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लण्ड एक दूसरे की चूत में घुसेड़ कर चुदवाने लगीं - Ek dusri ki chut me land dekar chudwayi
लण्ड एक दूसरे की चूत में घुसेड़ कर चुदवाने लगीं - Ek dusri ki chut me land dekar chudwayi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
बेटा, सबकी बहू बेटियां चोदो और सबकी बीवियां चोदो
मैं आपको बताना चाहती हूँ दोस्तों, की मैं अपनी अम्मी से पूरी तरह खुली हुई हूँ। हम दोनों माँ बेटी से ज्यादा अब एक दूसरे की दोस्त हैं। इसका सबसे बड़ा कारन है लण्ड ? लण्ड की उसे भी जरुरत है और मुझे भी। बिना लण्ड के न वह रह सकती है और न मैं। यही वजह है की एक दिन हम दोनों ने समझौता कर लिया की जो लण्ड मैं पकड़ूँगी वही लण्ड तुम्हे भी पकड़ा दूँगी और जो लण्ड तुम पकड़ोगी वही लण्ड मुझे पकड़ा दोगी। इस तरह हम दोनों एक दूसरे को लण्ड पकड़ाने लगीं और खुल कर बातें करने लगीं। गन्दी से गन्दी बातें करने लगीं. लण्ड, चूत, गांड, भोसड़ा सब बकने लगीं। यहाँ तक की मनोरंजन के लिए गालियां भी मुंह से निकालने लगीं। मादर चोद, बहन चोद, भोसड़ी की, बुर चोदी, बेशर्म, छिनार, सब कुछ होने लगा। फिर क्या लण्ड एक दूसरे को पकड़ाने के साथ साथ हम मिलकर चुदवाने भी लगीं। हम दोनों के बीच की शर्म नाम की चीज हमेशा के लिए ख़तम हो गयी। मेरी जब शादी हो गयी तो मैं अम्मी से और ज्यादा खुल गयी।
बातों ही बातों में मैंने एक दिन कहा :- अरे अम्मी जान, ये सारी बीवियां अपने अपने मियां का लण्ड चोदती तो हैं। पर यह पता नहीं चलता है की ये सब कैसे अपने मियां का लण्ड चोदती हैं ? और फिर अपने मियां का लण्ड चोदा तो क्या चोदा ? मज़ा तो तब है जब किसी दूसरे के मियां का लण्ड चोदो और खुल्लम खुल्ला चोदो तभी तो मालूम होगा की किस बीवी की गांड में कितना दम है ?
अम्मी बोली :- अरे मेरी आसना बेटी, लण्ड चोदने के लिए चूत की जरुरत होती है गांड की नहीं ?
मैंने कहा :- नहीं अम्मी जान, चाहे मियां चोदे बुर, चाहे बीवी चोदे लण्ड, जोर तो गांड से ही लगाना पड़ता है। बिना गांड से जोर लगाए हुए कोई बुर नहीं चोद सकता अम्मी जान ? और कोई बीवी बिना गांड से जोर लगाए किसी का लण्ड नहीं चोद सकती ? इसलिए गांड में दम होनी चाहिए।
अम्मी ने कहा :- हाय मेरी बुर चोदी आसना तू तो बहुत कुछ जानती है। मैं भी इतना नहीं जानती ?
मैंने कहा :- अरे अम्मी जान, मैं १७ साल की उम्र से लण्ड चोद रही हूँ। अब तक दर्जनों लण्ड चोद डाले हैं मैंने ? पिछले दो साल से मैं अपनी ससुराल वालों के लण्ड चोद रही हूँ। जो भी मेरे घर में आता है मैं उसको बिना उसका लण्ड चोदे जाने नहीं देती ? यहाँ आने के पहले अपने ससुर के दो दोस्तों के लण्ड चोद कर आयी हूँ। एक तो भोसड़ी का दाढ़ी वाला मौलाना था। उसे अपने लण्ड पर बड़ा नाज़ था। एक ही बार में भून डाला उसका लण्ड बहन चोद अपनी चूत में डाल कर ? भुने हुए बैगन की तरह निकला उसका लण्ड मेरी चूत से ? लण्ड की तो ऐसी की तैसी हो ही गयी मौलाना की भी गांड फट गयी। वह मेरे ससुर से बोला यार मैंने तेरी बहू की जैसी लण्ड चोदने वाली लड़की कोई और नहीं देखी। जितनी लड़कियों ने मेरा लण्ड चोदने की कोशिश की उन सबकी चूत के चीथड़े उड़ गए, पर तेरी बहू की चूत ने मेरे लण्ड के चीथड़े उड़ा दिए।
अम्मी बोली :- वाह आसना वाह ! मुझे तुम पर नाज़ है बेटी और तेरी चूत पर नाज़ है आशना।
एक बार मेरा देवर खालिद मेरे घर आ गया। मैं माईके में थी। वह सबसे मिला और खूब प्यार से मिला। उसका कोई काम था इसलिए उसे ३/४ दिन ठहरना था। २४ साल का एकदम हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा नौजवान उसने सबके दिलो पर धाक जमा ली। एक दिन वह अम्मी से बातें करने लगा।
मैंने कहा अम्मी तू मेरे देवर का लण्ड पी रही है मैं तेरे देवर का लण्ड पीकर आ रही हूँ। वह बोली कौन सा देवर बेटी। मैंने कहा गाँव वाला देवर हसन चचा जान ? वह बोली हाय अल्ला, उसका लौड़ा तो बहुत लंबा चौड़ा है। उससे तो बुर चुदवाना चाहिए था बेटी ? मैंने कहा बुर मैं आज रात को चुदवाऊंगी ? आज दिन में वह भाभी की बुर चोदेगा और कल वह चला जायेगा। अम्मी बोली ऐसे कैसे चला जायेगा। उसे बुलाओ मेरे सामने। जब तक वह आया तब तक अम्मी देवर के लण्ड का मुठ्ठ मार चुकी थीं और उसका वीर्य भी पी चुकीं थीं। मेरा देवर भी जाने के मूड में था। तब अम्मी ने दोनों से कहा तुम लोग भोसड़ी के हमारी चूत में आग लगा कर ऐसे कैसे चले जाओगे ? अब आये तो खूब मस्ती और अय्यासी करके जाओ न ? अभी तो मेरी बहुएं चोदो, मेरी बेटियां चोदो, यहाँ सबकी बीवियां चोदो। सबकी बुर अच्छी तरह लो। एक बार नहीं कई बार लो, सबकी चूत में खुल्लम खुल्ला लण्ड पेलो। जब खुदा ने इतना बढ़िया लण्ड दिया है तो तुम उसका इस्तेमाल करो। अभी तो न तुमने मेरी बुर चाटी है और न मेरी बेटी की बुर ? न मेरी बहू की बुर चाटी है और न वहां की बीवियों की बुर ? अभी रुको सबकी बुर का मज़ा लो और सबको अपने अपने लण्ड का मज़ा दो।
फिर अम्मी मेरी तरफ मुंह करके बोली :- बेटी आशना, कल सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम बनाओ जिसमे सबकी बुर खुल्लम खुल्ला चोदी जाएगी। चाहे बेटी हो, बहू हो, नन्द हो, भौजाई हो, जेठानी हो, देवरानी हो, खाला हो, फूफी हो सबकी बुर में सबके लण्ड पेले जायेंगें। सबके लण्ड सबकी बुर चोदेंगें। चाहे दो दिन लगे, चाहे तीन दिन ? जब तक सब लोग सबकी बुर चोद नहीं लेगें, जब तक सब अपनी अपनी बुर सबसे चुदवा लेगीं तब तक कोई भी घर से बाहर कदम नहीं रखेगा। जो ऐसा करेगा उसकी माँ मैं चोदूँगी। अम्मी की बात न मानने वाली बुर चोदी वहां कोई नहीं थी। और बात न मानने वाला भोसड़ी का भी कोई नहीं था। मेरी रेहाना भाभी जान उसी समय आ गयी। उसे भी साड़ी बात का पता चल गया। वह भी बड़ी मजाकियां है हंसमुख है और खूब मस्ती करती हैं। हम तीनो खूब मज़ा भी करती हैं और कभी कभी आपस में तू तू मैं मैं / नोंक झोंक भी हो जाती है। खूब मज़ा आता है
एक दिन मेरी भाभी से कुछ नोक झोंक हो गयी। वह बोली नन्द रानी मैं तेरी माँ की चूत चोद डालूंगी अभी।
मैंने भी कहा अच्छा ऐसी बात है तो फिर मैं भी तेरी सास का भोसड़ा चोदूँगी। हम दोनों की बातें अम्मी ने सुन लीं की ये दोनों मेरा भोसड़ा चोदना चाहती है। तो वह आगे बढ़ी और बोली बेटी मैं किसी दिन तेरी भाभी की बुर में घुसेड़ दूँगी लण्ड ? मैंने कहा ठीक ही तो है अम्मी। मैं भी तेरी बहू की बुर चोद डालूंगी। मैं कहाँ पीछे रहने वाली हूँ। फिर अचानक वह बोली बहू रानी मैं तेरी नन्द की चूत में पेल दूँगी हाथ भर का लण्ड ? भाभी ने जबाब दिया वाओ, तब तो मज़ा आ जायेगा। मैं भी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर चोदूँगी सासू जी।
तब फिर मैंने सामूहिक चुदाई का ढिंढोरा पूरे घर में पीट दिया और नाते रिस्दारों को भी बता दिया। सब लोग बहुत खुश हो गए। नतीजा यह हुआ की दूसरे दिन घर में बहुत भीड़ हो गयी। खाला अपनी बेटी दामाद के साथ आ गयी, फूफी भी अपनी बेटी दामाद के साथ आ गयी। खालू आ गया फूफा आ गए। अब्बास चचा जान भी आ गए। मेरी नन्द नंदोई आ गए। कुछ आने वाले थे। सब लोग बड़े अच्छे मूड में थे। मैंने भी पूरा इंतज़ाम कर लिया। लंच और डिनर का आर्डर दे दिया। ड्रिंक्स, स्नैक्स, नमकीन, सोडा, पानी, गिलास, बर्फ, नैपकीन, टॉवेल्स, रेज़र, कैंची, झांट बनाने वाली मशीन, क्रीम, आयल, आइस क्रीम, मक्खन सब कुछ इकठ्ठा कर लिया। हालाँकि हमारे यहाँ कोई कंडोम का इस्तेमाल नहीं करता फिर मैंने रख लिया। सबको यह तो मालूम ही था की हम लोग यहाँ क्यों इकठ्ठा हुए हैं ?
फिर क्या हमने ड्रिंक्स चालू कर दिया। बगल हॉल में नीचे गद्दे बिछा दिया मसनद लगा दी, कुछ तकिया रख दी और तौलिया आदि भी। सब लोग दारू पीने में मस्त होने लगे। एक दूसरे से बातें भी करने लगे और कुछ लोग एक दूसरो को ललचाई नज़रों से देखने भी लगे। इसमें कुछ ऐसे है जिन्होंने कुछ बीवियों / बेटियों या बहुओं को नंगी देखा है और कुछ ऐसी भी हैं जिन्होंने ने कुछ लोगों के लण्ड देखें हैं। लेकिन एक बात तो सच है की किसी ने भी इतने लोगों के बीच सबको एक साथ नंगी नहीं देखा और एक साथ नंगा नहीं देखा। आज का यह समारोह मजेदार तो होगा ही ? मस्ती साफ साफ झलक रही थी। शराब का नशा चढ़ रहा था। लोग अपने अपने पार्टनर की तलाश करने लगे। उन पर अपनी नज़रें गड़ाने लगे। मैं भी सोंचने लगी की मैंने किस किस लण्ड पकड़ा है और किस किस का बाकी है। अम्मी मेरे देवर के पास गयी और कहा बेटा बोलो तुम किसकी बेटी चोदोगे ? किसकी माँ चोदोगे या फिर किसकी बीवी चोदोगे ?
वह बोला आंटी जी मुझे चोदना तो सबको है अब मैं यह सोंच रहा हूँ की पहले किसकी बुर चोदूँ ? तब तक उसकी निगाह मेरी नन्द फरीदा पर पड़ी। उसकी चूचियां खुली हुई थीं बस वह चूँचियाँ ही देखने लगा और सोंच लिया की क्यों न इसे पहले चोदा जाए ? वह आगे बढ़ा और फरीदा की चूँचियाँ पकड़ लीं। वह भी एक मस्त लड़का पाकर खुश हो गयी और सीधे लण्ड पर हमला कर दिया। उसने खालिद की लुंगी खोल कर सबके सामने लण्ड हिलाने लगी और बोली भाभी जान तेरे देवर का लण्ड तो मेरे अब्बू के लण्ड से मिलता जुलता है। लण्ड कई बार चूमा उसने और फिर एकदम नंगी होकर उस पर चढ़ बैठी। फूफी की बेटी हाय तरफ बढ़ी और उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। उसका हाथ अब्बू के लण्ड से टकरा गया। वह बोली ह्या भाभी तेरे अब्बू का लण्ड तो बहन चोद बहुत बड़ा है। उसके फ़ौरन अब्बू को नंगा किया और लौड़ा निकाल कर चाटने लगी। लण्ड के टोपा अपनी जबान घुमाने लगी और पेल्हड़ चूमने लगी।
तब तक फूफी रहीमा मेरे खालू अतीक से चिपक गयीं। खालू ने उसे पहले नंगी कर दिया। उसकी चूँचियाँ मसलना शुरू किया और चूत सहलाना भी। फिर फूफी ने लण्ड मुंह में लिया और मस्ती से चूसने लगी। खाला की बेटी सायना फूफा के लण्ड की तरफ बढ़ी। उसको किसी ने बता दिया था की फूफा का लण्ड बहुत मोटा है। उसने फटाफट लण्ड खोल कर निकाला और एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर लण्ड ऊपर से नीचे तक चूमने चाटने लगी। नंगी तो वह बुर चोदी पहले से ही बैठी थी। उधर खाला का दिल मेरे नंदोई पर आ गया। वह भी भोसड़ी का ऑलमोस्ट। खाला लण्ड पकड़ कर बोली बेटा तेरा तो लण्ड मेरे देवर के लण्ड जैसा है। उतना ही मोटा और उसकी ही तरह सख्त ? अब तुम उसकी ही तरफ मेरी बुर चोदना।मेरी अम्मी जान खाला दामाद शाहिद की तरफ बढ़ीं और उसे अपनी बाँहों में भर कर बोली बेटा तुम मेरी बहन की बिटिया की बुर लेते हो आज मेरी बुर लेकर देखो। अपनी बीवी की माँ की बहन का भोसड़ा चोद कर देखो बेटा ? तुम्हे मज़ा आ जायेगा। तब
तक मैं चचा जान को नंगा कर चुकी थी। मेरे चचा जान अब्बास का लौड़ा बिलकुल घोड़े के लौड़े की तरह है। मैं भी नंगी थी और मैं उसका लण्ड बुरी तरह चाटने लगी।
पूरे हॉल में ८ मरद एकदम नंगे थे। ८ नंगे लण्ड टन टना रहे थे। और ८ चूत भी थी और उनकी चूँचियाँ भी नंगी नंगी मॉडल गरम कर रहीं थीं। इतने ज्यादा लण्ड और चूत एक साथ देख कर सब लोग मस्ती के मूड में आ गए। सभी बीवियां थीं बहन चोद और साथ ही साथ किसी की बेटी किसी की बहू और किसी की माँ भी थीं। इस ग्रुप में माँ भी चुदेगी, बेटी भी चुदेगी, बहू भी चुदेगी, सास भी चुदेगी और नन्द भी। थोड़ी देर तक ये बुर चोदी बीवियां पराये मर्दों के लण्ड चूसती रही और फिर मरद भी भोसड़ी के परायी बीवी की बुर चाटते रहे। उसके बाद एक एक करके सबने अपने अपने लण्ड किसी न किसी बीवी की बुर में पेल दिया। पर किसी ने अपनी बीवी की बुर में लण्ड नहीं पेला। सब दूसरे की बीवी की बुर में लण्ड घुसेड़े हुए थे। बीवियां भी बड़े मजे से ग़ैर मर्दों के लण्ड अपनी चूत में घुसेड़वाकर कर मजा ले रहीं थीं।
चचा अब्बास मेरी बुर चोदने लगा तो अब्दुल मेरी माँ का भोसड़ा में लण्ड पेले हुए गचागच चोदने में जुट गया। मेरी भाभी जान तो मेरे देवर से ऐसे चुदवाने लगी जैसे वह अपने ही मियां से चुदवा रही हों ? मेरा नन्दोई मेरी खाला की चूत में लण्ड घुसा दिया और भकाभक चोदने लगा। उसकी बेटी सायना अपनी माँ का भोसड़ा चुदता हुआ देख रही थी। फिर उसने भी अपनी चूत फैला दी और मेरे फूफा से अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मेरी फूफीमेरे खालू के लण्ड पर मर मिटी थी। फिर उसने लण्ड अपनी चूत में घुसेड़वा लिया और चुदवाने लगी। उसकी बेटी हया ने घूम कर मेरे अब्बू का लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया। वह भी अपनी अम्मी के सामने ही मेरे अब्बू से चुदवाने लगी। मेरी नन्द फरीदा शाहिद का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए भकर भकर चुदवाने लगी। पूरा हॉल चुदाई की आवाज़ो से गूंजने लगा।
यहाँ माँ बेटी सास बहू नन्द भौजाई सब एक साथ आमने सामने चुदवा रही हैं। पर सच बात यह है ये सबकी सब बहन चोद बीवियां हैं। और सब बीवियां पराये मर्दों से चुदवाने लूट रही हैं। यह लोग परायी बीवियां ग्रुप में चोद
रहे हैं। हर एक मियां ७ परायी बीवी की बुर चोदेगा और हर एक बीवी ७ पराये मर्दों से चुदवायेगी। चुदवाते हुए सबको मस्ती आयी तो सब अल्लम गल्लम बकने लगी। सबसे पहले अम्मी बोली - बेटी आशना देख तेरी माँ का भोसड़ा कितनी मस्ती से झमाझम चुद रहा है और चुद रही है तेरी नन्द की चूत ? मैं भी उसी लहज़े में जबाब दिया - देख अम्मी कितनी बेरहमी से चुद रही है तेरी बिटिया की बुर , बहन चोद ? उधर खाला बोली आशना तेरी माँ की बहन का भोसड़ा ? तू तो बहुत बड़ी छिनार निकली। तब तक फूफी बोल पड़ी हाय आशना तूने मेरी बेटी की बुर मेरे सामने ही चुदवा दी ? तू भोसड़ी की बहुत बड़ी हरामजादी है। तुझे शर्म नहीं आयी ऐसा करते हुए ? मैंने कहा - अरी मेरी बुर चोदी फूफी तुझे अपनी बेटी के सामने अपना भोसड़ा चुदवाने में शर्म आ रही है क्या ? तू तो अपने बेटी के मियां का लण्ड भी अपनी बुर में पेल लेती है।
फूफी ने जबाब दिया - आये हाय मेरी मादर चोद आशना देख, जब चूत खुली हो और सामने लण्ड खड़ा हो तो फिर कौन भोसड़ी वाली नहीं चुदवायेगी ? लण्ड सिर्फ लण्ड होता है बेटी ? लण्ड पर किसी का नाम नहीं लिखा होता है और न ही कोई रिस्ता लिखा होता है। तू भी तो मेरे मियां का लण्ड गपर गपर घुसा लेती है अपनी चूत में ? तब तक मेरा देवर बोला - आशना भाभी आज मैं तेरी दीदी की भी बुर लूंगा ? मैंने कहा - अरे यार दीदी को आने तो दे ? तू उसे पहले चोद लेना। मैं तो उसके ससुर के लण्ड का इंतज़ार कर रही हूँ , सुना है उसका लण्ड बहुत मोटा है और मुझे मोटे लण्ड से बेहद प्यार है। उसके बाद हम सब एक दूसरे का लण्ड घुसेड़ घुसेड़ कर धकाधक् चुदवाने लगीं । लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगीं और लण्ड एक दूसरे की चूत में घुसेड़ घुसेड़ कर चुदवाने लगीं। यह सामूहिक चुदाई हम लोगों के लिए एक यादगार चुदाई बन गयी।
बेटा, सबकी बहू बेटियां चोदो और सबकी बीवियां चोदो
मैं आपको बताना चाहती हूँ दोस्तों, की मैं अपनी अम्मी से पूरी तरह खुली हुई हूँ। हम दोनों माँ बेटी से ज्यादा अब एक दूसरे की दोस्त हैं। इसका सबसे बड़ा कारन है लण्ड ? लण्ड की उसे भी जरुरत है और मुझे भी। बिना लण्ड के न वह रह सकती है और न मैं। यही वजह है की एक दिन हम दोनों ने समझौता कर लिया की जो लण्ड मैं पकड़ूँगी वही लण्ड तुम्हे भी पकड़ा दूँगी और जो लण्ड तुम पकड़ोगी वही लण्ड मुझे पकड़ा दोगी। इस तरह हम दोनों एक दूसरे को लण्ड पकड़ाने लगीं और खुल कर बातें करने लगीं। गन्दी से गन्दी बातें करने लगीं. लण्ड, चूत, गांड, भोसड़ा सब बकने लगीं। यहाँ तक की मनोरंजन के लिए गालियां भी मुंह से निकालने लगीं। मादर चोद, बहन चोद, भोसड़ी की, बुर चोदी, बेशर्म, छिनार, सब कुछ होने लगा। फिर क्या लण्ड एक दूसरे को पकड़ाने के साथ साथ हम मिलकर चुदवाने भी लगीं। हम दोनों के बीच की शर्म नाम की चीज हमेशा के लिए ख़तम हो गयी। मेरी जब शादी हो गयी तो मैं अम्मी से और ज्यादा खुल गयी।
बातों ही बातों में मैंने एक दिन कहा :- अरे अम्मी जान, ये सारी बीवियां अपने अपने मियां का लण्ड चोदती तो हैं। पर यह पता नहीं चलता है की ये सब कैसे अपने मियां का लण्ड चोदती हैं ? और फिर अपने मियां का लण्ड चोदा तो क्या चोदा ? मज़ा तो तब है जब किसी दूसरे के मियां का लण्ड चोदो और खुल्लम खुल्ला चोदो तभी तो मालूम होगा की किस बीवी की गांड में कितना दम है ?
अम्मी बोली :- अरे मेरी आसना बेटी, लण्ड चोदने के लिए चूत की जरुरत होती है गांड की नहीं ?
मैंने कहा :- नहीं अम्मी जान, चाहे मियां चोदे बुर, चाहे बीवी चोदे लण्ड, जोर तो गांड से ही लगाना पड़ता है। बिना गांड से जोर लगाए हुए कोई बुर नहीं चोद सकता अम्मी जान ? और कोई बीवी बिना गांड से जोर लगाए किसी का लण्ड नहीं चोद सकती ? इसलिए गांड में दम होनी चाहिए।
अम्मी ने कहा :- हाय मेरी बुर चोदी आसना तू तो बहुत कुछ जानती है। मैं भी इतना नहीं जानती ?
मैंने कहा :- अरे अम्मी जान, मैं १७ साल की उम्र से लण्ड चोद रही हूँ। अब तक दर्जनों लण्ड चोद डाले हैं मैंने ? पिछले दो साल से मैं अपनी ससुराल वालों के लण्ड चोद रही हूँ। जो भी मेरे घर में आता है मैं उसको बिना उसका लण्ड चोदे जाने नहीं देती ? यहाँ आने के पहले अपने ससुर के दो दोस्तों के लण्ड चोद कर आयी हूँ। एक तो भोसड़ी का दाढ़ी वाला मौलाना था। उसे अपने लण्ड पर बड़ा नाज़ था। एक ही बार में भून डाला उसका लण्ड बहन चोद अपनी चूत में डाल कर ? भुने हुए बैगन की तरह निकला उसका लण्ड मेरी चूत से ? लण्ड की तो ऐसी की तैसी हो ही गयी मौलाना की भी गांड फट गयी। वह मेरे ससुर से बोला यार मैंने तेरी बहू की जैसी लण्ड चोदने वाली लड़की कोई और नहीं देखी। जितनी लड़कियों ने मेरा लण्ड चोदने की कोशिश की उन सबकी चूत के चीथड़े उड़ गए, पर तेरी बहू की चूत ने मेरे लण्ड के चीथड़े उड़ा दिए।
अम्मी बोली :- वाह आसना वाह ! मुझे तुम पर नाज़ है बेटी और तेरी चूत पर नाज़ है आशना।
एक बार मेरा देवर खालिद मेरे घर आ गया। मैं माईके में थी। वह सबसे मिला और खूब प्यार से मिला। उसका कोई काम था इसलिए उसे ३/४ दिन ठहरना था। २४ साल का एकदम हट्टा कट्टा गोरा चिट्टा नौजवान उसने सबके दिलो पर धाक जमा ली। एक दिन वह अम्मी से बातें करने लगा।
- अम्मी ने पूंछा बेटा खालिद तुम तो बड़े हैंडसम हो तो तुम पर लड़कियां बहुत मरती होगीं ?
- वह बोला आंटी हो सकता है की मरती हों पर मुझे तो कुछ मालूम नहीं ?
- क्यों क्या कोई लड़की तुम्हे लिफ्ट नहीं देती ?
- हां कभी कभी दे देती हैं .
- तो फिर उनके पास जाते हो ? उनके बदन पर हाथ फिराते हो ? उनकी चूँचियाँ पकड़ते हो की नहीं ?
- मैं थोड़ा डरता हूँ आंटी पर हां कभी कभी पकड़ भी लेता हूँ।
- अपनी आशना भाभी की चूँचियाँ पकड़ी तुमने कभी ?
- उनकी चूँचियाँ तो अक्सर पकड़ लेता हूँ। बड़ी मस्त चूँचियाँ है भाभी की ?
- कभी तुमने अपनी आशना भाभी की बुर ली है बेटा ?
- हां आंटी, ली है। उसकी बुर कौन नहीं लेगा ? मैं तो अक्सर लेता हूँ। वह तो बहुत अच्छी हैं। मुझे क्या सबको बड़े प्यार से बुर देतीं हैं अपनी, आशना भाभी।
- कभी उसने तेरा लण्ड अपने मुंह में लिया है ?
- वह तो सबसे पहले मुंह में ही लेतीं हैं, आंटी जी।
- कितना बड़ा है तेरा लण्ड, बेटा ?
मैंने कहा अम्मी तू मेरे देवर का लण्ड पी रही है मैं तेरे देवर का लण्ड पीकर आ रही हूँ। वह बोली कौन सा देवर बेटी। मैंने कहा गाँव वाला देवर हसन चचा जान ? वह बोली हाय अल्ला, उसका लौड़ा तो बहुत लंबा चौड़ा है। उससे तो बुर चुदवाना चाहिए था बेटी ? मैंने कहा बुर मैं आज रात को चुदवाऊंगी ? आज दिन में वह भाभी की बुर चोदेगा और कल वह चला जायेगा। अम्मी बोली ऐसे कैसे चला जायेगा। उसे बुलाओ मेरे सामने। जब तक वह आया तब तक अम्मी देवर के लण्ड का मुठ्ठ मार चुकी थीं और उसका वीर्य भी पी चुकीं थीं। मेरा देवर भी जाने के मूड में था। तब अम्मी ने दोनों से कहा तुम लोग भोसड़ी के हमारी चूत में आग लगा कर ऐसे कैसे चले जाओगे ? अब आये तो खूब मस्ती और अय्यासी करके जाओ न ? अभी तो मेरी बहुएं चोदो, मेरी बेटियां चोदो, यहाँ सबकी बीवियां चोदो। सबकी बुर अच्छी तरह लो। एक बार नहीं कई बार लो, सबकी चूत में खुल्लम खुल्ला लण्ड पेलो। जब खुदा ने इतना बढ़िया लण्ड दिया है तो तुम उसका इस्तेमाल करो। अभी तो न तुमने मेरी बुर चाटी है और न मेरी बेटी की बुर ? न मेरी बहू की बुर चाटी है और न वहां की बीवियों की बुर ? अभी रुको सबकी बुर का मज़ा लो और सबको अपने अपने लण्ड का मज़ा दो।
फिर अम्मी मेरी तरफ मुंह करके बोली :- बेटी आशना, कल सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम बनाओ जिसमे सबकी बुर खुल्लम खुल्ला चोदी जाएगी। चाहे बेटी हो, बहू हो, नन्द हो, भौजाई हो, जेठानी हो, देवरानी हो, खाला हो, फूफी हो सबकी बुर में सबके लण्ड पेले जायेंगें। सबके लण्ड सबकी बुर चोदेंगें। चाहे दो दिन लगे, चाहे तीन दिन ? जब तक सब लोग सबकी बुर चोद नहीं लेगें, जब तक सब अपनी अपनी बुर सबसे चुदवा लेगीं तब तक कोई भी घर से बाहर कदम नहीं रखेगा। जो ऐसा करेगा उसकी माँ मैं चोदूँगी। अम्मी की बात न मानने वाली बुर चोदी वहां कोई नहीं थी। और बात न मानने वाला भोसड़ी का भी कोई नहीं था। मेरी रेहाना भाभी जान उसी समय आ गयी। उसे भी साड़ी बात का पता चल गया। वह भी बड़ी मजाकियां है हंसमुख है और खूब मस्ती करती हैं। हम तीनो खूब मज़ा भी करती हैं और कभी कभी आपस में तू तू मैं मैं / नोंक झोंक भी हो जाती है। खूब मज़ा आता है
एक दिन मेरी भाभी से कुछ नोक झोंक हो गयी। वह बोली नन्द रानी मैं तेरी माँ की चूत चोद डालूंगी अभी।
मैंने भी कहा अच्छा ऐसी बात है तो फिर मैं भी तेरी सास का भोसड़ा चोदूँगी। हम दोनों की बातें अम्मी ने सुन लीं की ये दोनों मेरा भोसड़ा चोदना चाहती है। तो वह आगे बढ़ी और बोली बेटी मैं किसी दिन तेरी भाभी की बुर में घुसेड़ दूँगी लण्ड ? मैंने कहा ठीक ही तो है अम्मी। मैं भी तेरी बहू की बुर चोद डालूंगी। मैं कहाँ पीछे रहने वाली हूँ। फिर अचानक वह बोली बहू रानी मैं तेरी नन्द की चूत में पेल दूँगी हाथ भर का लण्ड ? भाभी ने जबाब दिया वाओ, तब तो मज़ा आ जायेगा। मैं भी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर चोदूँगी सासू जी।
तब फिर मैंने सामूहिक चुदाई का ढिंढोरा पूरे घर में पीट दिया और नाते रिस्दारों को भी बता दिया। सब लोग बहुत खुश हो गए। नतीजा यह हुआ की दूसरे दिन घर में बहुत भीड़ हो गयी। खाला अपनी बेटी दामाद के साथ आ गयी, फूफी भी अपनी बेटी दामाद के साथ आ गयी। खालू आ गया फूफा आ गए। अब्बास चचा जान भी आ गए। मेरी नन्द नंदोई आ गए। कुछ आने वाले थे। सब लोग बड़े अच्छे मूड में थे। मैंने भी पूरा इंतज़ाम कर लिया। लंच और डिनर का आर्डर दे दिया। ड्रिंक्स, स्नैक्स, नमकीन, सोडा, पानी, गिलास, बर्फ, नैपकीन, टॉवेल्स, रेज़र, कैंची, झांट बनाने वाली मशीन, क्रीम, आयल, आइस क्रीम, मक्खन सब कुछ इकठ्ठा कर लिया। हालाँकि हमारे यहाँ कोई कंडोम का इस्तेमाल नहीं करता फिर मैंने रख लिया। सबको यह तो मालूम ही था की हम लोग यहाँ क्यों इकठ्ठा हुए हैं ?
फिर क्या हमने ड्रिंक्स चालू कर दिया। बगल हॉल में नीचे गद्दे बिछा दिया मसनद लगा दी, कुछ तकिया रख दी और तौलिया आदि भी। सब लोग दारू पीने में मस्त होने लगे। एक दूसरे से बातें भी करने लगे और कुछ लोग एक दूसरो को ललचाई नज़रों से देखने भी लगे। इसमें कुछ ऐसे है जिन्होंने कुछ बीवियों / बेटियों या बहुओं को नंगी देखा है और कुछ ऐसी भी हैं जिन्होंने ने कुछ लोगों के लण्ड देखें हैं। लेकिन एक बात तो सच है की किसी ने भी इतने लोगों के बीच सबको एक साथ नंगी नहीं देखा और एक साथ नंगा नहीं देखा। आज का यह समारोह मजेदार तो होगा ही ? मस्ती साफ साफ झलक रही थी। शराब का नशा चढ़ रहा था। लोग अपने अपने पार्टनर की तलाश करने लगे। उन पर अपनी नज़रें गड़ाने लगे। मैं भी सोंचने लगी की मैंने किस किस लण्ड पकड़ा है और किस किस का बाकी है। अम्मी मेरे देवर के पास गयी और कहा बेटा बोलो तुम किसकी बेटी चोदोगे ? किसकी माँ चोदोगे या फिर किसकी बीवी चोदोगे ?
वह बोला आंटी जी मुझे चोदना तो सबको है अब मैं यह सोंच रहा हूँ की पहले किसकी बुर चोदूँ ? तब तक उसकी निगाह मेरी नन्द फरीदा पर पड़ी। उसकी चूचियां खुली हुई थीं बस वह चूँचियाँ ही देखने लगा और सोंच लिया की क्यों न इसे पहले चोदा जाए ? वह आगे बढ़ा और फरीदा की चूँचियाँ पकड़ लीं। वह भी एक मस्त लड़का पाकर खुश हो गयी और सीधे लण्ड पर हमला कर दिया। उसने खालिद की लुंगी खोल कर सबके सामने लण्ड हिलाने लगी और बोली भाभी जान तेरे देवर का लण्ड तो मेरे अब्बू के लण्ड से मिलता जुलता है। लण्ड कई बार चूमा उसने और फिर एकदम नंगी होकर उस पर चढ़ बैठी। फूफी की बेटी हाय तरफ बढ़ी और उसके पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। उसका हाथ अब्बू के लण्ड से टकरा गया। वह बोली ह्या भाभी तेरे अब्बू का लण्ड तो बहन चोद बहुत बड़ा है। उसके फ़ौरन अब्बू को नंगा किया और लौड़ा निकाल कर चाटने लगी। लण्ड के टोपा अपनी जबान घुमाने लगी और पेल्हड़ चूमने लगी।
तब तक फूफी रहीमा मेरे खालू अतीक से चिपक गयीं। खालू ने उसे पहले नंगी कर दिया। उसकी चूँचियाँ मसलना शुरू किया और चूत सहलाना भी। फिर फूफी ने लण्ड मुंह में लिया और मस्ती से चूसने लगी। खाला की बेटी सायना फूफा के लण्ड की तरफ बढ़ी। उसको किसी ने बता दिया था की फूफा का लण्ड बहुत मोटा है। उसने फटाफट लण्ड खोल कर निकाला और एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर लण्ड ऊपर से नीचे तक चूमने चाटने लगी। नंगी तो वह बुर चोदी पहले से ही बैठी थी। उधर खाला का दिल मेरे नंदोई पर आ गया। वह भी भोसड़ी का ऑलमोस्ट। खाला लण्ड पकड़ कर बोली बेटा तेरा तो लण्ड मेरे देवर के लण्ड जैसा है। उतना ही मोटा और उसकी ही तरह सख्त ? अब तुम उसकी ही तरफ मेरी बुर चोदना।मेरी अम्मी जान खाला दामाद शाहिद की तरफ बढ़ीं और उसे अपनी बाँहों में भर कर बोली बेटा तुम मेरी बहन की बिटिया की बुर लेते हो आज मेरी बुर लेकर देखो। अपनी बीवी की माँ की बहन का भोसड़ा चोद कर देखो बेटा ? तुम्हे मज़ा आ जायेगा। तब
तक मैं चचा जान को नंगा कर चुकी थी। मेरे चचा जान अब्बास का लौड़ा बिलकुल घोड़े के लौड़े की तरह है। मैं भी नंगी थी और मैं उसका लण्ड बुरी तरह चाटने लगी।
पूरे हॉल में ८ मरद एकदम नंगे थे। ८ नंगे लण्ड टन टना रहे थे। और ८ चूत भी थी और उनकी चूँचियाँ भी नंगी नंगी मॉडल गरम कर रहीं थीं। इतने ज्यादा लण्ड और चूत एक साथ देख कर सब लोग मस्ती के मूड में आ गए। सभी बीवियां थीं बहन चोद और साथ ही साथ किसी की बेटी किसी की बहू और किसी की माँ भी थीं। इस ग्रुप में माँ भी चुदेगी, बेटी भी चुदेगी, बहू भी चुदेगी, सास भी चुदेगी और नन्द भी। थोड़ी देर तक ये बुर चोदी बीवियां पराये मर्दों के लण्ड चूसती रही और फिर मरद भी भोसड़ी के परायी बीवी की बुर चाटते रहे। उसके बाद एक एक करके सबने अपने अपने लण्ड किसी न किसी बीवी की बुर में पेल दिया। पर किसी ने अपनी बीवी की बुर में लण्ड नहीं पेला। सब दूसरे की बीवी की बुर में लण्ड घुसेड़े हुए थे। बीवियां भी बड़े मजे से ग़ैर मर्दों के लण्ड अपनी चूत में घुसेड़वाकर कर मजा ले रहीं थीं।
चचा अब्बास मेरी बुर चोदने लगा तो अब्दुल मेरी माँ का भोसड़ा में लण्ड पेले हुए गचागच चोदने में जुट गया। मेरी भाभी जान तो मेरे देवर से ऐसे चुदवाने लगी जैसे वह अपने ही मियां से चुदवा रही हों ? मेरा नन्दोई मेरी खाला की चूत में लण्ड घुसा दिया और भकाभक चोदने लगा। उसकी बेटी सायना अपनी माँ का भोसड़ा चुदता हुआ देख रही थी। फिर उसने भी अपनी चूत फैला दी और मेरे फूफा से अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मेरी फूफीमेरे खालू के लण्ड पर मर मिटी थी। फिर उसने लण्ड अपनी चूत में घुसेड़वा लिया और चुदवाने लगी। उसकी बेटी हया ने घूम कर मेरे अब्बू का लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ लिया। वह भी अपनी अम्मी के सामने ही मेरे अब्बू से चुदवाने लगी। मेरी नन्द फरीदा शाहिद का लण्ड अपनी चूत में पेले हुए भकर भकर चुदवाने लगी। पूरा हॉल चुदाई की आवाज़ो से गूंजने लगा।
यहाँ माँ बेटी सास बहू नन्द भौजाई सब एक साथ आमने सामने चुदवा रही हैं। पर सच बात यह है ये सबकी सब बहन चोद बीवियां हैं। और सब बीवियां पराये मर्दों से चुदवाने लूट रही हैं। यह लोग परायी बीवियां ग्रुप में चोद
फूफी ने जबाब दिया - आये हाय मेरी मादर चोद आशना देख, जब चूत खुली हो और सामने लण्ड खड़ा हो तो फिर कौन भोसड़ी वाली नहीं चुदवायेगी ? लण्ड सिर्फ लण्ड होता है बेटी ? लण्ड पर किसी का नाम नहीं लिखा होता है और न ही कोई रिस्ता लिखा होता है। तू भी तो मेरे मियां का लण्ड गपर गपर घुसा लेती है अपनी चूत में ? तब तक मेरा देवर बोला - आशना भाभी आज मैं तेरी दीदी की भी बुर लूंगा ? मैंने कहा - अरे यार दीदी को आने तो दे ? तू उसे पहले चोद लेना। मैं तो उसके ससुर के लण्ड का इंतज़ार कर रही हूँ , सुना है उसका लण्ड बहुत मोटा है और मुझे मोटे लण्ड से बेहद प्यार है। उसके बाद हम सब एक दूसरे का लण्ड घुसेड़ घुसेड़ कर धकाधक् चुदवाने लगीं । लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगीं और लण्ड एक दूसरे की चूत में घुसेड़ घुसेड़ कर चुदवाने लगीं। यह सामूहिक चुदाई हम लोगों के लिए एक यादगार चुदाई बन गयी।
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