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बौनी लडकी के साथ सेक्स का मजा Boni ladki ke sath sex ka majaa
बौनी लडकी के साथ सेक्स का मजा , कम कद की लड़की चुदाई , ठिकने कद की लड़की को चोदा - Boni ladki ke sath sex ka majaa , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मेरे पड़ोस में एक बौनी लड़की रहती थी, उसे मैं गुड्डा कह कर बुलाता था, वो इस बात पर चिढ़ भी जाती थी, उसे लगता था मैं उसका मजाक उड़ाता हूँ, पर ऐसा नहीं था।वो बौनी जरूर पैदा हुई थी लेकिन दिखने में काफ़ी खूबसूरत थी, रंग गोरा, नैन नक्श हर अंग सुंदर… बाल घने थे, सीना उभरा हुआ था, फिगर ऐसी थी मानो कोई खूबसूरत गुड़िया हो। जब वो मेरे पास आती थी, मेरे स्टडी टेबल पर बैठ जाती थी। इससे हमारी हाईट थोड़ी लेवल में आ जाती। वो ज्यादातर मुझसे ही बात करती थी।
उसकी माँ एक दिन मेरे पास आई और बोली- आप मेरी बेटी को समझाइये, वो आपसे अच्छे से बातें करती है, शायद आपकी बात मानकर वो शादी के लिये तैयार हो जाये। उनके कहने पर मैंने एक दिन गुड्डा से बात की।
‘मैं शादी तो करना चाहती हूँ पर मेरी एक इच्छा है, मैं चाहती हूँ कि कोई नॉर्मल इन्सान मुझसे प्यार करे।’ गुड्डा ने मुझसे कहा।
‘तुम सपनों की दुनिया से बाहर आकर हकीकत का सामना करो। कोई भी नॉर्मल इन्सान तुझसे शादी क्यों करेगा?’ मैंने पुछा।
‘नहीं आप समझे नहीं…’ उसने हिचकिचाते हुये कहा।
‘तो तुम समझा दो, मुझे भी तेरे माँ बाप को बताना है कि हमारी क्या बातें हुई।’ मैंने कहा।
‘नहीं ये बातें आप उनको मत बताइये, वो मुझे मार ही डालेंगे।’
‘अरे लेकिन उनको बताना तो पड़ेगा ना?’
‘बस इतना बता दो कि मैं कुछ दिन रुकना चाहती हूँ। सिर्फ एक बार कोई नॉर्मल इन्सान मुझे कहे कि मैं तुझे चाहता हूँ।’
‘सिर्फ़ कहना है ना?’ मैंने पूछा।
‘हाँ, बस एक बार…’
‘तो मैं ही कह देता हूँ, आई लव यू!’ मैंने मजाक में कहा।
‘अंकल, प्लीज मजाक नहीं।’
‘मजाक नहीं, सच कह रहा हूँ।’
‘प्लीज… मैं सीरियस हूँ।’ उसने बहुत ही गंभीरता से कहा।
उसकी गंभीरता को देखकर मैं भी दंग रह गया।
‘क्या एज लिमिट होनी चाहिए लड़के की?’
‘किसी भी एज का हो चलेगा!’
‘मैं चलूँगा?’ मैंने फिर मजाक किया।
‘आप भी चलोगे, बस चाहत दिल से होनी चाहिए।’ वो मेरे मजाक के बावजूद सीरियस थी।
उस बातचीत के बाद कुछ दिन ऐसे ही गुजर गये।
एक दिन उसके पापा ने मुझे उसे फिर समझाने को कहा।
हमेशा की तरह वो जब मुझसे मिलने आई तो मैंने उससे फिर शादी की बात की।
‘मेरी अब भी शर्त वही है।’ उसने गंभीरता पूर्वक कहा।
‘आय लव यू!’ मैंने सीरियस अंदाज में कहा।
‘प्रूव इट!’ उसने गंभीरता से कहा।
‘हाऊ?’ मैंने पूछा।
‘किस मी!’ उसने उसी गंभीर अंदाज़ मे कहा।
मैंने उसकी आँखों में आँखें डालकर उसको पढ़ना चाहा, वो वाकयी सीरियस थी।
कुछ देर खामोशी छायी रही, कोई कुछ नहीं बोला।
‘मेरा दिल रखने के लिये मुझे ‘आई लव यू…’ कहना और ‘सच में प्यार करना’ दोनों में बहुत फर्क हैं।’ कह कर वो नाराज होकर निकलने लगी।
मैंने उसका हाथ पकड़ा, वो रुक गई, मैंने उसे उठा कर अपनी गोदी में खड़ा कर लिया और उसके होठों को चूम लिया।
जब मैं उसे चूमकर उससे दूर हुआ तो देखा उसकी आँखें भर आई थी।
‘अब आप जिससे शादी करने को बोलो, मैं कर लूँगी।’ उसने रोते हुये कहा।
‘मुझसे कर लेना!’ मैंने उसका रोना बंद करने के लिये मजाक में कहा।
‘आप शादीशुदा ना होते तो मैं आपसे ही शादी करती!’ कहते हुए वो मुझे गहन चुम्बन करने लगी।
जब मैंने उसे किस किया था तब मेरे मन में उसके लिये कोई सेक्स की भावना नहीं थी लेकिन उसकी इस किसिंग से मेरे मन में वासना जागृत हो गई, जिसका नतिजा यह हुआ कि मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया।
वो चुकी मेरी गोदी में खड़ी थी, मेरा तना लंड उसके पैरों को चुभने लगा।
‘आपको तो सेक्स करने की इच्छा हो रही है?’ उसने पैरों से लंड को टटोलते हुये कहा।
‘तू गुड्डा से सेक्स डॉल जो बन गई है आज!’
मेरे जवाब पर वो खिलखिलाकर हंसी औ फिर मुझे किस करने लगी।
धीरे धीरे उसके हाथ मेरे सीने पर और बालों में घूमने लगे, वो अपने सीने को मेरे बदन पर कसने लगी।
मैं भी अपना आपा खोकर उसके बदन से खेलने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उसे एक टेबल पर लिटा दिया और उसको सहलाते हुये उसके कपड़े उतार दिये, अपने भी सारे कपड़े निकाल कर मैं उसके सामने नंगा खड़ा हो गया।
मुझे नंगा देखकर वो टेबल पर उठकर बैठ गई, अपने हाथों से उसने मेरा लंड थाम लिया और उससे खेलने लगी।
थोडी देर लंड सहलाने के बाद उसने उसे मुँह में भर लिया।
‘अरे, तुझे तो सब कुछ पता है?’ मैंने आश्चर्य से कहा।
‘मैंने एक मूवी में देखा था, एक नॉर्मल आदमी और एक बौनी औरत एक दूसरे से ऐसे ही सेक्स करते हैं जैसे हम आज कर रहे हैं।’ उसने हकीकत ब्यान कर दी।
‘क्या इसीलिये तो नॉर्मल आदमी का प्यार चाहती थी?’ मैंने पूछा।
‘हाँ, पर मैं सेक्स नहीं करने वाली थी, बस चाहती थी कि कोई मुझसे प्यार करे।’
‘फिर मेरे साथ सेक्स क्यों करना चाहा?’
‘चाहा नहीं था, पर किसिंग के दौरान जब आपका लंड तन गया तब मन में सेक्स की भावना ने भी जन्म ले लिया।’
मैंने उसको टेबल पर खड़ी किया और उसके बूब्स को मुँह में भरकर बारी बारी चूसने लगा, वो आह उह की सिसकारियाँ भरने लगी।
बड़े मजे से उसके बूब्स चूसने के बाद मैंने उसे फिर टेबल पर लिटा दिया, तेल की बोतल उठा कर ढेर सारा तेल उसकी चूत में डाल दिया फिर अपनी बीच की उंगली उसमें घुसेड़ कर अंदर बाहर करने लगा।
उंगली के अंदर बाहर होने से उसकी सिसकारियाँ बढ़ने लगी, वो अपनी कमर मचकाने लगी।
‘प्लीज अब लंड डाल दो ना, नहीं तो मैं ऊँगली से ही झड़ जाऊँगी।’
मैंने उसकी बात मानकर अपने लंड पर ढेर सारा तेल मला और सुपारे को उसकी चूत की दरार में पेल दिया।
‘ओ माय गॉड ! बहुत दर्द हो रहा है।’
‘तुम पहली बार चुद रही हो, तुम्हारे लिये नॉर्मल साईज का लंड भी तकलीफ़ देगा।’ मैंने समझाते हुये कहा।
‘तो फिर निकाल लो, उंगली से ही करो।’
‘उंगली से तुम तो झड़ जाओगी पर मेरा क्या होगा?’
‘मैं मुँह में ले लूंगी।’
‘लुब्रीकंट होता तो अच्छा होता, एक बार घी से ट्राई करते हैं।’ कह कर मैंने थोड़ा घी उसकी चूत में डालकर उंगली को अंदर बाहर किया फिर लंड को घी से चिकना किया और सुपारे को फिर से चूत में घुसेड़ दिया।
इस बार भी वो चीखी पर पहले से कम!
मैंने उसके बूब्स को सहलाते हुये अपना एक एक इंच लंड उसकी चूत में दाखील कर दिया।
उसे तकलीफ़ तो हुई पर वो सह गई।
धीरे धीरे मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसकी पीड़ा अब मजे में तबदील हो गई थी। चूत की जलन एक मिठा अहसास दिला रही थी।
‘चोदो… चोदो डियर ! बहुत मजा आ रहा है।’ वो बड़बड़ाने लगी। मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा था, ऐसे लग रहा था जैसे मैं किसी सुंदर गुड़िया को टेबल पर लिटाकर उसमें अपना लंड घुसेड़ रहा हूँ। बजारों में मिलने वाली सेक्स डॉल्स ऐसी ही होती हैं।
मेरे पड़ोस में एक बौनी लड़की रहती थी, उसे मैं गुड्डा कह कर बुलाता था, वो इस बात पर चिढ़ भी जाती थी, उसे लगता था मैं उसका मजाक उड़ाता हूँ, पर ऐसा नहीं था।वो बौनी जरूर पैदा हुई थी लेकिन दिखने में काफ़ी खूबसूरत थी, रंग गोरा, नैन नक्श हर अंग सुंदर… बाल घने थे, सीना उभरा हुआ था, फिगर ऐसी थी मानो कोई खूबसूरत गुड़िया हो। जब वो मेरे पास आती थी, मेरे स्टडी टेबल पर बैठ जाती थी। इससे हमारी हाईट थोड़ी लेवल में आ जाती। वो ज्यादातर मुझसे ही बात करती थी।
उसकी माँ एक दिन मेरे पास आई और बोली- आप मेरी बेटी को समझाइये, वो आपसे अच्छे से बातें करती है, शायद आपकी बात मानकर वो शादी के लिये तैयार हो जाये। उनके कहने पर मैंने एक दिन गुड्डा से बात की।
‘मैं शादी तो करना चाहती हूँ पर मेरी एक इच्छा है, मैं चाहती हूँ कि कोई नॉर्मल इन्सान मुझसे प्यार करे।’ गुड्डा ने मुझसे कहा।
‘तुम सपनों की दुनिया से बाहर आकर हकीकत का सामना करो। कोई भी नॉर्मल इन्सान तुझसे शादी क्यों करेगा?’ मैंने पुछा।
‘नहीं आप समझे नहीं…’ उसने हिचकिचाते हुये कहा।
‘तो तुम समझा दो, मुझे भी तेरे माँ बाप को बताना है कि हमारी क्या बातें हुई।’ मैंने कहा।
‘नहीं ये बातें आप उनको मत बताइये, वो मुझे मार ही डालेंगे।’
‘अरे लेकिन उनको बताना तो पड़ेगा ना?’
‘बस इतना बता दो कि मैं कुछ दिन रुकना चाहती हूँ। सिर्फ एक बार कोई नॉर्मल इन्सान मुझे कहे कि मैं तुझे चाहता हूँ।’
‘सिर्फ़ कहना है ना?’ मैंने पूछा।
‘हाँ, बस एक बार…’
‘तो मैं ही कह देता हूँ, आई लव यू!’ मैंने मजाक में कहा।
‘अंकल, प्लीज मजाक नहीं।’
‘मजाक नहीं, सच कह रहा हूँ।’
‘प्लीज… मैं सीरियस हूँ।’ उसने बहुत ही गंभीरता से कहा।
उसकी गंभीरता को देखकर मैं भी दंग रह गया।
‘क्या एज लिमिट होनी चाहिए लड़के की?’
‘किसी भी एज का हो चलेगा!’
‘मैं चलूँगा?’ मैंने फिर मजाक किया।
‘आप भी चलोगे, बस चाहत दिल से होनी चाहिए।’ वो मेरे मजाक के बावजूद सीरियस थी।
उस बातचीत के बाद कुछ दिन ऐसे ही गुजर गये।
एक दिन उसके पापा ने मुझे उसे फिर समझाने को कहा।
हमेशा की तरह वो जब मुझसे मिलने आई तो मैंने उससे फिर शादी की बात की।
‘मेरी अब भी शर्त वही है।’ उसने गंभीरता पूर्वक कहा।
‘आय लव यू!’ मैंने सीरियस अंदाज में कहा।
‘प्रूव इट!’ उसने गंभीरता से कहा।
‘हाऊ?’ मैंने पूछा।
‘किस मी!’ उसने उसी गंभीर अंदाज़ मे कहा।
मैंने उसकी आँखों में आँखें डालकर उसको पढ़ना चाहा, वो वाकयी सीरियस थी।
कुछ देर खामोशी छायी रही, कोई कुछ नहीं बोला।
‘मेरा दिल रखने के लिये मुझे ‘आई लव यू…’ कहना और ‘सच में प्यार करना’ दोनों में बहुत फर्क हैं।’ कह कर वो नाराज होकर निकलने लगी।
मैंने उसका हाथ पकड़ा, वो रुक गई, मैंने उसे उठा कर अपनी गोदी में खड़ा कर लिया और उसके होठों को चूम लिया।
जब मैं उसे चूमकर उससे दूर हुआ तो देखा उसकी आँखें भर आई थी।
‘अब आप जिससे शादी करने को बोलो, मैं कर लूँगी।’ उसने रोते हुये कहा।
‘मुझसे कर लेना!’ मैंने उसका रोना बंद करने के लिये मजाक में कहा।
‘आप शादीशुदा ना होते तो मैं आपसे ही शादी करती!’ कहते हुए वो मुझे गहन चुम्बन करने लगी।
जब मैंने उसे किस किया था तब मेरे मन में उसके लिये कोई सेक्स की भावना नहीं थी लेकिन उसकी इस किसिंग से मेरे मन में वासना जागृत हो गई, जिसका नतिजा यह हुआ कि मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया।
वो चुकी मेरी गोदी में खड़ी थी, मेरा तना लंड उसके पैरों को चुभने लगा।
‘आपको तो सेक्स करने की इच्छा हो रही है?’ उसने पैरों से लंड को टटोलते हुये कहा।
‘तू गुड्डा से सेक्स डॉल जो बन गई है आज!’
मेरे जवाब पर वो खिलखिलाकर हंसी औ फिर मुझे किस करने लगी।
धीरे धीरे उसके हाथ मेरे सीने पर और बालों में घूमने लगे, वो अपने सीने को मेरे बदन पर कसने लगी।
मैं भी अपना आपा खोकर उसके बदन से खेलने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उसे एक टेबल पर लिटा दिया और उसको सहलाते हुये उसके कपड़े उतार दिये, अपने भी सारे कपड़े निकाल कर मैं उसके सामने नंगा खड़ा हो गया।
मुझे नंगा देखकर वो टेबल पर उठकर बैठ गई, अपने हाथों से उसने मेरा लंड थाम लिया और उससे खेलने लगी।
थोडी देर लंड सहलाने के बाद उसने उसे मुँह में भर लिया।
‘अरे, तुझे तो सब कुछ पता है?’ मैंने आश्चर्य से कहा।
‘मैंने एक मूवी में देखा था, एक नॉर्मल आदमी और एक बौनी औरत एक दूसरे से ऐसे ही सेक्स करते हैं जैसे हम आज कर रहे हैं।’ उसने हकीकत ब्यान कर दी।
‘क्या इसीलिये तो नॉर्मल आदमी का प्यार चाहती थी?’ मैंने पूछा।
‘हाँ, पर मैं सेक्स नहीं करने वाली थी, बस चाहती थी कि कोई मुझसे प्यार करे।’
‘फिर मेरे साथ सेक्स क्यों करना चाहा?’
‘चाहा नहीं था, पर किसिंग के दौरान जब आपका लंड तन गया तब मन में सेक्स की भावना ने भी जन्म ले लिया।’
मैंने उसको टेबल पर खड़ी किया और उसके बूब्स को मुँह में भरकर बारी बारी चूसने लगा, वो आह उह की सिसकारियाँ भरने लगी।
बड़े मजे से उसके बूब्स चूसने के बाद मैंने उसे फिर टेबल पर लिटा दिया, तेल की बोतल उठा कर ढेर सारा तेल उसकी चूत में डाल दिया फिर अपनी बीच की उंगली उसमें घुसेड़ कर अंदर बाहर करने लगा।
उंगली के अंदर बाहर होने से उसकी सिसकारियाँ बढ़ने लगी, वो अपनी कमर मचकाने लगी।
‘प्लीज अब लंड डाल दो ना, नहीं तो मैं ऊँगली से ही झड़ जाऊँगी।’
मैंने उसकी बात मानकर अपने लंड पर ढेर सारा तेल मला और सुपारे को उसकी चूत की दरार में पेल दिया।
‘ओ माय गॉड ! बहुत दर्द हो रहा है।’
‘तुम पहली बार चुद रही हो, तुम्हारे लिये नॉर्मल साईज का लंड भी तकलीफ़ देगा।’ मैंने समझाते हुये कहा।
‘तो फिर निकाल लो, उंगली से ही करो।’
‘उंगली से तुम तो झड़ जाओगी पर मेरा क्या होगा?’
‘मैं मुँह में ले लूंगी।’
‘लुब्रीकंट होता तो अच्छा होता, एक बार घी से ट्राई करते हैं।’ कह कर मैंने थोड़ा घी उसकी चूत में डालकर उंगली को अंदर बाहर किया फिर लंड को घी से चिकना किया और सुपारे को फिर से चूत में घुसेड़ दिया।
इस बार भी वो चीखी पर पहले से कम!
मैंने उसके बूब्स को सहलाते हुये अपना एक एक इंच लंड उसकी चूत में दाखील कर दिया।
उसे तकलीफ़ तो हुई पर वो सह गई।
धीरे धीरे मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा। उसकी पीड़ा अब मजे में तबदील हो गई थी। चूत की जलन एक मिठा अहसास दिला रही थी।
‘चोदो… चोदो डियर ! बहुत मजा आ रहा है।’ वो बड़बड़ाने लगी। मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा था, ऐसे लग रहा था जैसे मैं किसी सुंदर गुड़िया को टेबल पर लिटाकर उसमें अपना लंड घुसेड़ रहा हूँ। बजारों में मिलने वाली सेक्स डॉल्स ऐसी ही होती हैं।
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