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ये लण्ड किसी न किसी की चूत में पेलोगी जरूर - Ye lund kisi na kisi ki chut me pelogi jarur
ये लण्ड किसी न किसी की चूत में पेलोगी जरूर - Ye lund kisi na kisi ki chut me pelogi jarur , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
एक दिन मैं आंगन में बैठी हुई चावल बिन रही थी। मेरी सास किचेन में कुछ काम कर रहीं थीं। हम दोनों मिलकर खाना बनाने की तैयारी कर रहीं थीं। तभी मेरे पड़ोस की एक लड़की जो मुझे भाभी कहती थी वह आयी और मुझसे बातें करने लगी। बातें कुछ मसालेदार होने लगी तो मज़ा आने लगा. उधर मेरी सास भी हमारी बातें कान लगा कर सुन रहीं थी।
वह बातों बातों में बोली :- भाभी जान तुम जानती हो की लांड किसे कहतें हैं ?
मैंने कहा :- नहीं यार लांड तो मैं पहली बार सुन रही हूँ। मुझे सच में नहीं मालूम की लांड किसे कहतें हैं ?
अचानक पता नहीं की सास किस मूड में थीं वह मेरे पास आईं और बड़े मजाकियां अंदाज़ में बेलन हिलाते हुए बोलीं - बहू मैं किसी दिन लांड तेरी गांड में घुसा दूँगी ? तब तुझे मालूम हो जायेगा की लांड किसे कहतें हैं ? इतने में मेरी नन्द भी आ गयी। उसे देख कर सास फिर उसी अंदाज़ में बोली - और हां बहू, लांड तेरी नन्द की चूत में भी घुसा दूँगी तब तुम्हे मालूम हो जायेगा की लांड क्या होता है और क्या क्या करता है ? यह सुनकर मेरी नन्द भी मुस्करा पड़ी और बड़ी सेक्सी अंदाज़ में बोली - भाभी जान, लांड मैं तेरी सास के भोसड़ा में घुसा कर बताऊंगी की लांड क्या होता है ? मैं उन दोनों की बातें सुनकर मन ही मन बड़ी खुश हुई। हालांकि मुझे मालूम था की लांड किसे कहतें हैं ? पर मैं अनजान बन कर मज़ा लेना चाहती थी। तब तक सास फिर बोली - बहू, तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? अब मैं समझ गयी की सासू जी पूरे मूड में हैं। उसने अपने ही भोसड़ा को गाली दी तो मेरे बदन में सुरसुरी होने लगी। तब तक नन्द भी पलट कर बोली - भाभी जान, तेरी सास की बिटिया की बुर ? मैंने मन में कहा हाय दईया नन्द तो सास से बढ़कर है। वह भी अपनी ही बुर को गाली दे रही है। फिर मैं भी रुक न सकी और बोली पड़ी - नन्द रानी, तेरी सास की बहू की बुर ?
मेरे मुंह से इस तरह की गाली सुनकर दोनों ही मुझसे लिपट गईं। सास बोली तू बुर चोदी बिलकुल मेरी ही तरह है, बहू। नन्द बोली हाय अल्ला, भाभी जान तुम भी बिलकुल मेरी तरह ही बुर चोदी हो ? इतने में एक आवाज़ आयी क्या हो रहा है बन्नो ? बन्नो मेरी नन्द का नाम है। वह सुनते पहचान गयी और मुड़ कर बोली लण्ड हो रहा है खालू जान ? अब देखो न मेरी नई भाभी को अभी तक यह नहीं मालूम है की लांड किसे कहतें हैं ? ऐसा कह कर वह अपने खालू के पैजामे का नाड़ा खोलने लगी और फिर बोली आज मैं इसे लांड दिखा ही देती हूँ। नाड़ा खुला तो पैजामा नीचे गिर पड़ा और खालू बिलकुल नंगा हो गया। वह बेशर्मों की तरह नंगा नंगा ही खड़ा रहा और उसका लण्ड भी खड़ा होने लगा। मैंने उसे बड़े गौर से देखने लगी। तभी नाड ने उसे पकड़ कर बड़ी जोर से हिलाना शुरू किया। लण्ड बहन चोद फनफना उठा। लण्ड मादर चोद बन गया लांड ? अब सांड के जैसा लांड देख कर मैं तो मस्त हो गयी। इतने में नन्द बोली भाभी जान देखो इसे कहतें हैं लांड ? यही लांड मैं तेरी चूत में पेलूँगी।
फिर अचानक एक उसी उम्र का आदमी कमरे में आ गया। उसे देख कर नन्द बोली अरे अब्दुल चाचा तुम भी ,,,,,,,,,,,,. ? इतने में उसका खालू बोला हां बन्नो तुम तो जानती हो की ये मेरा दोस्त है। मैं अभी अभी इसकी बेटी बहू चोद कर आ रहा हूँ। मैंने इससे कहा की अब तुम मेरे घर चलो और मेरी बेटी बहू चोदो । तभी एकाएक मुझे तेरी अम्मी का ख्याल आ गया तो मैं इसे लेकर यहाँ चला आया। बन्नो बोली वाओ, तो इसका मतलब तुम मेरी माँ चोदने आये हो। वह मुस्कराकर बोला नहीं बन्नो मैं तेरी माँ की बेटी बहू चोदने आया हूँ। बन्नो बोली तुम भोसड़ी के खालू बहुत बड़े बेटी चोद हो। अपने दोस्तों की बेटियां चोदते हो. उनकी बहुएं चोदते हो तुम्हे शर्म नहीं आती? वह बोला अरे बन्नो जब बेटियां और बहुएं खुद अपना हाथ बढाकर मेरा लण्ड पकड़ लेतीं हैं तो मुझे चोदने में शर्म क्यों आये ? अब देखो न मैं यहाँ आया और तुमने मुझे नंगा करके मेरा लण्ड पकड़ लिया न ? अब तुम ये लण्ड किसी न किसी की चूत में पेलोगी जरूर ? वह बोली मैं इसे पहले अपनी भाभी की बुर में पेलूँगी बाद में किसी और की बुर में ?
अब्दुल चाचा बड़े हैंडसम और स्मार्ट आदमी हैं। वह न तो टोपी लगाता है और न ही दाढ़ी रखता है। जब तक उसका लण्ड न देखा जाए तब तक वह पहचान में नहीं आता की वह मुसलमान है की हिन्दू है की क्रिश्चियन या ईसाई है ? मैं ऐसे ही मुसलमानो को पसंद करती हूँ। हमारे घर में तकियानूसीपन बिलकुल नहीं है। हमारे घर के मर्दों को देख कर कोई यह नहीं कह सकता की ये लोग मुसलमान हैं। हम सच्चे हिन्दुस्तानी है और अपना मज़हब अपने दिल से मानते हैं दिखावा नहीं करते। हमारी बहुत की गैर मुस्लिम सहेलियां है जो मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद करतीं हैं। वो सब कटे लण्ड से भकाभक चुदवाती हैं और चुदवाकर ज्यादा मज़ा लेतीं हैं। उधर मेरी सास आगे बढ़ी और अब्दुल के कपडे खोल कर उसे पूरा नंगा कर दिया। सास बड़ी बेशर्मी से अब्दुल का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड की झांटें बिलकुल साफ़ थीं इसलिए वह खड़ा होने लार बड़ा खूबसूरत लग रहा था। मेरा दिल उसके लण्ड पर आ गया। लण्ड जब पूरा तन कर खड़ा हो गया तो मेरी सास ने उसे मुझे दिखाते हुए कहा बहू, देख इसे कहतें है लांड ? मैं यही लांड तेरी गांड में पेलूँगी, तब तुझे लांड के बारे में सब कुछ मालूम हो जायेगा। मैंने कहा सासू जी मेरी गांड अभी छोटी है। इतना बड़ा लांड मेरी गांड में नहीं घुसेगा। मैं इसे तेरी गांड में घुसा दूँगी। लाओ मुझे दे दो अब्दुल चाचा का लांड, सासू जी ।
मैंने ऐसा कह कर लांड सास के हाथ से छीन लिया। लण्ड हाथ में आते ही मेरी चूत गन गना उठी। मैं मस्त होने लगी और लण्ड चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी। आज सुहागरात के बाद मेरे हाथ में किसी पराये मरद का लण्ड था यही सोंच कर मैं अपने आपको बड़ी नसीबवाली समझने लगी।
मैंने कहा - बन्नो तेरे चाचा का लांड तो ८"+ है और मोटा भी इतना है की तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ दे ?
वह बोली - अरी भाभी जान, तो फिर फाड़ दे न मेरी माँ का भोसड़ा ? देर किस बात की ? मैं भी किसी दिन तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ूंगी।
उधर बन्नो मेरी नन्द अपने कपड़े खोल कर खालू का लण्ड चाटने लगी. मैंने आज पहली बार उसे नंगी देखा। वह सच में बहुत खूबसूरत थी और हॉट थी। कोई भी उसे देख कर बिना चोदे रह नहीं सकता ? सास ने घूम कर मेरे सरे कपड़े उतार दिया और मैं मादर चोद सबके सामने नंगी हो गयी। लेकिन मुझे कोई शर्म नहीं आई। मैं अच्छी तरह समझ चुकी थी की मेरी सास और नन्द दोनों किसी रंडी से कम नहीं हैं। मैंने भी अब्दुल का लण्ड मुंह में भर लिया और एक ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह उसे चूसने लगी। सास अब्दुल के पेल्हड़ सहलाने लगीं। बीच बीच में यह अपने जीजू के लण्ड के पेल्हड़ भी सहलाने लगी। अचानक मैंने पूंछा अब्दुल चाचा तुम अपने दोस्त की बीवी भी चोदते होंगे ? वह बोला हां बहू, मैं अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ क्योंकि मेरे दोस्त मेरी बीवी चोदतें हैं। हम लोगों की बेटियां जब जवान हुई तो ये लोग मेरी बेटियां चोदने लगे तो फिर मैं उनकी बेटियां चोदने लगा। जब उनके लड़कों की शादी हुई तो उनकी बहुएं भी मेरा लण्ड पकड़ने लगीं जैसे तुम पकड़े हुए हो। तो मैं उनकी बहुएं भी चोदने लगा। हमारे समाज में चोदा चोदी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सब जायज़ है। लण्ड चूत का खेल तो कुदरत ने बनाया है। इसमें हमारा कोई दोष नहीं है। तभी सास बोली पड़ी बहू रानी, तभी तो तेरी बुर चोदी नन्द अपनी माँ चुदवाती है।
मैंने मन में कहा मैं सास की मस्ती समझ सकती हूँ। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। सास उठी और एक चुनरी लपेट कर दरवाजा खोलने चली गयीं। तब तक इधर अब्दुल ने लण्ड मेरी चूत में ठोंक दिया। वह मुझे गचर गचर चोदने लगा और मैं भी रंडी की तरह अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मैंने देखा की मेरे सामने ही मेरी नन्द अपने खालू से दनादन चुदवा रही है। पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ें गूंजने लगी। वह बोल रही थी अरे भोसड़ी के खालू लौड़ा पूरा पेल दे मेरी चूत में। जैसे तू अब्दुल की बिटिया की बुर लेता है वैसे ही मेरी बुर ले ले। फाड़ दे मेरी बुर। उसके बाद फाड़ देना मेरी माँ का भोसड़ा ? तेरा लण्ड साला बड़ा मज़ा दे रहा है। इधर मैं भी बोलने लगी हाय मेरे राजा अब्दुल तू मेरे खालू ससुर का दोस्त है। अपने दोस्त की बहू चोद रहा है तू। तेरी बहन का भोसड़ा ? कितना बेशर्म है तू और तेरा लण्ड बहन चोद ? लेकिन मैं तुझसे ज्यादा बेशर्म हूँ भोसड़ी के अब्दुल ? जल्दी जल्दी चोदो मुझे नहीं तो मैं तेरी गांड मारूंगी। अभी तो मैं अपनी नन्द की बुर और सास का भोसड़ा तुमसे चुदवाऊंगी।
मैं यही सब गन्दी गन्दी बातें बोल बोल कर चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी। वैसे भी हर बीवी को पराये मरद का लण्ड ज्यादा पसंद आता है। पराये मरद से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और ही है। मैं फिर अब्दुल से पीछे से चुदवाने लगी। आजकल लोग पीछे से भी चोद कर मज़ा लेते हैं। उधर बन्नो भी कुतिया बन कर चुदवाने लगी। मैं सोंचने लगी की सास को गए हुए काफी समय हो गया वह अभी तक वापस नहीं आयी ? मैंने नन्द से पूंछा अरी बन्नो सास जी अभी तक आई नहीं क्यों ख़ास बात तो नहीं हो गयी। वह बोली भाभी जान तेरी और सास की बेटी की चूत। वह बहुत बड़ी हरामजादी है भाभी किसी का लण्ड हिला रही होगी बुर चोदी ? इतने में अचानक सास की आवाज़ आई वह बोली - बेटी, मैं तेरी ससुर का लण्ड हिला रही हूँ ? मैंने कनखियों से देखा तो मालूम हुआ की सास जी एकदम नंगी नंगी किसी आदमी का लण्ड पकड़े पकड़े हम लोगों के सामने आ गई। आते ही उसने मुझे लण्ड दिखाते हुए कहा बहू लो देख लो ये है तेरी नन्द के ससुर का लण्ड। मैंने उसका टन टनाटा हुआ लण्ड देखा तो मेरी चूत की आग और भड़क गयी।
सास बोली - शब्बीर, तुम अपनी बहू की बुर चोदने के पहले मेरी बहू की बुर चोदो।
ऐसा कह कर उसने नन्द के ससुर का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उधर अब्दुल ने लण्ड मेरी सास के भोसड़ा में पेल दिया। इस तरह मैं नन्द के ससुर से चुदवाने लगी, सास अब्दुल से चुदवाने लगी और बन्नो अपने खालू से ? बन्नो बोल रही थी उई माँ मर गयी मैं, खालू ने मेरी बुर फाड़ दी है, बड़ा मोटा लौड़ा है इसका, बाप रे बाप। हाय अल्ला, बड़ा मज़ा आ रहा है। मैंने पहले भी इससे चुदवाया है पर आज तो इसका लौड़ा बड़ा सख्त हो गया है। उधर सास बोलने लगी अब्दुल तुम भोसड़ी के बहुत अच्छी तरह चोदते हो। मेरा भोसड़ा फटा जा रहा है। मेरी गांड भी फट रही है यार। तेरे लण्ड में बड़ी दम है बहन चोद। और चोदो मुझे, पूरा पेल के चोदो, पटक पटक के चोदो। मैं इन दोनों की बातें सुन सुन कर मौज़ ले रही थी। सच तो यह है की मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था। मैंने कहा हाय मेरी नन्द के ससुर जी, क्या तू सबकी बेटी बहू की बुर लेता है ? भोसड़ी के यहाँ भी चोदने आ गए अपनी बहू की बुर ? वह भी मस्ती से बोला मैं तो बहू की माँ का भोसड़ा भी चोदूंगा। उसकी चूत भी बड़ा मज़ा देती है, बहू।
बस उसने धक्के जल्दी जल्दी लगाने शुरू कर दिए। उधर खालू और अब्दुल ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी और नतीजा यह हुआ की हम तीनो की बुर भकाभक चुदने लगी। मैंने हाथ बढ़ाकर खालू ससुर के पेल्हड़ पकड़ लिया और उन्हें प्यार से सहलाने लगी। मेरी नन्द ने अब्दुल के पेल्हड़ पकड़े उन्हें चूमा और फिर सहलाना शुरू किया। सास ने अपनी बेटी के ससुर के पेल्हड़ सहलाने शुरू किये क्योंकि लण्ड तो उसका मेरी चूत में घुसा था। इस तरह हम तीनो चुदवाते हुए अपने समाने वाले लण्ड के पेलहजाद का भी मज़ा लेने लगीं। थोड़ी देर में मुझे एहसास हुआ की मेरी चूत ढीली हो गयी है। मैं खलास होने वाली थी। तब तक मैंने देखा की अब्दुल का लण्ड वीर्य उगल रहा है। उधर नन्द का ससुर के लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी और सबसे बाद में मझे चोदने वाला लण्ड भी खलास हो गया जिसे मैंने घुमन कर मस्ती से पिया। मुझे लण्ड पीने में जो मज़ा आता है उसे बयान नहीं किया जा सकता।
अचानक कमरे में मेरी खाला सास की बेटी नगमा आ गयी। उसने हम तीनो को लण्ड पीते हुए देख लिया तो वह मुंह फैलाकर झड़ते हुए लण्ड चाटने लगी।
फिर वह बोली - बन्नो तेरी माँ की बहन की बुर ?
यह गाली देकर उसने अपनी माँ की बुर के बारे में ही कहा। मैं यह सुनकर मुस्कराने लगी। वह मेरी सास की तरफ मुंह करके बोली खाला जान तेरी बहन की बिटिया की चूत। इसमें उसने अपनी ही चूत को गाली दे डाली। मुझे बड़ा अच्छा लगा।
फिर वह मुझसे बोली :- भाभी जान मैं तो तेरी नन्द की बुर चोदने आयी थी पर वह तो बुर चोदी पहले से ही चुदवा रही है।
मैंने पूंछा - अच्छा पहले यह बता की तू किसका लण्ड पेलने आयी है मेरी नन्द की चूत मे ?
उसने जबाब दिया - मैं तो अपने मियां का लण्ड पेलूँगी उसकी चूत में ? मेरा शौहर उसकी बुर लेने के लिए छटपटा रहा है। आज मैं तेरी नन्द की बुर फड़वा दूँगी, भाभी जान ?
मैंने चुपके से कहा - हाय मेरी नगमा नन्द रानी तू मेरी भी बुर फड़वा दे न ? मैंने तेरे मरद का लण्ड पीना चाहती हूँ। उसे अपनी चूत में घुसाना चाहती हूँ। ये बस बातें हुईं तो मस्ती और बढ़ गयी फिर दूसरी पारी ने नगमा ने भी खूब मजे से सबसे चुदवाया।
कुछ दिन बाद मैं अपने माईके चली आयी। यहाँ मेरी अम्मी थीं, मेरी भाभी थीं और इत्तिफाक से भाभी की फूफी की बेटी सारा भी आयी हुई थी। वह भी शादी शुदा थी और बेहद खूबसूरत थी।
मुझे देखते ही मेरी भाभी ने मजाक किया और कहा - आ गयी तू अपनी चूत फड़वाकर अपनी ससुराल से मेरी बुर चोदी नन्द रानी ? कितने लांड पेले तूने अपनी चूत में ?
मैंने कहा - अरे भाभी जान अभी तो शुरुआत है। अभी २/३ लांड ही घुस पाएं हैं मेरी चूत में ?
वह बोली - तू चिंता न कर, २/३ लांड तो मैं आज ही घुसेड़ दूँगी तेरी चूत में ?
तब तक मेरी अम्मी जान आ गयीं।
वह बोली - अरे बहू, तू २/३ लांड कहाँ से लाएगी ?
भाभी ने जबाब दिया - अरे सासू जी, जब चूत चुदवाने पर आ जाये तो लांड बहन चोद मिल ही जातें हैं। अब मेरी नन्द कई दिनों के बाद आयी है तो मैं आज इसकी चूत में लांड जरूर पेलूँगी।
अम्मी ने कहा - तू भोसड़ी की बहुत बड़ी मादर चोद है बहू रानी ? तेरी बुर तेरी नन्द की बुर ?
तब तक मैंने भी एक जुमला मार दिया - भाभी जान, तेरी बुर, तेरी सास की बुर ?
ये सब हंसी मजाक की बातें भाभी की बहन सारा सुन रही थी। उसे भी जोश आ गयी ।
उसने अपनी बहन से कहा - दीदी तेरी बुर, तेरी नन्द की बुर, तेरी बुर तेरी सास का भोसड़ा ?
अम्मी ने और जोश बढ़ाते हुए कहा - सारा, तेरी बहन की सास का भोसड़ा, तेरी बहन की नन्द की चूत ? तेरी भी बुर चोदी बुर, सारा। अब तो तुम लोगों की बुर में लण्ड पेलना जरुरी हो गया है। आज रात को ही होगा सबकी चूत की सामूहिक चुदाई।
इसके बाद तो हम सब एक दूसरे की बुर चुदवाने का इंतज़ाम करने लगीं। तभी अचानक अम्मी के पुराने फ्रेंड तारिक अंकल आ गए। वह बोला अरे आयशा (मेरी अम्मी का नाम ) भाभी मैं तो आपकी बेटी से मिलने आया हूँ। मैंने उसे शादी के बाद अभी देखा नहीं था। मैं भी फ़ौरन अंकलकी बात सुनकर साणे आ गयी और बोली हां अंकल मुझे आपसे मिले हुए बहुत दिन हो गए। दोस्तों, मैं आपको बता दूँ की मैं अंकल का लौड़ा पकड़ चुकी हूँ पर कभी उसे अपनी चूत में नहीं पेला। इसलिए उसे देख कर मेरी चूत चुदासी हो उठी। बातों बातों में अम्मी बोली तारिक अब आज तुम यहीं रुको कल जाना। आज की रात हम लोगों से साथ गुज़ारो। वह मान गया और मैं मन ही मन खुश हो गयी। शाम को मेरे पास फोन आया। फोन मेरे देवर अजमल का था। वह बोला भाभी जान आज मैं आपके पास आ रहा हूँ कुछ काम है। उधर सारा भी अपने देवर के साथ मेरे सामने आ गयी और बोली लो इससे मिलो ये है मेरा देवर रफ़ी। ये यहाँ अपनी परीक्षा देने आया है दो दिन रुकेगा।
दिन में तो सब लोग इधर उधर घूमते रहे लेकिन रात में महफ़िल जम गई। एक तरफ मैं, मेरी अम्मी, भाभी और सुकि बहन सारा। दूसरी तरफ तारिक अंकल, सारा का देवर रफ़ी और मेरा देवर अजमल ? अम्मी ने ड्रिंक्स का भी इंतज़ाम किया था। मैं आपको बता दूँ की हम लोग मुसलमान जरूर है पर नए खयालातों वाले। हम आज के मुसलमान है कल के नहीं। हमें ज़िन्दगी से बेपनाह मोहब्बत है और हम ज़िन्दगी का मज़ा लेना जानतें हैं। शायद इसी लिए हम चुदाई के मामले में कोई रिस्ता नाता नहीं मानते और न कोई कायदा कानून। चुदाई में सब जायज़ है चाहे माँ चुदाना हो चाहे बहन चुदाना, चाहे बहू की बुर चुदाना हो, चाहे सास का भोसड़ा, चाहे माँ की चूत हो या बेटी की बुर, हमें कोई परहेज नहीं ? चाहे भाई जान का लौड़ा या चचा जान का लौड़ा। चाहे बाप का लौड़ा हो चाहे मामू का लौड़ा सभी लौड़े चूत में घुसाना है ? लण्ड पेला पेली का काम सबकी बुर के साथ करना है। शराब के बातें भी गरमागरम होने लगीं। तभी एकदम से अम्मी ने मेरा हाथ पकड़ कर तारिक अंकल के लण्ड पर रख दिया और कहाँ बेटी आज तुम इसका लौड़ा अपनी चूत में भी पेल कर मज़ा लेना ? मैं तो कहती हूँ बेटी की आज तुम अंकल का लौड़ा चोद डालो।
मैंने सारा का हाथ अपने देवर के लण्ड पर रख दिया और कहा यार सारा तुम बताओ की मेरे देवर का लण्ड कैसा है ? सारा ने अपने देवर का लण्ड अम्मी को पकड़ा दिया और बोली आंटी जी आज ये तेरा भोसड़ा चोदेगा। इतने में मेरा खालू आ गया। अम्मी ने फ़ौरन उसे अपनी तरफ बुलाया। मस्ती माहौल था ही। अम्मी ने उसकी लुंगी खींच ली तो वह नंगा हो गया। उसका लण्ड पकड़ कर हिलाया तो लौड़ा सबके सामने टन्ना उठा। वह बोला आयशा भाभी मैं आज सबसे पहले तेरी बहू की बुर लूंगा , मैंने सुना है की वह चुदवाने में बड़ी अव्वल है। अम्मी ने लण्ड अपनी बहू को पकड़ा दिया। भाभी खालू का लण्ड पाकर बड़ी खुश हो गयीं। वह पागलों की तरह लण्ड चाटने चूसने लगी। इधर मैं भी उसी के बगल में तर्क अंकल का लण्ड चूसने में जुट गयी। अम्मी सारा के देवर का लण्ड पीने लगीं और सारा मेरे देवर का लण्ड ?
पूरे कमरे में चुदाई का माहौल गूंजने लगा। हम चारों बीवियां पराये मरद का लण्ड पाकर बड़ी खुश थीं और वासना में बुरी तरह डूबी हुई थीं। हम सबकी निगाह सबके लण्ड पर थी। पता नहीं क्यों आज सब मर्दों के लण्ड बड़े प्यारे लग रहे थे। इतने में तारिक अंकल ने ठोंक दिया लण्ड मेरी चूत में ? मेरे मुंह से निकला उई माँ फट गयी मेरी बुर बहन चोद। बड़ा तगड़ा लण्ड है साले का ? अम्मी उधर से बोली बेटी ये लण्ड नहीं है ये तो लांड है लांड ? लांड तो साला चूत फाड़ेगा ही ? तब मैंने देखा की सारा का देवर अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है और मेरा देवर सारा की बुर ले रहा है। खालू तो मेरी भाभी की बुर चोदने में मस्त है।
इस तरह हम सबने रात भर लण्ड अदल बदल कर खूब मजे से चुदवाया।
मेरे मुंह से इस तरह की गाली सुनकर दोनों ही मुझसे लिपट गईं। सास बोली तू बुर चोदी बिलकुल मेरी ही तरह है, बहू। नन्द बोली हाय अल्ला, भाभी जान तुम भी बिलकुल मेरी तरह ही बुर चोदी हो ? इतने में एक आवाज़ आयी क्या हो रहा है बन्नो ? बन्नो मेरी नन्द का नाम है। वह सुनते पहचान गयी और मुड़ कर बोली लण्ड हो रहा है खालू जान ? अब देखो न मेरी नई भाभी को अभी तक यह नहीं मालूम है की लांड किसे कहतें हैं ? ऐसा कह कर वह अपने खालू के पैजामे का नाड़ा खोलने लगी और फिर बोली आज मैं इसे लांड दिखा ही देती हूँ। नाड़ा खुला तो पैजामा नीचे गिर पड़ा और खालू बिलकुल नंगा हो गया। वह बेशर्मों की तरह नंगा नंगा ही खड़ा रहा और उसका लण्ड भी खड़ा होने लगा। मैंने उसे बड़े गौर से देखने लगी। तभी नाड ने उसे पकड़ कर बड़ी जोर से हिलाना शुरू किया। लण्ड बहन चोद फनफना उठा। लण्ड मादर चोद बन गया लांड ? अब सांड के जैसा लांड देख कर मैं तो मस्त हो गयी। इतने में नन्द बोली भाभी जान देखो इसे कहतें हैं लांड ? यही लांड मैं तेरी चूत में पेलूँगी।
फिर अचानक एक उसी उम्र का आदमी कमरे में आ गया। उसे देख कर नन्द बोली अरे अब्दुल चाचा तुम भी ,,,,,,,,,,,,. ? इतने में उसका खालू बोला हां बन्नो तुम तो जानती हो की ये मेरा दोस्त है। मैं अभी अभी इसकी बेटी बहू चोद कर आ रहा हूँ। मैंने इससे कहा की अब तुम मेरे घर चलो और मेरी बेटी बहू चोदो । तभी एकाएक मुझे तेरी अम्मी का ख्याल आ गया तो मैं इसे लेकर यहाँ चला आया। बन्नो बोली वाओ, तो इसका मतलब तुम मेरी माँ चोदने आये हो। वह मुस्कराकर बोला नहीं बन्नो मैं तेरी माँ की बेटी बहू चोदने आया हूँ। बन्नो बोली तुम भोसड़ी के खालू बहुत बड़े बेटी चोद हो। अपने दोस्तों की बेटियां चोदते हो. उनकी बहुएं चोदते हो तुम्हे शर्म नहीं आती? वह बोला अरे बन्नो जब बेटियां और बहुएं खुद अपना हाथ बढाकर मेरा लण्ड पकड़ लेतीं हैं तो मुझे चोदने में शर्म क्यों आये ? अब देखो न मैं यहाँ आया और तुमने मुझे नंगा करके मेरा लण्ड पकड़ लिया न ? अब तुम ये लण्ड किसी न किसी की चूत में पेलोगी जरूर ? वह बोली मैं इसे पहले अपनी भाभी की बुर में पेलूँगी बाद में किसी और की बुर में ?
अब्दुल चाचा बड़े हैंडसम और स्मार्ट आदमी हैं। वह न तो टोपी लगाता है और न ही दाढ़ी रखता है। जब तक उसका लण्ड न देखा जाए तब तक वह पहचान में नहीं आता की वह मुसलमान है की हिन्दू है की क्रिश्चियन या ईसाई है ? मैं ऐसे ही मुसलमानो को पसंद करती हूँ। हमारे घर में तकियानूसीपन बिलकुल नहीं है। हमारे घर के मर्दों को देख कर कोई यह नहीं कह सकता की ये लोग मुसलमान हैं। हम सच्चे हिन्दुस्तानी है और अपना मज़हब अपने दिल से मानते हैं दिखावा नहीं करते। हमारी बहुत की गैर मुस्लिम सहेलियां है जो मुस्लिम लण्ड बहुत पसंद करतीं हैं। वो सब कटे लण्ड से भकाभक चुदवाती हैं और चुदवाकर ज्यादा मज़ा लेतीं हैं। उधर मेरी सास आगे बढ़ी और अब्दुल के कपडे खोल कर उसे पूरा नंगा कर दिया। सास बड़ी बेशर्मी से अब्दुल का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। लण्ड की झांटें बिलकुल साफ़ थीं इसलिए वह खड़ा होने लार बड़ा खूबसूरत लग रहा था। मेरा दिल उसके लण्ड पर आ गया। लण्ड जब पूरा तन कर खड़ा हो गया तो मेरी सास ने उसे मुझे दिखाते हुए कहा बहू, देख इसे कहतें है लांड ? मैं यही लांड तेरी गांड में पेलूँगी, तब तुझे लांड के बारे में सब कुछ मालूम हो जायेगा। मैंने कहा सासू जी मेरी गांड अभी छोटी है। इतना बड़ा लांड मेरी गांड में नहीं घुसेगा। मैं इसे तेरी गांड में घुसा दूँगी। लाओ मुझे दे दो अब्दुल चाचा का लांड, सासू जी ।
मैंने ऐसा कह कर लांड सास के हाथ से छीन लिया। लण्ड हाथ में आते ही मेरी चूत गन गना उठी। मैं मस्त होने लगी और लण्ड चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी। आज सुहागरात के बाद मेरे हाथ में किसी पराये मरद का लण्ड था यही सोंच कर मैं अपने आपको बड़ी नसीबवाली समझने लगी।
मैंने कहा - बन्नो तेरे चाचा का लांड तो ८"+ है और मोटा भी इतना है की तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ दे ?
वह बोली - अरी भाभी जान, तो फिर फाड़ दे न मेरी माँ का भोसड़ा ? देर किस बात की ? मैं भी किसी दिन तेरी माँ का भोसड़ा फाड़ूंगी।
उधर बन्नो मेरी नन्द अपने कपड़े खोल कर खालू का लण्ड चाटने लगी. मैंने आज पहली बार उसे नंगी देखा। वह सच में बहुत खूबसूरत थी और हॉट थी। कोई भी उसे देख कर बिना चोदे रह नहीं सकता ? सास ने घूम कर मेरे सरे कपड़े उतार दिया और मैं मादर चोद सबके सामने नंगी हो गयी। लेकिन मुझे कोई शर्म नहीं आई। मैं अच्छी तरह समझ चुकी थी की मेरी सास और नन्द दोनों किसी रंडी से कम नहीं हैं। मैंने भी अब्दुल का लण्ड मुंह में भर लिया और एक ब्लू फिल्म की हीरोइन की तरह उसे चूसने लगी। सास अब्दुल के पेल्हड़ सहलाने लगीं। बीच बीच में यह अपने जीजू के लण्ड के पेल्हड़ भी सहलाने लगी। अचानक मैंने पूंछा अब्दुल चाचा तुम अपने दोस्त की बीवी भी चोदते होंगे ? वह बोला हां बहू, मैं अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ क्योंकि मेरे दोस्त मेरी बीवी चोदतें हैं। हम लोगों की बेटियां जब जवान हुई तो ये लोग मेरी बेटियां चोदने लगे तो फिर मैं उनकी बेटियां चोदने लगा। जब उनके लड़कों की शादी हुई तो उनकी बहुएं भी मेरा लण्ड पकड़ने लगीं जैसे तुम पकड़े हुए हो। तो मैं उनकी बहुएं भी चोदने लगा। हमारे समाज में चोदा चोदी पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सब जायज़ है। लण्ड चूत का खेल तो कुदरत ने बनाया है। इसमें हमारा कोई दोष नहीं है। तभी सास बोली पड़ी बहू रानी, तभी तो तेरी बुर चोदी नन्द अपनी माँ चुदवाती है।
मैंने मन में कहा मैं सास की मस्ती समझ सकती हूँ। इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया। सास उठी और एक चुनरी लपेट कर दरवाजा खोलने चली गयीं। तब तक इधर अब्दुल ने लण्ड मेरी चूत में ठोंक दिया। वह मुझे गचर गचर चोदने लगा और मैं भी रंडी की तरह अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मैंने देखा की मेरे सामने ही मेरी नन्द अपने खालू से दनादन चुदवा रही है। पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ें गूंजने लगी। वह बोल रही थी अरे भोसड़ी के खालू लौड़ा पूरा पेल दे मेरी चूत में। जैसे तू अब्दुल की बिटिया की बुर लेता है वैसे ही मेरी बुर ले ले। फाड़ दे मेरी बुर। उसके बाद फाड़ देना मेरी माँ का भोसड़ा ? तेरा लण्ड साला बड़ा मज़ा दे रहा है। इधर मैं भी बोलने लगी हाय मेरे राजा अब्दुल तू मेरे खालू ससुर का दोस्त है। अपने दोस्त की बहू चोद रहा है तू। तेरी बहन का भोसड़ा ? कितना बेशर्म है तू और तेरा लण्ड बहन चोद ? लेकिन मैं तुझसे ज्यादा बेशर्म हूँ भोसड़ी के अब्दुल ? जल्दी जल्दी चोदो मुझे नहीं तो मैं तेरी गांड मारूंगी। अभी तो मैं अपनी नन्द की बुर और सास का भोसड़ा तुमसे चुदवाऊंगी।
मैं यही सब गन्दी गन्दी बातें बोल बोल कर चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी। वैसे भी हर बीवी को पराये मरद का लण्ड ज्यादा पसंद आता है। पराये मरद से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और ही है। मैं फिर अब्दुल से पीछे से चुदवाने लगी। आजकल लोग पीछे से भी चोद कर मज़ा लेते हैं। उधर बन्नो भी कुतिया बन कर चुदवाने लगी। मैं सोंचने लगी की सास को गए हुए काफी समय हो गया वह अभी तक वापस नहीं आयी ? मैंने नन्द से पूंछा अरी बन्नो सास जी अभी तक आई नहीं क्यों ख़ास बात तो नहीं हो गयी। वह बोली भाभी जान तेरी और सास की बेटी की चूत। वह बहुत बड़ी हरामजादी है भाभी किसी का लण्ड हिला रही होगी बुर चोदी ? इतने में अचानक सास की आवाज़ आई वह बोली - बेटी, मैं तेरी ससुर का लण्ड हिला रही हूँ ? मैंने कनखियों से देखा तो मालूम हुआ की सास जी एकदम नंगी नंगी किसी आदमी का लण्ड पकड़े पकड़े हम लोगों के सामने आ गई। आते ही उसने मुझे लण्ड दिखाते हुए कहा बहू लो देख लो ये है तेरी नन्द के ससुर का लण्ड। मैंने उसका टन टनाटा हुआ लण्ड देखा तो मेरी चूत की आग और भड़क गयी।
सास बोली - शब्बीर, तुम अपनी बहू की बुर चोदने के पहले मेरी बहू की बुर चोदो।
ऐसा कह कर उसने नन्द के ससुर का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उधर अब्दुल ने लण्ड मेरी सास के भोसड़ा में पेल दिया। इस तरह मैं नन्द के ससुर से चुदवाने लगी, सास अब्दुल से चुदवाने लगी और बन्नो अपने खालू से ? बन्नो बोल रही थी उई माँ मर गयी मैं, खालू ने मेरी बुर फाड़ दी है, बड़ा मोटा लौड़ा है इसका, बाप रे बाप। हाय अल्ला, बड़ा मज़ा आ रहा है। मैंने पहले भी इससे चुदवाया है पर आज तो इसका लौड़ा बड़ा सख्त हो गया है। उधर सास बोलने लगी अब्दुल तुम भोसड़ी के बहुत अच्छी तरह चोदते हो। मेरा भोसड़ा फटा जा रहा है। मेरी गांड भी फट रही है यार। तेरे लण्ड में बड़ी दम है बहन चोद। और चोदो मुझे, पूरा पेल के चोदो, पटक पटक के चोदो। मैं इन दोनों की बातें सुन सुन कर मौज़ ले रही थी। सच तो यह है की मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था। मैंने कहा हाय मेरी नन्द के ससुर जी, क्या तू सबकी बेटी बहू की बुर लेता है ? भोसड़ी के यहाँ भी चोदने आ गए अपनी बहू की बुर ? वह भी मस्ती से बोला मैं तो बहू की माँ का भोसड़ा भी चोदूंगा। उसकी चूत भी बड़ा मज़ा देती है, बहू।
बस उसने धक्के जल्दी जल्दी लगाने शुरू कर दिए। उधर खालू और अब्दुल ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी और नतीजा यह हुआ की हम तीनो की बुर भकाभक चुदने लगी। मैंने हाथ बढ़ाकर खालू ससुर के पेल्हड़ पकड़ लिया और उन्हें प्यार से सहलाने लगी। मेरी नन्द ने अब्दुल के पेल्हड़ पकड़े उन्हें चूमा और फिर सहलाना शुरू किया। सास ने अपनी बेटी के ससुर के पेल्हड़ सहलाने शुरू किये क्योंकि लण्ड तो उसका मेरी चूत में घुसा था। इस तरह हम तीनो चुदवाते हुए अपने समाने वाले लण्ड के पेलहजाद का भी मज़ा लेने लगीं। थोड़ी देर में मुझे एहसास हुआ की मेरी चूत ढीली हो गयी है। मैं खलास होने वाली थी। तब तक मैंने देखा की अब्दुल का लण्ड वीर्य उगल रहा है। उधर नन्द का ससुर के लण्ड ने भी पिचकारी छोड़ दी और सबसे बाद में मझे चोदने वाला लण्ड भी खलास हो गया जिसे मैंने घुमन कर मस्ती से पिया। मुझे लण्ड पीने में जो मज़ा आता है उसे बयान नहीं किया जा सकता।
अचानक कमरे में मेरी खाला सास की बेटी नगमा आ गयी। उसने हम तीनो को लण्ड पीते हुए देख लिया तो वह मुंह फैलाकर झड़ते हुए लण्ड चाटने लगी।
फिर वह बोली - बन्नो तेरी माँ की बहन की बुर ?
यह गाली देकर उसने अपनी माँ की बुर के बारे में ही कहा। मैं यह सुनकर मुस्कराने लगी। वह मेरी सास की तरफ मुंह करके बोली खाला जान तेरी बहन की बिटिया की चूत। इसमें उसने अपनी ही चूत को गाली दे डाली। मुझे बड़ा अच्छा लगा।
फिर वह मुझसे बोली :- भाभी जान मैं तो तेरी नन्द की बुर चोदने आयी थी पर वह तो बुर चोदी पहले से ही चुदवा रही है।
मैंने पूंछा - अच्छा पहले यह बता की तू किसका लण्ड पेलने आयी है मेरी नन्द की चूत मे ?
उसने जबाब दिया - मैं तो अपने मियां का लण्ड पेलूँगी उसकी चूत में ? मेरा शौहर उसकी बुर लेने के लिए छटपटा रहा है। आज मैं तेरी नन्द की बुर फड़वा दूँगी, भाभी जान ?
मैंने चुपके से कहा - हाय मेरी नगमा नन्द रानी तू मेरी भी बुर फड़वा दे न ? मैंने तेरे मरद का लण्ड पीना चाहती हूँ। उसे अपनी चूत में घुसाना चाहती हूँ। ये बस बातें हुईं तो मस्ती और बढ़ गयी फिर दूसरी पारी ने नगमा ने भी खूब मजे से सबसे चुदवाया।
कुछ दिन बाद मैं अपने माईके चली आयी। यहाँ मेरी अम्मी थीं, मेरी भाभी थीं और इत्तिफाक से भाभी की फूफी की बेटी सारा भी आयी हुई थी। वह भी शादी शुदा थी और बेहद खूबसूरत थी।
मुझे देखते ही मेरी भाभी ने मजाक किया और कहा - आ गयी तू अपनी चूत फड़वाकर अपनी ससुराल से मेरी बुर चोदी नन्द रानी ? कितने लांड पेले तूने अपनी चूत में ?
मैंने कहा - अरे भाभी जान अभी तो शुरुआत है। अभी २/३ लांड ही घुस पाएं हैं मेरी चूत में ?
वह बोली - तू चिंता न कर, २/३ लांड तो मैं आज ही घुसेड़ दूँगी तेरी चूत में ?
तब तक मेरी अम्मी जान आ गयीं।
वह बोली - अरे बहू, तू २/३ लांड कहाँ से लाएगी ?
भाभी ने जबाब दिया - अरे सासू जी, जब चूत चुदवाने पर आ जाये तो लांड बहन चोद मिल ही जातें हैं। अब मेरी नन्द कई दिनों के बाद आयी है तो मैं आज इसकी चूत में लांड जरूर पेलूँगी।
अम्मी ने कहा - तू भोसड़ी की बहुत बड़ी मादर चोद है बहू रानी ? तेरी बुर तेरी नन्द की बुर ?
तब तक मैंने भी एक जुमला मार दिया - भाभी जान, तेरी बुर, तेरी सास की बुर ?
ये सब हंसी मजाक की बातें भाभी की बहन सारा सुन रही थी। उसे भी जोश आ गयी ।
उसने अपनी बहन से कहा - दीदी तेरी बुर, तेरी नन्द की बुर, तेरी बुर तेरी सास का भोसड़ा ?
अम्मी ने और जोश बढ़ाते हुए कहा - सारा, तेरी बहन की सास का भोसड़ा, तेरी बहन की नन्द की चूत ? तेरी भी बुर चोदी बुर, सारा। अब तो तुम लोगों की बुर में लण्ड पेलना जरुरी हो गया है। आज रात को ही होगा सबकी चूत की सामूहिक चुदाई।
इसके बाद तो हम सब एक दूसरे की बुर चुदवाने का इंतज़ाम करने लगीं। तभी अचानक अम्मी के पुराने फ्रेंड तारिक अंकल आ गए। वह बोला अरे आयशा (मेरी अम्मी का नाम ) भाभी मैं तो आपकी बेटी से मिलने आया हूँ। मैंने उसे शादी के बाद अभी देखा नहीं था। मैं भी फ़ौरन अंकलकी बात सुनकर साणे आ गयी और बोली हां अंकल मुझे आपसे मिले हुए बहुत दिन हो गए। दोस्तों, मैं आपको बता दूँ की मैं अंकल का लौड़ा पकड़ चुकी हूँ पर कभी उसे अपनी चूत में नहीं पेला। इसलिए उसे देख कर मेरी चूत चुदासी हो उठी। बातों बातों में अम्मी बोली तारिक अब आज तुम यहीं रुको कल जाना। आज की रात हम लोगों से साथ गुज़ारो। वह मान गया और मैं मन ही मन खुश हो गयी। शाम को मेरे पास फोन आया। फोन मेरे देवर अजमल का था। वह बोला भाभी जान आज मैं आपके पास आ रहा हूँ कुछ काम है। उधर सारा भी अपने देवर के साथ मेरे सामने आ गयी और बोली लो इससे मिलो ये है मेरा देवर रफ़ी। ये यहाँ अपनी परीक्षा देने आया है दो दिन रुकेगा।
दिन में तो सब लोग इधर उधर घूमते रहे लेकिन रात में महफ़िल जम गई। एक तरफ मैं, मेरी अम्मी, भाभी और सुकि बहन सारा। दूसरी तरफ तारिक अंकल, सारा का देवर रफ़ी और मेरा देवर अजमल ? अम्मी ने ड्रिंक्स का भी इंतज़ाम किया था। मैं आपको बता दूँ की हम लोग मुसलमान जरूर है पर नए खयालातों वाले। हम आज के मुसलमान है कल के नहीं। हमें ज़िन्दगी से बेपनाह मोहब्बत है और हम ज़िन्दगी का मज़ा लेना जानतें हैं। शायद इसी लिए हम चुदाई के मामले में कोई रिस्ता नाता नहीं मानते और न कोई कायदा कानून। चुदाई में सब जायज़ है चाहे माँ चुदाना हो चाहे बहन चुदाना, चाहे बहू की बुर चुदाना हो, चाहे सास का भोसड़ा, चाहे माँ की चूत हो या बेटी की बुर, हमें कोई परहेज नहीं ? चाहे भाई जान का लौड़ा या चचा जान का लौड़ा। चाहे बाप का लौड़ा हो चाहे मामू का लौड़ा सभी लौड़े चूत में घुसाना है ? लण्ड पेला पेली का काम सबकी बुर के साथ करना है। शराब के बातें भी गरमागरम होने लगीं। तभी एकदम से अम्मी ने मेरा हाथ पकड़ कर तारिक अंकल के लण्ड पर रख दिया और कहाँ बेटी आज तुम इसका लौड़ा अपनी चूत में भी पेल कर मज़ा लेना ? मैं तो कहती हूँ बेटी की आज तुम अंकल का लौड़ा चोद डालो।
मैंने सारा का हाथ अपने देवर के लण्ड पर रख दिया और कहा यार सारा तुम बताओ की मेरे देवर का लण्ड कैसा है ? सारा ने अपने देवर का लण्ड अम्मी को पकड़ा दिया और बोली आंटी जी आज ये तेरा भोसड़ा चोदेगा। इतने में मेरा खालू आ गया। अम्मी ने फ़ौरन उसे अपनी तरफ बुलाया। मस्ती माहौल था ही। अम्मी ने उसकी लुंगी खींच ली तो वह नंगा हो गया। उसका लण्ड पकड़ कर हिलाया तो लौड़ा सबके सामने टन्ना उठा। वह बोला आयशा भाभी मैं आज सबसे पहले तेरी बहू की बुर लूंगा , मैंने सुना है की वह चुदवाने में बड़ी अव्वल है। अम्मी ने लण्ड अपनी बहू को पकड़ा दिया। भाभी खालू का लण्ड पाकर बड़ी खुश हो गयीं। वह पागलों की तरह लण्ड चाटने चूसने लगी। इधर मैं भी उसी के बगल में तर्क अंकल का लण्ड चूसने में जुट गयी। अम्मी सारा के देवर का लण्ड पीने लगीं और सारा मेरे देवर का लण्ड ?
पूरे कमरे में चुदाई का माहौल गूंजने लगा। हम चारों बीवियां पराये मरद का लण्ड पाकर बड़ी खुश थीं और वासना में बुरी तरह डूबी हुई थीं। हम सबकी निगाह सबके लण्ड पर थी। पता नहीं क्यों आज सब मर्दों के लण्ड बड़े प्यारे लग रहे थे। इतने में तारिक अंकल ने ठोंक दिया लण्ड मेरी चूत में ? मेरे मुंह से निकला उई माँ फट गयी मेरी बुर बहन चोद। बड़ा तगड़ा लण्ड है साले का ? अम्मी उधर से बोली बेटी ये लण्ड नहीं है ये तो लांड है लांड ? लांड तो साला चूत फाड़ेगा ही ? तब मैंने देखा की सारा का देवर अम्मी का भोसड़ा चोद रहा है और मेरा देवर सारा की बुर ले रहा है। खालू तो मेरी भाभी की बुर चोदने में मस्त है।
इस तरह हम सबने रात भर लण्ड अदल बदल कर खूब मजे से चुदवाया।
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