह भी सोंच रहे थे की मेरी बीवी उतनी मस्ती से मेरा लण्ड नहीं चाटती जितनी मस्ती से वह दूसरे का लण्ड चाट रही है। मरद भी सब भोसड़ी के परायी बीवी की बुर चाटने लगे। मैं भी एकदम कुत्ते की तरह रवि की बीवी पूनम की बुर चाट रहा था। मेरी बीवी कुतिया की तरह माकन का लण्ड चाटने में जी जान से जुटी थी। माहौल बड़ा रंगीन बन गया था। ऐसा लग रहा था की यह एक रंडी खाना है और इसमें सिर्फ सामूहिक चोदा चोदी अलावा और कुछ नहीं होना है।
माकन बोला - यार संदीप मेरी बीवी बहन चोद उतनी अच्छी तरह से मेरा लण्ड नहीं चाटती जितनी अच्छी तरह से तेरी बीवी मेरा लण्ड चाट रही है। ये हाल सबकी बीवियों का है। मैं देख रहा हूँ की मेरे दोस्त समीर का लण्ड धीरज की बीवी कविता बड़े प्यार से चाट रही है। धीरज का लण्ड अतुल की बीवी आरती बड़ी मस्ती से चाट रही है। आजकल तो मर्दों से ज्यादा तो बीवियों को पराये मर्दों से चुदवाने का शौक हो गया है यार ? अब हसबैंड्स "wife swapping" नहीं करते बल्कि बीवियां "husband swapping" करती हैं।
इतने में मैंने पेल दिया लण्ड रवि की बीवी पूनम की चूत में। उधर माकन ने भी घुसा दिया अपना लण्ड मेरी बीवी की बुर में। हम दोनों गचागच चोदने लगे परायी बीवी की बुर। मैंने थोड़ी देर में नज़रें उठा कर देखा तो पाया की लोगों ने चोदना शुरू कर दिया है। अतुल संजय की बीवी चोदने लगा, धीरज अतुल की बीवी चोदने लगा, आनंद ने राहुल की बीवी की चूतमे लौड़ा पेल दिया, राहुल समीर की बीवी की बुर लेने लगा, शरद माकन की बीवी चोदने में जुट गया, आनंद राहुल की बीवी हचक हचक के चोदने लगा। इसी तरह कोई ऐसा नहीं था जो किसी और की बीवन चोद रहा हो। पूरे हाल चुदाई की आवाज़ें आ रहीं थीं। धच्च धच्च, भच्च भच्च, गच्च गच्च, धच्च धच्च, उसके साथ कहीं कहीं चूं, चीं, चररर,,,भक्क, भों, पों, पररर,घिर्रर, चपर चपर आदि की आवाज़ें भी सुनाई पड़ने लगी. ऐसा लग रहा था की जैसे कोई अज़ब तरह का म्यूजिक बज रहा है। लेकिन चेहरे सबके खिले थे, खुश सब लोग थे, मस्ती सब में छाई थी.
किसी ने कहा हाय और चोदो मुझे तेरा लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा है ---- फाड़ डालो मेरी चूत पूरा घुसेड़ दो लण्ड बहन चोद --- गांड से जोर लगा चोदो मेरे राजा आज तो ठीक से परायी बीवी की बुर ले लो --- हाय दईया तूने मुझे पहले क्यों नहीं चोदा ? बड़ा मजेदार है तेरा लौड़ा --- मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो यार --- इस समय मैं तेरी बीवी हूँ भोसड़ी के --- वाओ, क्या लौड़ा है तेरा ? आज तो मेरी चूत का भोसड़ा बना दो यार --- तेरी चूत बहुत गरम है कविता भाभी --- पूजा भाभी मुझे तेरी बुर लेने में बड़ा मज़ा आ रहा है किसी दिन अपनी बहन की बुर भी दिलवा दो मुझे --- अंजलि भाभी तेरी चूत तो बड़ी टाइट है क्या तुम बुर चुदवाने में कंजूसी करती हो --- अरे यार तुम पेले जाओ लण्ड मैं ऐसे ही मस्ती से चुदवाती रहूंगी --- आभा भाभी बीच में लौड़ा मुंह में भी ले लो प्लीज --- तेरी तो चूत बिलकुल मक्खन मलाई है आरती भाभी।
इन सब बातों से चुदाई में और मज़ा रहा था।
मैं अचानक रबीना को देखने लगा। वह मजे से धीरज का लण्ड देख रही थी। धीरज बिलकुल उसके नजदीक ही था। रबीना ने हाथ बढ़ा कर धीरज का लण्ड पकड़ लिया। यानी आरती के हाथ से लण्ड निकल गया तो उसने हाथ लंबा करके समीरा का लौड़ा अपने कब्जे में कर लिया। वह समीर का लण्ड चाटने लगी। तब तक कविता ने आभा के पति राहुल का लण्ड पकड़ लिया। वह लण्ड चाटने लगी और अपने होठों से चूमने लगी। फिर समीर की बीवी पूजा ने आनंद का लौड़ा पकड़ा और उसे अपनी चूँचियों पर रगड़ना शुरू कर दिया। इसी तरह राहुल की बीवी आभा ने पूनम की पति रवि का लण्ड अपने हाथ में ले लिया और उसे मुठियाने लगी। तब तक सब समझ गयी की लण्ड की अदला बदली हो रही है। मिसेज अंजलि ने मेरा लण्ड बेहिचक पकड़ लिया। मैं तो उसे चुदवाते हुए देख ही रहा था लेकिन अब तो मैं ही उसे ही चोदूंगा क्योंकि उसने मेरा लण्ड पकड़ा है। तब तक पूनम ने रोहिणी के पति माकन का लण्ड पकड़ कर हिलाया और उससे खेलने लगी। उधर मेरी बीवी मालती ने शरद का लौड़ा अपनी तरफ खींच लिया। उसे हिलाया और मुंह में लेकर चूसने लगी। रोहिणी ने संजय का लौड़ा पकड़ा और कामिनी ने आरती के मियां अतुल का लौड़ा ?
बीवियों के हाथ में नये नये लण्ड उछलने लगे तो मर्दों के हाथ में बीवियों की नयी नयी चूँचियाँ। सब लोग फिर मस्ती के मूड में आ गए और चोदने लगे परायी बीवियों की बुर और बीवियां भी खूब जम कर नये नये लण्ड घुसेड़ कर चुदवाने लगीं अपनी अपनी चूत. फिर चूत से निकाल कर चाटने लगीं और चूसने लगीं लण्ड। किसी को इस बात का परवाह नहीं थी की मुझे कौन कैसे देख रहा है ? हां यह जरूर है की कभी कभी बीवियां यह देख लेती थी की हमारा हसबैंड किस तरह से परायी बीवियां चोद रहा है और हसबैंड्स भी देख लेते थे की हमारी बीवियां किस तरह से पराये मरद से चुदवा रही है। इस चुदाई समारोह से सबको अपनी बीवी चुदवाने का मौक़ा मिल गया और दूसरों की बीवियां चोदने का भी मौक़ा ? अब आगे चल कर किसी को अपनी बीवी चुदवाने में कोई झिझक नहीं होगी।
जितने लोग घेरे के बाहर बैठे हुए लाइव ब्लू फिल्म देख रहे थे उनकी हालत भी ख़राब हो गयी। वो सब अपने आप को देर तक रोक नहीं सके। अधिक तर तो इस बात से पछताने लगे की हमने खेल में हिस्सा क्यों नहीं लिया ? उनमे से जो मरद थे वो सब अपना अपना लण्ड बाहर निकाल निकाल कर हिलाने लगे। सबको दिखाने लगे अपना अपना लण्ड। उनकी बीवियां अधिक तर नंगी हो गयीं। उन सबकी चूँचियाँ तो खुल ही गयीं। उनकी गांड उनकी चूत भी नज़र आने लगीं। वो सब की सब जबान से अपने अपने होंठ चाटने लगीं और कहने लगीं हाय दईया कितना बढ़िया मौक़ा था पराये मर्दों से चुदवाने का वो सब हमने खो दिया। कितने बढ़िया बढ़िया लण्ड चाटने का मौक़ा हमने खो दिया। मरद भी भोसड़ी के कहने लगे हां यार अगर खेल में भाग किया होता हम भी इन खूबसूरत परायी बीवियों को खूब चोदते।
मिसेज रबीना को इन सब लोगों की स्थिति का पता लग गया। तब उसे तरस आ गया और उसने हाथ बढ़ाकर एक आदमी का लण्ड पकड़ लिया। उसे देख कर मेरी बीवी ने भी एक और आदमी का लण्ड पकड़ लिया। रबीना ने कहा अच्छा ये बताओ क्या तुम लोग भी खेल में शामिल होना चाहते हो ? सब लोगों ने हां कर दी। बीवियों ने तो है हाथ उठाकर सबसे पहले बोली हां हम सब बीवियां खेल में शामिल होना चाहती हैं। रबीना ने उन्हें इशारे से बुला लिया और कहा ठीक है तुम लोग भी आ जाओ और जिससे चाहो उससे चुदवाओ। जिसका चाहो उसका लण्ड पियो। जिसका चाहो उसका लण्ड अपनी चूत में पेलो, अपनी गांड में ठोंको और अपनी चूँचियों में घुसाओ। और तुम मरद लोग जिसकी चाहो उसकी बीवी चोदो। फिर क्या वो पांचो कपल एकदम से कूद पड़े बीवियों की चुदाई के मैदान में।
इस "बीवियों की सामूहिक चुदाई" में एक तूफ़ान आ गया। ये पांचो बीवियां जल्दी से जल्दी सारे पराये मर्दों के
लण्ड पकड़ कर चाटना, चूसना चाहती थी और फिर अपनी बुर में घुसेड़ कर चुदवाना चाहती थीं। इसलिए वो सब फ़टाफ़ट एक के बाद दूसरा लण्ड, दूसरे के बाद तीसरा लण्ड पकड़ने लगीं। उनके हसबैंड्स भी जल्दी जल्दी सबकी बीवियां चोदने में लग गए. . एक बीवी की बुर में लण्ड घुसेड़ते तो फिर दूसरी बीवी की बुर में पेल देते। फिर तीसरी बीवी की बजुर लेने लगते। किसी की चूँचियाँ मसलने लगते तो किसी की गांड सहलाते, किसी की चूत पर हाथ फेरते तो किसी के गालों की चुम्मी लेते। इन बीवियों को भी नये लण्ड मिले तो वो भी इन लोगों से चुदवाने के लिए बेताब हो गयीं।
अब पूरे हाल में १५ नंगे मियां दूसरों की बीवियां चोदने में मस्त हो गये। उधर १५ नंगी बीवियां पराये मरदों से चुदवाने के लिए धमा चौकड़ी मचाने लगीं। हर एक मियां को १४ बीवियों की बुर चोदना था और हर बीवी को १४ मरदों के लण्ड से चुदवाना था। ऐसा करने में दो दिन और दो रात लग गयीं। दो दिन तक कोई भी न तो बाहर जा सकता था और न ही कपड़े पहन सकता था । यानी यहीं नंगे नंगे ही रहो, नंगे नंगे ही खाओ, नंगे नंगे ही चोदो और नंगे नंगे ही चुदाओ।
एक बार एक सेक्स पार्टी हो रही थी। इत्तिफाक से उस पार्ट में मैं भी अपनी बीवी के साथ पहंचा था। भीड़ बहुत थी। लोग बहुत थे। लेकिन अच्छी यह बात थी की सभी लोग अपनीअपनी बीवी के साथ ही थे। सब कपल थे। ऐसे कपल करीब करीब १४/१५ थे। मुझे यह मालूम हुआ की इस पार्टी में हर बार एक नया खेल खेला जाता है। जो भी खले खेला जाता है उसे ये लोग मिलकर ही खेलते हैं। कोई भी बाहर का आदमी नहीं आता। और हां जब तक खेल ख़तम नहीं हो जाता तब तक कोई खेल छोड़ कर बाहर जाता भी नहीं है और न ही जाने की इज़ाज़त होती है। मतलब यह की या तो खेल खेलो या फिर बैठ कर खेल देखो।
मैं भी अपनी बीवी के साथ बैठा था। हमारा सबसे अच्छा खासा परिचय हो चुका था। तब तक मैंने एक मस्त बीवी को आते हुएदेखा। वह नीचे घाघरा पहने थी और ऊपर से नंगी थी, उसकी दोनों चूँचियाँ खुली हुईं थीं। उसका नाम था मिसेज रबीना। हम लोग सबका नाम जान चुके थे और सबकी बीवियां भी पहचान चुके थे। सबके मियां बड़े स्मार्ट और हैंडसम थे उनकी बीवियां भी बड़ी खूबसूरत थीं। मुझे बाद में पता चला की यहाँ खूबसूरत लोगों को ही जगह दी जाती है। फिर रबीना ने पूंछा की आज के खेल को कौन कौन लोग खेलेगें ? आज के खेल का नाम है - "मैं तेरे पति से चुदवा लूं तुम मेरे पति से चुदवा लो " या फिर यूं कहें की "तुम मेरी बीवी चोदो मैं तेरी बीवी चोदूं" मैंने भी अपना नाम लिखा दिया। करीब करींब १० कपल थे जिन्होंने अपना नाम लिखाया बाकी सब तमाशा देखने वालों में से थे । रबीना ने हस्बैंड्स तो एक लाइन में बैठा दिया और उनकी बीवियों को सामने की लाइन मे बैठा दिया।
वह बोली - देखो आप लोगों को तो मालूम ही है की यहाँ एडल्ट गेम्स होतें हैं. यानी लण्ड पकड़ना, लण्ड हिलाना, लण्ड चाटना, लण्ड चूसना, लण्ड का सड़का लगाना, चूत चाटना, चूँची पीना, चोदना आदि सब होता है। सब कुछ यहाँ सामूहिक होता है। सब लोग साथ साथ करतें हैं गेम खेलते हैं और मज़ा लेते हैं। यहाँ शर्म, लिहाज़, संकोच, झिझक, आदि की कोई गुन्जाईस नहीं है। यहाँ सब कुछ बिंदास होता है और मन मानी होता है। अश्लील बातें, गन्दी गन्दी बातें भी होतीं हैं, गंदे चुटकुले और गाली गलौज भी होता है । लेकिन गालियां केवल बीवियां दे सकती हैं मियां नहीं।
अब आपके सामने आपकी बीवियां बैठीं हैं और बीवियों के सामने उनके मियां बैठे हैं। रबीना ने बीवियों से कहा - आज आप जिसका लण्ड पकड़ना चाहती हैं और जिससे चुदवाना चाहती हैं उसका लण्ड चूम कर बतायें ? आपको अपनी सीट से उठकर उस आदमी की टांगों के बीच में अपना मुंह घुसेड़ कर उसका लण्ड चूमना होगा ? वह लण्ड आपके मियां का भी हो सकता है ? अब एक एक करके बीवियां उठे और अपनी इच्छा ज़ाहिर करें। जो बीवी जिस आदमी का लण्ड चूमेगी वह आदमी उस बीवी को लेकर अलग हो जायेगा और उधर टू सीटर सोफा पर बैठ कर उसे अपना लण्ड पकड़ायेगा। सबसे पहले मैं किसी का लण्ड चूमती हूँ। वह आगे बढ़ी और सभी मरदों की तरफ मुस्कराते हुए देखा और आखिर में उसने अतुल का लण्ड चूम लिया। अतुल वास्तव में आरती का पति था। रबीना अतुल को लेकर सोफे पर बैठ गई और बैठ कर उसका लण्ड धीरे धीरे सहलाने लगी। फिर मिसेज रोहिणी वह आगे बढ़ी और शरद का लण्ड चूम लिया। शरद उसका पति नहीं था। वह तो कामिनी का पति था। इसका मतलब यह हुआ की रबीना आरती के पति से चुदवायेगी और रोहिणी कामिनी के पति से चुदवायेगी। इन दोनों को पराये मरद का लौड़ा पसंद आ गया है।
गाड़ी आगे बढ़ी तो आरती ने कविता के पति धीरज का लण्ड चूमा और धीरज की बीवी कविता ने समीर का लण्ड चूम लिया। इन दोनों बीवियों ने भी ग़ैर मरद से चुदवाने का निर्णय लिया। आरती धीरज का लौड़ा हिलाने लगी और कविता समीर का लौड़ा ? समीर की बीवी पूजा का दिल आभा के पति राहुल पर आ गया। वह आगे बढ़ी और राहुल का लण्ड खुले आम चूम लिया। राहुल की बीवी ने जब यह देखा तो वह उठी और उसने अंजलि के पति आनंद का लण्ड मस्ती से चूम लिया। आनंद की बीवी अंजलि ने पूनम में मियां रवि का लण्ड हँसते हुए चूमा और उसे उठा कर अलग सोफा पर बैठ गयी। मैं बड़े गौर से देख रहा था की किसी ने भी अपने मियां का लण्ड नहीं चूमा। इसका मतलब यह है की किसी को भी अपने मियां का लण्ड पसंद नहीं है। सब उठ उठ कर पराये मरद लण्ड ही चूम रही हैं।
तब तक रवि की बीवी पूनम उठी और मेरे आमने आकर मेरा लण्ड चूम लिया। मेरा नाम संदीप है। वह मुझे लेकर एक सोफा पर बैठ गयी। फिर उसने हौले से मेरा लण्ड पैंट से निकाला और हिलाने लगी। मेरी बीवी मिसेज मालती यह अब देख रही थी। उसे भी जोश आ गया। उसने उठ कर रोहिणी के मियां माकन का लौड़ा चूमा और उसे अपने पास सोफा पर बैठा लिया। रोहिणी तो पहले ही शरद का लौड़ा हिला रही थी। तब शरद की बीवी कामिनी रबीना के पति संजय का लौड़ा चूम कर उसे मस्ती से सहलाने लगी। अब यह तो पक्का हो गया की सब की सब बीवियां पराये मरदों के लण्ड की दीवानी हैं और सब पराये मर्दोस ही चुदवाना चाहती हैं। मरदों को भी बहन चोद कोई ऐतराज़ नहीं है क्योंकी उन्हें भी परायी बीवियां चोदने का मौक़ा मिल रहा है। अगर किसी की बीवी खुद पराये मरद से चुदवाने आये तो भला उसे कौन मना करेगा ?
रुबीना ने थोड़ा इशारा किया तो सबने अपने कपड़े उतारना शुरू किया। बस पल भर में वो सारी बीवियां नंगी हो गईं जो चुदवाने के लिये पराये मरद का लण्ड चूम कर आयीं थीं। उनके मियां भी बहन चोद नंगे हो गए। अब हाल में १० मियां नंगे नंगे दिख रहे थे और १० बीवियां। १० लण्ड और १० चूत एक दूसरे को बड़े मजे से देखने लगीं थीं जिसने जो लण्ड पसंद किया था. वो सब सबके सामने लण्ड पकड़ पकड़ कर हिलाने लगीं। लण्ड चाटने लगीं और लण्ड चूसने लगीं। किसी में चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। कोई शर्म नहीं थी कोई लाज भी किसी को नहीं आ रही थी। सबने जैसे पराये मरद के लण्ड पर हक़ जमा लिया हो। मरद भी भोसड़ी के पराई बीवी की चूँचियाँ और उनकी चूत को अपनी जागीर समझने लगे। इतने सारे नंगे नंगे लण्ड देख कर मेरी बीवी फूली नहीं समा रही थी। मर्दों ने भी कभी इसके पहले इतनी नंगी बीवियां एक साथ नहीं देखीं थी।
जिन लोगों ने खेल में भाग नहीं लिया वो सब हम लोगों को घेरे बैठे थे जैसे की वो सब कोई नाटक, कोई सिनेमा या फिर कोई तमाशा देख रहे हों। उनके लिए तो यह एक live blue film चल रही थी। मगर एक बात है की लण्ड तो उन सब मादर चोदो के भी खड़े थे। उनकी बीवियों की चूँचियाँ भी तनी हुई थीं। उनकी चूत में भी आग लगी हुई थी पर जाने क्यों उन लोगों ने खेल में भाग नहीं लिया।
देखने में वास्तव में बड़ा मज़ा आ रहा था। नंगी नंगी परायी बीवियों के द्वारा लण्ड चाटने का मेला लगा हुआ था। कोई भी बीवी अपने मियां का लण्ड नहीं चाट रही थी लेकिन वह उस बीवी को जरूर देख रही थी जो उसके मियां का लण्ड चाट रही थी। यही हाल मरदों का भी था। वो सब अपनी अपनी बीवी को दूसरे मर्दों का लण्ड चाटती हुई बड़े मजे से देख रहे थे। सब साले मन ही मन यह भी सोंच रहे थे की मेरी बीवी उतनी मस्ती से मेरा लण्ड नहीं चाटती जितनी मस्ती से वह दूसरे का लण्ड चाट रही है। मरद भी सब भोसड़ी के परायी बीवी की बुर चाटने लगे। मैं भी एकदम कुत्ते की तरह रवि की बीवी पूनम की बुर चाट रहा था। मेरी बीवी कुतिया की तरह माकन का लण्ड चाटने में जी जान से जुटी थी। माहौल बड़ा रंगीन बन गया था। ऐसा लग रहा था की यह एक रंडी खाना है और इसमें सिर्फ सामूहिक चोदा चोदी अलावा और कुछ नहीं होना है।
माकन बोला - यार संदीप मेरी बीवी बहन चोद उतनी अच्छी तरह से मेरा लण्ड नहीं चाटती जितनी अच्छी तरह से तेरी बीवी मेरा लण्ड चाट रही है। ये हाल सबकी बीवियों का है। मैं देख रहा हूँ की मेरे दोस्त समीर का लण्ड धीरज की बीवी कविता बड़े प्यार से चाट रही है। धीरज का लण्ड अतुल की बीवी आरती बड़ी मस्ती से चाट रही है। आजकल तो मर्दों से ज्यादा तो बीवियों को पराये मर्दों से चुदवाने का शौक हो गया है यार ? अब हसबैंड्स "wife swapping" नहीं करते बल्कि बीवियां "husband swapping" करती हैं।
इतने में मैंने पेल दिया लण्ड रवि की बीवी पूनम की चूत में। उधर माकन ने भी घुसा दिया अपना लण्ड मेरी बीवी की बुर में। हम दोनों गचागच चोदने लगे परायी बीवी की बुर। मैंने थोड़ी देर में नज़रें उठा कर देखा तो पाया की लोगों ने चोदना शुरू कर दिया है। अतुल संजय की बीवी चोदने लगा, धीरज अतुल की बीवी चोदने लगा, आनंद ने राहुल की बीवी की चूतमे लौड़ा पेल दिया, राहुल समीर की बीवी की बुर लेने लगा, शरद माकन की बीवी चोदने में जुट गया, आनंद राहुल की बीवी हचक हचक के चोदने लगा। इसी तरह कोई ऐसा नहीं था जो किसी और की बीवन चोद रहा हो। पूरे हाल चुदाई की आवाज़ें आ रहीं थीं। धच्च धच्च, भच्च भच्च, गच्च गच्च, धच्च धच्च, उसके साथ कहीं कहीं चूं, चीं, चररर,,,भक्क, भों, पों, पररर,घिर्रर, चपर चपर आदि की आवाज़ें भी सुनाई पड़ने लगी. ऐसा लग रहा था की जैसे कोई अज़ब तरह का म्यूजिक बज रहा है। लेकिन चेहरे सबके खिले थे, खुश सब लोग थे, मस्ती सब में छाई थी.
किसी ने कहा हाय और चोदो मुझे तेरा लौड़ा बड़ा मज़ा दे रहा है ---- फाड़ डालो मेरी चूत पूरा घुसेड़ दो लण्ड बहन चोद --- गांड से जोर लगा चोदो मेरे राजा आज तो ठीक से परायी बीवी की बुर ले लो --- हाय दईया तूने मुझे पहले क्यों नहीं चोदा ? बड़ा मजेदार है तेरा लौड़ा --- मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो यार --- इस समय मैं तेरी बीवी हूँ भोसड़ी के --- वाओ, क्या लौड़ा है तेरा ? आज तो मेरी चूत का भोसड़ा बना दो यार --- तेरी चूत बहुत गरम है कविता भाभी --- पूजा भाभी मुझे तेरी बुर लेने में बड़ा मज़ा आ रहा है किसी दिन अपनी बहन की बुर भी दिलवा दो मुझे --- अंजलि भाभी तेरी चूत तो बड़ी टाइट है क्या तुम बुर चुदवाने में कंजूसी करती हो --- अरे यार तुम पेले जाओ लण्ड मैं ऐसे ही मस्ती से चुदवाती रहूंगी --- आभा भाभी बीच में लौड़ा मुंह में भी ले लो प्लीज --- तेरी तो चूत बिलकुल मक्खन मलाई है आरती भाभी।
इन सब बातों से चुदाई में और मज़ा रहा था।
- मैंने कहा - रवि यार मुझे तेरी बीवी चोदने में जो मज़ा आ रहा है वह मज़ा पहले कभी नहीं आया।
- रवि - फिर क्या मस्ती से चोदो मेरी बीवी। चाहो तो घर ले जा के चोदो। मुझे भी तोआनंद की बीवी चोदने में असली मज़ा आ रहा है।
- अतुल - यार संजय मुझे तेरी बीवी रबीना भाभी की बुर चोदने जोआनंद है वह कहीं और नहीं ? यार अब मुझे मना मत करना। अब तो मैं तेरी बीवी अक्सर चोदा करूंगा।
- शरद - यार कुछ भी हो मुझे तो माकन की बीवी बड़ा मज़ा दे रही है। देखो न कितनी बेशर्मी से चुदवा रही है और सबकी चुदाई देख भी रही है।
- पूजा - हाय आभा तेरे मियां का लण्ड मुझे भा गया है। मन करता है की इसे कभी भी अपनी चूत से बाहर न निकालूँ। चोदने दूँ इसे दिन रात मेरी चूत ?
- कविता - पूजा तेरे पति का लण्ड तो जबरदस्त है यार ? मेरी बुर का भरता बना रहा है मादर चोद।
- आरती - धीरज तेरे लण्ड की बहन की बुर। कविता तेरे मियां का लण्ड मेरी चूत के चीथड़े उड़ा रहा है। अपंने मियां का लण्ड अपने काबू में रखो नहीं तो आज मैं इसकी गांड मार दूँगी।
- मेरी बीवी - हाय रोहिणी, तेरे मियां का लण्ड आज मेरी बुर ढीली करने में लगा है। पर मैं इसका लौड़ा पहले ढीला कर दूँगी।
मैं अचानक रबीना को देखने लगा। वह मजे से धीरज का लण्ड देख रही थी। धीरज बिलकुल उसके नजदीक ही था। रबीना ने हाथ बढ़ा कर धीरज का लण्ड पकड़ लिया। यानी आरती के हाथ से लण्ड निकल गया तो उसने हाथ लंबा करके समीरा का लौड़ा अपने कब्जे में कर लिया। वह समीर का लण्ड चाटने लगी। तब तक कविता ने आभा के पति राहुल का लण्ड पकड़ लिया। वह लण्ड चाटने लगी और अपने होठों से चूमने लगी। फिर समीर की बीवी पूजा ने आनंद का लौड़ा पकड़ा और उसे अपनी चूँचियों पर रगड़ना शुरू कर दिया। इसी तरह राहुल की बीवी आभा ने पूनम की पति रवि का लण्ड अपने हाथ में ले लिया और उसे मुठियाने लगी। तब तक सब समझ गयी की लण्ड की अदला बदली हो रही है। मिसेज अंजलि ने मेरा लण्ड बेहिचक पकड़ लिया। मैं तो उसे चुदवाते हुए देख ही रहा था लेकिन अब तो मैं ही उसे ही चोदूंगा क्योंकि उसने मेरा लण्ड पकड़ा है। तब तक पूनम ने रोहिणी के पति माकन का लण्ड पकड़ कर हिलाया और उससे खेलने लगी। उधर मेरी बीवी मालती ने शरद का लौड़ा अपनी तरफ खींच लिया। उसे हिलाया और मुंह में लेकर चूसने लगी। रोहिणी ने संजय का लौड़ा पकड़ा और कामिनी ने आरती के मियां अतुल का लौड़ा ?
जितने लोग घेरे के बाहर बैठे हुए लाइव ब्लू फिल्म देख रहे थे उनकी हालत भी ख़राब हो गयी। वो सब अपने आप को देर तक रोक नहीं सके। अधिक तर तो इस बात से पछताने लगे की हमने खेल में हिस्सा क्यों नहीं लिया ? उनमे से जो मरद थे वो सब अपना अपना लण्ड बाहर निकाल निकाल कर हिलाने लगे। सबको दिखाने लगे अपना अपना लण्ड। उनकी बीवियां अधिक तर नंगी हो गयीं। उन सबकी चूँचियाँ तो खुल ही गयीं। उनकी गांड उनकी चूत भी नज़र आने लगीं। वो सब की सब जबान से अपने अपने होंठ चाटने लगीं और कहने लगीं हाय दईया कितना बढ़िया मौक़ा था पराये मर्दों से चुदवाने का वो सब हमने खो दिया। कितने बढ़िया बढ़िया लण्ड चाटने का मौक़ा हमने खो दिया। मरद भी भोसड़ी के कहने लगे हां यार अगर खेल में भाग किया होता हम भी इन खूबसूरत परायी बीवियों को खूब चोदते।
मिसेज रबीना को इन सब लोगों की स्थिति का पता लग गया। तब उसे तरस आ गया और उसने हाथ बढ़ाकर एक आदमी का लण्ड पकड़ लिया। उसे देख कर मेरी बीवी ने भी एक और आदमी का लण्ड पकड़ लिया। रबीना ने कहा अच्छा ये बताओ क्या तुम लोग भी खेल में शामिल होना चाहते हो ? सब लोगों ने हां कर दी। बीवियों ने तो है हाथ उठाकर सबसे पहले बोली हां हम सब बीवियां खेल में शामिल होना चाहती हैं। रबीना ने उन्हें इशारे से बुला लिया और कहा ठीक है तुम लोग भी आ जाओ और जिससे चाहो उससे चुदवाओ। जिसका चाहो उसका लण्ड पियो। जिसका चाहो उसका लण्ड अपनी चूत में पेलो, अपनी गांड में ठोंको और अपनी चूँचियों में घुसाओ। और तुम मरद लोग जिसकी चाहो उसकी बीवी चोदो। फिर क्या वो पांचो कपल एकदम से कूद पड़े बीवियों की चुदाई के मैदान में।
इस "बीवियों की सामूहिक चुदाई" में एक तूफ़ान आ गया। ये पांचो बीवियां जल्दी से जल्दी सारे पराये मर्दों के
अब पूरे हाल में १५ नंगे मियां दूसरों की बीवियां चोदने में मस्त हो गये। उधर १५ नंगी बीवियां पराये मरदों से चुदवाने के लिए धमा चौकड़ी मचाने लगीं। हर एक मियां को १४ बीवियों की बुर चोदना था और हर बीवी को १४ मरदों के लण्ड से चुदवाना था। ऐसा करने में दो दिन और दो रात लग गयीं। दो दिन तक कोई भी न तो बाहर जा सकता था और न ही कपड़े पहन सकता था । यानी यहीं नंगे नंगे ही रहो, नंगे नंगे ही खाओ, नंगे नंगे ही चोदो और नंगे नंगे ही चुदाओ।
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