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मैं एक खूबसरत और चुलबुली लड़की हूँ - Main ek khubsurat aur chulbuli ladki hun
सुंदर लड़की की चूत चुदाई , मैं एक खूबसरत और चुलबुली लड़की हूँ - Main ek khubsurat aur chulbuli ladki hun , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मैं जब १५ साल की हुई तो मेरे बदन में सारे बदलाव हो चुके थे। मेरी जांघें मोटी हो गयीं थीं, मेरे चूतड़ उभरने लगे थे, मेरी गांड मस्ताने लगी थी, मेरी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी हो गयीं थीं, मेरी झांटें तो बहुत पहले निकल आयीं थी, मेरी चूत एकदम मस्त निकल आयी थी बल्कि वह तो अब लण्ड खाने की तैयारी करने लगी थी। मैं एक खूबसरत और चुलबुली लड़की हूँ। मुझे बातें करना और हंसी मजाक करना बहुत अच्छा लगता है। धीरे धीरे मैं गन्दी गन्दी बातें भी करने लगी और कभी कभी गालियां भी अपनी सहेलियों को देने लगी। मुझे लड़के बहुत अच्छे लगने लगे, मेरे अंदर लड़कों को नंगा देखने की इच्छा बढ़ने लगी और कभी कभी मैं बाथ रूम में झाँक झाँक कर लड़कों को नंगा देखने की कोशिश करने लगी। मुझे उनके लण्ड देखने की इच्छा प्रबल होने लगी। लण्ड का सुपाड़ा देखने की इच्छा बढ़ने लगी क्योंकि मेरे कॉलेज की लड़कियां लण्ड की बातें और लण्ड के सुपाड़े के बातें खूब करती थीं।
मैं जब १५ और १६ साल के बीच में घूम रही थी तभी एक दिन मेरी सहेली ने मुझे एक ब्लू फिल्म दिखा दी। यह फिल्म मैंने उसके लैपटॉप पर देखी। बस उसी दिन से मेरी ज़िन्दगी दूसरी तरफ घूम गयी। मुझे फिल्म के दोनों लण्ड बहुत ही अच्छे लगे। मैं उसके साथ रात भर लण्ड ही देखती रही और जाने कितनी बार लण्ड देखती रही। फिर मैंने भी जिद करके एक लैपटॉप खरीद लिया और रात में चुपके चुपके लण्ड देखने लगी। मुझे पोर्न में सिर्फ लण्ड ही देखने की इच्छा थी बाकी फिल्म मैंने कभी देखी ही नहीं। कुछ दिन बाद मेरे मन ने कहा यार खुशबू तू भोसड़ी की फिल्म में ही लण्ड देखती रहेगी की असली ज़िन्दगी में भी असली लण्ड पकड़ कर देखेगी ? मैंने अपने मन की बात अपनी सहेली परवीन को बता दिया। उसने मुझसे वादा किया की वह किसी दिन एक लण्ड मेरे हाथ में रख देगी। बस मैं उसकी दिन का बड़ी बेशब्री से इंतज़ार करने लगी।
इसी बीच मुझे एक लड़की ने सेक्स की कहानियां पढ़ने के लिए उकसा दिया मुझे एक साइट बताई वह थी "Sex" . मैंने एक दिन वह साइट खोली और कहानियों के शीर्षक पढ़े तो मेरी गांड फट गई, मेरी चूत गीली हो गई। बहन चोद जब टाइटल ही इतने गंदे हैं तो कहानियां कितनी गन्दी होंगी मैं यह अच्छी तरह जान सकती थी। मैंने एक कहानी पढ़नी शुरू की तो मेरी चूत का पानी निकल पड़ा। मैं बिलकुल नंगी हो गयी। मैंने अपनी चूँचियाँ दबानी शुरू कर दिया। मेरे मन में आया की ऐसा सब कुछ असल ज़िन्दगी में जरूर होता होगा तभी उस पर कहानियां लिखी गयी है। इस साइट में बीवियों की अदला बदली और घरेलू कहानियों की भर मार है। माँ बेटी की चुदाई की कहानियां तो भरी पड़ीं हैं।
उस दिन से मैं इस साइट की कहानियां पढ़ने लगी, बड़े बड़े लण्ड की फोटो और उनकी ब्लू फिल्म देखने लगी। एक दिन परवीन का फोन आ गया और वह बोली यार खुशबू तू अभी मेरे घर आ जा। मैं फ़ौरन आधे घंटे में पहुँच गयी। वह मुझे अंदर कमरे में ले गयी। मैंने देखा की वहां दो लड़के बैठे हैं , लड़के बड़े हैंडसम थे तो मैं खुश हो गयी। वह बोली खुशबू ये मेरा शौहर अब्दुल है और यह इसका दोस्त हमीद है। मैं दोनों सेपकड़ा है तो तुम्हे बुरा तो नहीं लग रहा है। वह बोली नहीं बिलकुल नहीं। । वह अपने शौहर से बोली ये मेरी सहेली खुशबू है इसे लण्ड पकड़ने का शौक है मैं चाहती हूँ की तुम दोनों इसे अपना अपना लण्ड पकड़ाओ। इस बिचारी ने अभी तक कोई लण्ड नहीं देखा। ऐसा कह कर वह अपने कपड़े उतारने लगी और एक ही मिनट में वह पूरी नंगी हो गयी। फिर उसने मुझे नंगी किया। वह मुझसे बोली तुम मेरे मरद को नंगा करो और मैं इसके दोस्त को नंगा करती हूँ।
पहली बात तो यह की मुझे लड़कों के आगे नंगी होने में मज़ा आया और दूसरी बात यह की मैं एक लड़के को नंगा करने जा रही हूँ इससे मैं बड़ी उत्तेजित हो गयी। मेरी चूत की आग भड़क तो चुकी ही थी। मेरी चूँचियाँ भी तक कर खड़ी हो गयीं। मेरे हाथ में जब अब्दुल का लण्ड आया तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। जो लण्ड मैं लैपटॉप पर देखा करती थी आज वही लण्ड मेरे हाथ में है।
मैंने पूंछा परवीन मैं तेरे मरद का लण्ड पकड़ रही हूँ तो तुझे बुरा तो नहीं लग रहा है ? वह बोली नहीं बिलकुल नहीं। मेरे मरद को अपनी बीवी दूसरों से चुदवाने का शौक है। मेरा मरद खुद अपने दोस्तों के लण्ड मेरे हाथ में रख देता है। इसके दोस्त इसके आगे ही मुझे चोदते हैं। ये भी अपने दोस्तों की बीवियां उनके सामने चोदता है। इसलिए बुरा मानने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
तब तक हमीद का लौड़ा भी खुल चुका था। मेरा दिल उसके लौड़े पर भी आ गया। मैं अब्दुल का लण्ड वैसे चाटने चूसने लगी जैसे ब्लू फिल्म में लड़कियां चाटती चूसती हैं।
मैंने लंड की लम्बाई चौड़ाई नापी। वह बहन चोद 8" x 5" का था। उसका सुपाड़ा गोल था और हमीद के लण्ड का सुपाड़ा अंडाकार। मैं अब्दुल का लण्ड पीने लगी और वह मेरी छोटी छोटी झांट वाली चूत सहलाने लगा। मैंने लण्ड का सड़का मारना ब्लू फिल्म से ही सीख लिया था। मैं दनादन लण्ड का सड़का मारने लगी और बीच बेच में लण्ड मुंह में घुसेड़ने लगी। मैं पेल्हड़ भी चाटने लगी और लण्ड का पूरा मज़ा लेने लगी। मेरा मन था की मैं लण्ड का रस निकाल कर पी लूं . परवीन बोली यार खुशबू तू मेरे मरद के लण्ड का पूरा मज़ा ले रही है। सड़का मार के तू लण्ड पियेगी। मुझे देख कर वह हमीद के लण्ड का सड़का मारने लगी। अब्दुल का लण्ड बहुत देर तक ठहर नहीं पाया। वह बोला यार खुशबू मैं निकलने वाला हूँ तो मैंने कहा मेरे मुंह में ही निकला जाओ। मुझे पिला दो अपना सारा वीर्य। वह मेरे मुंह में ही झड़ गया और मैं वीर्य सारा का सारा पी गयी। उधर जब हमीद झड़ने लगा तो मैंने उसका भी लण्ड पिया। मेरा यह पहला अनुभव था।
फिर मैं उठ कर जाने लगी तो परवीन बोली अरी खुशबू जाती कहाँ है तू भोसड़ी की ? यह तो पहला राउंड था। अभी तो तेरी बुर चोदना बाकी है यार। अभी तो मेरा शौहर तेरी बुर चोदेगा और इसका दोस्त मेरी बुर चोदेगा और रात भर चोदेगा। तू कल सवेरे सवेरे अपने घर चली जाना। मैंने तेरी अम्मी को बता दिया है की खुशबू आज रात मेरे साथ मेरे घर पर ही रहेगी। एक बात तुझे बता रही हूँ जो तुझे अभी तक नहीं मालूम है। तेरी माँ ने ही मुझे लण्ड पकड़ना और लण्ड पीना सिखाया है। मैंने कहा वाओ, तो इसका मतलब मेरी अम्मी भी बहुत बड़ी बुर चोदी हैं. वह बोली हां बिलकुल हैं मैंने तेरी अम्मी को कई ग़ैर मर्दों से चुदवाते हुए को देखा है और उसे कई लड़कियों की चूत में लण्ड पेलते हुए देखा है। मैंने कहा यार एक बात सुनो मेरी चूत अभी छोटी है उसमे इतना मोटा लौड़ा कैसे घुसेगा और अगर घुसेगा तो मेरी चूत फट जाएगी और मैं कही भी मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी।
वह बोली तू मादर चोद १६ + की हो गयी है। धकाधक् चुदवाने वाली हो गयी है तू ? तेरी चूत लण्ड खाने वाली हो गयी है। और सुन बुर चोदी खुशबू एक बात, लंड चाहे कितना भी मोटा हो वह चूत को फाड़ नहीं सकता। लंड मोटा होता है तो चूत अपने आप फ़ैल जाती है। चूत में इलास्टिक होती है पगली। चल अब आजा और पहले मेरे मियां का लौड़ा अपनी चूत में घुसा कर चुदवा ले। उसके ऐसा कहा तो अब्दुल ने लण्ड घुसेड़ दिया और चोदने लगा। मैं चीखी चिल्लाई मगर उसने एक न सुनी और चोदता रहा. मुझे भी फिर मज़ा आने लगा और मैंने परवीन को भी एक पराये मरद से चुदवाते हुए देखा। उसके बाद मुझे हमीद ने भी चोदा और खूब जम कर चोदा। मैंने दोनों झड़ते हुए लण्ड बड़ी मस्ती से पिया।
मैं दूसरे दिन अपने घर वापस आ गयी और सोंचने लगी की मेरी अम्मी जान भी बड़ी रोमांटिक हैं। उसने मेरी सहेली को लण्ड पकड़ना और लण्ड पीना सिखाया। मतलब यह है की अम्मी ने और भी लड़कियों को लण्ड पकड़ना सिखाया होगा। उन्हें चोदना और चुदवाना भी सिखाया होगा। यह बात तो सच है की मेरी अम्मी बहन चोद बहुत बड़ी हरामजादी है। लेकिन उसने मुझे कभी कोई लौड़ा नहीं पकड़ाया। फिर मैंने सोंचा की मुझे अपनी अम्मी पर फक्र होना चाहिए। मेरी अम्मी ने जवान लड़कियों को जवानी का मज़ा लेना सिखाया। शायद वो एक दिन मुझे लण्ड पकड़ा दें। मुझे इंतज़ार करना चाहिए। लेकिन मैं परवीन के साथ लड़कों के लण्ड पकड़ती रही। हां कभी कभी चुदवा भी लिया। इसी बीच मेरी उम्र १८ साल की हो गयी। मैं कानूनन बालिग हो गयी।
मैं थोड़ा और खुल चुकी थी, थोड़ी और बेशर्म हो चुकी थी और थोड़ा और बोल्ड हो चुकी थी। एक दिन मैं अपनी एक सहेली से बातें करने लगी। मैं बोल रही थी -
"तू भोसड़ी की लड़कों के लण्ड खुले आम पकड़ने लगी है ,,,,,,,,,? तेरी माँ की चूत ,,,,,,,,,,,,? मेरी बराबरी न कर। मैं तेरी गांड में ठोंक दूँगी लण्ड ,,,,,,,,,,,,? उसकी माँ का भोसड़ा ,,,,,,,,,,? उससे कहो एक दिन मुझे भी पकड़ा दे अपने अब्बू का लण्ड ,,,,,,,,,,? हां हां यार कितनी बार बताऊँ की मुझे बड़े और मोटे लण्ड पसंद है ,,,,,,,,,,,,? मैं 10" का लण्ड ढूंढ रही हूँ यार ,,,,,,,,,,,,,,,? उसकी बहन का लण्ड ? उसकी तो मैं किसी दिन गांड मारूंगी ,,,,,,,? बाप रे बाप वह अभी से अपनी माँ चुदाने लगी है बुर चोदी ,,,,,,,,,,,,,,? वो तो गांडू है यार उसका लौड़ा मुझे पसंद नहीं आया ,,,,,? मुझे छोटी छोटी झांट वाला लण्ड पसंद है बड़ी बड़ी झांट वाला नहीं ,,,,,,,,,,,,,? घोड़े और गधे के लण्ड जैसा उसका लण्ड हो तो ज्यादा मज़ा आएगा,,,,,,,,,,,,?"
मेरी बात ख़तम हुई तो मैंने पीछे मुड़ कर देखा। मुझे लगा की मेरी सारी बातें अम्मी जान ने सुन लीं क्योंकि वह मुस्कराती हुई दूसरे कमरे में चली गयी। एक दिन अम्मी जान बहार गयी और कह गयी की मैं शाम को आऊंगी। उसके जाने के बाद मैं बोर होने लगी। तभी मैंने एक लड़के को फोन करके बुला लिया। मैं उसके सामने नंगी हो गई और उसे भी नंगा कर दिया। मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसका बिना झांट का लण्ड मुझे अच्छा लगा पर वह ८" से पहले ही रुक गया। मैं झुक कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने चूसने लगी। पेल्हड़ भी चूमने लगी। मुझे सब कुछ अच्छा लगने लगा। वह भी मेरी चूत, मेरी गांड मेरी जाँघे सहलाने लगा। मेरी चूँचियाँ मसलने लगा और मेरे नंगे बदन का पूरा मज़ा लेने लगा। मैं एक पोर्न स्टार की तरह उसका लण्ड पीने लगी। अचानक अम्मी जान कमरे में आ गयी। मैं उसे देख नहीं सकी और वह लड़का भी उसे देख नहीं पाया। अम्मी बड़ी देर तक मुझे लण्ड चूसते हुए देखती रहीं।
अचानक वह बोली - नहीं बेटी खुशबू, तुम लण्ड अच्छी तरह नहीं पकड़ रही हो। पहले लण्ड पकड़ना सीखो और फिर लण्ड चूसना। लाओ मैं तुम्हे बताती हूँ की कैसे पकड़ा जाता है लण्ड ? कैसे चूसा जाता है लण्ड ? कैसे सड़का मारा जाता है और कैसे सड़का मार कर पिया जाता है लण्ड ? अम्मी ने मेरे हाथ से लण्ड पकड़ लिया और मुस्कराते हुए उसे सहलाने लगीं। लण्ड साला और कड़क हो गया तब अम्मी ने लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ कर मुझे बताया की लण्ड कैसे चूसा जाता है ? फिर लण्ड अपने मुंह से निकाल कर मेरे मुंह में घुसा दिया। मैं भी उसी तरह लण्ड चूसने लगी। तब तक अम्मी जान अपने कपड़े खोल कर बिलकुल नंगी हो गयीं। फिर हम दोनों एक साथ लण्ड चाटने चूसने लगी। मेरी शर्म ख़तम हो गयी, मैं बहन चोद बड़ी बेशर्म हो गयी और निडर भी ?
मैं जब १५ साल की हुई तो मेरे बदन में सारे बदलाव हो चुके थे। मेरी जांघें मोटी हो गयीं थीं, मेरे चूतड़ उभरने लगे थे, मेरी गांड मस्ताने लगी थी, मेरी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी हो गयीं थीं, मेरी झांटें तो बहुत पहले निकल आयीं थी, मेरी चूत एकदम मस्त निकल आयी थी बल्कि वह तो अब लण्ड खाने की तैयारी करने लगी थी। मैं एक खूबसरत और चुलबुली लड़की हूँ। मुझे बातें करना और हंसी मजाक करना बहुत अच्छा लगता है। धीरे धीरे मैं गन्दी गन्दी बातें भी करने लगी और कभी कभी गालियां भी अपनी सहेलियों को देने लगी। मुझे लड़के बहुत अच्छे लगने लगे, मेरे अंदर लड़कों को नंगा देखने की इच्छा बढ़ने लगी और कभी कभी मैं बाथ रूम में झाँक झाँक कर लड़कों को नंगा देखने की कोशिश करने लगी। मुझे उनके लण्ड देखने की इच्छा प्रबल होने लगी। लण्ड का सुपाड़ा देखने की इच्छा बढ़ने लगी क्योंकि मेरे कॉलेज की लड़कियां लण्ड की बातें और लण्ड के सुपाड़े के बातें खूब करती थीं।
मैं जब १५ और १६ साल के बीच में घूम रही थी तभी एक दिन मेरी सहेली ने मुझे एक ब्लू फिल्म दिखा दी। यह फिल्म मैंने उसके लैपटॉप पर देखी। बस उसी दिन से मेरी ज़िन्दगी दूसरी तरफ घूम गयी। मुझे फिल्म के दोनों लण्ड बहुत ही अच्छे लगे। मैं उसके साथ रात भर लण्ड ही देखती रही और जाने कितनी बार लण्ड देखती रही। फिर मैंने भी जिद करके एक लैपटॉप खरीद लिया और रात में चुपके चुपके लण्ड देखने लगी। मुझे पोर्न में सिर्फ लण्ड ही देखने की इच्छा थी बाकी फिल्म मैंने कभी देखी ही नहीं। कुछ दिन बाद मेरे मन ने कहा यार खुशबू तू भोसड़ी की फिल्म में ही लण्ड देखती रहेगी की असली ज़िन्दगी में भी असली लण्ड पकड़ कर देखेगी ? मैंने अपने मन की बात अपनी सहेली परवीन को बता दिया। उसने मुझसे वादा किया की वह किसी दिन एक लण्ड मेरे हाथ में रख देगी। बस मैं उसकी दिन का बड़ी बेशब्री से इंतज़ार करने लगी।
इसी बीच मुझे एक लड़की ने सेक्स की कहानियां पढ़ने के लिए उकसा दिया मुझे एक साइट बताई वह थी "Sex" . मैंने एक दिन वह साइट खोली और कहानियों के शीर्षक पढ़े तो मेरी गांड फट गई, मेरी चूत गीली हो गई। बहन चोद जब टाइटल ही इतने गंदे हैं तो कहानियां कितनी गन्दी होंगी मैं यह अच्छी तरह जान सकती थी। मैंने एक कहानी पढ़नी शुरू की तो मेरी चूत का पानी निकल पड़ा। मैं बिलकुल नंगी हो गयी। मैंने अपनी चूँचियाँ दबानी शुरू कर दिया। मेरे मन में आया की ऐसा सब कुछ असल ज़िन्दगी में जरूर होता होगा तभी उस पर कहानियां लिखी गयी है। इस साइट में बीवियों की अदला बदली और घरेलू कहानियों की भर मार है। माँ बेटी की चुदाई की कहानियां तो भरी पड़ीं हैं।
उस दिन से मैं इस साइट की कहानियां पढ़ने लगी, बड़े बड़े लण्ड की फोटो और उनकी ब्लू फिल्म देखने लगी। एक दिन परवीन का फोन आ गया और वह बोली यार खुशबू तू अभी मेरे घर आ जा। मैं फ़ौरन आधे घंटे में पहुँच गयी। वह मुझे अंदर कमरे में ले गयी। मैंने देखा की वहां दो लड़के बैठे हैं , लड़के बड़े हैंडसम थे तो मैं खुश हो गयी। वह बोली खुशबू ये मेरा शौहर अब्दुल है और यह इसका दोस्त हमीद है। मैं दोनों सेपकड़ा है तो तुम्हे बुरा तो नहीं लग रहा है। वह बोली नहीं बिलकुल नहीं। । वह अपने शौहर से बोली ये मेरी सहेली खुशबू है इसे लण्ड पकड़ने का शौक है मैं चाहती हूँ की तुम दोनों इसे अपना अपना लण्ड पकड़ाओ। इस बिचारी ने अभी तक कोई लण्ड नहीं देखा। ऐसा कह कर वह अपने कपड़े उतारने लगी और एक ही मिनट में वह पूरी नंगी हो गयी। फिर उसने मुझे नंगी किया। वह मुझसे बोली तुम मेरे मरद को नंगा करो और मैं इसके दोस्त को नंगा करती हूँ।
पहली बात तो यह की मुझे लड़कों के आगे नंगी होने में मज़ा आया और दूसरी बात यह की मैं एक लड़के को नंगा करने जा रही हूँ इससे मैं बड़ी उत्तेजित हो गयी। मेरी चूत की आग भड़क तो चुकी ही थी। मेरी चूँचियाँ भी तक कर खड़ी हो गयीं। मेरे हाथ में जब अब्दुल का लण्ड आया तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था। जो लण्ड मैं लैपटॉप पर देखा करती थी आज वही लण्ड मेरे हाथ में है।
मैंने पूंछा परवीन मैं तेरे मरद का लण्ड पकड़ रही हूँ तो तुझे बुरा तो नहीं लग रहा है ? वह बोली नहीं बिलकुल नहीं। मेरे मरद को अपनी बीवी दूसरों से चुदवाने का शौक है। मेरा मरद खुद अपने दोस्तों के लण्ड मेरे हाथ में रख देता है। इसके दोस्त इसके आगे ही मुझे चोदते हैं। ये भी अपने दोस्तों की बीवियां उनके सामने चोदता है। इसलिए बुरा मानने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
तब तक हमीद का लौड़ा भी खुल चुका था। मेरा दिल उसके लौड़े पर भी आ गया। मैं अब्दुल का लण्ड वैसे चाटने चूसने लगी जैसे ब्लू फिल्म में लड़कियां चाटती चूसती हैं।
मैंने लंड की लम्बाई चौड़ाई नापी। वह बहन चोद 8" x 5" का था। उसका सुपाड़ा गोल था और हमीद के लण्ड का सुपाड़ा अंडाकार। मैं अब्दुल का लण्ड पीने लगी और वह मेरी छोटी छोटी झांट वाली चूत सहलाने लगा। मैंने लण्ड का सड़का मारना ब्लू फिल्म से ही सीख लिया था। मैं दनादन लण्ड का सड़का मारने लगी और बीच बेच में लण्ड मुंह में घुसेड़ने लगी। मैं पेल्हड़ भी चाटने लगी और लण्ड का पूरा मज़ा लेने लगी। मेरा मन था की मैं लण्ड का रस निकाल कर पी लूं . परवीन बोली यार खुशबू तू मेरे मरद के लण्ड का पूरा मज़ा ले रही है। सड़का मार के तू लण्ड पियेगी। मुझे देख कर वह हमीद के लण्ड का सड़का मारने लगी। अब्दुल का लण्ड बहुत देर तक ठहर नहीं पाया। वह बोला यार खुशबू मैं निकलने वाला हूँ तो मैंने कहा मेरे मुंह में ही निकला जाओ। मुझे पिला दो अपना सारा वीर्य। वह मेरे मुंह में ही झड़ गया और मैं वीर्य सारा का सारा पी गयी। उधर जब हमीद झड़ने लगा तो मैंने उसका भी लण्ड पिया। मेरा यह पहला अनुभव था।
फिर मैं उठ कर जाने लगी तो परवीन बोली अरी खुशबू जाती कहाँ है तू भोसड़ी की ? यह तो पहला राउंड था। अभी तो तेरी बुर चोदना बाकी है यार। अभी तो मेरा शौहर तेरी बुर चोदेगा और इसका दोस्त मेरी बुर चोदेगा और रात भर चोदेगा। तू कल सवेरे सवेरे अपने घर चली जाना। मैंने तेरी अम्मी को बता दिया है की खुशबू आज रात मेरे साथ मेरे घर पर ही रहेगी। एक बात तुझे बता रही हूँ जो तुझे अभी तक नहीं मालूम है। तेरी माँ ने ही मुझे लण्ड पकड़ना और लण्ड पीना सिखाया है। मैंने कहा वाओ, तो इसका मतलब मेरी अम्मी भी बहुत बड़ी बुर चोदी हैं. वह बोली हां बिलकुल हैं मैंने तेरी अम्मी को कई ग़ैर मर्दों से चुदवाते हुए को देखा है और उसे कई लड़कियों की चूत में लण्ड पेलते हुए देखा है। मैंने कहा यार एक बात सुनो मेरी चूत अभी छोटी है उसमे इतना मोटा लौड़ा कैसे घुसेगा और अगर घुसेगा तो मेरी चूत फट जाएगी और मैं कही भी मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी।
वह बोली तू मादर चोद १६ + की हो गयी है। धकाधक् चुदवाने वाली हो गयी है तू ? तेरी चूत लण्ड खाने वाली हो गयी है। और सुन बुर चोदी खुशबू एक बात, लंड चाहे कितना भी मोटा हो वह चूत को फाड़ नहीं सकता। लंड मोटा होता है तो चूत अपने आप फ़ैल जाती है। चूत में इलास्टिक होती है पगली। चल अब आजा और पहले मेरे मियां का लौड़ा अपनी चूत में घुसा कर चुदवा ले। उसके ऐसा कहा तो अब्दुल ने लण्ड घुसेड़ दिया और चोदने लगा। मैं चीखी चिल्लाई मगर उसने एक न सुनी और चोदता रहा. मुझे भी फिर मज़ा आने लगा और मैंने परवीन को भी एक पराये मरद से चुदवाते हुए देखा। उसके बाद मुझे हमीद ने भी चोदा और खूब जम कर चोदा। मैंने दोनों झड़ते हुए लण्ड बड़ी मस्ती से पिया।
मैं दूसरे दिन अपने घर वापस आ गयी और सोंचने लगी की मेरी अम्मी जान भी बड़ी रोमांटिक हैं। उसने मेरी सहेली को लण्ड पकड़ना और लण्ड पीना सिखाया। मतलब यह है की अम्मी ने और भी लड़कियों को लण्ड पकड़ना सिखाया होगा। उन्हें चोदना और चुदवाना भी सिखाया होगा। यह बात तो सच है की मेरी अम्मी बहन चोद बहुत बड़ी हरामजादी है। लेकिन उसने मुझे कभी कोई लौड़ा नहीं पकड़ाया। फिर मैंने सोंचा की मुझे अपनी अम्मी पर फक्र होना चाहिए। मेरी अम्मी ने जवान लड़कियों को जवानी का मज़ा लेना सिखाया। शायद वो एक दिन मुझे लण्ड पकड़ा दें। मुझे इंतज़ार करना चाहिए। लेकिन मैं परवीन के साथ लड़कों के लण्ड पकड़ती रही। हां कभी कभी चुदवा भी लिया। इसी बीच मेरी उम्र १८ साल की हो गयी। मैं कानूनन बालिग हो गयी।
मैं थोड़ा और खुल चुकी थी, थोड़ी और बेशर्म हो चुकी थी और थोड़ा और बोल्ड हो चुकी थी। एक दिन मैं अपनी एक सहेली से बातें करने लगी। मैं बोल रही थी -
"तू भोसड़ी की लड़कों के लण्ड खुले आम पकड़ने लगी है ,,,,,,,,,? तेरी माँ की चूत ,,,,,,,,,,,,? मेरी बराबरी न कर। मैं तेरी गांड में ठोंक दूँगी लण्ड ,,,,,,,,,,,,? उसकी माँ का भोसड़ा ,,,,,,,,,,? उससे कहो एक दिन मुझे भी पकड़ा दे अपने अब्बू का लण्ड ,,,,,,,,,,? हां हां यार कितनी बार बताऊँ की मुझे बड़े और मोटे लण्ड पसंद है ,,,,,,,,,,,,? मैं 10" का लण्ड ढूंढ रही हूँ यार ,,,,,,,,,,,,,,,? उसकी बहन का लण्ड ? उसकी तो मैं किसी दिन गांड मारूंगी ,,,,,,,? बाप रे बाप वह अभी से अपनी माँ चुदाने लगी है बुर चोदी ,,,,,,,,,,,,,,? वो तो गांडू है यार उसका लौड़ा मुझे पसंद नहीं आया ,,,,,? मुझे छोटी छोटी झांट वाला लण्ड पसंद है बड़ी बड़ी झांट वाला नहीं ,,,,,,,,,,,,,? घोड़े और गधे के लण्ड जैसा उसका लण्ड हो तो ज्यादा मज़ा आएगा,,,,,,,,,,,,?"
मेरी बात ख़तम हुई तो मैंने पीछे मुड़ कर देखा। मुझे लगा की मेरी सारी बातें अम्मी जान ने सुन लीं क्योंकि वह मुस्कराती हुई दूसरे कमरे में चली गयी। एक दिन अम्मी जान बहार गयी और कह गयी की मैं शाम को आऊंगी। उसके जाने के बाद मैं बोर होने लगी। तभी मैंने एक लड़के को फोन करके बुला लिया। मैं उसके सामने नंगी हो गई और उसे भी नंगा कर दिया। मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। उसका बिना झांट का लण्ड मुझे अच्छा लगा पर वह ८" से पहले ही रुक गया। मैं झुक कर लण्ड का सुपाड़ा चाटने चूसने लगी। पेल्हड़ भी चूमने लगी। मुझे सब कुछ अच्छा लगने लगा। वह भी मेरी चूत, मेरी गांड मेरी जाँघे सहलाने लगा। मेरी चूँचियाँ मसलने लगा और मेरे नंगे बदन का पूरा मज़ा लेने लगा। मैं एक पोर्न स्टार की तरह उसका लण्ड पीने लगी। अचानक अम्मी जान कमरे में आ गयी। मैं उसे देख नहीं सकी और वह लड़का भी उसे देख नहीं पाया। अम्मी बड़ी देर तक मुझे लण्ड चूसते हुए देखती रहीं।
अचानक वह बोली - नहीं बेटी खुशबू, तुम लण्ड अच्छी तरह नहीं पकड़ रही हो। पहले लण्ड पकड़ना सीखो और फिर लण्ड चूसना। लाओ मैं तुम्हे बताती हूँ की कैसे पकड़ा जाता है लण्ड ? कैसे चूसा जाता है लण्ड ? कैसे सड़का मारा जाता है और कैसे सड़का मार कर पिया जाता है लण्ड ? अम्मी ने मेरे हाथ से लण्ड पकड़ लिया और मुस्कराते हुए उसे सहलाने लगीं। लण्ड साला और कड़क हो गया तब अम्मी ने लण्ड अपने मुंह में घुसेड़ कर मुझे बताया की लण्ड कैसे चूसा जाता है ? फिर लण्ड अपने मुंह से निकाल कर मेरे मुंह में घुसा दिया। मैं भी उसी तरह लण्ड चूसने लगी। तब तक अम्मी जान अपने कपड़े खोल कर बिलकुल नंगी हो गयीं। फिर हम दोनों एक साथ लण्ड चाटने चूसने लगी। मेरी शर्म ख़तम हो गयी, मैं बहन चोद बड़ी बेशर्म हो गयी और निडर भी ?
- तभी अम्मी मजाक में बोली - अरी खुशबू तू बुर चोदी बहुत जल्दी सीख गयी लण्ड का मज़ा लेना ? तेरी माँ का भोसड़ा तू तो मुझसे भी आगे निकल गई।
- मैं भी मूड में आ गयी और बोली - अरी मेरी हरामजादी अम्मी जान तूने मुझे लण्ड का मज़ा लेना सिखा दिया है न ? तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर, अम्मी जान ? अब तो मैं सबके लण्ड का मज़ा लूंगी।
- सुना है की तू भोसड़ी की 10" का लण्ड ढूंढ रही है ?
- हां ढूंढ तो रही हूँ अम्मी जान पर अभी तक कोई मिला नहीं ?
- 10" का लण्ड तो घर में ही है बेटी, खुशबू ?
- वाओ, तो फिर बताओ न मुझे किसका लण्ड 10' का है अम्मी जान ?
- मैं बहन चोद क्यों बताऊँ? ढूंढना तेरा काम है। सबके लण्ड पकड़ पकड़ कर पता लगाओ की किस भोसड़ी वाले का लण्ड 10" का है ?
- तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा, अम्मी जान ? अच्छा, मत बता तू मुझे ? मैं खुद ही ढूंढ लूंगी।
दूसरे दिन रात को मैं जब उठी तो देखा की अम्मी अपने कमरे में जीजू का लण्ड चूस रहीं हैं। मेरी नज़र लण्ड पर पड़ी तो मालूम हुआ की लण्ड साला 10" का नहीं है। तभी मुझे ख्याल आया की मेरा खालू साला छत पर
लेटा है। चांदनी रात थी मैं छत पर चढ़ गयी और खालू के बगल में लेट गयी। मैंने धीरे से उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। फिर धीरे से उसकी लुंगी हटाई और नंगा लण्ड पकड़ लिया। वह जग गया और बोला अरी खुशबू तू यहाँ ? मैंने कहा खालू जान मेरी अम्मी मेरे जीजू का लण्ड पी रही है तो मैं उसके जीजू का लण्ड पियूँगी। मैं बेशर्म तो हो ही गयी थी। मैंने फ़ौरन लण्ड मुंह में लिया तो वह बढ़ने लगा। लेकिन 10" तक नहीं पहुंचा। फिर मैंने खूब मस्ती से उससे चुदवाया। मैंने 10" का लण्ड की तलाश में मामू, जान का लौड़ा पकड़ लिया, छोटे खालू का भी लण्ड पकड़ा और फूफा का भी लण्ड ? मैंने एक दिन फूफी की बेटी के मरद का भी लौड़ा पकड़ा और उसके ससुर का भी लण्ड ? लेकिन किसी का भी लण्ड 10" का न था।
एक दिन रात में मैं जब बाथ रूम के लिए उठी तो अम्मी ने मुझे आवाज़ देकर बुलाया। मैं जब अंदर गई तो देखा की वह अपनी चूँचियाँ खोले हुए बैठी हैं। फिर देखा की उसका भोसड़ा भी खुला है। वह तो पूरी नंगी बैठी थीं। उसके बगल में एक आदमी लेटा था। अम्मी ने मुझे नजदीक बुलाया और कहा इसका पैजामा खोलो। मैंने पैजामे का नाडा खोल दिया। अम्मी ने कहा अब तुम हाथ अंदर डाल कर इसका लौड़ा बाहर निकाल लो। मैंने जैसे ही हाथ अंदर घुसेड़ वैसे ही हाथ उसके तने हुए लण्ड से टकरा गया। मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप ? कितना बड़ा लण्ड है इसका अम्मी जान ? वह बोली अरी बुर चोदी पहले लण्ड बाहर निकाल कर तो देख ? मैंने लण्ड बाहर निकाला तो वह साला मुझे घोड़े के लण्ड की तरह लगा। झांटें बिलकुल साफ़ थीं पेल्हड़ भी मस्त बिना झांट के थे और लण्ड का सुपाड़ा तो बिलकुल तोप का गोला लग रहा था। मैंने कहा वाओ, अम्मी जान ये तो भोसड़ी का 10 " का लण्ड लग रहा है। अम्मी ने मुझे इंची टेप पकड़ा दिया और कहा ले नाप कर देख ले लण्ड ? मैंने सच में नापा लण्ड तो वह 10" + निकला। मैं तो उछल पड़ी और बोली वाओ, तेरी तलाश बहन चोद आज पूरी हुई अम्मी जान ? पर ये है कौन मादर चोद ?
तो पीछे से आवाज़ आयी है ये है तेरा गाँव वाला चचा जान अब्दुल रसीद ? इसका लण्ड 10" से भी बड़ा है खुशबू। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह थी मेरी दीदी की नन्द ? वह बोली तेरा चचा जान भोसड़ी का मेरा ससुर है। मैं इसके लण्ड से कई बार चुदवा चुकी हूँ। आज ये तेरी माँ चोदने आया है और तेरी माँ की बिटिया की बुर भी। तब तक मैं बातों से ही उत्तेजित हो गयी थी। मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर फेंक दिया और चढ़ बैठी उसके लण्ड पर। मैंने कहा आज मैं चोदूँगी तेरे ससुर का लण्ड, सारा ? तब तक सारा ने अपने जीजू का भी लण्ड मुझे दिखा दिया। फिर हम तीनो ने मिलकर इन लोगों से खूब चुदवाया।
एक दिन रात में मैं जब बाथ रूम के लिए उठी तो अम्मी ने मुझे आवाज़ देकर बुलाया। मैं जब अंदर गई तो देखा की वह अपनी चूँचियाँ खोले हुए बैठी हैं। फिर देखा की उसका भोसड़ा भी खुला है। वह तो पूरी नंगी बैठी थीं। उसके बगल में एक आदमी लेटा था। अम्मी ने मुझे नजदीक बुलाया और कहा इसका पैजामा खोलो। मैंने पैजामे का नाडा खोल दिया। अम्मी ने कहा अब तुम हाथ अंदर डाल कर इसका लौड़ा बाहर निकाल लो। मैंने जैसे ही हाथ अंदर घुसेड़ वैसे ही हाथ उसके तने हुए लण्ड से टकरा गया। मेरे मुंह से निकला बाप रे बाप ? कितना बड़ा लण्ड है इसका अम्मी जान ? वह बोली अरी बुर चोदी पहले लण्ड बाहर निकाल कर तो देख ? मैंने लण्ड बाहर निकाला तो वह साला मुझे घोड़े के लण्ड की तरह लगा। झांटें बिलकुल साफ़ थीं पेल्हड़ भी मस्त बिना झांट के थे और लण्ड का सुपाड़ा तो बिलकुल तोप का गोला लग रहा था। मैंने कहा वाओ, अम्मी जान ये तो भोसड़ी का 10 " का लण्ड लग रहा है। अम्मी ने मुझे इंची टेप पकड़ा दिया और कहा ले नाप कर देख ले लण्ड ? मैंने सच में नापा लण्ड तो वह 10" + निकला। मैं तो उछल पड़ी और बोली वाओ, तेरी तलाश बहन चोद आज पूरी हुई अम्मी जान ? पर ये है कौन मादर चोद ?
तो पीछे से आवाज़ आयी है ये है तेरा गाँव वाला चचा जान अब्दुल रसीद ? इसका लण्ड 10" से भी बड़ा है खुशबू। मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वह थी मेरी दीदी की नन्द ? वह बोली तेरा चचा जान भोसड़ी का मेरा ससुर है। मैं इसके लण्ड से कई बार चुदवा चुकी हूँ। आज ये तेरी माँ चोदने आया है और तेरी माँ की बिटिया की बुर भी। तब तक मैं बातों से ही उत्तेजित हो गयी थी। मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर फेंक दिया और चढ़ बैठी उसके लण्ड पर। मैंने कहा आज मैं चोदूँगी तेरे ससुर का लण्ड, सारा ? तब तक सारा ने अपने जीजू का भी लण्ड मुझे दिखा दिया। फिर हम तीनो ने मिलकर इन लोगों से खूब चुदवाया।
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