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नए साल 2021 में नई नई बीवियां चोदो - Naye saal me nayi nayi patniyan chodo
नए साल 2021 में नई नई बीवियां चोदो - Naye saal me nayi nayi patniyan chodo , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मिसेज आभा सिंह ने पहले तो व्हिस्की का गिलास उठाया, दो घूँट शराब पी और फिर खुल कर सबके सामने बोली देखो मेरे दोस्तों, घर में तो मैं अपने हसबैंड लण्ड पकड़ती हूँ, लण्ड चाटती हूँ, लण्ड चूसती हूँ और बाद में चुदवाती हूँ। ये तो जैसे तैसे होता ही रहता है और आगे भी होता रहेगा। लेकिन आज मुझे यहाँ मौक़ा मिला है की मैं अपने मन पसंद का लण्ड पकड़ूँ, लण्ड चाटूँ, लण्ड चूसूं और फिर लण्ड अपनी चूत में पेल कर चुदवाऊं। आप मुझे बताईये क्या ग़ैर मरद के लण्ड से चुदवाना कोई गुनाह है ? लण्ड तो सिर्फ लण्ड है ? उसमे किसी का नाम तो लिखा नहीं है, बहन चोद। अब चूत मेरी है पर उसमे मेरा नाम तो लिखा नहीं है। कोई भी अपना लण्ड इसमें पेल सकता है। मुझे यह तो मालूम हो जायेगा की हां यह लण्ड है पर किसका लण्ड यह मैं जानकर क्या करूंगी ? मेरी चूत को लण्ड चाहिए लण्ड मिल गया बस ? इससे अधिक और क्या चाहिए ? अब लण्ड चाहे अपने हसबैंड का हो या किसी और का इससे क्या फरक पड़ता है ? एक बात और सुन लो मादर चोदों ये चोदने का काम केवल मरद ही नहीं करते हैं। हम लोग भी चोदने का काम करतीं हैं। हमें भी चोदना आता है। कोई मुझे चोदना न सिखाये ? मरद अगर बुर चोदता है तो बीवी लण्ड चोदती है। मरद अगर किसी की बुर लेता है तो बीवी भी किसी का लण्ड लेती है। यह खेल बराबर का है। न लण्ड बड़ा है न बुर ? न लण्ड छोटा है न बुर ? न लण्ड के बिना बुर को चैन है न बुर के बिना लण्ड को चैन। एक बात मुझे बताओ तुम लोग की मैं किसी गैर मर्द का लण्ड क्यों न चोदूँ? मैं तो चोदूँगी, बार बार चोदूँगी, यहाँ पर सब मेरे लिए गैर मरद हैं। मैं सबके लण्ड चोदूँगी और डंके की चोट पर चोदूँगी। मुझे कोई माई का लाल मादर चोद रोक नहीं सकता ?
मेरा नाम मिसेज आभा सिंह है। मैं २६ साल की हूँ. खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ. मेरी शादी अपनी कुछ ममहीने पहले ही हुई है। मैं उच्च घराने वाली हूँ. आधुनिक विचार वाली हूँ और हद से ज्यादा बोल्ड हूँ। मैं कॉलेज के दिनों में भी इसी तरह का ब्यवहार सबसे करती थी। एकदम खुल कर बात करती थी. गन्दी गन्दी बातें भी करती थीं अश्लील बातें भी करती थी और गालियां भी देती थी। लड़के मेरी गालियां सुनने के लिए मेरे आगे पीछे घुमा करते थे। मेरी लण्ड की गालियों पर खूब तालियां बजाया करते थे। मैं अक्सर लड़कों की गांड मारा करती थी। मैं कुछ चुने हुए लड़कों के लण्ड पकड़ती थी और उनसे चुदवाती भी थी।
मेरा हसबैंड नेवी में काम करता है इसलिए वह साल लगभग ५/६ महीने विदेशों में ही रहता है। अब जब वह एक लम्बे समय तक विदेशों में रहता है तो उस समय मैं क्या घर बैठी बैठी अपनी झांटें उखाड़ती रहूंगी ? क्या मैं अपनी चूत को शांत रख पाऊँगी ? क्या मैं लण्ड पकड़ने की, लण्ड पीने की और लण्ड चूत में पेलने की इच्छा दबा पाऊँगी ? नहीं बिलकुल नहीं ? इसलिए मैंने एक ग्रुप बना लिया है। इस ग्रुप में नयी नयी बीवियों को शामिल करती हूँ जिनके हसबैंड लम्बे समय तक उनसे बाहर रहतें हैं। मैं उनके लिए लण्ड का इंतज़ाम करती हूँ और हर हफ्ते उनकी बुर धकाधक चुदवाती हूँ। मैं हर नए साल में लोगो के सामने नयी नई बीवियां पेश करती हूँ और बीवियों के सामने नए नए लण्ड पेश करती हूँ। नया साल मानाने का मेरा यही एक तरीका है। मैं कुछ बीवियों को इकठ्ठा किया और उन्हें 31. 12. 2017 की रात नए नए लड़कों से चुदवाया। लड़कों ने भी नई नई बीवियां चोदीं और खूब जम कर एन्जॉय किया।
अब मैं तुम्हे पूरा किस्सा सुनाती हूँ :-
मैं एक दिन सिनेमा देखने गयी थी। इंटरवल में मुझे अपनी कॉलेज की दोस्त दिखी। मैं उसके पास गयी और कहा यार अलका तू यहाँ क्या कर रही है। वह बोली अरे यार मैं अकेली थी तो चली आयी फिल्म देखने। मैंने पूंछा की तेरा हसबैंड नहीं है क्या ? वह बोली यार वो तो बाहर गया है। फिर हम दोनों ने फिल्म देखी और मैं उसे अपने घर ले आयी। मैंने स्कॉच की बोतल खोली और दोनों बैठ कर शराब पीन लगीं।
मैंने तीनो का परिचय दिया और फिर ड्रिंक्स चालू कर दी। मैंने एक घाघरा पहना था और ऊपर से कुछ भी नहीं। मेरी बड़ी बड़ी और सुडौल चूँचियाँ बिलकुल खुली थीं और नंगीं थी. हां मैंने अपने बड़े बड़े बाल दोनों तरफ से अपनी चूँचियों पर में डाल लिया था जिससे मेरे निपल्स छिप हुए थे। अलका साड़ी पहन कर आयी थी पर उसके नीचे एक पतली सी ब्रा पहनी थी बस। उससे उसकी उभरी हुई चूँचियाँ पूरी की पूरी दिख रहीं थीं। हां निपल्स ही छिपे हुए थे बस। तरुणी तो जींस और टॉप में थी। टॉप के दोनों बटन खुले हुए थे जिससे उसकी मस्त मस्त चूँचियाँ झाँक रहीं थीं. जींस टाइट थी इससे उसके बड़े बड़े चूतड़ का साइज़ मालूम हो रहा था। मैंने देखा की तरुणी की गाड़ बड़ी सेक्सी लग रही है. मैं अगर लड़का होती तो तरुणी की गांड पहले मारती। तीनो लड़के हम लोगों की चूचियां देखने में लग गए। उनकी जजरें कभी मेरी, कभी अलका की और कभी तरुणी की चूँचियाँ देखने की बार बार कोशिश करने लगे।
मैंने लड़कों से कहा की मैंने आज साल के आखिरी दिन तुम तीनो को नया साल मनाने के लिए बुलाया है। मैं चाहती हूँ की हम लोग सब मिलकर बिना किसी शर्म लिहाज़ के खुल्लम खुल्ला तरीके से नया साल मनाएं। खूब मस्ती करें, गन्दी गन्दी बातें करें, अश्लीलता का खेल खेलें और दुनिया को दिखा दें की हम कितने जवान हैं। अलका बोली हां यह तो दिखाना ही है की हम लीग जवान है तो जवानी का मज़ा लेगें ही। तरुणी बोली यार सच बात तो यह हैं यार की जवानी का मज़ा तो चोदा चोदी में ही है। क्यों न आज हम लोग खुल्लम खुल्ला सेक्स करें और नए साला का स्वागत करें। बीच बीच में मैं अपने बाल झटका झटका कर चूँचियाँ दिखा रही थी। मैं समझ गयी अब तो आग इन लोगों के लण्ड में लग ही गयी है।
मैंने बड़े प्यार से कहा आज तुम लोग नये नये साल में नई नई बीवियां चोदो
मैंने पहल की और हाथ रोहित के जांघ पर रख दिया। धीरे से हाथ आगे बढ़ाया और उसके लण्ड पर रख दिया। मैं उसकी आँखों में आँखें डाल कर उसका लण्ड ऊपर से ही दबाने लगी। मेरे मुंह से निकला उस दिन तो मैंने इसे दूर से देखा था. आज नजदीक से देखूँगी तो मज़ा आएगा। इतने में मैंने बाल अपने पीछे कर दिया तो मेरी दोनों चूँचियाँ उसके सामने नंगी होकर मचलने लगी। उसके हाथ ने मेरी चूँचियाँ छू लीं। तब तक अलका भी अजीत की ओर लपकी। उसने अपनी बाहें अजीत के गले में डाल दीं और उसने गाल चूमने लगी। तरुणी तो आगे न बढ़ कर बलवंत से चिपक गयी और अपनी चूँचियाँ उसके बदन से रगड़ने लगी। वह भी तरुणी की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी गांड तक पहुँच गया। बलवंत तरुणी की गांड बड़े प्यार से सहलाने लगा। हम तीनो ने इस तरह एक एक लण्ड चढ़ाई करने के मन बना लिया। एक औरत जब किसी गैर मरद की बाहों में आती है तो उसका सारा बदन एक अजीब सा नशा और मस्ती में डूब जाता है। वही हम सबके साथ हो रहा था। लग रहा था की जवानी का असली मज़ा छलकने लगा है।
रोहित ने मेरे घाघरा के नाड़ा खोल दिया तो वह नीचे गिर पड़ा। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी सबके आगे , वह मुझे अपनी तरफ खींच कर मेरे नंगे बदन से खेलने लगा। मैं भी उसके कपड़े उतारने लगी। अलका की साड़ी खुल गयी। अजीत ने उसकी ब्रा खोल दी और फिर उसकी मस्त मस्त बूब्स नंगे हो गए। अजीत उन्हें मसलने लगा। फिर अलका का पेटीकोट भी खोल डाला और उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत पर अपनी उंगलियां फिराने लगा। तरुणी का टॉप बलवत से फौरन खोला तो उसकी तनी हुई चूँचियाँ देख कर बलवंत की नियत बुरी तरह ख़राब हो गयी। वह निपल्स अपनी जबान से चाटने लगा। फिर उसने तरुणी की जींस भी खोल डाली और तब उसकी बिना झांट की चिकनी चूत देख कर बलवंत पागल हो गया। तब तक रोहित को मैं नंगा कर चुकी थी। लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी थी। जिसे सबने देखा। अलका ने भी अजीत को नंगा किया और उसका लण्ड पकड़ कर कई बार चूमा, सहलाया और लण्ड के टोपा को जबान से। तरुणी ने भी बलवंत को नंगा करने में देर नहीं लगायी। उसने लण्ड पकड़ा, उसे हिलाया और झुक कर लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं। वह बोली वाओ, मुझे ऐसे ही लण्ड की तलाश थी, यार ?
मैं तो रोहित को लेकर पलंग पर लेट गयी , मुझे बुर चटवाने का बड़ा शौक है। रोहित जबान निकाल कर मेरी बुर चाटने लगा और मैं मस्ती से सिसियाने लगी। उसकी जबान मेरी चूत में हुई थी। वह मेरी चूत जबान से चोदने लगा और मैं मस्त होने लगी। थोड़ी देर में वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा और तब उसका लण्ड अपने आप मेरे मुंह में घुस गया। मैं लण्ड चूसने लगी। मुझे लण्ड चूसने का उतना ही शौक है जितना की मुझे बुर चटवाने का। हम दोनों 69 की पोजीशन का मज़ा लेने लगे। मेरे बगल में अलका अजीत का लण्ड कुतिया की तरह चाट रही थी और साथ में उसके पेल्हड़ भी। मुझे लगा की अलका भोसड़ी की ग़ैर मर्दों के लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन है। तरुणी ने बलवंत लौड़ा पूरा मुंह में लिया हुआ था। एक हाथ से पेल्हड़ थामे हुए दूसरे हाथ से लण्ड पकड़ कर गन्ने की तरह चूसने ने जुटी थी। मैं समझ गयी की तरुणी भी एक मस्त रंडी की तरह गैर मर्दों से चुदवाती है।
मैंने कहा - तरुणी तू बुर चोदी बड़ी मस्त बीवी है यार ? कितनी अच्छी तरह से लण्ड चूस रही है तू ?
वह बोली - देखो यार, मैं बहुत बड़ी हरामजादी हूँ। मैं तो शादी के पहले भी लड़कों से चुदवाती थी और शादी के बाद भी लड़कों से चुदवाती हूँ। मैं अपने मियां के लण्ड की झांट परवाह नहीं करती ? वह मुझे मिले चाहे न मिले ? वो मुझे चोदे चाहे न चोदे। मुझे कोई चिंता नहीं ? मैं तो पराये मरदों से चुदवाती रहूंगी।
इस तरह हम तीन की तीनो मादर चोद पराये मरद के लण्ड का मज़ा लूटने लगी और यही मेरी इच्छा थी। जब अपने मरद का लण्ड बहुत दिनों तक न मिले तो बुर चोदी बीवी क्या करे ? पराये मरद का लण्ड नहीं पकड़ेगी तो क्या अपनी झांट उखाड़ेगी भोसड़ी वाली ?
इतनी मस्त मस्त बातें सुनकर बलवंत के ठोंक दिया अपनी लण्ड तरुणी की चूत में और धकाधक चोदने लगा। इधर अलका भी अजीत से चुदवाना शुरू कर दिया। उसका ८" का लण्ड पूरा का पूरा अपनी चूत में घुसेड़वा लिया। मुझे भी ताव आ गया। रोहित ने इशारा भी किया तो मैंने अपनी चूत फैला दी। उसने गचाक से लण्ड पेल दिया अंदर तक। मैं बोली हाय दईया क्या एक ही बार में चोद डालोगे मेरी बुर ? अरे अब ये चूत तेरी है रोहित ज़रा मस्ती से चोदो ? नए साल में नयी बीवी चोद रहे हो तो मजे ले ले कर चोदो मेरे राजा। मैं भी गांड से जोर लगा लगा के चुदवाने लगी। कमरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। हम तीनो इस समय रंडी से भी बदतर थीं। मुझे भी ग़ैर मर्दों से चुदवाने का चस्का लगा गया और इन दोनों को भी। इसीलिए आज हम सबको बड़ा मज़ा मिल रहा है। जब एक ही तरह से चुदवाने बीवियां मिल जायें तो चुदाई का मज़ा दूना तिगुना हो जाता है। मैं उन दोनों की चुदाई भी देख रही टी और चुदवा भी रही थी। यह हाल अलका और तरुणी का भी था। अचानक अजीत बाथ रूम चला गया तो रोहित ने लण्ड मेरी चूत से लण्ड निकाल कर अलका की चूत में घुसा दिया। मेरी चूत खाली हुई तो बलवंत ने अपना लण्ड तरुणी की चूत से निकाल मेरी चूत में पेल दिया। अजीत जब बाथ रूम से आया तो उसने बदला हुआ नज़ारा देखा। उसने देखा की तरुणी की चूत खाली है तो फौरन उसके पास आया और लण्ड उसकी बुर में घुसेड़ दिया।
अब मैं बलवंत से चुदवाने लगी, अलका रोहित से चुदवाने लगी और तरुणी अजीत से। हम लोगों के लण्ड बदले तो मज़ा बढ़ गया और उन लोगों के लिए चूत बदल गयी तो उन्हें और ज्यादा मज़ा आने लगा। इस बार मैं बीच में लेटी थी। मेरी दाहिनी तरफ अलका लेटी थी और बायीं तरफ तरुणी। लेकिन इन दोनों की गांड की तरफ मेरा मुंह था और उनका मुंह मेरी गांड की तरफ था. मैं दाहिनी तरफ रोहित का लण्ड अलका की चूत में आते जाते देख रही थी और बायीं तरफ अजीत का लण्ड तरुणी की चूत में आते जाते। इन दोनों की चुदाई देखकर मेरी चुदाई की आग बढ़ती जा रही थी। मैं दाहिने हाथ से रोहित के पेल्हड़ सहला रही थी और बाएं हाथ से अजीत के पेल्हड़। तरुणी और अलका दोनों बलवंत के पेल्हड़ मिलकर सहला रहीं थीं। एक मस्ताना माहौल था हम सबकी चुदाई का। मैं बीच बीच में कभी अलका की चूत से लण्ड निकाल कर चूस लेती और कभी तरुणी की चूत से लण्ड निकाल कर। इसी तरह तरुणी कभी मेरी चूत से बलवंत का लण्ड निकाल कर चाट लेती और कभी अलका चाट लेती।
रोहित बोला - अलका भाभी मुझे आपकी बुर चोदने में उतना ही मज़ा आ रहा है जितना मुझे आभा भाभी की बुर चोदने में आता है। तुम लोगों की टाइट चूत सच में बड़ा मज़ा देती है।
अजीत बोला - मैं तो कई बीवियों की बुर चोद चुका हूँ भाभी पर आज मुझे तरुणी भाभी की बुर चोदने में खूब मज़ा आ रहा है और इसके पहले जब मैंने अलका भाभी की बुर ली थी तो बड़ा मज़ा आया था।
रोहित बोला - आभा भाभी आज आपकी ही बदौलत मैं इन दोनों की बुर चोद रहा हूँ। पिछली बार मैंने आपको देखा जरूर था पर चोद नहीं पाया था। वह तमन्ना आज पूरी हुई और हो रही है। पहले मैंने तुम्हारी बुर चोदी और अब अलका भाभी की बुर चोद रहा हूँ। मैं सच में बड़ा लकी हूँ। आज साल का पहला दिन और तीन तीन नई बीवियों की बुर ? वाह कितना नसीबवाला हूँ मैं।
बातें भी हो रहीं थी और चुदाई भी धकापेल हो रही थी। चुदाई की स्पीड बढती ही गयी। मुझे लगा की मैं अब जल्दी ही खलास हो जाऊंगी। मेरी बुर चोदी बुर ढीली होने लगी। यही हाल अलका और तरुणी की बुर की भी थी। कुछ ऐसा संयोग हुआ की जैसे ही १२ बजे वैसे ही रोहित के लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी जिसे अलका ने अपने मुंह में कैच कर लिया। इसी तरह बलवंत ने मेरे मुंह में लण्ड घुसेड़ा और मैंने मुठ्ठ मार कर उसका वीर्य निकाल लिया। उधर मैंने देखा की तरुणी भी अजीत का झड़ता हुआ लण्ड चाट रही है। हम तीनो ने पहले तो खूब चुदवाया और फिर मुठ्ठ मार मार कर लण्ड पिया।
उसके बाद हम लोग बाथ रूम गए फर्श हुए और एकदम साफ़ सुथरे बाहर आ गए। हम सब नंगे ही थे। फिर सामान वगैरह इकठ्ठा किया और नंगे नंगे ही नया साल का दीप जला कर तालियां बजाईं। फिर हमने नए साल का केक काटा, "happy new year" का गाना गाया और नंगे ही नंगे डांस किया। हम सबका नंगे नंगे डांस करना सबको बड़ा अच्छा लगा। उसके बाद मस्ती से केक को लण्ड पर लगा लगा कर खूब चाटा। लड़कों ने भी केक हमारी चूत और चूँचियों पर लगा कर खूब मस्ती से चाटा।
खूब हंसी मजाक हुआ और फिर लण्ड खड़े हो गए। इस बार मैंने अजीत का लण्ड पकड़ा और हिलाने लगी, अलका बलवंत का लण्ड पकड़ कर चूमने लगी और उसे प्यार से हिलाने लगी। तरुणी ने रोहित के लण्ड पर कब्जा जमाया और उसे अपनी हथेलियों से मथानी की तरह मथने लगी। इस बार की चुदाई भी बहुत अच्छी हुई जो हमें हमेशा याद रहेगी।
एक दिन शाम को मैं अकेली ही बैठी थी। अचानक मेरा फोन बज उठा। उधर से रोहित बोला - भाभी मैं आपके पास अपने दो दोस्त नरेश और परेश भेज रहा हूँ। प्लीज आप इन्हे खुश कर दीजियेगा। मैंने जब इनसे आपकी चूत की तारीफ की तो ये दोनों बड़े उत्साहित हो गए और कहा की हमें आभा भाभी का पता बताओ हम अभी जाकर भाभी से जरूर मिलेंगें। शायद वो पहुँचने वाले ही होगें। मैं फिर आपसे बाद में मिलूंगा। मैं मन ही मन खुश हुई। तभी डोर बेल बज उठी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने दो लड़के खड़े थे। उनमे एक बोला मैं नरेश हूँ। मैंने कहा और ये परेश है। वो दोनों हंस पड़े। मैंने उन्हें अंदर बैठाया और सीधे ड्रिंक्स सर्व कर दिया। हम तीनो शराब पीने लगे। मैं उन दोनों को बड़े गौर से देख रही थी और वो दोनों मुझे। नशा चढ़ने लगा और तब मैं उठी और अपनी ब्रा खोल कर उन्हें चूँचियाँ दिखा दीं। मैं उन दोनों के बीच में बैठ गयी। अपने दोनों हाथ उन दोनों के लण्ड पर रख दिया। नरेश मेरी एक चूँची चूमने लगा और परेश दूसरी चूंचीं। मैंने दोनों के लण्ड ऊपर से ही दबा दिया। आग उनके बदन में लग गयी और मैं तो गरम गरम बैठी ही थी। मैंने पहले नरेश को नंगा किया और फिर परेश को। दोनों के लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो लण्ड तन कर मेरे सामने खड़े हो गए। मैंने कहा वाओ, क्या बात है ? तुम लोगों के लण्ड तो बहुत बड़े बड़े हैं और मेरे मन के हैं। मैं झुक झुक कर लण्ड चूमने और चाटने लगी। परेश फिर नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा। मैं नरेश का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। फिर मैं उन्हें लेकर पलंग पर आ गयी। वहाँआकर नरेश ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और मैं परेश का लण्ड चूसने लगी। मैं इस समय एक लण्ड से चुदवाते हुए दूसरे लण्ड को चूसने लगी। मैं बार बार इन दोनों के लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगी।
मुझे बहुत दिनों के बाद दो दो लण्ड से चुदवाने का मज़ा मिल रहा था।
मिसेज आभा सिंह ने पहले तो व्हिस्की का गिलास उठाया, दो घूँट शराब पी और फिर खुल कर सबके सामने बोली देखो मेरे दोस्तों, घर में तो मैं अपने हसबैंड लण्ड पकड़ती हूँ, लण्ड चाटती हूँ, लण्ड चूसती हूँ और बाद में चुदवाती हूँ। ये तो जैसे तैसे होता ही रहता है और आगे भी होता रहेगा। लेकिन आज मुझे यहाँ मौक़ा मिला है की मैं अपने मन पसंद का लण्ड पकड़ूँ, लण्ड चाटूँ, लण्ड चूसूं और फिर लण्ड अपनी चूत में पेल कर चुदवाऊं। आप मुझे बताईये क्या ग़ैर मरद के लण्ड से चुदवाना कोई गुनाह है ? लण्ड तो सिर्फ लण्ड है ? उसमे किसी का नाम तो लिखा नहीं है, बहन चोद। अब चूत मेरी है पर उसमे मेरा नाम तो लिखा नहीं है। कोई भी अपना लण्ड इसमें पेल सकता है। मुझे यह तो मालूम हो जायेगा की हां यह लण्ड है पर किसका लण्ड यह मैं जानकर क्या करूंगी ? मेरी चूत को लण्ड चाहिए लण्ड मिल गया बस ? इससे अधिक और क्या चाहिए ? अब लण्ड चाहे अपने हसबैंड का हो या किसी और का इससे क्या फरक पड़ता है ? एक बात और सुन लो मादर चोदों ये चोदने का काम केवल मरद ही नहीं करते हैं। हम लोग भी चोदने का काम करतीं हैं। हमें भी चोदना आता है। कोई मुझे चोदना न सिखाये ? मरद अगर बुर चोदता है तो बीवी लण्ड चोदती है। मरद अगर किसी की बुर लेता है तो बीवी भी किसी का लण्ड लेती है। यह खेल बराबर का है। न लण्ड बड़ा है न बुर ? न लण्ड छोटा है न बुर ? न लण्ड के बिना बुर को चैन है न बुर के बिना लण्ड को चैन। एक बात मुझे बताओ तुम लोग की मैं किसी गैर मर्द का लण्ड क्यों न चोदूँ? मैं तो चोदूँगी, बार बार चोदूँगी, यहाँ पर सब मेरे लिए गैर मरद हैं। मैं सबके लण्ड चोदूँगी और डंके की चोट पर चोदूँगी। मुझे कोई माई का लाल मादर चोद रोक नहीं सकता ?
मेरा नाम मिसेज आभा सिंह है। मैं २६ साल की हूँ. खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ और हॉट हूँ. मेरी शादी अपनी कुछ ममहीने पहले ही हुई है। मैं उच्च घराने वाली हूँ. आधुनिक विचार वाली हूँ और हद से ज्यादा बोल्ड हूँ। मैं कॉलेज के दिनों में भी इसी तरह का ब्यवहार सबसे करती थी। एकदम खुल कर बात करती थी. गन्दी गन्दी बातें भी करती थीं अश्लील बातें भी करती थी और गालियां भी देती थी। लड़के मेरी गालियां सुनने के लिए मेरे आगे पीछे घुमा करते थे। मेरी लण्ड की गालियों पर खूब तालियां बजाया करते थे। मैं अक्सर लड़कों की गांड मारा करती थी। मैं कुछ चुने हुए लड़कों के लण्ड पकड़ती थी और उनसे चुदवाती भी थी।
मेरा हसबैंड नेवी में काम करता है इसलिए वह साल लगभग ५/६ महीने विदेशों में ही रहता है। अब जब वह एक लम्बे समय तक विदेशों में रहता है तो उस समय मैं क्या घर बैठी बैठी अपनी झांटें उखाड़ती रहूंगी ? क्या मैं अपनी चूत को शांत रख पाऊँगी ? क्या मैं लण्ड पकड़ने की, लण्ड पीने की और लण्ड चूत में पेलने की इच्छा दबा पाऊँगी ? नहीं बिलकुल नहीं ? इसलिए मैंने एक ग्रुप बना लिया है। इस ग्रुप में नयी नयी बीवियों को शामिल करती हूँ जिनके हसबैंड लम्बे समय तक उनसे बाहर रहतें हैं। मैं उनके लिए लण्ड का इंतज़ाम करती हूँ और हर हफ्ते उनकी बुर धकाधक चुदवाती हूँ। मैं हर नए साल में लोगो के सामने नयी नई बीवियां पेश करती हूँ और बीवियों के सामने नए नए लण्ड पेश करती हूँ। नया साल मानाने का मेरा यही एक तरीका है। मैं कुछ बीवियों को इकठ्ठा किया और उन्हें 31. 12. 2017 की रात नए नए लड़कों से चुदवाया। लड़कों ने भी नई नई बीवियां चोदीं और खूब जम कर एन्जॉय किया।
अब मैं तुम्हे पूरा किस्सा सुनाती हूँ :-
मैं एक दिन सिनेमा देखने गयी थी। इंटरवल में मुझे अपनी कॉलेज की दोस्त दिखी। मैं उसके पास गयी और कहा यार अलका तू यहाँ क्या कर रही है। वह बोली अरे यार मैं अकेली थी तो चली आयी फिल्म देखने। मैंने पूंछा की तेरा हसबैंड नहीं है क्या ? वह बोली यार वो तो बाहर गया है। फिर हम दोनों ने फिल्म देखी और मैं उसे अपने घर ले आयी। मैंने स्कॉच की बोतल खोली और दोनों बैठ कर शराब पीन लगीं।
- मैंने पूंछा तेरा पति कितने दिनों के लिए बाहर गया है ?
- वह बोली यही कोई एक हफ्ते के लिए गया है।
- तो फिर तुम अकेली क्या करती हो ?
- अपनी झांटें उखाड़ती रहती हूँ और क्या ? चूत में गाजर मूली घुसेड़ती रहती हूँ।
- अच्छा तो क्या कोई लौड़ा नहीं मिलता ?
- अरे यार मेरा लौड़ा तो बहन चोद बाहर ही घुमा करता है तो मैं क्या करूँ ? किसका लण्ड कहाँ से लाऊं ?
- पर कुछ तो करो। तेरी चूत बिचारी कितने दिनों से चुदासी होगी ?
- हां है तो चुदासी यार ? पर मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूँ की क्या करूं ? तुम कुछ कर न आभा ? तू तो लण्ड का इंतज़ाम कर सकती है। जैसे तू कॉलेज में किया करती थी। तेरे अलावा और किसी की गांड में दम नहीं है यार।
- हां कर तो सकती हूँ मैं। तू चिंता न कर मैंने नए साल में तेरी बुर चुदवा जरूर दूँगी।
- अरे यार मेरी एक और दोस्त है मिसेज तरुणी । मेरे उसके चूँची चूत के रिश्ते हैं।
- तो फिर उसको भी बुला लो न भोसड़ी वाली को। वह भी अकेली होगी, अपनी झांटें उखाड़ती होगी और चूतमे गाजर मूली पेलती होगी ?
मैंने तीनो का परिचय दिया और फिर ड्रिंक्स चालू कर दी। मैंने एक घाघरा पहना था और ऊपर से कुछ भी नहीं। मेरी बड़ी बड़ी और सुडौल चूँचियाँ बिलकुल खुली थीं और नंगीं थी. हां मैंने अपने बड़े बड़े बाल दोनों तरफ से अपनी चूँचियों पर में डाल लिया था जिससे मेरे निपल्स छिप हुए थे। अलका साड़ी पहन कर आयी थी पर उसके नीचे एक पतली सी ब्रा पहनी थी बस। उससे उसकी उभरी हुई चूँचियाँ पूरी की पूरी दिख रहीं थीं। हां निपल्स ही छिपे हुए थे बस। तरुणी तो जींस और टॉप में थी। टॉप के दोनों बटन खुले हुए थे जिससे उसकी मस्त मस्त चूँचियाँ झाँक रहीं थीं. जींस टाइट थी इससे उसके बड़े बड़े चूतड़ का साइज़ मालूम हो रहा था। मैंने देखा की तरुणी की गाड़ बड़ी सेक्सी लग रही है. मैं अगर लड़का होती तो तरुणी की गांड पहले मारती। तीनो लड़के हम लोगों की चूचियां देखने में लग गए। उनकी जजरें कभी मेरी, कभी अलका की और कभी तरुणी की चूँचियाँ देखने की बार बार कोशिश करने लगे।
मैंने लड़कों से कहा की मैंने आज साल के आखिरी दिन तुम तीनो को नया साल मनाने के लिए बुलाया है। मैं चाहती हूँ की हम लोग सब मिलकर बिना किसी शर्म लिहाज़ के खुल्लम खुल्ला तरीके से नया साल मनाएं। खूब मस्ती करें, गन्दी गन्दी बातें करें, अश्लीलता का खेल खेलें और दुनिया को दिखा दें की हम कितने जवान हैं। अलका बोली हां यह तो दिखाना ही है की हम लीग जवान है तो जवानी का मज़ा लेगें ही। तरुणी बोली यार सच बात तो यह हैं यार की जवानी का मज़ा तो चोदा चोदी में ही है। क्यों न आज हम लोग खुल्लम खुल्ला सेक्स करें और नए साला का स्वागत करें। बीच बीच में मैं अपने बाल झटका झटका कर चूँचियाँ दिखा रही थी। मैं समझ गयी अब तो आग इन लोगों के लण्ड में लग ही गयी है।
मैंने बड़े प्यार से कहा आज तुम लोग नये नये साल में नई नई बीवियां चोदो
मैंने पहल की और हाथ रोहित के जांघ पर रख दिया। धीरे से हाथ आगे बढ़ाया और उसके लण्ड पर रख दिया। मैं उसकी आँखों में आँखें डाल कर उसका लण्ड ऊपर से ही दबाने लगी। मेरे मुंह से निकला उस दिन तो मैंने इसे दूर से देखा था. आज नजदीक से देखूँगी तो मज़ा आएगा। इतने में मैंने बाल अपने पीछे कर दिया तो मेरी दोनों चूँचियाँ उसके सामने नंगी होकर मचलने लगी। उसके हाथ ने मेरी चूँचियाँ छू लीं। तब तक अलका भी अजीत की ओर लपकी। उसने अपनी बाहें अजीत के गले में डाल दीं और उसने गाल चूमने लगी। तरुणी तो आगे न बढ़ कर बलवंत से चिपक गयी और अपनी चूँचियाँ उसके बदन से रगड़ने लगी। वह भी तरुणी की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी गांड तक पहुँच गया। बलवंत तरुणी की गांड बड़े प्यार से सहलाने लगा। हम तीनो ने इस तरह एक एक लण्ड चढ़ाई करने के मन बना लिया। एक औरत जब किसी गैर मरद की बाहों में आती है तो उसका सारा बदन एक अजीब सा नशा और मस्ती में डूब जाता है। वही हम सबके साथ हो रहा था। लग रहा था की जवानी का असली मज़ा छलकने लगा है।
रोहित ने मेरे घाघरा के नाड़ा खोल दिया तो वह नीचे गिर पड़ा। मैं मादर चोद बिलकुल नंगी हो गयी सबके आगे , वह मुझे अपनी तरफ खींच कर मेरे नंगे बदन से खेलने लगा। मैं भी उसके कपड़े उतारने लगी। अलका की साड़ी खुल गयी। अजीत ने उसकी ब्रा खोल दी और फिर उसकी मस्त मस्त बूब्स नंगे हो गए। अजीत उन्हें मसलने लगा। फिर अलका का पेटीकोट भी खोल डाला और उसकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत पर अपनी उंगलियां फिराने लगा। तरुणी का टॉप बलवत से फौरन खोला तो उसकी तनी हुई चूँचियाँ देख कर बलवंत की नियत बुरी तरह ख़राब हो गयी। वह निपल्स अपनी जबान से चाटने लगा। फिर उसने तरुणी की जींस भी खोल डाली और तब उसकी बिना झांट की चिकनी चूत देख कर बलवंत पागल हो गया। तब तक रोहित को मैं नंगा कर चुकी थी। लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी थी। जिसे सबने देखा। अलका ने भी अजीत को नंगा किया और उसका लण्ड पकड़ कर कई बार चूमा, सहलाया और लण्ड के टोपा को जबान से। तरुणी ने भी बलवंत को नंगा करने में देर नहीं लगायी। उसने लण्ड पकड़ा, उसे हिलाया और झुक कर लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं। वह बोली वाओ, मुझे ऐसे ही लण्ड की तलाश थी, यार ?
मैं तो रोहित को लेकर पलंग पर लेट गयी , मुझे बुर चटवाने का बड़ा शौक है। रोहित जबान निकाल कर मेरी बुर चाटने लगा और मैं मस्ती से सिसियाने लगी। उसकी जबान मेरी चूत में हुई थी। वह मेरी चूत जबान से चोदने लगा और मैं मस्त होने लगी। थोड़ी देर में वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा और तब उसका लण्ड अपने आप मेरे मुंह में घुस गया। मैं लण्ड चूसने लगी। मुझे लण्ड चूसने का उतना ही शौक है जितना की मुझे बुर चटवाने का। हम दोनों 69 की पोजीशन का मज़ा लेने लगे। मेरे बगल में अलका अजीत का लण्ड कुतिया की तरह चाट रही थी और साथ में उसके पेल्हड़ भी। मुझे लगा की अलका भोसड़ी की ग़ैर मर्दों के लण्ड की बहुत बड़ी शौक़ीन है। तरुणी ने बलवंत लौड़ा पूरा मुंह में लिया हुआ था। एक हाथ से पेल्हड़ थामे हुए दूसरे हाथ से लण्ड पकड़ कर गन्ने की तरह चूसने ने जुटी थी। मैं समझ गयी की तरुणी भी एक मस्त रंडी की तरह गैर मर्दों से चुदवाती है।
मैंने कहा - तरुणी तू बुर चोदी बड़ी मस्त बीवी है यार ? कितनी अच्छी तरह से लण्ड चूस रही है तू ?
वह बोली - देखो यार, मैं बहुत बड़ी हरामजादी हूँ। मैं तो शादी के पहले भी लड़कों से चुदवाती थी और शादी के बाद भी लड़कों से चुदवाती हूँ। मैं अपने मियां के लण्ड की झांट परवाह नहीं करती ? वह मुझे मिले चाहे न मिले ? वो मुझे चोदे चाहे न चोदे। मुझे कोई चिंता नहीं ? मैं तो पराये मरदों से चुदवाती रहूंगी।
इस तरह हम तीन की तीनो मादर चोद पराये मरद के लण्ड का मज़ा लूटने लगी और यही मेरी इच्छा थी। जब अपने मरद का लण्ड बहुत दिनों तक न मिले तो बुर चोदी बीवी क्या करे ? पराये मरद का लण्ड नहीं पकड़ेगी तो क्या अपनी झांट उखाड़ेगी भोसड़ी वाली ?
इतनी मस्त मस्त बातें सुनकर बलवंत के ठोंक दिया अपनी लण्ड तरुणी की चूत में और धकाधक चोदने लगा। इधर अलका भी अजीत से चुदवाना शुरू कर दिया। उसका ८" का लण्ड पूरा का पूरा अपनी चूत में घुसेड़वा लिया। मुझे भी ताव आ गया। रोहित ने इशारा भी किया तो मैंने अपनी चूत फैला दी। उसने गचाक से लण्ड पेल दिया अंदर तक। मैं बोली हाय दईया क्या एक ही बार में चोद डालोगे मेरी बुर ? अरे अब ये चूत तेरी है रोहित ज़रा मस्ती से चोदो ? नए साल में नयी बीवी चोद रहे हो तो मजे ले ले कर चोदो मेरे राजा। मैं भी गांड से जोर लगा लगा के चुदवाने लगी। कमरा चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। हम तीनो इस समय रंडी से भी बदतर थीं। मुझे भी ग़ैर मर्दों से चुदवाने का चस्का लगा गया और इन दोनों को भी। इसीलिए आज हम सबको बड़ा मज़ा मिल रहा है। जब एक ही तरह से चुदवाने बीवियां मिल जायें तो चुदाई का मज़ा दूना तिगुना हो जाता है। मैं उन दोनों की चुदाई भी देख रही टी और चुदवा भी रही थी। यह हाल अलका और तरुणी का भी था। अचानक अजीत बाथ रूम चला गया तो रोहित ने लण्ड मेरी चूत से लण्ड निकाल कर अलका की चूत में घुसा दिया। मेरी चूत खाली हुई तो बलवंत ने अपना लण्ड तरुणी की चूत से निकाल मेरी चूत में पेल दिया। अजीत जब बाथ रूम से आया तो उसने बदला हुआ नज़ारा देखा। उसने देखा की तरुणी की चूत खाली है तो फौरन उसके पास आया और लण्ड उसकी बुर में घुसेड़ दिया।
अब मैं बलवंत से चुदवाने लगी, अलका रोहित से चुदवाने लगी और तरुणी अजीत से। हम लोगों के लण्ड बदले तो मज़ा बढ़ गया और उन लोगों के लिए चूत बदल गयी तो उन्हें और ज्यादा मज़ा आने लगा। इस बार मैं बीच में लेटी थी। मेरी दाहिनी तरफ अलका लेटी थी और बायीं तरफ तरुणी। लेकिन इन दोनों की गांड की तरफ मेरा मुंह था और उनका मुंह मेरी गांड की तरफ था. मैं दाहिनी तरफ रोहित का लण्ड अलका की चूत में आते जाते देख रही थी और बायीं तरफ अजीत का लण्ड तरुणी की चूत में आते जाते। इन दोनों की चुदाई देखकर मेरी चुदाई की आग बढ़ती जा रही थी। मैं दाहिने हाथ से रोहित के पेल्हड़ सहला रही थी और बाएं हाथ से अजीत के पेल्हड़। तरुणी और अलका दोनों बलवंत के पेल्हड़ मिलकर सहला रहीं थीं। एक मस्ताना माहौल था हम सबकी चुदाई का। मैं बीच बीच में कभी अलका की चूत से लण्ड निकाल कर चूस लेती और कभी तरुणी की चूत से लण्ड निकाल कर। इसी तरह तरुणी कभी मेरी चूत से बलवंत का लण्ड निकाल कर चाट लेती और कभी अलका चाट लेती।
रोहित बोला - अलका भाभी मुझे आपकी बुर चोदने में उतना ही मज़ा आ रहा है जितना मुझे आभा भाभी की बुर चोदने में आता है। तुम लोगों की टाइट चूत सच में बड़ा मज़ा देती है।
अजीत बोला - मैं तो कई बीवियों की बुर चोद चुका हूँ भाभी पर आज मुझे तरुणी भाभी की बुर चोदने में खूब मज़ा आ रहा है और इसके पहले जब मैंने अलका भाभी की बुर ली थी तो बड़ा मज़ा आया था।
रोहित बोला - आभा भाभी आज आपकी ही बदौलत मैं इन दोनों की बुर चोद रहा हूँ। पिछली बार मैंने आपको देखा जरूर था पर चोद नहीं पाया था। वह तमन्ना आज पूरी हुई और हो रही है। पहले मैंने तुम्हारी बुर चोदी और अब अलका भाभी की बुर चोद रहा हूँ। मैं सच में बड़ा लकी हूँ। आज साल का पहला दिन और तीन तीन नई बीवियों की बुर ? वाह कितना नसीबवाला हूँ मैं।
बातें भी हो रहीं थी और चुदाई भी धकापेल हो रही थी। चुदाई की स्पीड बढती ही गयी। मुझे लगा की मैं अब जल्दी ही खलास हो जाऊंगी। मेरी बुर चोदी बुर ढीली होने लगी। यही हाल अलका और तरुणी की बुर की भी थी। कुछ ऐसा संयोग हुआ की जैसे ही १२ बजे वैसे ही रोहित के लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी जिसे अलका ने अपने मुंह में कैच कर लिया। इसी तरह बलवंत ने मेरे मुंह में लण्ड घुसेड़ा और मैंने मुठ्ठ मार कर उसका वीर्य निकाल लिया। उधर मैंने देखा की तरुणी भी अजीत का झड़ता हुआ लण्ड चाट रही है। हम तीनो ने पहले तो खूब चुदवाया और फिर मुठ्ठ मार मार कर लण्ड पिया।
उसके बाद हम लोग बाथ रूम गए फर्श हुए और एकदम साफ़ सुथरे बाहर आ गए। हम सब नंगे ही थे। फिर सामान वगैरह इकठ्ठा किया और नंगे नंगे ही नया साल का दीप जला कर तालियां बजाईं। फिर हमने नए साल का केक काटा, "happy new year" का गाना गाया और नंगे ही नंगे डांस किया। हम सबका नंगे नंगे डांस करना सबको बड़ा अच्छा लगा। उसके बाद मस्ती से केक को लण्ड पर लगा लगा कर खूब चाटा। लड़कों ने भी केक हमारी चूत और चूँचियों पर लगा कर खूब मस्ती से चाटा।
खूब हंसी मजाक हुआ और फिर लण्ड खड़े हो गए। इस बार मैंने अजीत का लण्ड पकड़ा और हिलाने लगी, अलका बलवंत का लण्ड पकड़ कर चूमने लगी और उसे प्यार से हिलाने लगी। तरुणी ने रोहित के लण्ड पर कब्जा जमाया और उसे अपनी हथेलियों से मथानी की तरह मथने लगी। इस बार की चुदाई भी बहुत अच्छी हुई जो हमें हमेशा याद रहेगी।
एक दिन शाम को मैं अकेली ही बैठी थी। अचानक मेरा फोन बज उठा। उधर से रोहित बोला - भाभी मैं आपके पास अपने दो दोस्त नरेश और परेश भेज रहा हूँ। प्लीज आप इन्हे खुश कर दीजियेगा। मैंने जब इनसे आपकी चूत की तारीफ की तो ये दोनों बड़े उत्साहित हो गए और कहा की हमें आभा भाभी का पता बताओ हम अभी जाकर भाभी से जरूर मिलेंगें। शायद वो पहुँचने वाले ही होगें। मैं फिर आपसे बाद में मिलूंगा। मैं मन ही मन खुश हुई। तभी डोर बेल बज उठी। मैंने दरवाजा खोला तो सामने दो लड़के खड़े थे। उनमे एक बोला मैं नरेश हूँ। मैंने कहा और ये परेश है। वो दोनों हंस पड़े। मैंने उन्हें अंदर बैठाया और सीधे ड्रिंक्स सर्व कर दिया। हम तीनो शराब पीने लगे। मैं उन दोनों को बड़े गौर से देख रही थी और वो दोनों मुझे। नशा चढ़ने लगा और तब मैं उठी और अपनी ब्रा खोल कर उन्हें चूँचियाँ दिखा दीं। मैं उन दोनों के बीच में बैठ गयी। अपने दोनों हाथ उन दोनों के लण्ड पर रख दिया। नरेश मेरी एक चूँची चूमने लगा और परेश दूसरी चूंचीं। मैंने दोनों के लण्ड ऊपर से ही दबा दिया। आग उनके बदन में लग गयी और मैं तो गरम गरम बैठी ही थी। मैंने पहले नरेश को नंगा किया और फिर परेश को। दोनों के लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी तो लण्ड तन कर मेरे सामने खड़े हो गए। मैंने कहा वाओ, क्या बात है ? तुम लोगों के लण्ड तो बहुत बड़े बड़े हैं और मेरे मन के हैं। मैं झुक झुक कर लण्ड चूमने और चाटने लगी। परेश फिर नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा। मैं नरेश का लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। फिर मैं उन्हें लेकर पलंग पर आ गयी। वहाँआकर नरेश ने लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और मैं परेश का लण्ड चूसने लगी। मैं इस समय एक लण्ड से चुदवाते हुए दूसरे लण्ड को चूसने लगी। मैं बार बार इन दोनों के लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगी।
मुझे बहुत दिनों के बाद दो दो लण्ड से चुदवाने का मज़ा मिल रहा था।
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