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भाभी बनी कुतिया मैंने चोदी उनकी चुतिया Bhabhi bani kutiya maine chodi unki chutiya
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हेल्लो दोस्तो, मैं रवि। कहानी उन दिनों की है, जब मैं बीसीए की पढ़ाई के लिये दिल्ली गया था और रेन्ट पर रूम ढ़ुंढ रहा था। उस समय जहाँ रूम मिला, वहाँ पर एक परिवार रहते था। जिसमें भाभी-भैया और उनकी छोटी सी बेटी रहती थी। भाभी ऐसी सेक्सी थीं की कोई उन्हें देख ले तो उसका तो पानी ही निकल जाये। उनकी लचकती जवानी और उनके दो अनार के समान चुचे जिनका साइज था ३४ और कुल्हे को देखकर तो किसका मन उनको चोदने को ना करे। भैया सेल्समैन थे, जिसके कारण उन्हें ज्यादा करके बाहर रहना पड़ता था। अब जब मैं कालेज जाने लगा, मैं कुछ दिन तक तो ऐसा रहा जैसे कुछ जानता ही नहीं।
हेल्लो दोस्तो, मैं रवि। कहानी उन दिनों की है, जब मैं बीसीए की पढ़ाई के लिये दिल्ली गया था और रेन्ट पर रूम ढ़ुंढ रहा था। उस समय जहाँ रूम मिला, वहाँ पर एक परिवार रहते था। जिसमें भाभी-भैया और उनकी छोटी सी बेटी रहती थी। भाभी ऐसी सेक्सी थीं की कोई उन्हें देख ले तो उसका तो पानी ही निकल जाये। उनकी लचकती जवानी और उनके दो अनार के समान चुचे जिनका साइज था ३४ और कुल्हे को देखकर तो किसका मन उनको चोदने को ना करे। भैया सेल्समैन थे, जिसके कारण उन्हें ज्यादा करके बाहर रहना पड़ता था। अब जब मैं कालेज जाने लगा, मैं कुछ दिन तक तो ऐसा रहा जैसे कुछ जानता ही नहीं।
फिर धीरे-धीरे मेरा भाभी के साथ ताल मेल बनने लगा और कई बार भाभी मुझे चाय और कभी-कभी तो सुबह नाश्ते पर भी बुला लेती थीं और मैं कभी कालेज से आने के बाद खाली रहता तो दोनों साथ ही बैठते और सारी बातें करते थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। इस प्रकार भाभी की बातों से लगता था कि भाभी-भैया से ज्यादा खुश नहीं थीं और मैं तो भाभी के ऊपर पहले से ही फिदा था जिसकी वजह से मैंने कई बार मुठ मारी है। इस प्रकार मैं मौके की तलाश में था कि कब वो दिन आये, जब मैं भाभी को अपने बाहों में भर कर उनकी चूत फाड़ दूँ। आख़िर वो दिन आ ही गया, जब मैं कालेज से आकर फ्रेश होने के लिए गया। अचानक मेरे कमरे में आवाज़ आयी – रवि… रवि…
मैंने कहा – हाँ भाभी, क्या हुआ?
मैंने कहा – हाँ भाभी, क्या हुआ?
उसने कहा – रात को खाना हमारे साथ खाना।
मैंने झट से हाँ कर दिया। उस दिन भैया बाहर गये हुए थे। मैं रात को खाना खाने समय से पहुँच गया। उस समय भाभी ने काली रंग की नाइटी पहन रखी थीं। ऐसे लग रही थीं की मानो अभी बाहों में भर कर खुब प्यार करूँ। हमने खाना खाया और फिर भाभी छोटी को लेकर बेडरूम में चली गईं। मैंने टीवी चालु किया और सेक्सी मूवी देखने लगा और मेरा लण्ड एकदम तम्बु की तरह तन गया था… अचानक मैंने भाभी को आते देखकर, चैनल चेन्ज किया तो भाभी बोलीं – क्या देख रहे हो?
मैंने डरते हुए कहा – कुछ नहीं। लेकिन भाभी ने टीवी और मेरा तना हुआ तम्बु देख लिया था और भाभी पास में आकर सोफे पर बैठ गईं और धीरे-धीरे भाभी पेंट के ऊपर से मेरे लण्ड को सहलाने लगीं… और फिर कुछ ही देर में लण्ड को पेंट से निकालकर चूसने लगीं। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर हम दोनों उसी हालत में बेडरूम में चले गये और मैंने एक एक करके भाभी के सभी कपड़ों को खोल दिया। उसके बाद भाभी पूरी नंगी मेरी आँखों के सामने थीं और उनके अनार जैसे लटकते दो कबुतर ऐसे लग रहे थे मानो उसको पीता ही रहूं। फिर हम दोनों 69 की स्थिती में लेट गये। वो मेरा लण्ड ऐसे चूस रही थीं जैसे लालीपाप चूस रही हों और मैं उनकी चूत को बेतहाशा चूस रहा था। इस प्रकार हमने करीब 10 मिनट तक ऐसा ही किया और मैं झड़ने लगा। उन्होंने पूरा रस अपने मुँह में ले लिया और मैं भी उनकी चूत का रसपान कर रहा था।
फिर भाभी ने कहा – अब मुझसे सहा नहीं जाता, मेरी चूत फाड़ डालो; राजा… चोदो मुझे चोदो…
मैंने झट से हाँ कर दिया। उस दिन भैया बाहर गये हुए थे। मैं रात को खाना खाने समय से पहुँच गया। उस समय भाभी ने काली रंग की नाइटी पहन रखी थीं। ऐसे लग रही थीं की मानो अभी बाहों में भर कर खुब प्यार करूँ। हमने खाना खाया और फिर भाभी छोटी को लेकर बेडरूम में चली गईं। मैंने टीवी चालु किया और सेक्सी मूवी देखने लगा और मेरा लण्ड एकदम तम्बु की तरह तन गया था… अचानक मैंने भाभी को आते देखकर, चैनल चेन्ज किया तो भाभी बोलीं – क्या देख रहे हो?
मैंने डरते हुए कहा – कुछ नहीं। लेकिन भाभी ने टीवी और मेरा तना हुआ तम्बु देख लिया था और भाभी पास में आकर सोफे पर बैठ गईं और धीरे-धीरे भाभी पेंट के ऊपर से मेरे लण्ड को सहलाने लगीं… और फिर कुछ ही देर में लण्ड को पेंट से निकालकर चूसने लगीं। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर हम दोनों उसी हालत में बेडरूम में चले गये और मैंने एक एक करके भाभी के सभी कपड़ों को खोल दिया। उसके बाद भाभी पूरी नंगी मेरी आँखों के सामने थीं और उनके अनार जैसे लटकते दो कबुतर ऐसे लग रहे थे मानो उसको पीता ही रहूं। फिर हम दोनों 69 की स्थिती में लेट गये। वो मेरा लण्ड ऐसे चूस रही थीं जैसे लालीपाप चूस रही हों और मैं उनकी चूत को बेतहाशा चूस रहा था। इस प्रकार हमने करीब 10 मिनट तक ऐसा ही किया और मैं झड़ने लगा। उन्होंने पूरा रस अपने मुँह में ले लिया और मैं भी उनकी चूत का रसपान कर रहा था।
फिर भाभी ने कहा – अब मुझसे सहा नहीं जाता, मेरी चूत फाड़ डालो; राजा… चोदो मुझे चोदो…
तब मैंने लण्ड का सुपाड़ा उनकी चूत पर रखा और एक बार जोर का झटका दिया तो लण्ड आधा अंदर घूस गया। भाभी चीख पड़ीं और फिर मैंने अपना लंड उनके चूत से बाहर किया और उसके बाद फिर एक जोर के झटके में पूरा लण्ड उनकी चूत में घूस गया। भाभी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं – आआआआअअअअअअअअउउउउ… इइइइइइइआआआअइइइइउउअ… इस प्रकार शुरू में कुछ दर्द हूआ, फिर मजा आने लगा और भाभी अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी और मैं भी इसका मजा लेते हुए लंड अन्दर बाहर करने लगा और इधर मैं उनके स्तन का रस पान कर रहा था और एक हाथ से उनके स्तन को दबा रहा था। इस प्रकार करीब 15 मिनट चुदाई के बाद भाभी झड़ गईं लेकिन मैं अभी तक चोद्ते ही जा रहा था।
फिर कुछ समय बाद मैं जब झड़ने वाला था तो भाभी ने कहा – आज तो तुने मेरे चूत की प्यास बुझा दी राजा… अन्दर ही गिरा दे!! आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे फिर मैंने उन्हें कुतिया बनने को कहा और उनकी चुदाई की। इस प्रकार उस रात को मैंने 3 बार भाभी की चुदाई की। तो दोस्तो, ये कहानी कैसे लगी?
फिर कुछ समय बाद मैं जब झड़ने वाला था तो भाभी ने कहा – आज तो तुने मेरे चूत की प्यास बुझा दी राजा… अन्दर ही गिरा दे!! आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। कुछ देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे फिर मैंने उन्हें कुतिया बनने को कहा और उनकी चुदाई की। इस प्रकार उस रात को मैंने 3 बार भाभी की चुदाई की। तो दोस्तो, ये कहानी कैसे लगी?
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