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ये कुल्फी गर्मी सर्दी सभी मौसमों में चुसी जाती है - Ye kulfi garmi sardi sab dur kar deti hai
ये कुल्फी गर्मी सर्दी सभी मौसमों में चुसी जाती है - Ye kulfi garmi sardi sab dur kar deti hai , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरे प्यारे दोस्तों, मैं हूँ एक नयी नवेली बीवी। मेरा नाम है मिसेज कनिका चौधरी। मैं बंगाल की हूँ। इसलिए मेरे पास सब कुछ बड़ा बड़ा है। मेरी आँखें बड़ी बड़ी हैं, मेरे बाल बड़े बड़े हैं, मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हैं, मेरे चूतड़ बड़े बड़े हैं, मैं मोटी मोटी जाँघों वाली एक बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। मेरी शादी अभी २ महीने पहले ही हुई है, मैं कॉलेज से निकली और मेरी शादी हो गयी। मैंने पढ़ाई हॉस्टल में रह कर की है। इसलिए मैं बड़ी मस्त, चुलबुली और बिंदास लड़की हूँ। जितनी तेजी से मैं इंग्लिश बोलती हूँ उतनी ही तेजी से मैं गालियां भी निकालती हूँ। किसी की भी माँ बहन चोदने में मुझे एक मिनट भी नहीं लगता ? मैं मन ही मन यह सोंच रही थी की अगर मेरी सास और नन्द भी मेरी ही तरह गालियां निकालती हो तो कितना मज़ा आये ? मेरी ही तरह लण्ड पकड़ने की और लण्ड पीने की शौक़ीन हो तो मज़ा आ जाये ? मैं जब उनसे मिली और दो वीक्स उनके साथ रही तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। मुझे मालूम हो गया की मेरी सास और नन्द गालियां देने में मुझसे कम नहीं हैं। एक दूसरे के सामने भी गालियां देतीं है और एक दूसरे को भी गालियां देतीं हैं।
एक दिन मैंने दोनों को बात करते हुए सुन लिया।
वैसे मैं मन ही मन खुश हो रही थी क्योंकि मैं जिस तरह की ससुराल चाहती थी वैसी ही ससुराल मुझे मिली। एक दिन मैं फोन पर बातें कर रही थी - मैं बोल रही थी -- अरे भाभी उसे अपनी चूँचियाँ दिखा दो फिर वह हमेशा तेरे पीछे पीछे घूमता रहेगा। और है जब उसका लण्ड पकड़ में आ जाये तो मुझे भी बता देना ,,,,,,अच्छा तुम उस बुर चोदी की बात कर रही हो भाभी उसकी तो माँ का भोड़ा चोदूँगी मैं ,,,,,,,,,,गांड में घुसा दूँगी एक फुट का लण्ड ,,,,,,,वो भोसड़ी की मेरी एक झांट न उखाड़ पायेगी ,,,, ,, अच्छा तुम उसकी बात कर रही हो जिसका लण्ड खड़ा होने पर टेढ़ा हो जाता है ,,,,,,,,,,यार कुछ भी हो पर उससे चुदवाने में मज़ा तो आता है ,,,,,,,,क्या कहा वह अपने बॉस का लण्ड का पीती है ? अच्छा उसकी माँ भी उसके बॉस का लण्ड पीती है ,,,,,,,बाप रे बाप हां हां भाभी उसका लौड़ा साला ९" है, कभी उसे तेरी चूत में भी पेल दूँगी।
फोन बंद हुआ तो मैंने देखा मेरे पीछे मेरी सास और नन्द दोनों खड़ी हैं। दोनों ही मुझे देख कर मुस्कराने लगीं। सास बोली - अरी मेरी बहू रानी तू तो माँ की लौड़ी बड़ी छुपी रुस्तम निकली। बहुत अच्छी अच्छी गालियां देना जानती है। तू माँ की लौड़ी बड़ी मंजी हुई कलाकार लगती है।
नन्द बोली - अरे मम्मी, मैंने कहा था न की भाभी हॉस्टल में रह चुकी हैं और हॉस्टल में रहने वाली लड़की कुछ भी कर सकती है। उसका तो गलियां देना एक बहुत छोटा काम है। वो तो जाने कितने लड़कों के लण्ड पीती रहती है। भाभी भी जाने कितने लड़कों के लण्ड पी चुकी होगी। सास को जोश आ गया।
वह बोली :- बहू रानी, तेरी नन्द की चूत , तेरी सास का भोसड़ा ? अब मैं समझ गयी की तू क्या है ?
मैंने कहा :- सासू जी, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहू की चूत ? समझ तुम चाहे जो भी गयी हो पर यह सच है की तुम लोग मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पाओगी।
नन्द खड़ी हुई बड़े प्यार से मुस्करा रही थी और मज़ा ले रही थी। लेकिन वह भी बिना बोले रह नहीं सकी.
वह बोली :- भाभी जी, तेरी सास का भोसड़ा तेरी नन्द की बुर, बहन चोद ? मैं तेरी झांट नहीं उखाडूँगी। मैं तो तेरी चूत में लण्ड घुसेड़ूँगी और तेरी गांड में भी ठोंकूंगी लण्ड ? अब जब तक मैं तेरी बुर चोद नहीं लेती भाभी, तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।
इतने में एक आवाज़ आयी - अरे तुम लोग गन्दी गन्दी गालियां बकती हो ? एक दूसरे को गालियां देती हो ? तुम्हे कोई शर्म नहीं आती ? सास हो, नन्द हो, बहू हो, तो कुछ शर्म करो, लिहाज़ करो, एक दूसरे का ध्यान रखो। ये गन्दी गन्दी बातें करना और एक दूसरे को गरियाना बिलकुल अच्छा नहीं लगता ? मैं और मेरी नन्द दोनों नज़रें झुका कर उसकी बात सुनती रहीं और थोड़ा शर्मा भी गयीं।
पर सास बोली - अच्छा यह बताओ की बेटी मेरी है, बहू मेरी है, मैं चाहे उसे गाली दूँ चाहे उसको गन्दी गन्दी बातें सुनाऊँ चाहे उसे नंगी करूँ, चाहे उसे लण्ड पकड़ाऊं, तुमको उसमे दखलंदाज़ी करने का कोई हक़ नहीं है ? तुम कौन हो हमें रोकने वाली ? एक बात सुन लो गालियों से सिर्फ नफ़रत ही नहीं पैदा होती, बल्कि प्यार भी पैदा होता है। आपने देखा होगा की शादी ब्याह के समय गालियां देना शुभ माना जाता है। बधू पक्ष कीऔरतें बारातियों को गालियां सुनातीं हैं जब बाराती भोजन करते हैं और बाराती सब खूब एन्जॉय करतें हैं। हालांकि इसका चलन अब कम हो गया है पर आज भी गावों में इसका चलन है। ये गालियां हमें एक दूसरे के नजदीक लातीं हैं। हमारे बीच गालियों से प्यार बढ़ता है। जैसा की दोस्ती में भी होता है। अब देखो लड़के हों चाहिए लड़कियां सब अपने अपने ग्रुप में खूब गाली गलौज करते हुए एन्जॉय करतें हैं। इससे उनकी दोस्ती और पक्की होती है। यही हाल लड़कियों का भी है। लड़कियां तो आपस में ज्यादा गालियां बकतीं हैंऔर मज़ा करतीं हैं। लोगों को उनसे सीखना चाहिए ?
हम तीनो सास बहू नन्द आपस में गाली गलौज करती हुई एन्जॉय करतीं हैं, मज़ा करतीं हैं और एक दूसरे के लिए मर मिटने को तैयार रहती हैं। हम इसी तरह अपनी ज़िन्दगी जी रहीं हैं। प्लीज हमें अपने तरीके ज़िन्दगी जीने दो। लोग कहतें है की ज़िन्दगी दो पल की है मैं कहती हूँ की इस दो पल में कितनी ज़िन्दगी है उसे जीना चाहिए ?
मैंने कहा - सासू जी आपने तो मेरी आँखें खोल दी ? मैं तो आपकी गुलाम हो गयी हूँ, सासू जी।
नन्द ने कहा :- हां अम्मी मैंने तो कभी ऐसा सोंचा ही नहीं ? आज सच में मेरी भी आँखें खुल गयीं। I LOVE YOU, MAMMI.
सास बोली - मेरी दुनियां मेरी बेटी बहू है। मुझे इनको खुश रखना है और इनके साथ खुश रहना है। मैं कभी भी अपनी बेटी बहू को दुःखी नहीं देख सकती।
सास ने हम दोनों को गले लगा लिया।
सास ने फिर मजाक करते हुए कहा - सेंटी होने की जरूरत नहीं है बहू रानी। ज्यादा सेंटी होगी तो मैं तेरी चोद दूँगी ? इतने में फिर हम दोनों हंसने लगीं।
एक दिन मेरे मन में आया की क्यों न मैं इन दोनों की बुर चोदने का इंतज़ाम करूं ? ये दोनों अगर अपने अपने बॉस से चुदवाती हैं और दूसरे की बुर भी अपने बॉस से चुदवाती हैं तो फिर मैं क्यों न इन दोनों की बुर उन लोगों से चुदवाऊँ जिनसे मैं चुदवाती हूँ ? मैंने अपने जीजू से चुदवाती हूँ, मौसा से चुदवाती हूँ और अपने फूफा का भी लण्ड पीती हूँ। पर हां अभी मैंने फूफा का लण्ड अपनी बुर में नहीं पेला ? मेरी मौसी और मेरी बुआ दोनों मेरी ही उम्र की हैं। उनके हसबैंड की उम्र मेरे हसबैंड की उम्र के लगभग बराबर है। मैंने इसी बात का फायदा उठाया और दोनों से चुपके चुपके चुदवाने लगी। मुझे मौसा का भी लण्ड पसंद आया और फूफा का भी लण्ड ? दोनों ही लण्ड सॉलिड है बहन चोद। जीजा जी का लण्ड तो सच में बड़ा जबरदस्त है तो फिर मैं क्यों न इन सबके लण्ड अपनी नन्द की बुर में और अपनी सास के भोसड़ा में पेलूं ? बस मैंने फोन लगाना शुरू कर दिया।
जीजा तो मिला नहीं पर उसका भाई मिल गया, यानी दीदी का देवर ? उधर फूफा नहीं मिला लेकिन मौसा से बात हो गयी। मैंने दूसरे दिन दोनों को बुला लिया। मैंने किसी को बताया नहीं। शाम को जब दीदी का देवर अनुज आया तो मैंने नसे सबसे मिलवाया। वह भी २४ साल का बांका जवान था और हैंडसम था। मेरी सास और नन्द दोनों उससे क मिलकर खुश हुई। थोड़ी दे में मेरा मौसा भी आ गया। मैंने कहा लो सासू जी तेरा समधी भी आ गया. यह है संजय मेरा मौसा ? वह भी लगभग २८ साल का था। सासू तो दौड़ कर मिली और नन्द भी। सासू ने मजाक किया हाय दईया बहू तेरा मौसा तो बड़ा मस्त है ? आज तो मैं इसे छोडूंगी नहीं ? इसकी जवानी का पूरा पूरा मज़ा लूंगी मैं। तब सासू के कहने पर ड्रिंक्स का प्रोग्राम बन गया और हम सब ड्रिंक्स पर बैठ गए। व्हिस्की का गिलास उठाया और चियर्स कह कर पीना शुरू किया। अचानक किसी ने डोर बेल बजाई तो नन्द उठी और दरवाजा। थोड़ी देर में वह एक लड़के के साथ वापस आयी और बोली मम्मी देखो यह मेरा दोस्त है रोहन। इसे मैंने अभी थोड़ी देर पहले फोन किया था और यह आ गया। वह भी दारू पीने में शामिल हो गया। मैं उसे ललचाई नज़रों से देखने लगी।
सास ने एक ही घूंट में गिलास खाली कर दिया। फिर उसने हाथ आगे बढ़ाकर मेरे मौसा के लण्ड पर रख कर कहा हाय मेरे समधी जी, अब असली समधी को खोल कर दिखाओ न मुझे ? मेरी नन्द मेरी दीदी के देवर अनुज के लण्ड की तरफ लपकी। उसने पहले उसे आँख मारी, फिर उसका लण्ड ऊपर से ही दबा दिया और कहा यार तुम अपनी भाभी की बहन चोदने आये हो न ? वह बोल भी रही थी और अनुज की पैंट भी खोल रही थी। उधर सास में मौसा को आधा तो नंगा कर ही दिया। मैंने इतने में नन्द के दोस्त रोहन की बाहों की समा गयी। वह मेरे गाल चूमने लगा और मेरी चूँचियाँ भी ऊपर से ही मसलने लगा। मेरा भी हाथ उसका लण्ड टटोलने लगा। मैं ही नहीं हम सभी वासना में डूबने लगीं। मैंने मन ही मन सोंच लिया की आज मैं अपनी नन्द की बुर चोदूँगी और सास का भोसड़ा। उधर नन्द ने सोंच लिया की आज मैं भाभी की बुर में लण्ड पेलूँगी और माँ की चूत में भी। सास भी मन में सोंचे हुए बैठी थी की आज मैं बहू की बुर चोदूँगी और बेटी चूत। तब आएगा जवानी का असली मज़ा ?
तब तक करीब करीब सभी लोग नंगे हो चुके थे। मेरी निगाह सबके लण्ड पर पड़ी। मैंने पहले दीदी के देवर का लण्ड देखा तो मस्त हो गयी। लण्ड साला गोरा चिट्टा और मोटा तगड़ा था। मैंने पूंछा अनुज तुम अपनी भाभी की बुर लेते हो न ? वह बोला हां बिलकुल लेता हूँ। मैंने कहा तो फिर आज तुम अपनी भाभी की बहन की बुर लेकर जाना। मेरी बात सुनकर मेरी नन्द बोली अरे भाभी तू बुर चोदी बहुत बड़ी चालाक है। अरे ये तो तेरी नन्द की बुर भी लेकर जायेगा, भाभी। तब तक सास बोली बहू अगर तूने इससे अपनी सास का भोसड़ा नहीं चुदवाया तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। इन बातों ने माहौल को और गरम कर दिया। उधर सास तो मेरे मौसा के लण्ड में खोई हुई थी।
वह लण्ड का टोपा चाट रही थी। उसके पेल्हड़ चूम रही थी। मौसा उसकी चूँचियाँ मसल रहा था और उसके भोसड़ा पर हाथ फिरा रहा था।
हुआ यह की अब तक सभी लोग नंगे हो चुके थे और हम भी तीनो नंगी हो चुकी थीं। उस समय हम सब ड्राइंग रूम में थी लेकिन अब हम सब बेड रूम में आ गयीं हैं। मैं रोहन का लण्ड चूसने लगी और मेरी नन्द अनुज का लण्ड ? मेरी सास ने मेरे मौसा का लण्ड अपने मुंह में भर लिया था। मैंने रोहन का लण्ड चूसते हुए हुए अनुज के पेल्हड़ बी सहलाने लगी। मेरे दीदी का देवर आज पहली बार मेरे सामने नंगा हुआ था। मैंने तो जीजा का लण्ड पकड़ा था उसे अपनी चूत में पेला भी था लेकिन उसके छोटे भाई का लण्ड तो देखा ही नहीं था। आज देख रही हूँ तो पूरा मज़ा आ रहा है। मैंने अनुज का लण्ड नन्द के हाथ से छीन लिया। तो नन्द ने अपनी मम्मी के हाथ से मेरे मौसा का लण्ड ले लिया। सासू ने फिर नन्द के दोस्त रोहन का लण्ड पकड़ा और बार बार उसे चूमा। उसने पूंछा बेटा तुम मेरी बेटी की बुर लेते हो न ? रोहन ने जबाब दिया हां आंटी तेरी बेटी तो बड़े मजे से मुझे अपनी बुर देती है। सास ने कहा बेटा मैं भी तुम्हे अच्छी तरह अपनी बुर दूँगी।
मैंने अनुज का लण्ड हिलाया और लण्ड का टोपा चूम कर पूंछा यार अनुज, आज तुम मेरी बुर लोगे की मेरी नन्द की बुर ? वह बोला भाभी मैं सबकी बुर लूंगा। पहले तेरी बुर लूंगा फिर तेरी नन्द की बुर लूंगा और बाद में तेरी नन्द की माँ की बुर लूंगा। भाभी आज मैं सबको चोदूंगा। आज पहली बार मेरे सामने तीन तीन बुर मुझसे चुदवाने के लिए तैयार हैं और मैं इस मौके को अपने हाथ से जाने नहीं दूंगा। ऐसा कह कर उसने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उधर मेरा मौसा तो मेरी सास का भोसड़ा बड़ी देर से चोद रहा था। रोहन ने भी लण्ड मेरी नन्द की बुर में घुसाया और भकाभक चोदने लगा।
थोड़ी देर तक चोदने के बाद अनुज ने लण्ड नन्द की बुर में पेल दिया और रोहन ने लण्ड मेरी बुर में। हम दोनों ने लण्ड बदला तो मज़ा बहन चोद दूना हो गया । थोड़ी देर में मौसा का लण्ड खलास होने लगा तो सासू ने उसे खूब मजे से चाटा। इधर मेरी भी चूत ढीली होने लगी और नन्द की बुर भी। वह बोली भाभी अब मैं खलास हो गयी हूँ। तब तक रोहन के लण्ड ने उगल दिया वीर्य जिसे मेरी नन्द चाट गयी। उसी के साथ अनुज का लण्ड भी उगलने लगा वीर्य जिसे मैं मस्ती से पी गयी और लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।
मेरे प्यारे दोस्तों, मैं हूँ एक नयी नवेली बीवी। मेरा नाम है मिसेज कनिका चौधरी। मैं बंगाल की हूँ। इसलिए मेरे पास सब कुछ बड़ा बड़ा है। मेरी आँखें बड़ी बड़ी हैं, मेरे बाल बड़े बड़े हैं, मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हैं, मेरे चूतड़ बड़े बड़े हैं, मैं मोटी मोटी जाँघों वाली एक बेहद खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ। मेरी शादी अभी २ महीने पहले ही हुई है, मैं कॉलेज से निकली और मेरी शादी हो गयी। मैंने पढ़ाई हॉस्टल में रह कर की है। इसलिए मैं बड़ी मस्त, चुलबुली और बिंदास लड़की हूँ। जितनी तेजी से मैं इंग्लिश बोलती हूँ उतनी ही तेजी से मैं गालियां भी निकालती हूँ। किसी की भी माँ बहन चोदने में मुझे एक मिनट भी नहीं लगता ? मैं मन ही मन यह सोंच रही थी की अगर मेरी सास और नन्द भी मेरी ही तरह गालियां निकालती हो तो कितना मज़ा आये ? मेरी ही तरह लण्ड पकड़ने की और लण्ड पीने की शौक़ीन हो तो मज़ा आ जाये ? मैं जब उनसे मिली और दो वीक्स उनके साथ रही तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। मुझे मालूम हो गया की मेरी सास और नन्द गालियां देने में मुझसे कम नहीं हैं। एक दूसरे के सामने भी गालियां देतीं है और एक दूसरे को भी गालियां देतीं हैं।
एक दिन मैंने दोनों को बात करते हुए सुन लिया।
- सास - बेटी मेघा तुझे अपनी नई भाभी कैसी लगी ?
- नन्द - भाभी तो बहन चोद बहुत अच्छी हैं। उस दिन मैं भाभी के सामने अपनी दोस्तों को गालियां दे रही थी तो भाभी एन्जॉय कर रही थीं।
- सास - हां बात तो सही है मैंने भी उस दिन बहू के सामने ही अपनी पड़ोसन को गालियां दी थीं, कहा था मैं तेरी माँ चोद दूँगी भोसड़ी वाली ? तेरी गांड में घुसा दूँगी हाथ भर का लण्ड ? मेरे मुंह मत लगना, तो बहू नीचे मुंह किये हुए मुस्करा रही थी। अगर वह भी २/३ गालियां मुंह से निकाल देती तो मज़ा आ जाता ?
- नन्द - एक बात है मम्मी, भाभी भी ऊंची खिलाड़ी लगतीं हैं क्योंकि होस्टल में ५ साल रहीं हैं। जो लड़की हॉस्टल में रहती है वो गालियां न बके यह हो नहीं सकता। वह लड़कों के लण्ड न पकडे यह हो नहीं सकता। वो लड़की लण्ड न पिये और लण्ड अपनी बुर में न पेले यह हो नहीं सकता मम्मी ? मैं भी तो मादर चोद होटल में रहीं हूँ। मैं तो यही सब करती थी।
- सास - अरे हां हॉस्टल में जो लड़की रह लेती है वह अपनी माँ जरूर चुदवाने लगती है। बड़ी बोल्ड हो जाती है बुर चोदी। जैसे तू हो गयी है मेघा ? तू भी तो अपनी माँ चुदाने में आगे ही रहती है।
- नन्द - भाभी भी माँ चुदवाती होगी, मम्मी ? न मानो तो किसी दिन चुपके से पूंछ लो। अगर चुदवाती होगी तो फिर मजे से अपनी सास का भोसड़ा भी चुदवायेगी .
- सास - एक बात है बेटी, बहू भी निहायत खूबसूरत है और खूबसूरत बीवियां लण्ड पकड़ने में बड़ी तेज होती हैं। जहाँ मौक़ा मिलता है वहीं हाथ बढ़ाकर लण्ड पकड़ लेती हैं जैसे तू पकड़ लेती है सबके लण्ड,
- नन्द - पकड़ तो तुम भी लेती हो मम्मी सबके लण्ड ? अभी उस दिन तुमने मेरे बॉस का ही लण्ड पकड़ लिया था। तुमने जैसे ही उसका लण्ड चूमा और चाटा तो वह साला फड़फड़ाकर पूरा खड़ा हो गया था।
- सास - मैंने तो तेरे बॉस का लण्ड पकड़ा ही था तूने तो मेरे बॉस का लण्ड सीधे अपने मुंह में ले लिया था। और फिर मेरे ही सामने अपनी बुर में घुसेड़ कर चुदवाया था तूने ।
- नन्द - चुदवाया तो तूने भी था मम्मी अपना भोसड़ा मेरे बॉस से।
- सास - मैंने चुदवाया तो उसका फायदा तुम्हे मिला न ? मेरे चुदवाने से तेरा प्रमोशन हो गया न बेटी ।
- नन्द - और मेरे चुदवाने से भी तो तेरा प्रमोशन हो गया, मम्मी।
- सास - तेरी माँ का भोसड़ा मेघा ? असली बात तो यह है ये खूबसूरत बीवियां बहन चोद पराये मर्दों से चुदवाती ही हैं। जैसे मैं भी चुदवाती हूँ और तुम भी चुदवाती हो ?
- नन्द - तेरी बिटिया की बुर, मम्मी ? तू भी बहुत चालू है और मैं भी बहुत चालू हूँ।
वैसे मैं मन ही मन खुश हो रही थी क्योंकि मैं जिस तरह की ससुराल चाहती थी वैसी ही ससुराल मुझे मिली। एक दिन मैं फोन पर बातें कर रही थी - मैं बोल रही थी -- अरे भाभी उसे अपनी चूँचियाँ दिखा दो फिर वह हमेशा तेरे पीछे पीछे घूमता रहेगा। और है जब उसका लण्ड पकड़ में आ जाये तो मुझे भी बता देना ,,,,,,अच्छा तुम उस बुर चोदी की बात कर रही हो भाभी उसकी तो माँ का भोड़ा चोदूँगी मैं ,,,,,,,,,,गांड में घुसा दूँगी एक फुट का लण्ड ,,,,,,,वो भोसड़ी की मेरी एक झांट न उखाड़ पायेगी ,,,, ,, अच्छा तुम उसकी बात कर रही हो जिसका लण्ड खड़ा होने पर टेढ़ा हो जाता है ,,,,,,,,,,यार कुछ भी हो पर उससे चुदवाने में मज़ा तो आता है ,,,,,,,,क्या कहा वह अपने बॉस का लण्ड का पीती है ? अच्छा उसकी माँ भी उसके बॉस का लण्ड पीती है ,,,,,,,बाप रे बाप हां हां भाभी उसका लौड़ा साला ९" है, कभी उसे तेरी चूत में भी पेल दूँगी।
फोन बंद हुआ तो मैंने देखा मेरे पीछे मेरी सास और नन्द दोनों खड़ी हैं। दोनों ही मुझे देख कर मुस्कराने लगीं। सास बोली - अरी मेरी बहू रानी तू तो माँ की लौड़ी बड़ी छुपी रुस्तम निकली। बहुत अच्छी अच्छी गालियां देना जानती है। तू माँ की लौड़ी बड़ी मंजी हुई कलाकार लगती है।
नन्द बोली - अरे मम्मी, मैंने कहा था न की भाभी हॉस्टल में रह चुकी हैं और हॉस्टल में रहने वाली लड़की कुछ भी कर सकती है। उसका तो गलियां देना एक बहुत छोटा काम है। वो तो जाने कितने लड़कों के लण्ड पीती रहती है। भाभी भी जाने कितने लड़कों के लण्ड पी चुकी होगी। सास को जोश आ गया।
वह बोली :- बहू रानी, तेरी नन्द की चूत , तेरी सास का भोसड़ा ? अब मैं समझ गयी की तू क्या है ?
मैंने कहा :- सासू जी, तेरी बिटिया की बुर, तेरी बहू की चूत ? समझ तुम चाहे जो भी गयी हो पर यह सच है की तुम लोग मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पाओगी।
नन्द खड़ी हुई बड़े प्यार से मुस्करा रही थी और मज़ा ले रही थी। लेकिन वह भी बिना बोले रह नहीं सकी.
वह बोली :- भाभी जी, तेरी सास का भोसड़ा तेरी नन्द की बुर, बहन चोद ? मैं तेरी झांट नहीं उखाडूँगी। मैं तो तेरी चूत में लण्ड घुसेड़ूँगी और तेरी गांड में भी ठोंकूंगी लण्ड ? अब जब तक मैं तेरी बुर चोद नहीं लेती भाभी, तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा।
इतने में एक आवाज़ आयी - अरे तुम लोग गन्दी गन्दी गालियां बकती हो ? एक दूसरे को गालियां देती हो ? तुम्हे कोई शर्म नहीं आती ? सास हो, नन्द हो, बहू हो, तो कुछ शर्म करो, लिहाज़ करो, एक दूसरे का ध्यान रखो। ये गन्दी गन्दी बातें करना और एक दूसरे को गरियाना बिलकुल अच्छा नहीं लगता ? मैं और मेरी नन्द दोनों नज़रें झुका कर उसकी बात सुनती रहीं और थोड़ा शर्मा भी गयीं।
पर सास बोली - अच्छा यह बताओ की बेटी मेरी है, बहू मेरी है, मैं चाहे उसे गाली दूँ चाहे उसको गन्दी गन्दी बातें सुनाऊँ चाहे उसे नंगी करूँ, चाहे उसे लण्ड पकड़ाऊं, तुमको उसमे दखलंदाज़ी करने का कोई हक़ नहीं है ? तुम कौन हो हमें रोकने वाली ? एक बात सुन लो गालियों से सिर्फ नफ़रत ही नहीं पैदा होती, बल्कि प्यार भी पैदा होता है। आपने देखा होगा की शादी ब्याह के समय गालियां देना शुभ माना जाता है। बधू पक्ष कीऔरतें बारातियों को गालियां सुनातीं हैं जब बाराती भोजन करते हैं और बाराती सब खूब एन्जॉय करतें हैं। हालांकि इसका चलन अब कम हो गया है पर आज भी गावों में इसका चलन है। ये गालियां हमें एक दूसरे के नजदीक लातीं हैं। हमारे बीच गालियों से प्यार बढ़ता है। जैसा की दोस्ती में भी होता है। अब देखो लड़के हों चाहिए लड़कियां सब अपने अपने ग्रुप में खूब गाली गलौज करते हुए एन्जॉय करतें हैं। इससे उनकी दोस्ती और पक्की होती है। यही हाल लड़कियों का भी है। लड़कियां तो आपस में ज्यादा गालियां बकतीं हैंऔर मज़ा करतीं हैं। लोगों को उनसे सीखना चाहिए ?
हम तीनो सास बहू नन्द आपस में गाली गलौज करती हुई एन्जॉय करतीं हैं, मज़ा करतीं हैं और एक दूसरे के लिए मर मिटने को तैयार रहती हैं। हम इसी तरह अपनी ज़िन्दगी जी रहीं हैं। प्लीज हमें अपने तरीके ज़िन्दगी जीने दो। लोग कहतें है की ज़िन्दगी दो पल की है मैं कहती हूँ की इस दो पल में कितनी ज़िन्दगी है उसे जीना चाहिए ?
मैंने कहा - सासू जी आपने तो मेरी आँखें खोल दी ? मैं तो आपकी गुलाम हो गयी हूँ, सासू जी।
नन्द ने कहा :- हां अम्मी मैंने तो कभी ऐसा सोंचा ही नहीं ? आज सच में मेरी भी आँखें खुल गयीं। I LOVE YOU, MAMMI.
सास बोली - मेरी दुनियां मेरी बेटी बहू है। मुझे इनको खुश रखना है और इनके साथ खुश रहना है। मैं कभी भी अपनी बेटी बहू को दुःखी नहीं देख सकती।
सास ने हम दोनों को गले लगा लिया।
सास ने फिर मजाक करते हुए कहा - सेंटी होने की जरूरत नहीं है बहू रानी। ज्यादा सेंटी होगी तो मैं तेरी चोद दूँगी ? इतने में फिर हम दोनों हंसने लगीं।
एक दिन मेरे मन में आया की क्यों न मैं इन दोनों की बुर चोदने का इंतज़ाम करूं ? ये दोनों अगर अपने अपने बॉस से चुदवाती हैं और दूसरे की बुर भी अपने बॉस से चुदवाती हैं तो फिर मैं क्यों न इन दोनों की बुर उन लोगों से चुदवाऊँ जिनसे मैं चुदवाती हूँ ? मैंने अपने जीजू से चुदवाती हूँ, मौसा से चुदवाती हूँ और अपने फूफा का भी लण्ड पीती हूँ। पर हां अभी मैंने फूफा का लण्ड अपनी बुर में नहीं पेला ? मेरी मौसी और मेरी बुआ दोनों मेरी ही उम्र की हैं। उनके हसबैंड की उम्र मेरे हसबैंड की उम्र के लगभग बराबर है। मैंने इसी बात का फायदा उठाया और दोनों से चुपके चुपके चुदवाने लगी। मुझे मौसा का भी लण्ड पसंद आया और फूफा का भी लण्ड ? दोनों ही लण्ड सॉलिड है बहन चोद। जीजा जी का लण्ड तो सच में बड़ा जबरदस्त है तो फिर मैं क्यों न इन सबके लण्ड अपनी नन्द की बुर में और अपनी सास के भोसड़ा में पेलूं ? बस मैंने फोन लगाना शुरू कर दिया।
जीजा तो मिला नहीं पर उसका भाई मिल गया, यानी दीदी का देवर ? उधर फूफा नहीं मिला लेकिन मौसा से बात हो गयी। मैंने दूसरे दिन दोनों को बुला लिया। मैंने किसी को बताया नहीं। शाम को जब दीदी का देवर अनुज आया तो मैंने नसे सबसे मिलवाया। वह भी २४ साल का बांका जवान था और हैंडसम था। मेरी सास और नन्द दोनों उससे क मिलकर खुश हुई। थोड़ी दे में मेरा मौसा भी आ गया। मैंने कहा लो सासू जी तेरा समधी भी आ गया. यह है संजय मेरा मौसा ? वह भी लगभग २८ साल का था। सासू तो दौड़ कर मिली और नन्द भी। सासू ने मजाक किया हाय दईया बहू तेरा मौसा तो बड़ा मस्त है ? आज तो मैं इसे छोडूंगी नहीं ? इसकी जवानी का पूरा पूरा मज़ा लूंगी मैं। तब सासू के कहने पर ड्रिंक्स का प्रोग्राम बन गया और हम सब ड्रिंक्स पर बैठ गए। व्हिस्की का गिलास उठाया और चियर्स कह कर पीना शुरू किया। अचानक किसी ने डोर बेल बजाई तो नन्द उठी और दरवाजा। थोड़ी देर में वह एक लड़के के साथ वापस आयी और बोली मम्मी देखो यह मेरा दोस्त है रोहन। इसे मैंने अभी थोड़ी देर पहले फोन किया था और यह आ गया। वह भी दारू पीने में शामिल हो गया। मैं उसे ललचाई नज़रों से देखने लगी।
तब तक करीब करीब सभी लोग नंगे हो चुके थे। मेरी निगाह सबके लण्ड पर पड़ी। मैंने पहले दीदी के देवर का लण्ड देखा तो मस्त हो गयी। लण्ड साला गोरा चिट्टा और मोटा तगड़ा था। मैंने पूंछा अनुज तुम अपनी भाभी की बुर लेते हो न ? वह बोला हां बिलकुल लेता हूँ। मैंने कहा तो फिर आज तुम अपनी भाभी की बहन की बुर लेकर जाना। मेरी बात सुनकर मेरी नन्द बोली अरे भाभी तू बुर चोदी बहुत बड़ी चालाक है। अरे ये तो तेरी नन्द की बुर भी लेकर जायेगा, भाभी। तब तक सास बोली बहू अगर तूने इससे अपनी सास का भोसड़ा नहीं चुदवाया तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। इन बातों ने माहौल को और गरम कर दिया। उधर सास तो मेरे मौसा के लण्ड में खोई हुई थी।
हुआ यह की अब तक सभी लोग नंगे हो चुके थे और हम भी तीनो नंगी हो चुकी थीं। उस समय हम सब ड्राइंग रूम में थी लेकिन अब हम सब बेड रूम में आ गयीं हैं। मैं रोहन का लण्ड चूसने लगी और मेरी नन्द अनुज का लण्ड ? मेरी सास ने मेरे मौसा का लण्ड अपने मुंह में भर लिया था। मैंने रोहन का लण्ड चूसते हुए हुए अनुज के पेल्हड़ बी सहलाने लगी। मेरे दीदी का देवर आज पहली बार मेरे सामने नंगा हुआ था। मैंने तो जीजा का लण्ड पकड़ा था उसे अपनी चूत में पेला भी था लेकिन उसके छोटे भाई का लण्ड तो देखा ही नहीं था। आज देख रही हूँ तो पूरा मज़ा आ रहा है। मैंने अनुज का लण्ड नन्द के हाथ से छीन लिया। तो नन्द ने अपनी मम्मी के हाथ से मेरे मौसा का लण्ड ले लिया। सासू ने फिर नन्द के दोस्त रोहन का लण्ड पकड़ा और बार बार उसे चूमा। उसने पूंछा बेटा तुम मेरी बेटी की बुर लेते हो न ? रोहन ने जबाब दिया हां आंटी तेरी बेटी तो बड़े मजे से मुझे अपनी बुर देती है। सास ने कहा बेटा मैं भी तुम्हे अच्छी तरह अपनी बुर दूँगी।
थोड़ी देर तक चोदने के बाद अनुज ने लण्ड नन्द की बुर में पेल दिया और रोहन ने लण्ड मेरी बुर में। हम दोनों ने लण्ड बदला तो मज़ा बहन चोद दूना हो गया । थोड़ी देर में मौसा का लण्ड खलास होने लगा तो सासू ने उसे खूब मजे से चाटा। इधर मेरी भी चूत ढीली होने लगी और नन्द की बुर भी। वह बोली भाभी अब मैं खलास हो गयी हूँ। तब तक रोहन के लण्ड ने उगल दिया वीर्य जिसे मेरी नन्द चाट गयी। उसी के साथ अनुज का लण्ड भी उगलने लगा वीर्य जिसे मैं मस्ती से पी गयी और लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी।
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