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एक अनजाना लण्ड से मेरी चूत की चुदाई हुई - Ek anjan lund se meri chut ki chudai huyi
एक अनजाना लण्ड से मेरी चूत की चुदाई हुई - Ek anjan lund se meri chut ki chudai huyi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
अम्मी को दौड़ी दौड़ी मेरी तरफ आते हुए देखा तो मैंने पूंछा :- हाय अम्मी जान, क्या हुआ ? इतनी उतावली क्यों हो रही हो ?
वह बोली :- अरी खुशबू , कल क्या हुआ कुछ पूंछो न, बेटी ? ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ ? सुनो तो, उधर जब मेरा नंदोई तुझे चोद रहा था तो इधर तेरा नंदोई मुझे चोद रहा था। उधर तेरा बहनोई मेरी नन्द की बुर ले रहा था इधर मेरा बहनोई तेरी नन्द की बुर ले रहा था।
मैंने कहा :- अम्मी, अरे तुम्हे बस इतना ही मालूम है ? मुझे तो इसके आगे भी मालूम है। मैं जब रात को बाथ रूम के लिए उठी तो देखा की मेरा ससुर मेरी खाला का भोसड़ा चोद रहा है और मेरा अब्बू मेरी सास की बुर ले रहा है। अरे अम्मी जान अब तो यह सब बड़ा आसान हो गया है। जिसकी चाहो उसकी बुर में लौड़ा पेल दो और जिससे चाहो उससे चुदवा लो।
तो दोस्तों, इस तरह रात भर इस घर में लन्ड चूत की इसी तरह अदला बदली चलती रही। किसी ने भी अपनी बीवी की बुर में लन्ड नहीं पेला। सब भोसड़ी वाले दूसरों की बीवियां चोदते रहे और सब बीवियां बुर चोदी गैर मरदों से चुदवाती रहीं ?
मैं चुदवाकर थोड़ा सो गयी। थोड़ी देर बाद उठी तो मुझे लगा की इतनी रात हो गयी है लेकिन फिर भी यहाँ कहीं न कहीं चुदाई हो रही है। मैं फिर जासूसी करने लगी। मैंने देखा की इस बार मेरी सास मेरे नंदोई से चुदवा रहीं हैं। यानी उसे अपनी ही बेटी के मियां का लन्ड पसंद आ गया है। जो लन्ड उसकी बीवी की बुर चोदता है वही लन्ड उसकी माँ की बुर ले रहा है। मेरी खाला तो मेरे ससुर के लन्ड पर मर मिटीं हैं। वह तो लन्ड ऐसे चूस रही है जैसे ज़िन्दगी में उसे पहली बार कोई लन्ड मिला है. थोड़ी देर चूसने के बाद अपना भोसड़ा खोल दिया उसके आगे और पेलवा लिया मेरे ससुर का लन्ड ? मेरी नन्द बुर चोदी मेरे अब्बू का लन्ड पी रही है। मेरा अब्बू पूरी ताकत से उसकी बुर चोदने को तैयार है। मेरी फूफी अम्मी के बहनोई से चुदवा रही है। अम्मी फूफा का लन्ड चाट रहीं हैं।
यह सब देख कर मेरी चूत भी भोसड़ी की गन गना उठी। मैं चुप चाप अंदर गयी और खालू का लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। खालू जग गया और उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया। फिर उसने मुझे अपनी बीवी की तरह खूब दनादन चोदा। इस बार भी मैंने देखा की सब लोग दूसरे की बीवी चोद रहें हैं। ख़ैर मैंने भी रात भर चुदाई का मज़ा लिया।
मैं यह सोंचती रही की हम सब बीवियां यहाँ बहन चोद अपने कुनबे के ही लन्ड से चुदवाती रहतीं हैं या फिर अपने नाते रिश्ते दारों के लन्ड से ? दुनिया बहुत बड़ी है हमने कभी कुनबे से बाहर के लन्ड के बारे में सोंचा ही नहीं।
कहतें हैं की खुदा ने जितने मरद बनाये है उतनी ही तरह के लन्ड भी बनाये हैं। घर के बाहर के लोगों के लन्ड का मज़ा हम कोई भी नहीं लेतीं ? हम बस एक कुँए में ही क्यों घुसी रहती हैं। ऐसा ख्याल आते ही मैंने दूसरे दिन यह सवाल अम्मी के सामने रख दिया।
मैंने कहा :- अम्मी, हम लोग घर से बाहर के लन्ड क्यों नहीं पकड़ती ? हम उन लोगों से क्यों नहीं चुदवाती जिन लोगों के लन्ड न हमने कभी देखा है और न उनके बारे में सुना है ? अगर हमारे अंदर आग है तो उसको बुझाने के लिए और भी तरह तरह के लन्ड होने चाहिए ? अम्मी ज़रा सोंचो अगर हमें कोई अपरिचित लन्ड मिले और कई तरह के लन्ड मिलें तब कितना मज़ा आएगा ?
अम्मी ने जबाब दिया :- हां बात तो तेरी ठीक है बेटी, पर हम लोगों को इज़ाज़त नहीं है बाहर के मरदों से चुदवाने की ? ऐसा अगर हुआ तो लोग हमें बदनाम कर देगें।
मैंने कहा :- कौन है ये भोसड़ी वाले लोग ? वो होते कौन है हमें बाहर लोगों के लन्ड पकड़ने से रोकने वाले ? मैं न उंन्हे मानती हूँ और न उनकी बातों को ? मैं लन्ड उनकी परवाह नहीं करती ? ऐसे लोगों की तो मैं माँ चोद दूँगी। मैं तो बाहर के लोगों से चुदवाऊंगी। देखती हूँ कौन भोसड़ी वाला बोलता है ? कौन मेरी झांट उखाड़ने आता है बहन चोद ? मैं अब अपने आप को रोक नहीं सकती।
अम्मी ने कहा :- हां बेटी खुशबू तुम ठीक कह रही हो ? मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं भी कुनबे के लौंड़ों से चुदवा चुदवा कर थक गयी हूँ। बार बार वही लन्ड आ आ कर चोदते रहतें हैं बहन चोद ? कोई नयापन है ही नहीं । अरे कोई नया लौड़ा हो तो मज़ा भी आये ? मैं तो बाहर वालों के लन्ड से चुदवाना चाहती हूँ पर सवाल यह है की बाहर वालों के लन्ड मिलेगें कैसे ?
मैंने कहा :- अरे अम्मी, जब ढूढ़ने निकलूंगी तो एक नहीं दर्जनों लन्ड मिलेगें अम्मी। मेरी नन्द भी भोसड़ी की बाहर वालों से चुदवाने के लिए बेताब रहती है। उसके संपर्क में कुछ मरद हैं जो उसे और उसकी माँ चोदने को तैयार हैं। मैं भी कुछ लोगों को जानती हूँ जो मुझे और मेरी माँ चोदने की इच्छुक हैं।
अम्मी बोली :- अरे हां बेटी मुझे भी याद आ गया। एक दिन इकबाल कह रहा था की भाभी मेरे दो दोस्त है जो तुम्हे चोदने के लिए बेताब हैं और तेरी बेटी की बुर लेने के लिए खुदा से दुआ मांग रहे हैं।
मैंने कहा :- अरे अम्मी उससे कह दो की उसकी दुआ क़ुबूल हो गयी है। मैं उनके दोस्तों से चुदवाने के लिए तैयार हो गयी हूँ। मैं भी अपने लोगों को बुला लेती हूँ। आज तुम भी बाहर वालों के लन्ड का मज़ा लो अम्मी और मैं भी।
तब तक मेरी भाभी आ गयी। वह बोली अरे मेरी नन्द रानी खुशबू मैं भी बाहर वालों से चुदवाने के लिए तैयार हूँ। मैं एक होटल से कांटेक्ट किया है वहां विदेशी लन्ड मिलते हैं। काले भी लन्ड और गोर भी लन्ड। मेरी इच्छा है की मैं अपनी नन्द की बुर में विदेशी लन्ड पेलूं। अपनी सास का भोसड़ा उन लोगों से चुदवाऊँ ?
अम्मी बोली :- हाय मेरी बुर चोदी बहू रानी। तूने तो कमाल कर दिया। मैं बहुत दिनों से विदेशी मर्दों से चुदवाना चाहती हूँ लेकिन आजतक मेरी यह तमन्ना पूरी नहीं हुई।
भाभी ने कहा :- मैं पूरी करुँगी तेरी इच्छा मेरी हरामजादी सासू जी। मुझे तेरा भोसड़ा चोदने में बड़ा मज़ा आएगा ? मुझे इसी दिन का इंतज़ार था।
अम्मी बोली :- पर बहू रानी मुझे यह तो बताओ की तुम्हारी ऐसे लोगों से मुलाक़ात कैसे हुए और तुम कैसे विदेशी लन्ड तक पहुंची ?
भाभी ने कहा :- मेरी एक सहेली है फ़िरोज़ा वह भोसड़ी की होटलों में जाया करती थी और विदशी लन्ड पकड़ा करती थी। मेरी भी इच्छा हुई विदेशी लन्ड पकड़ने की तो एक दिन मैं भी उसके साथ चली गयी। उस दिन मुझे उसने एक काला लन्ड पकड़ाया वह मलेसिया का था। लन्ड साला बहुत बड़ा था और मोटा भी। थोड़ी देर में वह एक उतना ही बड़ा और मोटा गोरा लन्ड लेकर आ गयी। फिर हम दोनों ने मिलकर उन लौंड़ों से खूब मस्ती से चुदवाया। उन लोगों की इंडियन चूत बहुत अच्छी लगती है। फिर एक दिन मैंने उन्हें अपने घर बुलाकर अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाया। अम्मी बहुत खुश हो गयीं। उसे भी विदेशी लन्ड का चस्का लग गया।
मैंने कहा :-हाय मेरी भाभी जान अब तुम बाहर वालों के लन्ड से अपनी नन्द की बुर चोदो और चोदो अपनी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैं भी चोदूँगी अपनी माँ की बहू की बुर ?
भाभी बोली :- अच्छा मैं अभी बात करती हूँ.
मैंने कहा :- देखो अम्मी जान, तुम एक बीवी हो, मैं भी किसी की बीवी हूँ, मेरी भाभी जान तो बीवी हैं ही ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
तब तक पीछे से आवाज़ आयी - अब तो मैं भी किसी की बीवी हो गयी हूँ।
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी खाला की बेटी परी थी। उसकी शादी अभी एक हफ्ते पहले ही हुई है। वह पहली बार अपनी सुहागरात में चुदवाकर आयी है और आते ही ग़ैर मरद से चुदवाने के लिए तैयार है। दोस्तों, आप मेरा नाम तो जान ही गए हैं। मैं खशबू हूँ। शादी शुदा हूँ. मस्त हूँ जवान हूँ। सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। मेरी अम्मी जान का नाम है हबीबा और मेरी भाभी हैं रबा। अम्मी लगभग ४६ साल की हैं और भाभी २५ साल की। हम चारों बीवियों ने मिलकर डिसाइड किया आज रात को बाहरी लोगों से चुदवाया जाए। अब कम से कम चार लण्ड की जरुरत है। वो भी बाहर के लण्ड हों और ऐसे लण्ड हों जिनको कभी देखा न हो, जिन्हे कभी पकड़ा न हो और जिनके बारे में कभी कुछ सुना न हो। एकदम नए ताज़े फ्रेश लण्ड हों, बड़े भी हों और मोटे भी। तब आएगा चुदवाने का असली मज़ा ?
हम चारों एकदम नये नये लण्ड की तलाश में जुट गयी। अम्मी नेकहा अब देखो आज तो इतनी जल्दी लण्ड मिल नहीं सकते लेकिन अभी से लेकर कल तक जरूर मिल जायेगें। इसलिए कल होगा बाहर के मर्दों स चुदवाने का खेल। रात को भाभी ने कहा हाय मेरी नन्द रानी मैंने तेरी चूत के लिए लण्ड का इंतज़ाम कर लिया है। मैंने होटल से अभी अभी बात की है। कल एक देशी लण्ड और एक विदेशी लण्ड आ जायेगा। पारी ने बताया यार खुशबू मेरे ससुर का एक दोस्त है। उसका नंबर मेरे पास है , मैं उसे बुला लेती हूँ. सुना है की उसका लण्ड मेरे ससुर के लण्ड से बड़ा भी है और मोटा भी। अम्मी और मैं अभी तलास में लगीं थीं। सवेरे सवेरे अम्मी ने बताया खुशबू मैंने भी एक लण्ड का इंतज़ाम कर लिया है।
फिर शाम को करीब ८ बजे लोग आने शुरू हो गये। हमने ड्रिंक्स का प्रबंध पहले ही कर रखा था। सबसे पहले अम्मी का लौड़ा आया। अम्मी ने कहा इससे मिलो ये है हसन मेरी दोस्त का शौहर कल ही दुबई से आया है। हैं सबको पसंद आया और हसन भी सबसे मिला। उसके बाद परी का लौड़ा आया। वह बोली अरे हसरत अंकल अंदर आ जाओ। उसने हम सबको उससे मिलवाया। वह आदमी तो अधेड़ उम्र का था पर था बड़ा हैंडसम। तब तक भाभी के भी आ गए। उसने कहा यह है देशी लौड़ा रफीक और यह विदेशी लौड़ा अकरम उल्लाह मलेसिया का ? अकरम थोड़ा काला था। बाद में मेरे लौड़े भी आ गए। मैंने बताया यह है लौड़ा सफीक और यह है लौड़ा लतीफ़। दोनों ही एक कॉलेज के लड़के हैं।
अब महफ़िल में ४ बीवियां और ६ लण्ड हो गये। दारू चालू हो गयी। वो सब साले हम चारों बीवियों को घूर घूर कर देखने लगे। और हम लोग मन ही मन उन मर्दों के लण्ड के बारे में अनुमान लगाने लगीं। एक एक पैग शराब ख़तम होने का बाद मैंने कहा अब तुम लोग अपनी अपनी पसंद का एक एक लण्ड पकड़ो और खेल शुरू करो। हम सब के कपडे तो अस्त व्यस्त थे। अम्मी का पेटीकोट खुला था। भाभी की चूँचियाँ खुलीं थीं , परी की चूत झाँक रही थी और मेरी गांड साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रही थी। वो लोग यह सब देख रह थे। तब तक भाभी ने सफीक के लण्ड पर हाथ रख दिया और दूसरा हाथ रकीब के लण्ड पर। मैं जान गयी की भाभी दो लण्ड का मज़ा एक साथ लेगी। उधर अम्मी ने हसरत अली के लण्ड पर हाथ रख कर रगड़ने लगी. उसे लगा की लण्ड में बड़ी दम है ऊपर से मोटा लग रहा है।
तब तक परी ने लतीफ़ के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। अंदर ही अंदर उसका लण्ड पकड़ लिया। मैं पहले विदेशी लण्ड की तरफ बढ़ी और अकरम के लण्ड पर हाथ रख कर उसे बाहर निकाला। काल काला लण्ड साला फनफना कर मेरे सामने खड़ा हो आया। फिर मैंने दूसरे हाथ से अम्मी की दोस्त के मियां हसन का लौड़ा भी पैजामे के बाहर निकाल लिया और हिलाने लगी। मैं अपने दोनों हाथों के लण्ड पाकर बहुत खुश हुई न. मैंने दोनों लण्ड बड़े प्यार से चाटे और उनके पेल्हड़ सहला लिया। आज पहली बार हम सब नये नये अनजान लण्ड का मज़ा लूटने लगीं। जब लण्ड हाथ में आया तो फिर बदन पर कपड़ों का क्या काम। हम सबने अपने अपने कपड़े उतार कर फेंक दिया और एकदम नंगी नंगी हो गयीं। हमने अपने। अपने मर्दों को भी नंगा कर दिया। नंगे नंगे सारे मरद बड़े खूबसूरत लग रहे थे। हम सब पहली बार इतने सारे बाहरी नंगे नंगे लण्ड देख रहीं थीं। हमारा घर आज लौंड़ों से भर गया।
मैं अकरम और हसन का लण्ड चाटने लगी, परी लतीफ़ का लण्ड बड़े मजसे से चूसने लगी, मेरी भाभी भी मस्ती से सफीक और रकीब का लण्ड बारी बारी से मुंह में लेकर पीने लगीं और अम्मी तो जैसे हसरत के लन्दमे खो गयीं। उसने भी लण्ड पूरा का पूरा मुंह में भर लिया। अम्मी की इतनी उम्र होने के बावजूद वह लण्ड का मज़ा एक १९ /२० साल की लड़की की तरह ले रही थी। उसके ज़माने में लण्ड मुँह में लेने का इतना रिवाज़ नहीं था लेकिन हमारे साथ रह कर वह सब कुछ सीख गयीं। चुदवाने में भी वह २० /२१ साल की एक हॉट लड़की ही लगतीं हैं।
मैंने कहा:- भाभी गज़ब का लण्ड है ये विदेशी लण्ड। बहन चोद खूबसूरत भी है और जबरदस्त मोटा भी। आज मैंने पहली बार विदेशी लौड़ा पकड़ा है भाभी।
वह बोली :- हां खुशबू आज बहुत कुछ पहली बार हो रहा है। पहली बार मैं आज नन्द की चूत में लण्ड देख रही हूँ और सास के भोसड़ा में भी लण्ड देख रही हूँ।
मैंने कहा :- और आज पहली बार अम्मी अपनी बहू की बुर चुदवा रही है और बेटी की चूत भी।
इतने में अकरम ने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में। मैं चुदवाने लगी और हसन का लण्ड मुंह में लेकर चूसने भी लगी। मेरे बगल में भाभी सफीक से चुदवाने लगीं और रकीब का लण्ड चाटने लगी, अम्मी हसरत का लौड़ा अपने भोसड़ा में पेले हुए मस्ती करने लगी और परी भी लतीफ़ का लण्ड घुसेड़े हुए चुदवाने में जुट गयी। सबकी बुर चुद रही थी और सब एक दूसरे को देख देख कर मजा भी कर रहीं थीं। वासना और मस्ती हम सबके दिलोदिमांग में सवार हो चुकी थी। ऐसे में कुछ भी कहने का मौक़ा मिल जाता है और उसके साथ अगर शराब का नशा हो फिर कहने ही क्या ? जैसे सोने पे सुहागा।
परी बोली - खुशबू, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। वह यहां होती तो वह भी मज़ा करती ?
उधर से भाभी बोली :- खुशबू, तेरी माँ की बहू की बुर ?
अम्मी ने कहा :- बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
मैंने भी सुना दिया :- अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ?
इन गालियों ने चुदाई में गज़ब का जोश भर दिया। उन साले मर्दों ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी। गालियों का सिलसिला रुका नहीं। आगे ही बढ़ता गया।
भाभी ने कहा :- खुशबू, तेरी माँ की बिटिया की बुर ?
अम्मी ने कहा :- बहू, तेरी नन्द की भाभी की चूत ?
मैंने कहा :- अम्मी, तेरी बहू की सास का भोसड़ा ?
तब तक वो लोग हम लोगों की पीछे से बुर लेने लगे। मुझे लग रहा था की ये साले सब बड़े चुदक्कड़ लोग है। इन्हे बुर चोदने का अच्छा खासा अनुभव है।
परी ने कहा :- खुशबू, तेरी खाला भी बुर चोदी चुदवाते समय इसी तरह की मस्ती करती है। आज मुझे मालूम हुआ की जैसे मेरी माँ अपनी बिटिया की बुर चुदवाती है वैसे ही तेरी माँ भी तेरी बुर चुदवाती है। मैं भी अपनी माँ चुदाने में उतनी ही माहिर हूँ जितनी तू अपनी माँ चुदाने है। न मेरी माँ कोई लण्ड छोड़ती है और न तेरी माँ ? इन्हे लण्ड जहाँ दिख जाता है वही ये अपना भोसड़ा खोल देतीं हैं। मुझे मालूम है की मेरी माँ अभी मेरे ससुर से चुदवा रही होगी। और मेरी नन्द बुर चोदी मेरे अब्बू का लण्ड चूस रही होगी।
मैंने कहा - अरे यार ये दोनों बहनें एक जैसी हैं। ये तो अच्छा है की इसी बहाने हम सबको जवानी का मज़ा लेना अच्छी तरह आ गया।
तो दोस्तों, हमने फिर इन लोगों से दो दिन तक लण्ड अदल बदल कर खूब भकाभक चुदवाया।
अम्मी को दौड़ी दौड़ी मेरी तरफ आते हुए देखा तो मैंने पूंछा :- हाय अम्मी जान, क्या हुआ ? इतनी उतावली क्यों हो रही हो ?
वह बोली :- अरी खुशबू , कल क्या हुआ कुछ पूंछो न, बेटी ? ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ ? सुनो तो, उधर जब मेरा नंदोई तुझे चोद रहा था तो इधर तेरा नंदोई मुझे चोद रहा था। उधर तेरा बहनोई मेरी नन्द की बुर ले रहा था इधर मेरा बहनोई तेरी नन्द की बुर ले रहा था।
मैंने कहा :- अम्मी, अरे तुम्हे बस इतना ही मालूम है ? मुझे तो इसके आगे भी मालूम है। मैं जब रात को बाथ रूम के लिए उठी तो देखा की मेरा ससुर मेरी खाला का भोसड़ा चोद रहा है और मेरा अब्बू मेरी सास की बुर ले रहा है। अरे अम्मी जान अब तो यह सब बड़ा आसान हो गया है। जिसकी चाहो उसकी बुर में लौड़ा पेल दो और जिससे चाहो उससे चुदवा लो।
तो दोस्तों, इस तरह रात भर इस घर में लन्ड चूत की इसी तरह अदला बदली चलती रही। किसी ने भी अपनी बीवी की बुर में लन्ड नहीं पेला। सब भोसड़ी वाले दूसरों की बीवियां चोदते रहे और सब बीवियां बुर चोदी गैर मरदों से चुदवाती रहीं ?
मैं चुदवाकर थोड़ा सो गयी। थोड़ी देर बाद उठी तो मुझे लगा की इतनी रात हो गयी है लेकिन फिर भी यहाँ कहीं न कहीं चुदाई हो रही है। मैं फिर जासूसी करने लगी। मैंने देखा की इस बार मेरी सास मेरे नंदोई से चुदवा रहीं हैं। यानी उसे अपनी ही बेटी के मियां का लन्ड पसंद आ गया है। जो लन्ड उसकी बीवी की बुर चोदता है वही लन्ड उसकी माँ की बुर ले रहा है। मेरी खाला तो मेरे ससुर के लन्ड पर मर मिटीं हैं। वह तो लन्ड ऐसे चूस रही है जैसे ज़िन्दगी में उसे पहली बार कोई लन्ड मिला है. थोड़ी देर चूसने के बाद अपना भोसड़ा खोल दिया उसके आगे और पेलवा लिया मेरे ससुर का लन्ड ? मेरी नन्द बुर चोदी मेरे अब्बू का लन्ड पी रही है। मेरा अब्बू पूरी ताकत से उसकी बुर चोदने को तैयार है। मेरी फूफी अम्मी के बहनोई से चुदवा रही है। अम्मी फूफा का लन्ड चाट रहीं हैं।
यह सब देख कर मेरी चूत भी भोसड़ी की गन गना उठी। मैं चुप चाप अंदर गयी और खालू का लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। खालू जग गया और उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया। फिर उसने मुझे अपनी बीवी की तरह खूब दनादन चोदा। इस बार भी मैंने देखा की सब लोग दूसरे की बीवी चोद रहें हैं। ख़ैर मैंने भी रात भर चुदाई का मज़ा लिया।
मैं यह सोंचती रही की हम सब बीवियां यहाँ बहन चोद अपने कुनबे के ही लन्ड से चुदवाती रहतीं हैं या फिर अपने नाते रिश्ते दारों के लन्ड से ? दुनिया बहुत बड़ी है हमने कभी कुनबे से बाहर के लन्ड के बारे में सोंचा ही नहीं।
कहतें हैं की खुदा ने जितने मरद बनाये है उतनी ही तरह के लन्ड भी बनाये हैं। घर के बाहर के लोगों के लन्ड का मज़ा हम कोई भी नहीं लेतीं ? हम बस एक कुँए में ही क्यों घुसी रहती हैं। ऐसा ख्याल आते ही मैंने दूसरे दिन यह सवाल अम्मी के सामने रख दिया।
मैंने कहा :- अम्मी, हम लोग घर से बाहर के लन्ड क्यों नहीं पकड़ती ? हम उन लोगों से क्यों नहीं चुदवाती जिन लोगों के लन्ड न हमने कभी देखा है और न उनके बारे में सुना है ? अगर हमारे अंदर आग है तो उसको बुझाने के लिए और भी तरह तरह के लन्ड होने चाहिए ? अम्मी ज़रा सोंचो अगर हमें कोई अपरिचित लन्ड मिले और कई तरह के लन्ड मिलें तब कितना मज़ा आएगा ?
अम्मी ने जबाब दिया :- हां बात तो तेरी ठीक है बेटी, पर हम लोगों को इज़ाज़त नहीं है बाहर के मरदों से चुदवाने की ? ऐसा अगर हुआ तो लोग हमें बदनाम कर देगें।
मैंने कहा :- कौन है ये भोसड़ी वाले लोग ? वो होते कौन है हमें बाहर लोगों के लन्ड पकड़ने से रोकने वाले ? मैं न उंन्हे मानती हूँ और न उनकी बातों को ? मैं लन्ड उनकी परवाह नहीं करती ? ऐसे लोगों की तो मैं माँ चोद दूँगी। मैं तो बाहर के लोगों से चुदवाऊंगी। देखती हूँ कौन भोसड़ी वाला बोलता है ? कौन मेरी झांट उखाड़ने आता है बहन चोद ? मैं अब अपने आप को रोक नहीं सकती।
अम्मी ने कहा :- हां बेटी खुशबू तुम ठीक कह रही हो ? मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं भी कुनबे के लौंड़ों से चुदवा चुदवा कर थक गयी हूँ। बार बार वही लन्ड आ आ कर चोदते रहतें हैं बहन चोद ? कोई नयापन है ही नहीं । अरे कोई नया लौड़ा हो तो मज़ा भी आये ? मैं तो बाहर वालों के लन्ड से चुदवाना चाहती हूँ पर सवाल यह है की बाहर वालों के लन्ड मिलेगें कैसे ?
मैंने कहा :- अरे अम्मी, जब ढूढ़ने निकलूंगी तो एक नहीं दर्जनों लन्ड मिलेगें अम्मी। मेरी नन्द भी भोसड़ी की बाहर वालों से चुदवाने के लिए बेताब रहती है। उसके संपर्क में कुछ मरद हैं जो उसे और उसकी माँ चोदने को तैयार हैं। मैं भी कुछ लोगों को जानती हूँ जो मुझे और मेरी माँ चोदने की इच्छुक हैं।
अम्मी बोली :- अरे हां बेटी मुझे भी याद आ गया। एक दिन इकबाल कह रहा था की भाभी मेरे दो दोस्त है जो तुम्हे चोदने के लिए बेताब हैं और तेरी बेटी की बुर लेने के लिए खुदा से दुआ मांग रहे हैं।
मैंने कहा :- अरे अम्मी उससे कह दो की उसकी दुआ क़ुबूल हो गयी है। मैं उनके दोस्तों से चुदवाने के लिए तैयार हो गयी हूँ। मैं भी अपने लोगों को बुला लेती हूँ। आज तुम भी बाहर वालों के लन्ड का मज़ा लो अम्मी और मैं भी।
तब तक मेरी भाभी आ गयी। वह बोली अरे मेरी नन्द रानी खुशबू मैं भी बाहर वालों से चुदवाने के लिए तैयार हूँ। मैं एक होटल से कांटेक्ट किया है वहां विदेशी लन्ड मिलते हैं। काले भी लन्ड और गोर भी लन्ड। मेरी इच्छा है की मैं अपनी नन्द की बुर में विदेशी लन्ड पेलूं। अपनी सास का भोसड़ा उन लोगों से चुदवाऊँ ?
अम्मी बोली :- हाय मेरी बुर चोदी बहू रानी। तूने तो कमाल कर दिया। मैं बहुत दिनों से विदेशी मर्दों से चुदवाना चाहती हूँ लेकिन आजतक मेरी यह तमन्ना पूरी नहीं हुई।
भाभी ने कहा :- मैं पूरी करुँगी तेरी इच्छा मेरी हरामजादी सासू जी। मुझे तेरा भोसड़ा चोदने में बड़ा मज़ा आएगा ? मुझे इसी दिन का इंतज़ार था।
अम्मी बोली :- पर बहू रानी मुझे यह तो बताओ की तुम्हारी ऐसे लोगों से मुलाक़ात कैसे हुए और तुम कैसे विदेशी लन्ड तक पहुंची ?
भाभी ने कहा :- मेरी एक सहेली है फ़िरोज़ा वह भोसड़ी की होटलों में जाया करती थी और विदशी लन्ड पकड़ा करती थी। मेरी भी इच्छा हुई विदेशी लन्ड पकड़ने की तो एक दिन मैं भी उसके साथ चली गयी। उस दिन मुझे उसने एक काला लन्ड पकड़ाया वह मलेसिया का था। लन्ड साला बहुत बड़ा था और मोटा भी। थोड़ी देर में वह एक उतना ही बड़ा और मोटा गोरा लन्ड लेकर आ गयी। फिर हम दोनों ने मिलकर उन लौंड़ों से खूब मस्ती से चुदवाया। उन लोगों की इंडियन चूत बहुत अच्छी लगती है। फिर एक दिन मैंने उन्हें अपने घर बुलाकर अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाया। अम्मी बहुत खुश हो गयीं। उसे भी विदेशी लन्ड का चस्का लग गया।
मैंने कहा :-हाय मेरी भाभी जान अब तुम बाहर वालों के लन्ड से अपनी नन्द की बुर चोदो और चोदो अपनी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मैं भी चोदूँगी अपनी माँ की बहू की बुर ?
भाभी बोली :- अच्छा मैं अभी बात करती हूँ.
मैंने कहा :- देखो अम्मी जान, तुम एक बीवी हो, मैं भी किसी की बीवी हूँ, मेरी भाभी जान तो बीवी हैं ही ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,?
तब तक पीछे से आवाज़ आयी - अब तो मैं भी किसी की बीवी हो गयी हूँ।
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह मेरी खाला की बेटी परी थी। उसकी शादी अभी एक हफ्ते पहले ही हुई है। वह पहली बार अपनी सुहागरात में चुदवाकर आयी है और आते ही ग़ैर मरद से चुदवाने के लिए तैयार है। दोस्तों, आप मेरा नाम तो जान ही गए हैं। मैं खशबू हूँ। शादी शुदा हूँ. मस्त हूँ जवान हूँ। सेक्सी हूँ और हॉट हूँ। मेरी अम्मी जान का नाम है हबीबा और मेरी भाभी हैं रबा। अम्मी लगभग ४६ साल की हैं और भाभी २५ साल की। हम चारों बीवियों ने मिलकर डिसाइड किया आज रात को बाहरी लोगों से चुदवाया जाए। अब कम से कम चार लण्ड की जरुरत है। वो भी बाहर के लण्ड हों और ऐसे लण्ड हों जिनको कभी देखा न हो, जिन्हे कभी पकड़ा न हो और जिनके बारे में कभी कुछ सुना न हो। एकदम नए ताज़े फ्रेश लण्ड हों, बड़े भी हों और मोटे भी। तब आएगा चुदवाने का असली मज़ा ?
हम चारों एकदम नये नये लण्ड की तलाश में जुट गयी। अम्मी नेकहा अब देखो आज तो इतनी जल्दी लण्ड मिल नहीं सकते लेकिन अभी से लेकर कल तक जरूर मिल जायेगें। इसलिए कल होगा बाहर के मर्दों स चुदवाने का खेल। रात को भाभी ने कहा हाय मेरी नन्द रानी मैंने तेरी चूत के लिए लण्ड का इंतज़ाम कर लिया है। मैंने होटल से अभी अभी बात की है। कल एक देशी लण्ड और एक विदेशी लण्ड आ जायेगा। पारी ने बताया यार खुशबू मेरे ससुर का एक दोस्त है। उसका नंबर मेरे पास है , मैं उसे बुला लेती हूँ. सुना है की उसका लण्ड मेरे ससुर के लण्ड से बड़ा भी है और मोटा भी। अम्मी और मैं अभी तलास में लगीं थीं। सवेरे सवेरे अम्मी ने बताया खुशबू मैंने भी एक लण्ड का इंतज़ाम कर लिया है।
फिर शाम को करीब ८ बजे लोग आने शुरू हो गये। हमने ड्रिंक्स का प्रबंध पहले ही कर रखा था। सबसे पहले अम्मी का लौड़ा आया। अम्मी ने कहा इससे मिलो ये है हसन मेरी दोस्त का शौहर कल ही दुबई से आया है। हैं सबको पसंद आया और हसन भी सबसे मिला। उसके बाद परी का लौड़ा आया। वह बोली अरे हसरत अंकल अंदर आ जाओ। उसने हम सबको उससे मिलवाया। वह आदमी तो अधेड़ उम्र का था पर था बड़ा हैंडसम। तब तक भाभी के भी आ गए। उसने कहा यह है देशी लौड़ा रफीक और यह विदेशी लौड़ा अकरम उल्लाह मलेसिया का ? अकरम थोड़ा काला था। बाद में मेरे लौड़े भी आ गए। मैंने बताया यह है लौड़ा सफीक और यह है लौड़ा लतीफ़। दोनों ही एक कॉलेज के लड़के हैं।
मैं अकरम और हसन का लण्ड चाटने लगी, परी लतीफ़ का लण्ड बड़े मजसे से चूसने लगी, मेरी भाभी भी मस्ती से सफीक और रकीब का लण्ड बारी बारी से मुंह में लेकर पीने लगीं और अम्मी तो जैसे हसरत के लन्दमे खो गयीं। उसने भी लण्ड पूरा का पूरा मुंह में भर लिया। अम्मी की इतनी उम्र होने के बावजूद वह लण्ड का मज़ा एक १९ /२० साल की लड़की की तरह ले रही थी। उसके ज़माने में लण्ड मुँह में लेने का इतना रिवाज़ नहीं था लेकिन हमारे साथ रह कर वह सब कुछ सीख गयीं। चुदवाने में भी वह २० /२१ साल की एक हॉट लड़की ही लगतीं हैं।
मैंने कहा:- भाभी गज़ब का लण्ड है ये विदेशी लण्ड। बहन चोद खूबसूरत भी है और जबरदस्त मोटा भी। आज मैंने पहली बार विदेशी लौड़ा पकड़ा है भाभी।
वह बोली :- हां खुशबू आज बहुत कुछ पहली बार हो रहा है। पहली बार मैं आज नन्द की चूत में लण्ड देख रही हूँ और सास के भोसड़ा में भी लण्ड देख रही हूँ।
मैंने कहा :- और आज पहली बार अम्मी अपनी बहू की बुर चुदवा रही है और बेटी की चूत भी।
इतने में अकरम ने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में। मैं चुदवाने लगी और हसन का लण्ड मुंह में लेकर चूसने भी लगी। मेरे बगल में भाभी सफीक से चुदवाने लगीं और रकीब का लण्ड चाटने लगी, अम्मी हसरत का लौड़ा अपने भोसड़ा में पेले हुए मस्ती करने लगी और परी भी लतीफ़ का लण्ड घुसेड़े हुए चुदवाने में जुट गयी। सबकी बुर चुद रही थी और सब एक दूसरे को देख देख कर मजा भी कर रहीं थीं। वासना और मस्ती हम सबके दिलोदिमांग में सवार हो चुकी थी। ऐसे में कुछ भी कहने का मौक़ा मिल जाता है और उसके साथ अगर शराब का नशा हो फिर कहने ही क्या ? जैसे सोने पे सुहागा।
परी बोली - खुशबू, तेरी माँ की बहन का भोसड़ा। वह यहां होती तो वह भी मज़ा करती ?
अम्मी ने कहा :- बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ?
मैंने भी सुना दिया :- अम्मी, तेरी बहू की नन्द की चूत ?
इन गालियों ने चुदाई में गज़ब का जोश भर दिया। उन साले मर्दों ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी। गालियों का सिलसिला रुका नहीं। आगे ही बढ़ता गया।
भाभी ने कहा :- खुशबू, तेरी माँ की बिटिया की बुर ?
अम्मी ने कहा :- बहू, तेरी नन्द की भाभी की चूत ?
मैंने कहा :- अम्मी, तेरी बहू की सास का भोसड़ा ?
तब तक वो लोग हम लोगों की पीछे से बुर लेने लगे। मुझे लग रहा था की ये साले सब बड़े चुदक्कड़ लोग है। इन्हे बुर चोदने का अच्छा खासा अनुभव है।
परी ने कहा :- खुशबू, तेरी खाला भी बुर चोदी चुदवाते समय इसी तरह की मस्ती करती है। आज मुझे मालूम हुआ की जैसे मेरी माँ अपनी बिटिया की बुर चुदवाती है वैसे ही तेरी माँ भी तेरी बुर चुदवाती है। मैं भी अपनी माँ चुदाने में उतनी ही माहिर हूँ जितनी तू अपनी माँ चुदाने है। न मेरी माँ कोई लण्ड छोड़ती है और न तेरी माँ ? इन्हे लण्ड जहाँ दिख जाता है वही ये अपना भोसड़ा खोल देतीं हैं। मुझे मालूम है की मेरी माँ अभी मेरे ससुर से चुदवा रही होगी। और मेरी नन्द बुर चोदी मेरे अब्बू का लण्ड चूस रही होगी।
मैंने कहा - अरे यार ये दोनों बहनें एक जैसी हैं। ये तो अच्छा है की इसी बहाने हम सबको जवानी का मज़ा लेना अच्छी तरह आ गया।
तो दोस्तों, हमने फिर इन लोगों से दो दिन तक लण्ड अदल बदल कर खूब भकाभक चुदवाया।
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