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सच्चा दोस्त वो है जो अपनी बीवी चुदवाए - Sachcha dost apni Biwi bhi chudwa leta hai
सच्चा दोस्त वो है जो अपनी बीवी चुदवाए - Sachcha dost apni Biwi bhi chudwa leta hai , पक्का मित्र अपनी पत्नी भी चोदने देता है , दोस्ती के लिए वाइफ भी चुद्वानी पड़ती है , दोस्ती में बीवी की चुदाई , दोस्तों से पत्नी की अदला बदली , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
दोस्त हो तो बीवी बदलो और चोदो। तुम मेरे आगे मेरी बीवी चोदो मैं तेरे आगे तेरी बीवी चोदूं। दोस्ती में अगर यह नहीं हो सकता तो फिर दोस्ती किस काम की बहन चोद ?
यार ऋषि देखो मैं दोस्त उसको मानता हूँ जो अपनी बीवी मुझसे चुदवाये और मेरी बीवी चोदे। चोरी छिपे नहीं एकदम आमने सामने चोदे । यानी तुम मेरी बीवी मेरे सामने चोदो मैं तेरी बीवी तेरे सामने चोदूं। ऐसे दोस्तों के लिए मैं जान भी दे सकता हूँ। मैं इससे कम की दोस्ती करता ही नहीं। भाड़ में जाये ऐसी दोस्ती जो अपनी बीवी मुझसे चुदवा न सके और मेरी बीवी चोद न सके. तुमको अगर मेरा दोस्त बनना है तो यह बात पक्की समझ लो की मैं तेरी बीवी तेरे सामने चोदूंगा और तुम मेरी बीवी मेरे सामने चोदोगे। अगर मंजूर हो तो हाथ मिला लो नहीं तो जय राम जी की ? यह बात मैं अपने दोस्त ऋषि से उस समय कह रहा था जब मैं उसके साथ बैठ कर दारू पी रहा था और हम दोनों की बीवियां अंदर किचेन में स्नैक्स बना रही थी और बातें भी कर रहीं थीं।
मेरा नाम अंकित है और मेरी बीवी का नाम रोली। मेरे दोस्त का नाम है ऋषि और उसकी बीवी का नाम है आरती। मैंने ऋषि और उसकी बीवी आरती को डिनर पर बुलाया है। बीवियां भी हमारे साथ दारू पी रही हैं। लेकिन जब बीवियां अंदर चली गयी तो मैंने ये बातें अपने दोस्त ऋषि से साफ़ साफ़ कह दीं।
ऋषि ने एक मिनट सोंचने में लगाया लेकिन फिर बोला - हां मैं तेरा दोस्त हूँ और मैं अपनी बीवी तुमसे चुदवाने को तैयार हूँ। तुम्हारी बीवी भी चोदने को तैयार हूँ। इसमें कोई शक नहीं है। पर एक बार अपनी बीवी से पूंछ तो लो की क्या वह मुझसे चुदवाने के लिए राज़ी होगी।
मैंने जबाब दिया - मेरी बीवी तो बिलकुल तैयार है अब तुम अपनी बीवी से पूंछ लो। तब तक दोनों बीवियां वापस आ गयीं और अपना अपना गिलास उठा कर शराब का घूंट लिया।
आरती बोली - क्या पूंछने की बातें हो रहीं हैं ? कुछ हम लोगों को भी बताओ न ?
ऋषि बताने में झिझकने लगा। बताने में आना कानी करने लगा तो मेरी बीवी बोली अरे चलो छोड़ो यार ये मरद साले सब ऐसे ही हैं ? कुछ न कुछ बेकार की बातें करते रहतें हैं. ज्यादा चढ़ गयी है न तभी कुछ बोल रहे होंगें ? आरती बोली - नहीं रोली भाभी, मैंने इनकी बातें सुन ली हैं । मेरे पति में इतनी हिम्मत क्यों नहीं है की वह खुल कर बताये। अगर बताने की हिम्मत नहीं है तो फिर अपनी बीवी चुदवाने की हिम्मत कहाँ से लाएगा ? अरे अंकित भाई साहेब मैं इसकी तऱफ से कह रही हूँ की ऋषि अपनी बीवी चुदवा लेगा। और तुम्हारी बीवी चोद भी देगा। मैं इसकी बीवी हूँ। मैं इसे भी जानती हूँ और इसके लण्ड को भी।
तब तक मेरी बीवी बोली - हम दोनों अंदर यही बातें कर रहीं थीं की अगर हमारे हसबैंड एक दूसरे की बीवी चोदें तो कितना मज़ा आए ? अब आगे जो तुम लोगों को करना हो वो करो।
मैंने कहा - देखा ऋषि तुमसे ज्यादा बोल्ड तो तेरी बीवी यानी आरती भाभी हैं।
ऋषि हंस कर बोला - जो मेरी बीवी कह रही है मैं वही करूंगा। मैं अपनी बीवी चुदवाऊंगा और तेरी बीवी चोदूंगा।
जैसे ही ऋषि के मुंह से ये बातें निकली वैसे ही आरती भाभी मेरे गले में अपनी बाहें डाल दीं और मेरे गाल चूम कर बोली मैं यही चाहती थी। उधर मेरी बीवी ने अपनी बाहें ऋषि के गले में डाल दीं और उसके होंठ चूमती हुई बोली मैं भी यही चाहती थी कि तुम मुझे चोदो। अब मैं तुमसे अपने पति के सामने जम कर चुदवाऊंगी। मैंने आरती भाभी की चूँचियाँ दबायीं तो वह बोली हाय मेरे राजा इन्हे खोल कर मस्ती से दबाओ न प्लीज। अब क्या अब तो मेरा पति मान गया है। देखो न ऋषि तेरी बीवी की चूँचियाँ बाहर निकाल कैसे चूम चाट रहा है। फिर मैंने आरती भाभी को पूरी तरह नंगी कर दिया और उसने मेरी बीवी को। दोनों बीवियां हमारे समाने नंगी हो गयी तो हमारा जोश और बढ़ गया. माहौल एकदम रंगीन हो गया। आरती भाभी की छोटी छोटी झांटों वाली चूत मुझे बेहद सेक्सी और हॉट लग रही थी। ऋषि भी मेरी बीवी की नंगी चूत बार बार चूम चाट रहा था। आरती भाभी ने मेरे कपड़े उतार कर जैसे ही मुझे नंगा किया वैसे ही मेरा लण्ड उसके गाल पर लगा। वह बोली हाय दईया बड़ा हरामी है तेरा भोसड़ी का लण्ड, अंकित ? आते ही मुझे थप्पड़ मारने लगा। फिर उसने कई बार मेरा लण्ड चूमा। उधर मेरी बीवी रोली ने तो ऋषि का लण्ड की चुम्मियाँ लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसा लग रहा था जैसे उसकी मांगी हुई मुराद पूरी हो गयी।
आरती बोली - देखा रोली पराये मरद का लण्ड साला वाकई ज्यादा मज़ा देता है। मुझे तो तेरे मियां का लौड़ा भ गया है। सच ही कहा है की दोस्त ऐसा हो जो बीवियां अदल बदल कर चोदे।
रोली ने जबाब दिया - और बीवी ऐसी हो जो मियां अदल बदल कर चुदवाये। इतने में मैंने लौड़ा आरती भाभी की बुर में घुसा दिया।
उधर ऋषि ने लौड़ा मेरी बीवी की चूत में पेल दिया। वह मेरी बीवी चोदने लगा। मुझे अपनी बीवी की चुदती हुई बुर देखने में बड़ा अच्छा लग रहा था। ऋषि भी पहली बार किसी और से अपनी बीवी चुदती हुई देख रहा था। ऋषि बोला - यार अंकित आज मैं पहली बार अपनी बीवी के आगे अपने दोस्त की बीवी चोद रहा हूँ और मुझे सच मे बड़ा अच्छा लग रहा है। अब मैं आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा। ऐसा बोल कर उसने धक्के और जोर जोर से मारने शुरू कर दिया।
मैंने कहा - हां यार मैं इसीलिए कहता हूँ की दोस्त वही जो अपनी बीवी अपने दोस्तों से चुदवाये और उनकी बीवियां चोदे। अब तू भी इसी तरह के दोस्त बनाना शुरू कर दे।
तब तक उसकी बीवी बोली - मैं तो अपने पति से कहती हूँ की तुम अपने दोस्तों का दायरा बढ़ाओ और उनकी बीवियां चोदो ताकि मुझे भी और लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिले। आरती भाभी की बातें सुनकर मैंने उसे और चिपका लिया। मैंने लौड़ा पूरा पेल कर उसकी चूत में गचागच चोदने की स्पीड बढ़ा दी। तब तक मैंने देखा की मेरी बीवी ने ऋषि का लण्ड अपनी चूँचियों के बीच में घुसा लिया। वह मस्ती से अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ चुदवाने लगी। लण्ड का सुपाड़ा जब जब ऊपर आता वह उसे चाट लेती और मज़ा लेती। उधर मैं आरती भाभी को पीछे से चोदने लगा। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ नीचे हिलने लगी। वह भी अपनी गांड आगे पीछे करती हुई मजे से चुदवाने लगीं। इससे मुझे यह मालूम हो गया की आरती भाभी को पराये मर्दों से चुदवाने में कोई परहेज नहीं है। शायद वह अपने कॉलेज के दिनों में लड़कों से चुदवाती होंगीं ?
अचानक मैंने देखा की मेरी बीवी ऋषि का झड़ता हुआ लण्ड पी रही है। इधर मैंने भी महसूस किया की आरती भाभी की चूत ढीली हो गयी है। वह बोली अंकित मैं खलास हो गयी हूँ। मैंने कहा अरे भाभी मैं भी निकलने वाला हूँ। बस भाभी जी घूमी और मेरे लण्ड का सड़का मारने लगीं। लण्ड के सामने वह अपने मुंह खोले हुए थीं। फिर क्या मेरे लण्ड ने ३/४ पिचकारी उसके मुंह में छोड़ दी। भाभी झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगीं।
एक दिन मेरे दोस्त अरुण का फोन आया। वह बोला यार अंकित मैं अभी तेरे पास आ रहा हूँ। तू कही बाहर तो नहीं है ? मैंने कहा नहीं यार मैं घर पर ही हूँ आ जाओ। बस वह आधे घंटे में आ गया। मैंने उसे अकेले देखा तो पूंछा - अरे यार काजल भाभी कहाँ हैं ? वह बोला - तू घबड़ाता क्यों रहा है ? तेरी भाभी अभी शॉपिंग करके आ रहीं होंगीं। वह मेरी बीवी रोली से मिला। रोली उसे पहले से ही जानती है। रोली की मुस्कराहट बता रही थी की वह मन में कुछ सोंच रही है। अरुण बड़ी देर तक मेरी बीवी को देखता रहा और उसकी चूँचियाँ ताकता रहा। थोड़ी देर में काजल भाभी आ गयी। मैं तो उसे देख कर दंग रह गया। वह एक ही साल में कितनी खूबसूरत हो गईं हैं जिसका कोई जबाब नहीं। उसकी चूँचियाँ दूनी हो गईं थीं ।
मुझसे रहा न गया मैंने पूंछ ही लिया - भाभी जी आप वाकई एक साल में बड़ी खूबसूरत हो गईं हैं। इसका राज़ क्या है ?
वह मुस्कराकर बोली - हां राज़ तो है। मैं वख्त आने पर बताऊंगी अभी नहीं। थोड़ा सब्र करो।
रोली ने तब तक ड्रिंक्स का सेट लगा दिया और हम चारों दारू पीने में मस्त होने लगे। मैंने कहा यार अरुण मुझे अपने दोस्तों की बीवियों के साथ दारू पीना बहुत अच्छा लगता है। तब तक काजल भाभी बोल पड़ी मुझे भी पराये मर्दों के साथ दारू पीने में बड़ा मज़ा आता है। उसकी बातों से मेरे लण्ड में सुगबुगाहट होने लगी। मैं ख़याली पुलाव पकाने लगा। मेरी बीवी भी खूब हंस हंस कर बातें करने लगी और बार बार अपना पल्लू गिरा गिरा कर अरुण को अपनी चूँचियाँ दिखाने लगी। पल्लू तो काजल भाभी की बार बार गिरा रहीं थीं। ये तो अदा होती है इन नई नवेली बीवियों की। फिर दोस्ती यारी की बातें होने लगीं। उधर नशा भी चढ़ने लगा।
मैंने धीरे धीरे अंजना भाभी के कपड़े उतारने लगा। वह भी मुस्कराती हुई अपने कपड़े उतरवाने लगीं। जब उसकी चूचियां खुली तो मैं मस्त हो गया। मैंने कहा भाभी जी क्या सॉलिड चूँचियाँ है आपकी ? कितनी खूबसूरत और सुडौल ? तुम्हारी छोटी छोटी झांटों वाली चूत तो बहुत ही हॉट है। तेरे चूतड़ तो गज़ब के हैं भाभी मैं उसके नंगे बदन को ऊपर से नीचे तक चूमने लगा। तब मैंने देखा की मेरी बीवी भी नंगी थी और उसका बदन अरुण चूम रहा है। काजल भाभी ने तो खुद ही अपने कपड़े खोल कर खड़ी हो गयीं और करन हौले हौले उसके नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। वासना सबके ऊपर सवार थी। इतने में बीवियों को मर्दों को नंगा करना शुरू कर दिया। सबसे पहले काजल भाभी ने करन का लण्ड बाहर निकाला। उसके बाद अंजना भाभी ने मुझे नंगा कर दिया और मेरी बीवी ने अरुण को नंगा। मेरी बीवी के हाथ में काजल के पति अरुण का लण्ड आ गया। काजल के हाथ में अंजना के पति करन का लौड़ा आ गया और अंजना भाभी के हाथ में मेरा लौड़ा ? ये तीनो बीवियां बड़े मजे से दूसरे के पति का लण्ड पीने लगीं।
तीनो बीवियां नंगी तीनो मरद नंगे। यह सीन वाकई देखने लायक था। मैं बहुत ही ताव में आ गया था। मुझे उसकी मस्तानी बुर दिखाई पड़ रही थी। मैंने लण्ड अंजना भाभी की बुर पर टिका दिया और एक धक्का जोर का मारा तो लण्ड साला गप्प से अंदर घुस गया। वह बोली बाप रे बाप एक ही बार में पेल दिया इतना बड़ा लण्ड ? मैंने कहा तो क्या हुआ भाभी जी तेरी चूत तो इससे बड़ा लण्ड भी खा जाएगी। वह बोली अच्छा तो सामने देख तेरी बीवी की बुर भी लण्ड खा रही है। मैंने देखा की अरुण मेरी बीवी भकाभक चोदने में लगा है। उधर करन भी काजल भाभी की बुर लेने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। हम तीनो एक दूसरे को देख देख कर एक दूसरे की बीवी चोदने लगे। बीवियां भी सबकी बुर चुदती हुई देखने लगीं। पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ें गूंजने लगीं। मुझे ये आवाज़ें बहुत अच्छी लगती हैं। काजल भाभी ने कहा वाओ, आज मुझे ये आवाज़ें सुनकर दिल को शुकून मिल रहा है। मेरी बीवी बोली यार मुझे तो इस आवाज़ के अलावा दुनिया में कुछ और अच्छा नहीं लगता। इतनी मस्त सामूहिक चुदाई बड़ा मज़ा देती है।
मैंने कहा - यार करन, तुम मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो क्योंकि तुम मुझसे अपनी बीवी चुदवा रहे हो ?
करन बोला - यार, अरुण मेरा बड़ा अच्छा दोस्त है क्योंकि वह मुझसे अपनी बीवी चुदवा रहा है।
अरुण बोला - अंकित आज तुम मेरे बड़े अच्छे दोस्त बन गए हो क्योंकि तुम मुझसे अपनी बीवी चुदवा रहे हो। मैंने कहा - हां यार यही तो इस चुदाई की खूबसूरती है। दोस्त बनाओ फिर उनकी बीवियां चोदो।
तब तक मेरी बीवी बोली - अच्छा, अरुण अगर तुम असली मरद हो तो मुझे पहले खलास कर से दिखाओ।
बस अरुण को जोश आ गया। उसने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी। उसे देख कर मैंने और करन ने भी स्पीड बढ़ा दी। बीवियों ने भी अपनी गांड से जोर लगाना शुरू कर दिया। चुदाई बिलकुल तूफ़ान मेल की तरह होने लगी। तीनो बीवियों की नाचती हुई चूँचियाँ देखने में सबको बड़ा आनंद आ रहा था।
तब तक काजल बोली - हाय दईया मैं तो खलास होने वाली हूँ। तो करन बोला मैं भी निकलने वालो हूँ भाभी। बस दो चार धक्को में उसका लौड़ा किनारे पर आ गया। तभी काजल भाभी ने लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का मारने लगी। फिर क्या ? लण्ड ने छोड़ दी पिचकारी काजल के मुंह में। इधर अरुण ने भी मेरी मेरी बीवी के मुंह में उड़ेल दिया अपना वीर्य और अंजना भाभी भी मेरा झड़ता हुआ लण्ड पीने लगीं।
दूसरी पारी मैं अरुण की बीवी काजल की बुर लेने लगा, अरुण करन की बीवी अनजान की बुर चोदने लगा और करन मेरी बीवी रोली की चूत में लण्ड पेल कर चोदने लगा।
अंजना भाभी ने कहा - अंकित तुम कहते हो की दोस्त वही जो अपनी बीवी चुदवाये। लेकिन अब तुम कहा करो की दोस्त वही जो मेरी बीवी चोदे।
दोस्त हो तो बीवी बदलो और चोदो। तुम मेरे आगे मेरी बीवी चोदो मैं तेरे आगे तेरी बीवी चोदूं। दोस्ती में अगर यह नहीं हो सकता तो फिर दोस्ती किस काम की बहन चोद ?
यार ऋषि देखो मैं दोस्त उसको मानता हूँ जो अपनी बीवी मुझसे चुदवाये और मेरी बीवी चोदे। चोरी छिपे नहीं एकदम आमने सामने चोदे । यानी तुम मेरी बीवी मेरे सामने चोदो मैं तेरी बीवी तेरे सामने चोदूं। ऐसे दोस्तों के लिए मैं जान भी दे सकता हूँ। मैं इससे कम की दोस्ती करता ही नहीं। भाड़ में जाये ऐसी दोस्ती जो अपनी बीवी मुझसे चुदवा न सके और मेरी बीवी चोद न सके. तुमको अगर मेरा दोस्त बनना है तो यह बात पक्की समझ लो की मैं तेरी बीवी तेरे सामने चोदूंगा और तुम मेरी बीवी मेरे सामने चोदोगे। अगर मंजूर हो तो हाथ मिला लो नहीं तो जय राम जी की ? यह बात मैं अपने दोस्त ऋषि से उस समय कह रहा था जब मैं उसके साथ बैठ कर दारू पी रहा था और हम दोनों की बीवियां अंदर किचेन में स्नैक्स बना रही थी और बातें भी कर रहीं थीं।
मेरा नाम अंकित है और मेरी बीवी का नाम रोली। मेरे दोस्त का नाम है ऋषि और उसकी बीवी का नाम है आरती। मैंने ऋषि और उसकी बीवी आरती को डिनर पर बुलाया है। बीवियां भी हमारे साथ दारू पी रही हैं। लेकिन जब बीवियां अंदर चली गयी तो मैंने ये बातें अपने दोस्त ऋषि से साफ़ साफ़ कह दीं।
ऋषि ने एक मिनट सोंचने में लगाया लेकिन फिर बोला - हां मैं तेरा दोस्त हूँ और मैं अपनी बीवी तुमसे चुदवाने को तैयार हूँ। तुम्हारी बीवी भी चोदने को तैयार हूँ। इसमें कोई शक नहीं है। पर एक बार अपनी बीवी से पूंछ तो लो की क्या वह मुझसे चुदवाने के लिए राज़ी होगी।
मैंने जबाब दिया - मेरी बीवी तो बिलकुल तैयार है अब तुम अपनी बीवी से पूंछ लो। तब तक दोनों बीवियां वापस आ गयीं और अपना अपना गिलास उठा कर शराब का घूंट लिया।
आरती बोली - क्या पूंछने की बातें हो रहीं हैं ? कुछ हम लोगों को भी बताओ न ?
ऋषि बताने में झिझकने लगा। बताने में आना कानी करने लगा तो मेरी बीवी बोली अरे चलो छोड़ो यार ये मरद साले सब ऐसे ही हैं ? कुछ न कुछ बेकार की बातें करते रहतें हैं. ज्यादा चढ़ गयी है न तभी कुछ बोल रहे होंगें ? आरती बोली - नहीं रोली भाभी, मैंने इनकी बातें सुन ली हैं । मेरे पति में इतनी हिम्मत क्यों नहीं है की वह खुल कर बताये। अगर बताने की हिम्मत नहीं है तो फिर अपनी बीवी चुदवाने की हिम्मत कहाँ से लाएगा ? अरे अंकित भाई साहेब मैं इसकी तऱफ से कह रही हूँ की ऋषि अपनी बीवी चुदवा लेगा। और तुम्हारी बीवी चोद भी देगा। मैं इसकी बीवी हूँ। मैं इसे भी जानती हूँ और इसके लण्ड को भी।
तब तक मेरी बीवी बोली - हम दोनों अंदर यही बातें कर रहीं थीं की अगर हमारे हसबैंड एक दूसरे की बीवी चोदें तो कितना मज़ा आए ? अब आगे जो तुम लोगों को करना हो वो करो।
मैंने कहा - देखा ऋषि तुमसे ज्यादा बोल्ड तो तेरी बीवी यानी आरती भाभी हैं।
ऋषि हंस कर बोला - जो मेरी बीवी कह रही है मैं वही करूंगा। मैं अपनी बीवी चुदवाऊंगा और तेरी बीवी चोदूंगा।
जैसे ही ऋषि के मुंह से ये बातें निकली वैसे ही आरती भाभी मेरे गले में अपनी बाहें डाल दीं और मेरे गाल चूम कर बोली मैं यही चाहती थी। उधर मेरी बीवी ने अपनी बाहें ऋषि के गले में डाल दीं और उसके होंठ चूमती हुई बोली मैं भी यही चाहती थी कि तुम मुझे चोदो। अब मैं तुमसे अपने पति के सामने जम कर चुदवाऊंगी। मैंने आरती भाभी की चूँचियाँ दबायीं तो वह बोली हाय मेरे राजा इन्हे खोल कर मस्ती से दबाओ न प्लीज। अब क्या अब तो मेरा पति मान गया है। देखो न ऋषि तेरी बीवी की चूँचियाँ बाहर निकाल कैसे चूम चाट रहा है। फिर मैंने आरती भाभी को पूरी तरह नंगी कर दिया और उसने मेरी बीवी को। दोनों बीवियां हमारे समाने नंगी हो गयी तो हमारा जोश और बढ़ गया. माहौल एकदम रंगीन हो गया। आरती भाभी की छोटी छोटी झांटों वाली चूत मुझे बेहद सेक्सी और हॉट लग रही थी। ऋषि भी मेरी बीवी की नंगी चूत बार बार चूम चाट रहा था। आरती भाभी ने मेरे कपड़े उतार कर जैसे ही मुझे नंगा किया वैसे ही मेरा लण्ड उसके गाल पर लगा। वह बोली हाय दईया बड़ा हरामी है तेरा भोसड़ी का लण्ड, अंकित ? आते ही मुझे थप्पड़ मारने लगा। फिर उसने कई बार मेरा लण्ड चूमा। उधर मेरी बीवी रोली ने तो ऋषि का लण्ड की चुम्मियाँ लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसा लग रहा था जैसे उसकी मांगी हुई मुराद पूरी हो गयी।
आरती बोली - देखा रोली पराये मरद का लण्ड साला वाकई ज्यादा मज़ा देता है। मुझे तो तेरे मियां का लौड़ा भ गया है। सच ही कहा है की दोस्त ऐसा हो जो बीवियां अदल बदल कर चोदे।
रोली ने जबाब दिया - और बीवी ऐसी हो जो मियां अदल बदल कर चुदवाये। इतने में मैंने लौड़ा आरती भाभी की बुर में घुसा दिया।
उधर ऋषि ने लौड़ा मेरी बीवी की चूत में पेल दिया। वह मेरी बीवी चोदने लगा। मुझे अपनी बीवी की चुदती हुई बुर देखने में बड़ा अच्छा लग रहा था। ऋषि भी पहली बार किसी और से अपनी बीवी चुदती हुई देख रहा था। ऋषि बोला - यार अंकित आज मैं पहली बार अपनी बीवी के आगे अपने दोस्त की बीवी चोद रहा हूँ और मुझे सच मे बड़ा अच्छा लग रहा है। अब मैं आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा। ऐसा बोल कर उसने धक्के और जोर जोर से मारने शुरू कर दिया।
मैंने कहा - हां यार मैं इसीलिए कहता हूँ की दोस्त वही जो अपनी बीवी अपने दोस्तों से चुदवाये और उनकी बीवियां चोदे। अब तू भी इसी तरह के दोस्त बनाना शुरू कर दे।
तब तक उसकी बीवी बोली - मैं तो अपने पति से कहती हूँ की तुम अपने दोस्तों का दायरा बढ़ाओ और उनकी बीवियां चोदो ताकि मुझे भी और लोगों से चुदवाने का मौक़ा मिले। आरती भाभी की बातें सुनकर मैंने उसे और चिपका लिया। मैंने लौड़ा पूरा पेल कर उसकी चूत में गचागच चोदने की स्पीड बढ़ा दी। तब तक मैंने देखा की मेरी बीवी ने ऋषि का लण्ड अपनी चूँचियों के बीच में घुसा लिया। वह मस्ती से अपनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ चुदवाने लगी। लण्ड का सुपाड़ा जब जब ऊपर आता वह उसे चाट लेती और मज़ा लेती। उधर मैं आरती भाभी को पीछे से चोदने लगा। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ नीचे हिलने लगी। वह भी अपनी गांड आगे पीछे करती हुई मजे से चुदवाने लगीं। इससे मुझे यह मालूम हो गया की आरती भाभी को पराये मर्दों से चुदवाने में कोई परहेज नहीं है। शायद वह अपने कॉलेज के दिनों में लड़कों से चुदवाती होंगीं ?
अचानक मैंने देखा की मेरी बीवी ऋषि का झड़ता हुआ लण्ड पी रही है। इधर मैंने भी महसूस किया की आरती भाभी की चूत ढीली हो गयी है। वह बोली अंकित मैं खलास हो गयी हूँ। मैंने कहा अरे भाभी मैं भी निकलने वाला हूँ। बस भाभी जी घूमी और मेरे लण्ड का सड़का मारने लगीं। लण्ड के सामने वह अपने मुंह खोले हुए थीं। फिर क्या मेरे लण्ड ने ३/४ पिचकारी उसके मुंह में छोड़ दी। भाभी झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगीं।
एक दिन मेरे दोस्त अरुण का फोन आया। वह बोला यार अंकित मैं अभी तेरे पास आ रहा हूँ। तू कही बाहर तो नहीं है ? मैंने कहा नहीं यार मैं घर पर ही हूँ आ जाओ। बस वह आधे घंटे में आ गया। मैंने उसे अकेले देखा तो पूंछा - अरे यार काजल भाभी कहाँ हैं ? वह बोला - तू घबड़ाता क्यों रहा है ? तेरी भाभी अभी शॉपिंग करके आ रहीं होंगीं। वह मेरी बीवी रोली से मिला। रोली उसे पहले से ही जानती है। रोली की मुस्कराहट बता रही थी की वह मन में कुछ सोंच रही है। अरुण बड़ी देर तक मेरी बीवी को देखता रहा और उसकी चूँचियाँ ताकता रहा। थोड़ी देर में काजल भाभी आ गयी। मैं तो उसे देख कर दंग रह गया। वह एक ही साल में कितनी खूबसूरत हो गईं हैं जिसका कोई जबाब नहीं। उसकी चूँचियाँ दूनी हो गईं थीं ।
मुझसे रहा न गया मैंने पूंछ ही लिया - भाभी जी आप वाकई एक साल में बड़ी खूबसूरत हो गईं हैं। इसका राज़ क्या है ?
वह मुस्कराकर बोली - हां राज़ तो है। मैं वख्त आने पर बताऊंगी अभी नहीं। थोड़ा सब्र करो।
रोली ने तब तक ड्रिंक्स का सेट लगा दिया और हम चारों दारू पीने में मस्त होने लगे। मैंने कहा यार अरुण मुझे अपने दोस्तों की बीवियों के साथ दारू पीना बहुत अच्छा लगता है। तब तक काजल भाभी बोल पड़ी मुझे भी पराये मर्दों के साथ दारू पीने में बड़ा मज़ा आता है। उसकी बातों से मेरे लण्ड में सुगबुगाहट होने लगी। मैं ख़याली पुलाव पकाने लगा। मेरी बीवी भी खूब हंस हंस कर बातें करने लगी और बार बार अपना पल्लू गिरा गिरा कर अरुण को अपनी चूँचियाँ दिखाने लगी। पल्लू तो काजल भाभी की बार बार गिरा रहीं थीं। ये तो अदा होती है इन नई नवेली बीवियों की। फिर दोस्ती यारी की बातें होने लगीं। उधर नशा भी चढ़ने लगा।
- तब मैंने कहा - दोस्त वही जो अपनी बीवी चुदाये।
- अरुण बोला - सच कह रहे हो यार ? तुम अगर मेरे दोस्त हो क्या तुम अपनी बीवी चुदाओगे ?
- हां बिलकुल चुदाऊँगा। बल्कि मैं तो अपनी बीवी चुदवाता हूँ ? अपने कई दोस्तों से चुदवाता हूँ। ऋषि गजानन, गोपी, मनोज, शिवा सबसे अपनी बीवी चुदवाता हूँ।
- सच में की तुम मजाक कर रहे हो।
- न मानो तो मेरी बीवी रोली से पूंछ लो ?
- रोली ने सिर हिला कर कहा हां मेरे हसबैंड सही कह रहे हैं।
- अरे यार मैं अपने दोस्तों से तेरी बात करवा देता हूँ।
- मैंने फोन उठाया और बात करने लगा. फिर मैंने फोन उसे दे दिया वह भी बात करने लगा। उसने कहा हां अंकित सच कह रहा है। वह अपनी बीवी चुदवाता है। मैंने खुद उसकी बीवी चोदी है। मैं भी अपने दोस्तों से अपनी बीवी चुदवाता हूँ। फोन फोन का स्पीकर ऑन था इसलिए बात सबने सुनी।
- अरुण बोला - यार यह बताओ की जब सभी दोस्त अपनी बीवी चुदवाते हैं तो फिर चोदता कौन है ?
- यही दोस्त ही चोदते हैं यार ?
- तब तक अरुण की बीवी काजल बोली - अरे मेरी जान, अंकित भाई साहेब दोस्तों के बीच आपस में "wife swapping" की बात कर रहें हैं। जब सभी दोस्त अपनी अपनी बीवी अपने दोस्त से चुदवाते हैं तो फिर चोदने वाले भी दोस्त ही हुए न। इसी को बीवियों की अदला बदली कहते हैं। इस अदला बदली में मरद भी एक दूसरे की बीवी चोदने के लिए तैयार होतें हैं और बीवियां भी एक दूसरे के हसबैंड से चुदवाने के लिए तैयार रहती हैं। उस दिन करन भी यही बात कर रहा था। उसकी बीवी अंजना स्वैपिंग के लिए तैयार थी। इधर मैं भी तैयार थी। लेकिन इसी बीच करन का फोन आ गया तो उसे वापस जाना पड़ा. फिर हम लोग मन मसोस कर रह गए।
- मैंने कहा - अरे काजल भाभी तो फिर उन्हें आज यहीं बुला लो न ? हम दो से तीन कपल हो जायेगें। तो और अच्छा होगा।
- काजल भाभी बोली - हां आईडिया तो बहुत अच्छा है। मैं कोशिश करती हूँ।
मैंने धीरे धीरे अंजना भाभी के कपड़े उतारने लगा। वह भी मुस्कराती हुई अपने कपड़े उतरवाने लगीं। जब उसकी चूचियां खुली तो मैं मस्त हो गया। मैंने कहा भाभी जी क्या सॉलिड चूँचियाँ है आपकी ? कितनी खूबसूरत और सुडौल ? तुम्हारी छोटी छोटी झांटों वाली चूत तो बहुत ही हॉट है। तेरे चूतड़ तो गज़ब के हैं भाभी मैं उसके नंगे बदन को ऊपर से नीचे तक चूमने लगा। तब मैंने देखा की मेरी बीवी भी नंगी थी और उसका बदन अरुण चूम रहा है। काजल भाभी ने तो खुद ही अपने कपड़े खोल कर खड़ी हो गयीं और करन हौले हौले उसके नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा। वासना सबके ऊपर सवार थी। इतने में बीवियों को मर्दों को नंगा करना शुरू कर दिया। सबसे पहले काजल भाभी ने करन का लण्ड बाहर निकाला। उसके बाद अंजना भाभी ने मुझे नंगा कर दिया और मेरी बीवी ने अरुण को नंगा। मेरी बीवी के हाथ में काजल के पति अरुण का लण्ड आ गया। काजल के हाथ में अंजना के पति करन का लौड़ा आ गया और अंजना भाभी के हाथ में मेरा लौड़ा ? ये तीनो बीवियां बड़े मजे से दूसरे के पति का लण्ड पीने लगीं।
तीनो बीवियां नंगी तीनो मरद नंगे। यह सीन वाकई देखने लायक था। मैं बहुत ही ताव में आ गया था। मुझे उसकी मस्तानी बुर दिखाई पड़ रही थी। मैंने लण्ड अंजना भाभी की बुर पर टिका दिया और एक धक्का जोर का मारा तो लण्ड साला गप्प से अंदर घुस गया। वह बोली बाप रे बाप एक ही बार में पेल दिया इतना बड़ा लण्ड ? मैंने कहा तो क्या हुआ भाभी जी तेरी चूत तो इससे बड़ा लण्ड भी खा जाएगी। वह बोली अच्छा तो सामने देख तेरी बीवी की बुर भी लण्ड खा रही है। मैंने देखा की अरुण मेरी बीवी भकाभक चोदने में लगा है। उधर करन भी काजल भाभी की बुर लेने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। हम तीनो एक दूसरे को देख देख कर एक दूसरे की बीवी चोदने लगे। बीवियां भी सबकी बुर चुदती हुई देखने लगीं। पूरे कमरे में चुदाई की आवाज़ें गूंजने लगीं। मुझे ये आवाज़ें बहुत अच्छी लगती हैं। काजल भाभी ने कहा वाओ, आज मुझे ये आवाज़ें सुनकर दिल को शुकून मिल रहा है। मेरी बीवी बोली यार मुझे तो इस आवाज़ के अलावा दुनिया में कुछ और अच्छा नहीं लगता। इतनी मस्त सामूहिक चुदाई बड़ा मज़ा देती है।
मैंने कहा - यार करन, तुम मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो क्योंकि तुम मुझसे अपनी बीवी चुदवा रहे हो ?
करन बोला - यार, अरुण मेरा बड़ा अच्छा दोस्त है क्योंकि वह मुझसे अपनी बीवी चुदवा रहा है।
अरुण बोला - अंकित आज तुम मेरे बड़े अच्छे दोस्त बन गए हो क्योंकि तुम मुझसे अपनी बीवी चुदवा रहे हो। मैंने कहा - हां यार यही तो इस चुदाई की खूबसूरती है। दोस्त बनाओ फिर उनकी बीवियां चोदो।
तब तक मेरी बीवी बोली - अच्छा, अरुण अगर तुम असली मरद हो तो मुझे पहले खलास कर से दिखाओ।
बस अरुण को जोश आ गया। उसने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी। उसे देख कर मैंने और करन ने भी स्पीड बढ़ा दी। बीवियों ने भी अपनी गांड से जोर लगाना शुरू कर दिया। चुदाई बिलकुल तूफ़ान मेल की तरह होने लगी। तीनो बीवियों की नाचती हुई चूँचियाँ देखने में सबको बड़ा आनंद आ रहा था।
तब तक काजल बोली - हाय दईया मैं तो खलास होने वाली हूँ। तो करन बोला मैं भी निकलने वालो हूँ भाभी। बस दो चार धक्को में उसका लौड़ा किनारे पर आ गया। तभी काजल भाभी ने लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का मारने लगी। फिर क्या ? लण्ड ने छोड़ दी पिचकारी काजल के मुंह में। इधर अरुण ने भी मेरी मेरी बीवी के मुंह में उड़ेल दिया अपना वीर्य और अंजना भाभी भी मेरा झड़ता हुआ लण्ड पीने लगीं।
दूसरी पारी मैं अरुण की बीवी काजल की बुर लेने लगा, अरुण करन की बीवी अनजान की बुर चोदने लगा और करन मेरी बीवी रोली की चूत में लण्ड पेल कर चोदने लगा।
अंजना भाभी ने कहा - अंकित तुम कहते हो की दोस्त वही जो अपनी बीवी चुदवाये। लेकिन अब तुम कहा करो की दोस्त वही जो मेरी बीवी चोदे।
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