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मसाज पार्लर में मस्त चुदाई - Masaaj parlar mein mast chudai
मसाज पार्लर में मस्त चुदाई , मस्ती में चोदा - Masaaj parlar mein mast chudai , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मेरी शादी हुये लगभग तीन साल गुजर चुके हैं। मेरे पति सुशील मुझसे बहुत प्यार करते हैं, एक प्राईवेट फ़र्म में काम करते हैं और उनका वेतन भी बहुत अच्छा है। हमने एक क्लब भी जोईन कर रखा है।। मेरे साथ की महिलाएं जो 20 से 50 वर्ष तक की थी, अपने आप को बहुत मेन्टेन रखती थी। यूं तो मैं एक मॉडल भी हूँ और अपने शरीर को सुडौल रखने के लिये मैं जिम और ब्यूटी पार्लर जाती हूँ।
पर आज मैंने शहर में एक नए पार्लर का नाम सुना। साथ की महिलायें उसकी पार्लर की बहुत तारीफ़ कर रही थी। अन्य महिलाओं की तरह मैं भी सबसे आगे रहना चाहती हूँ। आज सुशील के जाते ही मैं सबसे पहले उस नये पार्लर में गई। हालांकि वह मेरे घर से काफ़ी दूर था। वहां काम करने वाली कुछ लड़कियों ने तो मुझे पहचान भी लिया कि मैं मॉडल गर्ल सीमा हूँ।पार्लर के मालिक ने मेरा स्वागत किया और सभी डिपार्टमेन्ट से मेरा परिचय कराया। जो लड़कियां मुझे जानती थी उन्होने सभी को बता दिया मॉडल गर्ल सीमा पार्लर में आई हुई है।
मालिक को पता चलते ही मुझे ब्यूटी पार्लर जोईन करने पर काफ़ी छूट भी दी गई। मैंने वो पार्लर जोईन कर लिया। मैं लगभग हर दो तीन दिन में एक बार वहाँ जाने लगी। वहां मुझे हर तरह के बाथ एन्जोय करने को मिल जाता था। जैसे गुलाब जल का स्नान, सोना बाथ, स्टीम बाथ, फिर स्विमिन्ग पूल का लुफ़्त, बॉडी मसाज का लुफ़्त, हरेक प्रकार का फ़ेस पैक, और भी बहुत सी चीज़ें…। ये सब बातें मैंने सुशील को भी बताई। सुशील यह सुन कर बहुत प्रसन्न हुआ कि मेरे पास समय का सदुपयोग करने का साधन आ गया था।
आज मुझे शरीर का मसाज करवाना था, सो मैंने आते ही ड्रेस बदल ली। मेरे इस रूप को वहां की वर्कर और अन्य युवतियां बड़े चाव से निहारती थी। उनकी नजरे मुझ पर जैसे चिपक जाती थी। मैं हमेशा की तरह अपनी जगह पर जा कर लेट गई और मसाज करने वाली का इन्तज़ार करने लगी।
"गुड मॉर्निन्ग मैडम… आज रीटा छुट्टी पर है… क्या मुझसे मसाज करवायेंगी आप?" किसी लड़के की आवाज सुनाई दी। मैंने नजरें घुमा कर देखा तो एक सुन्दर सा युवक सर झुकाये खड़ा था। मुझे उसके स्टाईल पर हंसी आ गई। मासूम सा नजर आने वाला लड़का मुझे एक नजर में ही भा गया। उसका सभ्य व्यवहार मुझे पसन्द आया,"हां हां… क्यूँ नहीं…आज आप ही मसाज कर दो…"
मैंने उसे मुस्करा कर देखा और उसे प्यार से सहमति दे दी। वो तुरन्त
अपना एप्रिन पहन कर आ गया और मुझे उल्टा लेटा दिया। मैं यह भूल गई थी कि यह एक जवान लड़का है। मेरे गोल गोल चूतड़ों के उभार उसे लुभा रहे थे। मात्र एक छोटी सी पेन्टी और ब्रा में मेरा सभी कुछ दिख रहा था। उसके हाथों में वैसे तो लड़कों वाली गर्मी नहीं थी पर हां उसका मसाज मुझे उत्तेजित कर रहा था। शायद मेरा मन उस पर आ गया था।
उसके हाथ मेरे शरीर पर मालिश कर रहे थे और मैं लेटी हुई उत्तेजित हो रही थी, आखिर हाथ तो किसी मर्द का ही था ना। उसके हाथों में शायद जादू था। जैसे ही वो मेरी जांघों पर मालिश करता मुझे सिरहन सी उठ जाती थी। मेरे स्तनों के पास उसके हाथ आते तो लगने लगता था कि बस अब मेरी चूंचियां ही दबा दे। मेरे तन में एक मीठी सी वासना घर कर कर रही थी। तब उसने मुझे सीधे होने को कहा। उसके हाथ फिर से चलने लगे। मेरे पेट पर, कमर पर, पांव पर… मेरा दिल डोल उठा था। मेरे शरीर में उत्तेजना घर करने लगी थी
वासना का ज्वर चढ़ने लगा था। मेरी चूंचिया कड़ी होने लग गई थी। यह पहला मौका था जब कि कोई मर्द मेरा मसाज कर रहा था। मुझे उसके हाथों में जैसे सेक्स भरा हुआ सा लग रहा था। उसने भी एक बार तो अपने उभरे हुये लण्ड को मेरे कूल्हों के पास रगड़ दिया था।
मैं समझ गई थी कि उसके हाल भी बुरे हैं। अचानक उसने मेरे बड़े बड़े उरोज पर अपने हाथ जमा दिये और उन्हें दबा डाला। मैं इस हमले से हड़बड़ा गई और अनजाने में उसका हाथ पकड़ लिया और बैठ गई। मुझे ये अपना अपमान सा लगा। मैंने गुस्से से उसे देखा और अचानक ही मेरा हाथ उठ गया। मैंने उसके चेहरे पर एक तमाचा मार दिया। और उठ कर गुस्से में केबिन में चली आई। उसका सारा नशा जैसे काफ़ूर हो गया। वो घबरा गया।
मैंने अपने कपड़े पहने और और मंजू रानी जो उसकी मालकिन थी उसे डाण्ट कर चली आई। पार्लर में उस युवक को बुला कर मंजू रानी ने बहुत फ़टकारा। दूसरे दिन मैंने सवेरे ही घर के बाहर उसी युवक को देखा। वो बहुत ही असमन्जस की स्थिति में यहाँ-वहाँ देख रहा था।
तभी चौकीदार का फोन आया कि ब्यूटी पार्लर से कोई राजीव नाम का लड़का मुझसे मिलने चाह रहा है। सुशील काम पर जा चुका था। उसे मैंने ऊपर बुला लिया। राजीव ने आते ही मेरा पांव पकड़ लिया और माफ़ी मांगने लगा और उसने मुझे पार्लर में मंजू रानी को फोन करने कहा। स्त्री स्वभाव होने से मेरा दिल पसीज गया और उसे मैंने माफ़ कर दिया। माफ़ तो करना ही था क्यूंकि वो मेरे मन को भा चुका था। उस पर मेरा दिल आ गया था। मुझे उससे चुदवाने की इच्छा होने लगी थी। उसे छेड़ने में मुझे अब मजा आने लगा था।
उसके भोलेपन पर मुझे प्यार भी आ रहा था। मुझे शरारत सूझी,"राजीव, मेरा मसाज वैसे ही करो जैसे पार्लर में किया था। अब चालू हो जाओ। चलो…" वो घबरा गया और झट से अपनी कमीज और बनियान उतार दिया। मैंने भी ब्रा और पेण्टी को छोड़ कर कपड़े उतार दिये।
"अब पेण्ट भी उतारो… चलो… मैं भी तो वहाँ ऐसी ही थी ना…" मैंने अपनी धमकी का
असर देख लिया था। वो सचमुच में डर गया था।
"जी… जी… मैडम मैंने माफ़ी मांग ली है ना… प्लीज…"
"अरे चल उतार ना बस इसके बाद कहानी को आप इमेजिन कर ही सकते है...
मेरी शादी हुये लगभग तीन साल गुजर चुके हैं। मेरे पति सुशील मुझसे बहुत प्यार करते हैं, एक प्राईवेट फ़र्म में काम करते हैं और उनका वेतन भी बहुत अच्छा है। हमने एक क्लब भी जोईन कर रखा है।। मेरे साथ की महिलाएं जो 20 से 50 वर्ष तक की थी, अपने आप को बहुत मेन्टेन रखती थी। यूं तो मैं एक मॉडल भी हूँ और अपने शरीर को सुडौल रखने के लिये मैं जिम और ब्यूटी पार्लर जाती हूँ।
पर आज मैंने शहर में एक नए पार्लर का नाम सुना। साथ की महिलायें उसकी पार्लर की बहुत तारीफ़ कर रही थी। अन्य महिलाओं की तरह मैं भी सबसे आगे रहना चाहती हूँ। आज सुशील के जाते ही मैं सबसे पहले उस नये पार्लर में गई। हालांकि वह मेरे घर से काफ़ी दूर था। वहां काम करने वाली कुछ लड़कियों ने तो मुझे पहचान भी लिया कि मैं मॉडल गर्ल सीमा हूँ।पार्लर के मालिक ने मेरा स्वागत किया और सभी डिपार्टमेन्ट से मेरा परिचय कराया। जो लड़कियां मुझे जानती थी उन्होने सभी को बता दिया मॉडल गर्ल सीमा पार्लर में आई हुई है।
मालिक को पता चलते ही मुझे ब्यूटी पार्लर जोईन करने पर काफ़ी छूट भी दी गई। मैंने वो पार्लर जोईन कर लिया। मैं लगभग हर दो तीन दिन में एक बार वहाँ जाने लगी। वहां मुझे हर तरह के बाथ एन्जोय करने को मिल जाता था। जैसे गुलाब जल का स्नान, सोना बाथ, स्टीम बाथ, फिर स्विमिन्ग पूल का लुफ़्त, बॉडी मसाज का लुफ़्त, हरेक प्रकार का फ़ेस पैक, और भी बहुत सी चीज़ें…। ये सब बातें मैंने सुशील को भी बताई। सुशील यह सुन कर बहुत प्रसन्न हुआ कि मेरे पास समय का सदुपयोग करने का साधन आ गया था।
आज मुझे शरीर का मसाज करवाना था, सो मैंने आते ही ड्रेस बदल ली। मेरे इस रूप को वहां की वर्कर और अन्य युवतियां बड़े चाव से निहारती थी। उनकी नजरे मुझ पर जैसे चिपक जाती थी। मैं हमेशा की तरह अपनी जगह पर जा कर लेट गई और मसाज करने वाली का इन्तज़ार करने लगी।
"गुड मॉर्निन्ग मैडम… आज रीटा छुट्टी पर है… क्या मुझसे मसाज करवायेंगी आप?" किसी लड़के की आवाज सुनाई दी। मैंने नजरें घुमा कर देखा तो एक सुन्दर सा युवक सर झुकाये खड़ा था। मुझे उसके स्टाईल पर हंसी आ गई। मासूम सा नजर आने वाला लड़का मुझे एक नजर में ही भा गया। उसका सभ्य व्यवहार मुझे पसन्द आया,"हां हां… क्यूँ नहीं…आज आप ही मसाज कर दो…"
मैंने उसे मुस्करा कर देखा और उसे प्यार से सहमति दे दी। वो तुरन्त
अपना एप्रिन पहन कर आ गया और मुझे उल्टा लेटा दिया। मैं यह भूल गई थी कि यह एक जवान लड़का है। मेरे गोल गोल चूतड़ों के उभार उसे लुभा रहे थे। मात्र एक छोटी सी पेन्टी और ब्रा में मेरा सभी कुछ दिख रहा था। उसके हाथों में वैसे तो लड़कों वाली गर्मी नहीं थी पर हां उसका मसाज मुझे उत्तेजित कर रहा था। शायद मेरा मन उस पर आ गया था।
उसके हाथ मेरे शरीर पर मालिश कर रहे थे और मैं लेटी हुई उत्तेजित हो रही थी, आखिर हाथ तो किसी मर्द का ही था ना। उसके हाथों में शायद जादू था। जैसे ही वो मेरी जांघों पर मालिश करता मुझे सिरहन सी उठ जाती थी। मेरे स्तनों के पास उसके हाथ आते तो लगने लगता था कि बस अब मेरी चूंचियां ही दबा दे। मेरे तन में एक मीठी सी वासना घर कर कर रही थी। तब उसने मुझे सीधे होने को कहा। उसके हाथ फिर से चलने लगे। मेरे पेट पर, कमर पर, पांव पर… मेरा दिल डोल उठा था। मेरे शरीर में उत्तेजना घर करने लगी थी
वासना का ज्वर चढ़ने लगा था। मेरी चूंचिया कड़ी होने लग गई थी। यह पहला मौका था जब कि कोई मर्द मेरा मसाज कर रहा था। मुझे उसके हाथों में जैसे सेक्स भरा हुआ सा लग रहा था। उसने भी एक बार तो अपने उभरे हुये लण्ड को मेरे कूल्हों के पास रगड़ दिया था।
मैं समझ गई थी कि उसके हाल भी बुरे हैं। अचानक उसने मेरे बड़े बड़े उरोज पर अपने हाथ जमा दिये और उन्हें दबा डाला। मैं इस हमले से हड़बड़ा गई और अनजाने में उसका हाथ पकड़ लिया और बैठ गई। मुझे ये अपना अपमान सा लगा। मैंने गुस्से से उसे देखा और अचानक ही मेरा हाथ उठ गया। मैंने उसके चेहरे पर एक तमाचा मार दिया। और उठ कर गुस्से में केबिन में चली आई। उसका सारा नशा जैसे काफ़ूर हो गया। वो घबरा गया।
मैंने अपने कपड़े पहने और और मंजू रानी जो उसकी मालकिन थी उसे डाण्ट कर चली आई। पार्लर में उस युवक को बुला कर मंजू रानी ने बहुत फ़टकारा। दूसरे दिन मैंने सवेरे ही घर के बाहर उसी युवक को देखा। वो बहुत ही असमन्जस की स्थिति में यहाँ-वहाँ देख रहा था।
तभी चौकीदार का फोन आया कि ब्यूटी पार्लर से कोई राजीव नाम का लड़का मुझसे मिलने चाह रहा है। सुशील काम पर जा चुका था। उसे मैंने ऊपर बुला लिया। राजीव ने आते ही मेरा पांव पकड़ लिया और माफ़ी मांगने लगा और उसने मुझे पार्लर में मंजू रानी को फोन करने कहा। स्त्री स्वभाव होने से मेरा दिल पसीज गया और उसे मैंने माफ़ कर दिया। माफ़ तो करना ही था क्यूंकि वो मेरे मन को भा चुका था। उस पर मेरा दिल आ गया था। मुझे उससे चुदवाने की इच्छा होने लगी थी। उसे छेड़ने में मुझे अब मजा आने लगा था।
उसके भोलेपन पर मुझे प्यार भी आ रहा था। मुझे शरारत सूझी,"राजीव, मेरा मसाज वैसे ही करो जैसे पार्लर में किया था। अब चालू हो जाओ। चलो…" वो घबरा गया और झट से अपनी कमीज और बनियान उतार दिया। मैंने भी ब्रा और पेण्टी को छोड़ कर कपड़े उतार दिये।
"अब पेण्ट भी उतारो… चलो… मैं भी तो वहाँ ऐसी ही थी ना…" मैंने अपनी धमकी का
असर देख लिया था। वो सचमुच में डर गया था।
"जी… जी… मैडम मैंने माफ़ी मांग ली है ना… प्लीज…"
"अरे चल उतार ना बस इसके बाद कहानी को आप इमेजिन कर ही सकते है...
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