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भाभी की चुदाई की इच्छा पूरी की - Bhabhi ko chodkar ichchha puri ki
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हैल्लो दोस्तों, आज में आपको मेरा पहला अनुभव बताने जा रहा हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और में एम.बी.ए कर रहा हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और मस्क्युलर बॉडी है। ये कहानी तब की है, जब में 20 साल का था। यह कहानी मेरी चाची और मेरे सेक्स के बीच की है। मेरी चाची का नाम रूबी है और जब मैंने चाची को पहली बार चोदा था तब उसकी उम्र 27 साल की थी। उसका फिगर बहुत कमाल का था और उसका फिगर साईज 34-28-36 था। मैंने उसको सोच-सोचकर बहुत बार मुठ भी मारी थी। अब में मौके की तलाश में था कि कब उसे चोदूं और अपनी चाची को खा जाऊं? मेरी चाची की शादी को 2 साल हो गये थे और अभी तक उनके बच्चा नहीं हुआ था, तो वो बहुत उदास उदास रहती थी।
अब में उनको देखकर सपने देखता था। चाचा अक्सर अपने काम से बाहर रहते थे और में चाची की देखभाल करता था, तो हम बहुत घुलमिल गये थे। में और चाची एक साथ ही खाना खाते थे। फिर एक दिन मैंने चाची से पूछा कि चाची आपके अभी तक बच्चा क्यों नहीं हुआ? तो तब पहले तो वो कुछ नहीं बोली और फिर गुस्से में उठकर चली गई थी। अब उस दिन चाची बहुत उदास थी तो तब में चाची से बोला कि क्या हुआ? तो तब वो बोली कि कुछ नहीं और अपना काम करने लग गई और फिर आकर सो गई थी। तब मैंने चाची को देखा, तो तब वो बहुत सुंदर लग रही थी और बहुत सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी।
फिर में अपने रूम में जाकर चाची के बारे में सोचता सोचता मुठ मारकर सो गया। अब अगले दिन घर में कोई नहीं था और चाचा अपने काम से मुंबई गये थे और सारे घरवाले शादी में गये थे। चाची की तबियत थोड़ी ख़राब थी तो वो नहीं गई थी और मेरे पेपर थे इसलिए में भी नहीं गया था। अब मुझे चाची के साथ अकेले रहने का अच्छा मौका मिल गया था और अब में बहुत खुश हो गया था की अब शायद चाची को चोदने का मौका मिल जाएगा। फिर अगले दिन चाची ने सुबह उठकर चाय बनाई और फिर हम दोनों ने चाय पी।
तब मैंने फिर से चाची से पूछा कि आपके अभी तक बच्चा क्यों नहीं हुआ? तो तब वो बोली कि तेरे चाचा से जाकर पूछ ले। तब मैंने कहा कि चाची आप ही बता दो ना। तब वो बोली कि बच्चा कैसे होता है? तुझे पता है। तो तब में बोला कि हाँ पता है। तो तब वो बोली कि तेरे चाचा के पास टाईम कहाँ है कि में माँ बन जाऊं? उनको तो सिर्फ़ अपना काम दिखता है। तब में मज़ाक में चाची से बोला कि में कुछ मदद करूँ। तब वो मुझे गुस्से में देखने लगी और उठकर अपने रूम में चली गई थी।
फिर में भी थोड़ी देर के बाद उनके रूम में चला गया तो वो लेटी हुई थी और उदास थी। फिर तब मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो तब वो बोली कि मेरी टाँगे दर्द हो रही है। तो तब में झट से चाची के पास गया और बोला कि में दबा देता हूँ। तब वो मना करने लगी, लेकिन मैंने उनकी टाँगे दबानी स्टार्ट कर दी थी। उस दिन मैंने चाची को पहली बार छुआ था और अब मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे। अब में उनकी टाँगे दबाते-दबाते उनकी जांघ तक आ गया था। तब उन्होंने मुझे रोका तो तब में फिर से उनकी उंगलियाँ दबाने लगा।
फिर जब मैंने उनकी जाँघ पर अपना एक हाथ रखा तो तब मेरा लंड खड़ा होने लगा था। अब मैंने पजामा पहना था, तो मेरा लंड चाची को दिखने लगा था। अब वो बार-बार मेरे लंड की तरफ देख रही थी। फिर हम दोनों उठ गये और रात का खाना खाकर कंप्यूटर पर मूवी देखने लगे थे, उसमें कुछ सेक्सी सीन भी थे। अब चाची अपने होंठ दबाकर मूवी देख रही थी और मेरी तरफ देख रही थी। फिर चाची अपने रूम में सोने चली गई और में रोज की तरह मुठ मारने लगा था।
फिर थोड़ी देर के बाद चाची आई। अब में बिल्कुल नंगा था और मेरे एक हाथ में लंड था। तो तब चाची मुझे देखने लगी। तो तब में डर गया, लेकिन चाची कुछ नहीं बोली। फिर वो मेरे पास आई और बोली कि आज में यही सो जाती हूँ। तो तब में बोला कि ठीक है और फिर में कपड़े पहनने लगा। तब चाची बोली कि रहने दो, ऐसे ही अच्छे लग रहे हो और हंस पड़ी। तो तब मेरा दिल बाग बाग हो गया और अब मुझे मेरा सपना सच होता दिख रहा था। अब में बेड पर चाची की तरफ़ मुँह करके लेटा था और चाची अपनी पीठ करके लेटी थी।
फिर मैंने कोशिश की कि चाची को पीछे से पकड़ लूँ, लेकिन डर लग रहा था। तभी थोड़ी देर में चाची सो गई और फिर मैंने अपना एक पैर उनके पैर पर रख दिया। तब वो हिलने लगी तो तब मैंने अपना पैर हटा लिया। फिर थोड़ी देर में चाची ने अपना एक हाथ मेरे ऊपर रखा और अब वो अपनी आँखे बंद करके लेटी हुई थी। तब मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स के ऊपर रख दिया। तब वो थोड़ी पास आ गई और फिर में उनकी चूची दबाने लगा तो वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने अपना एक हाथ अंदर डालकर उनकी ब्रा खोल दी।
फिर तब उन्होंने अपनी आँखे खोल ली और मुझे देखकर हंसने लगी और बोली कि ये क्या कर रहा है शैतान? तो तब में बोला कि जो आप चाहती हो मेरी जान। तो तब वो बोली कि तेरे चाचा के पास तो टाईम ही नहीं है, में भी एक लड़की हूँ, मुझे भी लंड चाहिए। तो तब में बोला कि में हूँ ना आपको लंड भी दूँगा और बहुत सारा प्यार दूंगा। तो तब वो बोली कि मुझे प्यार करो। फिर मैंने चाची के सारे कपड़े उतार दिए। अब मेरी आँखे फटी की फटी रह गई थी, उनका जिस्म इतना सॉफ्ट था और इतना सुंदर था कि में देखते ही पागल हो गया था, ऐसा लगता था कि 18 की कोई कुंवारी लड़की हो।
अब में पागलों की तरह उनको चूमने लगा था और बीच-बीच में अपने दाँतों से भी काट लेता था, जिससे चाची के मुँह से आहह, ऊहहहह की आवाज़े निकल रही थी। अब उससे में और उत्तेजित हो रहा था। फिर मैंने अपनी चाची के बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। तब चाची भी मेरा साथ देने लगी और पागलों की तरह मेरे बाल पकड़कर मेरा सिर अपने बूब्स पर दबाने लगी थी। अब में और ज़ोर-ज़ोर से उनके बूब्स पीने लगा था और उनको चूसने लगा था।
फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर रखा। तो मेरा हाथ रखते ही उन्होंने आहह, ऊहहह करके मुझे ज़ोर से हग कर लिया और बोली कि आज मेरी प्यास बुझा दे साहिल, तू जो माँगेगा वो दूँगी तुझे, तो तब में खुश हो गया। फिर मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, मानों कि उसमें से आग निकल रही हो। अब में अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा था। तब चाची ने मुझे बहुत ज़ोर से अपने दाँतों से मेरे हाथों पर काट लिया और मेरी हाथों की उंगलियाँ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी, मैंने पहले कभी ऐसा मज़ा नहीं लिया था।
फिर में चाची की दोनों टाँगों के बीच में आकर बैठ गया और उनकी रसवाली चूत को देखने लगा था। फिर मैंने भी चाची के चूतड़ को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उनकी गांड सहलाते हुए उनकी रसभरी चूत को चूमने लगा था। अब चाची की चूत की प्यारी-प्यारी खुशबू मेरे दिमाग में चढ़ने लगी थी। अब में दीवानों की तरह भाभी की चूत और उसके चारों तरफ के इलाके को चूमने लगा था और बीच-बीच में अपनी जीभ बाहर निकालकर चाची की चूत को भी चाट लेता था।
तब चाची मस्ती से भरकर सिसकारी लेते हुए बोली कि आह साहिल, आहह, जीभ से चाटो ना, अब और मत तड़पाओ साहिल, मेरी चूत को चाटो, डाल दो अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर, अंदर डालकर अपनी जीभ से चोदो। अब तक चाची की नशीली चूत की खुशबू ने मुझे बुरी तरह से पागल बना दिया था। फिर मैंने चाची की चूत पर से अपना मुँह उठाए बिना उन्हें खींचकर पलंग पर बैठा दिया और खुद जमीन पर बैठ गया और चाची की चूत को बुरी तरह से चूसने लगा था।
फिर में 15 मिनट तक ऐसे ही करता रहा। तभी एक ज़ोरदार पिचकारी चाची ने मेरे मुँह में छोड़ दी और बेड पर गिर गई और लंबी- लंबी साँसे लेने लगी थी। फिर में उठकर चाची के पास गया और बोला कि क्या हुआ? तो तब वो बोली कि कुछ नहीं मेरी जान, अभी तो प्यार की शुरआत हुई है और यह कहकर मेरा लंड पकड़ लिया। तब वो बोली कि तेरा लंड तेरे चाचा के लंड से बहुत बड़ा है, इससे तो मेरी चूत फट जाएगी। तब में बोला कि जैसा भी है आपका ही है। फिर चाची ने मेरे लंड का टोपा अपने मुँह में ले लिया और उसको चूसने लगी थी।
फिर में खड़ा हुआ और चाची की दोनों टांगे अपने कंधे पर रखकर अपने लंड से चाची की चूत को सहलाने लगा था। तब चाची मदहोश हो गई और बोलने लगी कि डाल दे अपना लंड मेरी चूत में और फाड़ दे मेरी चूत, मेरी चूत के चिथड़े उड़ा दे, आज जो करना है कर ले साहिल, मेरी जान। तब मैंने अपने लंड को अंदर डालने की कोशिश की, लेकिन वो जा नहीं रहा था, क्योंकि चाची की चूत का छेद बहुत छोटा था। फिर मैंने दुबारा कोशिश की, लेकिन मेरा लंड अंदर नहीं गया। तब चाची ने मुझे तेल दिया और बोली कि अपने लंड पर लगा ले और मेरी चूत पर भी डाल दे।
तब मैंने वैसा ही किया और थोड़ा तेल लगाकर अपने लंड को चाची की चूत के दरवाजे पर रख दिया और चाची से बोला कि तैयार हो जाओ चाची। तब चाची बोली कि अब मत तड़पा, डाल दे अपना लंड जल्दी से। तो तब मैंने एक ज़ोर से झटका मारा, तो तब चाची चिल्ला पड़ी आअहह, निकाल, निकाल जल्दी, बहुत दर्द हो रहा है। तब में रुक गया। फिर थोड़ी देर के बाद चाची बोली कि रुका क्यों है? चालू कर दे मशीन।
तब मैंने फिर से ज़ोरदार झटका मारा तो तब चाची फिर से चिल्ला पड़ी आअहह, ऊऊओह, माँ, आआअ, मररररर गई, आअहह, उईईइ माँ, आह क्या जालिम लंड है तुम्हारा? चोद डाला तुमने मुझे, आह में गई और फिर चाची मुझसे चिपककर शांत हो गई और अपनी गांड उछाल- उछालकर मेरा साथ देने लगी थी। अब मैंने अपने धक्के तेज कर दिए थे। तभी थोड़ी देर के बाद चाची झड़ गई और पागलों की तरह मुझे चूमने लगी थी और बोली कि बस कर। तब में बोला कि मेरा तो अभी हुआ नहीं। तब वो बोली कि अच्छा कर ले। फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और धक्के पे धक्के पेलने लगा था।
अब चाची फिर से झड़ने वाली थी और अब में भी झड़ने वाला था, तो तब हम दोनों एकदम मदहोश हो गये थे। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और चाची के मुँह में दे दिया और उनकी चूत को चूसने लगा था। फिर थोड़ी देर के बाद में चाची के मुँह में ही झड़ गया। अब उनका मुँह मेरे लंड के पानी से भर गया था। तो तब चाची ने भी मेरे मुँह में पिचकारी छोड़ दी।
अब हम पसीना-पसीना हो गये थे और एक दूसरे से चिपककर लेट गये थे। फिर उस रात मैंने चाची की 4 बार चुदाई की और उनको जन्नत का मजा करवाया। फिर उसके बाद हम रोज सेक्स करने लगे, जब तक घरवाले नहीं आए और अब हमें जब भी कोई मौका मिलता है, तो तब हम चुदाई करते है
हैल्लो दोस्तों, आज में आपको मेरा पहला अनुभव बताने जा रहा हूँ। मेरी उम्र 25 साल है और में एम.बी.ए कर रहा हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और मस्क्युलर बॉडी है। ये कहानी तब की है, जब में 20 साल का था। यह कहानी मेरी चाची और मेरे सेक्स के बीच की है। मेरी चाची का नाम रूबी है और जब मैंने चाची को पहली बार चोदा था तब उसकी उम्र 27 साल की थी। उसका फिगर बहुत कमाल का था और उसका फिगर साईज 34-28-36 था। मैंने उसको सोच-सोचकर बहुत बार मुठ भी मारी थी। अब में मौके की तलाश में था कि कब उसे चोदूं और अपनी चाची को खा जाऊं? मेरी चाची की शादी को 2 साल हो गये थे और अभी तक उनके बच्चा नहीं हुआ था, तो वो बहुत उदास उदास रहती थी।
अब में उनको देखकर सपने देखता था। चाचा अक्सर अपने काम से बाहर रहते थे और में चाची की देखभाल करता था, तो हम बहुत घुलमिल गये थे। में और चाची एक साथ ही खाना खाते थे। फिर एक दिन मैंने चाची से पूछा कि चाची आपके अभी तक बच्चा क्यों नहीं हुआ? तो तब पहले तो वो कुछ नहीं बोली और फिर गुस्से में उठकर चली गई थी। अब उस दिन चाची बहुत उदास थी तो तब में चाची से बोला कि क्या हुआ? तो तब वो बोली कि कुछ नहीं और अपना काम करने लग गई और फिर आकर सो गई थी। तब मैंने चाची को देखा, तो तब वो बहुत सुंदर लग रही थी और बहुत सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी।
फिर में अपने रूम में जाकर चाची के बारे में सोचता सोचता मुठ मारकर सो गया। अब अगले दिन घर में कोई नहीं था और चाचा अपने काम से मुंबई गये थे और सारे घरवाले शादी में गये थे। चाची की तबियत थोड़ी ख़राब थी तो वो नहीं गई थी और मेरे पेपर थे इसलिए में भी नहीं गया था। अब मुझे चाची के साथ अकेले रहने का अच्छा मौका मिल गया था और अब में बहुत खुश हो गया था की अब शायद चाची को चोदने का मौका मिल जाएगा। फिर अगले दिन चाची ने सुबह उठकर चाय बनाई और फिर हम दोनों ने चाय पी।
तब मैंने फिर से चाची से पूछा कि आपके अभी तक बच्चा क्यों नहीं हुआ? तो तब वो बोली कि तेरे चाचा से जाकर पूछ ले। तब मैंने कहा कि चाची आप ही बता दो ना। तब वो बोली कि बच्चा कैसे होता है? तुझे पता है। तो तब में बोला कि हाँ पता है। तो तब वो बोली कि तेरे चाचा के पास टाईम कहाँ है कि में माँ बन जाऊं? उनको तो सिर्फ़ अपना काम दिखता है। तब में मज़ाक में चाची से बोला कि में कुछ मदद करूँ। तब वो मुझे गुस्से में देखने लगी और उठकर अपने रूम में चली गई थी।
फिर में भी थोड़ी देर के बाद उनके रूम में चला गया तो वो लेटी हुई थी और उदास थी। फिर तब मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो तब वो बोली कि मेरी टाँगे दर्द हो रही है। तो तब में झट से चाची के पास गया और बोला कि में दबा देता हूँ। तब वो मना करने लगी, लेकिन मैंने उनकी टाँगे दबानी स्टार्ट कर दी थी। उस दिन मैंने चाची को पहली बार छुआ था और अब मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे। अब में उनकी टाँगे दबाते-दबाते उनकी जांघ तक आ गया था। तब उन्होंने मुझे रोका तो तब में फिर से उनकी उंगलियाँ दबाने लगा।
फिर जब मैंने उनकी जाँघ पर अपना एक हाथ रखा तो तब मेरा लंड खड़ा होने लगा था। अब मैंने पजामा पहना था, तो मेरा लंड चाची को दिखने लगा था। अब वो बार-बार मेरे लंड की तरफ देख रही थी। फिर हम दोनों उठ गये और रात का खाना खाकर कंप्यूटर पर मूवी देखने लगे थे, उसमें कुछ सेक्सी सीन भी थे। अब चाची अपने होंठ दबाकर मूवी देख रही थी और मेरी तरफ देख रही थी। फिर चाची अपने रूम में सोने चली गई और में रोज की तरह मुठ मारने लगा था।
फिर थोड़ी देर के बाद चाची आई। अब में बिल्कुल नंगा था और मेरे एक हाथ में लंड था। तो तब चाची मुझे देखने लगी। तो तब में डर गया, लेकिन चाची कुछ नहीं बोली। फिर वो मेरे पास आई और बोली कि आज में यही सो जाती हूँ। तो तब में बोला कि ठीक है और फिर में कपड़े पहनने लगा। तब चाची बोली कि रहने दो, ऐसे ही अच्छे लग रहे हो और हंस पड़ी। तो तब मेरा दिल बाग बाग हो गया और अब मुझे मेरा सपना सच होता दिख रहा था। अब में बेड पर चाची की तरफ़ मुँह करके लेटा था और चाची अपनी पीठ करके लेटी थी।
फिर मैंने कोशिश की कि चाची को पीछे से पकड़ लूँ, लेकिन डर लग रहा था। तभी थोड़ी देर में चाची सो गई और फिर मैंने अपना एक पैर उनके पैर पर रख दिया। तब वो हिलने लगी तो तब मैंने अपना पैर हटा लिया। फिर थोड़ी देर में चाची ने अपना एक हाथ मेरे ऊपर रखा और अब वो अपनी आँखे बंद करके लेटी हुई थी। तब मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स के ऊपर रख दिया। तब वो थोड़ी पास आ गई और फिर में उनकी चूची दबाने लगा तो वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने अपना एक हाथ अंदर डालकर उनकी ब्रा खोल दी।
फिर तब उन्होंने अपनी आँखे खोल ली और मुझे देखकर हंसने लगी और बोली कि ये क्या कर रहा है शैतान? तो तब में बोला कि जो आप चाहती हो मेरी जान। तो तब वो बोली कि तेरे चाचा के पास तो टाईम ही नहीं है, में भी एक लड़की हूँ, मुझे भी लंड चाहिए। तो तब में बोला कि में हूँ ना आपको लंड भी दूँगा और बहुत सारा प्यार दूंगा। तो तब वो बोली कि मुझे प्यार करो। फिर मैंने चाची के सारे कपड़े उतार दिए। अब मेरी आँखे फटी की फटी रह गई थी, उनका जिस्म इतना सॉफ्ट था और इतना सुंदर था कि में देखते ही पागल हो गया था, ऐसा लगता था कि 18 की कोई कुंवारी लड़की हो।
अब में पागलों की तरह उनको चूमने लगा था और बीच-बीच में अपने दाँतों से भी काट लेता था, जिससे चाची के मुँह से आहह, ऊहहहह की आवाज़े निकल रही थी। अब उससे में और उत्तेजित हो रहा था। फिर मैंने अपनी चाची के बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। तब चाची भी मेरा साथ देने लगी और पागलों की तरह मेरे बाल पकड़कर मेरा सिर अपने बूब्स पर दबाने लगी थी। अब में और ज़ोर-ज़ोर से उनके बूब्स पीने लगा था और उनको चूसने लगा था।
फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर रखा। तो मेरा हाथ रखते ही उन्होंने आहह, ऊहहह करके मुझे ज़ोर से हग कर लिया और बोली कि आज मेरी प्यास बुझा दे साहिल, तू जो माँगेगा वो दूँगी तुझे, तो तब में खुश हो गया। फिर मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, मानों कि उसमें से आग निकल रही हो। अब में अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा था। तब चाची ने मुझे बहुत ज़ोर से अपने दाँतों से मेरे हाथों पर काट लिया और मेरी हाथों की उंगलियाँ अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी, मैंने पहले कभी ऐसा मज़ा नहीं लिया था।
फिर में चाची की दोनों टाँगों के बीच में आकर बैठ गया और उनकी रसवाली चूत को देखने लगा था। फिर मैंने भी चाची के चूतड़ को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उनकी गांड सहलाते हुए उनकी रसभरी चूत को चूमने लगा था। अब चाची की चूत की प्यारी-प्यारी खुशबू मेरे दिमाग में चढ़ने लगी थी। अब में दीवानों की तरह भाभी की चूत और उसके चारों तरफ के इलाके को चूमने लगा था और बीच-बीच में अपनी जीभ बाहर निकालकर चाची की चूत को भी चाट लेता था।
तब चाची मस्ती से भरकर सिसकारी लेते हुए बोली कि आह साहिल, आहह, जीभ से चाटो ना, अब और मत तड़पाओ साहिल, मेरी चूत को चाटो, डाल दो अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर, अंदर डालकर अपनी जीभ से चोदो। अब तक चाची की नशीली चूत की खुशबू ने मुझे बुरी तरह से पागल बना दिया था। फिर मैंने चाची की चूत पर से अपना मुँह उठाए बिना उन्हें खींचकर पलंग पर बैठा दिया और खुद जमीन पर बैठ गया और चाची की चूत को बुरी तरह से चूसने लगा था।
फिर में 15 मिनट तक ऐसे ही करता रहा। तभी एक ज़ोरदार पिचकारी चाची ने मेरे मुँह में छोड़ दी और बेड पर गिर गई और लंबी- लंबी साँसे लेने लगी थी। फिर में उठकर चाची के पास गया और बोला कि क्या हुआ? तो तब वो बोली कि कुछ नहीं मेरी जान, अभी तो प्यार की शुरआत हुई है और यह कहकर मेरा लंड पकड़ लिया। तब वो बोली कि तेरा लंड तेरे चाचा के लंड से बहुत बड़ा है, इससे तो मेरी चूत फट जाएगी। तब में बोला कि जैसा भी है आपका ही है। फिर चाची ने मेरे लंड का टोपा अपने मुँह में ले लिया और उसको चूसने लगी थी।
फिर में खड़ा हुआ और चाची की दोनों टांगे अपने कंधे पर रखकर अपने लंड से चाची की चूत को सहलाने लगा था। तब चाची मदहोश हो गई और बोलने लगी कि डाल दे अपना लंड मेरी चूत में और फाड़ दे मेरी चूत, मेरी चूत के चिथड़े उड़ा दे, आज जो करना है कर ले साहिल, मेरी जान। तब मैंने अपने लंड को अंदर डालने की कोशिश की, लेकिन वो जा नहीं रहा था, क्योंकि चाची की चूत का छेद बहुत छोटा था। फिर मैंने दुबारा कोशिश की, लेकिन मेरा लंड अंदर नहीं गया। तब चाची ने मुझे तेल दिया और बोली कि अपने लंड पर लगा ले और मेरी चूत पर भी डाल दे।
तब मैंने वैसा ही किया और थोड़ा तेल लगाकर अपने लंड को चाची की चूत के दरवाजे पर रख दिया और चाची से बोला कि तैयार हो जाओ चाची। तब चाची बोली कि अब मत तड़पा, डाल दे अपना लंड जल्दी से। तो तब मैंने एक ज़ोर से झटका मारा, तो तब चाची चिल्ला पड़ी आअहह, निकाल, निकाल जल्दी, बहुत दर्द हो रहा है। तब में रुक गया। फिर थोड़ी देर के बाद चाची बोली कि रुका क्यों है? चालू कर दे मशीन।
तब मैंने फिर से ज़ोरदार झटका मारा तो तब चाची फिर से चिल्ला पड़ी आअहह, ऊऊओह, माँ, आआअ, मररररर गई, आअहह, उईईइ माँ, आह क्या जालिम लंड है तुम्हारा? चोद डाला तुमने मुझे, आह में गई और फिर चाची मुझसे चिपककर शांत हो गई और अपनी गांड उछाल- उछालकर मेरा साथ देने लगी थी। अब मैंने अपने धक्के तेज कर दिए थे। तभी थोड़ी देर के बाद चाची झड़ गई और पागलों की तरह मुझे चूमने लगी थी और बोली कि बस कर। तब में बोला कि मेरा तो अभी हुआ नहीं। तब वो बोली कि अच्छा कर ले। फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और धक्के पे धक्के पेलने लगा था।
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