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हम दोनों मिलकर लन्ड चाटने और चूसने लगीं - Ham dono lund chusti aur chatti hai
हम दोनों मिलकर लन्ड चाटने और चूसने लगीं - Ham dono lund chusti aur chatti hai , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
उन दिनों मैं अपने माईके में थी। मेरी दीदी आयी हुई थीं और मेरा जीजू भी उसके साथ था। मुझे यह बताने में
कोई शर्म नहीं है की मेरे और जीजू के बीच शारीरिक सम्बन्ध हैं। मैं उसका लन्ड पहचानती हूँ और वह मेरी चूत और चूँचियाँ पहचानता है। यही हाल मेरी दीदी का भी है। वह मेरे मियां का लन्ड अच्छी तरह पहचानती हैं और मेरा मियां मेरी दीदी की बुर और उसकी चूँचियाँ खूब मजे से पहचान लेता है। एक दिन मेरे मन में आया की मैं क्यों न अपनी सास और नन्द से बात करूँ ?
उन दिनों मैं अपने माईके में थी। मेरी दीदी आयी हुई थीं और मेरा जीजू भी उसके साथ था। मुझे यह बताने में
कोई शर्म नहीं है की मेरे और जीजू के बीच शारीरिक सम्बन्ध हैं। मैं उसका लन्ड पहचानती हूँ और वह मेरी चूत और चूँचियाँ पहचानता है। यही हाल मेरी दीदी का भी है। वह मेरे मियां का लन्ड अच्छी तरह पहचानती हैं और मेरा मियां मेरी दीदी की बुर और उसकी चूँचियाँ खूब मजे से पहचान लेता है। एक दिन मेरे मन में आया की मैं क्यों न अपनी सास और नन्द से बात करूँ ?
- बस में फोन उठाया और बोली - हाय सासू जी क्या कर रही हो ?
- वह बोली - तेरे बाप का लन्ड पी रही हूँ बहू ?
- यह सुनकर मैं तो थोड़ा हैरान हो गयी पर जब मुझे मालूम हुआ की मेरा बाप वाकई मेरी ससुराल गया है तो मैं खामोश हो गई। मैं समझ गयी की मेरी सास सच कह रही हैं। मेरे बाप का लन्ड शायद उसे पसंद आ गया है।
- फिर मैंने पूंछा सासू जी मेरी नन्द कहाँ है ?
- वह बोली - गयी होगी कहीं अपनी माँ चुदाने ? वह यहाँ होती तो मेरे साथ तेरे बाप का लन्ड चूसती। मैं जब लन्ड चूसती हूँ तो वह पेल्हड़ चूसती है और जब मैं पेल्हड़ चूसती हूँ तो वह लन्ड चूसती है। अभी तो यहाँ नहीं है। माँ चुदाने नहीं गयी होगी तो किसी का लन्ड हिलाने गयी होगी बुर चोदी ?
- मुझे सास की बातों पर हंसी आ गयी। तब मैंने अपनी नन्द को फोन लगा दिया और उससे पूंछा - हाय मेरी नन्द रानी तुम कहाँ हो और क्या कर रही हो ?
- वह तपाक से बोली - अरे भाभी जान, मैं अपनी नन्द के बाप का लन्ड पी रही हूँ। मैंने कहा हाय दईया तो फिर तेरी अम्मी कहाँ है और क्या कर रहीं हैं ?
- वह बोली - अम्मी गयी होगी कहीं अपनी बिटिया की बुर चुदाने ? यहाँ होती तो मेरे साथ मेरी नन्द के बाप का लन्ड चूसती। मुझे भी मज़ा आता और उसे भी।
- मैंने मन में कहा हाय दईया दोनों भोसड़ी वाली माँ बेटी किसी न किसी के बाप का लन्ड पी रही हैं। सबको बहन चोद किसी न किसी के बाप का लन्ड ही पसंद आता है। अब तो मैं भी अपनी नन्द के बाप का लन्ड पियूँगी। देखूं मुझे कौन बुर चोदी मना करती है ? जो मना करेगी मैं उसकी माँ चोद दूँगी।
खाला जान - सुना है जीजू की तेरा लन्ड तेरी बेटी की सास को बहुत पसंद आ गया है। वह तेरा लन्ड पी रही थी। जब लन्ड पी रही थी तो चुदवाया भी होगा ?
अब्बू ने कहा - हां चुदवाया भी था। एक दिन उसने चुदवाया और एक दिन उसकी बेटी ने भी चुदवाया।
खाला जान - साइमा की सास का भोसड़ा कैसा लगा तुम्हे जीजू ?
अब्बू - बिलकुल तेरे भोसड़ा की तरह है उसका भोसड़ा ? मुझे तेरा भी भोसड़ा पसंद है और उसका भी भोसड़ा। खाला जान - और उसकी बिटिया की बुर कैसी लगी ?
अब्बू - बिलकुल तेरी बिटिया की बुर की तरह है उसकी बिटिया की बुर। पर हां वह बड़ी देर मेरा लन्ड बरदास्त नहीं कर पाती है। सिसियाने लगती है। लन्ड चूसने में उससे तेरी बेटी बेहतर है।
मैंने मन में कहा है दईया खाला की बेटी भी मेरे अब्बू से चुदवाती है ? यह बात तो मुझे नहीं मालूम थी। हां मैं जानती थी की मेरा अब्बू मेरी खाला की बुर लेता है। पर उसकी बेटी की बुर ,,,,,,,,,,,,हाय अल्ला ? मैं सोंचने लगी की मेरा अब्बू भी बड़ा चोदू आदमी है। इसके लन्ड में बड़ी दम होगी तभी सब भोसड़ी वाली इससे चुदवाती है। मेरी इच्छा हु की मैं भी किसी दिन अब्बू का लौड़ा देखूँ। लेकिन यह इच्छा थोड़ी दबी रही। मैं तो अपने ससुर के लन्ड की तरफ झुकी हुई थी। उसे खूब हचक हचक के चोदना चाहती थी।
एक दिन मुझे खाला जान की बेटी मिल गयी। मैं फ़ौरन पूंछ बैठी बोल मेरे अब्बू का लन्ड तुझे कैसा लगता है वह बोली यार बड़ा मज़ा आता है मुझे तेरे अब्बू का लन्ड चाटने में ? मेरी अम्मी जाने कबसे उससे चुदवा रहीं हैं। एक दिन मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया तो उसने मुझे ही लन्ड पकड़ा दिया। मैं भी जोश में आ गयी तभी से मैं तेरे अब्बू का लन्ड पकड़ने लगी। अब जवान लड़की के हाथ में लन्ड होगा तो चूत में जरूर घुसेगा, यार ?
एक दिन मुझे खाला जान की बेटी मिल गयी। मैं फ़ौरन पूंछ बैठी बोल मेरे अब्बू का लन्ड तुझे कैसा लगता है वह बोली यार बड़ा मज़ा आता है मुझे तेरे अब्बू का लन्ड चाटने में ? मेरी अम्मी जाने कबसे उससे चुदवा रहीं हैं। एक दिन मैंने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया तो उसने मुझे ही लन्ड पकड़ा दिया। मैं भी जोश में आ गयी तभी से मैं तेरे अब्बू का लन्ड पकड़ने लगी। अब जवान लड़की के हाथ में लन्ड होगा तो चूत में जरूर घुसेगा, यार ?
मैं उसकी बात सुनकर चुप हो गयी। इसलिए चुप हो गयी की मैं भी उसके अब्बू से चुदवाती हूँ और मेरी माँ भी उसके अब्बू से चुदवाती है।
बस कुछ दिन बाद मैं भी अपनी ससुराल चली गयी। मुझे नन्द के बाप के लन्ड पकड़ने की बड़ी जल्दी थी। मेरे मन में था की जब मेरी सास मेरे अब्बू से चुदवा सकती हैं । मेरी नन्द मेरे अब्बू का लन्ड अपनी बुर में घुसेड़ सकती है तो फिर मैं क्यों नहीं उसके अब्बू का लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ सकती ? अब तो मैं अपने ससुर से चुदवाकर कर ही दम लूंगी। बाप के लन्ड के बदले बाप का लन्ड ही लूंगी।
बस दूसरे ही दिन मेरी नन्द फ़िज़ा मेरे पास आयी और बोली हाय भाभी तेरे अब्बू का लन्ड तो बड़ा जोरदार है। बड़ा हरामी और बड़ा बेरहम भी है बहन चोद ? न मेरी माँ का भोसड़ा चोदने में कोई रहम करता है और न मेरी चूत चोदने में ? मैं तो तेरे अब्बू के लन्ड की दीवानी हो गयी हूँ भाभी। यही हाल मेरी अम्मी का भी है। उसने तो तेरे अब्बू के लन्ड की फोटो खींच ली है और उसे अक्सर देखा करती है। मैंने कहा हाय रब्बा तुम दोनों तो बहुत ही अय्यास निकली। मुझे नहीं मालूम था की तुम मेरे अब्बू लन्ड भी नहीं छोड़ोगी। पर कैसे पकड़ा तूने मेरे अब्बू का लन्ड ? वह बोली मैंने कहाँ पकड़ा भाभी। वो तो मैं अम्मी के कमरे में सामान रखने जा रही थी। सवेरे का समय था। सवेरे सवेरे साला लन्ड बहुत जोरदारी से खड़ा होता है। मैंने देखा की कमरे में अम्मी उसका लन्ड पकड़ कर हिला रहीं हैं।
अम्मी भी नंगी थीं और तेरा अब्बू भी नंगा ? मुझे देख कर अम्मी थोड़ा ठिठक गयीं। पर बस एक ही मिनट में बोली अरी साइमा देख तेरी भाभी के अब्बू का लन्ड कितना बड़ा है ? अम्मी थोड़ी बेशर्मी दिखाती हुई बोली बेटी साइमा इससे पहले की लौड़ा तेरी माँ की चूत में घुसे तू इसे पकड़ कर देख ले ? इसे पहचान ले। यह तेरी माँ चोदने जा रहा है। अम्मी की खुली खुली बातों ने मेरी चूत में आग लगा दी। मैं भी बोली अम्मी अगर ये मेरी माँ चोदेगा तो फिर माँ की बिटिया भी चोदेगा ? अम्मी मेरी बात सुनकर बहुत खुश हो गयी और फिर हम दोनों मिलकर लन्ड चाटने और चूसने लगीं।
इस तरह हम दोनों तेरे अब्बू से चुदवाने लगीं भाभी ?
मैंने कहा :- ठीक है तो फिर मैं भी तेरे अब्बू से चुदवाऊंगी ?
वह बोली :- हां हां जरूर चुदवाओ। मज़ा आ जायेगा तुम्हे, भाभी ?
मैंने कहा :- फ़िज़ा मेरी नन्द रानी, क्या तुमने कभी अपने अब्बू का लन्ड देखा है ?
वह बोली :- अरे भाभी देखा ही नहीं पकड़ा भी है, हिलाया भी है और छाता भी है मैंने अपने अब्बू का लन्ड। पिया भी है मैंने उसका लन्ड ? पर सच यह है की मैंने कभी लन्ड अपनी चूत में नहीं पेलवाया और न ही उसने कभी पेला ?
मैंने कहा :- तो फिर बताओ न मुझे कैसा है तेरे अब्बू का लन्ड ?
वह बोली :- अरे भाभी बता डोंगी तो मज़ा किरकिरा हो जायेगा। मैं चाहती हूँ की तुम अकेलें ही पकड़ो उसका लन्ड ? तरीका मैं बताती हूँ। मेरे अब्बू को जवान नंगी नंगी लड़कियां देखने का बड़ा शौक है। उसे उनकी चूँचियाँ बहुत पसंद हैं। जवान लड़कियों की चूत पर हाथ फेरना उसे बड़ा अच्छा लगता है। उसे अपनी नंगी चूँचियाँ दिखा दो भाभी तो उसका लन्ड खड़ा हो जायेगा। फिर उसके सामने नंगी होकर उसका लन्ड पकड़ लो। तुम्हारा काम हो जायेगा भाभी ? हां मेरे अब्बू को लड़कियों के मुंह से गालियां बहुत अच्छी लगतीं हैं। नंगी लड़कियों के आगे उसे नंगा होना बड़ा अच्छा लगता है।
नन्द की यह बात मेरे मन में बैठ गयी।
अगले दिन मैंने रात में प्लान बना लिया। रात के १२ बजे वह अपने कमरे में अकेला लेटा था। गर्मी के दिन थे। उसने केवल एक लुंगी पहनी थी बाकी नंगा बदन था। मैं अंदर घुस गयी। मैंने केवल पेटीकोट पहना था ,. मेरी दोनों चूँचियाँ एकदम नंगी थीं। मैंने काह ससुर जी मुझे बहुत गर्मी लग रही है। मेरे कमरे का ए /सी चल नहीं रहा है। क्या मैं यहाँ लेट सकती हूँ। वह बोला हां बिलकुल लेट सकती हो बहू। उसकी निगाह मेरी चूँचियों से हट ही नहीं रही थी। मैं वहीँ लेट गयी। मैंने कहा हाय दईया पेटीकोट में भी गर्मी लग रही है। क्या मैं पेटीकोट उतार दूँ ससुर जी तुम बुरा तो नहीं मानोगे ? वह बोला नहीं नहीं बहू, बुरा बिलकुल नहीं मानूंगा ? तुम उतार दो। मैं फिर उसके आगे एकदम नंगी नंगी खड़ी हो गयी। मैंने देखा की उसका लन्ड उछल रहा है। मैंने मुस्कराते हुए उसकी लुंगी खींच कर कहा हाय दईया क्या तुम्हे गर्मी नहीं लग रही है ससुर जी ?
लुंगी खुली तो उसका लन्ड मेरे सामने तन कर खड़ा हो गया ? मैंने लन्ड पकड़ा और कहा ससुर जी भोसड़ी का तेरा लन्ड तो बहुत बड़ा है बहन चोद ? उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और बोला साइमा बहू ये तेरे लिए ही है। मैं लन्ड हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी। लन्ड साला ८" + का था और मोटा ५ + ? अंडाकार सुपाड़ा बड़ा मस्त और खूबसूरत लग रहा था। उसकी छोटी छोटी झांटें बड़ी सेक्सी लग रहीं थीं। पेल्हड़ तो बिलकुल चिकने थे। मैं लन्ड बड़े प्यार से चाटने और चूसने लगी। मैं मन में कहने लगी की मेरी नन्द बुर चोदी मेरे बाप से चुदवाकर आयी है। अपने ससुर का लन्ड ठोंकवाकर आयी है। आज मैं उसके बाप का लन्ड अपनी बुर में ठोंकवाऊंगी ?
मैंने कहा अरे मेरे हरामजादे ससुर जी, बेटी चोद साले तेरी बहन की बुर ? आज मैं तेरे लन्ड की चटनी बनाऊंगी। लेकिन ले पहले तू मेरी बुर चाट ले। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी। वह कुत्ते की तरह मेरी बुर चाटने लगा और मैं उसका लन्ड चाटने लगी। हम दोनों 69 बन गए। थोड़ी देर बाद उसने मुझे बेड के एक कोने में घसीट लिया और मेरी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी। तो मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ गयी। मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लीं और लन्ड मेरी चूत पर टिका दिया। उसने एक धक्का दिया तो लन्ड गच गचा कर अंदर घुस गया। लन्ड पूरा घुसा तो मेरे मुंह से निकला उई माँ फाड़ डाला मादर चोद ने मेरी चूत ? इसका लौड़ा साला बड़ा मोटा है। तेरा भी भोसड़ा फाड़ डालेगा अम्मी।
जब वह खलास होने लगा तो मैंने लन्ड के सामने अपना मुंह कर दिया। मुझे झड़ता हुआ लन्ड पीने में बड़ा अच्छा लगता है। मैं बाद में लन्ड का टोपा बड़ी शिद्दत से चाटने लगी। थोड़ी देर में मेरी नन्द आ गयी। तब मैंने कहा नन्द रानी उस दिन तूने मेरे बाप से चुदवाया था आज मैंने तेरे बाप से चुदवा लिया।
एक दिन मैं और मेरी नन्द घर पर बची। मेरा ससुर बाहर चला गया। सास अपने माईके चली गयीं। उस दिन हम दोनों नन्द भौजाई ब्लू फिल्म देख रहीं थीं । मैं भी बिलकुल नंगी थी और वह भी बिलकुल नंगी। ब्लू फिल्म भी सामूहिक चुदाई की थी। उसमे लोग बड़े बड़े लन्ड इधर उधर सबकी बुर में घुसेड़ रहे थे। फिल्म देख कर हम दोनों बुरी तरह चुदासी हो गयीं। अब हमें भी लन्ड की जरुरत महसूस होने लगी। तभी अचानक किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। नन्द ने दरवाजा खोला तो सामने उसका ससुर खड़ा था। हमने उसे अंदर बैठाया। उसके साथ एक नौजवान लड़का भी था। नन्द बोली अरे ये तो मेरा नन्दोई है। मैं तो मन ही मन खुश हो गयी। खैर नाता पानी हुआ।
इतने में फ़िज़ा ने ब्लू फिल्म फिर चालू कर दी। मैंने कहा अरे यार देखती नहीं हो तेरा ससुर बैठा है , तेरा नन्दोई बैठा है उनके सामने तुम ब्लू फिल्म चला रही हो ? शर्म नहीं आती तुझे ? वह बोली शर्म की माँ का भोसड़ा भाभी ? जब ससुर को बहू की बुर चोदने में शर्म नहीं आती तो बहू को ब्लू फिल्म देखने में क्यों शर्म आये ? मेरा ससुर मेरे साथ ही ब्लू फिल्म देखेगा और इसका लन्ड भी ब्लू फिल्म देखेगा। ससुर की बिटिया की बुर ? ससुर की बहन का लन्ड ? इससे क्या शर्माना भाभी ये तो मेरी बुर लेता है। रह गयी नन्दोई की बात तो यह भी आज ले लेगा बुर ? मेरी भी और तेरी भी भाभी।
ऐसा कह कर मेरी नन्द अपने ससुर का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। मैं भी उसके नन्दोई का लौड़ा खोल कर सहलाने लगी। दोनों लन्ड फनफनाकर खड़े हो गए। फना ने मुझे अपने ससुर का लन्ड पकड़ा दिया और मैंने उसे उसके नन्दोई का लन्ड ? हम दोनों तो पहले से ही नंगी थीं। मैं उसके ससुर का लन्ड चूसने लगी और वह अपने नन्दोई का लन्ड चूसने लगी।
उस रात मैंने नन्द के ससुर से तीन बार चुदवाया। यही हाल मेरी नन्द का भी था। उसने भी अपने नन्दोई का लन्ड तीन तीन बार पेला अपनी चूत में ? हमने लन्ड अदल बदल कर भी मस्ती से चुदवाया।
तेरे बाप का लंड पी रही हूँ बहू...
बस दूसरे ही दिन मेरी नन्द फ़िज़ा मेरे पास आयी और बोली हाय भाभी तेरे अब्बू का लन्ड तो बड़ा जोरदार है। बड़ा हरामी और बड़ा बेरहम भी है बहन चोद ? न मेरी माँ का भोसड़ा चोदने में कोई रहम करता है और न मेरी चूत चोदने में ? मैं तो तेरे अब्बू के लन्ड की दीवानी हो गयी हूँ भाभी। यही हाल मेरी अम्मी का भी है। उसने तो तेरे अब्बू के लन्ड की फोटो खींच ली है और उसे अक्सर देखा करती है। मैंने कहा हाय रब्बा तुम दोनों तो बहुत ही अय्यास निकली। मुझे नहीं मालूम था की तुम मेरे अब्बू लन्ड भी नहीं छोड़ोगी। पर कैसे पकड़ा तूने मेरे अब्बू का लन्ड ? वह बोली मैंने कहाँ पकड़ा भाभी। वो तो मैं अम्मी के कमरे में सामान रखने जा रही थी। सवेरे का समय था। सवेरे सवेरे साला लन्ड बहुत जोरदारी से खड़ा होता है। मैंने देखा की कमरे में अम्मी उसका लन्ड पकड़ कर हिला रहीं हैं।
अम्मी भी नंगी थीं और तेरा अब्बू भी नंगा ? मुझे देख कर अम्मी थोड़ा ठिठक गयीं। पर बस एक ही मिनट में बोली अरी साइमा देख तेरी भाभी के अब्बू का लन्ड कितना बड़ा है ? अम्मी थोड़ी बेशर्मी दिखाती हुई बोली बेटी साइमा इससे पहले की लौड़ा तेरी माँ की चूत में घुसे तू इसे पकड़ कर देख ले ? इसे पहचान ले। यह तेरी माँ चोदने जा रहा है। अम्मी की खुली खुली बातों ने मेरी चूत में आग लगा दी। मैं भी बोली अम्मी अगर ये मेरी माँ चोदेगा तो फिर माँ की बिटिया भी चोदेगा ? अम्मी मेरी बात सुनकर बहुत खुश हो गयी और फिर हम दोनों मिलकर लन्ड चाटने और चूसने लगीं।
इस तरह हम दोनों तेरे अब्बू से चुदवाने लगीं भाभी ?
मैंने कहा :- ठीक है तो फिर मैं भी तेरे अब्बू से चुदवाऊंगी ?
वह बोली :- हां हां जरूर चुदवाओ। मज़ा आ जायेगा तुम्हे, भाभी ?
मैंने कहा :- फ़िज़ा मेरी नन्द रानी, क्या तुमने कभी अपने अब्बू का लन्ड देखा है ?
वह बोली :- अरे भाभी देखा ही नहीं पकड़ा भी है, हिलाया भी है और छाता भी है मैंने अपने अब्बू का लन्ड। पिया भी है मैंने उसका लन्ड ? पर सच यह है की मैंने कभी लन्ड अपनी चूत में नहीं पेलवाया और न ही उसने कभी पेला ?
मैंने कहा :- तो फिर बताओ न मुझे कैसा है तेरे अब्बू का लन्ड ?
वह बोली :- अरे भाभी बता डोंगी तो मज़ा किरकिरा हो जायेगा। मैं चाहती हूँ की तुम अकेलें ही पकड़ो उसका लन्ड ? तरीका मैं बताती हूँ। मेरे अब्बू को जवान नंगी नंगी लड़कियां देखने का बड़ा शौक है। उसे उनकी चूँचियाँ बहुत पसंद हैं। जवान लड़कियों की चूत पर हाथ फेरना उसे बड़ा अच्छा लगता है। उसे अपनी नंगी चूँचियाँ दिखा दो भाभी तो उसका लन्ड खड़ा हो जायेगा। फिर उसके सामने नंगी होकर उसका लन्ड पकड़ लो। तुम्हारा काम हो जायेगा भाभी ? हां मेरे अब्बू को लड़कियों के मुंह से गालियां बहुत अच्छी लगतीं हैं। नंगी लड़कियों के आगे उसे नंगा होना बड़ा अच्छा लगता है।
नन्द की यह बात मेरे मन में बैठ गयी।
अगले दिन मैंने रात में प्लान बना लिया। रात के १२ बजे वह अपने कमरे में अकेला लेटा था। गर्मी के दिन थे। उसने केवल एक लुंगी पहनी थी बाकी नंगा बदन था। मैं अंदर घुस गयी। मैंने केवल पेटीकोट पहना था ,. मेरी दोनों चूँचियाँ एकदम नंगी थीं। मैंने काह ससुर जी मुझे बहुत गर्मी लग रही है। मेरे कमरे का ए /सी चल नहीं रहा है। क्या मैं यहाँ लेट सकती हूँ। वह बोला हां बिलकुल लेट सकती हो बहू। उसकी निगाह मेरी चूँचियों से हट ही नहीं रही थी। मैं वहीँ लेट गयी। मैंने कहा हाय दईया पेटीकोट में भी गर्मी लग रही है। क्या मैं पेटीकोट उतार दूँ ससुर जी तुम बुरा तो नहीं मानोगे ? वह बोला नहीं नहीं बहू, बुरा बिलकुल नहीं मानूंगा ? तुम उतार दो। मैं फिर उसके आगे एकदम नंगी नंगी खड़ी हो गयी। मैंने देखा की उसका लन्ड उछल रहा है। मैंने मुस्कराते हुए उसकी लुंगी खींच कर कहा हाय दईया क्या तुम्हे गर्मी नहीं लग रही है ससुर जी ?
लुंगी खुली तो उसका लन्ड मेरे सामने तन कर खड़ा हो गया ? मैंने लन्ड पकड़ा और कहा ससुर जी भोसड़ी का तेरा लन्ड तो बहुत बड़ा है बहन चोद ? उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और बोला साइमा बहू ये तेरे लिए ही है। मैं लन्ड हिला हिला कर चारों तरफ से देखने लगी। लन्ड साला ८" + का था और मोटा ५ + ? अंडाकार सुपाड़ा बड़ा मस्त और खूबसूरत लग रहा था। उसकी छोटी छोटी झांटें बड़ी सेक्सी लग रहीं थीं। पेल्हड़ तो बिलकुल चिकने थे। मैं लन्ड बड़े प्यार से चाटने और चूसने लगी। मैं मन में कहने लगी की मेरी नन्द बुर चोदी मेरे बाप से चुदवाकर आयी है। अपने ससुर का लन्ड ठोंकवाकर आयी है। आज मैं उसके बाप का लन्ड अपनी बुर में ठोंकवाऊंगी ?
मैंने कहा अरे मेरे हरामजादे ससुर जी, बेटी चोद साले तेरी बहन की बुर ? आज मैं तेरे लन्ड की चटनी बनाऊंगी। लेकिन ले पहले तू मेरी बुर चाट ले। मैंने अपनी चूत उसके मुंह पर रख दी। वह कुत्ते की तरह मेरी बुर चाटने लगा और मैं उसका लन्ड चाटने लगी। हम दोनों 69 बन गए। थोड़ी देर बाद उसने मुझे बेड के एक कोने में घसीट लिया और मेरी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी। तो मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ गयी। मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लीं और लन्ड मेरी चूत पर टिका दिया। उसने एक धक्का दिया तो लन्ड गच गचा कर अंदर घुस गया। लन्ड पूरा घुसा तो मेरे मुंह से निकला उई माँ फाड़ डाला मादर चोद ने मेरी चूत ? इसका लौड़ा साला बड़ा मोटा है। तेरा भी भोसड़ा फाड़ डालेगा अम्मी।
- वह बोला - हां बहू एक दिन मैं तेरी माँ का भोसड़ा चोदूंगा।
- मैंने कहा - साले गांडू पहले मेरी माँ की बिटिया की बुर तो ठीक से चोद ले ?
- तूने अपनी बिटिया की चोदी कभी ?
- नहीं, कभी नहीं चोदी ?
- कभी अपना लन्ड पकड़ाया उसे ?
- हां लन्ड तो जरूर पकड़ाया उसे ?
- फिर बुर चोदने में तेरी गांड फट रही थी क्या ?
- नहीं यह इत्तिफाक है। न उसने चुदवाया और न मैंने चोदा ?
- लेकिन तुम तो लड़कियां चोदने में बड़े एक्सपर्ट हो ?
- हां मैं बाकी लड़कियों की बुर खूब चोदता हूँ। लेकिन वहीँ लड़कियां चोदता हूँ जो मुझसे चुदवाती हैं।
- लड़कियों की माँ भी चोदते हों न ससुर जी ?
- हां जो लड़कियां मुझसे अपनी माँ चुदवाती है उनकी माँ चोदता हूँ। लड़कियां तो आजकल लन्ड पकड़ कर खुद ही अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ देतीं हैं। जैसे तेरी खाला सास की बुर में मेरा लन्ड उसकी बेटी ही पकड़ कर घुसा देती है।
जब वह खलास होने लगा तो मैंने लन्ड के सामने अपना मुंह कर दिया। मुझे झड़ता हुआ लन्ड पीने में बड़ा अच्छा लगता है। मैं बाद में लन्ड का टोपा बड़ी शिद्दत से चाटने लगी। थोड़ी देर में मेरी नन्द आ गयी। तब मैंने कहा नन्द रानी उस दिन तूने मेरे बाप से चुदवाया था आज मैंने तेरे बाप से चुदवा लिया।
एक दिन मैं और मेरी नन्द घर पर बची। मेरा ससुर बाहर चला गया। सास अपने माईके चली गयीं। उस दिन हम दोनों नन्द भौजाई ब्लू फिल्म देख रहीं थीं । मैं भी बिलकुल नंगी थी और वह भी बिलकुल नंगी। ब्लू फिल्म भी सामूहिक चुदाई की थी। उसमे लोग बड़े बड़े लन्ड इधर उधर सबकी बुर में घुसेड़ रहे थे। फिल्म देख कर हम दोनों बुरी तरह चुदासी हो गयीं। अब हमें भी लन्ड की जरुरत महसूस होने लगी। तभी अचानक किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। नन्द ने दरवाजा खोला तो सामने उसका ससुर खड़ा था। हमने उसे अंदर बैठाया। उसके साथ एक नौजवान लड़का भी था। नन्द बोली अरे ये तो मेरा नन्दोई है। मैं तो मन ही मन खुश हो गयी। खैर नाता पानी हुआ।
इतने में फ़िज़ा ने ब्लू फिल्म फिर चालू कर दी। मैंने कहा अरे यार देखती नहीं हो तेरा ससुर बैठा है , तेरा नन्दोई बैठा है उनके सामने तुम ब्लू फिल्म चला रही हो ? शर्म नहीं आती तुझे ? वह बोली शर्म की माँ का भोसड़ा भाभी ? जब ससुर को बहू की बुर चोदने में शर्म नहीं आती तो बहू को ब्लू फिल्म देखने में क्यों शर्म आये ? मेरा ससुर मेरे साथ ही ब्लू फिल्म देखेगा और इसका लन्ड भी ब्लू फिल्म देखेगा। ससुर की बिटिया की बुर ? ससुर की बहन का लन्ड ? इससे क्या शर्माना भाभी ये तो मेरी बुर लेता है। रह गयी नन्दोई की बात तो यह भी आज ले लेगा बुर ? मेरी भी और तेरी भी भाभी।
ऐसा कह कर मेरी नन्द अपने ससुर का लौड़ा पकड़ कर हिलाने लगी। मैं भी उसके नन्दोई का लौड़ा खोल कर सहलाने लगी। दोनों लन्ड फनफनाकर खड़े हो गए। फना ने मुझे अपने ससुर का लन्ड पकड़ा दिया और मैंने उसे उसके नन्दोई का लन्ड ? हम दोनों तो पहले से ही नंगी थीं। मैं उसके ससुर का लन्ड चूसने लगी और वह अपने नन्दोई का लन्ड चूसने लगी।
उस रात मैंने नन्द के ससुर से तीन बार चुदवाया। यही हाल मेरी नन्द का भी था। उसने भी अपने नन्दोई का लन्ड तीन तीन बार पेला अपनी चूत में ? हमने लन्ड अदल बदल कर भी मस्ती से चुदवाया।
तेरे बाप का लंड पी रही हूँ बहू...
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