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कामवाली की कुवारी बेटी की चूत चुदाई Kaamvali ki kuvari beti ki chut chudai
कामवाली की कुवारी बेटी की चूत चुदाई Kaamvali ki kuvari beti ki chut chudai , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
दोस्तों अपने पिछली कहानी में मेरे और मेरी कामवाली के बीच हुए सेक्स के बारे में पढ़ा. अब मैं आपको मेरे द्वारा हुई उसकी कुवारी बेटी की चुदाई के बारे में बताऊंगा. एक दिन उसने मुझसे कहा कि कल वह कहीं बाहर जा रही है इसलिए उसकी बेटी सारा काम करने के लिए आएगी. अगले दिन जब वो आई तो सीधे मैंने उसे अपने पास बुला लिया. मैंने उससे जानबूझकर बात शुरू करने के लिए पूछा कि आज तुम्हारी माँ क्यों नहीं आई? वो बोली - शाहब मेरी माँ 2 दिन के लिए मेरे मामा के घर गई है और जब तक वो नहीं आ जाती तब तक आपके घर के सारे काम मैं कर दिया करुँगी. मैंने उससे कहा कि ठीक है मुझे इसमें कोई फर्क नहीं है और यदि तुम्हें कोई परेशानी लगे तो मुझे बता देना. वो झाड़ू - पोचा करने लगी. इसे निपटाकर वो मेरे कपड़े धोने लगी. मैं लगातार उसे देख रहा था इसलिए वो बोली क्यूँ शाहब जी कभी कोई लड़की नहीं देखी क्या? यह कहकर वो मुस्कुराने लगी.
दोस्तों अपने पिछली कहानी में मेरे और मेरी कामवाली के बीच हुए सेक्स के बारे में पढ़ा. अब मैं आपको मेरे द्वारा हुई उसकी कुवारी बेटी की चुदाई के बारे में बताऊंगा. एक दिन उसने मुझसे कहा कि कल वह कहीं बाहर जा रही है इसलिए उसकी बेटी सारा काम करने के लिए आएगी. अगले दिन जब वो आई तो सीधे मैंने उसे अपने पास बुला लिया. मैंने उससे जानबूझकर बात शुरू करने के लिए पूछा कि आज तुम्हारी माँ क्यों नहीं आई? वो बोली - शाहब मेरी माँ 2 दिन के लिए मेरे मामा के घर गई है और जब तक वो नहीं आ जाती तब तक आपके घर के सारे काम मैं कर दिया करुँगी. मैंने उससे कहा कि ठीक है मुझे इसमें कोई फर्क नहीं है और यदि तुम्हें कोई परेशानी लगे तो मुझे बता देना. वो झाड़ू - पोचा करने लगी. इसे निपटाकर वो मेरे कपड़े धोने लगी. मैं लगातार उसे देख रहा था इसलिए वो बोली क्यूँ शाहब जी कभी कोई लड़की नहीं देखी क्या? यह कहकर वो मुस्कुराने लगी.
उसकी मुस्कराहट मेरा चैन छीन रही थी. मैंने उसे एक आँख मारी. वो और भी ज्यादा मुस्कुराने लगी और बोली - शाहब जी , ये तो आपकी पुरानी आदत है, अब इसे छोड़ दो और कुछ नया सोचो. मैं उसके पास गया और मैंने उसके कूल्हों पर हाथ लगाया. वो बोली आप तो बहुत गंदे हो. मैं समझ गया कि यह मुझे किसी भी काम से इंकार नहीं करेगी. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे बैडरूम में ले गया और उसे अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा जिस पर वो भी बदले में मेरे होठों को चूसते हुए मस्त वाला सहयोग दे रही थी. मेरे लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती थी. उसका गोरा बदन मेंरी आँखों एक सामने किसी हीरे की तरह चमक रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने उसके टॉप को उतार दिया और उसके चुचों को मुंह में मसलने लगा. वो भी अब मेरी बाहों में सारी कामक्रीड़ा पर हुन्हुनाने लगी थी. उसकी मस्त भरी हुई चुंचियां मैंने अपने हाथ में ली और उन्हें मसलने लगा. उसके मुहं से आह आह की आवाज आ रही थी और उधर मेरा लंड जोश में आने लगा था. उसकी साँसे फुल रही थी और इधर मेरा लंड फुल रहा था. मेरा लंड पेंट से उछल के उसके बदन को छू रहा था इसलिए उसे भी अंदाजा हुआ ही होंगा की मेरा लंड कितना गरम हैं. मैंने अपने हाथ अब उसके चुंचो से निचे की तरफ बढ़ाएं और मैं उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को टच करने लगा. नौकरानी की बेटी आह आह कर रही थी और उसके मुहं पे संकोच के भाव भी थे.
अब उसके संकोच को दूर करने के लिए मैंने अपनी पेंट खोली और अपना लंड बाहर निकाला. मेरा कड़ा हुआ लंड देख के वो हैरान सी लग रही थी. शायद वो सोच रही थी की इतना बड़ा लंड आखिर उसकी कुंवारी चूत में कैसे समा सकता हैं. मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले के उसमे अपना लंड थमा दिया. वो गरम लड़की अब उसे मसलने लगी. उसके छूते ही जैसे लंड के अंदर नया जोश आया था. मैंने उसे लंड हिलाने दिया और खुद लग गया उसके चुंचो को चूसने. मैंने उसके निप्लास को मस्त तरह चूसा और उसे अपनी बाहों में भर लिया. अब मेरा लंड बेताब था उसकी चूत में अपनी स्टाइल की जोरदार उधम मचाने के लिए. मैं जोश में तो था ही और अब उसकी पैंटी को भी नीचे खींच उसकी नंगी चुत को अपनी उँगलियों से रगड़ने लगा जिसपर वो वो तडपती हुई अपने टांगो को सिकोड़ने लगी. मैंने अपने इंडियन लंड को अपने हाथों में एक बारी मसलते हुए उसकी चुत के अंदर घुसा दिया और ज़ोरदार झटके देते हुए लंड को उसकी चुत में देता ही चला गया. दो मिनट तक वो बकरी के जैसे ममियाती रही और अपने बदन को हिलाने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
वो बस झटके मारती हुई सिस्कारियां ले रही थी. मैंने अपने झटकों की रफ़्तार बढ़ाते हुए लंड को पूरा उसकी चुत में दे दिया. उसकी चुत भी चिकनी हो चुकी थी; उसकी चिकनी चुत में मेरा लंड भी अपनी फुर्सत से कलाबाज़ी दिखा रही था. मैं बस अपने बिस्तर पर उसके उपर सांड की तरह चढकर ऐसे भरकर अपने लंड के धक्के दे रहा था. वो भी अपनी गांड को हिला हिला के मुझे कस के चोदने में मजबुर कर रही थी. मेरा देसी लौड़ा उसकी चूत में अंदर तक जा के बाहर आ रहा था. वो अपनी गांड को और भी जोर जोर से हिला के लंड की मार को अपने लिए सुखद बना रही थी. मैं ज्यादा देर रोक नहीं सका अपनी भावना को, क्यूंकि यह आज के लिए पहली बारी जो थी. मेरे लंड ने उसकी सेक्सी चूत में अपना मावा निकाल डाला जिसे उसने चूत दबा के अंदर ही समा लिया. मैंने उस दिन उसे रात को भी घर नहीं जाने दिया और अगली सुबह तक उसके साथ 6 पारी खेल चूका था. सुबह जब मैंने उसे 1000 रुपए देने की कोशिश की तो उसने लेने से बिलकुल ही इनकार कर दिया. इसके बाद भी कई बार वह अपनी माँ की गैरहाजिरी में काम पर आ जाती है और मुझे सेक्स का मजा देती है.
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