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बेटे को मुठ मारते देख बेकाबू हो गयी - Maa ne apne bete se chut chudai
माँ ने बेटे को हस्तमैथुन करते पकड़ा और अपनी चुदाई करवाई , पुत्र को यार बनाकर चुदवाया , मम्मी को रंडी बनाकर चोदा , बेटे को मुठ मारते देख बेकाबू हो गयी - Maa ne apne bete se chut chudai , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मैं गाव का रहने वाला हूं मेरे पति गुज़र चुके हैं मैं जनरल मर्चेंट की दुकान कर रहा हूँ। मेरा बेटा बब्बन अब बी कॉम की पढ़ाई कर रही है वह अभी सेकेंड ईयर में है मुझे उसको एक बड़ा अधिकारी बनाना चाहता हूं तो आज मैं आपको अपनी कहानी सुना रहा हूं 1 महीने पहले की बात है सुबह 7 बजे मैं अपने बेटे बब्बन के लिए सुबह सुबह चले गए। मैं रसोई में गयी बड़े मन से अपनी बेटे के लिए मैं चाय बनाया मैं शुद्ध दूध की चाय बनाया अदरक भी डाली और चाय को प्लेट में लगाकर मैं अपने बेटे बब्बन को दे दिया गया। जैसे ही मैं उसके कमरे में गयी मैं ह्रान रह गया था। बब्बन अपनी बिस्तर पर पड़ा था वो अभी भी पूरी तरह से नहीं स्थान था। वो वो अपनी जवानी की खुमारी में था उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था वो नगा था अपने बड़े से लौड़े को वह हाथे में पड़ा था और लौड़े को फेट हो रहा था जैसे ही मेरी नजर बब्बन पर पड़ी, मैं जरा ज़ेड गयी। तत्काल चाय की प्लेट लेकर मैं बाहर निकली आई मैं बाहर खड़ी हो गई और खिड़की से छिप कर अपने बेटे बब्बन को पड़ने गए थे।
उफ्फ्फ्फ़ !! बब्बन अब छोटी बच्चा ना हो रहा था वह 17 साल का हो चूका था। मैं अख़बार में पढ़ा था कि 17 साल में लड़कों का लाड़ा खड़ा हो रहा है। उन लड़कियों को 16 साल में चोडना पेलाना शुरू करना है। मैं पिछले 6 7 सालों से नहीं चुडी था। पर अब अपने बेटे बब्बन को देखकर मेरी पुरानी ख्वाहिश जाग गयी है। बब्बन की आँखे बंद था वो नींद में था परन्तु वह लगातार अपने बड़े से लौड़े को हाथ में मुठ दे रहा था।
मैं लालच से अपने बेटे को देख रहा हूं अभी मैं सिर्फ 33 साल का था मै भी कुछ सपने थे मुझे भी कुछ अरमान थे की मैं किसी से चुद्वाऊ, किसी का लाड़ा खाओं। किसी से अपना बुरे में लाड़ा लेकर अन्दर बाहर करवाऊं मैं बब्बन के कमरे के बाहर ही खड़ी हो गया और अपने बेटे को मुठ मारते देख लिया। मैं जान ही नहीं सिकि मेरे बेटा बब्बन कब जवान हो गया वो नींद में था बड़ी देर तक वह मुठ मारता रहा था। फिर वो झड़ गया। जब वह नहाकर आया तो मुझे उसको चाय दी गई
अब हर दिन ये होने लगा मैं सुबह अपने लिए चाय ले जाती हूं और उसकी मस्त मस्त गड़रेए बदन को देखती है। एक दिन जब वह सुबह 7 बजे मुठ मार रहा था मैं चाय लेकर अंदर चला गया। आज भी बब्बन नींद में है मगर उसका हाथ उसके बड़े से लौड़े पर था मैं अपने सगे बेटे बब्बन का लौड़ा पीने लगा मुझे उसको हाथ में ऊपर से निकल पटक रहा था फिर मुंह में भरके चूसे लगे लगी कुछ देर बाद बब्बन के लौड़े ने अपना माल मेरे मुंह में छोड़ दिया
उसके बड़े से 10 इंच लम्बे लौड़े से ढेर सारे माल छोड़ दिया मैं जान गया कि अब मेरे बेटे की उम्र मुठ मारने की नहीं लड़कियां चोडने की हो गयी है। मैं बबब्न के लौड़े को चूस ही रहा था कि इतने में वो जाग गए
माँ !! माँ तुम ?? 'वो बोला
कोई बात नहीं बेटा, यह सब होता है। लड़के जब जवान हो जाते हैं तो उसके पोते में बहुत सारे माल बनते हैं, जो मुठ मारक निकालना देना चाहिए। इसमें कोई शर्म नहीं है बब्बन! तुम्हारी चाय रखी है बेटा! याद से पी लेना 'मैंने कहा और उसके कमरे से निकल आया मेरी बातों का बब्बन पर विशेष असर पड़ा रात 12 बजे मैं सो रहा था कि इतने में मेरी जान से प्यारे बेटा बब्बन आ गया और मुझे जागना लगा
क्या है बेटा ?? 'मैं आँख मीन्जते हुए पूछा
माँ! मुझे बड़ा जोर की चुदास लगी है, प्लस चूत दे दो! जब तुम मेरे लाड़ पकड़ के मुठ मारो हो तो फिर चूत भी दे दो !! बब्बन बोला
मैं तो पहले ही चुदवाने के मड में था 'कोई बात नहीं बेटा, आइ मुझे चुद ले! जितना मन करो जत्ना दिल चाहे चुद ले 'I बब्बन से कहा और अपनी साड़ी का पल्लू हटाया मैं अपने बल्लास बटन खोलने लगे। उधर बबबन ने भी कपड़े निकाल दिए। जैसे ही मैंने अपना ब्लड उड़ा मेरे 2 गोल गोल बेहद आकर्षक मम बबबन्न के सामने आये। बेटा बब्बन तो मुझ पर कूद पड़ा मैं बिस्तर पर लेट गयी। बब्बन मेरी मस्त मस्त दूधभारी की छाती को हाथ में छूने लगा दबाने लगा आह !! मुझे बहुत अच्छा लगा दोस्तों 'आह और अओहो !! और जोर से दबाओ बेटे |
मैने कहा। मेरी प्रोत्साहन प बब्बन और जोर से मेरे दूध दबाने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा था कितने दिनों बाद आज मेरी कोई छाती दबा रही है आह कितने इंतजार किया था कि मैं किसी को मेरी छातियां दबाएं बब्बन जोर जोर से मेरी छाती हाथ से दाब रहा था। मुझे बहुत अच्छे लग रहा था मेरी सांसें धीक हो रही थी मेरी चूत गीली हो रही है मेरे बेटे बब्बन ने मुझे अपना गोद में बैठा लिया वो भी चुदासा हो गया था।
उसने मेरे बालों में बादा जुडा खोल दिया मेरे सारे बाल विचर गए बब्बन ने मेरी पेटीकोट भी निकला मैं पैंटी नहीं पहनी थी अब मुझे पूरी तरह से नंगी हो गयी है। बब्बन जोर जोर से मेरे पके पके आम दबा रहे थे मुझे दर्द हो रहा था मैं आ आह आहा कर रहा था मेरे चोकलेट जैसे भूरे रंग के गोलों वाले मेरी छात्राओं को बबब्न ने एक बार और बड़ा जोर से दबा दिया मैं उसके गोद में उछल पड़ा। मैं नंगी था,
मैं बहुत गोरी थी, मेरी जिस्म पर सिर्फ हाथों में चूंग्स था मेरे पति मरे हुए थे, लेकिन आज भी मुझे ये सोने का तिकोना डीजइन था मंगल सूत्र पहनते हैं। मैं बेवा था, लेकिन आज भी मुझे माथे पर बिंदी लगाती है मेरी चुदास की अरदास देखकर बबबन ने मेरे लटकती बड़ी बड़ी छालों के मुंह में भर लिया और पीने लगा आज चाय या काफी उसकी मुंह में नहीं है पर सीधा दूध का प्याले ही बेटों में मुंह में थे बबब्न मुंह चला गया, अपना सजी माँ की छाती पी रही है मैं जैसे बचपन में उसके सिर पर हाथ रखे प्रहार किया था। आज फिर से मैं उसके सिर पर हाथ रख के फिर से मिल रहा है बबबन ने मेरी बायी लटकती छाती को अच्छे से पी लिया।
फिर दाई बड़े से लटकती छाती को वो पीने लगा फिर वह मुझे लिटा दिया मेरी दोनों टांगें वह खोल दी कुछ देर तक बब्बन मेरी चूत ध्यान से देख रहा था मेरी चूत का बनावट बुरे का होठ, उसके कलियों, फिर निचे के ओर उसका छेद 'माँ! तुम्हारा भोसडा तो बहुत खुबसूरत है 'बबबन बोला 'हाँ बेटा! जो भी है, जैसा रूखा सुखा है! तेरे सामने है 'मै कहा। नहीं माँ! सचमुच तुम्हारा भोसड़ा सच में बहुत ही सुंदर है 'बब्बन बोला और मेरी बुर पीने लगा मैं भी अपना टाँगा फैला दिया जिस से मेरे भोसडा और उपर जा जा। बब्बन अपनी जीभ से मेरी बुर पीने लगा मेरी मीठी नमकीन बुर मुझे जरा मस्ती सूझी मैं 2 4 बूंद मूत दिया। बबबन ने वो भी पी लिया कुछ देर बाद उसने अपना बड़ा सा लाड़ा मेरे भोसड़े में डाल दिया और मुझे चूड़ने लगा। मै भी मस्ती से चुदवाने लगी। बब्बन के चोदन से मेरी बुर के दोनों होठ बार बार खुलते थे बार बार बंद हो जाते थे।
बब्बन मुझे जोर जोर से पेल रहा था सच में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था बहुत मजा मिल रहा था बड़ी नशीली रगड़ थी बेटे के लौरे की बहुत खुशी मुझे मिल रही है दोस्तों बब्बन हचर हचर से अपनी माँ को चूड हो रहा था। उसके मोटे से लम्बे लौरे पर मेरा पूरा शरीर थरक रहा था जैसे लग रहा है कि वह कोई इंजिन मेरी चूत में डाल करने के लिए चल रहा है। मेरे बेटा बबबन मेरी बुर पर बड़ी मेहनत कर रही थी वो हच हच करके मुझे चुदाई कर रही थी जैसे कि वह अपना लाड़ा मेरी बुर में जैसे ही लौड़ा से हच से मुझे लगता था कि मैं 2 4 इंच आगे बढ़ता जाता है।
फिर जैसे वह लौड़ा निकलता था मैं 2 4 इंच वापस पीछे आ गया था। वह जोर जोर से हच हच करके मेरी बुर में लाड़ा अंदर बाहर कर रहा था वहाँ। वह इतनी तेजी से लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था बार बार मैं 2 4 इंच आगे और 2 4 इंच पीछे की ओर जायें घंटों ये सिलसिला चला बबबन ने मेरे भोसड़े पर बहुत मेहनत की जब वह झड़ने के लिए आया तो उसने अपना लाड़ा निकाला और मेरी नंगे पेट पर अपनी माल गिरा दिया। अपने बेटे की कीमती वस्तुओं को मैं बेकार नहीं जाने दिया मैं उँगली से सारा माल उठा की चाट लिया कुछ देर बाद बब्बन का लौड़ा फिर खड़ा हो गया था मैं बाहर बाथरूम मूत गयी और मूत कर फिर आ गयी। 'माँ! तुम्हारी चूत बहुत मस्त है !! 'बबबन बोला आज के बाद में किसी आदमी ने मेरी बुर की प्रशंसा की थी
'किसी न बेटा, आप जितना चाहें मेरा बुरे मार लो!' मैंने कहा
बब्बन बिस्तर पर लेट गया मुझे उसने अपनी पेट पर बैठा लिया मेरे गहरे से भोसड़े में बब्बन ने अपना लड़ा घुसा रखा था वास्तविकता में मैं अपने लौड़े को अपने भोसड़े में बैठी था 'माँ !! अब तुम उछल उछल के मेरे लौड़े को चोडो 'बबबन बोला पल भर के लिए मैं इमोशनल हो गयी। क्यूंकि मेरे पति और बब्बन के पिता मुझे बिल्कुल इसी इस्तमाल में पेला खाया करते थे। दोस्तों, पल भर के मेरी आँखें भीग गयी। मैं रोने लगी।
मैं रूआसी हो गयी पर मैं यह वक़्त चुदेसी भी था मैं खुद को सम्हाला कुछ देर बाद मैं बेटे के लौड़े पर उछल उछल के चुदवाने लगे। कुछ देर बाद मेरी कौर बब्बन के लौड़े पर किसी तरह के स्प्रिंग की तरह नाचने लगे मुझे और बब्बन दोनों बहुत खुश हैं ये देख कर बेटे बब्बन ने मेरे दोनों गोरे गोर मस्त मस्त लपटपाते ब्यूट्स को अपने दोनों हाथों के हथेलियों में भर गए और मुझे स्प्रिंग की तरह अपने लौड़े पर रन लगा कसम से दोस्तों, ये दृश्य बहुत ही सुंदर था मैं किसी तरह घोड़ी की तरह बब्बन के लौड़े की सवारी कर रहा था फिर बबबन इतना जोर जोर से फटके मारने लगा कि मेरे मस्त मस्त बड़े बड़े मम हवा में उछलने लगे। 'आह आह चुद बेटा चोड !! आज मुझे चोड चोड की अपनी दूध का ऋण तू उतार दे !! इस पर बबब्न बहुत जादा चुदासा और उत्तेजित हो गया 'आह आह मैं हूँ हा हा !!' से बबबन नीचे से बहुत जोर जोर से धक्का मारने लगा लगा।
बहुत मजा आ रहा है दोस्तों बेटा बड़ा गहराई से अपनी माँ को चुदाई हो रही है ऐसा लगा कि संसार का सारा सुख आज मुझे मिल गया। बबब्न ले लौड़े पर बैठे बैठते हुए मैं थक गया तो उसकी सीने पर नीडल होकर गिर गयी। मेरा सगा बेटा बब्बन मेरे होठ पीने लगा मेरी एक एक साँस, एक एक धड़कन को वो पीने लगा एक सच्ची आशिक की तरह वह पेश आ रहा था। आज तक लोग कहते हैं कि दुल्हन वही जो पिया मन भाये आज से लोग बोलगे बेटा वही जो माँ के चूत के मन को भाये। मेरी चूत को तो बेटा बब्बन का लौड़ा पूरी तरह से भा रहा था। अब मैं थक गया था, बेटे की पीठ पर लेट गयी है पर बबब्न के मेरे होठों को पीटा रहा है मेरी सांसों को वो सूंघता रहा था। मेरे काले काले बाल उसके ऊपर बिखर गए थे बबबन ने मेरे कन्धों पर काट लिया। मैं पूरी तरह से उसके सीने पर लेट गयी बब्बन बड़ी जोश में आ गया। मेरे गोल मटोल पुट्ठों को सहला सहलाकर वो जोर जोर से तात्तोट्ट धक्का के लिए लगा फट फट के आवाज में सब कमरे में गूँजने लगे कुछ देर बाद उसने अपना गरम गरम मलाई की फुहारे मेरी भोसड़े में चॉड दिया।
हम माँ बेटे रोज़ अलग अलग कमरे में सोते थे, लेकिन आज मैं अपने बेटे की माल बन गया मैं बबब्न के साथ ही सो गयी। रात में मुझे बहुत सुंदर सुंदर स्वप्न आ रहा था सुबह जब हुआ तो खिड़की से रोशनी मेरे और बब्बन के ऊपर गिर रहा था। मैं आँख बोली तो खुद को अपने बेटे बब्बन की बाहों में मैंने पाया हम दोनों माँ बेटा नंगे थे रात के जबरदस्त चुदाई की यादें दिल में बसी हुई थी तब तक बब्बन भी जाग गया और उसने मेरे होंठों पर चुम लिया 'माँ !! आज से हर रात मैं तुमको ठोकुंगा 'वह बोला
मैं गाव का रहने वाला हूं मेरे पति गुज़र चुके हैं मैं जनरल मर्चेंट की दुकान कर रहा हूँ। मेरा बेटा बब्बन अब बी कॉम की पढ़ाई कर रही है वह अभी सेकेंड ईयर में है मुझे उसको एक बड़ा अधिकारी बनाना चाहता हूं तो आज मैं आपको अपनी कहानी सुना रहा हूं 1 महीने पहले की बात है सुबह 7 बजे मैं अपने बेटे बब्बन के लिए सुबह सुबह चले गए। मैं रसोई में गयी बड़े मन से अपनी बेटे के लिए मैं चाय बनाया मैं शुद्ध दूध की चाय बनाया अदरक भी डाली और चाय को प्लेट में लगाकर मैं अपने बेटे बब्बन को दे दिया गया। जैसे ही मैं उसके कमरे में गयी मैं ह्रान रह गया था। बब्बन अपनी बिस्तर पर पड़ा था वो अभी भी पूरी तरह से नहीं स्थान था। वो वो अपनी जवानी की खुमारी में था उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था वो नगा था अपने बड़े से लौड़े को वह हाथे में पड़ा था और लौड़े को फेट हो रहा था जैसे ही मेरी नजर बब्बन पर पड़ी, मैं जरा ज़ेड गयी। तत्काल चाय की प्लेट लेकर मैं बाहर निकली आई मैं बाहर खड़ी हो गई और खिड़की से छिप कर अपने बेटे बब्बन को पड़ने गए थे।
उफ्फ्फ्फ़ !! बब्बन अब छोटी बच्चा ना हो रहा था वह 17 साल का हो चूका था। मैं अख़बार में पढ़ा था कि 17 साल में लड़कों का लाड़ा खड़ा हो रहा है। उन लड़कियों को 16 साल में चोडना पेलाना शुरू करना है। मैं पिछले 6 7 सालों से नहीं चुडी था। पर अब अपने बेटे बब्बन को देखकर मेरी पुरानी ख्वाहिश जाग गयी है। बब्बन की आँखे बंद था वो नींद में था परन्तु वह लगातार अपने बड़े से लौड़े को हाथ में मुठ दे रहा था।
मैं लालच से अपने बेटे को देख रहा हूं अभी मैं सिर्फ 33 साल का था मै भी कुछ सपने थे मुझे भी कुछ अरमान थे की मैं किसी से चुद्वाऊ, किसी का लाड़ा खाओं। किसी से अपना बुरे में लाड़ा लेकर अन्दर बाहर करवाऊं मैं बब्बन के कमरे के बाहर ही खड़ी हो गया और अपने बेटे को मुठ मारते देख लिया। मैं जान ही नहीं सिकि मेरे बेटा बब्बन कब जवान हो गया वो नींद में था बड़ी देर तक वह मुठ मारता रहा था। फिर वो झड़ गया। जब वह नहाकर आया तो मुझे उसको चाय दी गई
अब हर दिन ये होने लगा मैं सुबह अपने लिए चाय ले जाती हूं और उसकी मस्त मस्त गड़रेए बदन को देखती है। एक दिन जब वह सुबह 7 बजे मुठ मार रहा था मैं चाय लेकर अंदर चला गया। आज भी बब्बन नींद में है मगर उसका हाथ उसके बड़े से लौड़े पर था मैं अपने सगे बेटे बब्बन का लौड़ा पीने लगा मुझे उसको हाथ में ऊपर से निकल पटक रहा था फिर मुंह में भरके चूसे लगे लगी कुछ देर बाद बब्बन के लौड़े ने अपना माल मेरे मुंह में छोड़ दिया
उसके बड़े से 10 इंच लम्बे लौड़े से ढेर सारे माल छोड़ दिया मैं जान गया कि अब मेरे बेटे की उम्र मुठ मारने की नहीं लड़कियां चोडने की हो गयी है। मैं बबब्न के लौड़े को चूस ही रहा था कि इतने में वो जाग गए
माँ !! माँ तुम ?? 'वो बोला
कोई बात नहीं बेटा, यह सब होता है। लड़के जब जवान हो जाते हैं तो उसके पोते में बहुत सारे माल बनते हैं, जो मुठ मारक निकालना देना चाहिए। इसमें कोई शर्म नहीं है बब्बन! तुम्हारी चाय रखी है बेटा! याद से पी लेना 'मैंने कहा और उसके कमरे से निकल आया मेरी बातों का बब्बन पर विशेष असर पड़ा रात 12 बजे मैं सो रहा था कि इतने में मेरी जान से प्यारे बेटा बब्बन आ गया और मुझे जागना लगा
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माँ! मुझे बड़ा जोर की चुदास लगी है, प्लस चूत दे दो! जब तुम मेरे लाड़ पकड़ के मुठ मारो हो तो फिर चूत भी दे दो !! बब्बन बोला
मैं तो पहले ही चुदवाने के मड में था 'कोई बात नहीं बेटा, आइ मुझे चुद ले! जितना मन करो जत्ना दिल चाहे चुद ले 'I बब्बन से कहा और अपनी साड़ी का पल्लू हटाया मैं अपने बल्लास बटन खोलने लगे। उधर बबबन ने भी कपड़े निकाल दिए। जैसे ही मैंने अपना ब्लड उड़ा मेरे 2 गोल गोल बेहद आकर्षक मम बबबन्न के सामने आये। बेटा बब्बन तो मुझ पर कूद पड़ा मैं बिस्तर पर लेट गयी। बब्बन मेरी मस्त मस्त दूधभारी की छाती को हाथ में छूने लगा दबाने लगा आह !! मुझे बहुत अच्छा लगा दोस्तों 'आह और अओहो !! और जोर से दबाओ बेटे |
मैने कहा। मेरी प्रोत्साहन प बब्बन और जोर से मेरे दूध दबाने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा था कितने दिनों बाद आज मेरी कोई छाती दबा रही है आह कितने इंतजार किया था कि मैं किसी को मेरी छातियां दबाएं बब्बन जोर जोर से मेरी छाती हाथ से दाब रहा था। मुझे बहुत अच्छे लग रहा था मेरी सांसें धीक हो रही थी मेरी चूत गीली हो रही है मेरे बेटे बब्बन ने मुझे अपना गोद में बैठा लिया वो भी चुदासा हो गया था।
उसने मेरे बालों में बादा जुडा खोल दिया मेरे सारे बाल विचर गए बब्बन ने मेरी पेटीकोट भी निकला मैं पैंटी नहीं पहनी थी अब मुझे पूरी तरह से नंगी हो गयी है। बब्बन जोर जोर से मेरे पके पके आम दबा रहे थे मुझे दर्द हो रहा था मैं आ आह आहा कर रहा था मेरे चोकलेट जैसे भूरे रंग के गोलों वाले मेरी छात्राओं को बबब्न ने एक बार और बड़ा जोर से दबा दिया मैं उसके गोद में उछल पड़ा। मैं नंगी था,
मैं बहुत गोरी थी, मेरी जिस्म पर सिर्फ हाथों में चूंग्स था मेरे पति मरे हुए थे, लेकिन आज भी मुझे ये सोने का तिकोना डीजइन था मंगल सूत्र पहनते हैं। मैं बेवा था, लेकिन आज भी मुझे माथे पर बिंदी लगाती है मेरी चुदास की अरदास देखकर बबबन ने मेरे लटकती बड़ी बड़ी छालों के मुंह में भर लिया और पीने लगा आज चाय या काफी उसकी मुंह में नहीं है पर सीधा दूध का प्याले ही बेटों में मुंह में थे बबब्न मुंह चला गया, अपना सजी माँ की छाती पी रही है मैं जैसे बचपन में उसके सिर पर हाथ रखे प्रहार किया था। आज फिर से मैं उसके सिर पर हाथ रख के फिर से मिल रहा है बबबन ने मेरी बायी लटकती छाती को अच्छे से पी लिया।
फिर दाई बड़े से लटकती छाती को वो पीने लगा फिर वह मुझे लिटा दिया मेरी दोनों टांगें वह खोल दी कुछ देर तक बब्बन मेरी चूत ध्यान से देख रहा था मेरी चूत का बनावट बुरे का होठ, उसके कलियों, फिर निचे के ओर उसका छेद 'माँ! तुम्हारा भोसडा तो बहुत खुबसूरत है 'बबबन बोला 'हाँ बेटा! जो भी है, जैसा रूखा सुखा है! तेरे सामने है 'मै कहा। नहीं माँ! सचमुच तुम्हारा भोसड़ा सच में बहुत ही सुंदर है 'बब्बन बोला और मेरी बुर पीने लगा मैं भी अपना टाँगा फैला दिया जिस से मेरे भोसडा और उपर जा जा। बब्बन अपनी जीभ से मेरी बुर पीने लगा मेरी मीठी नमकीन बुर मुझे जरा मस्ती सूझी मैं 2 4 बूंद मूत दिया। बबबन ने वो भी पी लिया कुछ देर बाद उसने अपना बड़ा सा लाड़ा मेरे भोसड़े में डाल दिया और मुझे चूड़ने लगा। मै भी मस्ती से चुदवाने लगी। बब्बन के चोदन से मेरी बुर के दोनों होठ बार बार खुलते थे बार बार बंद हो जाते थे।
बब्बन मुझे जोर जोर से पेल रहा था सच में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था बहुत मजा मिल रहा था बड़ी नशीली रगड़ थी बेटे के लौरे की बहुत खुशी मुझे मिल रही है दोस्तों बब्बन हचर हचर से अपनी माँ को चूड हो रहा था। उसके मोटे से लम्बे लौरे पर मेरा पूरा शरीर थरक रहा था जैसे लग रहा है कि वह कोई इंजिन मेरी चूत में डाल करने के लिए चल रहा है। मेरे बेटा बबबन मेरी बुर पर बड़ी मेहनत कर रही थी वो हच हच करके मुझे चुदाई कर रही थी जैसे कि वह अपना लाड़ा मेरी बुर में जैसे ही लौड़ा से हच से मुझे लगता था कि मैं 2 4 इंच आगे बढ़ता जाता है।
फिर जैसे वह लौड़ा निकलता था मैं 2 4 इंच वापस पीछे आ गया था। वह जोर जोर से हच हच करके मेरी बुर में लाड़ा अंदर बाहर कर रहा था वहाँ। वह इतनी तेजी से लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था बार बार मैं 2 4 इंच आगे और 2 4 इंच पीछे की ओर जायें घंटों ये सिलसिला चला बबबन ने मेरे भोसड़े पर बहुत मेहनत की जब वह झड़ने के लिए आया तो उसने अपना लाड़ा निकाला और मेरी नंगे पेट पर अपनी माल गिरा दिया। अपने बेटे की कीमती वस्तुओं को मैं बेकार नहीं जाने दिया मैं उँगली से सारा माल उठा की चाट लिया कुछ देर बाद बब्बन का लौड़ा फिर खड़ा हो गया था मैं बाहर बाथरूम मूत गयी और मूत कर फिर आ गयी। 'माँ! तुम्हारी चूत बहुत मस्त है !! 'बबबन बोला आज के बाद में किसी आदमी ने मेरी बुर की प्रशंसा की थी
'किसी न बेटा, आप जितना चाहें मेरा बुरे मार लो!' मैंने कहा
बब्बन बिस्तर पर लेट गया मुझे उसने अपनी पेट पर बैठा लिया मेरे गहरे से भोसड़े में बब्बन ने अपना लड़ा घुसा रखा था वास्तविकता में मैं अपने लौड़े को अपने भोसड़े में बैठी था 'माँ !! अब तुम उछल उछल के मेरे लौड़े को चोडो 'बबबन बोला पल भर के लिए मैं इमोशनल हो गयी। क्यूंकि मेरे पति और बब्बन के पिता मुझे बिल्कुल इसी इस्तमाल में पेला खाया करते थे। दोस्तों, पल भर के मेरी आँखें भीग गयी। मैं रोने लगी।
मैं रूआसी हो गयी पर मैं यह वक़्त चुदेसी भी था मैं खुद को सम्हाला कुछ देर बाद मैं बेटे के लौड़े पर उछल उछल के चुदवाने लगे। कुछ देर बाद मेरी कौर बब्बन के लौड़े पर किसी तरह के स्प्रिंग की तरह नाचने लगे मुझे और बब्बन दोनों बहुत खुश हैं ये देख कर बेटे बब्बन ने मेरे दोनों गोरे गोर मस्त मस्त लपटपाते ब्यूट्स को अपने दोनों हाथों के हथेलियों में भर गए और मुझे स्प्रिंग की तरह अपने लौड़े पर रन लगा कसम से दोस्तों, ये दृश्य बहुत ही सुंदर था मैं किसी तरह घोड़ी की तरह बब्बन के लौड़े की सवारी कर रहा था फिर बबबन इतना जोर जोर से फटके मारने लगा कि मेरे मस्त मस्त बड़े बड़े मम हवा में उछलने लगे। 'आह आह चुद बेटा चोड !! आज मुझे चोड चोड की अपनी दूध का ऋण तू उतार दे !! इस पर बबब्न बहुत जादा चुदासा और उत्तेजित हो गया 'आह आह मैं हूँ हा हा !!' से बबबन नीचे से बहुत जोर जोर से धक्का मारने लगा लगा।
बहुत मजा आ रहा है दोस्तों बेटा बड़ा गहराई से अपनी माँ को चुदाई हो रही है ऐसा लगा कि संसार का सारा सुख आज मुझे मिल गया। बबब्न ले लौड़े पर बैठे बैठते हुए मैं थक गया तो उसकी सीने पर नीडल होकर गिर गयी। मेरा सगा बेटा बब्बन मेरे होठ पीने लगा मेरी एक एक साँस, एक एक धड़कन को वो पीने लगा एक सच्ची आशिक की तरह वह पेश आ रहा था। आज तक लोग कहते हैं कि दुल्हन वही जो पिया मन भाये आज से लोग बोलगे बेटा वही जो माँ के चूत के मन को भाये। मेरी चूत को तो बेटा बब्बन का लौड़ा पूरी तरह से भा रहा था। अब मैं थक गया था, बेटे की पीठ पर लेट गयी है पर बबब्न के मेरे होठों को पीटा रहा है मेरी सांसों को वो सूंघता रहा था। मेरे काले काले बाल उसके ऊपर बिखर गए थे बबबन ने मेरे कन्धों पर काट लिया। मैं पूरी तरह से उसके सीने पर लेट गयी बब्बन बड़ी जोश में आ गया। मेरे गोल मटोल पुट्ठों को सहला सहलाकर वो जोर जोर से तात्तोट्ट धक्का के लिए लगा फट फट के आवाज में सब कमरे में गूँजने लगे कुछ देर बाद उसने अपना गरम गरम मलाई की फुहारे मेरी भोसड़े में चॉड दिया।
हम माँ बेटे रोज़ अलग अलग कमरे में सोते थे, लेकिन आज मैं अपने बेटे की माल बन गया मैं बबब्न के साथ ही सो गयी। रात में मुझे बहुत सुंदर सुंदर स्वप्न आ रहा था सुबह जब हुआ तो खिड़की से रोशनी मेरे और बब्बन के ऊपर गिर रहा था। मैं आँख बोली तो खुद को अपने बेटे बब्बन की बाहों में मैंने पाया हम दोनों माँ बेटा नंगे थे रात के जबरदस्त चुदाई की यादें दिल में बसी हुई थी तब तक बब्बन भी जाग गया और उसने मेरे होंठों पर चुम लिया 'माँ !! आज से हर रात मैं तुमको ठोकुंगा 'वह बोला
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