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तेल लगाकर चूत फाड़ी - Tel lagakar chut fad chudai
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मेरा नाम अभिनव है.. मैं अपनी पहली 2 कहानियों में अपनी पत्नी के साथ सेक्स के एक के बाद एक हुए दो अनुभव आपसे बाँट चूका हूँ, इस कहानी में आप सभी से तीसरे अनुभव को बाँटने जा रहा हूँ, बाथरूम सेक्स का मजा और डाइनिंग टेबल का मजा तो मैं ले ही चूका था. पर टेबल पर ही एक दूसरे को बाँहों में लिए-लिए जब मेरा लंड थोड़ा छोटा हो गया, तब वह हट गई. कुछ देर हमें भूख भी लग गई.
खाना बनाने में हम ज्यादा समय नहीं गवाना चाहते थे. मैंने उसे एक रात में ज्यादा से ज्यादा 3 बार ही चोदा था. मैं आज वह रिकार्ड तोड़ना चाहता था. तो मैं थोड़ी देर बाद ही अपने लंड को फिर से धीरे- धीरे हिलाकर खड़ा करने लगा. उसने मैगी के लिए गैस पर पानी चढ़ा दिया.
लौड़े में दर्द होने लगा था
मेरा लंड अब थोड़ा-थोड़ा दर्द करने लगा था. पर वह अब चूदने के मूड में बिलकुल नहीं दिख रही थी, दो बार चूदने के बाद अब उसकी भी हालत खस्ता ही हो गई थी. पर इतने पैसे खर्च कर मैने सबको शोले 3D के बहाने बाहर भेजा था: ये मौका कैसे जाने देता.
रसोई में मैं पीछे से धिरे से उस तक गया और लंड धीरे से उसकी गांड में सटा कर हल्के से आगे पीछे करने लगा. हम दोनों पिछले दो घंटे से नंगे ही थे. और सबके वापस आने तक कपड़े पहनने का कोई इरादा भी नहीं था. गांड से सटते ही मेरा लंड बड़ी तेजी से बढ़ने लगा. मैंने अपना हाथ धीरे से उसकी कमर औ जाँघों पर फिराया.
मुस्कुराकर अपना एक हाँथ मेरे बालों में घुसाते हुए बोली. मैगी तो खाले फिर करते है.
मैं –मैगी बनने में तो 5 मिनट लगेंगे.
वो – (एक छोटी सी कीस मेरे होठों पर करते हुए) 2 मिनट लगते है. मेरे 7 इंच के लंड
मैं- कई नहीं लगते 2 मिनट. बस कहता भर ही है.
उसने अपनी एक टाँग स्लीप(जिस पर रसोई में गैस रखी जाती है.) पर रख दी. और बोली – गांड में डाल लो.
गांड मारने का मौका वह भी इससे अच्छा कभी नहीं मिलने वाला था.
मैंने कहा की चूत में ही डालता हूँ.
सोनम – वहा चोदो तो सही देखती हूँ कैसा लगता है.
मैं – मुझे तो मजा आएगा पर तुम्हें आएगा की नहीं पता नहीं.
उसने ऊपर वाली स्लीप से रिफांड तेल की बाटल उतारी और थोड़ा सा मेरे लंड पर लगाया. रिफांड का सरसो के तेल के हिसाब से एक फायदा है यह सरसों का तेल लगाकर कुछ देर सेक्स करने पर चप-चप करने लगता है. और थोड़ा चिपचिपा हो जाता है. रिफाइंड आयल में ये समस्या नहीं है. आप में से कोई भी चाहे तो इस्तेमाल करके देख सकता है. मैंने अपनी एक उँगली में भी थोड़ा सा तेल निकाल कर पहले धीरे से अपनी कानी उँगली गांड में उसने एक बार फिर मुझे गले से पकड़ा और अपने होंठ अपने दाँतो से दबा लिए. मैंने दुसरी उँगली में रिफाइंड आयल लगाया और उसके छेद में डालने लगा. क्योंकी गांड में चूत की तरह कोई अपना तेल या रस या कोई रिसाव नहीं होता तो पीछे चोदने के लिए अगल से किसी तेल की जरूरत जरूरी रूप से होती है.
थोड़ी ही देर में दो उंगलियों के आने जाने लायक जगह हो गई. उसने वो हल्के से दर्द में कुछ नहीं समझ पा रही थी.
मैं- पानी कब से खौल रहा है. मैंगी तो डाल उसमे.
उसने मैगी और मसाला दोनों का पैकेट पानी में डालते हुए कहा – मैंने तो मैगी डाल दी अब तू लंड डाल पिछवाड़े में मेरी.
उसने फिर से थोड़ा सा आयल लेकर मेरे लंड के आगे के गुलाबी हिस्से पर गिराया और मैंने लंड बहुत धीरे से उसके पिछवाड़े में घुसाने लगा. उसने बस एक बार हल्की चिख भरी … उई.. माँ… मैं उसका चेहरा देख रहा था. वो अपनी आँखे और होठ कसकर दबाएं हुए थी.
मैंने धीरे – धीरे अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उसकी गांड में अंदर – और अंदर घुसाता चला गया . मेरी नजर उसके चेहरे से हट ही नहीं रही थी. जब ठीक-ठाक अंदर बाहर जाने लायक जगह हो गई तो मैंने अपने चोदने की स्पीड भी थोड़ी बढ़ाई. गांड एकदम टाइट थी. पर उसके स्पोर्ट से चोदने का मजा ही बदल गया. मैगी पक्क के पक्ता होती गई पर हम दोनों तो चोदम-चोद के मजे लेने में लगे थे. मैंगी का ध्यान ही किसी को नहीं आया.
मेरा पूरा लंड उसके पिछवाड़े में नहीं घुस रहा था. अंदर कोई हल्डी जैसा हमसूस हो रहा था. जहाँ जिससे मेरा लंड टक्कर खा रहा था. वह कोई हड्डी नहीं होती वह सिर्फ माँसपेशियों का एक घुमाव दार रास्ता होता है. जो टट्टी को शरीर के अंदर ही रोकता है.
बीवी की गांड से मजे लिए
मैं उस पर धाक- धाक मारने लगा. तो सोनम के मुंह से आह- आह की आवाज निकलने लगी. पर इस वक्त तो मुझे उसका चिखना भी अच्छा लग रहा था क्योंकी इस वक्त तो उसे कोई सुनने वाला नहीं था. पूरा घर खाली था. और प्रयोग के लिए बिलकुल सही टाइम था. कुछ ही देर बात उसकी चिखना बढ़ गया.
पर शब्द बदल गए – थोड़ा जोर से, और जोर से, मैं जितना जोर से उसकी गांड को चोदता और अंदर डालता वो उतनी ही और ज्यादा तेज की और माँग करती. धीरे धीरे उसका अंदर की वह मांस पेशी भी खुलने लगी. और मेरा पूरा लंड उसकी गांड में अंदर बाहर करने लगा. अपने लंड का आगे वाला हिस्सा तो उससे नहीं टक्कर खा रहा था पर मेरी जांघों का कमर वाला हिससा उसके पिछवाड़े पर धाड़ – धाड़ बरस कर एक अलग ही म्यूजिक दे रहा था. अंदर का पुरा तेल लगभग खत्म होने को था मैने उसे स्लिप उतारा और जमीन पर सिर जमीन पर रखने को कहा.. और जल्दबाजी में ढेरसारा रिफाइंड तेल मेरे हाथ से उसकी गांड के ऊपर गिर गया. मैंने ढेंर सारा तेल उसकी गांड में डाला. अपने लंड पर लगाया और दूबारा गांड में चोदने लगा. अबकी बार मजा दुगना तीगना हो गया. गांड के अँदर एकदम चिकना महसूस हो रहा था. और सामान्य से थोड़ा ज्यादा गर्म उसकी गांड चोदने का मजा ही कुछ अलग आ रहा था. मैने उसे उसी हालत में काफी देर तक चोदा. लेकिन जब मैं थकने लगा. तो वह मेरे ऊपर बैठ गई. और गांड को आगे पीछे करने लगी. ऐसे ही हमने काफी देर तक एक दुसरे को चोदा. गांड में लड़कियों को ठीक से चोदा जाए तो मजा आता है और उनके लिए टाइम को कोई लिमिट नहीं होता. वह सब मेरे उपर था था कि मैं उसे कितनी देर तक चोद सकता हूँ, पर इतना मदमस्त कर देने वाला भी ज्यादा देर तक टिक न सका क्योंकी ज्यादा नमी होने से मस्ती तो बढती है पर साथ ही साथ झड़ने का समय भी कम होता है. लेकिन अब मैं काफी भूखा था. और थका भी तो मैं झड़ना ही चाहता था. मैंने उसे एकबार फिर कसकर पकड़ा और धकाधक उसके पिछवाड़े की धूर्री उड़ाने लगा. फूल स्पीड में चोदने के कारण उसके मुंह से आह.. उह.. के कुछ देर चिल्लाना जारी रहा. मैं कुछ ही देर बाद उसकी गांड के अँदर झड़ गया. और लंड कुछ सेकेण्ड तक उसके पिछवाड़े के अंदर ही रखा. जब मैने उसे छोड़ दिया तो वह खड़ी हुई और पाया की मैगी पूरी तरह जल चूकी थी.
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मेरा नाम अभिनव है.. मैं अपनी पहली 2 कहानियों में अपनी पत्नी के साथ सेक्स के एक के बाद एक हुए दो अनुभव आपसे बाँट चूका हूँ, इस कहानी में आप सभी से तीसरे अनुभव को बाँटने जा रहा हूँ, बाथरूम सेक्स का मजा और डाइनिंग टेबल का मजा तो मैं ले ही चूका था. पर टेबल पर ही एक दूसरे को बाँहों में लिए-लिए जब मेरा लंड थोड़ा छोटा हो गया, तब वह हट गई. कुछ देर हमें भूख भी लग गई.
खाना बनाने में हम ज्यादा समय नहीं गवाना चाहते थे. मैंने उसे एक रात में ज्यादा से ज्यादा 3 बार ही चोदा था. मैं आज वह रिकार्ड तोड़ना चाहता था. तो मैं थोड़ी देर बाद ही अपने लंड को फिर से धीरे- धीरे हिलाकर खड़ा करने लगा. उसने मैगी के लिए गैस पर पानी चढ़ा दिया.
लौड़े में दर्द होने लगा था
मेरा लंड अब थोड़ा-थोड़ा दर्द करने लगा था. पर वह अब चूदने के मूड में बिलकुल नहीं दिख रही थी, दो बार चूदने के बाद अब उसकी भी हालत खस्ता ही हो गई थी. पर इतने पैसे खर्च कर मैने सबको शोले 3D के बहाने बाहर भेजा था: ये मौका कैसे जाने देता.
रसोई में मैं पीछे से धिरे से उस तक गया और लंड धीरे से उसकी गांड में सटा कर हल्के से आगे पीछे करने लगा. हम दोनों पिछले दो घंटे से नंगे ही थे. और सबके वापस आने तक कपड़े पहनने का कोई इरादा भी नहीं था. गांड से सटते ही मेरा लंड बड़ी तेजी से बढ़ने लगा. मैंने अपना हाथ धीरे से उसकी कमर औ जाँघों पर फिराया.
मुस्कुराकर अपना एक हाँथ मेरे बालों में घुसाते हुए बोली. मैगी तो खाले फिर करते है.
मैं –मैगी बनने में तो 5 मिनट लगेंगे.
वो – (एक छोटी सी कीस मेरे होठों पर करते हुए) 2 मिनट लगते है. मेरे 7 इंच के लंड
मैं- कई नहीं लगते 2 मिनट. बस कहता भर ही है.
उसने अपनी एक टाँग स्लीप(जिस पर रसोई में गैस रखी जाती है.) पर रख दी. और बोली – गांड में डाल लो.
गांड मारने का मौका वह भी इससे अच्छा कभी नहीं मिलने वाला था.
मैंने कहा की चूत में ही डालता हूँ.
सोनम – वहा चोदो तो सही देखती हूँ कैसा लगता है.
मैं – मुझे तो मजा आएगा पर तुम्हें आएगा की नहीं पता नहीं.
उसने ऊपर वाली स्लीप से रिफांड तेल की बाटल उतारी और थोड़ा सा मेरे लंड पर लगाया. रिफांड का सरसो के तेल के हिसाब से एक फायदा है यह सरसों का तेल लगाकर कुछ देर सेक्स करने पर चप-चप करने लगता है. और थोड़ा चिपचिपा हो जाता है. रिफाइंड आयल में ये समस्या नहीं है. आप में से कोई भी चाहे तो इस्तेमाल करके देख सकता है. मैंने अपनी एक उँगली में भी थोड़ा सा तेल निकाल कर पहले धीरे से अपनी कानी उँगली गांड में उसने एक बार फिर मुझे गले से पकड़ा और अपने होंठ अपने दाँतो से दबा लिए. मैंने दुसरी उँगली में रिफाइंड आयल लगाया और उसके छेद में डालने लगा. क्योंकी गांड में चूत की तरह कोई अपना तेल या रस या कोई रिसाव नहीं होता तो पीछे चोदने के लिए अगल से किसी तेल की जरूरत जरूरी रूप से होती है.
थोड़ी ही देर में दो उंगलियों के आने जाने लायक जगह हो गई. उसने वो हल्के से दर्द में कुछ नहीं समझ पा रही थी.
मैं- पानी कब से खौल रहा है. मैंगी तो डाल उसमे.
उसने मैगी और मसाला दोनों का पैकेट पानी में डालते हुए कहा – मैंने तो मैगी डाल दी अब तू लंड डाल पिछवाड़े में मेरी.
उसने फिर से थोड़ा सा आयल लेकर मेरे लंड के आगे के गुलाबी हिस्से पर गिराया और मैंने लंड बहुत धीरे से उसके पिछवाड़े में घुसाने लगा. उसने बस एक बार हल्की चिख भरी … उई.. माँ… मैं उसका चेहरा देख रहा था. वो अपनी आँखे और होठ कसकर दबाएं हुए थी.
मैंने धीरे – धीरे अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उसकी गांड में अंदर – और अंदर घुसाता चला गया . मेरी नजर उसके चेहरे से हट ही नहीं रही थी. जब ठीक-ठाक अंदर बाहर जाने लायक जगह हो गई तो मैंने अपने चोदने की स्पीड भी थोड़ी बढ़ाई. गांड एकदम टाइट थी. पर उसके स्पोर्ट से चोदने का मजा ही बदल गया. मैगी पक्क के पक्ता होती गई पर हम दोनों तो चोदम-चोद के मजे लेने में लगे थे. मैंगी का ध्यान ही किसी को नहीं आया.
मेरा पूरा लंड उसके पिछवाड़े में नहीं घुस रहा था. अंदर कोई हल्डी जैसा हमसूस हो रहा था. जहाँ जिससे मेरा लंड टक्कर खा रहा था. वह कोई हड्डी नहीं होती वह सिर्फ माँसपेशियों का एक घुमाव दार रास्ता होता है. जो टट्टी को शरीर के अंदर ही रोकता है.
बीवी की गांड से मजे लिए
मैं उस पर धाक- धाक मारने लगा. तो सोनम के मुंह से आह- आह की आवाज निकलने लगी. पर इस वक्त तो मुझे उसका चिखना भी अच्छा लग रहा था क्योंकी इस वक्त तो उसे कोई सुनने वाला नहीं था. पूरा घर खाली था. और प्रयोग के लिए बिलकुल सही टाइम था. कुछ ही देर बात उसकी चिखना बढ़ गया.
पर शब्द बदल गए – थोड़ा जोर से, और जोर से, मैं जितना जोर से उसकी गांड को चोदता और अंदर डालता वो उतनी ही और ज्यादा तेज की और माँग करती. धीरे धीरे उसका अंदर की वह मांस पेशी भी खुलने लगी. और मेरा पूरा लंड उसकी गांड में अंदर बाहर करने लगा. अपने लंड का आगे वाला हिस्सा तो उससे नहीं टक्कर खा रहा था पर मेरी जांघों का कमर वाला हिससा उसके पिछवाड़े पर धाड़ – धाड़ बरस कर एक अलग ही म्यूजिक दे रहा था. अंदर का पुरा तेल लगभग खत्म होने को था मैने उसे स्लिप उतारा और जमीन पर सिर जमीन पर रखने को कहा.. और जल्दबाजी में ढेरसारा रिफाइंड तेल मेरे हाथ से उसकी गांड के ऊपर गिर गया. मैंने ढेंर सारा तेल उसकी गांड में डाला. अपने लंड पर लगाया और दूबारा गांड में चोदने लगा. अबकी बार मजा दुगना तीगना हो गया. गांड के अँदर एकदम चिकना महसूस हो रहा था. और सामान्य से थोड़ा ज्यादा गर्म उसकी गांड चोदने का मजा ही कुछ अलग आ रहा था. मैने उसे उसी हालत में काफी देर तक चोदा. लेकिन जब मैं थकने लगा. तो वह मेरे ऊपर बैठ गई. और गांड को आगे पीछे करने लगी. ऐसे ही हमने काफी देर तक एक दुसरे को चोदा. गांड में लड़कियों को ठीक से चोदा जाए तो मजा आता है और उनके लिए टाइम को कोई लिमिट नहीं होता. वह सब मेरे उपर था था कि मैं उसे कितनी देर तक चोद सकता हूँ, पर इतना मदमस्त कर देने वाला भी ज्यादा देर तक टिक न सका क्योंकी ज्यादा नमी होने से मस्ती तो बढती है पर साथ ही साथ झड़ने का समय भी कम होता है. लेकिन अब मैं काफी भूखा था. और थका भी तो मैं झड़ना ही चाहता था. मैंने उसे एकबार फिर कसकर पकड़ा और धकाधक उसके पिछवाड़े की धूर्री उड़ाने लगा. फूल स्पीड में चोदने के कारण उसके मुंह से आह.. उह.. के कुछ देर चिल्लाना जारी रहा. मैं कुछ ही देर बाद उसकी गांड के अँदर झड़ गया. और लंड कुछ सेकेण्ड तक उसके पिछवाड़े के अंदर ही रखा. जब मैने उसे छोड़ दिया तो वह खड़ी हुई और पाया की मैगी पूरी तरह जल चूकी थी.
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