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पत्नी एक की और चूत चुदवाती है पुरे कुनबे से - Patni ek ki aur chu chudwayi kunbe se
पत्नी एक की और चूत चुदवाती है पुरे कुनबे से - Patni ek ki aur chu chudwayi kunbe se , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम है नसीम बानो। मेरी शादी अभी कुछ दिन पहले ही हुई है। शादी के बाद मैं अपनी ससुराल चली गयी और वहां सुहागरात मनाया। सुहागरात में ही मुझे एक नया अनुभव हुआ। मेरा शौहर एक मस्त जवान गोरा चिट्टा हट्टा कट्टा मर्द है। मैं मन ही मन उसके बारे में कम उसके लण्ड के बारे में ज्यादा सोंच रही थी। मुझे उसके लण्ड के साइज की फ़िक्र थी। मैं चाहती थी की मेरे शौहर का लण्ड लम्बा भी हो और मोटा भी। वह ज्यादा देर तक चोदने वाला भी हो ? मुझे लण्ड पकड़ने की लत १५ साल की उम्र से लग गयी थी। अब तक मैं बहुत सारे लण्ड पकड़ चुकी हूँ, लण्ड मुंह में ले चुकी हूँ, लण्ड चूम चाट और चूस चुकी हूँ, सड़का मार कर लण्ड पी भी चुकी हूँ और लण्ड अपनी चूत में पेल भी चुकी हूँ। मैने कभी किसी को बताया नहीं की मैं कितने लोगों से चुदवाया है और कितने लोगों से चुदवाती हूँ। हां अम्मी को सिर्फ इतना मालूम है की मैं लण्ड पीती हूँ। मेरे मन में यही सब चल रहा था तभी मेरा शौहर कमरे में गया। उसने मेरा घूँघट उठाया मेरी चुम्मी ली मेरी तारीफ की और फिर मेरे कपड़े उतारने लगा. मैं भी उसके कपड़े उतारने लगी। पहले मैं नंगी हुई उसने मेरी चूँचियाँ मेरी चूत मेरी गांड सब कुछ बड़े प्रेम से देखा और सहलाया फिर मैंने उसे खुदा का नाम लेकर पूरा नंगा किया। लण्ड का दीदार किया तो थोड़ी तसल्ली हुई और जब लण्ड पकड़ कर हिलाया चूमा चाटा तो वह फनफनाकर खड़ा हो गया। मैं खुश हो गयी क्योंकी लण्ड मेरे मन माफिक ही निकला। उसके बाद मैंने लण्ड से खेलना शुरू किया और फिर उसने ठोंकना शुरू किया लण्ड मेरी चूत में ? मैं भी एक मंजी हुई खिलाड़ी की तरह चुदवाने लगी। मैंने उसे यकीन दिला दिया की मैं अनाड़ी नहीं हूँ खाई खेली हुई हूँ। वह मुझे अच्छी तरह चोद कर चला गया।
उसके बाद मेरी नन्द आ गई। उसने मुझसे खुल कर कहा की भाभी जान तुम्हारी सुहागरात तो हो चुकी है. अब बता मुझे की मेरे भाई जान का लौड़ा तुझे कैसा लगा ?
दोनों ही लण्ड 8" + के थे और मोटे भी। मेरी चूत की आग और धधकने लगी। मेरी नन्द जिस तरह से लण्ड हिला रही थी और चुम रही थी अपनी चूँचियाँ जिस तरह से मसलवा रही थी उससे यह ज़ाहिर हटा है की वह कितनी बड़ी चुदक्कड़ लड़की है। मैंने मजाक करते हुए पूंछा - तू अपनी माँ के भोसड़ा में भी लण्ड पेलती है हिना ? वह बोली - क्यों नहीं पेलती भाभी जान। मैं खुले आम अपनी माँ चुदवाती हूँ। मेरी माँ बुर चोदी ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती है। मेरी बुर में भी लण्ड पेलती है। बहुत बेशरम है मेरी अम्मी जान और सामूहिक चोदा चोदी में वह सबके लण्ड अपनी बुर में घुसाती है और सबकी बुर में भी घुसाती है। मेरे मुंह से निकला - हिना तेरी माँ का भोसड़ा और तेरी माँ की बिटिया की बुर ? वह बड़ी जोर से हंसी और बोली - तेरी नन्द की माँ की चूत भाभी जान और तेरी सास की बिटिया की बुर ? हम दोनों की गालियां सुनकर उन दोनों के लण्ड और सख्त हो गये। फिर हम दोनों लण्ड चूसने में जुट गई।
बस दो मिनट में ही विलावल ने लण्ड मेरी चूत मे टिका दिया। मैं समझ गयी की अब मेरी चूत चुदेगी। उसने एक जोर के धक्का मारा और लण्ड भोसड़ी का अंदर घुस गया। , मैं चिल्ला पड़ी उई माँ फाड् डाला मादर चोद ने मेरी बुर ? इतना मोटा लण्ड तूने पेलवा दिया मेरी चूत में। वह बोली हाय मेरी बुर चोदी भाभी जान उतना ही मोटा लण्ड मेरी भी चूत में घुस गया है। हम दोनों मजे से चुदवाने लगीं। मैं मन ही मन सोंच रही थी की जब सुहागरात में ये हाल है तो आगे या होगा ? मैं भी अपनी गांड से जोर लगा कर चुदवाने लगी। मेरी नन्द तो एकदम रंडी की तरह चुदवा रही थी. मेरी चूत का बाजा बज रहा था और मेरी नन्द की भी चूत का ? एक बात तो सच है की किसी के साथ चुदाई करने में बड़ा मज़ा आता है। थोड़ी देर में वज़ीर ने लण्ड नन्द की बुर से निकाल कर मेरी बुर में पेल दिया और विलावल मेरी चूत से लण्ड निकाल कर अपनी बीवी की बुर में पेल दिया। लण्ड बदला तो चुदाई का मज़ा भी बदल गया।
इस तरह मुझे मेरी ही सुहागरात में तीन तीन लोगों ने मुझे चोदा। शौहर को तो चोदना ही था पर इन दो ग़ैर मर्दों ने जो मुझे चोदा तो वाकई बड़ा मज़ा आया।
एक दिन घर में बड़ा सन्नाटा था। सब लोग शायद कहीं किसी फंक्शन में गए थे। मैं अकेली थी। मेरी नन्द भी माँ की लौड़ी कहीं गयी थी। तभी अचानक मेरा देवर मुनीर आ गया। गर्मी के दिन थे , दोपहर का समय था। मैं ये सी कमरे में अकेली बैठी थी।
थोड़ी देर में वह बोला भाभी मैं तेरी बुर चोद लूं ? मैंने कहा हां हां भोसड़ी के मुनीर अब तुम मेरी बुर चोदो पूरा लण्ड घुसेड़ के चोदो। जैसे अपनी खाला की बुर चोदते हो वैसे मेरी भी बुर चोदो। मैंने बुर फैला दी और उसने लौड़ा पेल दिया। वह गचर गचर चोदने लगा और मैं मजे से चुदवाने लगी। मुझे देवर से चुदवाने में जो मज़ा आ रहा था वह मज़ा अपंने नंदोई से चुदवाने मे नहीं आया। मैंने पूंछा मुनीर तुम अपने कुनबे की कितनी बुर में लण्ड पेल चुके हो ? वह तपाक से बोला की अम्मी की बुर छोड़ कर मैं सबकी बुर में अपना लौड़ा घुसेड़ चुका हूँ। मैंने फर पूंछा किसी ने अपनी बुर में लौड़ा पेलवाने से मना किया। वह बोला नहीं भाभी जान किसी ने भी नहीं मना किया बल्कि सबने बड़ी ख़ुशी ख़ुशी मेरा लण्ड अपनी चूत में घसा लिया। लड़कियों ने तो कई बार लण्ड पेलवाया अपनी चूत में और उनकी अम्मियों ने भी मुझसे अपना भोसड़ा चुदवाया।
वह मुझे चोद भी रहा था और बातें भी कर रहा था। मैंने पूंछा तुम्हे सबसे ज्यादा किसकी बुर चोदने में मज़ा आया ? उसने जबाब दिया मुझे अपनी दीदी की नंद की बुर चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा आया और आज भाभी जान तेरी बुर चोदने में आ रहा है। मैंने मजाक में कहा मेरी माँ का भोसड़ा चोदोगे ? वह बोला हां भाभी अगर तुम अपने सामने चुदवाओगी तो जरूर चोदूंगा। वह धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था और मैं उसका हर धक्का मजे से बर्दास्त किये जा रही थी। मुझे लगा की मैं पहले झड़ जाऊंगी पर वह बोला भाभी जान अब मैं निकलने वाला हूँ। बस मैंने उसका लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और दनादन सड़का लगाने लगी। फिर उसने मेरे मुंह में ही अपने लण्ड घुसेड़ दिया और झड़ गया। मैं उसका वीर्य पी गयी और सुपाड़ा चाट चाट कर मज़ा लिया।
ऐसे ही एक दिन रात को मैं अचानक उठीं और बाथ रूम गयी। मैं आकर फिर लेट गयी। मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं बस करवटें बदल रही थी। तभी मुझे लगा की मेरे पीछे कोई खड़ा है। मैंने मुड़ कर देखा तो वह मेरी नन्द का बहनोई था। उसकी उम्र मुझे से कुछ ज्यादा ही होगी। मुझे देख कर वह थोड़ा झिझक तो गया लेकिन फिर बोला सबीना तुम सच में बहुत खूबसूरत हो। बस वह आगे बढ़ा और मुझे अपनी तरफ खींच कर बोला मैं तुम्हे नंगी देखना चाहता हूँ सबीना। रात का टाइम था मेरा भी मन कहीं नहीं लग रहा था। तो मैंने कहा अच्छा तो फिर मैं भी तुम्हे नंगा देखना चाहती हूँ। पहले तुम मुझे नंगे होकर दिखाओ। वह सच में अपनी लुंगी और बनियाइन खोल कर एकदम नंगा खड़ा हो गया लेकिन उसका लण्ड पूरा नहीं खड़ा था ? मैंने कहा अरे बस इतना ही बड़ा है तेरा लण्ड मेरी नन्द के बहनोई जी ? उसने कहा अरे नहीं सबीना तुम बस एक बार इसे छू लो फिर देखना ये कितना बड़ा हो जायेगा। मैंने हाथ बढ़ाया तो उसने मुझे रोका और कहा ऐसे नहीं पहले तुम भी नंगी हो जाओ न मेरी तरह तब पकड़ो इसे।
फिर मैंने भी अपने कपडे उतार दिया और हो गयी नंगी। वह मेरी चूँचियाँ चूत गांड देख कर जोश में आ गया और लण्ड उसका बढ़ने लगा। मैंने जैसे ही उसे पकड़ा तो वह भोसड़ी का आसमान से बातें करने लगा। उसका छोटी छोटी झांटों वाला लण्ड मुझे बड़ा सुन्दर लग रहा था। बड़ा प्यारा लग रहा था। सबस बड़ी बात यह थी की लण्ड खड़ा होने पर टेढ़ा हो गया था। टेढ़ा लण्ड चुदाई बाहत बढ़िया करता है ऐसा मेरी अम्मी कहती हैं। मैं पहले तो लण्ड चूसती रही बड़ी देर तक और फिर पेल लिया लण्ड अपनी चूत में ? मैं निडर और मस्त होकर चुदवाने लगी। थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मैं फिर लण्ड चूसने लगी और मेरी चूत सामने खुली पड़ी थी। अचानक मुझे लगा की किसी ने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में। मैंने झुक कर देखा तो वह मेरा जेठ था। माइए कहा जेठ जी तुम ,,,,,,,,,,,,,,,,,, वह बोला हां सबीना मैंने तेरी चूत खुली देखी तो मुझसे रहा न गया और मैं चोदने लगा। मैंने कहा तो फिर खुल कर चोदो न भोसड़ी के जेठ जी मेरी चूत ?
अगले दिन मैं बिंदास अपने बिस्तर पर पड़ी थी , मैं आधी नंगी थी। मेरी चूँचियाँ आधी खुली थीं और चूत भी दिख रही थी। इतने में मेरा खाला ससुर आया और अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और बोला मैंने सुना है की तुम बड़े प्यार से चुदवाती हो। तो फिर मुझसे भी चुदवा लो। मैं तुम्हे अच्छी तरह चोदूंगा यह मेरा वादा है। मैंने कहा ठीक है पर मुझे लण्ड अच्छी तरह चूस लेने दो। मैं लण्ड पहले मुंह में लूंगी फिर बुर में। मैंने नंगी नंगी लण्ड पकड़ा उसे कई बार चूमा और फिर सुपाड़ा भी चाटा। बाद में पूरा का पूरा सुपाड़ा मुंह में घुसेड़ लिया। मैं अंदर ही अंदर जबान सुपाड़े के चरों ओर फिराने लगी और तब वह सिसकारियां भरने लगा। मुझे लण्ड इसीलिए पसंद है की मैं उनका पूरा मज़ा लेती हूँ।
एक बात तो पक्की है की मेरी ससुराल में एक से बढ़ कर एक लण्ड हैं। मैं अपनी जवानी का पूरा मज़ा लूट
सकूंगी। यहाँ के मरद भी भोसड़ी के बुर चोदने में बड़े माहिर हैं। थोड़ी देर बाद जेठ ने मेरी बुर चोदना शुरू कर दिया और मैं फिर एक बार रंडी बन गयी। इस बार तो मेरे जेठ और मेरी नन्द के बहनोई ने मिलकर मुझे चोदा और खूब जम कर चोदा। एकदिन ऐसे ही नन्द किसी और को लेकर आ गयी। मैं उसे पहचनति नहीं थी। वह बोली अरे भाभी जान ये मेरा सबसे छोटा खालू है। इसकी उम्र सिर्फ २५ साल है पर हां इसकी शादी हो चुकी हैं। इसकी बीवी यानी खाला जान भी तुम्हारी तरह सबसे भकाभक चुदवाती हैं। मैं भी खालू के लण्ड का मज़ा लूटती हूँ। ऐसा कह कर उसने मेरे सामने अपने खालू को नंगा किया और उसका लण्ड पकड़ के हिलाने लगी। लण्ड बहन चोद खड़ा हुआ तो मेरी आँखें खुल गयी। ये साला काला लण्ड इतना खूबसूरत होगा इसका मुझे अंदाज़ा नहीं था। मैं तो काले लण्ड को बड़ा गंदा समझती थी पर नहीं काला लण्ड मादर चोद बड़ा खूबसूरत होता है। मैंने लण्ड पकड़ा और उसका लाल लाल सुपाड़ा मुँह में लेकर मज़ा करने लगी। वह मेरी चूँचियाँ मसलने लगा। बाद ने जब उसने लण्ड पेला मेरी चूत में तो मैं गनगना उठी। मुझे उम्मीद से ज्यादा मज़ा आने लगा। मैंने कहा भोसड़ी के खालू तेरी बीवी किस किस से चुदवाती है ? वह बोला देखो बहू मेरे कुनबे में चुदाई पर कोई रोक नहीं है। कोई भी किसी की भी बीवी चोद सकता है। कोई भी बीवी किसी से भी चुदवा सकती है। तब तक नन्द बोली हां भाभी जान यहां लण्ड पेलने और लण्ड पेलवाने में कोई रोक टोक नहीं है। रात को सारी बीवियां बुर चोदी रंडी हो जाती हैं और रंडियों की तरह घूम घूम कर सबसे चुदवाती हैं। उसके बाद जो भी आया उसी ने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में।
मैं जब अपने मायके आयी तो मेरी खाला जान ने पूंछा सबीना केस रही तेरी ससुराल ?
मैंने कहा - ससुराल बहुत अच्छी है, खाला जान । सब लोग बहुत अच्छे हैं।
तब तक मेरी भाभी ने मजाक किया और पूंछा - कितने है तेरे शौहर मेरी बुर चोदी नन्द रानी ?
मैंने कहा - शौहर तो एक ही है भाभी जान, पर लण्ड भोसड़ी के सब पेलते हैं मेरी चूत में...
मेरा नाम है नसीम बानो। मेरी शादी अभी कुछ दिन पहले ही हुई है। शादी के बाद मैं अपनी ससुराल चली गयी और वहां सुहागरात मनाया। सुहागरात में ही मुझे एक नया अनुभव हुआ। मेरा शौहर एक मस्त जवान गोरा चिट्टा हट्टा कट्टा मर्द है। मैं मन ही मन उसके बारे में कम उसके लण्ड के बारे में ज्यादा सोंच रही थी। मुझे उसके लण्ड के साइज की फ़िक्र थी। मैं चाहती थी की मेरे शौहर का लण्ड लम्बा भी हो और मोटा भी। वह ज्यादा देर तक चोदने वाला भी हो ? मुझे लण्ड पकड़ने की लत १५ साल की उम्र से लग गयी थी। अब तक मैं बहुत सारे लण्ड पकड़ चुकी हूँ, लण्ड मुंह में ले चुकी हूँ, लण्ड चूम चाट और चूस चुकी हूँ, सड़का मार कर लण्ड पी भी चुकी हूँ और लण्ड अपनी चूत में पेल भी चुकी हूँ। मैने कभी किसी को बताया नहीं की मैं कितने लोगों से चुदवाया है और कितने लोगों से चुदवाती हूँ। हां अम्मी को सिर्फ इतना मालूम है की मैं लण्ड पीती हूँ। मेरे मन में यही सब चल रहा था तभी मेरा शौहर कमरे में गया। उसने मेरा घूँघट उठाया मेरी चुम्मी ली मेरी तारीफ की और फिर मेरे कपड़े उतारने लगा. मैं भी उसके कपड़े उतारने लगी। पहले मैं नंगी हुई उसने मेरी चूँचियाँ मेरी चूत मेरी गांड सब कुछ बड़े प्रेम से देखा और सहलाया फिर मैंने उसे खुदा का नाम लेकर पूरा नंगा किया। लण्ड का दीदार किया तो थोड़ी तसल्ली हुई और जब लण्ड पकड़ कर हिलाया चूमा चाटा तो वह फनफनाकर खड़ा हो गया। मैं खुश हो गयी क्योंकी लण्ड मेरे मन माफिक ही निकला। उसके बाद मैंने लण्ड से खेलना शुरू किया और फिर उसने ठोंकना शुरू किया लण्ड मेरी चूत में ? मैं भी एक मंजी हुई खिलाड़ी की तरह चुदवाने लगी। मैंने उसे यकीन दिला दिया की मैं अनाड़ी नहीं हूँ खाई खेली हुई हूँ। वह मुझे अच्छी तरह चोद कर चला गया।
उसके बाद मेरी नन्द आ गई। उसने मुझसे खुल कर कहा की भाभी जान तुम्हारी सुहागरात तो हो चुकी है. अब बता मुझे की मेरे भाई जान का लौड़ा तुझे कैसा लगा ?
- मैंने कहा - यार लौड़ा तो बड़ा जबरदस्त है उसका। मुझे पसंद भी आ गया. पर वह गया कहाँ ?
- वह बोली - वह अपनी भाभी की बुर लेने लगा है भाभी जान ?
- वाओ, अपनी सुहागरात में किसी और की बुर लेगा वो ?
- हां तो क्या हुआ भाभी जान ? यह तो सब होता ही है। मेरी सुहागरात में मेरे शौहर ने मेरे सामने ही अपने दोस्त की बीवी चोदी थी।
- तो फिर तूने क्या किया ?
- मैंने भी उसके दोस्त से चुदवाया।
- हाय दईया इसका मतलब तू अपनी सुहागरात से बीवियों की अदला बदली करने लगी।
- मैं नहीं भाभी, मेरा शौहर भोसड़ी का बीवियों की अदला बदली करके चोदने लगा , मुझे भी मज़ा आया तो मैं आगे भी यही करती रही। अब मैं उससे कम उसके दोस्तों से ज्यादा चुदवाती हूँ। और हां भाभी जान मुझे तो मेरे ससुराल वाले ही चोदते हैं।
- क्या कह रही है तू नन्द रानी ?
- हां यह सही बात है अभी तू नई नई दुल्हन है तुझे चोदने के लिए जाने कितने लण्ड बाहर टन टना रहें हैं। सबसे पहले मेरे शौहर ही तेरी बुर लेने के लिए बेताब घूम रहा है।
- अच्छा तो अब मुझे मेरा नंदोई चोदेगा ? हां बिलकुल चोदेगा ? भला नई नई दुल्हन को कौन भोसड़ी का मरद नहीं चोदना चाहेगा ? मेरा शौहर जाने कबसे तुम्हे चोदने के लिए तैयार बैठा है।
- तो फिर तुम क्या करोगी नन्द रानी ?
- मैं भी अपने नंदोई से चुदवाऊंगी यहीं तेरे सामने ? मुझे अकेले में चुदवाने में मज़ा नहीं आता। मुझे लगता है की कोई मेरी चुदाई देखे ? मैं उन दोनों को बुला कर लाती हूँ।
दोनों ही लण्ड 8" + के थे और मोटे भी। मेरी चूत की आग और धधकने लगी। मेरी नन्द जिस तरह से लण्ड हिला रही थी और चुम रही थी अपनी चूँचियाँ जिस तरह से मसलवा रही थी उससे यह ज़ाहिर हटा है की वह कितनी बड़ी चुदक्कड़ लड़की है। मैंने मजाक करते हुए पूंछा - तू अपनी माँ के भोसड़ा में भी लण्ड पेलती है हिना ? वह बोली - क्यों नहीं पेलती भाभी जान। मैं खुले आम अपनी माँ चुदवाती हूँ। मेरी माँ बुर चोदी ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती है। मेरी बुर में भी लण्ड पेलती है। बहुत बेशरम है मेरी अम्मी जान और सामूहिक चोदा चोदी में वह सबके लण्ड अपनी बुर में घुसाती है और सबकी बुर में भी घुसाती है। मेरे मुंह से निकला - हिना तेरी माँ का भोसड़ा और तेरी माँ की बिटिया की बुर ? वह बड़ी जोर से हंसी और बोली - तेरी नन्द की माँ की चूत भाभी जान और तेरी सास की बिटिया की बुर ? हम दोनों की गालियां सुनकर उन दोनों के लण्ड और सख्त हो गये। फिर हम दोनों लण्ड चूसने में जुट गई।
बस दो मिनट में ही विलावल ने लण्ड मेरी चूत मे टिका दिया। मैं समझ गयी की अब मेरी चूत चुदेगी। उसने एक जोर के धक्का मारा और लण्ड भोसड़ी का अंदर घुस गया। , मैं चिल्ला पड़ी उई माँ फाड् डाला मादर चोद ने मेरी बुर ? इतना मोटा लण्ड तूने पेलवा दिया मेरी चूत में। वह बोली हाय मेरी बुर चोदी भाभी जान उतना ही मोटा लण्ड मेरी भी चूत में घुस गया है। हम दोनों मजे से चुदवाने लगीं। मैं मन ही मन सोंच रही थी की जब सुहागरात में ये हाल है तो आगे या होगा ? मैं भी अपनी गांड से जोर लगा कर चुदवाने लगी। मेरी नन्द तो एकदम रंडी की तरह चुदवा रही थी. मेरी चूत का बाजा बज रहा था और मेरी नन्द की भी चूत का ? एक बात तो सच है की किसी के साथ चुदाई करने में बड़ा मज़ा आता है। थोड़ी देर में वज़ीर ने लण्ड नन्द की बुर से निकाल कर मेरी बुर में पेल दिया और विलावल मेरी चूत से लण्ड निकाल कर अपनी बीवी की बुर में पेल दिया। लण्ड बदला तो चुदाई का मज़ा भी बदल गया।
इस तरह मुझे मेरी ही सुहागरात में तीन तीन लोगों ने मुझे चोदा। शौहर को तो चोदना ही था पर इन दो ग़ैर मर्दों ने जो मुझे चोदा तो वाकई बड़ा मज़ा आया।
एक दिन घर में बड़ा सन्नाटा था। सब लोग शायद कहीं किसी फंक्शन में गए थे। मैं अकेली थी। मेरी नन्द भी माँ की लौड़ी कहीं गयी थी। तभी अचानक मेरा देवर मुनीर आ गया। गर्मी के दिन थे , दोपहर का समय था। मैं ये सी कमरे में अकेली बैठी थी।
- आते ही वह बोला - भाभी आप आज बहुत ही खूबसूरत, सेक्सी और हॉट लग रहीं हैं।
- मैंने मुस्कराते हुए कहा - अच्छा सच में मैं तुम्हे अच्छी लग रही हूँ।
- हां भाभी जान सच में। मैं तो तुम्हे देख कर मस्त हो जाता हूँ।
- मैंने फिर मुस्कराते हुए कहा - वैसे तुम भी बड़े मस्त नौजवान हो देवर जी।
- भाभी जान एक बात कहूं बुरा नहीं मानना ?
- हां कहो मैं बुरा नहीं मानूंगी।
- मैं तुम्हारी ये बड़ी बड़ी चूँचियाँ दबाना चाहता हूँ।
- अच्छा, दबा लो पर मेरी एक शर्त है। तुम्हे मेरी बुर चाटनी पड़ेगी ? उसके बाद तुम मेरी चूँचियाँ दबा सकते हो ?
- अरे भाभी जान, यह तो अपने मेरे मन की बात कह दी आपने । मैं बुर बहुत अच्छी तरह चाट लेता हूँ। कल रात मैंने खाला की बुर चाटी थी। एक दिन मैंने फूफी की बेटी की बुर चाटी थी।
- लेकिन तुम्हे नंगे होकर मेरी बुर चाटनी पड़ेगी।
- हां हां भाभी जान मैं बिलकुल नंगा हो जाऊंगा। मुझे भाभियों के आगे नंगे होने में मज़ा आता है।
थोड़ी देर में वह बोला भाभी मैं तेरी बुर चोद लूं ? मैंने कहा हां हां भोसड़ी के मुनीर अब तुम मेरी बुर चोदो पूरा लण्ड घुसेड़ के चोदो। जैसे अपनी खाला की बुर चोदते हो वैसे मेरी भी बुर चोदो। मैंने बुर फैला दी और उसने लौड़ा पेल दिया। वह गचर गचर चोदने लगा और मैं मजे से चुदवाने लगी। मुझे देवर से चुदवाने में जो मज़ा आ रहा था वह मज़ा अपंने नंदोई से चुदवाने मे नहीं आया। मैंने पूंछा मुनीर तुम अपने कुनबे की कितनी बुर में लण्ड पेल चुके हो ? वह तपाक से बोला की अम्मी की बुर छोड़ कर मैं सबकी बुर में अपना लौड़ा घुसेड़ चुका हूँ। मैंने फर पूंछा किसी ने अपनी बुर में लौड़ा पेलवाने से मना किया। वह बोला नहीं भाभी जान किसी ने भी नहीं मना किया बल्कि सबने बड़ी ख़ुशी ख़ुशी मेरा लण्ड अपनी चूत में घसा लिया। लड़कियों ने तो कई बार लण्ड पेलवाया अपनी चूत में और उनकी अम्मियों ने भी मुझसे अपना भोसड़ा चुदवाया।
वह मुझे चोद भी रहा था और बातें भी कर रहा था। मैंने पूंछा तुम्हे सबसे ज्यादा किसकी बुर चोदने में मज़ा आया ? उसने जबाब दिया मुझे अपनी दीदी की नंद की बुर चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा आया और आज भाभी जान तेरी बुर चोदने में आ रहा है। मैंने मजाक में कहा मेरी माँ का भोसड़ा चोदोगे ? वह बोला हां भाभी अगर तुम अपने सामने चुदवाओगी तो जरूर चोदूंगा। वह धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था और मैं उसका हर धक्का मजे से बर्दास्त किये जा रही थी। मुझे लगा की मैं पहले झड़ जाऊंगी पर वह बोला भाभी जान अब मैं निकलने वाला हूँ। बस मैंने उसका लण्ड मुठ्ठी में ले लिया और दनादन सड़का लगाने लगी। फिर उसने मेरे मुंह में ही अपने लण्ड घुसेड़ दिया और झड़ गया। मैं उसका वीर्य पी गयी और सुपाड़ा चाट चाट कर मज़ा लिया।
ऐसे ही एक दिन रात को मैं अचानक उठीं और बाथ रूम गयी। मैं आकर फिर लेट गयी। मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं बस करवटें बदल रही थी। तभी मुझे लगा की मेरे पीछे कोई खड़ा है। मैंने मुड़ कर देखा तो वह मेरी नन्द का बहनोई था। उसकी उम्र मुझे से कुछ ज्यादा ही होगी। मुझे देख कर वह थोड़ा झिझक तो गया लेकिन फिर बोला सबीना तुम सच में बहुत खूबसूरत हो। बस वह आगे बढ़ा और मुझे अपनी तरफ खींच कर बोला मैं तुम्हे नंगी देखना चाहता हूँ सबीना। रात का टाइम था मेरा भी मन कहीं नहीं लग रहा था। तो मैंने कहा अच्छा तो फिर मैं भी तुम्हे नंगा देखना चाहती हूँ। पहले तुम मुझे नंगे होकर दिखाओ। वह सच में अपनी लुंगी और बनियाइन खोल कर एकदम नंगा खड़ा हो गया लेकिन उसका लण्ड पूरा नहीं खड़ा था ? मैंने कहा अरे बस इतना ही बड़ा है तेरा लण्ड मेरी नन्द के बहनोई जी ? उसने कहा अरे नहीं सबीना तुम बस एक बार इसे छू लो फिर देखना ये कितना बड़ा हो जायेगा। मैंने हाथ बढ़ाया तो उसने मुझे रोका और कहा ऐसे नहीं पहले तुम भी नंगी हो जाओ न मेरी तरह तब पकड़ो इसे।
फिर मैंने भी अपने कपडे उतार दिया और हो गयी नंगी। वह मेरी चूँचियाँ चूत गांड देख कर जोश में आ गया और लण्ड उसका बढ़ने लगा। मैंने जैसे ही उसे पकड़ा तो वह भोसड़ी का आसमान से बातें करने लगा। उसका छोटी छोटी झांटों वाला लण्ड मुझे बड़ा सुन्दर लग रहा था। बड़ा प्यारा लग रहा था। सबस बड़ी बात यह थी की लण्ड खड़ा होने पर टेढ़ा हो गया था। टेढ़ा लण्ड चुदाई बाहत बढ़िया करता है ऐसा मेरी अम्मी कहती हैं। मैं पहले तो लण्ड चूसती रही बड़ी देर तक और फिर पेल लिया लण्ड अपनी चूत में ? मैं निडर और मस्त होकर चुदवाने लगी। थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मैं फिर लण्ड चूसने लगी और मेरी चूत सामने खुली पड़ी थी। अचानक मुझे लगा की किसी ने लण्ड पेल दिया मेरी चूत में। मैंने झुक कर देखा तो वह मेरा जेठ था। माइए कहा जेठ जी तुम ,,,,,,,,,,,,,,,,,, वह बोला हां सबीना मैंने तेरी चूत खुली देखी तो मुझसे रहा न गया और मैं चोदने लगा। मैंने कहा तो फिर खुल कर चोदो न भोसड़ी के जेठ जी मेरी चूत ?
अगले दिन मैं बिंदास अपने बिस्तर पर पड़ी थी , मैं आधी नंगी थी। मेरी चूँचियाँ आधी खुली थीं और चूत भी दिख रही थी। इतने में मेरा खाला ससुर आया और अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और बोला मैंने सुना है की तुम बड़े प्यार से चुदवाती हो। तो फिर मुझसे भी चुदवा लो। मैं तुम्हे अच्छी तरह चोदूंगा यह मेरा वादा है। मैंने कहा ठीक है पर मुझे लण्ड अच्छी तरह चूस लेने दो। मैं लण्ड पहले मुंह में लूंगी फिर बुर में। मैंने नंगी नंगी लण्ड पकड़ा उसे कई बार चूमा और फिर सुपाड़ा भी चाटा। बाद में पूरा का पूरा सुपाड़ा मुंह में घुसेड़ लिया। मैं अंदर ही अंदर जबान सुपाड़े के चरों ओर फिराने लगी और तब वह सिसकारियां भरने लगा। मुझे लण्ड इसीलिए पसंद है की मैं उनका पूरा मज़ा लेती हूँ।
एक बात तो पक्की है की मेरी ससुराल में एक से बढ़ कर एक लण्ड हैं। मैं अपनी जवानी का पूरा मज़ा लूट
मैं जब अपने मायके आयी तो मेरी खाला जान ने पूंछा सबीना केस रही तेरी ससुराल ?
मैंने कहा - ससुराल बहुत अच्छी है, खाला जान । सब लोग बहुत अच्छे हैं।
तब तक मेरी भाभी ने मजाक किया और पूंछा - कितने है तेरे शौहर मेरी बुर चोदी नन्द रानी ?
मैंने कहा - शौहर तो एक ही है भाभी जान, पर लण्ड भोसड़ी के सब पेलते हैं मेरी चूत में...
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