Home
» Desi Sex Stories देसी चुदाई कहानियां xxx story चुद्क्कड़ लड़कियां
» फौजी भाई की चालू पत्नी की दिन में चुदाई Fauji bhai ki chalu patni ki din me chudai
फौजी भाई की चालू पत्नी की दिन में चुदाई Fauji bhai ki chalu patni ki din me chudai
फौजी भाई की चालू पत्नी की दिन में चुदाई, Fauji bhai ki chalu patni ki din me chudai, भाभी की चुदाई, भाभी चुद गई, देवर ने भाभी को चोद दिया, देवर और भाभी की कामवासना, चुद्क्कड़ भाभी और सेक्सी देवर, भाभी की चूत में देवर का लंड, भाभी की चूत की प्यास बुझाई. भाभी की चूत में लंड डालकर किया शांत, बड़े लंड से भाभी की चूत को चोदा, अपने देवर के साथ सेक्स. फौजी फ़ौज मै पड़ोसी मौज मै.
कैसे हो आप लोग… आशा है कि आपको मेरी यह कहानी पसंद आएगी, यह कहानी है मेरे मामा के लड़के की बीवी यानि मेरी भाभी की ! मैं कुछ दिनों के लिए अपने मामा के यहाँ गया हुआ था, वहाँ मेरे मामा, मामी, उनका बेटा रोहित और उसकी बीवी अंजलि हैं, उनकी शादी 6 महीने पहले ही हुई थी। भाभी की उम्र यही कोई 22-23 होगी, कसा हुआ बदन, गोरा रंग ! इस बार से पहले मैं 12 साल की उम्र में गया था तो अब मैं किसी आसपास वाले को पहचान नहीं पा रहा था। सभी मेरा बहुत ख्याल रख रहे थे। मामा का बेटा फ़ौज में है, उस समय भी वो घर पर नहीं था, एक महीने बाद आने वाला था। मामा भी सरकारी नौकरी वाले थे तो वो भी उसमें व्यस्त रहते थे और खाली होते तो खेतों के काम में लग जाते। मामी थोड़ी बीमार सी रहती थी, उनका समय आस-पड़ोस के घरों में बातचीत करके या मंदिरों में बीतता था।
कैसे हो आप लोग… आशा है कि आपको मेरी यह कहानी पसंद आएगी, यह कहानी है मेरे मामा के लड़के की बीवी यानि मेरी भाभी की ! मैं कुछ दिनों के लिए अपने मामा के यहाँ गया हुआ था, वहाँ मेरे मामा, मामी, उनका बेटा रोहित और उसकी बीवी अंजलि हैं, उनकी शादी 6 महीने पहले ही हुई थी। भाभी की उम्र यही कोई 22-23 होगी, कसा हुआ बदन, गोरा रंग ! इस बार से पहले मैं 12 साल की उम्र में गया था तो अब मैं किसी आसपास वाले को पहचान नहीं पा रहा था। सभी मेरा बहुत ख्याल रख रहे थे। मामा का बेटा फ़ौज में है, उस समय भी वो घर पर नहीं था, एक महीने बाद आने वाला था। मामा भी सरकारी नौकरी वाले थे तो वो भी उसमें व्यस्त रहते थे और खाली होते तो खेतों के काम में लग जाते। मामी थोड़ी बीमार सी रहती थी, उनका समय आस-पड़ोस के घरों में बातचीत करके या मंदिरों में बीतता था।
मामा ने मुझे कहा- बेटा, तेरे भैया एक महीने बाद आयेंगे, तब तक यहीं रुक जा तू ! बहू का भी मन लगा रहेगा। मामी ने भी कहा और भाभी का भी यही कहना था तो मैं रुक गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब मेरा ज्यादा वक्त भाभी के साथ ही गुजरता। दो दिन हो गए थे मुझे। मैं अपने फ़ोन में नंगी फिल्में रखता हूँ, एक दिन भाभी मेरा फ़ोन देख रही थी तो शायद उसने वो भी देख ली थी, शाम को मेरे से पूछ बैठी- देवर जी, आप बड़े हो गए हो ! किसी लड़की से दोस्ती की है या नहीं…?
मैंने कहा- की तो है..
तब उन्होंने पूछा- ..सिर्फ दोस्ती की है या कुछ और भी किया है?
मैंने कहा- नहीं भाभी, सिर्फ दोस्ती है और कुछ नहीं !
भाभी ने कहा- तो फ़ोन में जो रखा है उन्हें देख कर क्या करते हो?
मैं समझ गया कि भाभी ने वो फ़िल्में देख ली हैं।
मैंने झट से कहा- वो तो बस ऐसे ही पड़ी हैं, देखने का वक्त ही कहाँ मिलता है !
भाभी ने कहा- दूसरो को दिखाने के लिए रखी हैं !
भाभी हंसने लगी। मैं भी हंस दिया।
फिर भाभी ने कहा- वैसे काफी अच्छी फ़िल्में हैं, मैंने सभी देख ली थी।
मैंने भाभी से कहा- भाभी, लेकिन वो तो 126 फ़िल्में थी, आपने एक दिन में कैसे देख ली सब?
भाभी ने कहा- बस देख ली और सब्र कर लिया।
मैंने कहा- कैसा सब्र?
तब भाभी ने कहा- अब चुप रहो ! बहुत बदमाशी कर ली !
सब सोने चल दिए। बारिश होने लगी थी, मामा और मामी बाहर के कमरे में सो गए और मुझे भाभी के कमरे में एक और बिस्तर लगा कर दे दिया क्योंकि उनका कमरा काफी बड़ा है।
भाभी ने कहा- सो गए क्या देवर जी?
मैंने कहा- नहीं, जाग रहा हूँ।
भाभी ने कहा- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- पूछो !
भाभी- सच में आपने कछु नहीं किया किसी के साथ?
मै- सच बताऊँ भाभी ! बुरा तो नहीं मानोगी?
भाभी- नहीं।
मैं- किया तो है कई बार अलग अलग लड़कियों के साथ लेकिन पहल उनकी रही थी।
भाभी- क्यों, तुम्हें क्या डर लगता है पहल करने में?
मैं- नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है, बस सोचता हूँ कि पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोचेंगी?
फिर हम सोने के लिए लेट गए। मुझे भाभी की बातो से नींद नहीं आ रही थी और भाभी सो रही थी। तभी मेरा ध्यान गया भाभी के ऊपर ! आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वो नींद में थी और मैक्सी पहन रखी थी जो जाँघों तक सरकी हुई थी और गहरी सांस लेने के कारण उसकी चूचियाँ उठ-गिर रही थी। यह सब देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मै लंड हिलाने लगा।
तभी मैंने देखा कि भाभी की ब्रा सामने लटक रही है। मैं वो लेकर मुठ मारने लगा। दस मिनट कोशिश के बाद मैंने जल्दी जल्दी में अपना सारा वीर्य भाभी की ब्रा में ही डाल दिया और ब्रा वही लटका कर शांत होकर सो गया। भाभी सुबह उठ कर नहाकर आई थी, अभी गीले बाल और खुशबूदार बदन अलग ही महक रहा था।
भाभी ने मेरे से कहा- देवर जी, बड़े लेट उठे हो? लगता है रात को देर से सोये हो ! बड़ी मेहनत की है।
मैंने कहा- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं, बस नींद नहीं आ रही थी रात को।
तब भाभी ने कहा- नींद तुम्हे नहीं आ रही थी, मेहनत भी तुमने की और कपड़े मेरे ख़राब कर दिए।
मैं - नहीं, मैंने तो ऐसा कुछ नहीं किया।
भाभी ने कहा- तो रात में कोई बंदर आया होगा जो ऐसा कर गया
मैं - शायद, ऐसा ही हुआ होगा
भाभी ने कहा- देवर जी इससे अच्छा तो तुम मेरी चूत में डाल देते, मुझे भी थोड़ा सा मजा आ जाता
मैं- क्या डाल देता
भाभी ने कहा- वहीँ जो तुमने मेरी ब्रा में डाल दिया था
मैं - मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता हूँ, मुझे खुलकर बताओ क्या बात है?
भाभी ने कहा- तुम्हारे मामा मामी कुछ देर में कहीं बाहर जा रहे है, उनके जाने के बाद खुलकर बताउंगी
मामा और मामी के बाहर जाने के बाद भाभी बेडरूम में आई। मैं पहले से ही अंदर था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। भाभी ने दरवाजा अंदर से बंद किया और मेरे पास आकर बोली - खुलकर बताऊँ क्या? या खुद ही समझ चुके हो?
मैंने कहा - मैं कुछ नहीं समझा हूँ, मुझे साफ़ - साफ़ बताओ कि क्या बात है?
उसने झट से मेरे सिर को पकड़ लिया और मेरे होठों पर अपने होठ रखकर मेरे होठों को चूसने लगी। थोड़ी देर बाद वो रुककर बोली - अब पता चला या नहीं?
मैं एकदम से उठा और मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया और उसके सारे बदन को चूमना चालू किया और उसके सारे बदन को अपने हाथो से सहलाया। वो बहुत गरम हो गई थी और उसने भी मुझे अपनी बाहों में कस कर पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से किस करना स्टार्ट कर दिया। कुछ देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे को चूमते रहे और फिर हमने एक दूसरे के कपड़े उतारने चालू किए, कपड़े उतारने के बाद वो क्या क़यामत लग रही थी, क्या बताऊँ यार। उसकी गाण्ड कम से कम 40 की होगी और बूब्स 38 के होंगे, फिर मैंने उसके बूब्स को चूसना चालू किया, वो बहुत ही ज़्यादा गरम हो गई थी और फिर मैं चूमते हुए उसकी चूत तक पहुँच गया और उसकी दोनों टाँगों को खोल कर अपना मुँह उसकी चूत के छेद पर रख दिया। उसकी चूत बहुत ही ज़्यादा गरम थी और मस्त भी।
उसकी चूत पहले से ही पानी छोड़ चुकी थी! मैंने उसके सारे पानी को पी लिया और चूत के छेद में अपनी जीभ अंदर तक डाल कर चूसने लग गया… वो बिल्कुल मदहोश हो गई थी और अपनी गाण्ड को हिला-हिला कर चटवा रही थी। इसी दौरान, वो एक बार और झड़ गई और फिर वो बैठ गई और मेरे लण्ड के ऊपर आ गई और मेरे पूरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरे लण्ड का साइज़ थोड़ा बड़ा है। करीब 8 इंच से ज़्यादा ही होगा, मगर मोटा काफ़ी है। फिर भी वो मेरे लण्ड को अंदर तक ले गई, मेरा लण्ड पूरी तरह से टाइट हो गया था और वो भी कंट्रोल से बाहर हो रही थी। फिर वो सीधी हुई और मेरे लण्ड के ऊपर बैठ कर लण्ड अपनी चूत में डाल दिया। मैंने अब उसके बूब्स अपने मुँह में लिए और अपने हाथों से दबाने लगा। पहला दौर हमने लण्ड की राइडिंग वाले पोज़ में ही किया, उसके बाद हम बाथरूम में गये और एक दूसरे के बदन को वॉश किया और कुछ देर के लिए बेड पर लेट गये। इसके बाद हमारी चुदाई का खेल हररोज होने लगा, मैंने उसे आगे पीछे दोनों साइड से चोदा.....
Click on Search Button to search more posts.
