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मैं जवान हूँ और मेरी माँ भी जवान है - Main Jawan hun aur meri maa bhi jawan hai
मैं जवान हूँ और मेरी माँ भी जवान है - Main Jawan hun aur meri maa bhi jawan hai , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम हसीना हैं. मेरी अम्मी ४४ साल की हैं और मैं २२ साल की। वह भी मस्त जवान हैं और मैं भी मस्त जवान हूँ। वह मुझसे कहती हैं तेरी माँ की चूत भोसड़ी की हसीना। मैं उससे कहती हूँ तेरी बिटिया की बुर मेरी बुर चोदी फरीदा ? वह बोलती है मैं ते माँ चोदूँगी बेटी। मैं कहती हूँ मैं तेरी बेटी की बुर में घुसेड़ दूँगी लौड़ा ? हम दोनों इसी तरह गाली बक बक के खूब एन्जॉय एन्जॉय हैं वह भी लन्ड की शौक़ीन हैं और मैं भी लन्ड की शौक़ीन हूँ। वह भी खूब मस्ती से चुदवाती हैं और मैं भी मस्ती से चुदवाती हूँ। मैं उसके सामने चुदवाती हूँ वो मेरे सामने चुदवाती हैं। कभी कभी एक ही लन्ड से हम दोनों मिलके चुदवा लेती हैं। वो मुझे बुर चोदी हसीना कहती हैं और मैं उसे भोसड़ी की फरीदा कहती हूँ
जब मैं १९ साल की हुई तो एक दिन रात में खाना खाने के बाद अम्मी बड़े मूड में थीं और बड़ी मस्ती से बोली मेरी बुर चोदी बेटी हसीना आज मैं तुझे एक फिल्म दिखाऊंगी। मैंने उसके मुंह से पहली गाली सुनी वह भी मेरे अपने लिए। मैं थोड़ा शरमा गई तो वह फिर बोली बेटी हसीना तेरी माँ की चूत बहन चोद शर्मा क्यों रही है ? न शर्माने की कोई जरुरत है और न झिझकने की। उसने कहा बेटी देखो अब तुम जवान हो गयी हो। पूरी औरत बन गयी हो तुम और मैं जानती हूँ की एक लड़की को इस उम्र में क्या चाहिए ? अब तुम्हे शर्माने की कोई जरुरत नहीं हैं। मैं अब तेरी माँ नहीं हूँ बल्कि तेरी एक सहेली हूँ। एक ऐसा सहेली जिससे खूब खुल कर गाली गलौज करके बात की जाती है। मैं तेरी भोसड़ी की अम्मी नहीं बल्कि एक साथ लन्ड हिलाने वाली तेरी सहेली हूँ। बस वह मुझे बेड रूम में ले गयीं और वहीँ सोफे पर मेरे साथ बैठ गयीं।
टी वी सामने था उसी में एक सी डी लगाई और फिल्म चालू कर दी। हम दोनों बैठ कर फिल्म देखने लगीं। स्क्रीन पर दो दो बड़े बड़े लण्ड दिखाई पड़े तो मुझे समझ में आ गया की यह एक ब्लू फिल्म है लेकिन मैं उठी नहीं बल्कि बैठी रही। स्क्रीन पर २ मरद एक साथ एक लड़की को अपना अपना लन्ड बारी बारी पिला रहे थे। यानी कभी ये लकड़ा लन्ड मुंह में पेलता कभी वो लड़का ? दोनों लन्ड पूरे जोश में थे . तभी अम्मी ने पूंछा तुमको इन दोनों में कौन सा लन्ड अच्छा लगता है ? मैं थोड़ा झिझकी तो वह बोली अरी मेरी माँ की लौड़ी बता न ? शरमाएगी तो फिर अपनी माँ कैसे चुदायेगी ? जवानी का मज़ा कैसे लेगी और लन्ड कैसे इस्तेमाल करेगी ? मैंने इशारे से एक लन्ड की तरफ उंगली उठा दी। वह बोली हां मुझे भी यही लन्ड पसंद है। मैं जानती थी की लड़कियों को भी मोटे लन्ड अच्छे लगते हैं ? अच्छा ठीक है अब तू पहले अपने मुंह से गाली निकाल तब मुझे मालूम होगा की तेरी चूत में आग है नहीं है तो तू बहन चोद लड़की ही नहीं कुछ और है ? मैं थोड़ा गुस्से में बोली कौन भोसड़ी वाली कहती है की मैं लड़की नहीं हूँ उसकी माँ की चूत ? उसकी बहन की बुर ? उसकी गांड में ठोंक दूँगी लन्ड ? मेरी गालियां सुनकर अम्मी की ख़ुशी का ठिकाना न रहा ?
फिर मैंने अम्मी से कहा - सच यह है अम्मी की मैं पिछले दो साल से लन्ड पकड़ रही हूँ। चूम रहीं हूँ, चाट रही हूँ लन्ड और चूस रही हूँ लन्ड ? अभी ६ महीने से चुदवाने भी लगी हूँ। मैं लन्ड की मुरीद हो गयी हूँ। मुझे बिना लन्ड के चैन नही मिलता, अम्मी ? उस दिन जब तुम रफीक अंकल का लन्ड चाट रही थी तो मैं इतना मोटा लन्ड देखकर ललचा गयी थी। मेरे मुंह में पानी आ गया था। मेरी चूत चुचुहाने लगी थी. मेरा मन हुआ की मैं लन्ड अम्मी से छीन लूं पर हिम्मत नहीं जुटा पाई। उस लन्ड के लिए तरस गयी मैं। अम्मी बोली हाय दईया ऐसे में तुझे वाकई लन्ड मुझसे छीन लेना चाहिए था, बेटी। तेरी माँ भोसड़ी की इतना भी नहीं समझ सकी की जवान बेटी को भी लन्ड चाहिए ? बेटी ये मेरी गलती है। मैं तुम्हे बुलाना भूल गयी। मैंने कहा अम्मी कोई बात नहीं मैंने तुम्हारी पूरी चुदाई देखी और खूब मज़ा लिया।
अम्मी बोली :- तो फिर देख लिया न तुमने अपनी माँ की चुदाई बेटी ? मैं इसीलिए कहती हूँ बेटी हसीना तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद बहुत आवारा हो गया है।
मैंने कहा :- अब तुम भी देखना अम्मी जब मैं चोदूंगी तेरी बिटिया की बुर।
अम्मी तो मस्त होकर मेरे गाल थपथपाने लगीं और बोली हां बेटी आज मुझे मालूम हुआ की मेरी बेटी जवान हो गयी है। उसे लन्ड पकड़ने और लन्ड अपनी चूत में पेलने का इल्म है ? पर मैंने अभी तक देखा नहीं है ? तभी पीछे से आवाज़ आयी तभी तो आज देखोगी तुम अपनी बेटी की बुर में लन्ड ? अम्मी ने पीछे मुड़ कर देखा तो एक अनजान आदमी खड़ा था। आदमी बड़ा स्मार्ट, हैंडसम और गोरा चिट्टा था। मैंने कहा अम्मी ये है शादाब अंकल मेरी सहेली के अब्बा। मैंने इसे अभी फोन करके बुलाया है। इसी का लन्ड तुम अपनी बेटी की बुर में देखोगी अम्मी ? और फिर यही लन्ड तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा भी चोदेगा ?
तब तक एक और आवाज़ गूंजने लगी कमरे में। वह बोला एक और लन्ड तेरी बुर में घुसेगा हसीना बेटी। मैं पीछे मुड़ी तो देखा की सामने रफीक अंकल खड़े हैं। वही अंकल जो उस दिन मेरी माँ चोद रहे थे। अम्मी बोली हां बेटी मैंने ही बुलाया है इसे क्योंकि उस दिन मैं इसका लन्ड तुम्हे नहीं पकड़ा सकी तो कम से कम आज तो पकड़ा दूं । मैंने कहा अरे यार तू बहुत बड़ी हरामजादी है, फरीदा । बहुत बड़ी बुर चोदी है तू ? अपनी ही बेटी की बुर में लन्ड पेलने का इंतज़ाम किया है तूने ? बहुत बड़ी चुदक्कड़ है तू और तेरा बहन चोद भोसड़ा ? मेरी इस तरह की गन्दी गन्दी गालियां सुनकर अम्मी ने मुझे गले लगा लिया। वह बोली अब मुझे मालूम हो गया की मेरी बेटी इतनी बोल्ड हो गयी है की वह दुनिया से मुकाबला कर सकती है ?
फिर अम्मी ने रफीक अंकल का लन्ड मुझे पकड़ा दिया और मैंने शादाब अंकल का लन्ड अम्मी को पकड़ा दिया। रात का समय था और रात में लड़कियों को लन्ड बड़ा प्यारा लगता है। हम दोनों लन्ड मस्ती से एक दूसरे के सामने चाटने लगीं। अब तो हम दोनों सहेलियां क्या बल्कि दो रंडिया हो गयीं। न कोई शर्म, न कोई लिहाज़, न कोई झिझक और न कोई किसी बात का डर ? बस मस्ती ही मस्ती ? मैंने कहा अम्मी रफीक का लौड़ा उस दिन से आज ज्यादा बड़ा लग रहा है ? वह बोली क्यों नहीं लगेगा आज तो एक जवान लड़की उसे हिला रही है न ? इसलिए और मोटा हो गया है बहन चोद। उसने कहा और तेरे अंकल का लौड़ा भी बड़ा मस्त और मोटा तगड़ा है हसीना ? मैंने कहा हां अम्मी क्योंकि आज उसे हसीना की माँ की चूत लेना है न ? अम्मी ने कहा यार शादाब ये बताओ क्या तुम और भी लड़कियों की बुर लेते हो ? वह बोला हां लेता हूँ लेकिन जबरदस्ती कभी नहीं लेता। आजकल की लड़कियां बड़ी आगे निकल गयीं हैं भाभी ? वो बहन चोद खुद मेरा लन्ड पकड़ लेतीं हैं।
उसने फिर पूंछा तो क्या तेरी बेटी भी तेरा लन्ड पकड़ लेती है ? वह बोला मेरी बेटी अपने खालू का लन्ड ज्यादा पकड़ती हैऔर खालू की लड़की मेरा लन्ड ज्यादा पकड़ती है। जब दोनों लड़कियां एक ही कमरे में एक दूसरे के अब्बा का लन्ड पकड़ती हैं तो खुदा कसम बड़ा मज़ा आता है। अम्मी ने फिर पूंछा इसका मतलब तुम खालू के बेटी की माँ भी चोदते होंगे ? वह बोला हां फरीदा भाभी तुमने सच कहा। एक दिन मैं उसकी माँ का भोसड़ा चोद रहा था तभी उसकी बेटी अचानक कमरे में आ गयी। तब उसने अपनी बेटी को बुलाया और मेरा लन्ड उसे पकड़ा दिया। वह बोली बेटी अब तुम १९ साल की हो गयी हो ? माशा तेरी चूंचियां भी बड़ी बड़ी हो गईं हैं। अब तू बुर चोदी लन्ड खाने वाली हो गयी है। लो पकड़ो अपने खालू का बहन चोद लन्ड ? उसने मेरा लन्ड अपनी बेटी को पकड़ा दिया। उसके बाद तो मैं उन दोनों को एक साथ चोदने लगा ? ऐसा बोल कर उसने लन्ड अम्मी की चूत में पेल दिया। अम्मी तो बस उई बड़ा मोटा है तेरा लन्ड, कह कर रह गयीं।
इधर मैं भी रफीक से चुदवाने लगी। आज मैं पहली बार अम्मी के सामने किसी का लन्ड अपनी चूत में पेले हुए थी। वह मुझे बड़ी मस्ती से चुदवाते हुए देख रही थी और मैं भी अम्मी को चुदवाते हुए देख रही थी। तब मुझे ख्याल आया की मेरी सहेली भी बुर चोदी इसी तरह अपनी माँ चुदवाती होगी ? हम दोनों ने पीछे से, अगल से बगल से हर तरफ से चुदवाया। कभी मैं अम्मी की तरह चुदवाती कभी अम्मी मेरी तरह चुदवाती है। हमारी ऐय्यासी की कोई सीमा न थी। उस दिन मुझे मालूम हुआ की मेरी अम्मी भोसड़ी की कितनी ऐय्याश है और अम्मी को मालूम हुआ की मैं मादर चोद कितनी ऐय्याश हूँ ? अच्छा हुआ की हम दोनों खुल कर एक दूसरे के सामने आ गयीं और हमें एक दूसरे की असलियत का पता चल गया। इसके बाद तो हमारी चुदाई दिन पर दिन बढती चली गयी।
एक दिन ऐसा आया की मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। इधर मेरी भाभी यानी अम्मी की बहू समीना आ गयी। कुछ दिन बाद मालूम हुआ की समीना भी हमारी ही तरह चुदाई करती है और करवाती है। अम्मी तो बेहद खुश थी अपनी बहू पाकर ?
इस घर में केवल तीन प्राणी रहतें हैं। एक है सास, दूसरी है बहू और तीसरी है नन्द। तीनो आपस में मिलजुल
कर रहतीं हैं। इनमे कभी मनमुटाव नहीं होता। कभी भी एक दूसरे से जलन नहीं होती. कभी भी एक दूसरे पर छीटा कसी नहीं होती। मगर हां ये कभी कभी मनोरंजन करने के लिए आपस में तू तू मैं मैं कर लेती हैं, गाली गलौज कर लेतीं है और करने के बाद फिर खूब हंस हंस एन्जॉय करतीं हैं। वैसे अगर देखा जाए तो इन तीनो के बीच ऐसा वातावरण होना असंभव लगता है। क्योंकि हकीकत यह है की सास बहू में कभी कभी झगड़े होतें है, नन्द भौजाई में झगड़े होते है और माँ बेटी में भी झगड़े होतें हैं। ऐसी कौन सी बात है की इन तीनो में कभी झगड़ा नहीं होता ? तो इसका जबाब है की इन तीनो का मकसद एक है और वह है "लन्ड" केवल "लन्ड" ? इन सबको चाहिए "लन्ड", "लन्ड" और "लन्ड" ?
"लन्ड" ही एक ऐसी चीज है जो इन तीनो को बाँध कर रखे हुए है। ये तीनो लन्ड की बड़ी भक्त हैं, तीनो लन्ड की दीवानी है और तीनो लन्ड की जबरदस्त शौक़ीन हैं। इसलिए, इन सबको चाहिए लन्ड और एक ही घर में रह कर छुप छुप कर लन्ड का मज़ा नहीं ले सकती ? एक दूसरे से छुप छुप कर चुदवा नहीं सकती। और अगर कभी कभार चुदवा भी लें तो उसमे मज़ा नहीं आता ? हमेशा पकड़े जाने का डर बना रहता है। ऐसा पहले कभी होता था, पर अब ज़माना बदल गया है। अब धीरे धीरे शर्म की माँ चुदी जा रही है।
अचानक एक दिन सबने बैठ कर यह तय किया की आज से हम तीनो साथ साथ लन्ड का मज़ा लिया करेंगीं। बस तभी से इस घर का माहौल बदल गया।
जब कभी सास को लन्ड मिल जाता है तो उसका मज़ा बहू और नन्द भी लेती है। बहू को लन्ड मिलता है तो वह अपनी सास और नन्द की चूत में घुसेड़ती है और नन्द जब कोई लन्ड पा जाती है तो उसे अपनी माँ के भोसड़ा में और अपनी भाभी की बुर में पेलती है। इसी वजह से इनमे कभी झगड़ा नहीं होता बल्कि दिन पर दिन मेलजोल बढ़ता ही जा रहा है। इनको एकल सूत्र में पिरोकर रखने वाला है "लन्ड" और केवल "लन्ड" ? दोस्तों, इसलिए मैं लन्ड की बहुत इज़्ज़त करती हूँ, लन्ड की पूजा करती हूँ, लन्ड की इबादत करती हूँ और लन्ड का पूरा पूरा इस्तेमाल करती हूँ।
अब आईये मैं आपको वहीँ ले चलती हूँ जब मैं ससुराल चली गयी थी और मेरी भाभी समीना अम्मी के पास आ गयीं थीं। मैं अपनी ससुराल जाकर पहले ही दिन से लन्ड के फिराक में रहने लगी। मेरे सामने कई श्रोत थे लन्ड पाने के पहला मेरे देवरों के लन्ड, जेठ का लन्ड, नंदोई का लन्डऔर इन लोगों के दोस्तों के लन्ड ? दूसरा अपने ससुर का लन्ड, खाला ससुर का लन्ड, ममिया ससुर का लन्ड, फुफिया ससुर का लन्ड और इनके दोस्तों के लन्ड ? तीसरे पास पड़ोसियों के लन्ड, चौथे आने जाने वालों के लन्ड। पांचवें मेरे शौहर के दोस्तों के लन्ड, दोस्तों के दोस्तों के लन्ड ? कहने का मतलब यह है की ससुराल की तरह से एक बहुत बड़ा लन्ड बाजार है। मैं जहाँ हाथ बढ़ाऊंगी वहीँ मुझे लन्ड मिल जायेगा। कुछ दिन ससुराल में गुज़ारने के बाद मैं फिर माईके वापस आ गयी। मैंने देखा की मेरी अम्मी अपनी बहू के साथ मस्ती से दिन गुज़ार रही हैं।
मैं समझ गयी की बहू की बुर और सास का भोसड़ा रंग दिखा रहा है। एक दिन हम तीनो यानी मैं हसीना, मेरी अम्मी फरीदा और मेरी भाभी समीना तीनो बैठी हुई खूब हंसी मजाक कर रहीं थीं। खूब मस्ती सवार थीं हम तीनो पर। फिर अम्मी ने व्हिस्की भी मंगा ली और हम तीनो शराब पीकर हंगामा करने लगीं। एक दूसरे को गाली देने लगीं, खूब गन्दी गन्दी बातें करने लगीं और अपने अपने कपड़े भी खोलने लगी। मस्ती का आलम बढ़ता ही जा रह था।
अम्मी बोली :- हसीना बेटी, तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा बहन चोद ? मैं किसी दिन तेरी माँ का भोसड़ा चोद के तेरे हाथ में रख दूँगी।
मैंने कहा :- हाय अम्मी, तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर मादर चोद ? मैं भी कसी दिन तेरी बेटी की बुर चोद के चिथड़े चिथड़े कर दूँगी ? पता नहीं चलेगा की कहाँ गयी तेरी बेटी की बुर ?
समीना भाभी बोली :- हाय दईया तुम लोग ये सब करोगी तो क्या मैं अपनी झांटें गिनूँगी बैठे बैठे ? मैं भी नन्द की भाभी की चोदूंगी बुर ? और सासू जी तेरी बहू की चूत में घुसेड़ दूँगी लन्ड ?
फिर हम सब इसी बात पर हंसने लगी। अम्मी ने फिर सबको छेड़ा।
वह बोली :- बेटी, तेरी सास की बहू की चूत ? मैं समझ गयी की अम्मी मेरी चूत को गाली दे रहीं हैं।
मैंने भी कहा :- अम्मी, तेरी बहू की सास का भोसड़ा ? अम्मी समझ गयी की हसीना ने मेरे भोसड़ा को गाली दी। तब तक भाभी बोली :- सासू जी, तेरी बेटी की माँ की चूत ?
तो अम्मी ने पलट कर कहा :- बहू तेरी नन्द की भाभी का भोसड़ा ?
तब तक नशे में हम तीनो धुत्त हो चुकी थीं। मैंने फोन उठाया और बोली इकबाल अंकल अब तुम जल्दी से आ जाओ और चोदो मेरी माँ का भोसड़ा और मेरी भाभी की बुर ? मुझे देख कर अम्मी ने भी फोन किया और कहा यार हबीब तुम अभी आओ और चोदो मेरी बेटी की चूत, बहू की बुर ? अब समीना भाभी कहाँ पीछे रहने वाली थीं। वह भी फोन पर बोली अरे मेरे भोसड़ी के जीजू हनीफ आज मौका है. जल्दी से मेरी ससुराल आ जा और चोद ले मेरी नन्द की चूत और उसकी माँ का भोसड़ा ?
बस थोड़ी ही देर में तीनो लोग आ गये। सबसे पहले इकबाल अंकल आये। मैंने उसे सबसे मिलवाया। वो भी खुश और सब लोग भी खुश। उसके बाद हबीब मियां आ गये जिसे अम्मी ने बुलाया था। व आदमी भी मुझे जंचा। अम्मी से मिलवाया और बाद में हनीफ आया जो भाभी का जीजू है। वह तो मस्त नौजवान लड़का था। मैं उसे देख कर मस्त हो गयी। सब की सब नशे में थीं अध् नंगी थीं। सबने सबसे पहले अपने अपने कपड़े खोल डाले। मर्दों ने हम सबको नंगी देखा तो उनके लन्ड कूदने लगे। तब तक मैंने इकबाल को नंगा कर दिया। अम्मी ने हबीब की सबके सामने नंगा कर दिया और भाभी ने हनीफ का पैजामा खोल कर उसे नंगा कर दिया। हम तीनो अपने अपने बुलाये हुए मर्दों के लन्ड हिलाने लगी। थोड़ी देर में भाभी ने हनीफ का लन्ड अम्मी के मुंह में घुसा दिया और बोली जीजू ये है मेरी भोसड़ी की सास। बड़ी मस्ती और चुदक्कड़ है मेरी सास पहले इसके मुंह में पेलो लन्ड फिर इसकी बुर में घुसेड़ो लन्ड ? अम्मी उसका लौड़ा पाकर मस्त हो गयीं और उसे पेल्हड़ सहित चूसने चाटने लगीं।
तभी अम्मी ने हबीब का लन्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा यार अब तुम पहले चोदो मेरी बिटिया की बुर ? ये भोसड़ी की बड़ी मस्ती से चुदवाती है। उधर मैंने इकबाल अंकल का लन्ड समीना के हाथ में रख दिया। मैंने कहा अंकल ये है मेरी समीना भाभी? और ये है इसका मुंह, ये है इसकी चूत, ये है इसकी गांड ? आज तुम अपना लन्ड हर जगह पेलो। इसकी चूत का बजा दो बाजा और फिर इसकी गांड में ठोंक दो लन्ड ? उसके बाद चोदना मेरी माँ का भोसड़ा ? तुम्हे दोनों को चोदने में आएगा ज़न्नत का मज़ा।
इस तरह मैं हबीब का लन्ड चाटने लगी, अम्मी हनीफ का लन्ड और भाभी इकबाल का लन्ड चाटने लगी। उसके बाद रात भर हम तीनो ने खूब जम कर चुदवाया। जवानी में जो न हो जाये वो थोड़ा...
मेरा नाम हसीना हैं. मेरी अम्मी ४४ साल की हैं और मैं २२ साल की। वह भी मस्त जवान हैं और मैं भी मस्त जवान हूँ। वह मुझसे कहती हैं तेरी माँ की चूत भोसड़ी की हसीना। मैं उससे कहती हूँ तेरी बिटिया की बुर मेरी बुर चोदी फरीदा ? वह बोलती है मैं ते माँ चोदूँगी बेटी। मैं कहती हूँ मैं तेरी बेटी की बुर में घुसेड़ दूँगी लौड़ा ? हम दोनों इसी तरह गाली बक बक के खूब एन्जॉय एन्जॉय हैं वह भी लन्ड की शौक़ीन हैं और मैं भी लन्ड की शौक़ीन हूँ। वह भी खूब मस्ती से चुदवाती हैं और मैं भी मस्ती से चुदवाती हूँ। मैं उसके सामने चुदवाती हूँ वो मेरे सामने चुदवाती हैं। कभी कभी एक ही लन्ड से हम दोनों मिलके चुदवा लेती हैं। वो मुझे बुर चोदी हसीना कहती हैं और मैं उसे भोसड़ी की फरीदा कहती हूँ
जब मैं १९ साल की हुई तो एक दिन रात में खाना खाने के बाद अम्मी बड़े मूड में थीं और बड़ी मस्ती से बोली मेरी बुर चोदी बेटी हसीना आज मैं तुझे एक फिल्म दिखाऊंगी। मैंने उसके मुंह से पहली गाली सुनी वह भी मेरे अपने लिए। मैं थोड़ा शरमा गई तो वह फिर बोली बेटी हसीना तेरी माँ की चूत बहन चोद शर्मा क्यों रही है ? न शर्माने की कोई जरुरत है और न झिझकने की। उसने कहा बेटी देखो अब तुम जवान हो गयी हो। पूरी औरत बन गयी हो तुम और मैं जानती हूँ की एक लड़की को इस उम्र में क्या चाहिए ? अब तुम्हे शर्माने की कोई जरुरत नहीं हैं। मैं अब तेरी माँ नहीं हूँ बल्कि तेरी एक सहेली हूँ। एक ऐसा सहेली जिससे खूब खुल कर गाली गलौज करके बात की जाती है। मैं तेरी भोसड़ी की अम्मी नहीं बल्कि एक साथ लन्ड हिलाने वाली तेरी सहेली हूँ। बस वह मुझे बेड रूम में ले गयीं और वहीँ सोफे पर मेरे साथ बैठ गयीं।
टी वी सामने था उसी में एक सी डी लगाई और फिल्म चालू कर दी। हम दोनों बैठ कर फिल्म देखने लगीं। स्क्रीन पर दो दो बड़े बड़े लण्ड दिखाई पड़े तो मुझे समझ में आ गया की यह एक ब्लू फिल्म है लेकिन मैं उठी नहीं बल्कि बैठी रही। स्क्रीन पर २ मरद एक साथ एक लड़की को अपना अपना लन्ड बारी बारी पिला रहे थे। यानी कभी ये लकड़ा लन्ड मुंह में पेलता कभी वो लड़का ? दोनों लन्ड पूरे जोश में थे . तभी अम्मी ने पूंछा तुमको इन दोनों में कौन सा लन्ड अच्छा लगता है ? मैं थोड़ा झिझकी तो वह बोली अरी मेरी माँ की लौड़ी बता न ? शरमाएगी तो फिर अपनी माँ कैसे चुदायेगी ? जवानी का मज़ा कैसे लेगी और लन्ड कैसे इस्तेमाल करेगी ? मैंने इशारे से एक लन्ड की तरफ उंगली उठा दी। वह बोली हां मुझे भी यही लन्ड पसंद है। मैं जानती थी की लड़कियों को भी मोटे लन्ड अच्छे लगते हैं ? अच्छा ठीक है अब तू पहले अपने मुंह से गाली निकाल तब मुझे मालूम होगा की तेरी चूत में आग है नहीं है तो तू बहन चोद लड़की ही नहीं कुछ और है ? मैं थोड़ा गुस्से में बोली कौन भोसड़ी वाली कहती है की मैं लड़की नहीं हूँ उसकी माँ की चूत ? उसकी बहन की बुर ? उसकी गांड में ठोंक दूँगी लन्ड ? मेरी गालियां सुनकर अम्मी की ख़ुशी का ठिकाना न रहा ?
फिर मैंने अम्मी से कहा - सच यह है अम्मी की मैं पिछले दो साल से लन्ड पकड़ रही हूँ। चूम रहीं हूँ, चाट रही हूँ लन्ड और चूस रही हूँ लन्ड ? अभी ६ महीने से चुदवाने भी लगी हूँ। मैं लन्ड की मुरीद हो गयी हूँ। मुझे बिना लन्ड के चैन नही मिलता, अम्मी ? उस दिन जब तुम रफीक अंकल का लन्ड चाट रही थी तो मैं इतना मोटा लन्ड देखकर ललचा गयी थी। मेरे मुंह में पानी आ गया था। मेरी चूत चुचुहाने लगी थी. मेरा मन हुआ की मैं लन्ड अम्मी से छीन लूं पर हिम्मत नहीं जुटा पाई। उस लन्ड के लिए तरस गयी मैं। अम्मी बोली हाय दईया ऐसे में तुझे वाकई लन्ड मुझसे छीन लेना चाहिए था, बेटी। तेरी माँ भोसड़ी की इतना भी नहीं समझ सकी की जवान बेटी को भी लन्ड चाहिए ? बेटी ये मेरी गलती है। मैं तुम्हे बुलाना भूल गयी। मैंने कहा अम्मी कोई बात नहीं मैंने तुम्हारी पूरी चुदाई देखी और खूब मज़ा लिया।
अम्मी बोली :- तो फिर देख लिया न तुमने अपनी माँ की चुदाई बेटी ? मैं इसीलिए कहती हूँ बेटी हसीना तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद बहुत आवारा हो गया है।
मैंने कहा :- अब तुम भी देखना अम्मी जब मैं चोदूंगी तेरी बिटिया की बुर।
अम्मी तो मस्त होकर मेरे गाल थपथपाने लगीं और बोली हां बेटी आज मुझे मालूम हुआ की मेरी बेटी जवान हो गयी है। उसे लन्ड पकड़ने और लन्ड अपनी चूत में पेलने का इल्म है ? पर मैंने अभी तक देखा नहीं है ? तभी पीछे से आवाज़ आयी तभी तो आज देखोगी तुम अपनी बेटी की बुर में लन्ड ? अम्मी ने पीछे मुड़ कर देखा तो एक अनजान आदमी खड़ा था। आदमी बड़ा स्मार्ट, हैंडसम और गोरा चिट्टा था। मैंने कहा अम्मी ये है शादाब अंकल मेरी सहेली के अब्बा। मैंने इसे अभी फोन करके बुलाया है। इसी का लन्ड तुम अपनी बेटी की बुर में देखोगी अम्मी ? और फिर यही लन्ड तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा भी चोदेगा ?
तब तक एक और आवाज़ गूंजने लगी कमरे में। वह बोला एक और लन्ड तेरी बुर में घुसेगा हसीना बेटी। मैं पीछे मुड़ी तो देखा की सामने रफीक अंकल खड़े हैं। वही अंकल जो उस दिन मेरी माँ चोद रहे थे। अम्मी बोली हां बेटी मैंने ही बुलाया है इसे क्योंकि उस दिन मैं इसका लन्ड तुम्हे नहीं पकड़ा सकी तो कम से कम आज तो पकड़ा दूं । मैंने कहा अरे यार तू बहुत बड़ी हरामजादी है, फरीदा । बहुत बड़ी बुर चोदी है तू ? अपनी ही बेटी की बुर में लन्ड पेलने का इंतज़ाम किया है तूने ? बहुत बड़ी चुदक्कड़ है तू और तेरा बहन चोद भोसड़ा ? मेरी इस तरह की गन्दी गन्दी गालियां सुनकर अम्मी ने मुझे गले लगा लिया। वह बोली अब मुझे मालूम हो गया की मेरी बेटी इतनी बोल्ड हो गयी है की वह दुनिया से मुकाबला कर सकती है ?
फिर अम्मी ने रफीक अंकल का लन्ड मुझे पकड़ा दिया और मैंने शादाब अंकल का लन्ड अम्मी को पकड़ा दिया। रात का समय था और रात में लड़कियों को लन्ड बड़ा प्यारा लगता है। हम दोनों लन्ड मस्ती से एक दूसरे के सामने चाटने लगीं। अब तो हम दोनों सहेलियां क्या बल्कि दो रंडिया हो गयीं। न कोई शर्म, न कोई लिहाज़, न कोई झिझक और न कोई किसी बात का डर ? बस मस्ती ही मस्ती ? मैंने कहा अम्मी रफीक का लौड़ा उस दिन से आज ज्यादा बड़ा लग रहा है ? वह बोली क्यों नहीं लगेगा आज तो एक जवान लड़की उसे हिला रही है न ? इसलिए और मोटा हो गया है बहन चोद। उसने कहा और तेरे अंकल का लौड़ा भी बड़ा मस्त और मोटा तगड़ा है हसीना ? मैंने कहा हां अम्मी क्योंकि आज उसे हसीना की माँ की चूत लेना है न ? अम्मी ने कहा यार शादाब ये बताओ क्या तुम और भी लड़कियों की बुर लेते हो ? वह बोला हां लेता हूँ लेकिन जबरदस्ती कभी नहीं लेता। आजकल की लड़कियां बड़ी आगे निकल गयीं हैं भाभी ? वो बहन चोद खुद मेरा लन्ड पकड़ लेतीं हैं।
उसने फिर पूंछा तो क्या तेरी बेटी भी तेरा लन्ड पकड़ लेती है ? वह बोला मेरी बेटी अपने खालू का लन्ड ज्यादा पकड़ती हैऔर खालू की लड़की मेरा लन्ड ज्यादा पकड़ती है। जब दोनों लड़कियां एक ही कमरे में एक दूसरे के अब्बा का लन्ड पकड़ती हैं तो खुदा कसम बड़ा मज़ा आता है। अम्मी ने फिर पूंछा इसका मतलब तुम खालू के बेटी की माँ भी चोदते होंगे ? वह बोला हां फरीदा भाभी तुमने सच कहा। एक दिन मैं उसकी माँ का भोसड़ा चोद रहा था तभी उसकी बेटी अचानक कमरे में आ गयी। तब उसने अपनी बेटी को बुलाया और मेरा लन्ड उसे पकड़ा दिया। वह बोली बेटी अब तुम १९ साल की हो गयी हो ? माशा तेरी चूंचियां भी बड़ी बड़ी हो गईं हैं। अब तू बुर चोदी लन्ड खाने वाली हो गयी है। लो पकड़ो अपने खालू का बहन चोद लन्ड ? उसने मेरा लन्ड अपनी बेटी को पकड़ा दिया। उसके बाद तो मैं उन दोनों को एक साथ चोदने लगा ? ऐसा बोल कर उसने लन्ड अम्मी की चूत में पेल दिया। अम्मी तो बस उई बड़ा मोटा है तेरा लन्ड, कह कर रह गयीं।
इधर मैं भी रफीक से चुदवाने लगी। आज मैं पहली बार अम्मी के सामने किसी का लन्ड अपनी चूत में पेले हुए थी। वह मुझे बड़ी मस्ती से चुदवाते हुए देख रही थी और मैं भी अम्मी को चुदवाते हुए देख रही थी। तब मुझे ख्याल आया की मेरी सहेली भी बुर चोदी इसी तरह अपनी माँ चुदवाती होगी ? हम दोनों ने पीछे से, अगल से बगल से हर तरफ से चुदवाया। कभी मैं अम्मी की तरह चुदवाती कभी अम्मी मेरी तरह चुदवाती है। हमारी ऐय्यासी की कोई सीमा न थी। उस दिन मुझे मालूम हुआ की मेरी अम्मी भोसड़ी की कितनी ऐय्याश है और अम्मी को मालूम हुआ की मैं मादर चोद कितनी ऐय्याश हूँ ? अच्छा हुआ की हम दोनों खुल कर एक दूसरे के सामने आ गयीं और हमें एक दूसरे की असलियत का पता चल गया। इसके बाद तो हमारी चुदाई दिन पर दिन बढती चली गयी।
एक दिन ऐसा आया की मेरी शादी हो गयी और मैं ससुराल चली गयी। इधर मेरी भाभी यानी अम्मी की बहू समीना आ गयी। कुछ दिन बाद मालूम हुआ की समीना भी हमारी ही तरह चुदाई करती है और करवाती है। अम्मी तो बेहद खुश थी अपनी बहू पाकर ?
इस घर में केवल तीन प्राणी रहतें हैं। एक है सास, दूसरी है बहू और तीसरी है नन्द। तीनो आपस में मिलजुल
"लन्ड" ही एक ऐसी चीज है जो इन तीनो को बाँध कर रखे हुए है। ये तीनो लन्ड की बड़ी भक्त हैं, तीनो लन्ड की दीवानी है और तीनो लन्ड की जबरदस्त शौक़ीन हैं। इसलिए, इन सबको चाहिए लन्ड और एक ही घर में रह कर छुप छुप कर लन्ड का मज़ा नहीं ले सकती ? एक दूसरे से छुप छुप कर चुदवा नहीं सकती। और अगर कभी कभार चुदवा भी लें तो उसमे मज़ा नहीं आता ? हमेशा पकड़े जाने का डर बना रहता है। ऐसा पहले कभी होता था, पर अब ज़माना बदल गया है। अब धीरे धीरे शर्म की माँ चुदी जा रही है।
अचानक एक दिन सबने बैठ कर यह तय किया की आज से हम तीनो साथ साथ लन्ड का मज़ा लिया करेंगीं। बस तभी से इस घर का माहौल बदल गया।
जब कभी सास को लन्ड मिल जाता है तो उसका मज़ा बहू और नन्द भी लेती है। बहू को लन्ड मिलता है तो वह अपनी सास और नन्द की चूत में घुसेड़ती है और नन्द जब कोई लन्ड पा जाती है तो उसे अपनी माँ के भोसड़ा में और अपनी भाभी की बुर में पेलती है। इसी वजह से इनमे कभी झगड़ा नहीं होता बल्कि दिन पर दिन मेलजोल बढ़ता ही जा रहा है। इनको एकल सूत्र में पिरोकर रखने वाला है "लन्ड" और केवल "लन्ड" ? दोस्तों, इसलिए मैं लन्ड की बहुत इज़्ज़त करती हूँ, लन्ड की पूजा करती हूँ, लन्ड की इबादत करती हूँ और लन्ड का पूरा पूरा इस्तेमाल करती हूँ।
अब आईये मैं आपको वहीँ ले चलती हूँ जब मैं ससुराल चली गयी थी और मेरी भाभी समीना अम्मी के पास आ गयीं थीं। मैं अपनी ससुराल जाकर पहले ही दिन से लन्ड के फिराक में रहने लगी। मेरे सामने कई श्रोत थे लन्ड पाने के पहला मेरे देवरों के लन्ड, जेठ का लन्ड, नंदोई का लन्डऔर इन लोगों के दोस्तों के लन्ड ? दूसरा अपने ससुर का लन्ड, खाला ससुर का लन्ड, ममिया ससुर का लन्ड, फुफिया ससुर का लन्ड और इनके दोस्तों के लन्ड ? तीसरे पास पड़ोसियों के लन्ड, चौथे आने जाने वालों के लन्ड। पांचवें मेरे शौहर के दोस्तों के लन्ड, दोस्तों के दोस्तों के लन्ड ? कहने का मतलब यह है की ससुराल की तरह से एक बहुत बड़ा लन्ड बाजार है। मैं जहाँ हाथ बढ़ाऊंगी वहीँ मुझे लन्ड मिल जायेगा। कुछ दिन ससुराल में गुज़ारने के बाद मैं फिर माईके वापस आ गयी। मैंने देखा की मेरी अम्मी अपनी बहू के साथ मस्ती से दिन गुज़ार रही हैं।
मैं समझ गयी की बहू की बुर और सास का भोसड़ा रंग दिखा रहा है। एक दिन हम तीनो यानी मैं हसीना, मेरी अम्मी फरीदा और मेरी भाभी समीना तीनो बैठी हुई खूब हंसी मजाक कर रहीं थीं। खूब मस्ती सवार थीं हम तीनो पर। फिर अम्मी ने व्हिस्की भी मंगा ली और हम तीनो शराब पीकर हंगामा करने लगीं। एक दूसरे को गाली देने लगीं, खूब गन्दी गन्दी बातें करने लगीं और अपने अपने कपड़े भी खोलने लगी। मस्ती का आलम बढ़ता ही जा रह था।
अम्मी बोली :- हसीना बेटी, तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा बहन चोद ? मैं किसी दिन तेरी माँ का भोसड़ा चोद के तेरे हाथ में रख दूँगी।
मैंने कहा :- हाय अम्मी, तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर मादर चोद ? मैं भी कसी दिन तेरी बेटी की बुर चोद के चिथड़े चिथड़े कर दूँगी ? पता नहीं चलेगा की कहाँ गयी तेरी बेटी की बुर ?
समीना भाभी बोली :- हाय दईया तुम लोग ये सब करोगी तो क्या मैं अपनी झांटें गिनूँगी बैठे बैठे ? मैं भी नन्द की भाभी की चोदूंगी बुर ? और सासू जी तेरी बहू की चूत में घुसेड़ दूँगी लन्ड ?
फिर हम सब इसी बात पर हंसने लगी। अम्मी ने फिर सबको छेड़ा।
वह बोली :- बेटी, तेरी सास की बहू की चूत ? मैं समझ गयी की अम्मी मेरी चूत को गाली दे रहीं हैं।
मैंने भी कहा :- अम्मी, तेरी बहू की सास का भोसड़ा ? अम्मी समझ गयी की हसीना ने मेरे भोसड़ा को गाली दी। तब तक भाभी बोली :- सासू जी, तेरी बेटी की माँ की चूत ?
तो अम्मी ने पलट कर कहा :- बहू तेरी नन्द की भाभी का भोसड़ा ?
तब तक नशे में हम तीनो धुत्त हो चुकी थीं। मैंने फोन उठाया और बोली इकबाल अंकल अब तुम जल्दी से आ जाओ और चोदो मेरी माँ का भोसड़ा और मेरी भाभी की बुर ? मुझे देख कर अम्मी ने भी फोन किया और कहा यार हबीब तुम अभी आओ और चोदो मेरी बेटी की चूत, बहू की बुर ? अब समीना भाभी कहाँ पीछे रहने वाली थीं। वह भी फोन पर बोली अरे मेरे भोसड़ी के जीजू हनीफ आज मौका है. जल्दी से मेरी ससुराल आ जा और चोद ले मेरी नन्द की चूत और उसकी माँ का भोसड़ा ?
बस थोड़ी ही देर में तीनो लोग आ गये। सबसे पहले इकबाल अंकल आये। मैंने उसे सबसे मिलवाया। वो भी खुश और सब लोग भी खुश। उसके बाद हबीब मियां आ गये जिसे अम्मी ने बुलाया था। व आदमी भी मुझे जंचा। अम्मी से मिलवाया और बाद में हनीफ आया जो भाभी का जीजू है। वह तो मस्त नौजवान लड़का था। मैं उसे देख कर मस्त हो गयी। सब की सब नशे में थीं अध् नंगी थीं। सबने सबसे पहले अपने अपने कपड़े खोल डाले। मर्दों ने हम सबको नंगी देखा तो उनके लन्ड कूदने लगे। तब तक मैंने इकबाल को नंगा कर दिया। अम्मी ने हबीब की सबके सामने नंगा कर दिया और भाभी ने हनीफ का पैजामा खोल कर उसे नंगा कर दिया। हम तीनो अपने अपने बुलाये हुए मर्दों के लन्ड हिलाने लगी। थोड़ी देर में भाभी ने हनीफ का लन्ड अम्मी के मुंह में घुसा दिया और बोली जीजू ये है मेरी भोसड़ी की सास। बड़ी मस्ती और चुदक्कड़ है मेरी सास पहले इसके मुंह में पेलो लन्ड फिर इसकी बुर में घुसेड़ो लन्ड ? अम्मी उसका लौड़ा पाकर मस्त हो गयीं और उसे पेल्हड़ सहित चूसने चाटने लगीं।
तभी अम्मी ने हबीब का लन्ड मुझे पकड़ा दिया और कहा यार अब तुम पहले चोदो मेरी बिटिया की बुर ? ये भोसड़ी की बड़ी मस्ती से चुदवाती है। उधर मैंने इकबाल अंकल का लन्ड समीना के हाथ में रख दिया। मैंने कहा अंकल ये है मेरी समीना भाभी? और ये है इसका मुंह, ये है इसकी चूत, ये है इसकी गांड ? आज तुम अपना लन्ड हर जगह पेलो। इसकी चूत का बजा दो बाजा और फिर इसकी गांड में ठोंक दो लन्ड ? उसके बाद चोदना मेरी माँ का भोसड़ा ? तुम्हे दोनों को चोदने में आएगा ज़न्नत का मज़ा।
इस तरह मैं हबीब का लन्ड चाटने लगी, अम्मी हनीफ का लन्ड और भाभी इकबाल का लन्ड चाटने लगी। उसके बाद रात भर हम तीनो ने खूब जम कर चुदवाया। जवानी में जो न हो जाये वो थोड़ा...
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