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बहु हो तो ऐसी जो चोदें सबके लंड - Bahu ho to aisi jo chode sabke lund
बहु हो तो ऐसी जो चोदें सबके लंड - Bahu ho to aisi jo chode sabke lund , बहु सिर्फ एक की नहीं होती पूरा परिवार उसे चोद सकता है , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
शादी करके मैं यहाँ अपनी ससुराल सबके लण्ड चोदने आई हूँ, सासू जी। मैं यहां केवल अपने मियां का लण्ड चोदने नहीं आई हूँ। मैं तो सबके लण्ड चोदूँगी. सबके मियां के लण्ड चोदूँगी, तेरे भी मियां का लण्ड चोदूँगी सासू जी। कुबने के सब मर्दों के लण्ड चोदूँगी, उनके दोस्तों के लण्ड चोदूँगी, आने जाने वालों के लण्ड चोदूँगी, नाते रिश्तेदारों के लण्ड चोदूंगी।
मैं यहाँ कोई चौका चूल्हा करने नहीं आईं हूँ, मैं तो सिर्फ लण्ड चोदने आयी हूँ और अगर कोई मेरे लण्ड चोदने के रास्ते में आएगा या आएगी तो मैं उसकी गांड मार दूँगी, माँ चोद दूँगी मैं उसकी । समझ गयी न मेरी हरामजादी सासू जी।
सास तो तुम मेरी आज बनी हो, मैं तुम्हे अच्छी तरह जानती हूँ। लण्ड चोदने में तुम भी बहुत नाम कमा चुकी हो सासू जी। अब मैं देखूँगी की तुम ज्यादा लण्ड चोदती हो की मैं ?
उस दिन जब मेरी नन्द घर वापस आयी तो मैं दौड़ी दौड़ी उसके पास गई और बोली - हाय मेरी नन्द
रानी तेरी अम्मी बुर चोदी तुम्हे बड़ी बड़ी गालियां दे रही थी। वह कह रहीं थी की बहू तेरी नन्द के आजकल चाल चलन ठीक नज़र नहीं आ रहें हैं। बिना बताये जाने कहाँ कहाँ घूमती रहती है भोसड़ी वाली ? मैंने तो सुना है की वह कई लड़कों से सम्बन्ध बनाये हुए है और उन्ही के साथ इधर उधर घूमती रहती है। मुझे यह भी मालूम हुआ की तेरी नन्द लड़कों के लण्ड पकड़ती है, लण्ड मुंह में लेती है और मौक़ा पाकर अपनी चूत में भी घुसेड़ लेती है लण्ड। मुझे उसी की एक सहेली ने बताया की निदा लड़कों के साथ सिनेमा देखने जाती है और वहीँ आखिर वाली सीट पर बैठ कर लड़कों के लण्ड हिलाती है और मुंह में भर कर लण्ड पीती है। कभी बाथ रूम में लण्ड पकड़ती है तो कभी किसी के घर जाकर लण्ड पीती है। उसकी लण्ड पकड़ने की आदत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है बहू रानी। अब उसका निकाह होने वाला है। कहीं ऐसा न हो की वह किसी दिन किसी से चुदवाना भी शुरू कर दे ? जोश में आकर कहीं उल्टा सीधा हो गया बहू तो लेने के देने पड़ जायेंगें। पता नहीं की वह कहाँ कहाँ अपना मुंह काला करवाती रहती है। थोड़ा नाराज़ दिख रहीं थीं तेरी अम्मी, निदा ?
नन्द बोली - अम्मी की बिटिया की बुर, भाभी जान ? अम्मी की बहन का भोसड़ा ? अम्मी की बुर चोदी चूत ? उस भोसड़ी वाली को नहीं मालूम की वह जो करती है उसका पता उसकी बिटिया को चल जाता है। तुम बिलकुल चिंता न करो भाभी जान ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। हां यह बात सही है की मैं लण्ड जरूर पकड़ती हूँ। लण्ड पीती हूँ, मुठ्ठ मारती हूँ लण्ड का और अपनी चूँचियाँ के बीच भी पेलती हूँ लण्ड और चुदवाती भी हूँ। पर अम्मी को इन सब बातों से क्या लेना देना है ? वह भी तो भोसड़ी वाली गैर मर्दों के लण्ड पकड़ती है, उनके लण्ड मुंह में लेती है, लण्ड अपने भोसड़ा में घुसा कर चुदवाती है और तुम्हे उलटा पाठ पढ़ा रही है, भाभी जान ? तेरी सास बहुत बड़ी हरामजादी है बहन चोद। अभी दो दिन पहले वह रहमान अंकल से चुदवा रही थी, कल वह मेरी खाला की बेटी के मियां का लण्ड पी रही थी। इसके पहले मैंने उसे सफीक अंकल का लण्ड चोदते हुए देखा। मैंने इन सबका वीडियो बना लिया है । जब उसे दिखा दूँगी तो गांड फट जाएगी उसकी ? जो मादर चोद खुद गैर मर्दों से चुदवाती है वो मुझे क्या रोकेगी ? अब मैं २३ साल की हो गयी हूँ। बच्ची नहीं हूँ। सब समझती हूँ। अब तो मैं तेरी सास का भोसड़ा भी चोद सकती हूँ। वह मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी बुर चोदी।
मैंने कहा - तो फिर तुम अपनी अम्मी जान को सब कुछ खुल कर बता क्यों नहीं देती, नन्द रानी ? लण्ड अपनी अम्मी के सामने क्यों नहीं पीती हो ?
वह बोली - अरे भाभी जान अगर मैं अम्मी के सामने लण्ड पियूँगी तो वह मुझे पीने नहीं देगी। लण्ड मुझसे छीनकर खुद पीने लगेगी। फिर लण्ड अपने भोसड़ा में घुसेड़ लेगी और मैं चुदासी ही रह जाऊंगी।
मैंने कहा - तो फिर तुम किसी दिन उसे रंगे हाथों पकड़ लो और लण्ड उसके भोसड़ा से निकाल कर अपनी चूत में घुसेड़ लो।
वह बोली - हां भाभी जान अब मुझे यही करना पड़ेगा।
मैंने मुस्कराकर कहा - निदा, तेरी माँ की चूत और तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं दोनों का इंतज़ाम करती हूँ।
दोस्तों, आपने सुना की मेरी नन्द किस तरह की बातें करती है और उसके क्या विचार हैं अपनी अम्मी जान के बारे में । इसी तरह मेरी सास भी अपनी बेटी के बारे में क्या कह रहीं हैं। वह भी आपने सुना। असल बात यह है की दोनों भोसड़ी वाली लण्ड की दीवानी है। सास चाहती है की मेरी बेटी अपने दोस्तों के लण्ड मेरी चूत में पेले और नन्द चाहती है की अम्मी जान अपने दोस्तों के लण्ड मेरी चूत में पेलें। अभी दोनों अलग अलग ही लण्ड पकड़ती है और अलग अलग ही चुदवाती हैं। अब मैं नन्द की बुर चोदूँगी सास के सामने और सास का भोसड़ा चोदूँगी नन्द के सामने। तब इन दोनों का शक दूर होगा।
एक दिन रात को मैंने देखा की मेरा खालू ससुर अतीक मियां पलंग पर लेटा हुआ अपना लण्ड सहला रहा है। उसकी लुंगी खुली हुई थी इसलिए लण्ड मुझे पूरा नज़र आ रहा था। अब रात में अगर किसी जवान औरत को लण्ड दिख जाए तो वह अपने आप को रोक नहीं सकती। मैं उसके नजदीक पहुँच गयी। थोड़ी देर तो खड़ी रही पर फिर बड़ी बेशर्मी से मैंने हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया। वह सकपका गया बोला अरे बहू तुम ? तुम यहाँ कैसे ? मैंने कहा मैं तेरा लण्ड पलदने आई हूँ ? ये लण्ड है ससुर जी इसे औरतों के हाथ में होना चाहिए मर्दों के हाथ में नहीं ? मर्दों के हाथ में चूँचियाँ होनी चाहिए। लो पकड़ो मेरी बहन चोद चूँचियाँ। मेरी बेशर्मी देख कर वह दंग रह गया। मैंने कहा क्या चूँचियाँ पकड़ने में तुम्हे शर्म आ रही है, ससुर जी ? क्या गांड फट रही है तेरी ? मेरी गाली सुनकर उसकी हिम्मत बढ़ गयी और उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैं लण्ड चाटने और वह मेरी चूत।
उस दिन लण्ड मैंने मुंह में भी लिया और बुर में भी। एक दिन इसी तरह मैंने नन्द के देवर को पकड़ लिया। सवेरे के ५ बजे थे। ठण्ढी ठंढी हवा चल रही थी। मई उठी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैनचानक ऊपर छत पर चली गई। दूर से मैंने देखा की मेरी नन्द का देवर अकेला ही छत पर लेटा है। मैं उसके पास गई तो देखा की वह अपना ही लण्ड पकड़ कर सड़का मार रहा है। लण्ड उसका टन्नाया हुआ है सुपाड़ा उसका फूला हुआ है। मैं लण्ड देख कर ललचा गई और पास जाकर बोली भोसड़ी के अली तेरी भाभी यहाँ मौजूद है. तेरी भाभी की भाभी भी बुर चोदी मौजूद है फिर भी तो अपने लण्ड का सड़का मार रहा है। अपनी भाभी से क्यों नहीं मरवाता सड़का ? मुझसे क्यों नहीं मरवाता सड़का ? मैं सड़का भी मारूंगी और तेरा लण्ड भी पियूँगी। मैंने ऐसा कह कर उसका लण्ड छीन लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगी। मैंने कहा अब बोलो सड़का मरवाओगे की मेरी बुर चोदोगे ? वह बोला अरे भाभी जान तुम मुझसे चुदवा लोगी ? मैंने कहा हां बिलकुल चुदवा लूँगी ? वह बोला अच्छा तुम वैसे ही चुदवा लोगी जैसे मेरी भाभी चुदवाती हैं। मैंने कहा हां यार बिलकुल वैसे ही तुम चोद कर तो देखो। बस उसने मुझे पकड़ा और मेरे ऊपर चढ़ बैठा।
फिर मैंने उससे खूब झमाझम चुदवाया। एक रात को मैंने देखा की मेरी सास और नन्द दोनों एक ही कमरे में बैठी हैं। रात का समय था। मेरी चूत गरमा रही थी। मैं चुदासी थी। मैंने खाला ससुर को बुला लिया और नन्द के देवर को भी। मैं दोनों लण्ड नंगी नंगी बारी बारी से चूसने लगी। तभी मुझे ख्याल आया तो मैं दोनों लण्ड पकड़े पकड़े सास के कमरे में घुस गयी। सास मुझे देख कर हैरान हो गयी। वह बोली हाय दईया ये क्या बहू रानी तेरे हाथ में दो दो लण्ड ? मैंने कहा हां सासू जी मैं ये दोनों लण्ड तेरे सामने चोदूँगी। और फिर इन्हे पेल पेल कर तुम दोनों की बुर चोदूँगी।
सास बोली - तो क्या तुम यहाँ सिर्फ लण्ड चोदने ही आयी हो ? और कोई काम नहीं है तेरे पास ?
मैंने कहा - मैं यहां अपनी ससुराल में केवल अपने मियां का लण्ड चोदने नहीं आई हूँ। मैं तो सबके मियां के लण्ड चोदने आई हूँ, सासू जी। तेरे मियां का भी लण्ड चोदूँगी, कुबने के सब मर्दों के लण्ड चोदूँगी, उनके दोस्तों के लण्ड चोदूँगी, आने जाने वालों के लण्ड चोदूँगी, नाते रिश्तेदारों के लण्ड चोदूंगी। मैं यहाँ कोई चौका चूल्हा करने नहीं आईं हूँ, मैं तो सिर्फ लण्ड चोदने आयी हूँ और अगर कोई मेरे लण्ड चोदने के रास्ते में आएगा तो मैं उसकी माँ चोद दूँगी । समझ गयी न मेरी हरामजादी सासू जी। सास तो तुम मेरी आज बनी हो, मैं तुम्हे अच्छी तरह जानती हूँ। लण्ड चोदने में तुम भी बहुत माहिर हो सासू जी। अब मैं देखूँगी की तुम ज्यादा लण्ड चोदती हो की मैं ?
मेरी बातें सुनकर और मेरे हाथ में दो दो नंगे लण्ड देख कर सास की आँखें खुली की खुली रह गयी। वह बोली हाय दईया तुझे मेरे बारे में बहुत कुछ मालूम है मेरी बुर चोदी बहू। ये लण्ड दिखा कर तुमने मेरे भोसड़ा में आग लगा दी है सबीना। अब तो मैं रुक नहीं सकती। तब तक मेरी नन्द बोली हाय भाभी आग तो मेरी भी चूत में लग चुकी है और सुन भाभी साहिबा लण्ड मुझे भी चोदना आता है। इतने में सासू जी अंदर गई और थोड़ी दे में वह नंगी नंगी एक लण्ड पकड़े पकड़े वापस आ गई। मुझे लण्ड दिखाती हुई बोली बहू ये लण्ड पहचानती है तू ? मैंने लण्ड गौर से देखा और कहा हां सासू जी थोड़ा थोड़ा याद आ रहा है पर ठीक से कह नहीं सकती। लगता है की कहीं मैने ये लण्ड देखा है पर ये है कौन अभी इसे याद नहीं कर पा रही हूँ। उसका मुंह सास ने ढक दिया था।
वह बोली - तब फिर तू मेरा क्या मुकाबला करेगी माँ की लौड़ी। मैं भी वो सब लण्ड पहचानती हूँ जो जो मैंने अभी तक पकड़े हैं। अरे मैं तो अँधेरे में भी लण्ड पकड़ कर लण्ड वाले का नाम बता दूँगी।
मेरी नन्द बोली - देखा भाभी जान मैंने कहा था न की मेरी अम्मी बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। जाने कितने लण्ड पहचानती है।
सास ने अपनी बेटी से कहा - तो क्या किसी ने लण्ड पहचानने से मना किया है ? तू भी पहचाना कर लण्ड भोसड़ी वाली निदा तेरी माँ की चूत ?
निदा बोली - तेरी बहू की नन्द की बुर भोसड़ी की अम्मी जान ? सास ने जब मुंह से कपड़ा हटाया तो वह मेरा जीजू निकला।
मैंने कहा - जीजू तुम ? तुम मादर चोद कब आये ?
वह बोला - मैं अभी अभी बस आ ही रहा हूँ तब तक तेरी सास ने मुझे नंगा किया और मेरा लण्ड पकड़ कर यहाँ ले आईं।
मेरी नन्द के मेरे जीजू आरिफ का लण्ड सास से छीन लिया यानी अपनी माँ से छीन लिया और चाटने लगी। मैं उसके देवर अली का लण्ड चाटने लगी और मेरी सास अपने देवर का लण्ड यानी मेरे खाला ससुर अतीक का लण्ड। सबके बदन से कपड़े उतरने लगे। देखते ही देखते सब लोग नंगे हो गए और हम तीनो सास बहू नन्द भी नंगी हो गयीं। हम एक दूसरे को लण्ड चूसते हुए आज पहली बार देख रहीं थीं। मैंने ठान लिया की आज मैं इन तीनो लण्ड पर चढ़ कर इन्हे चोदूँगी।
मुझे तो नन्द के देवर अली का लौड़ा बड़ा अच्छा लग रहा था. मेरे जीजू का लौड़ा तो साला मोटा है ही और खाला ससुर का लण्ड तो साला एकदम घोड़े का लण्ड लगता है। सबसे पहले मैं अली के लण्ड पर चढ़ बैठी और झुक कर अपने चूतड़ बार बार लण्ड पर पटकने लगी। जैसे मरद बुर चोदते हैं मैं बिलकुल उसी तरह अली का लण्ड चोदने लगी। मुझे देख कर मेरी नन्द भी मेरा जीजू का लण्ड चोदने लगी और तब सास बोली हाय अल्ला तुम दोनों ने लण्ड चोदना शुरू कर दिया तो मैं पीछे क्यों रहूं ? वह भी अपने देवर के लण्ड पर चढ़ बैठी और फचर फचर लण्ड चोदने लगी। मैं जानती थी की मेरी सास भोसड़ी वाली बहुत बड़ी लण्ड की खिलाड़ी है। वो तो जवान हो रही लड़कियों को लण्ड पकड़ना और माँ चुदाना सिखाती है। जब मुझे मालूम हुआ की ये मेरी सास होने वाली है तो मन की मन बड़ी खुश हुई थी। क्योंकि ये बहन चोद मुझे ग़ैर मरदों से चुदवाने के लिए मना नहीं कर सकती और मुझे तो तरह तरह के लण्ड चोदने का शौक पैदा हो गया था।
सास बोली - बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मुझे नहीं मालूम था की तू लण्ड चोदने में इतनी एक्सपर्ट है।
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की बुर बहन चोद मुझे भी नहीं मालूम था की तू अपनी बहू बेटी के सामने ही अपना भोसड़ा चुदवायेगी ?
तब तक नन्द बोली - भाभी जान, तेरी सास की बिटिया की बुर मादर चोद ? मुझे नहीं मालूम था की मेरी भाभी जान इतनी चुदक्कड़ निकलेगी और जो अपनी ही सास और नन्द के सामने लण्ड चोदेगी ?
हम तीनो ने इस तरह की गन्दी गन्दी बाते करके लण्ड चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी।
इतने में नन्द कूद कर अपने देवर के लण्ड पर बैठ गयी, मैं अपने खालू ससुर के लण्ड पर चढ़ बैठी और मेरी सास मेरे जीजू के लण्ड पर बैठ गई। हम तीनो ने लण्ड बदल लिया तो मज़ा फिर वही आने लगा जो शुरू में आया था। हम लोग एक दूसरे को देख देख कर लण्ड भकाभक चोदने लगीं। लण्ड चोदने का मज़ा कुछ और ही होता है, दोस्तों।
एक दिन मैंने देखा की मेरा देवर बाथ रूम में नहाने चला गया है लेकिन उसने दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया। बस मेरी चूत बुर चोदी मचलने लगी। मैं अंदर घुस गयी तो देखा की वह बिलकुल नंगा है और उसका लण्ड खड़ा है। मैंने फटाक से लण्ड पकड़ लिया तो लण्ड साला और तन गया। वह बोला अरे भाभी जान ,,,,,,, ? मैंने कहा भोसड़ी के देवर जी जब मैं हूँ तू अकेला क्यों नहाता है। मैं तुझे और तेरे लण्ड को नहलाऊंगी। मैं लण्ड पर साबुन लगाने लगी। तब तक मैं भी अपने कपड़े खोल कर नंगी हो चुकी थी। वह मेरी चूँचियाँ देखने लगा। मैंने कहा लो तुम लगाओ न साबुन इन चूँचियों पर। फिर हम दोनों ने एक दूसरे को खूब नहलाया। बाद में उसे बाहर बिकाल कर मैंने चित लिटा दिया और उसका लण्ड मुंह में भर लिया। मैं चाटने लगी उसका लण्ड और वह मेरी चूत। थोड़ी देर में मैं उसके लण्ड पर बैठ गयी और चोदने लगी सटासट लण्ड।
ऐसे ही एक दिन मुझे अपने ससुर के लण्ड पर बैठने का मौक़ा मिल गया ? क्या गज़ब का लौड़ा था उसका यार ? बाप रे बाप जिसकी चूत में घुस जाए उसकी ख़ैर नहीं बहन चोद ? हुआ यह की एक रात को जब मैं उठी तो देखा की बगल के कमरे में कुछ हल चल हो रही है। मैं झाँक कर देखने लगी , मैंने देखा की मेरी खाला सास मेरे ससुर का लण्ड पकड़े हुए हिला रहीं हैं और बार बार उसे चूम भी रहीं हैं। लण्ड साला मुझे पूरा का पूरा दिख रहा था तो मेरी चूत गरम हो गयी। थोड़ी देर में खाला सास उसके लण्ड पर बैठ गयी और लण्ड चोदने लगी। मैंने मन में कहा ये तो मेरा काम है यहाँ सब बुर चोदी अब मेरी तरह लण्ड चोदने लगीं हैं। मैं फिर रुकी नहीं और सीधे कमरे में घुस गयी। मैंने सोंचा की मेरा ससुर भी भोसड़ी वाला परायी बीवियां चोदता है तो फिर मुझे भी चोद सकता है और फिर मुझे डर किस बात का ?
मैंने अंदर घुस कर कहा मैं भी तेरे लण्ड पर बैठूंगी, ससुर जी। उसने कहा अरे बहू तुम ? अगर तुम बैठना चाहती हो तो बैठो मेरे लण्ड पर ? तब तक खाला सास बोली तू बुर चोदी बहू मेरे शौहर के लण्ड पर बैठ चुकी हो और अब मेरे जीजू के लण्ड पर बैठेगी। तुम्हे शर्म नहीं आती ? मैंने कहा जब तुम्हे पराये मरद के लण्ड पर बैठने में कोई शर्म नहीं आती तो मुझे क्यों आये ? मैंने खाला को उठाया और मैं बैठ गई उसके लण्ड पर। लण्ड जैसे ही मेरी चूत में घुसा वैसे ही मेरे मुंह से निकला उई माँ फट गयी मेरी बुर बहन चोद
? इस मादर चोद का लण्ड बहुत बड़ा है अम्मी जान और मोटा भी है। ये तो तेरी बेटी की बुर फाड़ डालेगा। उसके बाद मैं खुद धकाधक चोदने लगी अपने ससुर का लण्ड। एक दिन ऐसा हुआ की मैं अपने मामू जान से बात कर रही थी। तभी मुझे एक खीख सुनाई पड़ी। मुझे यकीन हो गया की घर में कोई चुदवा रही है क्योंकि ऐसी चीख तभी निकलती है जब कोई चुदवा रही होती है। मैं अगल बगल देखने लगी। मुझे एक कमरे की लाइट दिखाई पड़ी तो मैं झांक कर देखने लगी। मैंने देखा की मेरी सास नंगी नंगी किसी का लौड़ा पी रहीं है। पर जिसका लौड़ा पी रही है वह लड़का सास से बहुत छोटा है बल्कि उसकी बेटी की उम्र का है । उसी के बगल में मेरी नन्द किसी मरद से चुदवा रही है। चोदने वाला मरद तो मेरे ससुर के उम्र का लंग रहा था। मैं अपने आप को रोक न सकीय और फौरन अंदर घुस गयी। मुझे देख कर मेरी सास बोली - आ जा भोसड़ी की बहू रानी ? इतनी देर से तू अपनी माँ चुदा रही थी क्या ? मैंने तो सोंच रही थी की तू आज मेरे सामने किसी का लण्ड चोद कर दिखा पर तू तो अपनी माँ का भोसड़ा चुदाने में लगी थी शायद ? मैंने कहा नहीं सासू जी मैं अपनी माँ नहीं चुदा रही थी बल्कि अपनी झांटें बना रही थी। झांटें बनाकर आयी तो अपने मामू से बातें करने लगी। पर ये बताओ सासू जी ये है कौन जिसका लण्ड तुम पी रही हो। वह बोली बहू रानी ये मेरी बहन की बेटी का शौहर है। इसका लण्ड आज मैं चोदूँगी। मैंने पूंछा तो फिर ये तेरो बेटी यानी मेरी नन्द किससे चुदवा रही है। वह बोली तेरी नन्द बुर चोदी अपने ससुर से चुदवा रही है, बहू रानी। इसका लौड़ा जब तेरी नन्द की बुर में घुसा तो इसकी चीख निकल पड़ी। मैंने कहा हां हां सासू जी मैंने इसकी चीख सुनी।
बस मैंने अपनी नन्द को हटाया और उसके ससुर को चित लिटा कर मैं उसके लण्ड पर बैठ गयी। मैंने कहा हाय नन्द रानी मैं अब तेरे ससुर का लण्ड चोदूँगी। नन्द बोली - हाय मेरी भाभी जान तू तो मादर चोद बड़ी सायानी निकली। पहले तूने मेरे शौहर का लण्ड चोदा। फिर मेरे खालू का लण्ड चोदा, फिर मेरे देवर का लण्ड चोदा, मेरे नंदोई का लण्ड चोदा और अब तू मेरे ससुर का लण्ड चोद रही है। क्या तू मेरी ससुराल वालों के ही लण्ड चोदेगी ? मैंने कहा नहीं मेरी नन्द रानी ? मैंने अपनी ससुराल वालों के भी लण्ड चोदे। मैंने अपने देवर का लण्ड चोदा अपने ससुर का लण्ड चोदा। ये तो शुरुआत है। देखती जाओ मैं किस किस का लण्ड चोदती हूँ। देखना एक दिन ऐसा आएगा जब कोई भी ऐसा मादर चोद लण्ड नहीं बचेगा इस कुनबे में जिसे मैंने चोदा न हो। मैं तो अपनी ससुराल में लण्ड चोदने ही आई हूँ।
नन्द बोली - वाओ, तो फिर मैं भी अपनी ससुराल के सबके लण्ड चोदूँगी।
शादी करके मैं यहाँ अपनी ससुराल सबके लण्ड चोदने आई हूँ, सासू जी। मैं यहां केवल अपने मियां का लण्ड चोदने नहीं आई हूँ। मैं तो सबके लण्ड चोदूँगी. सबके मियां के लण्ड चोदूँगी, तेरे भी मियां का लण्ड चोदूँगी सासू जी। कुबने के सब मर्दों के लण्ड चोदूँगी, उनके दोस्तों के लण्ड चोदूँगी, आने जाने वालों के लण्ड चोदूँगी, नाते रिश्तेदारों के लण्ड चोदूंगी।
मैं यहाँ कोई चौका चूल्हा करने नहीं आईं हूँ, मैं तो सिर्फ लण्ड चोदने आयी हूँ और अगर कोई मेरे लण्ड चोदने के रास्ते में आएगा या आएगी तो मैं उसकी गांड मार दूँगी, माँ चोद दूँगी मैं उसकी । समझ गयी न मेरी हरामजादी सासू जी।
सास तो तुम मेरी आज बनी हो, मैं तुम्हे अच्छी तरह जानती हूँ। लण्ड चोदने में तुम भी बहुत नाम कमा चुकी हो सासू जी। अब मैं देखूँगी की तुम ज्यादा लण्ड चोदती हो की मैं ?
उस दिन जब मेरी नन्द घर वापस आयी तो मैं दौड़ी दौड़ी उसके पास गई और बोली - हाय मेरी नन्द
नन्द बोली - अम्मी की बिटिया की बुर, भाभी जान ? अम्मी की बहन का भोसड़ा ? अम्मी की बुर चोदी चूत ? उस भोसड़ी वाली को नहीं मालूम की वह जो करती है उसका पता उसकी बिटिया को चल जाता है। तुम बिलकुल चिंता न करो भाभी जान ऐसा कुछ होने वाला नहीं है। हां यह बात सही है की मैं लण्ड जरूर पकड़ती हूँ। लण्ड पीती हूँ, मुठ्ठ मारती हूँ लण्ड का और अपनी चूँचियाँ के बीच भी पेलती हूँ लण्ड और चुदवाती भी हूँ। पर अम्मी को इन सब बातों से क्या लेना देना है ? वह भी तो भोसड़ी वाली गैर मर्दों के लण्ड पकड़ती है, उनके लण्ड मुंह में लेती है, लण्ड अपने भोसड़ा में घुसा कर चुदवाती है और तुम्हे उलटा पाठ पढ़ा रही है, भाभी जान ? तेरी सास बहुत बड़ी हरामजादी है बहन चोद। अभी दो दिन पहले वह रहमान अंकल से चुदवा रही थी, कल वह मेरी खाला की बेटी के मियां का लण्ड पी रही थी। इसके पहले मैंने उसे सफीक अंकल का लण्ड चोदते हुए देखा। मैंने इन सबका वीडियो बना लिया है । जब उसे दिखा दूँगी तो गांड फट जाएगी उसकी ? जो मादर चोद खुद गैर मर्दों से चुदवाती है वो मुझे क्या रोकेगी ? अब मैं २३ साल की हो गयी हूँ। बच्ची नहीं हूँ। सब समझती हूँ। अब तो मैं तेरी सास का भोसड़ा भी चोद सकती हूँ। वह मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ पायेगी बुर चोदी।
मैंने कहा - तो फिर तुम अपनी अम्मी जान को सब कुछ खुल कर बता क्यों नहीं देती, नन्द रानी ? लण्ड अपनी अम्मी के सामने क्यों नहीं पीती हो ?
वह बोली - अरे भाभी जान अगर मैं अम्मी के सामने लण्ड पियूँगी तो वह मुझे पीने नहीं देगी। लण्ड मुझसे छीनकर खुद पीने लगेगी। फिर लण्ड अपने भोसड़ा में घुसेड़ लेगी और मैं चुदासी ही रह जाऊंगी।
मैंने कहा - तो फिर तुम किसी दिन उसे रंगे हाथों पकड़ लो और लण्ड उसके भोसड़ा से निकाल कर अपनी चूत में घुसेड़ लो।
वह बोली - हां भाभी जान अब मुझे यही करना पड़ेगा।
मैंने मुस्कराकर कहा - निदा, तेरी माँ की चूत और तेरी माँ की बिटिया की बुर ? मैं दोनों का इंतज़ाम करती हूँ।
दोस्तों, आपने सुना की मेरी नन्द किस तरह की बातें करती है और उसके क्या विचार हैं अपनी अम्मी जान के बारे में । इसी तरह मेरी सास भी अपनी बेटी के बारे में क्या कह रहीं हैं। वह भी आपने सुना। असल बात यह है की दोनों भोसड़ी वाली लण्ड की दीवानी है। सास चाहती है की मेरी बेटी अपने दोस्तों के लण्ड मेरी चूत में पेले और नन्द चाहती है की अम्मी जान अपने दोस्तों के लण्ड मेरी चूत में पेलें। अभी दोनों अलग अलग ही लण्ड पकड़ती है और अलग अलग ही चुदवाती हैं। अब मैं नन्द की बुर चोदूँगी सास के सामने और सास का भोसड़ा चोदूँगी नन्द के सामने। तब इन दोनों का शक दूर होगा।
एक दिन रात को मैंने देखा की मेरा खालू ससुर अतीक मियां पलंग पर लेटा हुआ अपना लण्ड सहला रहा है। उसकी लुंगी खुली हुई थी इसलिए लण्ड मुझे पूरा नज़र आ रहा था। अब रात में अगर किसी जवान औरत को लण्ड दिख जाए तो वह अपने आप को रोक नहीं सकती। मैं उसके नजदीक पहुँच गयी। थोड़ी देर तो खड़ी रही पर फिर बड़ी बेशर्मी से मैंने हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया। वह सकपका गया बोला अरे बहू तुम ? तुम यहाँ कैसे ? मैंने कहा मैं तेरा लण्ड पलदने आई हूँ ? ये लण्ड है ससुर जी इसे औरतों के हाथ में होना चाहिए मर्दों के हाथ में नहीं ? मर्दों के हाथ में चूँचियाँ होनी चाहिए। लो पकड़ो मेरी बहन चोद चूँचियाँ। मेरी बेशर्मी देख कर वह दंग रह गया। मैंने कहा क्या चूँचियाँ पकड़ने में तुम्हे शर्म आ रही है, ससुर जी ? क्या गांड फट रही है तेरी ? मेरी गाली सुनकर उसकी हिम्मत बढ़ गयी और उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैं लण्ड चाटने और वह मेरी चूत।
उस दिन लण्ड मैंने मुंह में भी लिया और बुर में भी। एक दिन इसी तरह मैंने नन्द के देवर को पकड़ लिया। सवेरे के ५ बजे थे। ठण्ढी ठंढी हवा चल रही थी। मई उठी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैनचानक ऊपर छत पर चली गई। दूर से मैंने देखा की मेरी नन्द का देवर अकेला ही छत पर लेटा है। मैं उसके पास गई तो देखा की वह अपना ही लण्ड पकड़ कर सड़का मार रहा है। लण्ड उसका टन्नाया हुआ है सुपाड़ा उसका फूला हुआ है। मैं लण्ड देख कर ललचा गई और पास जाकर बोली भोसड़ी के अली तेरी भाभी यहाँ मौजूद है. तेरी भाभी की भाभी भी बुर चोदी मौजूद है फिर भी तो अपने लण्ड का सड़का मार रहा है। अपनी भाभी से क्यों नहीं मरवाता सड़का ? मुझसे क्यों नहीं मरवाता सड़का ? मैं सड़का भी मारूंगी और तेरा लण्ड भी पियूँगी। मैंने ऐसा कह कर उसका लण्ड छीन लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगी। मैंने कहा अब बोलो सड़का मरवाओगे की मेरी बुर चोदोगे ? वह बोला अरे भाभी जान तुम मुझसे चुदवा लोगी ? मैंने कहा हां बिलकुल चुदवा लूँगी ? वह बोला अच्छा तुम वैसे ही चुदवा लोगी जैसे मेरी भाभी चुदवाती हैं। मैंने कहा हां यार बिलकुल वैसे ही तुम चोद कर तो देखो। बस उसने मुझे पकड़ा और मेरे ऊपर चढ़ बैठा।
फिर मैंने उससे खूब झमाझम चुदवाया। एक रात को मैंने देखा की मेरी सास और नन्द दोनों एक ही कमरे में बैठी हैं। रात का समय था। मेरी चूत गरमा रही थी। मैं चुदासी थी। मैंने खाला ससुर को बुला लिया और नन्द के देवर को भी। मैं दोनों लण्ड नंगी नंगी बारी बारी से चूसने लगी। तभी मुझे ख्याल आया तो मैं दोनों लण्ड पकड़े पकड़े सास के कमरे में घुस गयी। सास मुझे देख कर हैरान हो गयी। वह बोली हाय दईया ये क्या बहू रानी तेरे हाथ में दो दो लण्ड ? मैंने कहा हां सासू जी मैं ये दोनों लण्ड तेरे सामने चोदूँगी। और फिर इन्हे पेल पेल कर तुम दोनों की बुर चोदूँगी।
सास बोली - तो क्या तुम यहाँ सिर्फ लण्ड चोदने ही आयी हो ? और कोई काम नहीं है तेरे पास ?
मैंने कहा - मैं यहां अपनी ससुराल में केवल अपने मियां का लण्ड चोदने नहीं आई हूँ। मैं तो सबके मियां के लण्ड चोदने आई हूँ, सासू जी। तेरे मियां का भी लण्ड चोदूँगी, कुबने के सब मर्दों के लण्ड चोदूँगी, उनके दोस्तों के लण्ड चोदूँगी, आने जाने वालों के लण्ड चोदूँगी, नाते रिश्तेदारों के लण्ड चोदूंगी। मैं यहाँ कोई चौका चूल्हा करने नहीं आईं हूँ, मैं तो सिर्फ लण्ड चोदने आयी हूँ और अगर कोई मेरे लण्ड चोदने के रास्ते में आएगा तो मैं उसकी माँ चोद दूँगी । समझ गयी न मेरी हरामजादी सासू जी। सास तो तुम मेरी आज बनी हो, मैं तुम्हे अच्छी तरह जानती हूँ। लण्ड चोदने में तुम भी बहुत माहिर हो सासू जी। अब मैं देखूँगी की तुम ज्यादा लण्ड चोदती हो की मैं ?
मेरी बातें सुनकर और मेरे हाथ में दो दो नंगे लण्ड देख कर सास की आँखें खुली की खुली रह गयी। वह बोली हाय दईया तुझे मेरे बारे में बहुत कुछ मालूम है मेरी बुर चोदी बहू। ये लण्ड दिखा कर तुमने मेरे भोसड़ा में आग लगा दी है सबीना। अब तो मैं रुक नहीं सकती। तब तक मेरी नन्द बोली हाय भाभी आग तो मेरी भी चूत में लग चुकी है और सुन भाभी साहिबा लण्ड मुझे भी चोदना आता है। इतने में सासू जी अंदर गई और थोड़ी दे में वह नंगी नंगी एक लण्ड पकड़े पकड़े वापस आ गई। मुझे लण्ड दिखाती हुई बोली बहू ये लण्ड पहचानती है तू ? मैंने लण्ड गौर से देखा और कहा हां सासू जी थोड़ा थोड़ा याद आ रहा है पर ठीक से कह नहीं सकती। लगता है की कहीं मैने ये लण्ड देखा है पर ये है कौन अभी इसे याद नहीं कर पा रही हूँ। उसका मुंह सास ने ढक दिया था।
वह बोली - तब फिर तू मेरा क्या मुकाबला करेगी माँ की लौड़ी। मैं भी वो सब लण्ड पहचानती हूँ जो जो मैंने अभी तक पकड़े हैं। अरे मैं तो अँधेरे में भी लण्ड पकड़ कर लण्ड वाले का नाम बता दूँगी।
मेरी नन्द बोली - देखा भाभी जान मैंने कहा था न की मेरी अम्मी बुर चोदी बहुत बड़ी चुदक्कड़ है। जाने कितने लण्ड पहचानती है।
सास ने अपनी बेटी से कहा - तो क्या किसी ने लण्ड पहचानने से मना किया है ? तू भी पहचाना कर लण्ड भोसड़ी वाली निदा तेरी माँ की चूत ?
निदा बोली - तेरी बहू की नन्द की बुर भोसड़ी की अम्मी जान ? सास ने जब मुंह से कपड़ा हटाया तो वह मेरा जीजू निकला।
मैंने कहा - जीजू तुम ? तुम मादर चोद कब आये ?
वह बोला - मैं अभी अभी बस आ ही रहा हूँ तब तक तेरी सास ने मुझे नंगा किया और मेरा लण्ड पकड़ कर यहाँ ले आईं।
मेरी नन्द के मेरे जीजू आरिफ का लण्ड सास से छीन लिया यानी अपनी माँ से छीन लिया और चाटने लगी। मैं उसके देवर अली का लण्ड चाटने लगी और मेरी सास अपने देवर का लण्ड यानी मेरे खाला ससुर अतीक का लण्ड। सबके बदन से कपड़े उतरने लगे। देखते ही देखते सब लोग नंगे हो गए और हम तीनो सास बहू नन्द भी नंगी हो गयीं। हम एक दूसरे को लण्ड चूसते हुए आज पहली बार देख रहीं थीं। मैंने ठान लिया की आज मैं इन तीनो लण्ड पर चढ़ कर इन्हे चोदूँगी।
मुझे तो नन्द के देवर अली का लौड़ा बड़ा अच्छा लग रहा था. मेरे जीजू का लौड़ा तो साला मोटा है ही और खाला ससुर का लण्ड तो साला एकदम घोड़े का लण्ड लगता है। सबसे पहले मैं अली के लण्ड पर चढ़ बैठी और झुक कर अपने चूतड़ बार बार लण्ड पर पटकने लगी। जैसे मरद बुर चोदते हैं मैं बिलकुल उसी तरह अली का लण्ड चोदने लगी। मुझे देख कर मेरी नन्द भी मेरा जीजू का लण्ड चोदने लगी और तब सास बोली हाय अल्ला तुम दोनों ने लण्ड चोदना शुरू कर दिया तो मैं पीछे क्यों रहूं ? वह भी अपने देवर के लण्ड पर चढ़ बैठी और फचर फचर लण्ड चोदने लगी। मैं जानती थी की मेरी सास भोसड़ी वाली बहुत बड़ी लण्ड की खिलाड़ी है। वो तो जवान हो रही लड़कियों को लण्ड पकड़ना और माँ चुदाना सिखाती है। जब मुझे मालूम हुआ की ये मेरी सास होने वाली है तो मन की मन बड़ी खुश हुई थी। क्योंकि ये बहन चोद मुझे ग़ैर मरदों से चुदवाने के लिए मना नहीं कर सकती और मुझे तो तरह तरह के लण्ड चोदने का शौक पैदा हो गया था।
सास बोली - बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? मुझे नहीं मालूम था की तू लण्ड चोदने में इतनी एक्सपर्ट है।
मैंने कहा - सासू जी, तेरी बेटी की भाभी की बुर बहन चोद मुझे भी नहीं मालूम था की तू अपनी बहू बेटी के सामने ही अपना भोसड़ा चुदवायेगी ?
तब तक नन्द बोली - भाभी जान, तेरी सास की बिटिया की बुर मादर चोद ? मुझे नहीं मालूम था की मेरी भाभी जान इतनी चुदक्कड़ निकलेगी और जो अपनी ही सास और नन्द के सामने लण्ड चोदेगी ?
हम तीनो ने इस तरह की गन्दी गन्दी बाते करके लण्ड चोदने की रफ़्तार बढ़ा दी।
इतने में नन्द कूद कर अपने देवर के लण्ड पर बैठ गयी, मैं अपने खालू ससुर के लण्ड पर चढ़ बैठी और मेरी सास मेरे जीजू के लण्ड पर बैठ गई। हम तीनो ने लण्ड बदल लिया तो मज़ा फिर वही आने लगा जो शुरू में आया था। हम लोग एक दूसरे को देख देख कर लण्ड भकाभक चोदने लगीं। लण्ड चोदने का मज़ा कुछ और ही होता है, दोस्तों।
एक दिन मैंने देखा की मेरा देवर बाथ रूम में नहाने चला गया है लेकिन उसने दरवाजा अंदर से बंद नहीं किया। बस मेरी चूत बुर चोदी मचलने लगी। मैं अंदर घुस गयी तो देखा की वह बिलकुल नंगा है और उसका लण्ड खड़ा है। मैंने फटाक से लण्ड पकड़ लिया तो लण्ड साला और तन गया। वह बोला अरे भाभी जान ,,,,,,, ? मैंने कहा भोसड़ी के देवर जी जब मैं हूँ तू अकेला क्यों नहाता है। मैं तुझे और तेरे लण्ड को नहलाऊंगी। मैं लण्ड पर साबुन लगाने लगी। तब तक मैं भी अपने कपड़े खोल कर नंगी हो चुकी थी। वह मेरी चूँचियाँ देखने लगा। मैंने कहा लो तुम लगाओ न साबुन इन चूँचियों पर। फिर हम दोनों ने एक दूसरे को खूब नहलाया। बाद में उसे बाहर बिकाल कर मैंने चित लिटा दिया और उसका लण्ड मुंह में भर लिया। मैं चाटने लगी उसका लण्ड और वह मेरी चूत। थोड़ी देर में मैं उसके लण्ड पर बैठ गयी और चोदने लगी सटासट लण्ड।
ऐसे ही एक दिन मुझे अपने ससुर के लण्ड पर बैठने का मौक़ा मिल गया ? क्या गज़ब का लौड़ा था उसका यार ? बाप रे बाप जिसकी चूत में घुस जाए उसकी ख़ैर नहीं बहन चोद ? हुआ यह की एक रात को जब मैं उठी तो देखा की बगल के कमरे में कुछ हल चल हो रही है। मैं झाँक कर देखने लगी , मैंने देखा की मेरी खाला सास मेरे ससुर का लण्ड पकड़े हुए हिला रहीं हैं और बार बार उसे चूम भी रहीं हैं। लण्ड साला मुझे पूरा का पूरा दिख रहा था तो मेरी चूत गरम हो गयी। थोड़ी देर में खाला सास उसके लण्ड पर बैठ गयी और लण्ड चोदने लगी। मैंने मन में कहा ये तो मेरा काम है यहाँ सब बुर चोदी अब मेरी तरह लण्ड चोदने लगीं हैं। मैं फिर रुकी नहीं और सीधे कमरे में घुस गयी। मैंने सोंचा की मेरा ससुर भी भोसड़ी वाला परायी बीवियां चोदता है तो फिर मुझे भी चोद सकता है और फिर मुझे डर किस बात का ?
मैंने अंदर घुस कर कहा मैं भी तेरे लण्ड पर बैठूंगी, ससुर जी। उसने कहा अरे बहू तुम ? अगर तुम बैठना चाहती हो तो बैठो मेरे लण्ड पर ? तब तक खाला सास बोली तू बुर चोदी बहू मेरे शौहर के लण्ड पर बैठ चुकी हो और अब मेरे जीजू के लण्ड पर बैठेगी। तुम्हे शर्म नहीं आती ? मैंने कहा जब तुम्हे पराये मरद के लण्ड पर बैठने में कोई शर्म नहीं आती तो मुझे क्यों आये ? मैंने खाला को उठाया और मैं बैठ गई उसके लण्ड पर। लण्ड जैसे ही मेरी चूत में घुसा वैसे ही मेरे मुंह से निकला उई माँ फट गयी मेरी बुर बहन चोद
बस मैंने अपनी नन्द को हटाया और उसके ससुर को चित लिटा कर मैं उसके लण्ड पर बैठ गयी। मैंने कहा हाय नन्द रानी मैं अब तेरे ससुर का लण्ड चोदूँगी। नन्द बोली - हाय मेरी भाभी जान तू तो मादर चोद बड़ी सायानी निकली। पहले तूने मेरे शौहर का लण्ड चोदा। फिर मेरे खालू का लण्ड चोदा, फिर मेरे देवर का लण्ड चोदा, मेरे नंदोई का लण्ड चोदा और अब तू मेरे ससुर का लण्ड चोद रही है। क्या तू मेरी ससुराल वालों के ही लण्ड चोदेगी ? मैंने कहा नहीं मेरी नन्द रानी ? मैंने अपनी ससुराल वालों के भी लण्ड चोदे। मैंने अपने देवर का लण्ड चोदा अपने ससुर का लण्ड चोदा। ये तो शुरुआत है। देखती जाओ मैं किस किस का लण्ड चोदती हूँ। देखना एक दिन ऐसा आएगा जब कोई भी ऐसा मादर चोद लण्ड नहीं बचेगा इस कुनबे में जिसे मैंने चोदा न हो। मैं तो अपनी ससुराल में लण्ड चोदने ही आई हूँ।
नन्द बोली - वाओ, तो फिर मैं भी अपनी ससुराल के सबके लण्ड चोदूँगी।
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