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गच्च गच्च, भक्क भक्क, फच्च फच्च की आवाज़ - Chut se aa rahi thi aavajen mujhe aur chodo
गच्च गच्च, भक्क भक्क, फच्च फच्च की आवाज़ - Chut se aa rahi thi aavajen mujhe aur chodo , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
सास बहू की चूत में, लण्ड पेलती नन्द
मेरी शादी के मुश्किल से एक ही महीना हुआ था की एक दिन मेरी सास मेरे पास आयीं और बोली - बहू, तेरी बुर चोदी नन्द की चूत।
मेरा नाम समीना है दोस्तों। मैं बही कुछ दिन पहले ही इस घर की बहू बन कर आयी हूँ। मेरी शादी एक नजदीकी रिश्ते में हुई है इसलिए इधर उधर के लोग सब एक दूसरे को अच्छी तरह जानतें हैं। मेरी सास हैं फातिमा बेगम और मेरी नन्द है नादिरा। मेरी नन्द भी शादी शुदा है। दोनों ही बड़ी मस्त और हंसमुख स्ववभाव की हैं इसलिए मुझे अब अपनी ससुराल में मज़ा आने लगा है। खूब खुल कर बातें होने लगीं हैं। मुझे यह जानकार और ख़ुशी हुई है की दोनों भोसड़ी वाली ग़ैर मर्दों से चुदवाती हैं। अब मुझे भी यहाँ लण्ड की कमी महसूस नहीं होगी। चाहे मेरा शौहर हो या न हो मुझे कोई न कोई चोदने वाला मिलता रहेगा। एक दिन फिर सास बोली बहू, तेरी बुर तेरी नन्द की चूत किसी दिन एक साथ चोदूँगी मैं ? तब तक नन्द आ गयी. उसने सास की बात सुन ली तो बोली - भाभी, मैं भी तेरी बुर तेरी सास का भोसड़ा किसी दिन इकठ्ठा चोदूँगी। इन बातों से मेरी भी चूत में आग लग गयी। मैंने भी जबाब दिया - नन्द रानी, तेरी चूत, तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी चूत में भी पेलूँगी लण्ड, तेरी माँ के भोसड़ा ठोंक दूँगी मोटे मोटे लण्ड ? वो दोनों हंस पड़ीं।
एक दिन इत्तिफाक से मेरी सकीरा भाभी अपने भाई जान आरिफ के साथ मेरी ससुराल आ गयीं। वह मेरी सास और नन्द को अच्छी तरह जानती थी। रिश्ते में मेरी भाभी मेरी सास की छोटी बहन लगती हैं।
यूँ ही बात चीत में वह बोली - अरे दीदी, तेरी बुर चोदी बहू लण्ड पीने में तो अव्वल है। किसी का भी लौड़ा बिना पिये नहीं छोड़ती।
सास बोली - अच्छा ऐसी बात है ? मेरी भी बेटी लण्ड पीती है।
तब तक मैं भी सास के पास आ गई और नन्द भी।
नन्द बोली - सकीरा भाभी, तेरी बुर चोदी बहन का भोसड़ा, तेरी नन्द की चूत ? मुझे यह बताओ क्या लण्ड पीना कोई गुनाह है ?
सकीरा भाभी ने कहा - देख नादिरा तू मेरी नन्द की नन्द है। मैं जानती हूँ की अगर मेरी नन्द एक लण्ड पियेगी तो तू दो लण्ड पियेगी। लेकिन केवल लण्ड पीने से काम नहीं चलता ? लण्ड को चूत में घुसाना ही पड़ता है। तभी आता है जवानी का असली मज़ा ?
नन्द बोली - कहो तो मैं तेरी चूत में लौड़ा अभी घुसेड़ दूँ।
भाभी ने जबाब दिया - नहीं मेरी नन्द की नन्द रानी, तू लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा घुसा, अपनी भाभी की बुर में घुसा मैं तो अभी जा रही हूँ किसी और से चुदवाने ? किसी और का लण्ड मेरी चूत का इंतज़ार कर रहा है।
ऐसा बोल कर भाभी जान चली गयी लेकिन उसका भाई नहीं गया वह रुक गया। उसी शाम को जब मैं शॉपिंग करके वापस आयी तो देखा की घर में दो मस्त जवान लड़के बैठे हैं। मेरे लिए दो अनजान थे तभी मेरी सास आईं और बोली अरी बहू इससे मिलो ये है तेरी खाला सास का लड़का कासिम और दूसरा है तेरी नन्द का देवर रहीम। मैंने दोनों को आदाब बोला और मुस्कराती हुई अंदर चली गयी। मेरी सास उन लोगों से बातें करतीं रहीं। वहां मेरी भाभी का भाई आरिफ भी बैठा था।
उसने सबके सामने उसकी नेकर खोल कर फेंक दी और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर नन्द ने रहीम का लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैंने ख़ुशी ख़ुशी लण्ड पकड़ा और उसे कई बार चूमा। मुझे उसका सुपाड़ा बड़ा मस्त लगा। इसी बीच सासू जी ने मेरी भाभी के भाई जान के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। नाड़ा खोल कर लौड़ा बाहर निकाल लिया। लण्ड बाहर आया तो वह खड़ा होकर गुर्राने लगा। सास ने कहा - बहू, इसका लौड़ा तो बहन चोद बड़ा सॉलिड है। तेरी सास का भोसड़ा चोद कर ही मानेगा। तभी नन्द ने अपनी खाला के बेटे का लण्ड बाहर खींच कर उसे चाटने लगी। मैंने कहा अरी मेरी बुर चोदी नन्द रिश्ते में तो कासिम तेरा भाई है. तू अपने भाई जान से चुदवाने के लिए तैयार है ? वह बोली मेरी भोसड़ी की भाभी जान चुदाई में कोई रिस्ता नहीं माना जाता ? और फिर मेरी खाला का लड़का जब मेरी माँ चोद सकता है तो माँ की बेटी नहीं चोद सकता क्या ? मैंने कहा हाय दईया, नन्द रानी तेरा देवर तेरी माँ की चूत भी चोदेगा।
मैं रहीम का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी. मेरी सास मेरी भाभी के भाई का लौड़ा चूसने लगी और मेरी नन्द अपनी ही खाला के बेटे का लण्ड पीने लगी। हम सबके कपड़े उतर चुके थे , हम तीनो नंगी हो गयीं और तीनो मरद भी नंगे हो गए। माहौल में मस्ती छाने लगी। तभी रहीम ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बुरी तरह चोदने लगा। वह बोला नादिरा भाभी, मुझे तेरी भाभी की बुर बहुत अच्छी लग रही है। एक तो इसकी बुर बहुत टाइट है और दूसरे यह की समीना भाभी बड़ी अच्छी तरह चुदवा रही है। इतने में मेरी सास का भोसड़ा भी चुदने लगा। आरिफ ने अपना लौड़ा पूरा घुसेड़ दिया था। वह तो सास को अपनी बीवी समझ कर चोदने लगा। उधर मेरी नन्द भी कासिम से भकाभक चुदवाने लगी। नन्द बोली कासिम सच बताओ तूने मेरी माँ कभी चोदी है ? वह बोला अरे नादिरा हम लोगों में रात के समय जब चुदाई होती है तो कोई किसी की भी बुर चोद सकता है। लण्ड जब गरम हो तो कहीं भी घुस सकता है। चूत जब गर्म हो तो वह किसी का भी लण्ड घुसेड़ सकती है। इतने में चुदाई की स्पीड बढ़ने लगी।
हम तीनो की चूत का बाजा बजने लगा। पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ें आने लगीं। भच्च भच्च, धच्च धच्च, गच्च गच्च, भक्क भक्क, फच्च फच्च की आवाज़ गूंजने लगी। मैं अपनी सास और नन्द की चुदाई बड़े गौर से देखने लगी और वो दोनों भी मुझे चुदवाते बड़ी मस्ती से देख रहीं थीं। मैं तो रंडी की तरह अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी और बोलने लगी - हाय मेरे राजा मुझे हचक हचक के चोदो। मैं तेरी भाभी भी हूँ, मुझे चोदो। तेरी बीवी भी हूँ मुझे चोदो। तेरी साली भी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ तेरी रखैल हूँ मुझे चोदो। मुझे भी चोदो मेरी बुर चोदी नन्द की बुर भी चोदो। मेरी बुर चोदी सास का भोसड़ा भी चोदो। फिर मैं पीछे से कुतिया की तरह चुदवाने लगी।
तभी अचानक रहीम ने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मेरी सास के भोसड़ा में घुसा दिया। आरिफ ने अपना लण्ड सास के भोसड़ा से निकाल कर नन्द की चूत में पेल दिया और कासिम ने नन्द की बुर से लण्ड निकाल कर मेरी चूत में ठोंक दिया। हम तीनो की चूत के लण्ड बदल गए जिससे मज़ा दूना हो गया। मैंने कहा नन्द रानी इस तरह की हम तीनो की एक साथ चुदाई आज पहली बार हो रही है। नन्द बोली भाभी जान अब आज के बाद अक्सर इसी तरह की चुदाई होगी और हम दोनों माँ बेटी मिलकर तेरी बुर चोदा करेंगीं। मैंने कहा नन्द रानी हम दोनों सास बहू मिलकर तेरी बुर चोदा करेंगीं। तब तक सास बोली हम दोनों सास बहू मिलकर नन्द की बुर चोदेंगी और माँ बेटी मिलकर बहू की बुर चोदेंगीं।
जवानी में इस तरह की चोदा चोदी अक्सर हर जगह होती रहती है।
सास बहू की चूत में, लण्ड पेलती नन्द
सबके लौड़े देख कर भई चुदासी नन्द
मेरी शादी के मुश्किल से एक ही महीना हुआ था की एक दिन मेरी सास मेरे पास आयीं और बोली - बहू, तेरी बुर चोदी नन्द की चूत।
- मैंने कहा - क्या हो गया, सासू जी, मेरी नन्द की चूत को ?
- वह बोली - हो नहीं गया बहू रानी, तुम इस घर के लिए नई हो, इस घर की बहू हो तुम्हे अपनी नन्द के बारे में और नन्द की चूत के बारे में सब मालूम होना चाहिए। इसलिए मैं तुम्हे बता रही हूँ। तेरी नन्द जितनी खूबसूरत है उतनी ही बदचलन भी है। वह हर उस जगह से गुज़रती है जहाँ भीड़ होती है ताकि लोग उसे चलते हुए देखें और कुछ बोले। वह अपनी चूँचियाँ उछाल उछाल कर और अपनी गांड मटका मटका कर चलती है। मैंने खुद नोटिस किया है की लड़के जब उसे चतले हुए देखते हैं तो अपना लण्ड सहलाने लगते हैं।
- मैंने कहा - सासू जी ये तो बड़ी फक्र की बात है ?
- वह बोली - अरे बहू तुम नहीं जानती हो. तेरी नन्द बुर चोदी लण्ड पीती है लड़कों के। मैंने खुद अपनी आँखों से देखा है।
- मैंने कहा - अरे सासू जी, मेरी नन्द जवान है, सेक्सी है, हॉट है, और इस उम्र के लड़कियां लण्ड पीती ही हैं। इसमें कोई नई बात तो है नहीं और कोई गलत भी नहीं है।
- वह बोली - अरे बहू घर में, कुनबे में इतने लड़के हैं उनके लण्ड पिये तो मुझे इनकार नहीं है। वो तो बाहर के लड़कों के लण्ड पीती है। कहीं कुछ गहबड़ हो गयी तो फिर क्या होगा ?
- मैंने कहा - सासु जी, कुछ गड़बड़ नहीं होगा। मैं हूँ न ?
- वह बोली - तेरी नन्द कुनबे के लड़कों के भी लण्ड पीती है भोसड़ी वाली। उस दिन मैंने देखा की वह अपने मामू के लड़के का लण्ड पी रही है। मुझे जल्दी थी तो मैं कुछ बोली नहीं और चली गयी।
- मैंने कहा - तो इसमें तो कोई हर्ज़ नहीं है, सासू जी
- वह बोली - अरे बहू रानी तेरी नन्द जब लण्ड पीती है तो चुदवाती भी होगी । जो लड़की लण्ड पिये और चुदवाये न, ऐसा तो हो नहीं सकता ?
- मैंने कहा - सासू जी, वह जवान हो गयी है और ऐसे में चुदवा लिया तो बात नहीं ? चुदवाना कोई गुनाह तो है नहीं। कोई गुनाह तो नहीं किया मेरी नन्द ने ?
- वह बोली - अरे बहू, तुम्हे मालूम है ? तेरी नन्द मादर चोद अपनी माँ चुदवाती है।
- मैंने कहा - हाय दईया मेरी नन्द अपनी माँ चुदवाती है ?
- वह बोली - और नहीं तो क्या ? उसे कोई शर्म नहीं है। बहुत बेशर्म निर्लज्ज और बेहाया हो गयी है तेरी ससुरी नन्द। इसीलिए तो मैं कहती हूँ तेरी बुर चोदी नन्द की चूत ?
- मैंने कहा - क्या हो गया नन्द रानी, मेरी सास के भोसड़ा को ?
- वह बोली - अरे भाभी जान, तेरी सास बुर चोदी जितनी खूबसूरत है उससे ज्यादा चुदक्कड़ भी है। तुम इस घर में नई नई हो इसलिए मैं तुम्हे तुम्हारी सास के भोसड़ा के बारे में बता रही हूँ। उसे अपना भोसड़ा चुदवाने का बड़ा शौक है।
- मैंने कहा - तो इसमें कौन सी गलत बात है। भोसड़ा उसका है चुदवाने का उसे शौक है तो इसमें किसी और को दखल देने की क्या जरूरत है।
- वह बोली - जरुरत है भाभी, वह तेरी सास है। तेरी सास कुछ करेगी तो आंच तेरे पर भी आएगी।
- मैंने कहा - ऐसा क्या कर दिया मेरी सास ने नन्द रानी ?
- वह बोली - अरे भाभी तेरी सास मोहल्ले के हर आदमी को अपना देवर बना रखा है। आदमी को ही नहीं यहांके हर लड़के को अपना देवर बना लिया है। वह लड़कों को घर बुलाती है और कहती है की तुम मेरे देवर हो मैं ेरी भाभी। तुम्हे अपनी भाभी की बुर लेने का हक़ है बेटा इसलिए मेरी बुर चोदो। ऐसा कह कर वह लड़कों से खुले आम चुदवाती है।
- मैंने कहा - नन्द रानी देखो मेरी सास अभी मस्त जवान हैं, जवानी में चूत बुर चोदी बिना लण्ड के एक दिन भी नहीं रह सकती। अब ऐसे के अगर वह मोहल्ले के लड़कों से चुदवा लेती है तो हर्ज़ ही क्या है ?
- वह बोली - अरे भाभी कुनबे में, नाते रिश्तेदारों में लण्ड की कमी है क्या ? मैंने उसे अब्बू के दोस्तों से चुदवाते हुए देखा। खालू से चुदवाते हुए देखा। अभी उस दिन मेरा ससुर आया था। मैं जब रात में उठी तो की तेरी सास मेरे ससुर का लण्ड पी रही है। जो भी घर में आता है, तेरी सास उसी का लण्ड पकड़ लेती है ? इतनी बेशर्म बेहाया है तेरी सास। उसे बिलकुल लज्जा नहीं आती।
- मैंने आँख मारते हुए कहा - मेरी नन्द भी तो बुर चोदी अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाती है ?
- वह बोली - तेरी सास भी तो बुर चोदी अपनी बिटिया की बुर चुदवाती है।
मेरा नाम समीना है दोस्तों। मैं बही कुछ दिन पहले ही इस घर की बहू बन कर आयी हूँ। मेरी शादी एक नजदीकी रिश्ते में हुई है इसलिए इधर उधर के लोग सब एक दूसरे को अच्छी तरह जानतें हैं। मेरी सास हैं फातिमा बेगम और मेरी नन्द है नादिरा। मेरी नन्द भी शादी शुदा है। दोनों ही बड़ी मस्त और हंसमुख स्ववभाव की हैं इसलिए मुझे अब अपनी ससुराल में मज़ा आने लगा है। खूब खुल कर बातें होने लगीं हैं। मुझे यह जानकार और ख़ुशी हुई है की दोनों भोसड़ी वाली ग़ैर मर्दों से चुदवाती हैं। अब मुझे भी यहाँ लण्ड की कमी महसूस नहीं होगी। चाहे मेरा शौहर हो या न हो मुझे कोई न कोई चोदने वाला मिलता रहेगा। एक दिन फिर सास बोली बहू, तेरी बुर तेरी नन्द की चूत किसी दिन एक साथ चोदूँगी मैं ? तब तक नन्द आ गयी. उसने सास की बात सुन ली तो बोली - भाभी, मैं भी तेरी बुर तेरी सास का भोसड़ा किसी दिन इकठ्ठा चोदूँगी। इन बातों से मेरी भी चूत में आग लग गयी। मैंने भी जबाब दिया - नन्द रानी, तेरी चूत, तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी चूत में भी पेलूँगी लण्ड, तेरी माँ के भोसड़ा ठोंक दूँगी मोटे मोटे लण्ड ? वो दोनों हंस पड़ीं।
एक दिन इत्तिफाक से मेरी सकीरा भाभी अपने भाई जान आरिफ के साथ मेरी ससुराल आ गयीं। वह मेरी सास और नन्द को अच्छी तरह जानती थी। रिश्ते में मेरी भाभी मेरी सास की छोटी बहन लगती हैं।
यूँ ही बात चीत में वह बोली - अरे दीदी, तेरी बुर चोदी बहू लण्ड पीने में तो अव्वल है। किसी का भी लौड़ा बिना पिये नहीं छोड़ती।
सास बोली - अच्छा ऐसी बात है ? मेरी भी बेटी लण्ड पीती है।
तब तक मैं भी सास के पास आ गई और नन्द भी।
नन्द बोली - सकीरा भाभी, तेरी बुर चोदी बहन का भोसड़ा, तेरी नन्द की चूत ? मुझे यह बताओ क्या लण्ड पीना कोई गुनाह है ?
सकीरा भाभी ने कहा - देख नादिरा तू मेरी नन्द की नन्द है। मैं जानती हूँ की अगर मेरी नन्द एक लण्ड पियेगी तो तू दो लण्ड पियेगी। लेकिन केवल लण्ड पीने से काम नहीं चलता ? लण्ड को चूत में घुसाना ही पड़ता है। तभी आता है जवानी का असली मज़ा ?
नन्द बोली - कहो तो मैं तेरी चूत में लौड़ा अभी घुसेड़ दूँ।
भाभी ने जबाब दिया - नहीं मेरी नन्द की नन्द रानी, तू लौड़ा अपनी माँ के भोसड़ा घुसा, अपनी भाभी की बुर में घुसा मैं तो अभी जा रही हूँ किसी और से चुदवाने ? किसी और का लण्ड मेरी चूत का इंतज़ार कर रहा है।
ऐसा बोल कर भाभी जान चली गयी लेकिन उसका भाई नहीं गया वह रुक गया। उसी शाम को जब मैं शॉपिंग करके वापस आयी तो देखा की घर में दो मस्त जवान लड़के बैठे हैं। मेरे लिए दो अनजान थे तभी मेरी सास आईं और बोली अरी बहू इससे मिलो ये है तेरी खाला सास का लड़का कासिम और दूसरा है तेरी नन्द का देवर रहीम। मैंने दोनों को आदाब बोला और मुस्कराती हुई अंदर चली गयी। मेरी सास उन लोगों से बातें करतीं रहीं। वहां मेरी भाभी का भाई आरिफ भी बैठा था।
- अंदर मेरी नन्द बोली भाभी आज मैं तेरी बुर चोदूँगी।
- मैंने कहा अच्छा तो ये बता किसका लण्ड पेलेगी तू मेरी चूत में।
- वह बोली किसी का भी पेल दूँगी लण्ड लेकिन आज मैंने तेरी बुर चोद कर ही दम लूंगी। अब देखो न तुझे आये हुए कितने दिन हो गये मैंने अभी तक तेरी बुर नहीं देखी।
- तो मैंने भी तो अभी तक तेरी बुर नहीं देखी नन्द रानी, तेरी माँ का भोसड़ा भी नहीं देखा ?
- तो फिर आज देख ले न। आज तो मौक़ा है।
- क्या मतलब ?
- हां यार आज तो मेरा देवर आया है। मेरी खाला का लड़का भी आया है। तेरी भाभी का भाई जान भी है तो फिर आज तो चुदाई का पूरा पूरा मौक़ा है।
- मैंने पूंछा तेरी खाला का बेटा तेरी माँ चोदेगा ?
- उसने कहा क्यों नहीं चोदेगा ? मेरा भाई उसकी माँ चोदता है तो वह मेरी माँ चोदेगा।
- और तेरा देवर ?
- हां भाभी मैं अपने देवर से चुदवा चुकी हूँ पर केवल एक ही बार। आज तो वह भी मेरी माँ चोदेगा। मैं चाहती हूँ की वह मेरी माँ चोदे। क्योंकि मेरी माँ बुर चोदी बिना चुदवाये मानेगी नहीं। वो तो भोसड़ी की मेरे मियां से भी चुदवा लेती है।
- हाय अल्ला, ऐसा हुआ क्या ? वह बोली हां बिलकुल हुआ। इसमें कोई अजूबा नहीं है। मैं अपने मियां के बाप से चुदवा चुकी हूँ। मुझे भी अपने ससुर का लण्ड पसंद आ गया है। किसी दिन मौक़ा मिला तो मैं उसका लण्ड तेरी बुर में जरूर पेलूँगी, भाभी।
उसने सबके सामने उसकी नेकर खोल कर फेंक दी और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। फिर नन्द ने रहीम का लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैंने ख़ुशी ख़ुशी लण्ड पकड़ा और उसे कई बार चूमा। मुझे उसका सुपाड़ा बड़ा मस्त लगा। इसी बीच सासू जी ने मेरी भाभी के भाई जान के पैजामे में हाथ घुसेड़ दिया। नाड़ा खोल कर लौड़ा बाहर निकाल लिया। लण्ड बाहर आया तो वह खड़ा होकर गुर्राने लगा। सास ने कहा - बहू, इसका लौड़ा तो बहन चोद बड़ा सॉलिड है। तेरी सास का भोसड़ा चोद कर ही मानेगा। तभी नन्द ने अपनी खाला के बेटे का लण्ड बाहर खींच कर उसे चाटने लगी। मैंने कहा अरी मेरी बुर चोदी नन्द रिश्ते में तो कासिम तेरा भाई है. तू अपने भाई जान से चुदवाने के लिए तैयार है ? वह बोली मेरी भोसड़ी की भाभी जान चुदाई में कोई रिस्ता नहीं माना जाता ? और फिर मेरी खाला का लड़का जब मेरी माँ चोद सकता है तो माँ की बेटी नहीं चोद सकता क्या ? मैंने कहा हाय दईया, नन्द रानी तेरा देवर तेरी माँ की चूत भी चोदेगा।
मैं रहीम का लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी. मेरी सास मेरी भाभी के भाई का लौड़ा चूसने लगी और मेरी नन्द अपनी ही खाला के बेटे का लण्ड पीने लगी। हम सबके कपड़े उतर चुके थे , हम तीनो नंगी हो गयीं और तीनो मरद भी नंगे हो गए। माहौल में मस्ती छाने लगी। तभी रहीम ने लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बुरी तरह चोदने लगा। वह बोला नादिरा भाभी, मुझे तेरी भाभी की बुर बहुत अच्छी लग रही है। एक तो इसकी बुर बहुत टाइट है और दूसरे यह की समीना भाभी बड़ी अच्छी तरह चुदवा रही है। इतने में मेरी सास का भोसड़ा भी चुदने लगा। आरिफ ने अपना लौड़ा पूरा घुसेड़ दिया था। वह तो सास को अपनी बीवी समझ कर चोदने लगा। उधर मेरी नन्द भी कासिम से भकाभक चुदवाने लगी। नन्द बोली कासिम सच बताओ तूने मेरी माँ कभी चोदी है ? वह बोला अरे नादिरा हम लोगों में रात के समय जब चुदाई होती है तो कोई किसी की भी बुर चोद सकता है। लण्ड जब गरम हो तो कहीं भी घुस सकता है। चूत जब गर्म हो तो वह किसी का भी लण्ड घुसेड़ सकती है। इतने में चुदाई की स्पीड बढ़ने लगी।
हम तीनो की चूत का बाजा बजने लगा। पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ें आने लगीं। भच्च भच्च, धच्च धच्च, गच्च गच्च, भक्क भक्क, फच्च फच्च की आवाज़ गूंजने लगी। मैं अपनी सास और नन्द की चुदाई बड़े गौर से देखने लगी और वो दोनों भी मुझे चुदवाते बड़ी मस्ती से देख रहीं थीं। मैं तो रंडी की तरह अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी और बोलने लगी - हाय मेरे राजा मुझे हचक हचक के चोदो। मैं तेरी भाभी भी हूँ, मुझे चोदो। तेरी बीवी भी हूँ मुझे चोदो। तेरी साली भी हूँ मुझे चोदो। मैं तेरी रंडी हूँ तेरी रखैल हूँ मुझे चोदो। मुझे भी चोदो मेरी बुर चोदी नन्द की बुर भी चोदो। मेरी बुर चोदी सास का भोसड़ा भी चोदो। फिर मैं पीछे से कुतिया की तरह चुदवाने लगी।
तभी अचानक रहीम ने लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मेरी सास के भोसड़ा में घुसा दिया। आरिफ ने अपना लण्ड सास के भोसड़ा से निकाल कर नन्द की चूत में पेल दिया और कासिम ने नन्द की बुर से लण्ड निकाल कर मेरी चूत में ठोंक दिया। हम तीनो की चूत के लण्ड बदल गए जिससे मज़ा दूना हो गया। मैंने कहा नन्द रानी इस तरह की हम तीनो की एक साथ चुदाई आज पहली बार हो रही है। नन्द बोली भाभी जान अब आज के बाद अक्सर इसी तरह की चुदाई होगी और हम दोनों माँ बेटी मिलकर तेरी बुर चोदा करेंगीं। मैंने कहा नन्द रानी हम दोनों सास बहू मिलकर तेरी बुर चोदा करेंगीं। तब तक सास बोली हम दोनों सास बहू मिलकर नन्द की बुर चोदेंगी और माँ बेटी मिलकर बहू की बुर चोदेंगीं।
जवानी में इस तरह की चोदा चोदी अक्सर हर जगह होती रहती है।
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